bahan ki chudai मेरी बहनें मेरी जिंदगी
01-25-2019, 12:52 AM,
RE: bahan ki chudai मेरी बहनें मेरी जिंदगी
"एश तुम्हारे और आरू के साथ बैठ जाएगी, बाकी हम लोग दूसरी कार से आ जाएँगे," सुप्रिया अरुण से बोली.

"ओके,"

घर को अच्छे से लॉक करके सब कार मे बैठकर कॅमपिंग के लिए चल दिए.
अरुण की कार मे रास्ते भर शांति से बातें होती रहीं. दोनो लड़कियों ने अरुण को तो इग्नोर ही कर दिया था. वैसे भी उसे खुद उनकी बातों मे इंटेरेस्ट नही था. वो लोग वही लड़कियों वाली बातें कर रहे थे जिसे सुन के अरुण थोड़ा चौका ज़रूर क्यूकी आरोही बिल्कुल एक टिपिकल टॉमबाय थी. उससे स्पोर्ट्स के बारे लाख बातें करवा लो लेकिन मेकप, लड़के, टीवी शोस इन सबमे वो पीछे ही रहती थी.

एश, एश तो इन बतो मे माहिर थी. उपर से यूएस मे वो काफ़ी ओपन हो चुकी थी तब तो उसकी बातें और बढ़ गयी थी. आरोही पर भी उसकी बातों का असर पड़ा और वो भी इन सब चीज़ो के बारें मे डिसकस कर रही थी.

अरुण सोचने लगा कि शायद आरोही एश को बुरा ना लगे इसलिए उसका इन बातों मे साथ दे रही है. और उसको बोरियत से बचाने के लिए उसे मदद करनी चाहिए.

उसने पीछे देखा तो दोनो खुसुर पुसुर करते हुए हंस रही थी. अरुण ने सिर वापस सामने कर दिया.

कुछ देर बाद वो सब पेड़ो से घिरे हुए रास्ते से अंदर घुस रहे थे तो गड्ढो के कारण कार थोड़ी उछल रही थी.

"दूध तो देख कैसे उछल रहे हैं!" आवाज़ ने खुश होते हुए कहा

"अभी नही."

"चल बे, मुझे पता है तुझे भी ये कूदते हुए दूध देखने मे मज़ा आ रहा है." आवाज़ ने कहा

बात तो ठीक थी, अरुण ने उसके बाद काफ़ी बार आरोही और एश के दूधो को ताडा.

"नाइस!"

अरुण मुस्कुरा दिया.

"अच्छा होता ना, स्नेहा भी यहाँ होती. मज़ा और बढ़ जाता." आवाज़ ने खुश होते हुए कहा

"यप."

वो लोग कॅबिन के पास पहुचे तो रोहित की गाड़ी पहले से ही खड़ी थी. कार की आवाज़ सुन के रोहित दूसरी तरफ से बाहर आया और अरुण के साथ समान निकालने लगा. आरोही एश को सब कुछ दिखाने लगी.

कॅबिन छोटा था और सिर्फ़ इसलिए था कि लड़कियो को डर लगे तो वो लोग अंदर सो सके. अंदर 2 बेडरूम थे, एक किचन और एक छोटा सा बाथरूम. कॅबिन थोड़ी उँचाई पर था जिसके नीचे नदी थी.

रोहित के डॅड और अरुण के डॅड और उन लोगो के दोस्तो ने मिलकर पत्थरो से एक छोटा सा डॅम बना रखा जिसके कारण एक तरफ हल्का गहरा पानी था जो 30 40 फीट आगे जाने पर गहरा हो जाता था और दूसरी तरफ नॉर्मल.

तब तक उसकी बहनों की कार भी आ गयी और वो लोग भी अपनी कार से समान निकालने लगे. अरुण और रोहित कुछ देर बाद जब अंदर गये तो निशा, आरोही, वग़ैरह सब बैठकर गप्पे लड़ा रहे थे. रोहित ने अरुण को कूलर से बियर की बॉटल दी और खुद के लिए भी एक निकाल ली.

"फिशिंग के लिए चले?" रोहित ने पूछा.

एश और आरोही ने तुरंत ही हां कह दी. अरुण को पता था कि आरोही तो तुरंत ही हां कह देगी लेकिन एश भी चलेगी ये जान के सर्प्राइज़ हुआ.

"पुराने शूस और पुराने कपड़े ही पहनना."

वो उसकी तरफ सवालिया नज़रो से देखने लगी. "फिश ही तो पकड़नी है कोई कुश्ती लड़नी है क्या?"

