09-10-2022, 01:56 PM,
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RE: Behan Sex Kahani मेरी प्यारी दीदी
Bf se chudte dekh bhi mja aata hi preety ko
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09-13-2022, 07:25 PM,
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Ranu
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RE: Behan Sex Kahani मेरी प्यारी दीदी
(03-11-2020, 10:36 AM)sexstories Wrote: शाम को घर आया तो दीदी उठ चुकी थी और तैयार थी कही जाने के लिए दीदी ने ऑरेंज कलर का चूड़ी दार सलवार सूट पेहेन रखा था मेरी दीदी सेक्सी आइटम लग रही थी उनके बदन से चिपका हुआ कुरता जिसमे से उनके बोबे बाहर की तरफ निकल रहे थे जिनको उन्होंने अपनी चुन्नी से ढक रखा था , उनके thighs और हिप्स से चिपकी हुई उनकी टाइट और चूड़ी दार सलवार जिसमे से उनकी सेक्सी पैरो और झांघो की सुन्दरता साफ़ नजर आ रही थी उनकी काजल लगी हुई आँखें नाक में छोटी सी नोज रिंग बाल ढीले clutcher से बंधे हुए बाल जिनमे से साइड से सामने के बालो की 2 लम्बी लटें जो बार 2 आकर उनके गालों पे गिरती जिन्हें दीदी बार 2 अपनी उँगलियों से अपने कान के पीछे करती कुल मिलाके बहुत ही सेक्सी और हॉट लग रही थी दीदी , जब भी दीदी बैठती मैं उनके कुर्ते के कट में से उनकी साइड की झांगो से लेके गांड तक का शेप देखता उनकी सलवार उनकी टांगो से इतनी चिपकी हुई थी की उनकी गांड तक का शेप साफ़ 2 नजर आ रहा था दीदी मुझे देख के बोली "और भंगी कहाँ से मिटटी में लोट के आ रहा है " मैंने कहा " दीदी खेलने गया था आप कहाँ जा रहे हो " दीदी बोली " अरे यार मार्केट जा रही हु 2 -3 सब्जेक्ट की रिफ्रेशर लेके आनी है एग्जाम आने वाले है ना " मैंने कहा "अकेले जा रहे हो क्या " दीदी बोली " हाँ क्यों ? "
मैंने कहा " मैं भी चलू दीदी मुझे भी अपनी ड्राइंग की बुक और कलर्स लाने है " इतने में मम्मी बोल पड़ी "हाँ प्रीती तू सोनू को भी लेजा वैसे भी शाम हो रही है आते 2 रात न हो जाये और जल्दी आ जाना " मैं खुश हो गया और मन ही मन सोचने लगा वाह मजा आ गया अब दीदी के कोमल और मुलायम मुलायम बदन को वापस छूने का उन्हें पकड़ने का मौका मिलेगा मैंने दीदी से कहा " दीदी 2 मिन रुको मैं अभी हाथ मुह धोके और जीन्स टी शर्ट पेहेन के आता हू " तो दीदी ने कहा "ओये डेट पे जा रहा है क्या जो इतना तैयार होक आ रहा है " मैंने दीदी से कहा "यही सोच लो दीदी आप जैसे सुंदर लड़की के साथ जा रहा हु तो डेट ही हुई ना हा हा हा " दीदी बोली "ओये चुप कर और जल्दी तैयार होके आ " मैं गया और तैयार होके आया दीदी बाहर स्कूटी पे ही बैठी थी मैं दीदी के पीछे बैठ गया और बोला "चलो दीदी " दीदी बोली "मुझे पकड़ ले अच्छी तरह से " मैंने मन में सोचा अरे दीदी इसलिए तो चल रहा हु आपके साथ की आपका सब कुछ पकड़ सकू लेकिन पता नहीं आप मेरा कब पकड़ोगी अपने हाथ से , मैंने अपने दोनों हाथो से दीदी के पेट वाले हिस्से को पकड़ लिया और कहा चलो दीदी
