RE: bahan ki chudai ग़लत रिश्ता ( भाई बहन का )
मॉम को शायद अपनी जवानी के टाइम का कुछ याद आया और उन्होने सोनिया को घूमाकर अपने उपर खींच लिया..
यानी 69 की पोज़िशन में ...
और फिर वो माँ बेटी एक दूसरे की शहद की शीशी से रस निकाल-निकालकर चाटने लगी...
मैने भी लंड हिलाने की स्पीड तेज कर दी..
अब उन दोनो के मुँह से निकलने वाली सिसकारियां भले ही बंद हो चुकी थी पर तेज साँसे और कसमसाहट सब बयान कर रही थी
और जैसे-2 उनकी चुसाई आगे बढ़ रही थी, वैसे-2 पलंग की चरमराहट भी तेज हो रही थी...
दोनो अपनी-2 जीभ से एक दूसरे की चूत को चोदने में लगी थी..
और फिर जैसे एक सैलाब सा आया कमरे में .. और एक साथ 2-2 बाँध टूट गये...
मॉम नीचे थी, उनके चेहरे पर तो जैसे सोनिया दी की चूत से निकला झरना चल पड़ा...
और उनका पूरा चेहरा उस झरने से निकले गाड़े और चिपचिपे पानी से तरबतर हो गया..
मॉम ने अपना मुँह खोला और उस झरने का मीठा पानी पीना शुरू कर दिया...
इस उम्र में आकर ऐसा ताज़ा पानी पीना हर किसी को नसीब नही होता..
और ख़ासकर अपनी खुद की बेटी की चूत का.
वहीं दूसरी तरफ सोनिया ने तो अपना मुँह पूरा का पूरा मॉम की चूत पर चिपका सा दिया की कही एक भी बूंद बाहर ना निकल जाए...
और अपने फेले हुए होंठों की मदद से उसने मॉम की चूत को पूरा ढक कर, उसका सारा रस बड़ी ही कुशलता के साथ पी लिया...
बिना एक भी बूँद बाहर निकाले.
और दोनो ने एक दूसरे की चुतों को अच्छे से सॉफ करके ऐसा चमका दिया जैसे कुछ हुआ ही ना हो..
और फिर अपनी नंगी और प्यारी बेटी को अपने सीने से लगाकर वो बड़ी देर तक उसे प्यार भी करती रही...
और सच कहूँ दोस्तों, इस वक़्त मुझे माँ के प्यार की कमी बहुत ज़ोर से महसूस हो रही थी..
पर अंदर ही अंदर मुझे पता था की ये वाला प्यार मुझे जल्द ही मिलने वाला है.
सोनिया बड़े मज़े से मॉम के नंगे बदन से लिपट कर उन्हे सहला रही थी...
मुझे तो अब लग रहा था की वो ये बात भूल ही चुकी है की मैं अलमारी में बंद हूँ
मेरे लिए अब वहां खड़ा होना मुश्किल होता जा रहा था.
पहले तो लग रहा था की खेल ख़त्म होने के बाद मॉम नीचे चली जाएगी...
पर सोनिया ने उन्हे अपनी बातो में लगा लिया.
सोनिया : "मॉम..अगर आप बुरा ना मानो तो एक बात पूछु...''
मॉम : "ह्म्*म्म्म''
सोनिया : "आपको प्रोपर सैक्स ना किए हुए कितना टाइम हो गया...''
सोनिया की बात सुनकर मॉम ने चोंकते हुए उसे देखा.
सोनिया : "मॉम , हैरान मत होइए...मुझे पता है की आपके और पापा के बीच काफ़ी टाइम से कुछ हुआ नही है... तभी तो आप आज इतनी आसानी से अपनी बेटी के साथ ये सब करने के लिए तैयार हो गयी...''
सोनिया की बात सही थी...
मैने भी मन में सोचा की क्यो मॉम ने एक बार भी गुस्सा नही किया
माना नही किया...
अपनी ही बेटी के साथ इस तरह के रिलेशन एक माँ को शोभा नही देते.
पर वो माँ भी क्या करे जब उसे अपने पति से कोई अटेन्षन ना मिले...
और एक सभ्य परिवार की बहू होने के नाते वो बाहर किसी और के साथ संबंध भी नही बना सकती थी...
ऐसे में एक आशा की किरण उसे सोनिया ने दिखाई और वो उसकी रोशनी में पूरी नहा गयी.
मॉम : "हां ...सही कहा तुमने.... तेरे पापा को मेरी फ़िक्र ही कहा है... ऑफीस के काम के बाद वो इतना थक जाते है की इन सब बातो के लिए एनर्जी ही नही बचती...और वैसे भी, इस उम्र में आकर कुछ प्राब्लम भी हो ही जाती है, इसमें उनका भी कोई कसूर नही है...''
फिर कुछ देर रुककर वो बोली : "हम औरतों को उपर वाले ने इस तरह का बनाया है की हमारे अंदर की प्यास किसी भी उम्र में आकर भी बुझती नही है...पर हमारे समाज में इसे गंदी नज़रों से देखा जाता है...समाज के लोग लड़कियो और औरतों पर इतनी पाबंदी लगा देते है की वो अपने मन की बात ना तो किसी से कर सकती है और ना ही खुलकर जी सकती है... ऐसे में अंदर ही अंदर घुटकर जीने के सिवा कोई और चारा ही नही है..''
मॉम सही कह रही थी...
लड़को के तो मज़े होते है
वो तो कहीं भी मुँह मार लेते हैं
पर लड़कियो की चूत में अगर खुजली हो तो वो कहाँ जाए...
मॉम : "और ऐसे में अगर माँ को अपने बच्चो से वो प्यार मिले तो इसमें क्या बुरा है..''
सोनिया : "मॉम , फिर तो आप ये काम सोनू के साथ भी कर सकते हो...''
सोनिया ने बड़ी बेबाकी से अपने मन की बात मॉम को कह तो दी
पर उसके बाद मॉम के चेहरे का एक्सप्रेशन देखने लायक था...
मेरी भी हालत पतली हो गयी...
मुझे तो लग रहा था जैसे मैं भी उन्ही के सामने बैठा हूँ
और सोनिया ने मेरी सिफारिश कर दी है जिसे सुनकर मॉम गुस्सा हो गयी.
मेरी तो आँखो के सामने वो मंज़र नाचने लगा जिसमे मैं मॉम की चूत में लंड पेलकर उन्हे बुरी तरह से चोद रहा हूँ .
अब वो गुस्सा हुई या नही ये तो नही पता...
पर सोनिया की बात सुनकर वो जल्दी से उठी और उन्होने कपड़े पहनना शुरू कर दिया...
और एक मिनट में ही कपड़े पहन कर बाहर निकल गयी.
और जाते -2 वो बोली : "तुम्हे मेरे बारे में ज़्यादा सोचने की जरूरत नही है...''
और पीछे सोनिया अपने बेड पर नंगी लेटी हुई उन्हे जाते हुए देखती रह गयी.
मैं झट्ट से कूदकर अलमारी से बाहर निकला...
और भागकर सबसे पहले कमरे का दरवाजा बंद किया...
मेरा पूरा शरीर पसीने से नहा चुका था...
और फिर पलटकर मैने सोनिया दी को जैसे डांटना शुरू कर दिया
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