"ट्रस्ट मी. मेरे और आरोही के पास एक्सट्रा शूस हैं. और स्विमस्यूट के उपर मेरी शर्ट पहेन लेना."

वो मुस्कुरा कर आरोही के पीछे चल दी. अरुण ने रोहित की ओर देखा और फिर दोनो जल्दी से बियर गटक गये और जुते, शॉर्ट्स पहेन कर समान लेकर चल दिए.

काफ़ी देर तक वो पानी के अंदर जाकर मछली पकड़ते रहे. एश कुछ आगे बढ़ी तो फिसल कर गिर पड़ी और गिरने से बचने के चक्कर मे आरोही भी साथ मे वही गिर गयी. दोनो जब उठी तो उनकी टी-शर्ट उनके दूधो से चिपकी हुई थी. रोहित ने ये देखकर कि उन्होने नीचे ब्रा नही पहनी सीटी बजा दी.

"नाइस," उसने कहा एश को अपनी टी-शर्ट खुद से दूर खीचते हुए.

नॉर्मली उसने गुस्से से उसे देखकर चिल्लाया होता लेकिन अभी उसने एक बार हंस के देखा और हाथ से दूर भगा दिया. "सिर्फ़ बूब्स हैं, रोहित और कुछ नही."

"हां, सिर्फ़ तुम्हारे लिए," उसने चिल्ला कर कहा.

कुछ देर बाद उन लोगो ने काफ़ी फिश पकड़ ली थी. "स्विम्मिंग या रोप स्विंग के लिए कोई आएगा?" रोहित ने पूछा.

"पता नही," अरुण बोला और तभी पीछे से सभी अपने अपने स्विमस्यूट पहने हुए वहाँ आ गयीं, अरुण तो उनको इग्नोर करने की कोशिश करने लगा लेकिन रोहित तो आँख फाड़ के सबको ताड़ रहा था.

"आइ लव बिकीनिस," उसने कहा. निशा ने उसके हाथ पर मारा और बाकी सब ने उसे इग्नोर कर दिया. सभी अपने साथ चेयर लेकर आए थे जो उन्होने साइड मे बने एल शेप के डॉक पर रख दी.

"अरुण, थोड़ी देर के लिए रोहित को कंट्रोल करोगे तब तक हम लोग थोड़ा धूप को एंजाय कर ले," निशा बोली.

"अगर वो यहाँ आया तो पक्का आज पिटेगा," आरोही भी पास आकर बोली.

"ओके, गुस्से की ज़रूरत नही है, मैं ढंग से रहूँगा," रोहित अरुण के साथ कॅबिन की ओर जाते हुए बोला.

अरुण पीछे देखे बिना नही रह सका जब सबने अपने अपने टॉप्स उतारे. सभी नदी की ओर थे तो पीछे से सिर्फ़ साइडबूब्स दिख रहे थे.

"म्म्म्मेम, साइड बूब्स," आवाज़ ने कहा

अरुण को देखके आरोही ने उसके सामने ही टॉप उतारा और तुरंत ही पलटकर चेयर पर बैठ गयी.

"इसने जानबूझकर किया?" आवाज़ फिर कमेंट पास किया

"और नही तो क्या," उसने सोचा.

वो बस मुड़ने ही वाला था कि एश ने भी अपना टॉप उतार कर साइड मे डाल दिया. उसके बूब्स का साइज़ सही था, आरोही से थोड़े बड़े थे और टी-शर्ट निकालने के चक्कर मे थोड़े से हिल भी रहे थे. अरुण ने नज़रे वहाँ से हटाई और कॅबिन की ओर चल दिया.

अंदर रोहित काउच पर बियर लेकर बैठा हुआ था. अरुण भी बियर की कॅन लेकर बैठ गया और खामोशी से दोनो पीने लगी.

"फक दिस," अरुण खड़े होकर बोला. "मैने तुझे कंट्रोल करने को कहा है खुद के लिए नही."

"दट'स माइ बॉय!"

रोहित पीछे से हंसते हुए आया. "रोप स्विंग?"

"रोप स्विंग." अरुण ने जवाब दिया.

दोनो कॅबिन से निकल कर वहाँ गये जहा स्विंग बँधी थी. स्विंग उपर पेड़ से बँधी थी और उससे उपर दूसरे पेड़ से एक रस्सी से सपोर्ट था. उपर से स्विंग लेने पर नीचे 10 फीट तक की छलाँग ले सकते थे. अरुण स्विंग से होकर छलाँग लगाकर आगे कुदा. सारी लड़कियो के चेहरे अरुण के चीखते हुए सरीर की ओर मूड गये जो उनके सामने ही नदी मे गिरा. अरुण ने थोड़ा देर मे छोड़ा था तो थोड़ा घबरा कर गिरा था.