दीदी चल पड़ी और मैं दीदी के पीठ पे अपना सर लगा के उनके बदन की खुशबू सूंघ रहा था मैंने दीदी की पीठ पर उनके कुर्ते पे से उनकी ब्रा की स्ट्रेप को उनके ब्रा के हुक को महसूस करने की कोशिश की मुझे बहुत ही मजा आ रहा था कभी ,दचके में स्कूटी ऊपर नीचे होती तो मेरा हाथ भी कभी दीदी के पेट से ऊपर होता कभी नीचे उनकी सलवार के नाड़े को टच करता मैं यही सब कुछ कर रहा था इतने मे दीदी ने स्कूटी रोकी उनकी 1 फ्रेंड उनको रस्ते में मिल गयी थी वो भी मार्किट ही जा रही थी दीदी ने स्कूटी रोक के बोला "अरे श्वेता यहाँ कैसे कहाँ जा रही है ? " श्वेता ने बोला "हाय ! प्रीती अरे यार वो मार्किट जा रही हु कुछ सामान लेने " दीदी बोली "क्या लेने " श्वेता ने मुझे देखा और धीरे से दीदी को इशारा करके बोला "वो लेने " मैं समझ गया की दीदी की फ्रेंड जरुर व्हिस्पर या स्टेफ्री लेने जा रही होगी तभी मुझे देख के धीरे से इशारे में बताया उसने दीदी को दीदी बोली " अच्छा ठीक है चल आजा बैठ जा मैं भी मार्किट ही जा रही हु तूझे ड्राप कर दूंगी " अब मेरा मन ख़ुशी से पागल हो गया की अरे वाह आगे सेक्सी दीदी बीच में मैं और पीछे उनकी हॉट फ्रेंड श्वेता मजा आ गया दीदी की फ्रेंड श्वेता ने ब्लैक और ग्रीन कलर का टोपर और ब्लैक कैपरी पेहेन राखी थी बड़ी ही सेक्सी लग रही थी उसके बोबे बहुत मोटे मोटे थे जो उसके टोपर में से बाहर आ रहे थे श्वेता मेरे पीछे बैठ गयी
अब हम स्कूटी पे 3 जने थे जिस से मुझे बड़ा मजा अगया था क्योंकि मैं मेरी दीदी से और चिपक के बैठ गया था और पीछे श्वेता मुझसे चिपक के बैठी थी दीदी और उनकी फ्रेंड आपस में बात कर रहे थे और मैं मेरी दीदी के मजे ले रहा था मैं पीछे से उनके पीठ पे अपना सर लगा के बैठा था ताकि श्वेता को कुछ पता नहीं पड़े और धीरे 2 अपनी दीदी की पीठ पर अपने होंठ फेर रहा था उनके ब्रा स्ट्रैप्स को फील कर रहा था मैं थोडा सा भी साइड की तरफ मुह करता तो मेरे सामने श्वेता का मोटा बोब आ जाता मुझे बड़ा मजा आ रहा था थोड़ी देर में हम मार्किट पहुँच गए थे दीदी ने श्वेता को ड्राप किया स्कूटी पार्क की और हम बुक स्टाल की तरफ बढ गए रास्ते में सामने से 2 लड़के आ रहे थे उन्होंने मेरी दीदी के पास आके बोला " आओ सेक्सी रानी " मैंने ये सुन लिया था पता नहीं दीदी ने सुना या नहीं वो तो आगे चलती जा रही थी वो दोनों लड़के पता नहीं कहाँ से घूम के आये और वापस सामने से आ गये और इस बार दीदी के पास से धीरे 2 निकलते हुए उन्होंने बोला "आ ना मेरी जान लंड ले ले मेरा अपनी चिकनी चूत में जानेमन " मैंने वापस ये सुन लिया था लेकिन पता नहीं दीदी ने कुछ रियेक्ट क्यों नहीं किया फिर हम बुक स्टाल पे खड़े हुए और दीदी बुक्स खरीदने लगी वो दोनों लड़के भी वही आगये और खड़े हो गए और मेरी दीदी को देखने लगे दीदी के पीछे मैं खड़ा था और मेरे से थोड़ी दूर वो लड़के उनमे से 1 बोला "यार भाई क्या कातिल सामान है यार " दूसरा बोला " हाँ यार क्या कंचा है साली तू क्या बोलता है इसकी चूत पे बाल होंगे क्या " पहला वाला बोला "यार साली के कपडे पहनने के स्टाइल से तो लगता है की नहीं होंगे इसकी चूत तो चिकनी होगी ये साफ़ रखती होगी और इसके गांड को देख के लगता है की साली चुद्वाती होगी पता नहीं कितने लंड ले रखे होंगे इसने "
