RE: bahan sex kahani दो भाई दो बहन
रिया दीवान के साइड टेबल पर रखी मूर्ति को देखने लगी जो कि
काम्सुत्र की प्रातीमा थी..."तुम लोगो को ये ऐसी मूर्तियाँ कहाँ से
मिल जाती है?"
सन्नी ने आगे बढ़ कर वो मूर्ति उठाई और रिया को पकड़ा दी.. रिया उस
मूर्ति को अच्छी तरह नज़दीक से देखने लगी तभी सन्नी ने कहा.
"छुट्टियों मे हम सभी दोस्त पूरी दुनिया की सैर करते है.. और वहीं
से ढूंड ढूंड कर खरीदी गयी है... बस एक के बाद एक इसी तरह
ये सब यहाँ जमा होती गयी. अच्छा कलेक्षन है ना?"
रिया ने उस मूर्ति को ध्यान से देखा जिसमे कि औरत जिसके कपड़े फटे
हुए थे और दो मजबूत हाथों ने उसकी चुचियों को पीछे से पकड़ा
हुआ था.... जब रिया ने उस मूर्ति को पलट कर देखा तो पाया कि उस
मर्द का लंड पीछे से उस औरत के चूत मे अटका हुआ था...
मूर्ति को देख रिया के बदन मे एक सनसनी से उठ गयी और उसकी चूत
मे चींतियाँ रेंगने लगी.. इतनी कलात्मक और उत्तेजञात्मक मूर्ति उसने
पहले कभी नही देखी थी. सिर्फ़ देखने से ही उसकी चूत मे खुजली
शुरू हो गयी थी.
"हां बहोत ही अच्छा कलेक्षन है." कहकर रिया ने मूर्ति सन्नी को
वापस पकड़ा दी और अपने ग्लास से बियर का घूंठ भरने लगी.
सन्नी ने मूर्ति वापस साइड टेबल पर रख दी और फिर रिया को अपने
नज़दीक खींच अपने होंठ उसके होठों पर रख दिए.
रिया को सन्नी पसंद आ गया था और उसने भी उसका साथ देते हुए उसे
चूमने लगी. एक तो पहले से ही शराब का नशा और उपर से बियर और
फिर उस मूर्ति को देखना... रिया गरमा उठी थी.. और जब सन्नी ने
अपनी जीब से उसके मुँह को खोल अपनी जीब घुसाइ तो रिया ने भी उसके
जीब से अपनी जीब मिला दी.
रिया उन्माद मे उसकी जीब को चोसने लगी और उक्की चुचियों कठोर हो
गयी.. निपल तन कर खड़े हो गये... उसके दिल की धड़कने तेज हो
गयी.... वो पूरी तरह उत्तेजित हो चुकी थी.
पर मन ही मन रिया घबरा रही थी... वो डर रही थी कहीं उसके
साथ भी दीवारों पर लगी तस्वीरों जैसी चुदाई ना हो... उसने अपने
आप को सन्नी से अलग किया, "क्या तुम मुझे इसीके लिए यहाँ लाए
थे.." रिया ने सन्नी ने पूछा.
"हां और क्या... यही तो ज़िंदगी का मज़ा है."
रिया और सन्नी ने अपनी अपनी बियर ख़तम की, तभी रिया ने
पूछा... "तुम्हारे पास कोई सिग्रेट वग़ैरह है?"
"मेरे पास तो नही है.. लेकिन विनोद संजीव के पास से वही लाने के
लिए गया है.. वो अभी आता ही होगा." सन्नी ने जवाब दिया.
रिया को खुद पर विश्वास नही हो रहा था कि वो ऐसी जगह पर क्या
कर रही है... पर आज तो वो पूरी तरह से मस्ती के मूड मे थी..
उसने अपनी एक टांग दूसरी टांग पर रखी और सन्नी की तरफ मुँह
घूमा कर बोली.
"जब तक विनोद आएगा तब तक हम क्या करें," रिया ने एक शैतानी
मुस्कुराहट के साथ पूछा.. इस शैतानो के बसेरे मे वो भी शैतान
होना चाहती थी.
सन्नी अचानक रिया के व्यवहार से चौंक उठा और फिर मुस्कुराते हुए
बोला, "ज़रूर कुछ ना कुछ शैतानी ही करेंगे."
सन्नी ने अपना हाथ उसकी गर्दन मे डाला और एक बार फिर उसके होठों
को अपने होठों मे ले चूसने लगा... दोनो की जीब फिर खिलवाड़ करने
लगी.... दोनो के बदन मे गर्मी बढ़ने लगी.
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