bahan sex kahani भैया का ख़याल मैं रखूँगी
02-02-2019, 12:37 AM,
RE: bahan sex kahani भैया का ख़याल मैं रखूँगी
आशना जैसे ही नीचे पहुँची, वीरेंदर ने आवाज़ लगाई: आशना एक मिनट रूको. आशना ने पीछे मुड़कर उपेर की तरफ देखा और इशारे से पूछा कि "क्या". वीरेंदर: एक मिनट ठहरो और यह कह कर वीरेंदर अपने रूम मे चला गया. अपनी जॅकेट से घड़ी की चाबी निकाली कर अपने ट्राउज़र की जेब मे डाली और बाहर आ गया. 

आशना: क्या हुआ???? जल्दी बोलो, मुझे लेट हो रहा है. 

वीरेंदर सीडीयाँ उतर कर नीचे आ गया. आशना के बिल्कुल पास आकर वीरेंदर बोला: आशना सच बताओ तुमने नाश्ता कर लिया या नहीं. 

आशना:आप भी ना, मेरा टाइम वेस्ट करने पर तुले हुए हो. बाबा नाश्ता कर लिया है और आपके लिए बना कर रख भी दिया है. 

वीरेंदर: तो इसका मतलब आज तुमने फास्ट नहीं रखा है????

आशना: फास्ट, क्यूँ आज क्या है?????

वीरेंदर: आज मंडे है. 

आशना: तो???

वीरेंदर: आशना एक बात बोलूं, बुरा तो नहीं मनोगी??? यह कहते हुए वीरेंदर आशना के एकदम पास आ गया था.

आशना ने धड़कते दिल से बोला: पूछिए. 

आशना की आँखें बंद होने लगी थी. 

वीरेंदर: आशना: मेरे ट्राउज़र मैं तुम्हारे लिए कुछ है. 

आशना ने एक दम से आँखें खोलकर वीरेंदर की तरफ देखा लेकिन वीरेंदर का सीरीयस चेहरा देख कर उसकी आँखें अपने आप झुक गई. 

वीरेंदर: तुम खुद निकालोगी या मैं निकालु???? 

आशना की आँखें एक दम बंद हो गई और होंठ काँपने लगे. उसका शरीर गरम होने लगा. 

वीरेंदर: जवाब दो. 

आशना: वीरेंदर प्लीज़ मुझे जाने दो. 

वीरेंदर: उसके लिए तो तुम्हे मेरे ट्राउज़र मे क्या है वो तो देखना ही पड़ेगा.

आशना(काँपते होंठों से): प्लीज़ वीरेंदर. 

वीरेंदर तो चलो मैं ही निकला देता हूँ तुम्हारे लिए. आशना ने एक दम से अपने चेहरे पेर हाथ रख लिए और दूसरी तरफ मूड गई. 


वीरेंदर: इस तरफ देखो आशना. आशना ने "ना" मे गर्दन हिलाई. 

वीरेंदर: अरे देखो तो, एक बार देख लोगि तो खुश हो जाओगी, यह तुम्हारे लिए ही है. 

आशना: वीरेंदर, आप मेरी जान लेकर ही रहेंगे आज, जाओ मैं आप से कट्टी. 

वीरेंदर: देखो मैं तुम्हे इतना प्यारा गिफ्ट दे रहा हूँ और तुम मुँह दूसरी तरफ करके खड़ी हो गई. 

आशना: मुझे नहीं लेना यह गिफ्ट, आप अपने पास ही रखो. 

वीरेंदर: लेकिन यह मैने तुम्हारे लिए ही खरीदा है. 

यह सुनते ही आशना ने फॉरन पलट कर देखा तो वो शरम से गढ़ गई. वीरेंदर उसे घड़ी की चाबी दे रहा था. 

आशना: यह गिफ्ट????

वीरेंदर: क्यूँ तुम्हे कुछ और चाहिए क्या????

आशना(आँखों में झूठा गुस्सा भरकर): जी नहीं, और मुझे यह गिफ्ट भी नहीं चाहिए. 

वीरेंदर: ले लो वरना मैं दूसरा गिफ्ट भी अभी दे दूँगा. 

