bahan ki chudai मेरी बहनें मेरी जिंदगी
01-25-2019, 12:58 AM,
RE: bahan ki chudai मेरी बहनें मेरी जिंदगी
"दी को बता दो कि मैं ठीक हूँ. मेरा फोन तो कार मे ही था," आरोही बोली.

अरुण ने अपना फोन निकाल लिया और मेसेज टाइप करने लगा. "शी'स ओके! पैर मे फ्रॅक्चर है, एक दो कट्स हैं, आराम से आना."

"थॅंक गॉड!" उधर से रिप्लाइ आया.

वापस फोन रखके अरुण उसका हाथ पकड़े बैठा रहा.

"मुझे कितनी टेन्षन हो रही थी, पता है," वो बोला.

वो मुस्कुरा दी. "आइ नो. सॉरी."

अरुण तभी पास से चेयर ले आया और उसके पास बैठ गया. "तो हुआ क्या?"

आरोही का चेहरा उतर गया और वो नीचे देखने लगी. "वो-" वो बोलते बोलते रुक गयी. फिर एक गहरी साँस लेकर उसे देखा. "वही लड़का था."

अरुण का चेहरा सख़्त हो गया और हाथो मे मुट्ठी बन गयी.

"मैं रिया के घर से आ रही थी. मैं स्टेशन पर फ़्यूल डलवाया. और जब वापस रोड पर आई तो मैने नोटीस किया कि कोई मेरा पीछा कर रहा है. मैने स्पीड थोड़ी धीमी की तो मेरे पास ही आ गया. मैने साइड मे देखा तो कार मे वो ही था. उसकी आँखो मे वही गुस्सा था. और फिर उसने अपनी कार को मेरी कार से भिड़ा दिया."

"उसके बाद काफ़ी कुछ धुधला है. मुझे याद है कि कोई इनस्पेक्टर था और आंब्युलेन्स मे मुझे भेजा. अगली बात जो अच्छे तरीके से याद है वो ये कि मैं यहाँ बैठी हूँ और नर्स मेरे साथ ये सब कुछ कर रही हैं. कोई अन्द्रुनि चोट नही है, मुझे ये पता है. एक दो चेकप और एक्स रे हुए हैं. अभी मैने किसी को कोडिंग के बारे मे चीखते हुए सुना. और उसके बाद मैने तुम्हारी आवाज़ सुनी."

अरुण ने सिर हिला दिया. "तुम टेन्षन मत लो, मैं सब संभाल लूँगा,"

आरोही सिर हिलाने लगी. "अरुण, पोलीस को ही सब देखने दो,". तो अरुण थोड़ा शांत हुआ.

"कुछ चाहिए?" उसने पूछा.

"आइ'म ओके..बस थोड़ा दर्द है."

"पेनकिलर दी गयी?"

"हां."

तभी पीछे से एक नर्स आई. "आप इनके साथ हैं?"

अरुण ने हां कह दिया.

"मैं बस एक दो चेकप और कर लूँ फिर आप लोग जा सकते हैं."

वो नर्स उसके गाल को सॉफ करके उसका इलाज़ करने लगी. उसे गुस्सा तो काफ़ी आ रही थी जिसकी वजह से ये हुआ लेकिन वो गुस्से को दबाए बैठ था.

अरुण बाहर जाने ही वाला था कि उसे हॉल मे जानी पहचानी आवाज़ें सुनाई पड़ी.

"मैं किसी नर्स से पूछती हूँ," सोनिया बोली.

अरुण ने परदा हटाया और बुलाने लगा. "यहाँ,"

सोनिया, सुप्रिया और स्नेहा तीनो जल्दी से वहाँ आ गयी. सुप्रिया और सोनिया रोने लगे थे हल्के से. लेकिन तीनो के चेहरे पर मुस्कान आ गयी उसे देख कर. अरुण थोड़ा हट गया तो तीनो आरोही को गले लगाने लगी.

"मैने कहा था कि ठीक होगी,"

"हां हां," अरुण ने सोचा.

अरुण की तरह वो लोग भी उससे वही क्वेस्चन पूछ रही थी. क्या हुआ? कुछ चाहिए?

"किसने किया ये?" स्नेहा ने पूछा.

आरोही चुप होके अरुण की ओर देखने लगी.