मुझे ये सब सुन के पता नहीं क्यों बहुत मजा आ रहा उनकी बातें सुन सुन के मेरा लंड टाइट खड़ा हो गया था और मेरी दीदी के बारे में वो गन्दी 2 बातें बोल रहे थे जिस सुनने में मुझे बहुत मजा आ रहा था तभी दूसरा वाला बोला "यार अगर इसका कोमल बदन छूने को मिल जाये तो मजा आ जाये मैं जाऊ क्या इसके पास लगता है अकेली आई है " अब मै पलटा और मैंने उन दोनों को घूर के देखा वो समझ गए की मैं दीदी के साथ हु मैंने अपना सेलफोन निकाला और झूटमूठ का फोन किया और बोला "हा आकाश भैया विजय भैया और पापा को बोलो यहाँ आ जाये नेक्स्ट शॉप है न बुक वाली वहां पे " अब उन दोनों लडको के चेहरे देखने लायक थे वो समझ गए थे की हम अकेले नहीं है हमारे साथ तो पूरी पलटन है इसलिए वो ऐसे भागे की उन्होंने मुड के भी नहीं देखा मैं तो अपनी हंसी ही नहीं रोक पाया मुझे खुद पर बहुत गर्व महसूस हो रहा था दीदी ने अपनी बुक्स ले ली थी और मेरी ड्राइंग बुक भी हम वापस स्कूटी की तरफ चल पड़े दीदी ने स्कूटी स्टार्ट की लेकिन वो स्टार्ट नहीं हुई दीदी ने काफी बार स्कूटी स्टार्ट करने की कोशिश की लेकिन वो स्टार्ट हो ही नहीं रही थी
फिर दीदी ने स्कूटी को किक मार्के स्टार्ट करने की कोशिश की जब भी दीदी किक मारती दीदी के बोबे ऊपर नीचे होते और जोर 2 से हिलते ये सीन देख 2 के मुझे बहूत मजा आ रहा था आखिर थक हार के जब स्कूटी स्टार्ट नहीं हुई तो दीदी ने मम्मी को फोन किया "हेलो मम्मी अरे यार ये खटारा स्कूटी स्टार्ट ही नहीं हो रही है क्या करूँ अब अच्छा चलो ठीक है , हाँ ठीक है " मैंने पूछा क्या हुआ दीदी अब क्या करें दीदी बोली "सोनू मम्मी ने कहा है की स्कूटी यही पार्किंग मे लगा दे पापा ठीक करा के ले आयेंगे अभी तो अपन को बस में जाना पड़ेगा " मैंने कहा " ठीक है " अँधेरा हो चूका रात के 8:15 बज रहे थे हमें बस मिली थोड़ी भीड़ तो थी दीदी को लेडीज वाली 1 सीट मिल गयी और मैं उनके पीछे वाली सीट के पास खड़ा हो गया नेक्स्ट स्टॉप पे थोड़ी भीड़ हो गयी मैं खड़ा तो दीदी के पीछे वाली सीट पे ही था तभी 2 लड़के मेरे सामने आके खड़े हो गए जिस सीट पे दीदी बैठी थी उसके पास उन्हें शायद पता नहीं था की मैं दीदी के साथ हूं , वो धीरे 2 फुसफुसा रहे थे वो जो भी बोल रहे थे मुझे सब सुनाई दे रहा था
पहले लड़का :- "यार मस्त माल बेठा ही इस सीट पे "
दुसरे लड़का :- "हा यार मस्त सेक्सी आइटम है "
पहले लड़का :- "हूर की पारी है यार क्या लग रही किसके नीचे जाएगी यार ये "
दुसरे लड़का :- "हा यार बोबे देख इसके कितने मोटे है बाहर ही निकल रहे हैं कुर्ते के कौन खुश नसीब इनका दूध पीएगा यार "
पहले लड़का :- "यार मेरा तो लंड खड़ा हो गया इसके बोबे देख के कितने मोटे है देख देख इसकी थोड़ी सी ब्रा दिख रही है साइड से "
दुसरे लड़का :- "हा यार मेरा भी खड़ा हो गया साली सफ़ेद कलर की ब्रा पेहेन की आई है "
मेरे excitement का तो ठीकाना ही नहीं था मेरा लंड 1 दम टाइट खड़ा था और मुझे उनकी बातें सुन सुन के बहुत इरोटिक फील हो रहा था 2 अजनबी लडको को पता चल गया था की मेरे दीदी ने वाइट कलर की ब्रा पेहेन रखी है और उसे देख 2 के उनके लंड भी खड़े हो गए थे इन सब से मुझे बहुत जोश इरोटिक excitement सब कुछ फील हो रहा था मैंने फिर से उनकी बाते ध्यान से सुनने की कोशिश की
