RE: Antarvasnax मेरी कामुकता का सफ़र
उसने लुंगीनुमा साडी को मेरे पेरो में पिरो कर ऊपर खींचते हुए कमर तक ले आया। साड़ी काफी ढीली थी उसने एक्सट्रा बचे हिस्से को तह बना कर फोल्ड किया पेटीकोट में घुसा दिया। साडी अब अच्छी खासी टाइट पेटीकोट से बंध चुकी थी।
मैंने बाकी की साडी के प्लीट्स बनाये और उसने ऊपर से नीचे तक साडी को अच्छे से व्यवस्थित कर दिया।
उसकी इस कला पर मैं फ़िदा हो गयी। असंभव लगने वाला काम उसने कर दिया था। मुश्किल काम हो चूका था तो मैंने बाकी की साडी बैठ कर पहन ली।
अब वो मेरे करीब आया और कानो में कहने लगा, अभी थोड़ा टाइम हैं तो एक राउंड और हो जाये। मैंने उसको धक्का देते हुए दूर किया।
बाकी के बचे रास्ते में हम दोनों एक दूसरे को छूते रहे और मस्ती करते रहे। जैसे ही हमने शहरी इलाके में प्रवेश किया, प्रशांत ने बीच का पर्दा हटा दिया। उसकी मम्मी सो रही थी तो उनको उठाया।
कार अब मेरे घर के बाहर थी, अंकल ने कार के अंदर की लाइट्स लगा दी। मौसी उठ गए और मेरे साथ बाहर आ गए। प्रशांत मेरा बैग निकालने डिक्की की तरफ गया।
मौसी ने कार के अंदर इशारा किया और कहा इसे बाहर फेंक दे। मैंने अंदर देखा आधा इस्तेमाल किया कंडोम पड़ा था जिसे हटाना हम भूल गए थे।
मेरे पैरो के तले जमीन खिसक गयी। मौसी को सब मालूम चल गया था। मैंने कंडोम उठा कर बाहर फेंक दिया। मौसी कार में जाकर बैठ गए और मैं ठगी सी वहाँ खड़ी रह गयी।
प्रशांत को अहसास हो गया था, उसने मेरा बैग थमाया और आँखों के इशारे से दिलासा दिलाया। वो गाडी में बैठ कर जा चुके थे और मैं धीमे भारी कदमो से घर के अंदर जाने लगी।
कुछ दिन बाद मुझको अपने पति और बच्चे के साथ फिर काम वाले शहर लौटना था. पर दो दिनों तक मैं इस तनाव में रही कि कहीं मौसी घर पर ना आ जाए और सास – पति को सब न बता दे।
इतने तनाव के मारे मेरा अगले ही दिन पीरियड भी आ गया था। इन दो दिनों में मैंने भी घर से बाहर निकलना छोड़ दिया था। जब भी घर में फ़ोन की घंटी बजती मेरा दिल धक् से रह जाता कही मौसी का ही फ़ोन तो नहीं।
खैर दो दिन बाद ही मुझे एक अनजाने नंबर से मैसेज मिला, वो प्रशांत का ही था। उसने लिखा था कि माँ ने अकेले में बहुत डांटा था और इस घटना का जिक्र किसी से भी ना करने को कहा हैं वरना सबकी बहुत बदनामी होगी। यहाँ तक की उसकी बीवी को भी पता नहीं चलने दिया हैं।
उस दिन के बाद मैं कभी उसके घर नहीं गयी और ना ही मेरे वहा रहते मौसी या प्रशांत कभी मेरे घर आये। यहाँ तक की मेरी कभी फ़ोन पर भी बात नहीं हुई। हमने इसे एक बुरे अध्याय की तरह भुला दिया।
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खैर इस बात को अब कुछ समय बीत गया था। इस बीच अब ससुराल में बार बार जाने के बजाय मैंने पति को बोल कर सासुमां को ही हमारे साथ रहने के लिए बुला लिया था।
इससे दो फायदे हुए, एक तो सास को मौसी से दूर कर दिया ताकि भांडा ना फूटे और मेरे वहां ना जाने से उनको उस काण्ड की याद भी नहीं आएगी।
एक दिन मेरी माँ का फ़ोन आया कि घर में कुछ फंक्शन रखा हैं तो हो सके तो कुछ दिन पहले ही आ जाना, घर में इतने काम रहेंगे तो मदद हो जाएगी।
मैंने पति और सास से बात की और ये फैसला किया की बाकी लोग फंक्शन वाले दिन आ जायेंगे, पर मैं कुछ दिन पहले जाकर उनकी मदद कर दू।
मैं अपने मायके पहुंच गयी। मेरे पापा, मम्मी भैया और भाभी ने काफी काम पहले ही बाँट रखे थे। सबसे पहला काम था लोगो को निमंत्रण देना।
हमने इलाको के हिसाब से मेहमानो की तीन लिस्ट बना ली, एक लिस्ट पापा को, दूसरी भैया भाभी को तो तीसरी मेरे और मम्मी के हिस्से आयी जहाँ हमें निमंत्रण देने जाना था।
हमारी लिस्ट में वो एरिया था जो नया नया बसा था, जहां हमारे कुछ रिश्तेदार कुछ समय पहले ही शिफ्ट हुए थे। मुझे और मम्मी को उस एरिया के बारे में ज्यादा जानकारी नहीं थी।
परंतु उस एरिया के पास मुख्य सड़क पर मेरी मम्मी की सहेली सुधा आंटी रहती थी, जिनके घर मम्मी पहले जा चुकी थी। चूँकि वो उसी एरिया के पास रहती हैं तो उनको वहां की पूरी जानकारी हैं, कौन कहाँ रहता हैं।
निमंत्रण तो उनको भी देना ही था, तो ये तय किया की पहले उनके घर जाएंगे और फिर उनकी मदद से बाकी लोगो को भी निमंत्रण दे देंगे।
पहले सुधा आंटी हमारे घर के पास में ही रहते थे, इसी वजह से मेरी मम्मी और उनकी दोस्ती हुई थी। दोनों पक्की सहेलिया थी तो एक दूसरे के घर काफी आना जाना था तो हम बच्चे लोग भी अच्छे से जानते थे। कुछ सालो पहले ही वो अपने इस नए घर में रहने को आये थे।
अगले दिन दोपहर से पहले मैं और मम्मी भाभी की स्कूटी लेकर सुधा आंटी के वहां पहुंच गए। मैं उस एरिया में काफी सालों बाद आयी थी, तो सब कुछ बदला बदला सा लगा।
मम्मी भी काफी समय से नहीं आयी थी, तो वो भी थोड़ा कंफ्यूज थी नयी नयी गलियों की वजह से। पर सुधा आंटी का घर मुख्य सड़क पर था तो ज्यादा मुश्किल नहीं हुई।
उन्होंने हमारा स्वागत किया और बहुत अच्छे से आवभगत की। मुझसे वो काफी समय बाद मिल रही थी तो मेरी खैर खबर ली। उन्होंने मम्मी को अपनी अपडेट भी दी कि वो जल्द ही दादी बनाने वाली हैं, उनकी बहु बच्चे की डिलीवरी के लिए 2 महीनो से पीहर गयी हुई हैं।
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