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RE: Antarvasna sex stories मेरी बीबी की सहेली
मेरी बीबी की सहेली पार्ट--2
गतान्क से आगे......... मेरी वाइफ फिर चिल्लाने लगी थी अरे मेरे चोदु
जीजू मेरी चूत मे आग लगा रखी है तुमने. साले गान्डू भोसड़ी वाले, मदर्चूद
चोद्ता क्यों नही है.... हाईईइ ऐसे ही और तेज़्ज़ और तेज़्ज़ मैं भी
स्पीड जितनी बढ़ा सकता था बढ़ा दिया उसका क्लाइटॉरिस अंगूर के दाने जैसा
बाहर निकलने लगा था उसकी चूत फिर से तय्यार हो गई थी ........ इधर मेरे
सेल पर सब कुछ सुन रही ज्योति की हालत भी खराब हो चुकी थी और वो भी
बिल्कुल नंगी होकर अपनी चूत मैं मूली डॉल कर चूत को चोद रही थी और सोच
रही थी कब उसको लंड मिले गा. मेरी वाइफ ने कहा " रोज तू मेरे ऊपर चढ़ कर
चुदाई करता है मदर्चोद आज मैं तेरे को चोदुन्गी साले बहुत तरसाता है तेरा
यह हल्लभी लॉडा......." सागर मे और कोई नही है ऐसे लॉड वाला.... मैने कहा
चोद ना छीनअल्ल ज्योति........'''' अभी कहा पहले तो मैं इससे अपने मूह की
प्यसस बुझऊन्गी. फिर चूत चुडआवोवानंगियी रे मदर्चोद तूने अपने लंड को
मेरी चूत से पहले झरने दिया तो फिर अंज़ाम बहुत बुरा होगा......... मैने
मोबाइल के पास मूह करके कहा ' अरे मेरी ज्योति रानी जल्दी से मेरे लॉड को
अपनी काली चूत मे घुस्वाओ...." मेरे गुलाबी लंड को काली चूत बहुत पसंद है
हल्की सी झांते और हो चूत पर तो और भी मज़ा आता है. इतने मे मेरे लंड पर
गरम गरम और गीला गीला महसूस हुआ मैने देखा तो मेरी वाइफ मेरा लंड किसी
महीनो भूके भिखारी जिसको अचानक छप्पन भोग मिल गया हो की माफिक चूस और चाट
रही थी. उसके चाटने से उसके मूह चुक्क्क, पच चित्त जैसी नसीली आवाज़े आ
रही थी और मेरा लंड बहुत ही कड़क होता जा रहा था. अब और चटवाना मेरे बस
की बात नही रह गया था तो मैने अपनी वाइफ के बाल पकड़े और उसको ज़बरदस्ती
बेड पर पटक दिया और उसकी टांगे फैलाकर उसके हाथ उसकी टाँगो मे फसा दिए
जिससे मेरे हाथ फ्री हो सके और मैने अपना लंड उसकी चूत के छेद पर टीका
दिया और उसका मूह सेल के पास कर दिया जिससे जब मैं लंड पेलू तो मेरी वाइफ
की चीख ज्योति सुन सके...... और एक ही धक्के मे मैने लंड पेल दिया.... "
मेरी वाइफ चिल्ला पड़ी...... मार गैईईइ रेयीयियी मम्मि ललल्ल्ल्लाआ मुझे
बचा लूऊऊऊऊऊओ शियीयियैआइयैआइयैआइयैयीयीयियी इस मदर्चूद ने तो आज फिर से
मेरी चूत फार दीईइ'''''''''' ज्योति यह सुनकर और गरमा गई थी और तेज़ी से
मूली अपनी चूत मैं अंदर बाहर कर रही थी मेरी वाइफ जितना चिल्लती मुझे
अपना सपना सच होने की उतनी उम्मीद बढ़ रही थी...... मैं आज बड़ी ही
बेरेहमी से अपनी वाइफ को चोद रहा था.. ... मेरी वाइफ को भी ऐसे ही
चुदवाना पसंद था '' उसको चुदवाते वक़्त बिल्कुल जंगंग्ली जानवरों जैसा
सलूक और देसी गंदी गंदी गालिया के साथ मस्त लंड से चुदवाने मे बहुत मज़ा
आ रहा था..... अब वो मेरे लंड का मज़ा लेने लगी थी और अपनी चूत मेरे हर
धक्के पर उछाल रही थी... कहती जा रही थी.... हाअ ऐसे ही चोद्द्द अरे ज़ोर
से क्यों नही चोद्ता... भोसड़ी वलाअ..... और्र ज़ोर से.... ज्योति की
बुर्र कैसे मारेगा...... मदर्चूद्द्द... चोद ना साले ज़ोर से. वो हुमच
हुमच कर चुदवा रही थी... उसकी चूत बार बार पानी छोड़ रही थी. मैने अब
अपनी वाइफ की चूत मे लंड डाले हुए ही उसको जिस ओर सिरहाने मोबाइल रखा था
उस तरह उसका मूह करके करवट दिलवा दिया ' अरे राजा तुम तो चुदाई मे मास्टर
आदमी हो लंड चूत से निकालते भी नही हो और करवट भी दिलवा दिया'..... हीइ
सीईईईईई जल्दी चोदूऊओ'''' शियीयियैआइयैयीयीयियी और ज़ोर से चोदो भोसड़ी
वाले. मैने कहा "मेरी प्यारी कल्लो ज्योति रानी जल्दी किस बात की है अभी
तो मैं तुम्हारी चूत ही मार रहा हू फिर इसके बाद तो तुम्हारी गांद का
नंबर है" ....बोली "ठीक है पर तुम मुझे झराऊ तो तभी तो गांद
मर्वऊन्गीइ...." मैने उसका एक पैर उठा कर अपनी कमर पर रख लिया जिससे मैं
उसकी पीठ से चिपक गया अब मैं चोद्ते हुए उसकी पीठ से चिपका रह सकता था और
उसके माम्मे भी मसल सकता था और साथ ही साथ चूत मे गहराई तक धक्के भी पेल
सकता था.... सो मैने ऐसा ही कियाअ.... मैने कहा 'री मेरी रंडी छीनअल्ल
ज्योतीईई कितना तडपाएगी मदर्चोद बहुत दीनो से तड़प रहा हू ले " और मैं
गहरे गहरे धक्के लगाने लगा और उसके मम्मे लगभग वैसे है जैसे किसी पेड़ की
डाली मरोद्ते है ऐसे मसल्ने लगा... वो दर्द और प्लेषर मे शाइयियी और सीयी
कर रही थी... ''''सीईईईईई..... हाआ मेरे चोदु रजाआ.... मेरे लंड बहादुर
ख़ासम्म्म्म चोदो और तेज़्ज़्ज़ मेरे इन दूधू को उखाड़ कर खा जाओ......
