RE: bahan sex kahani दो भाई दो बहन
रिया के गर्दन से अपने हाथ नीचे की ओर खिशक्ते हुए सन्नी ने
अपने हाथ उसके चूतदों पर रखे फिर स्कर्ट के नीचे से हाथ डाला
तो उसने पाया कि रिया ने कोई पॅंटी नही पहन रखी थी..... रिया की
पॅंटी तो विनोद ने अपनी जेब मे रख ली थी.... सन्नी उसके दोनो
चूतदों को भींचने लगा और मसल्ने लगा.
रिया उछल कर उसकी गोद मे बैठ गयी... सन्नी का खड़ा लंड उसके
चूतदों से टकरा रहा था और उसकी चूत मे घूसने के लिए
बेकरार था... उसकी जीब को चूस्ते हुए रिया अपनी नग्न चुचियों को
उसकी छाती से रगड़ने लगी.
तभी दोनो को विनोद के आने का अहसास हुआ.. जो सिग्रेट के पॅकेट
लिए उन्हे देख रहा था... विनोद ने देखा कि आज रात की उसकी साथी
उसी के दोस्त की गोद मे बैठी थी.
"में तुम्हे यहीं लाना चाहता था.." विनोद ने कहा, "अब अगर तुम
चाहो तो में तुम्हे घर छोड़ सकता हूँ... हां अगर तुम चाहो तो
हमारे साथ पार्टी मना सकती हो."
"में यहीं तुम दोनो के साथ पार्टी मनाउन्गि." रिया ने कहा और विनोद
को खींच कर अपने बगल मे बिठा लिया... अब वो दोनो के बीच मे
बैठी थी.
विनोद के आने से एक बार तो सन्नी के चेहरे पर झल्लाहट आ गयी..
विनोद ने सिग्रेट का पॅकेट खोला और एक एक सिग्रेट दोनो को पकड़ा
दी... सन्नी ने अपनी जेब से लाइटर निकाल उन्हे सुलगा दिया.... पहला
कश लेते ही रिया समझ गयी कि सिग्रेट किसी ड्रग से भरी हुई
है.. वो कश लेकर उसका मज़ा लेने लगी.
"विनोद रिया को ये मूर्तियाँ बहोत पसंद आई है." सन्नी ने विनोद से
कहा.
विनोद ने थोड़ा आगे झुक कर साइड टेबल पर रखी मूर्ति को
देखा, "अच्छा तो ये वाली... अच्छी है ना?" विनोद ने पूछा.
"हां बहोत अच्छी है... बहोत कम ऐसे मूर्तियाँ देखने को मिलती
है." रिया ने कहा.
थोड़ी ही देर मे शराब के साथ सिग्रेट का नशा भी तीनो पर
चढ़ने लगा. सन्नी ने अपना हाथ रिया के कंधों पर रखा और
सहलाने लगा.... रिया ने उसकी तरफ मुस्कुरा के देखा फिर अपने
होठों को उसके होठों पर रख चूमने लगी.
तभी विनोद ने अपने होंठ उसकी गर्दन के नीचले हिस्से पर रखे और
जीब से हल्के हल्के चुलबुलाने लगा... रिया के बदन मे एक सनसनी
सी दौड़ गयी..... विनोद ने अपना हाथ उसकी जांघों पर रखा और
फैलाते हुए उसकी जाँघो के अन्द्रुनि हिस्सों पर सहलाने लगा.....
रिया मादकता मे सिसक पड़ी.
रिया आँखे नशे मे बोझल हो रही थी.. उसने महसूस किया कि कोई
उसकी जांघों को चूम रहा है.... उसकी टाँगो के बीच कौन बैठा
है उसे समझ नही आया.... वो विनोद था या फिर सन्नी... जो कोई
भी था उसकी जीब का स्पर्श अपनी जांघों पर उसे अच्छा लग रहा था..
"ज़ोर ज़ोर से करो इसे अच्छा लगता है..." उसे सुनाई दिया...तभी दो
हाथों ने उसकी शर्ट को पूरी तरह खोल दिया और उसकी चुचियों को
भींचने लगे..
"ऑश हाआअँ ऑश" वो सिसक रही थी.
दो गरम होंठ और दो गरम जीब अब उसके बदन से खेल रही थी...
तभी उसकी टाँगे और फैली और एक गरम जीब ने उसकी चूत को
छुआ..... ओह्ह्ह वो उन्माद मे भर उठी....
स्टेरीयो पर राक धुन बज रही थी और सिसकारियाँ उस धुन के साथ मिल
सी गयी थी......तभी दो उंगलियाँ उसकी चूत मे घुसी और अंदर
बाहर होने लगी....और साथ ही एक जीब उसकी चूत को चाट रही
थी..... उत्तेजना मे रिया दीवान पर पसर गयी और वो अपनी टांगे उठा
अपनी चूत को उसके मुँह पर दबाने लगी....
"ऑश चूओड़ो मुझे कोई चूओड़ो प्लीज़ अब और मत तडपाऊ मुझसे
अब नही रहा जाता" रिया अपनी उखड़ी साँसों के साथ गिड़गिदा उठी.
|