Antarvasna Sex kahani वक़्त के हाथों मजबूर
04-05-2019, 01:26 PM,
RE: Antarvasna Sex kahani वक़्त के हाथों मजबूर
राधिका- राहुल मेरे साथ जो कुछ हुआ वो सब मैने उस डायरी में लिखा हैं...तुम उसे ज़रूर पढ़ना. तब तुम्हें मालूम होगा कि मैने क्या क्या सहा हैं तुम्हारी खातिर.... मेरे साथ जो भी बुरा होता उस वक़्त मैं बस तुम्हें ही याद करती... मेरी हर दर्द के सामने बस तुम्हारा चेहरा नज़र आता और मैं अपना दर्द भूल जाती.... मैं पूरे एक हफ़्ता उन दरिंदों के बीच रही और उन सब ने मुझे बारी बारी से गंदा किया.... मगर उन दरिंदों के बीच एक फरिस्ता भी थे...... और वो थे शंकर काका.. जिन्होने मेरे सारे दर्द को अपना बनाया... मेरे हर दर्द की दवा बने.... मुझे नयी हिम्मत और हौसला दिया.... तुम उनसे ज़रूर मिलना .... और मेरी डायरी और वो और अंगूठी उनसे ले लेना.. उस अंगूठी की मैं अब हक़दार नहीं... उस अंगूठी की असली हक़दार निशा हैं....



फिर राधिका कृष्णा की ओर देखते हुए कहती हैं- मैं ना कहती थी भैया कि एक दिन मेरी ये खूबसूरती मेरी जान लेकर रहेगी...और आज देखो सच में आज मैं मौत के एकदम करीब हूँ....आज तो मेरी ये खूबसूरती ही मेरी जान की दुश्मन बन गयी... अगर खूबसूरत होने का ये अंजाम होता हैं तो नहीं चाहिए मुझे ऐसी खूबसूरती.....जिसके वजह से आज मेरी ये हालत हुई....आज मेरी ये सुंदरता ही मेरे लिए अभिशाप बन गयी...



कृष्णा- मत बोल ऐसा राधिका.. मुझे आज भी तुझ पर नाज़ हैं..सच तो ये हैं कि मैं ही एक अच्छा भाई का फ़र्ज़ नहीं निभा सका.... मुझे माफ़ कर देना राधिका.... मैं तेरे प्यार को समझ ना सका.....



राधिका की हालत धीरे धीरे बिगड़ रही थी.. अब उसके मूह से खून आना और बढ़ गया था और उसकी धड़कनें भी धीरे धीरे बंद होने लगी थी... उसकी हालत देखकर राहुल चीख पड़ता हैं....



राहुल- आँखे खोलो राधिका.. तुम ऐसे मुझे छोड़ कर नहीं जा सकती... मैं तुम्हें कुछ नहीं होने दूँगा....



राधिका बड़े मुश्किल से अपनी आँखे खोलती हैं... राहुल....मेरे ...पास ...आअब... ज़्यादा...समय ...नहीं ...हैं.....और ...मेरी सासें.... रुक... रही.... हैं.... मैं... मरने से...पहले... एक बार... तुम्हारे ...गले ....लगना.....चाहती ....हूँ.... मैं.....चाहती...हूँ ....कि मेरा....दम ...तुम्हारी....बाहों ....में .....निकले......



राहुल की आँखों से इस वक़्त बस आँसू बह रहे थे- नही राधिका नहीं... ऐसा मत बोलो.. मुझे सब गंवारा हैं मगर तुम्हारे बगैर मैं जी नहीं पाउन्गा.....



राधिका- सब...ख़तम.... हो ..गया.... राहुल.....अब ....वक़्त ....तो वापस....नहीं... आ... सकता.... वो ..देखो... मेरी ...मा ...और बापू.....मुझे बुला...रहें... हैं... मैं.... अपनी....ज़िंदगी....से पूरी ......तरह ....थक ....चुकी....हूँ....आब...मैं.......सोना.....चाहती...हूँ.......



राहुल झट से राधिका को अपने सीने से लगा लेता है और उसके होंटो और गालों को पागलों की तरह चूमने लगता हैं ... तभी निशा भी उसे अपनी बाहों में ले लेती हैं और उधेर कृष्णा भी राधिका को अपने गले लगा लेता हैं.... इस वक़्त राहुल निशा और कृष्णा तीनों राधिका को अपने पास अपने सीने से लगे हुए थे.....