इन पर सबकी नज़र होती है...... तुम्हारी डार्लिंग ज्योति भी इनकी दीवानी
हाईईईईईईई''' और्र मस्लो दबाऊ मैं उसकी गर्दन के पीछे लिक्क भी कर रहा था
वो एसक्सिटी मे चिल्ला रही थी वो ऑर्गॅज़म के बेहत नज़दीक थी हाआ ऐसे ही
चोदो फाड़ दो मदारचूड्दद मेरी चूत और घुसेदो पूरा डाल दो मैं आने वाली हू
शियीयियीयियी और चोदो तेज़ी से मैने अपनी स्पीड बहुत तूफ़ानी कर दी और
मैं भी झरने के करीब पहुच ता जा रहा था तभी मैने कहा हाईईइ मेरी ज्योति
तुम्हारी चूत बहुत सुन्दर है तुम्हारी पेशाब का टेस्ट बहुत अछा है अरी
मदर्चूदीइ छिनाल्ल्ल ले और ले मैं गहरे गहरे धक्के लगा रहा था.. वो मेरे
बाल खीच रही थी और नोच भी रही थी झरने के बिल्कुल करीब थी..... शियैयीयी
ममी इसने मेरी चूत मे क्या कार्दियाआअ...... आआआआआ हूंम्म्मममम कोइइ तो
बचाऊऊऊ आआआअ और पेलूऊऊ मैने पूरा लंड खीचा और बहुत ताक़त से पूरा का पूरा
थूस दिया इसी जोरदार धक्के मे वो झरना शुरू हो गई और मैने तूफ्फानी धक्के
मारे वो बहुत जोरो से झड़ी थी आज्ज्जज अब मेरी बारी थी झरने की सो मैने
उसको सीधे पीठ के बल लिटा कर तूफ़ानी धक़्की मारे और पूरा लंड सिर्फ़
सूपड़ा छोड़ कर बाहर खीच कर उसकी चूत की जड़ तक पेल दिया और रुक गया जहा
जाकर मेरे लंड ने फव्वारा छोड़ना चालू किया.. आज तो कुछ ज़्यादा ही
फव्वारे चल रहे थे जिस्को मेरी वाइफ भी महसूस कर रही थी जब मैं झार चुका
तो मैं लंड बाहर खीचने लगा.. मेरी वाइफ बोली क्यों आज मेरी चूत मे पेशाब
नही करना मैने कहा आज नही आज तो तुम्हारी गांद फाड़ दूँगा इसलिए अब तुम
उठो और जाओ पहले मूतो और फिर टट्टी करके आना जल्दी उठो..... मैने उसकी
चूत देखी तो बेरहम चुदाई से सुर्ख लाल हो गई थी और सूज भी गई थी. मैने
उसको आईना मे दिखाई तो कहती है " तुम बड़ी ही बेरहमी से चोद्ते हो जिससे
मेरी चूत सूज जाती है..... अब मुझे पेशाब करने मे भी दिक्कत होगी......
उसकी चूत मे से मेरा लावा रिस रहा था और गांद के नीचे से चादर उसके और
मेरे पानी से गीला हो चुका था... मैने उसको कहा जल्दी जाओ..... वो बाथरूम
मे चली गई... सो मैने बाथरूम का डोर बाहर से बंद कर दिया और झट से मोबाइल
उठा कर हेलो किया ज्योति अभी भी फोन पर ही थी बोली हेलो जीजू.... तुम तो
बहुत भयंकर चुदाई करते हो मैं फोन पर चुदाई सुन कर ना जाने कितने बार
झाड़ गई तुम्हारी कसम अब नही रहा जाता जीजू.. अब चाहे जो भी अंजाम हो तुम
मुझे चोदो मैं अभी घर से भाग कर तुम्हारे पास आ रही हू.... मैने कहा पागल
मत बनो ज्योति जहा इतने दिन गुज़ारे हैं वही अब रात के कुछ 4-5 घंटे ही
तो बकाया है.... अभी मैं तुम्हारी सबसे प्यारी सहेली की गांद मारूँगा
उसका किस्सा सुनना हाई क्या तुम...... जोती ने रिप्लाइ किया''' किस्सा
सुनने से क्या होगा मेरी चूत के साथ साथ मेरी गांद के छेद मे भी आग लग
जाएगी.... सही कहती है प्रीति इनका लंड और हाथी का लंड एक सा है....
