RE: bahan sex kahani दो भाई दो बहन
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गतान्क से आगे.............
रोमा की साँसे रुकने लगी थी, उसने अपने मुँह से धुआँ को बाहर
फैंका और खाँसते खाँसते ताज़ा हवा अंदर लेने लगी.
इसी तरह सिग्रेट के कई दौर चले. हर बार रिया यही क्रिया
दोहराने लगी. और हर बार उसका चूँबन पहले से कहीं लंबा होता
था. थोड़े ही देर मे चारों को थोड़ा थोड़ा नशा होने लगा.
अब चारों आपस मे हँसी मज़ाक कर रहे थे. जब भी रोमा ने राज की
ओर देखा तो उसने उसे ही घूरते पाया. जब राज ने उसकी ओर देख कर
मुस्कुराया तो मन खुशी से उछल पड़ा उसे लगा कि राज ने उसे माफ़
कर दिया है.
कुछ घंटे बाद सभी ने घर जाने की सोची. राज और जय सामान उठा
जय की गाड़ी की और बढ़ गये. रोमा और रिया उन दोनो के पीछे
पीछे चलने लगी. रिया ने राज और रोमा को गले लगाते हुए विदा ली
और जय के साथ गाड़ी मे बैठ चली गयी.
"आज तो बहोत मज़ा आया है...ना." रोमा ने कहा.
"हां आया तो...." राज ने धीरे से कहा.
शर्म और लाज की एक भारी दीवार थी दोनो के बीच. दोनो नही
चाहते थे कि रात जल्दी ख़त्म हो. पर पहला कदम कौन बढ़ाएगा
यही ख़याल था दोनो के मन मे. दोनो घर के दरवाज़े पर पहुँचे
और दोनो ही घर का दरवाज़ा खोलने बढ़े तो दोनो के हाथ टकरा गये.
"मुझे माफ़ कर देना राज...." रोमा ने अपना हाथ पीछे खींचते हुए
कहा, "और हां पिछली सभी बातो के लिए भी." ना जाने किस
भावना मे रोमा कह उठी.
राज के ज़ज्बात फिर जाग उठे. "में तुमसे बहोत प्यार करता हूँ
रोमा."
राज की बात सुनकर उसकी आँखो मे आँसू आ गये, अपने चेहरे को अपने
कंधे पर झुका उसने मुस्कुरा कर कहा, "सच राज.... में भी तुमसे
बहोत प्यार करती हूँ."
प्यार की लौ मे दोनो एक दूसरे की ओर बढ़े और उनके होंठ आपस मे
एक हो गये. दोनो के बदन एक अंजानी खुशी मे काँप रहे थे. रोमा
के होठों को थोड़ी देर चूमने के बाद राज उससे अलग हुआ तो दोनो एक
दूसरे को देखने लगे. एक अंजानी खुशी दोनो के मन मे समाई हुई
थी.
रोमा खुशी मे अपने नीचले होठों को दांतो से चबा ज़मीन की ओर
देख रही थी, ज़मीन की ओर देखते हुए उसकी निगाह राज की जाँघो पर
गयी तो उसने देखा कि वहाँ एक तंबू सा बना हुआ था. उसका खड़ा
लंड यही कह रहा था कि वो भी उसे उतना ही पाना चाहता है जितना
कि वो उसे पाना चाहती थी.
राज ने रोमा की तोड़ी पकड़ उसके चेहरे को उठाया, रोमा ने अपनी
आँखे बंद कर ली और राज ने अपने होंठ उसकी होंठो पर रख दिए.
उसके होठों को चूस्ते चूस्ते उसने अपनी जीभ रोमा के मुँह मे डाल
दी. रोमा ने भी अपना मुँह खोला और अपनी जीभ राज की जीभ से मिला
दी.