सभी लड़कियों की साँसें थम गयी थी लेकिन नॉर्मल हो गयी जब अरुण पानी से बाहर निकला. स्नेहा नंगी ही अपने दूध हिलाते हुए डॉक के पास गयी और झुककर उसे देखने लगी. 

"यू ओके बेबी?" उसने हंसते हुए पूछा.

"यॅ, आइ'ल्ल बी."

अरुण को देखकर एश और निशा अपने दूध छिपा रही थी लेकिन अरुण ने उनकी ओर नही देखा. वो दूसरी तरफ गया और आराम से लेट गया. कुछ देर बाद रोहित बिल्कुल ढंग से पानी मे छपाक से कुदा. वो तैरते हुए अरुण की ओर गया.

कुछ देर तक जब रोहित उपर नही आया तो अरुण ने उसकी ओर देखा.

"क्या हुआ?" 

रोहित ने कोई जवाब नही दिया और ना ही उपर आया. लड़कियों ने भी अपने दूध छिपाना छोड़ दिया था.

"अरे उन लोगो ने पहले भी हम लोगो को ऐसे देखा है," आरोही ने एश से कहा. ठंडी हवा के कारण उसके निपल बिल्कुल सख़्त हो गये थे.

निशा ने एश की ओर देखा और अपने हाथ हटा दिए. "ट्रू एनफ,"

"तुम लोगो ने साल भर किया क्या है?" एश ने हंसते हुए पूछा.

सभी लड़कियाँ हंस पड़ी.

"अभी कुछ ही दिन पहले हम ने घर पर एक पार्टी रखी थी," सोनिया बोली.

"पार्टी?" अरुण ने नाटक करते हुए कहा.

सभी बहने उसकी ओर देखने लगी. "हां, आक्सिडेंट से थोड़ा ही पहले," सुप्रिया बोली.

"एनीवे, स्विम्मिंग पार्टी थी. उसके बाद हम सब ने आल्कोहॉल वग़ैरह लिया और मस्ती मे हॉट टब मे नंगे होकर ट्रूथ आंड डेर खेला."

"आइडिया, दोबारा खेलते हैं." रोहित पानी से निकलते हुए बोला.

"रोहित, बेशर्म फिर से!" निशा ने अपने भाई को नंगे ही पानी से निकलते देखा तो चिल्लाने लगी.

अरुण ने उसकी तरफ देखा तो उसने कंधे उचका दिया.

"अरे यार शॉर्ट्स को ढंग से कसना भूल गया था," वो कॅबिन की ओर जाते हुए बोला.

"हां, जानबूझकर.." निशा चिल्लाई.

ऐसे ही दिन भर मस्ती करते हुए शाम हो गयी. शाम को कॅबिन से थोड़ी दूर खुली जगह पर उन्होने बॉन्फियर जलाई और उसके चारो ओर बैठ गये.

"हंग्री?" निशा ने अरुण से पूछा और उसे सॅंडविच दे दिया.

"यप," अरुण ने सॅंडविच का बाइट लेते हुए कहा. "थॅंक्स,"

"तो अभी रात मे क्या करना है?" आरोही ने पास बैठते हुए पूछा.

"ट्रूथ ऑर डरे सही लग रहा था," एश ने कहा.

रोहित ने आँखें घुमा दी. "मेरे लिए तो बढ़िया ही है, तुम मे से किसी के सुंदर बूब्स तब भी देखने को मिलेंगे."

सभी ने उसे गुस्से से देखा फिर अपनी बातों मे लग गये.

"ऑलराइट, लेट्स स्टार्ट. एश, ट्रूथ ऑर डेर." स्नेहा ने कहा.

"मैं." एश चौंक कर बोली. "उम,,ट्रूथ आइ गेस."

स्नेहा ने मुस्कुरा कर उसे देखा. "ओके, तो यूएस मे क्या हुआ था."

अरुण तुरंत ही बीच मे बोल पड़ा. "दी?" 

एश ने सिर हिलाकर उसे मना कर दिया. "इट्स ओके, अरुण. बताना तो पड़ेगा ही कभी ना कभी. ऐसा भी नही मुझे उससे ज़्यादा फ़र्क़ पड़ता है, इट वाज़ आ पार्ट ऑफ माइ लाइफ."