आशना ने झटके से वीरेंदर से चाबी को छीना और बाहर की तरफ भागी. 

वीरेंदर: नयी गाड़ी की ख़ुसी मे मुँह मीठा नहीं करवाओगी. 

आशना: अब जूते ही खिलाउन्गी, मुँह मीठा उसी से हो जाएगा आपका. 

वीरेंदर(दिल पर हाथ रखकर): हाई, हम तो वो भी खाने को तैयार है, आप प्यार से खिलाएँ तो सही. 

आशना घर से बाहर निकली तो वीरेंदर भी उसके पीछे पीछे बाहर आ गया. 

आशना: आपने नहाना नहीं है क्या, या मेरे साथ ही ऑफीस जाना है???

वीरेंदर: आप हां तो करें, हम तो तैयार बैठे हैं.

आशना: जी नहीं, आप फ्रेश होकर नाश्ता कर लीजिए और दोपहर को टाइम पर आ जाइए. 

वीरेंदर: गाड़ी ध्यान से चलाना, आज तो तुम्हारा फास्ट भी नहीं है. 

आशना: रोज़ गाड़ी से जाउन्गी तो मैं तो मोटी हो जाउन्गी. 

वीरेंदर: चलेगा, मगर बस दो ही जगह वेट पुट ऑन करना. 

आशना: युयूयुयूवयू लोफर. 

वीरेंदर: ओके बाबा जाता हूँ, इतना प्यार क्यूँ दिखा रही हो. 

यह कह कर वीरेंदर अंदर चला गया और आशना भी मुस्कुराती हुई गाड़ी निकाल कर ऑफीस की तरफ चल दी.

वीरेंदर अंदर आते ही अपने कमरे में घुस गया और नहा धोकर फ्रेश होकेर 10:30 बजे तक तैयार होकर नीचे आ गया. बिहारी तब तक उठ गया था. 

वीरेंदर: क्या हुआ काका, तबीयत तो ठीक है???

बिहारी: जी मालिक, बस थोड़ा चक्कर आ रहे थे तो उठने का मन नही कर रहा था. 

वीरेंदर: चलिए नाश्ता करके डॉक्टर को दिखा देते हैं. 

बिहारी: इसकी कोई ज़रूरत नहीं है बाबू जी, बस थोड़ी कमज़ोरी है और इस उम्र मे तो यह सब लगा ही रहता है. 

वीरेंदर: ठीक है, आप नाश्ता गरम करके दे दीजिए, मुझे कहीं बाहर जाना है.

बिहारी: नाश्ता आशना बिटिया ने बनाया????

वीरेंदर: हां काका और वो तो नाश्ता करके ऑफीस भी जा चुकी है. 

बिहारी: चलो अच्छा है, जब तक आप पूरी तरह से ठीक नहीं हो जाते, तब तक वो ही थोड़ी देर ऑफीस का काम संभाल लें. बहुत प्यारी बिटिया है मालिक, भगवान उसे बुरी नज़र से बचाए. 

वीरेंदर: काका मेरी बुरी नज़र तो उस पर पड़ ही गई है और बहुत जल्दी वो इस घर की बहू भी बनने वाली है.

बिहारी: सच,यह तो अपने मेरे मन की बात बोल दी बाबू जी. 

बिहारी ने वीरेंदर को नाश्ता दिया और वीरेंदर ने नाश्ता करते करते बिहारी से कहा "काका, ज़रा टीवी ऑन कर दीजिए, बड़े दिन हो गये न्यूज़ सुने या पेपर पड़े हुए". 

बिहारी ने टीवी ऑन किया और न्यूज़ चेनल लगा दिया. न्यूज़ मैं कुछ ख़ास नहीं था बस इधर उधर की बेकार की बातें. 

वीरेंदर: नाश्ता करते करते चॅनेल्स बदलता रहा और एक लोकल न्यूज़ चॅनेल पर फ्लश हो आरही न्यूज़ को पढ़कर वो एक दम चौंक गया. "बीती रात, नशे की हालत मे ".................. हॉस्पिटल' की माशूर डॉक्टर. बीना का कार एक्सीडेंट मे निधन".
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