अरुण ने सिर हिला दिया. कुछ देर बाद उसने अपनी बहनों की ओर देखा और कहा. "रॉकी था."

स्नेहा अपना सिर हिलाने लगी, उसे समझ नही आया कि वो किसकी बात कर रहा है.

"वही जिसने मेरी कार पे गोली मारी थी, और जिससे उस क्लब मेरी लड़ाई हुई थी, जिसने सोनिया के साथ ज़बरदस्ती करने की कोशिश करी थी."

"फक," आवाज़ तुरंत ही बोली, उसे कुछ याद आ गया था जो अरुण के होश से बाहर था.

सोनिया एक दम उसकी ओर देखने लगी. "भाई..."

अरुण उसकी ओर देखने लगा.

"आपने कहा था कि आपको कुछ याद नही है."

अरुण का चेहरा लाल पड़ने लगा और बस एक ही ख़याल उसके मन मे आने लगा. "फक,"

वो खड़े होकर अपने हाथ आगे करने लगा. "सोनिया.."

"तुम्हारी याददाश्त वापस आ गयी?"

"सोनिया..मेरी बात सुन.."

"तुम्हारी याददाश्त वापस आ गयी?" सोनिया तेज़ी से चीखी.

अरुण शांत हो गया.

"सोनिया, गुस्सा मत कर..अरुण बस सबके साथ.." आरोही ने बोलना शुरू किया.

"डॉन'ट." सोनिया का चेहरा गुस्से से तमतमा रहा था. उसने आरोही की तरफ उंगली कर दी. "तुम कुछ मत बोलो."

वो वापस अरुण की तरफ गुस्से से देखने लगी. "कब से?"

अरुण अपना सिर हिलाने लगा. "सोनिया,"

सोनिया का चेहरा वैसा का वैसा ही रहा. "मैने पूछा कब्से?"

अरुण नीचे देखने लगा. कुछ देर की खामोसी के बाद उसने बोलना शुरू किया. "मेरी बात तो सुनो."

"कब से?" सोनिया गुस्से मे विफर्ते हुए बोली.

कुछ सेकेंड्स तक चुप रहने के बाद अरुण बोला. "जिस रात मैं दूसरी बार एश के साथ डेट पर गया था."

सोनिया के चेहरे पर दर्द और गुस्से के भाव उभर आए.

सुप्रिया और स्नेहा चुप ही थे.

आरोही ने बोलने की कोशिश की तो दोबारा सोनिया ने गुस्से से उसे देखा.

काफ़ी देर तक शांति रही.

"तुम्हे पता भी है कि मैं कितनी परेशान थी तुम्हारी याददाश्त की वजह से? तुम इतनी बड़ी बात मुझसे छुपाने के बारे मे सोच भी कैसे सकते हो? हाउ डेर यू भाई."

उसकी आँखो से आँसू गिरने लगे.

"सोनिया, प्लीज़!"

वो आरोही की तरफ मदद के लिए देखने लगा. 

तभी सोनिया एक दम से आगे बढ़ी और अपना हाथ आगे बढ़ाते हुए एक थप्पड़ उसके गाल पर जड़ दिया.

चट की आवाज़ पूरे हॉल मे गूँज़ गयी और अरुण के चेहरा दूसरी तरफ मूड गया. उसे लगा जैसे उसका गाल जलते तवे से छू गया हो.

सोनिया ने पर्दे साइड मे किए और गुस्से से बाहर चली गयी.

अरुण कुछ देर अपने गाल पर हाथ रखे रहा फिर नीचे कर दिया. "आइ डिज़र्व्ड दट," वो बोला.

फिरसे वहाँ शांति छा गयी. अरुण फिर खड़ा हुआ. "मैं बाथरूम जा रहा हूँ," वो बाहर जाते हुए बोला.

"आउच..काफ़ी तेज मारा यार." आवाज़ बोली.

"थॅंक्स फॉर टेल्लिंग मी."

अरुण हॉल से निकलकर बाथरूम की ओर गया. वहाँ उसने गाल पर देखा तो गाल लाल हो गया था और आराम से पाँच उंगलियाँ गाल पर दिख रही थी. वो फिर वहाँ से फ्रेश होकर निकला तो सोनिया और सुप्रिया पोलीस के पास खड़ी थी. अरुण जब तक पहुचा तब तक इनस्पेक्टर अपनी बात ख़तम कर चुके थे.