जिजुउउ प्लज़्ज़्ज़ कुछ करो ना मेरी चूत कब मारोगे''' मैने कहा मेरी
प्यारी साली जी अभी तो तुम फोन पर ही मज़ा लो फिर कल देखो कैसे तुम्हारी
चूत का उद्घाटन करता हू''' उसने कहा ' जिजुउउउउ तुमको तुम्हारी बीबी की
कसम है यदि तुम कल 11 बजे सुबह मेरे पास नही आए तो सोच लेना'' मैं
हुन्गामा खड़ा कर दूँगी..." मैं तो अपनी बीबी और उसकी चूत को बहुत प्यार
करता हू और उसके प्रति वफ़ादार भी हू इसलिए मैने कहा ठीक है.... उस रात
फोन पर ज्योति ने बताया कि वो मेरी और वाइफ के चुदाई सेसन की आवाज़े
सुनकर अनगीनती बार झरी थी और कई बार मूली से अपनी चूत चोदि थी. मेरी वाइफ
जब बाथरूम से बाहर निकल कर आई तो मेरा लंड फिर से तय्यार हो रहा था. मेरी
वाइफ मेरी एक ही चुदाई से बिल्कुल पस्त पर जाती है. वो कहने लगी "जानू
तुम खुद मेरी चूत की हालत देखलो कितनी लाल हो रही है. तुम्हारा लंड ऐसी
मस्त चुदाई करता है कि मेरी चूत मे सुभह तक झंझनाहट होती रहती है और सूजन
रहती है" प्लीज़ अब सोने दो. पर मैं कहा मान-ने वाला था क्योंकि मैं ने
ज्योति से फोन पर बात जो कर ली थी मैने अपनी वाइफ से कुछ कहा नही सिर्फ़
इतना कहा' जानेमन कल और परसो दो दिन की छुट्टी है' तो आज रात का उपयोग
चुदाई के लिए करते है" ऐसा कहते हुए उसको मैने अपने बदन से चिपका लिया हम
दोनो नंगे ही थे तो मेरे बदन की गर्मी उसके शरीर मे ट्रान्स्फर होने लगी.
और मैं उसके कान के पीछे लिक्क कर रहा था और अपने पैर से उसके पैरो के
बीच यानी की उसकी फूली हुई चूत(मुनिया)पर. वो कुछ कसमसाने लगी थी सो मैने
उसके मस्त मम्मो को पकड़ कर सहलाना और धीरे धीरे सेन्सेशन्स भेजना चालू
कर दिया. मैं इंतेज़ार कर रहा था कि कब उसके मूह से सीयी या आआ का मोन
निकले. और इसमे उसको ज़्यादा देर नही लगी.... जैसे ही उसने शीयी सीईईईई
काराअ... मैने उसको दीवार से टिककर उसके शरीर पर चुम्मो की झरी लगा दी
उसके शरीर के हर हिस्से माथे पर दोनो आँखों पर किस , कान पर , नोज पर ,
गर्दन के पीछे , गले मे , दोनो कंधो पर , आर्म पीठ मे , बूब्स के किनारो
(.) (.) पर , निपल के चारो और एरोला पर , दोनो बूब्स के बीच मे (.) (.),
और लिक्क भी साथ मे. वो कह रही थी '' जानू मत तड़फाओ मेरी चूत सुलगने लगी
हाई' मैं एक हाथ से उसकी मस्त फूली हुई चूत को मसल भी रहा था मैं सीधे
उसकी चूत के पास पहुच गया और उसकी चूत के चारो और लिक्क करने लगा, उसने
अपनी दोनो टांगे फैला रखी थी और मेरा सिर अपनी चूत पर दबा रही थी. मेरी
वाइफ जब गरम होती है तो चिल्लाती भी बहुत है ' अरी ले खाजा मेरी चूत कू''
तेरे लंड ने इसकी शकल बिगाड़ दी है' देख कैसी जला कर काली कर दी है इस
चूत को. ज्योति मेरी चूत की शादी के पहले तारीफ़ किया करती थी' कहती थी
हाई री तेरी चूत कितनी सुंदर और गुलाबी है. मेरे जीजू तुम्हारी चूत
चोद-चोद कर इसे काली कर देंगे और इतनी चाटेंगे कि तुम उनके मूह मे ही झार
जाओगी. ज्योति ने बिल्कुल सही कहा था... क्रमशः......
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RE: Antarvasna sex stories मेरी बीबी की सहेली
मेरी बीबी की सहेली पार्ट--3
गतान्क से आगे......... सही बताओ उसको कैसे पता कि तुमको चूत चाटने मे
महारत हासिल है.. मैं बहुत तेज़ी से उसकी क्लिट से लेकर उसकी गांद के छेद
तक अपनी जीव घुमा रहा था उसकी चूत किसी बरसाती नाले की तरह पनिया कर बह
रही थी. मेरी वाइफ से जब रहा नही गया तो उसने मुझे धक्का दिया और ज़मीन
पर गिरा दिया और मेरे तने हुए लॉड (मुन्ना) पर टूट पड़ी. वो उसे ऐसे चूस
रही थी जैसे सालो से भूखी हो. और कुछ देर बाद उसने अपनी चूत(मुनिया) के
मूह पर लंड की टिप रखी और एक दम से लंड पर बैठ गई. फ़च..... की आवाज़ के
साथ मेरा पूरा लंड उसकी मुनिया(चूत) मे जड़ तक समा गया . वो चिल्ला पड़ी
आआअहह,,,,, जल गैईई मेरी मुनियाआ,,, फट गैइइ रीईईई और कुछ देर तक वैसे ही
रुकी रही. फिर धीरे धीरे अपनी गांद गोल गोल घूमाते हुए जैसे कोई स्क्रू
कस रही हो मेरा लंड अपनी चूत(मुनिया) की गहराइयों मे महसूस करने लगी.
उसको ऐसा करने मे बहुत मज़ा आता था. और उससे दूना मज़ा मुझे आने वाला था
क्योंकि अब वो फ्यूरियस स्पीड से चुदवाने वाली थी और स्ट्रोक्स की स्पीड
वो कंट्रोल कर रही थी साथ ही साथ मेरे से अपपने मम्मे मसलवा रही थी और
मेरे को जगह जगह नोच रही थी और किस कर रही थी इससे मेरे लंड(मुन्ना) को
भी बहुत मज़ा आ रहा था. अचानक उसने अपनी स्पीड बढ़ा दी और बकबकने लगी.
"अरे साले गान्डू अपनी इस रंडी बीबी को छोड़ कर मेरी सहेली ज्योति पर
नज़र रखता है" उसकी मुनिया के चीथड़े उड़ाना चाहता है, पहले मेरी मुनिया
से तो निपट," वो झरने के करीब पहुच गई थी और जोरो से मेरे लंड की राइडिंग
का पूरा मज़ा ले रही थी... "हा ले सीईईईई शियीयीयियीयियी छील गई मेरी
मुनिया हाअ और ले अरे घाव हो गया रे ......." ऐसी कुछ भी आंट-सॅंट बके जा
रही थी मैं उसके मम्मे बिल्कुल जैसे गीले कपड़े निचोड़ते है वैसे ही मसल
रहा था. कुछ ही देर मे वो बुरी तरह से झरी और वैसे ही मेरे से चिपक गई.