"म्म्म्मम कब से तरश रही थी में इस समय के लिए' सोचते हुए रोमा
राज की जीब को जोरों से चूसने लगी. ना जाने कितनी देर तक दो प्रेमी
ऐसे ही एक दूसरे को चूमते रहे.
राज ने रोमा को चूमते हुए जोरों से अपनी बाहों मे भींच लिया. उसकी
नाज़ुक चुचियों उसकी छाती मे धँस गयी. राज ने अपने हाथ रोमा के
चूतदो पर रखे और ज़ोर से उसे अपनी बाहों मे भीच लिया. रोमा
ने भी उसकी पीठ पर अपनी पंजों की पकड़ को कसते हुए अपने शरीर
को उसके शरीर से चिपका दिया. उसकी चूत राज के खड़े लंड से टकरा
रही थी.
ना जाने कितनी बार और कितने रूप मे दोनो ये सपना देखा था और आज
वो सपना पूरा हो रहा था एक अलग ही अंदाज़ मे.
"में कब्से तरस रही थी तुम्हारी इन मजबूत बाहों मे आने के
लिए." रोमा राज को चूमते हुए फुसफुसाते हुए बोली.
"तुम नही जानती रोमा मेने भी कितनी रातें तुम्हारे ही सपने
देखते हुए बिताई है." राज उसे जोरों से भींचते हुए बोला, "क्या
में तुम्हे छू सकता हूँ?"
"हाँ राज मुझे छुओ मुझे मस्लो मुझे प्यार करो, कब से तरस रही
हूँ में तुम्हारे प्यार के लिए." रोमा अपने प्यार का इज़हार करते हुए
बोली.
राज ने अपना हाथ उसके टॉप के नीचे से अंदर डाला और उसकी मुलायम
चुचि को पकड़ लिया. उसने उसके खड़े निपल को अपनी उंगली और
अंगूठे मे लिया और धीरे धीरे मसल्ने लगा.
जैसे ही राज उसकी चुचि की घुंडी को मसलता रोमा काम विभूर हो
उसे जोरों से चूम लेती. अपनी जीब को उसके मुँह चारों ओर घूमाति,
उसके नाख़ून उसकी पीठ पर गढ़ जाते.
रोमा को महसूस होता कि राज का खड़ा लंड उसकी चूत को कपड़ों के
उपर से टटोल रहा. वो अपनी जाँघो को और उसकी जाँघो से सटा देती.
राज ने अब अपना दूसरा हाथ भी उसकी दूसरी चुचि पर रख दिया.
उसकी दोनो चुचियों को पकड़ अपनी ओर खींचते हुए वो उन्हे मसल्ने
लगा. रोमा के मुँह से हल्की सी सिसकारी फूटने लगी. उसकी चूत
उत्तेजना मे गीली हो चुकी थी.
"ऑश राअज........." रोमा से अब सहन नही हो रहा था. उसकी चूत
मे आग लगी हुई थी. उसने अपने काँपते हाथ राज की जीन्स के बटन की
और बढ़े और खोलने लगे. फिर उसने उसकी ज़िप को नीचे खिसकाया और
उसकी अंडरवेर मे हाथ डाल अपना हाथ राज के गरम लंड पर रख दिया.
"ओह........" लंड की गरमाहट पा उसकी चूत और सुलग उठी.
"ऑश राज कितना अच्छा लग रहा है." कहकर वो अपनी उंगलियाँ राज के
लंड पर उपर से नीचे फिराने लगी. उसे महसूस हुआ कि राज का लंड
और तनता जा रहा है साथ ही और लंबा भी हो रहा था. उसकी मोटाई
को मापते हुए उसने अपनी हथेली लंड के चारों ओर जाकड़ ली. फिर
नीचे की ओर करते हुए उसकी गोलियाँ से खेलने लगी. कभी एक गोलाई
को ले भींचती तो कभी दूसरी को.
