RE: Antarvasnasex ट्यूशन का मजा
ट्यूशन का मजा-12
गतांक से आगे..............................
सर जीभ से मेरा वीर्य चाट चाट कर खाने लगे. मैडम दीदी को लेकर हमारे कमरे में आयीं और बोलीं "क्यों सर, क्या चल रहा है? अकेले अकेले ही? हमें भी चखाइये. और आज कितना चलेगा आप का यह लेसन? साथ में लेसन नहीं देना है क्या" मैडम थीं तो पूरी नंगी पर अपनी रबर की चप्पलें पहने थीं.
"नहीं मैडम, आज नहीं, आज तो बस मैं अनिल को ही लेसन दूंगा. ये देखिये इसका प्रसाद, आप भी पाइये थोड़ा सा बचा है" मैडम ने बाकी बचा वीर्य सर की हथेली से चाट लिया. बोलीं "मजे हैं आपके सर, तो आज पूरा लेसन आप ही देंगे" उन्होंने कनखियों से सर की ओर देखा. सर ने आंखों आंखों में कुछ कहा और बोले "हां मैडम, आज ये एकदम फ़ास्ट सीख रहा है. एक दो बड़े इम्पॉर्टेंट लेसन बचे हैं, वे भी दे दूं आज ही. आप का लेसन कैसे चल रहा है? लीना तो बड़ी खुश लग रही है, देखिये आप से अलग भी नहीं रह पा रही है"
लीना दीदी मैडम से चिपट कर खड़ी थी और उनके मम्मे दबा रही थी. उसका एक हाथ अपनी बुर में चल रहा था. मुझे देखकर दीदी मुस्करायी. मैडम उसकी कमर में हाथ डालकर बोलीं "चल लीना, हम चलके अपने लेसन पूरे करते हैं, तेरे ये सर आज मूड में हैं, अनिल को पूरा सिखा कर ही मानेंगे"
"ऐसा कीजिये मैडम, आ ही गयी हैं तो हम दोनों को अपना प्रसाद चखाती जाइये, बड़ी मतवाली महक आ रही है" चौधरी सर बोले.
"हां हां क्यों नहीं, आओ अनिल, तुम मेरे पास आओ" कहकर मैडम पैर फ़ैलाकर खड़ी हो गयीं. मैं समझ गया और तुरंत उनके सामने बैठ कर उनकी बुर से मुंह लगा दिया. सर ने लीना को बिस्तर पर रखा और उसकी बुर चाटने लगे. "सर .... सर ... आप का ... याने चुसवाइये ना प्लीज़" लीना दीदी ने फ़रमाइश की.
"क्यों नहीं लीना, ले चूस" कहकर सर ने लीना दीदी का बदन घुमाया और अपना लंड उसके मुंह में देकर दीदी की बुर चूसने लगे. दीदी ने एक बार में गप्प से उनका लंड पूरा मुंह में ले लिया. मैडम हंस कर बोलीं "देखा मेरी स्टूडेंट को, कितनी होशियार है, आपने बस एक बार सिखाया है और देखिये, कैसी अव्वल आने लगी है इस काम में" मेरे मुंह पर वे अपनी बुर के पपोटे घिस रही थीं.
"मेरा ये स्टूडेंट भी कुछ कम नहीं है, देखा आपने कि इसे तो केले से भी नहीं सिखाना पड़ा. अब आप ही देखियेगा कि अगला लेसन ये कितनी सफ़ाई से सीखता है" कहते हुए सर लीना का मुंह चोदने लगे.
पांच मिनिट बाद लीना दीदी ने अपना पानी सर के मुंह में छोड़ा और मैडम ने मुझे अपनी बुर का अमरित पिलाया. सर ने अपना लंड लीना के मुंह से निकाला तो वह बोली "सर ... वो मलाई तो चखाई ही नहीं आपने?"
सर हंसे और बोले "आज नहीं, असल में ये मस्त खड़ा है, अगले लेसन में मुझे ये ऐसा ही चाहिये."
मैडम बोलीं. "चल लीना, सर को तेरे भाई को लेसन देने दे, अभी काफ़ी देर लगेगी उसमें" फ़िर वे उठ कर लीना के साथ अपने कमरे में चली गयीं. जाते जाते मैडम मुड़ कर बोलीं "अगले लेसन में मेरी हेल्प लगे तो बुलाइयेगा सर, जरा कठिन है"
"हां हां मैडम, पर मेरा विश्वास है कि यह होशियार बच्चा खुद ही सीख लेगा बिना मेरे जबरदस्ती किये" सर बोले. उनका लंड फ़िर से कस कर खड़ा हो गया था.
"क्रीम की शीशी भिजवाऊं या ये तेल से ही काम चला लेंगे?" मैडम ने पूछा.
"तेल अच्छा है मैडम, ढेर सारा अंदर उड़ेल दूंगा पहले. एक चीज और लगेगी आवाज बंद करने को, आप समझ रही हैं ना?" सर मैडम को आंख मार कर बोले. मैडम ने मुस्कराकर मेरी और सर की ओर देखा और अपनी चप्पलें वहीं सर की चप्पल के पास उतार दीं. "ये ठीक रहेंगीं?"
"बिलकुल मैडम. ये तो आपने ऐसा किया कि मन की मुराद ही दे दी अपने शिष्य को"
"हां मैंने भी गौर किया है, बहुत शौकीन लगता है इनका, चल लीना" लीना को पकड़कर खींचती हुई मैडम उसे अपने कमरे में ले गयीं.
मुझे बिस्तर पर सुला कर मेरा झड़ा लंड सर ने प्यार से मुंह में लिया और चूसने लगे. एक हाथ बढ़ाकर उन्होंने थोड़ा नारियल तेल अपनी उंगली पर लिया और मेरे गुदा पर चुपड़ा. फ़िर मेरा लंड चूसते हुए धीरे से अपनी उंगली मेरी गांड में आधी डाल दी.
"ओह ... ओह .." मेरे मुंह से निकला.
"क्या हुआ, दुखता है?" चौधरी सर ने पूछा.
"हां सर ... कैसा तो भी होता है"
"इसका मतलब है कि दुखने के साथ मजा भी आता है, है ना? यही तो मैं सिखाना चाहता हूं अब तुझे. गांड का मजा लेना हो तो थोड़ा दर्द भी सहना सीख ले" कहकर सर ने पूरी उंगली मेरी गांड में उतार दी और हौले हौले घुमाने लगे. पहले दर्द हुआ पर फ़िर मजा आने लगा. लंड को भी अजीब सा जोश आ गया और वो खड़ा हो गया. सर उसे फ़िर से बड़े प्यार से चूमने और चूसने लगे "देखा? तू कुछ भी कहे या नखरे करे, तेरे लंड ने तो कह दिया कि उसे क्या लुत्फ़ आ रहा है"
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