वो जोरो से हाफ़ रही थी मैं उसकी पीठ सहला रहा था और नीचे से धीरे धीरे
धक्के भी दे रहा था. उसको बहुत अछा लग रहा था. वो अब शांत हो गई थी और
गहरे गहरे साँस लेकर मेरे लंड को अपनी मुनिया मे कसे हुए थी. अहह
जानुउऊउउ अपने मुन्ने को मेरी मुनिया से अलग मत करना..... हे भगवान आजकी
रात सबसे लंबी रात कर दो....... ओउर्र्र पेलो जानू अपने मुन्ना को मेरे
गले तक ले आऊऊऊ.... हीईिइ सीईईई बड़ा ही मस्त मुन्ना है. इसने कई चूतो का
खून पिया है हाईईईईई.. ज्योति तू ना चुदवाना इस लॉड से..... शियीयीयियी
सीईईईई बड़ा जालिम हल्लाबी लॉडा हाईईईईई और इसका नाम ये मुन्ना रखे
है....... शियीयीयियी ओउर चोदो प्लज़्ज़्ज़्ज़्ज़ औरर्र फादूऊऊओ..
हीईीईईईई मैने उसको ज़मीन पर लिटाया और उसकी टाँगो को उसके मम्मो से
चिपका दिया और फूरा लंड पेल दिया.... हाई जाअलिमम्म फार दीईइ...... अरे
ज्योत्ीई कोई तो आअऊओ बचऊऊओ ....... ऐसे चिल्ला चिल्ला के चुदवा रही थी
और मेरा लंड तो आज दुगना मोटा और लंबा हो गया था यह सोच कर कि मेरे
ख्वाबों की मालिका मेरी इक्लोति प्यारी साली ज्योति मेरे से चुदवाने को
तय्यार हो गई है. इसी जोश मैं और जोरो से उसकी चूत मे अपना लंड पेल रहा
था जोकि उसकी चूत की आख़िरी गहराई तक जाकर उसकी बच्चे दानी को धकेल रहा
था... हाई मेरे राजा ऐसा कब तक चोदोगे,,,,, तुम तो अपने मुन्ना को मेरी
मुनिया के मूह मई घुसाए रहूऊओ हिी ऐसे पेलते फार्टे रहूऊ.... मैने थोड़ी
स्पीड बरा दी त्ीी.. जिससे उसकी नंगी पीठ मार्वल के फर्श पर चिपक कर और
उसकी चूत से बहते हुए पानी के कारण पीचर.. पीचर की आवाज़े कर रही थी ऐसी
ही आवाज़ उसकी चूत से पुच्छ फुक्कक फ़चा फूच की आ रही थी.... मुझे बहुत
मज़ा आ रहा था. मेरी वाइफ की चूत मे ना जाने क्या जादू है कि वो बच्चो को
जनम देने के बाद और मेरे से 9 सालो से रोज चुदवाने के बाद भी ढीली नही
हुई थी वो मेनटेन किए हुए थी... मैं इसका राज उससे कई बार पूछ चुका था.
वो हर बार यह कह कर टाल देती " मेरी चूत जब तक टाइट रहेगी तुम मेरे
कब्ज़े मे रहोगे जानुउऊ' मैं तुमको रोज रात को किसी कुँवारी चूत जैसा ही
मज़ा दूँगी' और वो अपनी बात पर क़ायम थी. उसकी चूत पर मैंटेन जेनटन रहती
थी जैसी मुझे पसंद होती थी बिल्कुल वैसे ही मेनटेन कर के रखती थी और चूत
को रोज "गुलाब जल" से ज़रूर धोती थी जिससे उसकी खूबसूरती बनी रहे और उसमे
से प्यार की खुसबू आती रहे. मैने अब अपनी स्पीड बढ़ा दी थी और वो भी नीचे
से अपनी गांद उछाल उछाल कर चुदवा रही थी.. हा राजा और जोरो से..... थोरी
और ताक़त लगाओ शाबशह आईसीए शीयी और जोरो से.... बहुत मज़ा आरहा
हाईईइ..... अरे इस लंड को पर्दे मे रखना यदि किसी को पता लग गया तो वो
तुमसे चुदवाये बिना नही रह सकेगी..... अरे राजा इसके बारे मे तो ज्योति
को तो बिल्कुल मत बताना...... हाअ आजज्ज कल तुम दोनो का बहुत नैन-मटकका
चल रहा हाईईईई.... और तो और उसको फोन पर मेरी चुदाई की बाते -आवाज़े भी
सुना दी जा रही है ले......... ले और्र ले मेरी चूत से तो फ्री हो ले फिर
किसी और की चूत देखना अब चोदो जोरो से फाडो मेरी चूत्त्त.... बहुत बात
करता है चुदाई कम करता है साले लंड मे दम नही बचा क्या..... मेरी चूत तो
चोद नही पाया तरीके से ज्योति की चूत चोदने की इच्छा रखता है
चोद्द्द्द.... कैसी यह मुनिया काली कलूटी कुलबुला रही हाईईइ और चूद. मैने
उसको बोला "मुझे ज्योति की चूत दिलाओगी तो चोदुन्गा नही तो मैं निकाल रहा
हू....." "अरे शीयी जालिमम्म सीयी ऐसा ना करो चोदो मुझी मैं तुमको उसकी
कुवारि चूत के साथ एक चूत गिफ्ट मे दून्गी''' चोद्ते रहो आज तो रात
भर.... उसके इतना कहते ही मैने अपनी स्पीड तूफ़ानी कर दी. मैं अपना पूरा
लंड बाहर खीच कर पूरा का पूरा एक बार मैं पेल रहा था. जैसे ही मेरा मुना
अपनी प्यारी काली कलूटी मुनिया के अंदर जड़ तक पहुचता तो मेरी बीबी जोरो
से चिल्लाती शीयी सीईईईईईईई मर गई जालीम..... वो फिर से आंट-सॅंट बकने
लगी थी और झरने के करीब थी यहा मेरी भी इच्छा झरने की हो रही थी..... सो
मैने अपनी स्पीड और तेज़ कर दी इस पर वो बहुत जोरो से झार गई और मेरे
नीचे शीतिल पड़ गई इधर मैं भी झरना चाहता था और हम दोनो के बदन पसीने मैं
भीगे हुए थी. मैने अपनी स्पीड कम नही की उसकी कमर थामी और भका भक धक्के
मारता रहा. उसकी चूत मे जड़ तक लॉडा घुसा कर झर गया. मेरे फव्वारे से वो
शीयी हुछ हुछ कर रही थी...... ..... मैं थक कर निढाल होकर अपने मुन्ना को
उसकी काली कलूटी मुनिया के मूह मे घुसाए हुए उसके उप्पर पड़ा रहा वो मेरे
बालो मे अपनी उंगलिया फिरा रही थी मैं उसकी गर्दन मे चुम्मि ले रहा था और
दोनो अपनी साँसे सम्हालने मे लगे हुए थे.. साँस थमी तो मैने दीवार घड़ी
पर नज़र डाली सुबह के 3 बज रहे थे. साँस तो नॉर्मल हो गई थी पर मेरा लंड
अभी भी कुछ कड़ा पन लिए उसकी चूत मे आराम कर रहा था.. मैं अपने लंड को
उसकी चूत मे चला रहा था. वो बोली " अब क्या इरादा है... अब नही मैं बहुत
थक चुकी हू तुम्हारा लंड तो ठंडा होने के बाद भी मेरी चूत भरे हुए है..."