पहला लड़का :- "पता है मैंने अभी धीरे से इसके कंधे पे हाथ फेरा "
दूसरा लड़का :- "वाह यार तूने तो छू भी लिया इसे देख इसकी चुन्नी और कुर्ते के गले में से इसकी ब्रा दिख रही है थोड़ी 2 "
पहला लड़का :- " हाँ यार साली इस बस में लाइट भी तो नहीं है नहीं तो देख लेते कुछ तो "
दूसरा लड़का :- "यार इस ने चड्डी कौनसे कलर की पहनी होगी "
पहला लड़का :- "जब ब्रा सफ़ेद है तो चड्डी भी सफ़ेद ही होगी पता है मैंने अभी 2 क्या किया "
दूसरा लड़का :- "क्या किया भाई "
पहला लड़का :- "इसने जिस हाथ से सीट के हैंडल को पकड़ रखा हैं न उस हाथ पे मैंने अपना खड़ा लंड टच करवाया "
दूसरा लड़का :- "क्या बात कर रहा है भाई एसा कैसे हो सकता है कुछ कहा नहीं इसने "
पहला लड़का :- "नहीं यार साली रंडी लगती है तभी इतनी रात को अकेली बस में घूम रही है मैंने वापस अपना लंड टच करवाया इसके हाथ पे और हलके से ऊँगली भी लगाई साइड से इसके बोबे पे "
दूसरा लड़का :- "साली ये तो पक्का रांड है तभी तो तेरा लंड छू रही है और अपना बोबा छूने दे रही है और कुछ बोल भी नहीं रही साली रंडी मुझे भी मजे लेने दे ना इस सेक्सी रांड के "
मै ये सब सुन के बहुत हैरान था की ये लोग इतना सब कर रहे है और दीदी कुछ कह नहीं रही या तो उनको पता नहीं है की एसा कुछ हो रहा है या ये अपनी इज्जत के डर के कारण कुछ नहीं बोल रही है लेकिन मुझे लगा की एस तो हो नहीं सकता की दीदी को पता ना चला हो शायद वो डर के अपनी इज्जत के कारण चुप है तभी मैंने सोचा की अँधेरा भी है दीदी कुछ बोल भी नहीं रही है क्यों ना मैं ही मजे ले लू मेरी दीदी के कोई और क्यों ले मैंने फिर वही किया अपना सेलफोन निकाला और उन लडको के कान के पास जाके बोला की हा मम्मी हा बस दीदी और मैं पहुँचने वाले है ये कहते हुए मैं उन दोनों लडको को पीछे करके आगे आ गया मैंने ये धीरे से बोला ताकि दीदी को ये पता न चल जाये की अब उनके पास मैं खड़ा हूं मैं दीदी के पास खड़ा था बस में पूरा अँधेरा था हमारा स्टॉप आने मैं अभी 20 मिनिट थे मेरा लंड बिलकुल टाइट खड़ा था मैंने पहले धीरे से अपना लंड दीदी के साइड के हाथ पे कोहनी से ऊपर की तरफ लगाया फिर मैंने धीरे अपना खड़ा लंड दीदी के हाथ पे बार 2 टच करवाया दीदी का कोई रिएक्शन नहीं था फिर मैं थोडा सा आगे बड़ा और दीदी के पास आया और धीरे से अपनी 1 ऊँगली दीदी के बोबे पे साइड से लगाई मैंने अपने 4 उंगलिया जेब में डाल रखी थी और 1 ऊँगली दीदी के साइड के बोबे पे लगा रहा था मैं इस बात का पूरा धयान रख रहा था की किसी को कुछ दिखे ना पीछे वाले लडको को भी नहीं फिर मैंने धीरे 2 अपना लंड दीदी के उंगलियों पे टच कराया जिस से दीदी ने सीट पकड़ रखी थी मैंने आज पहली बार अपना लंड दीदी के हाथ पे टच करवाया था मुझे बहुत मजा आ रहा था फिर मैंने अपना हाथ अपनी जेब से निकाला और अपने हाथ से दीदी के बोबे को साइड से टच किया धीरे से दीदी ने कुछ नहीं कहा
