RE: Antarvasnasex रूम सर्विस
“आइ आम सॉरी ऋतु… ईलो यह ड्रिंक बनाया हैं तुम्हारे लिए”
“रहने दो .. आइ डॉन’ट नीड इट”
“आइ नो जो भी हुआ वाज़ ए बीट ऑक्वर्ड फॉर यू लेकिन इट्स ऑल नॉर्मल यार”
“करण तुमने अपना सीमेन मेरे मूह में डाला और मुझे मजबूरन वो पीला दिया.”
“ऋतु इट्स कंप्लीट्ली हार्मलेस.. उससे कुछ नही होता… देखो तुम इन सब बातों के बारे में ज़्यादा मत सोचो.. मैने सॉरी कहा ना… चलो अब मान भी जाओ… प्लीज़”
ऋतु अंत में मान ही गयी… दोनो ने अपने ड्रिंक वहीं ड्रॉयिंग रूम मे ख़तम किए और बेडरूम मे जाकर सो गये… सोते हुए ऋतु का सर करण की छाती पे था और करण का हाथ ऋतु की पीठ पे… दोनो एक दूसरे से चिपके ही नींद की आगोश में चले गये.
मंडे को जब ऋतु ऑफीस पहुचि और अपनी गाड़ी पार्क की. गेट पे वॉचमन से लेके लीगल सेक्षन में बैठे रूपक शाह तक सभी उसको देख रहे थे. ओवर दा वीकेंड ऋतु में जो परिवर्तन हुए थे वो देख के सब अचंभित थे…. कहाँ वो कल की सलवार सूट पहनने वाली ऋतु जो हमेशा बॉल चोटी में बाँध के रखती थी और कहाँ आज ही यह नयी ऋतु.
खुले हुए काले चमचमाते बाल. एक वाइट कलर का टाइट टॉप.. नी लेंग्थ की फिगर हगिंग ब्लॅक स्कर्ट… ब्लॅक कलर की स्टॉकिंग्स आंड ब्लॅक हाइ हील्स. गले में एक सिंपल सी चैन जो की बहुत ही कंटेंपोररी डिज़ाइन की थी और कानो में बड़े बड़े हूप्स. जिसकी नज़र एक बार इस हुस्न की देवी पर पड़ पड़ती वोही इसके हुस्न का दीवाना हो जाता. ऋतु को सब कुछ थोड़ा अजीब लग रहा था लेकिन वो कॉन्फिडेंट थी की वो इस सब को संभाल लेगी…. वेकेंड पे हुई चुदाई ने उसमे जैसे एक नया आत्मविश्वास जगा दिया था. वो अपने हुस्न के प्रति जागरूक हो गयी थी. उसे पता था की वो आकर्षक हैं… तभी तो करण जैसा हॅंडसम लड़का उससे प्यार करता था.
ऋतु जाके अपने कॅबिन में बैठी और उसने अपना कंप्यूटर ऑन किया. तभी वहाँ रूपक शाह आ गया. रूपक जो की लीगल आड्वाइज़र था ग्ल्फ कंपनी में.
“हेलो ऋतु… नया फ्लॅट मुबारक हो… कोई तकलीफ़ तो नही हैं ना वहाँ”
ऋतु थोड़ी चौंक गयी की इसे कैसे पता.“जी शुक्रिया.. आप यह कैसे जानते हैं की मैं नये फ्लॅट में मूव कर गयी हूँ?”
“लो कर लो बात… मैने ही तो सुबह सुबह उठ के वो लीव आंड लाइसेन्स अग्रीमेंट बनवाया था आपके लिए और करण साहब को दिया था आके वहाँ फ्लॅट पे. आप दिखी नही वहाँ… शायद अंदर किसी बेडरूम में थी”. रूपक ऋतु से जानबूझकर ऐसी बातें कर रहा था की वो अनकंफर्टबल हो जाए. उसको इसमे बहुत मज़ा आ रहा था… लड़कियों की बेबसी में उसे जो ठंडक मिलती थी वो पूरे ऑफीस को पता था. किसी भी लड़की के चेहरे की और देखकर वो बात नही करता था. हमेशा चेहरे से कुछ नीचे लड़कियों के बूब्स को घूरता था… अगर कोई लड़की सामने से गुज़र जाए तो मूड मूड के उसकी गान्ड को देखता था. और एक घिनोनी आदत थी उसमे. घड़ी घड़ी उसके लंड में खुजली होती थी. पेनाइल इचिंग की इस प्राब्लम के कारण ऑफीस में उसका नाम खुजली पड़ गया था.
ऋतु रूपक की बातें सुनकर एंबॅरास्ड हो गयी.
“रूपक जी मुझे बहुत काम हैं…”
“अजी अब आपको काम करने की क्या ज़रूरत हैं… आपका काम तो अब दूसरे करेंगे.”
और रूपक ने अपने हाथ को लंड पे ले जाके खुज़ाया, “आप कहें तो मैं आपका काम कर दूं.”
ऋतु उसकी डबल मीनिंग वाली बातों से गुस्सा हो गयी और उसने मूह फेर लिया… रूपक ने ऋतु को एक घिनोनी सी मुस्कुराहट दी और चला गया अपने कॅबिन में. रूपक वहाँ से निकला और अपने कॅबिन में बने अटॅच्ड टाय्लेट में जाकर मूठ मारने लगा. ऑफीस में मूठ मारना उसका रोज़ का काम था..
आज ऋतु के नाम पे मार रहा था तो कभी ऑफीस की रिसेप्षनिस्ट तो कभी क्लाइंट्स. 40 साल का रूपक यूँ तो शादी शुदा था लेकिन उसकी शादी हुई थी 35 साल की उमर में… उसके गाओं की एक ग़रीब लड़की से. वो लड़की शादी की समय 18 साल की थी और रूपक 35 का … लगभग उससे दुगनी एज. शादी के दिन से आज तक एक भी दिन ऐसा नही गया था जब रूपक ने अपनी बीवी की ना ली हो. वो बेचारी सुहाग्रात पे ना जाने कितने सपने सॅंजो के बैठी थी बेड पे और रूपक दारू के नशे में चूर अंदर आया .. कुछ बोले बिना सीधे उसके कपड़े उतारे और चढ़ गया. बेचारी 18 साल की कुँवारी लड़की की चीखें निकल गयी ऐसे चोदा रूपक ने.
रूपक मूठ मारकर बाहर अपने कॅबिन में बैठ गया और ऋतु के बारे में सोचने लगा. उसके सर पर तो अब सिर्फ़ ऋतु सवार थी. लेकिन वो यह चाहता था की उसके लंड पे भी ऋतु सवार हो. दोस्तो क्या अपने रूपक की ये तमन्ना पूरी हुई और क्या करण सच मैं ऋतु से प्यार करता था या ये सब वो ऋतु के शरीर से सिफ खेलने लिए कर रहा था ये सब जानने के लिए पढ़िए रूम सर्विस पार्ट -4
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