मैने उसको गाल पर किस किया और कहा " मेरी स्वीट स्वीट डार्लिंग अभी
तुम्हारी चूत का अभिषेक बाकी है'. मुझे चुदाई के बाद पेशाब लगती है और
मुझे चूत के अंदर पेशाब करने मे मज़ा भी बहुत आता है तो मैने थोड़ा सा
लंड बाहर खीचा और पेशाब करने लगा. मेरे पेशाब की धार बहुत गरम लगती है
उसको.. इससे वो "आहह यह क्या कर दिया... मेरी मुनिया तुम्हारे पानी से
भरी हुई थी और तुमने अब मुझे पेट तक भर दिया.... हाई बहुत गुदगुदी होती
है इसमे..... उसकी चूत से मेरा पेशाब और मेरा लावा बाहर निकलकर बहने
लगा.. मैने जैसे ही अपना लंड बाहर खीचा तो उसकी चूत से फव्वारा निकल
पड़ा... उसने बड़ी राहत महसूस करी. मेरे से चुदवाने के बाद उसकी हालत
बहुत खराब हो जाती है और उसमे उठने की हिम्मत नही होती सो मैने उसको अपनी
बाहो मे उठाया और बाथरूम ले गया . उसको फर्स पर लिटा दिया और बाथ टब को
गरम पानी से भरने लगा. मैने कहा "अभी तुम पेशाब मत करना..." वाइफ बोली "
आ मेरे राजा मुझे पता है तुमको पेशाब करती हुई चूत मे नहाना और देखना अछा
लगता है" ' पर तुम जल्दी आओ मुझे जोरो से पेशाब आ रही है" मेरी थेल्ली
भरी हुई है' मैने कहा दो मिनिट मैं फर्श सॉफ कर के आता हू. मैने फटाफट
फर्श सॉफ किया और बाथ रूम मे स्टूल लेकर पहुचा. उसको स्टूल पर बैठा दिया
और खुद उसकी चूत के ठीक सामने बैठ गया . जैसे ही मैने उसकी टांगे फैलाकर
उससे कहा "मूत" उसकी काली कलूटी चूत से बहुत तेज और गरमा गर्म धार निकल
कर मेरी छाती से टकराने लगी. मैं उसकी पेशाब की खुसबू का दीवाना था. मेरी
वाइफ मेरे से कहने लगी" जनम तुमको घिन नही लगती तुम मेरी पेशाब मैं नहाते
हो और मेरी पेशाब करी हुई चूत को चूमते और चाटते हो" 'यही तो प्रेम रस है
जो शादी के 9 साल बाद भी हम दोनो पति पत्नी की जगह प्रेमी प्रेमिका बनकर
रहते है" मैने कहा मैने पूछा " अछा तुम बताओ तुमको क्या मेरी पेशाब पसंद
नही है". " बहुत पसंद है जानू" वो बोली.... तब भर चुका था मैने उसको पानी
से भिगोया और उसके शरीर पर साबुन लगाया और उसके शरीर की अछी तरह से मालिश
करी और हम दोनो टब मे उतर गये. नहाकर बाहर आए तो वो बहुत फ्रेश दिख रही
थी मैने कहा " कहो जानू कैसा लग रहा है...". "4 बजने को है सुबह के और
तुम पूछ रहे हो कैसा लग रहा है, अरे मैं तो तुमको जिंदगी भर क्या हर जनम
मे पाना चाहूँगी" फिर हम दोनो ने बादाम, काजू किस्मिस और राबड़ी खाकर
सोने बेड पर आ गये.". सुबह हम दोनो छुट्टी होने की वजह से 11-12 बजे उठे
थे... मैं फिर से चार्ज हो गया था क्योंकि आज ज्योति से मुलाकात होने
वाली थी. सुबह फेश होकर, स्नान कर के पूजा पाठ किया एवं अपनी पेट पूजा का
इंतेज़ार करने लगा. हर समय ना जाने मुझे किस चीज़ का इंतेज़ार था. जिसको
मेरी वाइफ ने भाँप लिया था. वो मुझे चीरते हुए बोली " क्या जानू बड़े
बैचैन दिख रहे हो" " नही कुछ नही, बस ऐसे ही तुम्हारा इंतेज़ार कर रहा था
कब तुम आओ और मेरी पेट पूजा हो" मैने हड़बड़ाते हुए कहा मैं उससे अपनी
नज़रे बचाने और अपनी बैचैनी छिपाने की नाकाम कोशिश कर रहा था इसको छिपाने
के लिए मैने टीवी ओन कर लिया. थोड़ी ही देर बाद वो खाना ले कर आ गई. हम
दोनो ने खाना खाया. और रात को हुई चुदाई के बारे मे चर्चा करी. वो कह रही
थी "मेरी मुनिया मे दर्द हो रहा है और मुझे चलने मे तक़लीफ़ हो रही है" "
जान थोड़ा आराम कर्लो और हो सके तो बर्फ से सिकाई कर लो" मैने सजेशन देते
हुए कहा. मैं अब बाहर निकालने को बैचैन था फटाफट तय्यार हुआ और बाहर निकल
गया . मैने अपनी बाइक निकाली और ज्योति के घर के आस पास 2-3 चक्कर लगा
डाले. उसके मोहल्ले मे मेरे बहुत सारे जान पहचान के लोग रहते थे उसी
मोहल्ले मे मेरी ससुराल भी है. इसलिए किसी ने मेरी हरकत को और मेरे यूँ
चक्कर लगाने को ध्यान से नही देखा. मैं ज्योति के दर्शन को तड़प रहा था.