मुझे समझ मे नहीं आ रहा था की दीदी कुछ रिएक्शन क्यों नहीं दे रही है वो चाहती तो वो हाथ हटा सकती थी हाथ झटक सकती थी घूर सकती थी लेकिन बस वो तो सामने ही देखे जा रही थी शायद उन्हें भी डर लग रहा था की क्या करे क्या नहीं स्कूल की बच्चियों में इतनी अकल कहाँ होती है अब मैंने सोचा की देखते है की दीदी रियेक्ट कब करती है मैंने वापस अपना लंड दीदी की उंगलियों पे लगाया और लगा रहने दिए वहां से हटाया नहीं फिर धीरे से अपना हाथ दीदी की बोबे की तरफ लेके गया और उनका बोबा दबा दिया दीदी ने कुछ रियेक्ट नहीं किया अब मै अपना हाथ दीदी की चुन्नी के नीचे लेके गया और दीदी के बोबे को दबाने लगा अब मुझे पता चल चूका था की दीदी रियेक्ट नहीं करेंगी मैंने अच्छी तरह से दीदी के दोनों बोबो को दबाया उन्हें सहलाया मुझे बहुत मजा आ रहा था तभी मेरे दिमाग में 1 आईडिया आया मैंने अपनी जीन्स की चैन खोली और अपना लंड बाहर निकाल लिया अब मेरा खड़ा लंड बाहर था और नंगा था
मैंने दीदी की चुन्नी के नीचे से उनके बोबे को दबाते दबाते अपना नंगा लंड दीदी के हाथ पे टच कर दिया दीदी को शायद थोडा सा करंट लगा इसलिए वो थोड़ी सी हिली फिर वापस चुपचाप बैठ गयी अब मेरा नंगा लंड दीदी की उँगलियों पर था और मेरा हाथ मेरी प्यारी दीदी की चुन्नी के नीचे से उनके कुरते के ऊपर से उनके दोनों बोबो को दबा रहा था उन्हें सहला रहा था अब मैंने अपने हाथ से दीदी का हाथ पकड़ा और अपना लंड उनके हाथ में पकड़वाया ऊपर से उनके हाथ पे अपना हाथ रखा और आगे पीछे करने लगा मैं तो हवा में था आज पहली बार मेरी प्यारी दीदी अपने हाथ से मेरा मूट मार रही थी मुझे बहुत ही ज्यादा मजा आ रहा था जो काम आज घर के बंद कमरे में नहीं हुआ था वो इस भरी हुई बस मे हो रहा था मैंने अपना हाथ हटा लिया मेरा हाथ हटते ही दीदी ने मेरा लंड छोड दिया मैंने वापस दीदी का हाथ पकड़ा उसमे अपना लंड पकडवाया और ऊपर नीचे करने लगा दीदी अब शायद समझ गयी थी की उन्हें क्या करना है वो अपने हाथ से मेरा लंड आगे पीछे करने लगी और मैं अपना हाथ वापस दीदी के बोबे की तरफ लेके गया और उन्हें दबाने लगा वो भी क्या पल था एसा कभी हकीकत में होगा मैंने नहीं सोचा था मेरी प्यारी दीदी मेरा लंड हिला रही थी मेरी मुट मार रही थी और मैं अपनी दीदी के बोबे दबा रहा था और आज तो दीदी को सब पता था की क्या हो रहा है आज वो नींद मे भी नहीं थी इससे मुझे और मजा आ रहा था
मैंने अपना हाथ दीदी के हाथ पे रखा और लंड हिलाने की स्पीड बड़ाई दीदी समझ गयी की उनको स्पीड बढ़ानी है वो जल्दी जल्दी मेरा लंड हिलाने लगी और मैं इतना ज्यादा excited हो गया की मैंने दीदी के कुर्ते के गले में से अपना हाथ अंदर डाल दिया और ब्रा के ऊपर से उनके बोबे दबाने लगा दीदी जल्दी जल्दी मेरा लंड हिला रही थी मुझे बहुत मजा आ रहा था मैंने दीदी की ब्रा के अंदर हाथ डाल दिया और उनके बोबे दबाने लगा उन्हें मसलने लगा दीदी के निप्पलो को गोल गोल घुमाने लगा मैंने नोटिस किया की दीदी के निप्पल खड़े थे शायद इतनी टचिंग से दीदी भी गरम हो गई थी दीदी भी जल्दी जल्दी मेरा लंड हिला रह थी और मैं उनके दोनों