bahan sex kahani दो भाई दो बहन
04-10-2019, 04:21 PM,
#23
RE: bahan sex kahani दो भाई दो बहन
रोमा अपनी उखड़ी सांसो पर काबू पाने के लिए सोफे पर अध लेटी मुद्रा

मे लेट गई थी. राज ने अपना लंड रिया की चूत से निकाला और रोमा के

बगल मे बैठ गया. रोमा अपने भाई के लंड को देखने लगी जो उसके

और रिया के रस से भीगा हुआ था रिया उठी और राज की टाँगो के इर्द

गिर्द अपनी टाँगे रखते हुए उसकी गोद मे बैठ गयी. फिर पंजो के बल

थोड़ा सा खड़े होते हुए उसने उसके लंड को अपनी चूत से लगाया और

उस पर बैठती चली गयी. राज का पूरा लंड उसकी चूत मे घुस चुका

था.

रोमा रिया और राज को चुदाई करते हुए देख रही थी, लेकिन आज जलन

नाम की चीज़ नही थी उसके दिल मे. बल्कि आज जो कुछ हुआ उससे उसे

रिया पर प्यार आ रहा था, वो देख रही थी कि किस तरह अपनी उसकी

नई सहेली अपनी चुचि को राज के मुँह मे देकर वो उछल उछल कर

उसके लंड को अपनी चूत मे ले रही थी.

पहले जब भी राज को वो किसी और लड़की के साथ देखती तो एक अंजाना

डर उसे सताते रहेता की कहीं राज उससे दूर ना चला जाए, लेकिन

आज जिस तारह रिया ने उसे खुश किया था वो हैरान थी. आज पहली बार

उसकी चूत ने दिल खोलकर पानी छोड़ा था, राज से चुद्वा कर भी उसकी

चूत इस कदर तृप्त नही हुई थी. वो रिया की सिसकारियों मे खोई

हुई थी.

"ऑश राज हाआँ ऐसे ही नईएचए से चोदो अपने लंड को मेरी चूओत मे

ऑश हाां और थोड़ा ज़ोर सीईए राज."

रिया ज़ोर से उछल कर राज को चोदने लगी. वो उसके लंड को और अंदर

तक लेने की कोशिश कर रही थी. राज भी अब उसकी चूतदो के नीचे

हाथ देकर अपने लंड को और अंदर तक घुसा रहा था. दोनो की छूटने

की कगार पर था.

"ऑश राज हाआँ बस में तो घाईईईईई राज ओःःःः," सिसकते हुए रिया की

चूत ने पानी छोड़ दिया और तभी राज ने अपनी कमर को उठाया और

अपने लंड को और अंदर तक घुसाते हुए अपने वीर्य की पिचकारी रिया

की चूत मे छोड़ दी. दोनो के वीर्य का संगम हुआ और उसकी कुछ कतरे

रिया की चूत से टपकने लगे.

दोनो थक चुके थे और दोनो शरीर पसीने से भीग चुका था. रिया

ने अपना सिर राज के कंधे पर टिका दिया, "राज तुम बहोत अच्छे हो,"

कहकर उसने उसके गालों को चूम लिया, "रोमा बहोत खुशनसीब है."

रिया राज की गोद से उठी और रोमा के पास आकर खड़ी हो गयी. राज और

रिया का मिश्रित वीर्य अब भी रिया की चूत से टपक रहा था. रिया

ने रोमा का हाथ पकड़ा, "चलो बाथरूम मे चलते हैं."

राज दोनो लड़कियों को बाथरूम की और जाते देखता रहा, उसकी निगाह

दोनो की गंद पर टिकी हुई थी और दोनो की गंद मारने की लालसा उसके

मन मे जागने लगी. दोनो बाथरूम के दरवाज़े पर पहुँच एक पल के

लिए रुके और राज को देखते हुए एक दूसरे के होठों को चूसने लगे.

दोनो एक दूसरे का हाथ पकड़ बाथरूम मे घुस गये और किसी ने

दरवाज़ा बदन करने की जर्रोरत नही समझी, इसलिए राज को बाथरूम

के अंदर का नज़ारा सॉफ दिखाई दे रहा था.

रिया ने बाथरूम के अंदर टब की नाल चालू कर दी फिर उसने लिक्विड

साबुन टब मे डाली और और टब मे घुस गयी. रोमा भी उसकी पीछे

टब मे आई और उसे अपनी बाहों मे भर लिया.

"रोमा सही बताना एक लड़की के साथ सेक्स करने मे कैसा लगा?" रिया ने

चुचियों को मसल्ते हुए पूछा.

रोमा कि लगा की रिया ही उसकी सच्ची सहेली और वो उससे अपने दिल की

बात खुल कर सकती है, "रिया सच कहूँ तो पहले तो में डर रही

थी, और मुझे नही लग रहा था कि में तुम्हारे साथ ये सब कर

पाउन्गि. पर मुझे तुम पर विश्वास था और एक बार आगे बढ़ी तो

पीछे हटने का दिल ही नही किया."

"मुझे पता है, में भी ऐसा ही महसूस कर रही थी," रिया ने

कहा, "क्या तुम्हे मज़ा आया?"

रोमा ने उसके हाथ अपने हाथ मे ले लिए, "सच मे रिया बहोत मज़ा

आया, आज जितना में झड़ी हूँ इसके पहले मेरी चूत ने इतना पानी

कभी नही छोड़ा, राज के साथ भी नही, ऐसा लगा है कि मेरी चूत

अंदर से एकदम खोक्ली हो गयी और उसके अंदर कुछ बचा ही नही है."