मैने दिसाइड किया कि ज्योति के घर के बगल मे मेरे परिचित की दूध के डेरी
है वाहा बैठूँगा वाहा से ज्योति के घर का बागीचा भी दिखता है. आज मैं
बड़ी बेसब्री से ज्योति के बगीचे की तरफ बार बार देख रहा था. ज्योति के
घर मे कबाड़ी का काम होता था आज कुछ भी हलचल नही दीख रही थी. इसी
इंतिज़ार मे 2 घंटे निकल गये. मैने सोचा चलो ज्योति को फोन किया जाए.
मैने अपना सेल बाहर निकाला ही था कि मेरी मुराद पूरी होने की घंटी बज ही
गई और ज्योति का फोन आ गया . क्रमशः.........
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RE: Antarvasna sex stories मेरी बीबी की सहेली
मेरी बीबी की सहेली पार्ट--6
गतान्क से आगे......... " अरे चोदो मेरे राजा इस दर्द के लिए बहुत तड़प
रही हू, कई राते जागी हू.... मेरी चूत को इस तरीके से चोदो की इस चुदाई
का अहसास ज़िदगी भर रहे" देव के हाथ का मेरे शरीर पर फिसलना बहुत अछा लग
रहा था मेरे शरीर मे बहुत आग लगा रहा था... देव ने मेरे से कहा " अरी
मेरी कबाड़ी कल्लो रानी.... मैं भी तेरी इस काली कलूटी चूत का दीवाना हुआ
करता था.. मैं भी कई बार तुम्हारी चूत के नाम पर मूठ मार चुका हू" अब देव
धीरे धीरे लंड आगे पीछे करते हुए पेलने लगा था वो पूरा लंड सीधा खीचता और
जैसे स्क्रू कस रहा हो ऐसे लंड घुमा घूमाकर अंदर पेलता मेरी चूत की
दीवारे देव के लंड को कसे हुए थी अब मुझे मज़ा आने लगा था. मैने देव को
चिडाने के लिए बोला ' देव मेरे जानू तुम्हारा लंड भी कोई ख़ास नही लगा
मुझे अब तो आसानी से जा रहा है लेकिन मुझे मज़ा बहुत आ रहा है... देखो अब
जल्दी अपना लंड खाली मत कर देना...." नही तो मैं तुमको गॅंडू जीजू
बुलाऊंगीइइ.." मैने देव की मर्दानगी को तगड़ी ललकार लगा दी थी लेकिन देव
हल्का हल्का मुस्कुरा रहा था उसने अपनी स्पीड ज्यों की त्यों रखी और धीरे
से मेरे से बोला " मेरी रानी मुझे प्यार से चोदना पसंद है तुमको
ताबड़तोड़ चुदाई चाहिए क्या..... अभी मैने सिर्फ़ अपना आधा ही लंड पेला
है पूरा अभी तुम्हारी चूत मैं नही घुसा है तो तुम्हारी यह हालत है " मैं
सोच मे पड़ गई और मैने तुरंत कहा " देव मेरे प्यारे चोदु ख़सम तुम मुझे
प्यार से ही चोदो... मैं तो यूँ ही तुमको चिडाने के लिए कह रही थी" तभी
देव ने अपनी दो उंगलिया मेरे गांद के छेद मे डाल दी और गांद और चूत को एक
साथ चोदने लगा मैं दोहरे मज़े के नशे मे आ गई साथ ही मुझे जोश भी बदता जा
रहा था क्योंकि देव भी धीरे धीरे अपनी स्पीड बढ़ाने लगा था और मुझे दर्द
भी हो रहा था चूत मे क्योंकि देव हर धक्के के साथ लंड कुछ इंच और अंदर
खिसक रहा था '' मैने मस्ती मे आकर अपने हाथ से अपनी गांद को फैलाया और
देव को बोला "देव आज तुम मेरी गांद भी मारना लेकिन प्यार से" "हा मेरी
रानी मैं उसी की तय्यारी कर रहा हू" देव बोला और तभी देव ने कहा ज्योति
हाथ सामने टेक एक फाइनल धक्का और जब तक मैं हाथ टेक कर तय्यार हो पाती
तभी मेरे मूह से बहुत जोरो से चीख निकल गई.. वो तो मेरा घर साउंड प्रूफ
है नही तो मोहल्ले वाले इकट्ठे हो जाते और सारा का सारा गुरु गोबिंद सिंग
वॉर्ड मेरे दरवाजे पर होता. मेरी चूत मे जलन हो रही थी इधर देव का लॉडा
मेरी बच्चे दानी को ठेले हुए था मुझे देव का लंड अपने पेट तक महसूस हो
रहा था. इधर मेरी चूत से फिर से खून की धार गिरने लगी थी जिससे पूल का
पानी लाल होना शुरू हो गया था मेरे पैर काप रहे थे मैं चाहकर भी अपने पैर
नही हिला सकती थी क्योंकि देव ने मेरे पैर बाँध दिए थे मैं कुछ देर आँख
बंद किए रही देव अपना लंड मेरी चूत की जड़ तक घुसाए हुए था और वोही गोल
गोल घुमा रहा था और मेरे दूध मरोड़ रहा था मेरे दिमाग़ ने काम करना बंद
कर दिया था कि मैं किस दर्द पर कराह रही हू दूध के या चूत के " मैने रोते
हुए देव से कहा जानू पेलो चोदो मेरे कू मेरी तुमने मुराद पूरी कर
दी....." "आज तुमने मुझे औरत बना दिया....... आज के बाद मैं रोज साड़ी ही