बोबे दबा रहा था उनके निप्पल को अपने नाखून से रगड़ रहा था इतने मैं मेरा सारा मुट दीदी के हाथ पे और उनकी सलवार पे गिर गया मैं तो दूसरी दुनिया में था मैंने दीदी को देखा दीदी अभी भी सामने ही देख रही थी दीदी ने सामने देखते हुए ही अपना हाथ अपने नेपकिन से साफ़ किया सलवार पे लगा हुआ मुट भी साफ़ किया मैंने जल्दी से अपना लंड अंदर डाला और थोडा सा पीछे हो गया हमारा स्टॉप आ गया था दीदी खड़ी हुई मैं भी दीदी के पीछे आगया हम बस से उतरे सामने पापा खड़े थे दीदी को देख के पापा ने फ़ौरन पूछ "क्या हुआ प्रीती तुझे " दीदी ने कहा की "पापा मैं अब बस मैं नहीं जाउंगी कभी भी " ये कह के दीदी पापा के गले लग गयी पापा ने "पुछा प्रीती हुआ क्या बेटा बता मुझे क्या हुआ "....
हमारा स्टॉप आ गया था दीदी खड़ी हुई मैं भी दीदी के पीछे आगया हम बस से उतरे सामने पापा खड़े थे दीदी को देख के पापा ने फ़ौरन पूछ "क्या हुआ प्रीती तुझे "
दीदी ने कहा की "पापा मैं अब बस मैं नहीं जाउंगी कभी भी " ये कह के दीदी पापा के गले लग गयी पापा ने "पुछा प्रीती हुआ क्या बेटा बता मुझे क्या हुआ "........
अब आगे - मुझे लगा की कहीं दीदी पापा को वो सब ना बता दे जो बस में हुआ था कहीं दीदी को पता तो नहीं चल गया था की बस में उनके साथ वो सब कुछ मैं ही कर रहा था मैं बहुत डर गया की कहीं
घर जाके दीदी ने अगर पापा मम्मी को ये सब बता दिया की ये सब मैंने किया है तो मेरा तो पता नहीं क्या हाल होगा मुझे बहुत ज्यदा डर लग रहा था मेरा दिल डरके मारे जोर जोर से धड़क रहा था की क्या
होगा लेकिन फिर मैंने सोचा की दीदी को ये कैसे पता चल सकता है की वो सब मैंने किया है क्योंकि बस में तो बहुत अँधेरा था और जब दुसरे लड़के दीदी से छेड़ छाड़ कर रहे थे तब दीदी को पता था की वो
लड़के कोई और है मैं तो उनके बाद गया था और दीदी पापा को ये सब कैसे बताएगी की उन्होंने किसी का लंड हिलाया अपने हाथों से और अपने बोबे दबाने दिए उन्होंने किसी को मैंने सोचा की पता नहीं क्या
होगा मुझे बहुत ज्यादा डर लग रहा था
फिर पापा ने मुझसे पुछा "सोनू क्या हुआ प्रीती को " मैंने कहा "पता नहीं पापा मुझे तो " फिर पापा ने वापस दीदी से पूछा "अरे बेटा बोल ना क्या हुआ क्यों नहीं जाना बस में अब क्या हुआ " मैंने भी दीदी से बोला "बताओ न दीदी क्या हुआ आपको " दीदी ने मुझे देखा फिर थोड़ी देर बाद दीदी बोली "पापा बस में कितनी ज्यादा भीड़ रहती है ....." अब मेरी हालत ख़राब हो गयी मैंने सोचा अरे यार लगता है ये दीदी तो आज सब कुछ बताने वाली है पापा को लगता है इन्हें शक हो गया है या शायद पता है इन्हें की मैंने ही सब किया था मेरा दिल जोर जोर से धड़क रहा था दीदी ने अपनी बात पूरी की " पापा बस में कितनी ज्यादा भीड़ रहती है मेरी तो हालत ख़राब हो गयी ना ढंग से बैठने की जगह मिलती है ना खड़े होने की कितनी बदबू आती है मेरी तो हालत ख़राब हो गयी चक्कर आने लग गए सर दुःख रहा है और वोमिटिंग जैसा हो रहा है अब तो मैं कभी कदम ही नहीं रखूँ बस में " दीदी की पूरी बात सुन के मेरी जान में जान आई मैंने कहाँ बच गए भाई आज तो , ये मन भी साला कमीना होता है अभी अभी जब मुझे डर लग रहा था तब सोच रहा था की भगवान् इस बार बचाले आगे से कभी ज़िन्दगी में एसा कुछ नहीं करूँगा और जैसे ही दीदी की बात खत्म हुई सब ठीक हुआ वैसे ही वापस मेरा ध्यान दीदी की गांड पे चला गया दीदी पापा के साथ जा रही थी और मैं पीछे से उनकी सेक्सी गांड को देख रहा था और सोच रहा था की अभी मेरी इस कमसिन दीदी के बोबे मेरे हाथ में थे और मेरा लंड उनके हाथ में