"....और वो वही मर गया."

अरुण सोनिया के साथ खड़ा हुआ जिसने उसे इग्नोर कर दिया.

"क्या हुआ?" अरुण ने पूछा.

सोनिया तो दूसरी तरफ देखने लगी लेकिन सुप्रिया बोल पड़ी. "रॉकी'स डेड, ये मेरा भाई है." उसने इनस्पेक्टर को बताया.

इनस्पेक्टर ने सिर हिला दिया. "जहाँ तक हम लोगो को पता है कि उसने तुम्हारी बहेन पर हमला किया था. उसने सही वक़्त पर ब्रेक लगा लिए नही तो काफ़ी नुकसान हो जाता. वो कुछ ज़्यादा ही स्पीड से मुड़ा था तो आगे जाके कार पलटी और उसका सिर टकराने से वही मर गया."

अरुण बिल्कुल सन्न रह गया.

"तुम्हारी बहेन कैसी है अब?" इनस्पेक्टर ने पूछा.

"सही है. पैर मे फ्रॅक्चर है और चेहरे पर कट है," सुप्रिया बोली. "आप ही वहाँ पहले पहुचे थे?"

इनस्पेक्टर ने सिर हिला दिया.

"थॅंक यू सर," अरुण ने अपना हाथ आगे बढ़ाते हुए कहा. इनस्पेक्टर ने उसका हाथ मिलाया और फिर पलटकर चला गया.

"ओये हिलना मत, साँस भी मत लेना. शायद यहीं माफ़ कर दे."

"सोनी.." अरुण ने कहा.

उसने उसे इग्नोर कर दिया और दूर जाके सीट पर बैठ गयी.

अरुण ने काफ़ी कोशिश की लेकिन कोई फ़ायदा नही हुआ. आख़िरकार वो वहाँ से अंदर गया और आरोही से मिलने लगा. सुप्रिया और स्नेहा वहाँ से निकल रही थी.

"वो टाँके लगा रहे हैं, जब हो जाएगा हमे बता देंगे," स्नेहा बोली.

"सोनिया कैसी है?" सुप्रिया ने पूछा.

"अभी भी नाराज़ है."

दोनो उसे देखने लगे. "हम लोगो से भी उतनी ही नाराज़ होगी, आइ बेट." स्नेहा बोली. 

अरुण एक लंबी साँस लेकर बाहर चला गया. वो लोग जाके सोनिया के पास बैठ गया. अरुण के बहुत कहने पर स्नेहा और सोनिया घर चले गये.

"आप एक बार डॉक्टर से मिल लीजिए फिर आप लोग जा सकते हैं," नर्स बोली.

इस बार जब अरुण अंदर गया तो आरोही के गाल पर दूसरा बॅंडेज था. वो जाके पास मे बैठ गया.

"तो कैसी है हमारी प्यारी, स्वीट सोनिया?" आरोही ने पूछा.

"गुस्से मे." अरुण मायूसी से बोला.

"अरुण, आइ'म श्योर कि मुझ पर भी वो उतना ही गुस्सा होगी. वो सोच रही होगी कि कम से कम मुझे तो उसे ये बात बतानी ही थी.

अरुण सिर हिलाने लगा. "मेबी."

"मैने भी उससे झूठ बोला हमारा सीक्रेट रखने के लिए," आरोही बोली.

"मेरा सीक्रेट," उसने ठीक करते हुए कहा.

"अगर हम दोनो झूठ बोल रहे थे तो हमारा सीक्रेट हुआ."

"ओके. ओके. लेकिन कुछ तो करना ही पड़ेगा."

आरोही एक लंबी आह भरके उसे देखने लगी.

अरुण ने उसे देखा तो वो भी उसे देखने लगी. "व्हाट?" आरोही ने पूछा. "अब ऐसा भी नही था कि हम लोग उसे परेशान करने के लिए ये बात छुपा रहे थे. अब ये भी है कि वो खुद इस बात को भूलना चाहती है कि नही. मैं ये नही कह रही की जो हम ने किया वो बिल्कुल ठीक किया लेकिन इतनी बड़ी बात भी नही है यार."

"फर्स्ट, ये ठीक नही था और सेकेंड ये उसके लिए बड़ी बात है." अरुण ने कहा.

"आइ गेस." आरोही बोली.