"ओह, आइ'म सॉरी, एश. मुझे नही पता था कि ये थोड़ा सीरीयस टॉपिक है. मैं कुछ और पूछ लेती हूँ."

"इट्स ओके, दी. उपर से ये बातें मन से निकल जाए तो अच्छा ही है."

अरुण को छोड़ कर बाकी सब उसे क्यूर्षसिटी से देख रहे थे.

एश कुछ देर के लिए खामोश रही. "वेल, तो मैं यहाँ से सीधे यूएस गयी. मेरा और अरुण का ब्रेकप हो गया था पहले ही लेकिन फिर भी वहाँ मैं काफ़ी अकेला महसूस कर रही थी." उसने अपनी बियर का सीप लेते हुए कहा.

"वहाँ मैं शॉन से मिली जो मेरी ही क्लास मे था. टिपिकल आउटगोयिंग गाइ, वही लंबे बाल, सरफर था जैसा कि उसने मुझे बताया. मेरे साथ बड़े प्यार से पेश आता था और इसी के चलते हम दोनो कपल बन गये. कुछ ही दिनो बाद वो मुझे मेरे हॉस्टिल तक छोड़ने आने लगा और एक दिन उसने डॅन्स के लिए पूछा मुझसे." उसने अरुण की ओर देखा तो वो एकटक आग मे देख रहा था.

"हम लोगो ने डेटिंग स्टार्ट कर दी, और मैने सोचा कि अगर मैं कॉलेज मे हूँ तो यही वक़्त है अपनी वर्जिनिटी किसी को देने का, तो एक दिन हम दोनो उसके अपार्टमेंट मे किस्सिंग कर रहे थे और एक चीज़ से दूसरी चीज़ होती गयी और मैं वर्जिन नही रही. आंड टू टेल यू ट्रूथ, ही वाज़ काइंड आंड जेंटल देयर. उसके बाद कुछ दिनो तक सब नॉर्मल रहा. सेक्स वाज़ ओके वैसा नही जैसा पॉर्न या बुक्स मे होता है. उसके बाद वो मुझसे बीच बीच मे अजीब अजीब चीज़े पूछने लगा."

"जैसे?" निशा बोली.

"क्या मैं लड़कियों को पसंद करती हूँ, थ्रीसम करूँगी, क्या कभी मैने किसी लड़की को किस किया है या उसके साथ किसी और लड़के के साथ सेक्स के बारे मे सोचा है? मुझे नही लगा था कि वो मुझसे थ्रीसम के लिए पूछेगा, मुझे लगा कि वो बस ऐसे ही पूछ रहा है. लेकिन बाद मे उसने मुझे एक और लड़की के साथ सेक्स के लिए कन्विन्स कर लिया."

एश ने रुककर अपनी बियर से सीप लिया और स्नेहा की ओर देखने लगी. "वैसे कितनी डीटेल मे बताऊ?"

स्नेहा की आँखो मे हल्का हल्का नशा था, उसने एश की ओर देखा. "जितना तुम चाहो."

अरुण बस नीचे ही देख रहा था.

"यू ओके?" एश ने उससे पूछा.

उसने स्माइल के साथ उसे देखा. "आइ'म गुड,"

"तो जो लड़की वो लेकर आया वो सही मे हॉट थी. इनफॅक्ट टू टेल दा ट्रूथ मैने सोचा था लड़कियों के बारे मे. मुझे लगता है सभी एक ना एक टाइम दूसरी लड़कियों के बारे मे सोचते हैं. उसके बूब्स काफ़ी अच्छे थे. वो भी मेरी ही क्लास मे थी. एक रात एक बार मे वो उसे मिली तो उसने उससे कुछ देर बाद सीधे पूछ लिया था ये बताने के बाद कि उसकी एक गर्लफ्रेंड भी है. वो लड़की भी मान गयी. अगले दिन हम दोनो ने उसे अपने अपार्टमेंट पर इन्वाइट किया, कुछ आल्कोहॉल के बाद हम तीनो बेडरूम मे चले गये. वो शुरुआत मे मेरी ही तरह नर्वस थी. शॉन ने म्यूज़िक लगा दिया और हम लोग साथ मे धीरे धीरे डॅन्स करने लगे. उस लड़की ने पहले मुझे किस किया और सच मे इट वाज़ एलेक्ट्रिक. मुझे उसी वक़्त पता लग गया कि मैं उसे पसंद करने लगी हूँ और उसके बाद हम दोनो ने शॉन को बिल्कुल इग्नोर कर दिया. हम दोनो एक दूसरे की बॉडी से कुछ ज़्यादा ही अट्रॅक्टेड थे."