राधिका- राहुल.....मैं....वो... गीत......सुनना....चाहती.....हूँ......जो.....तुमने.....मुझे......पहली....बार.....सुनाया.....था.....मेरी...बस...ये .....ख्वाहिश......पूरी.....कर...दो....राहुल....



राहुल झट से अपना मोबाइल निकालता हैं और फिर ऑडियो प्लेयर में वही गीत प्ले कर देता हैं.....


"


चाँद सी महबूबा हो मेरी कब ऐसा मैने सोचा था......


हां तुम बिल्कुल वैसी हो जैसा मैने सोचा था........


"



औ ये गाना प्ले होने लगता हैं......



इधेर राधिका एक बार अपनी आँखें खोलती हैं और बड़े प्यार से एक नज़र कृष्णा को और फिर निशा को और कमरे में सभी को एक एक नज़र डालती हैं..इस वक़्त एक तरफ राहुल और दूसरी तरफ कृष्णा और वहीं निशा भी और उन सब के बीच में राधिका सबकी बाहों में थी... फिर वो राहुल को देखती हैं और धीरे से अपनी आँखे बंद कर लेती हैं....



राधिका- र...आ...ह...उ...एल...... आइ ........ल....ओ....व.....ए......................य...........................................................................ये शब्द पूरे भी नहीं हो पाये थे कि राधिका की साँसें थम जाती हैं......राहुल तुरंत राधिका को अपने से अलग करता हैं और उसके आँखों की ओर देखने लगता हैं... राधिका की आँखे बंद हो चुकी थी.... उसकी साँसें अब रुक चुकी थी..... उसको सारी तकलीफ़ों से मुक्ति मिल गयी थी..... कमरे में बस चारों ओर सबके रोने की आवाज़ें गूँज रही थी.... धीरे धीरे उसका शरीर अब ठंडा पड़ता जा रहा था... और उसका शरीर पूरा नीला पड़ चुका था... अभी भी राधिका के मूह से खून निकल रहा था........



आज इस हवस की आग ने ना जाने कितनों की ज़िंदगी पर इसका असर डाला था...राधिका अब इन सब के बीच एक लाश बनकर पड़ी हुई थी मगर ना ही राहुल उसे अपने से अलग किया और ना ही निशा ने और ना ही कृष्णा ने......आज राधिका इन सब से हमेशा हमेशा के लिए दूर जा चुकी थी...... वहाँ ....जहाँ से किसी का लौट कर आना संभव नहीं था.
Reply


Messages In This Thread
RE: Antarvasna Sex kahani वक़्त के हाथों मजबूर - by sexstories - 04-05-2019, 01:26 PM

Possibly Related Threads…
Thread Author Replies Views Last Post
  Thriller Sex Kahani - मोड़... जिंदगी के sexstories 21 2,178 10 hours ago
Last Post: sexstories
  Incest Sex kahani - Masoom Larki sexstories 12 1,055 11 hours ago
Last Post: sexstories
Wink Antarvasnasex Ek Aam si Larki sexstories 29 870 11 hours ago
Last Post: sexstories
  Raj sharma stories चूतो का मेला sexstories 201 3,743,094 02-09-2024, 12:46 PM
Last Post: lovelylover
  Mera Nikah Meri Kajin Ke Saath desiaks 61 575,011 12-09-2023, 01:46 PM
Last Post: aamirhydkhan
Thumbs Up Desi Porn Stories नेहा और उसका शैतान दिमाग desiaks 94 1,337,330 11-29-2023, 07:42 AM
Last Post: Ranu
Star Antarvasna xi - झूठी शादी और सच्ची हवस desiaks 54 1,020,667 11-13-2023, 03:20 PM
Last Post: Harish68
Thumbs Up Hindi Antarvasna - एक कायर भाई desiaks 134 1,795,151 11-12-2023, 02:58 PM
Last Post: Harish68
Star Maa Sex Kahani मॉम की परीक्षा में पास desiaks 133 2,198,677 10-16-2023, 02:05 AM
Last Post: Gandkadeewana
Thumbs Up Maa Sex Story आग्याकारी माँ desiaks 156 3,155,049 10-15-2023, 05:39 PM
Last Post: Gandkadeewana



Users browsing this thread: 5 Guest(s)