राज के हाथ उसकी चुचियों से होते हुए उसकी शॉर्ट्स के बटन पर
पहुँचे. उसने बटन को खोला और फिर ज़िप को नीचे किया. उसने अपने
हाथ उसकी पॅंटी के एल्सास्तिक मे फँसा शॉर्ट और पॅंटी को नीचे
खिसका दिया.
रोमा ने अपनी शॉर्ट और पॅंटी अपने पैरों से अलग कर निकाल दी. राज
अब उसकी गांद को अपने हाथों मे भर मसल रहा था फिर वह अपनी
हथेली को उसकी चूत पर रख दबाने लगा.
"ओह राआआअज ओह आआआः." रोमा सिसकते हुए उसके लंड
को और जोरों से भींचने लगी.
राज ने अपनी उंगलियों से उसकी चूत को खोला और अपनी दो उंगलियाँ
उसकी चूत मे घुसा दी. चूत गीली होने से उसकी उंगलियाँ आसानी से
अंदर चली गयी. रोमा का शरीर कांप उठा. जैसे ही राज की उंगलियों
ने उसकी चूत के अन्दुर्नि हिस्सों को सहलाया वो सिहर उठी.
"ओह राज अब नही राआहा जाता.......प्लीज़ अपने लंड को मेरी
चूत मे डाआआआळ दो.....प्लीज़ राज."
"सहियीई में रोमम्म्माआ...." राज उसकी चूत को और जोरों से
भींचते हुए बोला. उसे विश्वास नही हो रहा था कि आज एक साथ
उसके सारे सपने पूरे हो रहे थे.
रोमा ने राज की जीन्स और उसकी अंडरावीयर को नीचे खिसका दिया और
उसके लंड को आज़ाद कर दिया. राज का लंड अब उसकी नंगी चूत को छू
रहा था.
राज ने अपने लंड को पकड़ा और अपनी बेहन की मुलायम और गीली चूत
पर रगड़ने लगा.
लंड और चूत के संगम ने रोमा के तन मन मे हलचल मचा दी..."
ऑश राआाज ओह......."
खड़े खड़े राज का लंड रोमा की चूत मे नही घुस सकता था फिर
भी राज अपने लंड को रोमा की चूत पर घिसते हुए उसकी जाँघो मे
अंदर करता और फिर बाहर खींचता. लंड का चूत के उपर घिसरण
से रोमा की चूत और पानी छोड़ने लगी थी.
"ऑश राज अब मत तडपाओ ना नही रहा जाता प्लीज़ घुसा दो नाअ में
मर जाउन्गि." रोमा गिड़गिदा रही थी. राज उसे बाहों मे लिए लिए घर
के अंदर आया और दरवाज़े को बंद कर दिया. फिर उसे पॅसेज की
खिड़की के पास लेजाकार उसके हाथ उसपर टीका दिए. फिर उसे खिड़की
पर पीठ के बल लिटाते हुए उसकी टाँगो को उठाया और अपने कंधो
पर रख लिया.
रोमा ने अपने सिर को खिड़की मे लगे शीशे पर टीका दिया और अपनी
कमर को थोड़ा उपर उठा कर राज का लंड लेने के लिए तय्यार हो गयी.
राज ने पहले तो अपने लंड को उसकी चूत पर थोड़ा घिसा जिससे लंड
गीला हो जाए फिर उसकी चूत की पंखुरियों को थोड़ा फैला अपने
लंड को धीरे से उसकी चूत के अंदर घुसा दिया.
"ओह राज कितना अच्छा लग रहा है...." रोमा सिसक पड़ी.
"तुम ठीक तो हो ना रोमा?" राज ने पूछा.
'म्म्म्ममम रूको मत."
राज ने एक धक्का मारा और उसका लंड रोमा की कुँवारी चूत को चीरता
हुआ अंदर घुस गया. राज ने एक ज़ोर का धक्का मारा तो वो रोमा की
कुँवारी झिल्ली को फाड़ता हुआ और अंदर तक घुस गया.
क्रमशः.............
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