पहनुँगी ..... आज मेरी चूत को सही मर्द मिला हाई'''''' और देव ने पूरा
लंड बाहर खीचा और एक बार मे ही पूरा का पूरा फिर पेल दिया देव ऐसे ही
गहरे धक्के मार रहा था देव ने अपनी तूफ़ानी स्पीड पकड़ ली थी देव अपने
दोनो हाथो से मेरी गांद और चूत को फैलाए हुए था वो पोज़िशन ही ऐसे ली थी
उसने की उसका ज़्यादा से ज़्यादा लंड अंदर घुसेगा और डीप पेनीश्रेशन होगा
साथ ही वो मेरी चूत हाथो से फैला कर चोदे जा रहा था. अब मैं भी देव का
साथ देने लगी थी ; हा देव चोदो शाबाश मुझे भी अब मज़ा आ रहा है. यह बहुत
अछा दर्द है हा और जोरो से और जोरो से मैं देव के हर धक्के का जवाब अपनी
गांद पीछे धकेल कर दे रही थी मैं 2-3 बार पानी छोड़ चुकी थी. लेकिन मेरा
मन अभी भरा नही था देव ने मेरे पैर खोल दिए और मुझे पूल की पट्टी पर चित
लिटा दिया. उसने मेरी दोनो टाँगो को कुछ देर मसाज दिया जिससे मैं फिर से
चार्ज महसूस करने लगी और देव ने मेरी दोनो टांगे मेरे दूध तक मोडी जिससे
मेरी चूत बिल्कुल खुल गई इधर देव भी ताव मे था देव पूल मे ही रहा उसने
उसी पोज़िशन मैं एक सिंगल स्ट्रोक मैं ही पूरा का पूरा लंड पेल दिया था
और अब तोमुझे बहुत तूफ़ानी रफ़्तार से चोद रहा था. " हाई हम हूंम्म हुछ
फुक्कक फॅक फक्का पक की आवाज़े हो रही थी और मेरे मूह से भी एयेए हाअ और
जोरो से ऐसे ही चोद्ते रहो" देव तुमसे तो जो एक बार चुदवा ले फिर किसी
दूसरे के पास वो नही जा सकती" हा मेरे राजा और जोरो से आज साली चूत
कोफाड़ दो इसको.... हा राजा बहुत खुजलाती है बहुत परेशान करती है चोदो
मेरे राजा और जोरो से मैं आ रही हा और ज़ोर और अंदर डालो शाबाश हाआ.. अरे
और हिम्मत लगा और मैने पहली बार बहुत सारा पानी छोड़ा जो की देव ने मेरी
गर्दन उठाकर मेरे को निकलता हुआ दिखाया और देव फिर से अपनी स्पीड जारी
रखे था देवे मेरे मम्मे मरोड़ मरोड़ कर लाल नीले कर दिए थे देव इस्सामय
मेरे दोनो निपल्स को भी भीच रहा था मैं झरने के बाद निढाल सी होने लगी थी
तभी देव ने मुझे करवट दिला दी और फिर तिरछे मे लंड पेलने लगा मैं फिर से
मस्ती मे आ गई अब तक मेरे को चुदवाते हुए लगभग 30 मिनिट हो चुके थे लेकिन
देव झरने का नाम ही ले रहा था मैं अनगीनती बार झार चुकी थी. मेरे शरीर का
एक एक जोड़ ऐसे दुख रहा था जैसे उनमे हज़ारो सुई चूबो दी गई हो.. मैने
देव से कहा राजा प्ल्ज़ अब तुम झर जाओ "मैं तुम्हारी धार को अपनी चूत मे
महसूस करना चाहती हू" देव ने कहा अभी तो मैने चोदना शुरू किया है अभी से
बोली प्लज़्ज़्ज़ मुझे मेरी प्यास बुझाने दो ना...." मत तरपाऊ.. देव ने
कहा तो ठीक है और तभी मेरी आँखो मे फिर से अंधेरा सा छाता हुआ दिखाई दिया
और दिमाग़ जैसे सुन्न हो गया हू इस बार देव ने मुझे बिना तय्यार किए हुए
अपना सूपड़ा मेरी गांद के छेद पर रख कर थोड़ा अंदर सरका दिया था. मैं
चिल्ला पड़ी और देव से गिड़गिदने लगी प्ल्ज़ वाहा अभी नही वो भी आज ही
दूँगी पर अभी नही अभी तो मेरी चूत ही मारो" देव बहुत ही अछा आदमी है वो
जानता है औरत को कैसे खुश रखे उसने मेरी बात मान ली और मेरे को चूमते हुए
मुझे चित लिटाकर मिस्षनरी पोज़िशन मे मेरे ऊपर चढ़ गया और मेरी चुचिया
उसकी मर्दानी छाती से रगड़ खा रही थी और देव मेरे होंठो को चूस्ते हुए
तबाद तोड़ धक्के मारे जा रहा था. इस पोज़ीशन मे देव का लंड मेरे
क्लाइटॉरिस को भी रगड़ रहा था जिससे मेरी चूत फिर से झरने को तय्यार हो
गई थी.. तभी देव ने कहा "क्यो चुड्डो रानी मेरा लावा मूह मे लोगि या अपनी
इस कल्ली कलूटी बुर मे" मैने झट से कहा " जानम मेरी यह कालू बहुत प्यासी
है इस मदारचोड़ी ने ना जाने कितने चक्को को चित किए हुए है आज इसकी जोरो
से रागड़ाई हो गई है आज इसी का पेट भर दो" हा राजा तुम बहुत आछे से
चोद्ते हो देव मेरे मम्मो को मसल रहा था और एक निपल अपने होंठो मे लेकर
भी चूस लेता था साथ ही कह रहा था " हाई रानी तुम्हारी चूत तो तुम्हरी
सहेली से भी ज़्यादा अछी है मुझे बहुत अछी लगी इसका स्वाद भी अछा है ....