आज मैंने जो कुछ भी किया था उसपे मैं बहुत गर्व महसूस कर रहा था की आज दीदी ने खुद ने अपने हाथ से मेरा लंड हिलाया और उन्हें पता था की कोई उनके बोबो से खेल रहा है और उन्होंने वो सब कुछ करने दिया अब मेरे मन में यही चल रहा था की अगर मेरी जगह कोई और होता तो वो भी मजे ले लेता दीदी के आखिर दीदी ने मना क्यों नहीं किया या तो दीदी डर गयी थी लेकिन तभी मेरे दूसरे मन ने कहा की कहीं दीदी को भी मजा तो नहीं आ रहा था क्या पता दीदी भी मजे लेना चाहती हो इसलिए सब करने दे रही हो क्योंकि जेसे मेरा मन होता है वैसे ही दीदी का भी तो होता होगा सेक्स करने का और वेसे भी दीदी फोन सेक्स तो करती ही थी अपने bf से तो कहीं दीदी को भी मजा तो नहीं आ रहा था जब मैं उनके बोबे दबा रहा था बस में तभी मेरे मन ने वापस कहा की नहीं यार दीदी बस मजे के लिए इतना रिस्क नहीं ले सकती वो डर ही गयी होगी मैं इन्ही खयालों में था इतने में दीदी ने आवाज दी " चल ना सोनू घर नहीं चलना क्या वहां क्या खड़ा है " मैं अपने खयालो से बाहर आया और बोला "हाँ दीदी चलो " सोनू यार तूने तो उन लोगो का काम खराब ही कर पर उन दोनों के चलते ही अपनी दीदी की चूची मसला और अपना लंड अपनी दीदी के हाँथ में दिया। दीदी को चोदने का सही तरीका ही है किसी बाहरी लोगो से दीदी को गर्म करवाना। बाहर के लोग अपनी दीदी को चोदने के लिए सही बात है की बहुत गन्दी बात या हरकत करते है। पर अपनी जवान और सेक्सी दीदी भी इन्ही से अपनी गर्म चूत गाँड़ चुदवाने के लिए सोचती है। मेरी कहानी में (दीदी को चुदवाया) देखा था कैसे डब्बु ,दीदी को गंदी गंदी बात से गर्म करके चोदता है और दीदी भी उसके दोस्तो के साथ उछल उछल के चुदती है और लॉकडॉन मे मैं भी अपनी दीदी का भरपूर चुदाई की और डब्बु के साथ भी दीदी को चोदा। इसलिए थोरा बहुत प्रयास करना चाहिए की अपनी दीदी बहन के चूत गाँड़ मे दुसरो का भी लंड जाय। मै तो हर समय दीदी को दूसरे के साथ चोद कर जायदा मजा लिया हू। सिर्फ स्टार्टिंग मे ही दीदी के साथ अकेले किया नही तो जायदा टाइम थ्री सम ही किया सबसे ज्यादा मजा चुदाई के समय दीदी का फेस का रंग देखने मे आता है दीदी एकदम रोड पर की कुत्ती की तरह चिलाती है और हमलोग रगर रहे हो ते है।
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12-09-2022, 03:28 PM,
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RE: Behan Sex Kahani मेरी प्यारी दीदी
Bhn ki gand to sexy hoti hi h sabse yar.. Or sabse jyada logo k gande comment sun k hi mja aata h.. Jb log gandi gandi comment krte bhn pr...
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