RE: behen sex kahani मेरी तीन मस्त पटाखा बहनें
इस तरह करते हुए धीरे धीरे मेरा आधा लंड दीदी की गांड में घुस गया था और मैंने दीदी के बूब्स पकड़ लिए और दबाने लगा अब दीदी भी थोड़ी शांत हो गई थी और वो मेरे लंड के अंदर बाहर होने के साथ अपनी गांड हिला रही थी।
मैने अपना एक हाथ दीदी के बूब पर और दुसरा हाथ उसकी चूत पर रखा और बूब को मसलते हुए चूत को रब करने लगा जिससे दीदी फिर गरम हो गई और कुछ ही देर में झड़ गई और वहीँ जमीन पर डॉगी स्टाइल में हो गई।
वह क्या नजारा था दीदी अभी होश में नहीं थी तो मैंने लंड को पहले से ज्यादा जोर से अंदर बाहर करना शुरू कर दिया और ५ - ७ धक्को में ही दीदी की गांड में झड गया।
मेरी कम को अपनी गांड में गिरती हुई महसूस करके दीदी ने मेरी तरफ देखा और हँस कर बोली "गंदे कहीं के इतना दर्द दिया और तुरंत ही उतना मजा भी दे दिया सच में बहुत पहूँची हुई चीज हो तुम्, सच आई लव यू सो मच् राज यू आर ग्रेट योर लंड इज आल्सो ग्रेट बहुत अच्छा लग रहा था जबकि मेरे अंदर गरम गरम पानी गिर रहा था उफ़ इतना मजा दिया तुमने और दर्द भी की पूछो मत, बस अब आराम से बाहर निकाल लो ये ना हो की फिर खड़ा हो जाये और मेरी गांड फट जाए"।
इत्ना कह कर दीदी हॅसने लगी और मैंने धीरे धीरे अपना लंड बाहर निकालना शुरू कर दिया तो दीदी ने आँखे बंद कर ली और गांड हिलने लगी जिससे मेरा लंड जल्दी ही बाहर आगया।
तभी अचानक ही रानी ने फिर आवाज दी "दीदी मैं जारही हूँ आप भी नहा कर नीचे आजा जाना"।
रानी नीचे जा चुकी थी और हम दोनों भाई बहन हँसते हुए उठे मैं अपने पैंट की ज़िप लगा कर बाहर निकल गया और दीदी नहा कर जल्दी से बाहर आगई।
लेकिन उनकी गांड में सूजन थी तो वो टांगे फैला कर धीरे धीरे चल रही थी मैंने जब देखा तो मुझे उस पर बहुत तरस आया लेकिन दीदी के चेहरे पर नॉटी साइड स्माइल देख कर मैं भी हँस दिया। ।।।।।।।।।।।।।
रात को मैं दीदी का वेट कर रहा था लेकिन बहुत देर होने के बाद भी वो नहीं आई तो मैं उठ कर उसके रूम में चला गया तो देखा की दीदी के साथ मेरी छोटी बहन राखी सो रही थी।
"दीदी आज का क्या प्रोग्राम है?" मैंने धीरे से पूछा।
"अभी तो राखी मेरे पास सो रही है इसलिए आज मुश्किल है कल देखते है" दीदी बोली।
"दीदी मुझे नींद नहीं आरही है और न ही आएगी, प्लीज दीदी कुछ तो करो.... अच्छा आप मेरे रूम में आ जाना कुछ देर बाद" मैं उसे मनाते हुए बोला।
"राज... कहा ना नहीं, अभी मैं भी जग रही हूँ लेकिन कहीं ये उठ गई और मुझे ना देख कर ढूँढ़ने लगी तो, पागल आज रात भर सबर कर लो कहा न कल देखते है" दीदी बोली।
दीदी की बात सुनकर मैंने बुरा सा मुँह बना लिया जिसे देख कर दीदी हॅसने लगी।
"अच्छा बाबा ठीक है मैं आती हूँ तुम्हारे रूम में लेकिन ज्यादा टाइम नहीं रहूँगी जो करना है जल्दी करना, और हाँ अपनी शकल ठीक कर लो नौटंकी कहीं के...." दीदी हँसते हुए बोली.
दीदी की बात सुनकर मैं खुश होकर अपने रूम में आगया और कोई १५ मिनट बाद दीदी भी मेरे रूम में आगई।
|