और मुझे सबसे ज़्यादा जो पसंद आए वो यह कि जैसे झाँते मुझे पसंद है
बिल्कुल वैसे ही बना रखी थी" तभी देव ने अपने लंड बहुत गहरे गहरे स्ट्रोक
लगाने लगा मैं भी फिर से झाड़ने के करीब थी तो मैं देव को अपनी टाँगो मे
कसी हुई थी और देव का पूरा साथ दे रही थी एका एक देव मुझे गालियाँ देने
लगा उसको गाली देकर चोदने मे बहुत मज़ा आता है' री मदर्चोद ले और ले
भोसड़ा वाली तेरी बुर ने बहुत परेशान किया है मेरे लंड को ले अब खा जा
मदारचोड़. छिनाल्ल्ल ,,, ' हा मेरे राजा ' मैं छीनाल रंडी मदारचोड़ी....
" मैं जवाब दे रही थी क्योंकि देव झरने के बिल्कुल करीब था और वो इस जोश
मे मेरे शरीर को भी मरोड़े और निचोड़े ले रहा था तभी एक और जबरदस्त धक्का
लगा और देव ने अपना पूरा लंड मेरी बच्चे दानी की जड़ तक पेल कर वोही रुक
कर ना जाने कितनी पिचकारियाँ अपने गरम लावे की मारी होगी उसकी इन
पिचकार्रियों के साथ मैं भी झार गई....... "आईईईईईई देववव मेरे रजाअ मैं
गैईईईईईईईईईईईईईईईईईई उम्म्म्ममममममममममममममम लौउउउउउउउउउउउउउउउ" मेरी
बीबी की सहेली पार्ट--7 गतान्क से आगे......... देव मेरे ऊपेर पड़ा ऐसे
हाफ़ रहा था जैसे 100 200 किलोमेटेर की दौड़ लगा कर आया हो हम दोनो पसीने
मे भीगे हुए थे उसका लंड झरने के बाद भी मुलायम नही हुआ था वो अभी भी
मेरी चूत मे लंड पेले हुए पड़ा था और मेरे को चूम रहा था और उसने करवट
बदल कर मेरे को अपने ऊपेर कर लिया था मैं उठने वाली थी तभी उसने टोक
दिया' जानम ऐसी ग़लती मत करो... प्लज़्ज़्ज़ अभी एक और मज़ा बकाया है''''
देव के ऐसा कहने से मैं डर गई कि इतनी ताबड़तोड़ चुदाई के बाद अब क्या
बकाया है " देव मुझे किस किए जा रहा था मुझे बहुत अछा लग रहा था इससे
मेरी चुदाई की थकान दूर होने लगी थी और मैं बहुत हल्का महसूस करने लगी
थी" देव ने कहा " मेरी जान मैं अभी तुम्हारी बुर मे मूतुंगा" मैं चौंक
पड़ी " क्या जीजू' क्या कह रहे हू सच मे !!!! क्या ऐसा हो सकता है!!!! "
देव बोला " क्या तुमको पसंद नही " "नही ऐसे बात नही ... दर असल ऐसा है कि
आज तक मुझे जीतनो ने भी चोदा या जीतनो ने भी मुझे बताया वो तो सभी कह रहे
थे कि बस लंड चूत मे झारा बल्कि चूत के दरवाजे पर ही झार जाता है" और बस
हो गया... तुम्हारी बीबी ने सही बताया था कि देव बहुत जबरदस्त चोद्ता है
और चुदाई के बाद असली मज़ा देता है. "मैं तय्यार हू इसके लिए.... मुझे
बताए मुझे क्या करना होगा " मैने पूछा देव कहने लगा कुछ ज़यादा नही अपनी
चूत को थोडा ढीला करो और उसने लंड अड्जस्ट करके बहुत गरमा गॅरम जेट जैसी
धार मेरी चूत मे भरने लगा मुझे बहुत गुदगुदी हो रही थी और मेरा पेट भी
उसकी पेशाब से फूलने लगा था उसका पेशाब मेरी चूत से बाहर भी रिसने लगा था
देव ने बहुत सारी पेशाब करी थी और पक से देव ने अपना लंड बाहर खीच लिया
और मेरी टांगे फैला दी. मुझे ऐसा लग रहा था जैसे मेरी चूत मे किसी ने
फाउंटन फिट कर दिया हो इतनी जोरो से देव का पेशाब मेरी चूत से भरभर निकल
रहा था. यह तो बहुत ही अछा अनुभब था इसके बाद देव ने अपना लंड मेरे मूह
मे डाल दिया जिसको मैने चाट चाट कर सॉफ किया और देव नहाने लगा. मैने अपनी
चूत का आलम देखा तो वो सूजी फूली हुई थी और उसका मूह इंग्लीश के "ओ" के
आकार मे खुला हुआ था मेरे बूब्स पर लाल और नीले देव के दिए निशान थे. हम
दोनो ने नाहया और हम नंगे ही किचन मे गये जहा मेरी ममी सुबह बंदकपूर जाने
से पहले मेरे लिए पूरी, हलवा और रबरी छोड़ गयी थी. देव ने लगभग 500ग्राम
रबरी, 1/2 लीटर मिल्क और खूब पूरी खाई और दोनो बाते करने लगे. तो दोस्तो
कैसे लगी मेरी कहानी यह ओरिजिनल इन्सिडेंट है और भी मस्त कहानिया है आप
लोगो के लिए समय समय पर लाता रहूँगा तब तक के लिए विदा आपका दोस्त राज
शर्मा
समाप्त........
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