उसने सबकी ओर देखा तो सब उसकी ओर घूर कर देख रहे थे. उसने हंसकर अपना गला सॉफ किया.

"हम दोनो ने एक दूसरे के साथ काफ़ी कुछ किया लेकिन फिर भी हम दोनो ने बाद मे शॉन के साथ भी सेक्स को एंजाय किया. लेकिन वो एक साथ दो लड़कियों को सॅटिस्फाइ करने मे असमर्थ था तो हम दोनो ही एक दूसरे का सहारा थे. अगले दिन उसने मुझे अपना नंबर दिया और फिर हम दोनो काफ़ी मिलने लगे. उसका नाम जेसी था. अगर मैं उस टाइम शॉन के साथ डेटिंग नही कर रही होती, आइ विश, तो पक्का उसी के साथ होती. उसके बाद शॉन ने और लड़किया लाने के बारे मे पूछना भी शुरू कर दिया. मुझे भी इसमे कोई दिक्कत नही दिखी, मैं भी जेसी के अलावा किसी दूसरे के साथ ट्राइ करना चाहती थी. बाद मे उसने मुझे अपने दोस्त को शामिल करने के लिए भी कन्विन्स कर लिया. और अगले दिन उसका दोस्त भी आया. आंड इट वाज़ फन और मुझे उसके साथ शॉन से ज़्यादा मज़ा आया लेकिन मैं उसके साथ फेतफुल रहना चाहती थी तो उसी के साथ रही.

"अब तक मैने क्लासस लेनी भी बंद कर दी थी, और दिन भर बस मैं नये नये लड़को के साथ सेक्स ही करती रहती. बाद मे मैने उन सबके बारे मे शॉन को बताना भी छोड़ दिया. फिर हम लोगो ने ग्रूप सेक्स एंजाय करना भी शुरू कर दिया. मैने अनल, ब्लोवजोब जो कुछ होता है सब कुछ ट्राइ किया. और मुझे इसका कोई रिग्रेट भी नही है, आइ सिंपल एंजाय्ड इट. बस एक बात का दुख है कि मैने ये सब चीज़े उस सुअर के साथ की, अगर मैने ये सब अरुण या अरुण की तरह किसी समझदार इंसान के साथ की होती तो वो गिल्ट भी नही होता."

"खैर, एक रात, सेमेस्टर ख़त्म ही हुआ था तो हम लोग पार्टी मे गये. मैं एक बहुत सी रिवीलिंग ड्रेस पहेन कर गयी. पार्टी के बीच मे काफ़ी कुछ होने लगा वहाँ लाइक सेक्स रिलेटेड. उसने मुझे सबके सामने ही ब्लोवजोब के लिए कहा तो मैं मान गयी. उसके बाद वो दूसरी लड़की पर लाइन मारने लगा और कुछ देर बाद मैने उसे काउच पर उसी के साथ सेक्स करते हुए पाया. मुझे भी इस बात से ज़्यादा फ़र्क़ नही पड़ा. मैने काफ़ी स्कॉच पी और होश खो बैठी. कुछ घंटे बाद जब मैं जागी तो एक लड़के का..वो..पेनिस मेरे मूह मे था, और दूसरे के उपर मैं बैठी थी, तीसरा मेरे पीछे था. और भी 2 3 लड़के थे जो वही नंगे खड़े हुए थे. उसके बाद जब मेरी आँख खुली तो वहाँ वो लोग सोते हुए पड़े थे. मेरे जो भी कपड़े बचे थे, जो कि सिर्फ़ ब्रा और पैंटी थी मैने पहने और वैसी ही हालत मे अपने अपार्टमेंट आई."

वो ये कहते वक़्त नीचे देखने लगी और एक आसू उसकी आँख से निकलकर गाल पर आ गया.

"मैने पूरे रास्ते कुछ नही सोचा. अपार्टमेंट जस्ट कॅंपस से लगा ही हुआ था तो जल्दी से रूम मे पहूचकर मैं शवर के नीचे बैठ गयी और फिर मैने रोना शुरू किया जैसे उसके पहले कभी रोई ही नही थी. मैने दूसरे दिन ही डॅड को फोन करके कह दिया कि मैं वापस आ रही हूँ, तब उन्होने मुझे बताया कि उनका और मोम का डाइवोर्स हो गया है. उसके बाद तो मेरा रुकने का सवाल ही नही उठता था." ये कहकर वो शांत हो गयी.
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