RE: behen sex kahani मेरी तीन मस्त पटाखा बहनें
"दीदी सच आप बहुत अच्छी हो और मुझसे बहुत प्यार करती हो, दीदी अब आप मेरे झड़ने तक मेरा लंड चूसो मैं आज सारी रात आपको चोदना चाहता हूँ और आपके सभी होल्स में अपना माल गिराना चाहता हूँ ऊफ्फ दीदी जोर से मेरा लंड पूरा अपने मुँह को बहुत मजा आरहा है, हाँ दीदी यस यस ऐसे ही ओह्ह दीदी प्ल्ज़ थोड़ा इधर हो जाओ मैं आपका बूब दबाना चाहता हूँ दीदी आपको पता नहीं है की मैं आपके बूब्स का कितना दिवाना हूँ अहहहह दीदी कितने सॉफ्ट और बड़े बड़े है आपके बूब्स उफ़ दीदी और जोर से चूसो मेरा बस निकलने ही वाला है" मैं दीदी का सर अपने लंड पर दबाते हुए बोला।
और दीदी जोर जोर से मेरे लंड चूसने लगी जब मुझसे बर्दाश्त नहीं हुआ तो मैंने दीदी का सर पकड़ कर दो चार धक्के जोर के लगाये और मेरा लंड दीदी के मुँह में ही फट पड़ा और दीदी का मुँह मेरे माल से भर गया दीदी भी कहाँ पीछे रहने वाली थी वो मेरे माल की एक एक बून्द पी गई।।।।।।।।।।।।
फिर दीदी उठी और अपनी चूत मेरे मुँह पर रख दी वववओऊववव क्या स्मेल थी दीदी की चूत की।
"ले भैया आज चाट मेरी चूत को और जब अच्छे से गीली हो जाये तब इसमें अपना लंड घुसा कर जबरदस्त चुदाई करना इसकी" दीदी बोली।
ओर फिर दीदी मेरे सीने पर दोनों तरफ पेर डाल कर बैठ गई उसकी चूत मेरे मुँह से लगी हुई थी और मैं उसे चाटे जारहा था और अपनी जीभ भी चूत की लाइन पर घुमा रहा था।
मेरे मुँह की गर्मी और मेरी जीभ की हरकतो को दीदी की चूत सहन नहीं कर पायी और दीदी मेरे मुँह में ही झड़ गई उसका पूरा नमकिन पानी मैं पी गया।
झडने के बाद दीदी जैसे ही होश में आयी वो मेरे ऊपर से हट कर साइड में दोनों टांगे फैला कर लेट गई।
"चल मेरे भाई अब तोड़ दे मेरी सील और कर ले अपने मन की पूरी। ये तेरे लिए मेरी तरफ से बर्थडे गिफ्ट है" दीदी बोली।
मेरी आँखों के सामने बहुत ही दिलकश नजारा था दीदी की गुलाबी चिकनी बिना बालो वाली रस बहातीचूत मुझे अपनी तरफ बुला रही थी।
ओर फिर मैंने भी देर नहीं की और दीदी की टाँगों के बीच आगया।
"दीदी पहली बार है दर्द होगा" मैं बोला।
"तु टेंशन मत ले मैं सहन कर लूँगी" दीदी बोली।
दीदी की बात सुनकर मैंने अपना लंड उसकी चूत के छेद पर लगाया और धीरे धीरे आगे बढ़ने लगा लेकिन दीदी की चूत बहुत टाइट थी तो लंड अंदर जा ही नहीं रहा था।
"भाई ऐसे नहीं होगा एक जोर का धक्का लगा वरना मुझे दर्द भी होगा और हम कुछ कर भी नहीं पाएँगे" दीदी बोली और पास पड़ा कपडा अपने मुँह में भर लिया।
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