रोमा की बात सुनकर रिया मुस्कुरा दी, "लड़कों के साथ मज़ा आता है

और मुझे भी लड़के पसंद है, लेकिन एक औरत को खुश एक औरत ही

कर सकती है, एक बार जब तुम ये सिख जाओगी तो तुम्हे और मज़ा

आएगा."

रिया थोड़ी देर रोमा के शरीर को मसल्ने के बाद उसकी चुचियों को

मसल्ने लगी, उसे लगा की रोमा के निपल तन कर खड़े हो रहे

है, "तुम नाराज़ तो नही हो ना कि मेने तुम्हारे सामने राज के साथ

चुदाई की?

"नही बिल्कुल भी नही," रोमा ने उसे आश्वासन देते हुए कहा, "पहले

मुझे लगा था कि तुम दोनो को चुदाई करते देख मुझे जलन होगी,

लेकिन जब मेने तुम दोनो को इतने प्यार से एक दूसरे का साथ देते

देखा तो मुझे बिल्कुल भी जलन नही हुई, मुझे लगा कि कोई और भी

तो है जो मेरे भाई को इतना प्यार करता है."

जब रिया ने रोमा की चुचियों को मसल और साबुन लगा धो दिया तो

रोमा रिया की चुचियों पर साबुन लगा मसल्ने लगी, शायद कभी

में भी तुम्हारी चूत इसी तरह चूस सकूँ जिस तरह तुमने आज

मेरी चूत चूसी है," रोमा ने डरते हुए कहा, रिया ही एक ऐसी थी

जिसके साथ वो सब कुछ कैसे भी कर सकती थी.

"आराम से रोमा इतनी जल्दी जल्दी नही, अभी काफ़ी वक़्त हमे साथ

गुज़रना है." रिया ने उसे चूमते हुए कहा.

रोमा अपनी इस नई सहेली को देख रही थी जिसके दिन प्यार ही प्यार

भरा था सबके लिए.

रोमा के इम्तिहान ख़तम हो चुके थे और उसकी कॉलेज की छुट्टियाँ

शुरू हो चुकी थी. समय गुज़रता जा रहा था, उसे पता नही था कि

आगे उसे क्या करना चाहिए.

राज का भी स्वाभाव कुछ कुछ बदल गया. उसका ज़्यादातर वक़्त अकेले

तालाब के किनारे ही गुज़ारता है. जब भी रोमा उससे अपने और उसके बारे

मे पूछती वो कुछ खिज सा उठता था. इसी खिज और झल्लाहट ने उन

दोनो के बीच के रिश्ते को भी थोड़ा ठंडा कर दिया था.

रोमा किचन मे खड़ी अपने आपको बहोत अकेला महसूस कर रही थी.

उसकी समझ मे नही आ रहा था कि छुट्टियों के बाद उसे क्या करना

चाहिए. रोज़ की तरह आज भी राज तालाब किनारे पर था.

तभी फोन की घंटी बजी, और रोमा ने फोन उठा लिया, "हेलो"

"हाई डार्लिंग, कितनी याद आ रही है तुम्हारी."

इस उदासी और एकांत के वातावरण मे रिया की प्यारी आवाज़ पहचान कर

वो खुश हो गयी. "में भी तुम्हे ही याद कर रही थी, जब में और

राज तुम्हारे यहाँ आए थे उसके बाद हमारा मिलना ही नही हुआ,

करीब तीन महीने हो गये ना उस बात को."

"में जानती हूँ और तुम्हारे बारे मे ही सोच रही थी... लेकिन क्या

करूँ... एक तो फाइनल इम्तिहान उपर से ये नौकरी... इन दोनो के बीच

वक्त ही नही मिला." रिया ने उसे समझाते हुए कहा.

"में भी अपने कॉलेज और इम्तिहान मे बिज़ी थी," रोमा ने कहा, "पर

अब ये अलाम है कि मेरे पास करने को कुछ भी नही है."

"काश मेरे साथ भी कुछ ऐसा होता लेकिन कॉलेज के बाद एक्सट्रा शिफ्ट

पर शिफ्ट में बहोत थक गयी हूँ काम कर कर के, इसलिए तुम्हे

फोन किया है. मेने इस हफ्ते ऑफीस से छुट्टी ले ली है, क्या में

तुमसे मिलने तुम्हारे यहाँ आ सकती हूँ?" रिया ने पूछा.

"अरे ये भी कोई पूछने की बात है, मज़ा आ जायगा.' रोमा ने खुशी

मे कहा, "कब आ रही हो?"

"सोच रही हूँ कल पहुँच जाउ जिससे हम हफ्ते के आखरी दिन

तुम्हारे साथ बीता सकूँगी." रिया ने जवाब दिया.

"हां आ जाओ तुमसे मिलकर मुझे बहोत खुशी होगी." रोमा ने कहा.

"देखो रोमा मुझे अभी जाना है," रिया ने कहा, "मेरा बॉस मुझे

गुस्से मे घूर रहा है, में तुमसे कल बात करूँगी."

ठीक है बाइ." कहकर रोमा ने फोन रख दिया.

फोन रख कर रोमा ने महसूस किया कि रिया से बात करते ही उसके

बदन मे सनसनी सी मच गयी थी. आज जब से उसके इम्तिहान ख़तम

हुए थे ये पहली अछी खबर थी इतने महीनो मे. अब वो पूरे हफ्ते

रिया के साथ रह कर मस्ती कर सकती थी. तभी उसे राज का ख़याल

आया जो आजकल कुछ उखड़ा उखड़ा रहता था. उसने मन ही मन निस्चय

कर लिया कि वो राज को उसकी ये छुट्टियाँ बर्बाद नही करने देगी.

* * * * *

क्रमशः..................
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