काफ़ी देर तक फिर वहाँ खामोशी छाई रही. आधे घंटे बाद आरोही को रिलीस कर दिया गया. अरुण और सुप्रिया ने पेमेंट करी फिर आराम से आरोही को कार मे बिठाया और सुप्रिया आगे बैठ गयी और वो लोग घर की ओर चलने लगे.

"अरे हां," अरुण गाड़ी चलाते हुए बोला. "000000 आगे जाके ही मर गया. उसकी कार बॅरियर से टकरा कर पलट गयी और उसके चलते उसके सिर मे चोट लग गयी थी."

आरोही कुछ पल कुछ नही बोली. "मैं...उः..वाउ," उसने कहा. उसके चेहरे पर एक ख़ुसी भी थी और फिर एक अजीब सा चेहरा बना लिया.

"आरू, इट्स ओके. वो था इस लायक. उसने मेरी जान लेने की कोशिश की, तुम्हारी और रोहित की भी साथ मे..."

आरोही हां मे सिर हिलाने लगी. "आइ नो. बट.."

अरुण और सुप्रिया ने उसे प्यार से देखा. "स्वीटी अगर तुम खुस हो कि वो मार गया तो इससे तुम बुरे इंसान नही बन जाते. यही बात प्रूव करती है कि तुम अच्छे इंसान हो कि ये सोचकर तुम्हे दुख हो रहा है." सुप्रिया उसे समझाते हुए बोली.

बाकी के रास्ते सभी खामोशी की आवाज़ सुनते रहे.

घर पहूचकर सब उतरे. अरुण ने आरोही की मदद करते हुए उसे हॉल मे सोफे पर बिठा दिया. पप्पीस वही थे और आरोही को देख कर कुन..कुन करते हुए चाटने लगे.

उसने इधर उधर देखा तो सिर्फ़ स्नेहा थी. "दी, क्या हुआ?" 

"अपने रूम मे है, जबसे हम लोग आए हैं. डोर लॉक कर लिया है."

"कम ऑन, तुम सोने चलो," सुप्रिया आरोही से बोली.

तीनो उसे उसके कमरे मे ले गये और बेड पर लिटा दिया. जब सब को तस्सली हो गयी कि उसे और किसी चीज़ की ज़रूरत नही है तो सब नीचे आ गये. अरुण बाहर आकर सोनिया के रूम के बाहर रुका. अंदर लाइट्स बंद थी. वो नीचे गया और पानी पीने लगा.

"आज तो कुछ नही हो सकता," उसने सोचा और उपर जाने लगा.
Reply


Messages In This Thread
RE: bahan ki chudai मेरी बहनें मेरी जिंदगी - by sexstories - 01-25-2019, 12:58 AM

Possibly Related Threads…
Thread Author Replies Views Last Post
  बाप का माल {मेरी gf बन गयी मेरी बाप की wife.} sexstories 72 7,794 Yesterday, 01:31 PM
Last Post: sexstories
  Incest Maa beta se pati patni (completed) sexstories 35 5,507 Yesterday, 01:04 PM
Last Post: sexstories
  Thriller Sex Kahani - मोड़... जिंदगी के sexstories 21 17,370 06-22-2024, 11:12 PM
Last Post: sexstories
  Incest Sex kahani - Masoom Larki sexstories 12 8,393 06-22-2024, 10:40 PM
Last Post: sexstories
Wink Antarvasnasex Ek Aam si Larki sexstories 29 5,742 06-22-2024, 10:33 PM
Last Post: sexstories
  Raj sharma stories चूतो का मेला sexstories 201 3,762,592 02-09-2024, 12:46 PM
Last Post: lovelylover
  Mera Nikah Meri Kajin Ke Saath desiaks 61 578,234 12-09-2023, 01:46 PM
Last Post: aamirhydkhan
Thumbs Up Desi Porn Stories नेहा और उसका शैतान दिमाग desiaks 94 1,346,446 11-29-2023, 07:42 AM
Last Post: Ranu
Star Antarvasna xi - झूठी शादी और सच्ची हवस desiaks 54 1,030,731 11-13-2023, 03:20 PM
Last Post: Harish68
Thumbs Up Hindi Antarvasna - एक कायर भाई desiaks 134 1,809,501 11-12-2023, 02:58 PM
Last Post: Harish68



Users browsing this thread: 11 Guest(s)