Bhabhi ki Chudai देवर भाभी का रोमांस
06-01-2019, 02:08 PM,
#57
RE: Bhabhi ki Chudai देवर भाभी का रोमांस
बताइए ना ! क्या मतलव है उस बात का…? मेने फिर कहा… तो वो इस बार मेरी आँखों में आँखें डालकर देखने लगी..

शायद ये जानना चाहती थी कि मे वाकई उस बात से अंजान हूँ, या जानबूझकर पुच्छ रहा हूँ…

मेरी आँखों में शरारत के कोई भाव ना देख, वो बोली – सच में आपको तोता – मैना की कहानी नही मालूम..?

मे – क्या..? ये कोई कहानी है..? सच में मेने कभी किसी से नही सुनी.. आप सुनाइए ना.. प्लीज़…

वो शर्मा कर फिर से नीचे की ओर देखने लगी… और इस बार उसने रूचि से कहा –

रूचि ! तेरे चाचू तो सच में बड़े भोले हैं.. इतने बड़े हो गये और इन्हें अभी तक तोता –मैना के बारे में पता नही है…

फिर वो रूचि से ही मुखातिब होकर बोली – रूचि तुझे पता है.. तोता मैना ना ! एक दूसरे से बहुत प्रेम करते थे… ये बोलते वक़्त उसके गालों पर शर्म की लाली साफ साफ दिखाई दे रही थी…….

निशा ने फिर एक बार अपने आप को संयत किया और फिर आगे बोलना शुरू किया –
कहते हैं… उन दोनो का प्यार 7 जन्मों तक चला… जिनमें हीर-रांझा, शीरी- फरहद, लैला – मजनूं, रोमीयो-जूलियट, सोहनी-महिवाल,

एक जन्म में तो वो बंदर-बंदरिया भी थे, पक्षियों में तोता-मैना… इस तरह 7 जन्म तक उनका प्यार चलता रहा…

मे – तो क्या वो लैला –मजनूं और हीर-रांझा जो पिक्चर बनी हैं… उनके उपर ही बनी हैं…

वो – हां ! और वो किसी भी जन्म में एक नही हो पाए… अंत में एक-दूसरे की बाहों में ही दम तोड़ा…

कहानी बताते-2 वो मेरी आँखों में देखती हुई खो गयी… में भी अपलक उसकी झील सी गहरी आँखों में डूब सा गया…

ना जाने कैसे और कब हमारे हाथ एक दूसरे के हाथों में आ गये थे….

जाने कैसा आकर्षण था हम दोनो के बीच, की हम एक दूसरे की तरफ झुकते चले गये…

दोनो के होठों को आपस में जुड़ने के लिए कुच्छ ही फासला शेष था, एक दूसरे की साँसें आपस में टकराने लगी थी…कि , तभी रूचि बोल पड़ी..

फिर क्या हुआ मौसी…? आगे सूनाओ ना !

रूचि की आवाज़ सुनकर हम दोनो ही जैसे नींद से जागे… और हड़बड़ा कर सीधे होकर बैठ गये…नज़रें स्वतः ही झुकती चली गयी…

निशा – बेटा कहानी ख़तम हो गयी, अब तुम चाचू की गोद में बैठो.. मे अभी आती हूँ.. इतना बोल कर उसने रूचि को मेरी गोद में बिठाया और खुद पलंग से उठ गयी…..!

ना जाने मेरे अंदर कहाँ से इतनी हिम्मत आ गयी, कि मेने उसका हाथ पकड़ लिया… और बोला –

लेकिन निशा जी मेरे मन में कुच्छ और भी सवाल हैं..

उसने मेरे हाथ के उपर अपना हाथ रख दिया और उसे प्यार से हटते हुए बोली –

उनका जबाब अपनी भाभी से पुच्छ लेना.. इतना कह कर वो रूम से बाहर चली गयी….

मे ठगा सा वहीं बैठा रह गया… किसी महान चूतिया की तरह….

फिर कुच्छ देर और वहीं बैठा रूचि के साथ खेलता रहा… कुच्छ देर बाद वो मेरी गोद में ही सो गयी..

उसे पलंग पर लिटा कर मे भी अपने कमरे में सोने चला गया..

बिस्तर पर पड़े-2 मे निशा की बातों के बारे में ही सोचता रहा… नींद मेरी आँखों से कोसों दूर जा चुकी थी…

रह-रह कर मेरे मन में यही सवाल कोंध रहा था.. की जब कहानी की सच्चाई ये है.. तो भाभी ने हमें तोता-मैना क्यों कहा..?

क्या ये महज़ एक जुमला था या कुच्छ और…?

जो भी हो… मेरा मन उसकी ओर खिंचा जा रहा था…उसकी वो झील सी आँखें जिनमें ना जाने कैसा आकर्षण था…मेरे ख़यालों में आ जाती और मे अपने अनादर अनजानी बेचैनी महसूस करने लगता..…!

मेने इस बार कस कर अपनी आँखें बंद की और सोने की कोशिश करने लगा, कि उसका मासूम सा चेहरा फिरसे मेरे सामने आगेया.. मे फिरसे उसके ख़यालों में खोने लगा..

बार -2 उसकी मधुर आवाज़ कानों में गूंजने लगती.. अभी में इन ख्वाओं ख़यालों से बाहर निकलने के लिए जूझ ही रहा था कि दरवाजा खुलने की आवाज़ सुनाई दी…

मेने झट से अपनी आँखें खोल दी… देखा तो सामने भाभी दूध का ग्लास हाथ में लिए खड़ी थी… मुझे जागते हुए पाकर वो मेरे पास आकर बैठ गयी…

दूध का ग्लास मेरे हाथ में दिया और मेरे चेहरे की तरफ गौर से देखने लगी..

मेने ग्लास खाली करके उन्हें पकड़ा दिया, खाली ग्लास को हाथ लेते हुए वो बोली..

लल्ला ! कुच्छ परेशान लग रहे हो…? बात क्या है, नींद नही आरहि.. ?

एक बार मेरे मन में आया कि भाभी से पुच्छ लूँ… लेकिन फिर सोचा.. पता नही वो कैसे रिएक्ट करेंगी…

मे – कुच्छ नही भाभी, बस दिनभर की भाग दौड़ से थोड़ा थकान सी है.. और वाकी बचे कामों के बारे में सोच रहा था, इसलिए नींद नही आई अबतक..

भाभी – चलो अब ज़्यादा टेन्षन ना लो, और सो जाओ.. और मेरे सर को प्यार से सहला कर वो चली गयी….

कुच्छ देर की कोशिशों के बाद उसके ख़यालों में खोया हुआ मे भी नींद के आगोश में चला गया…

दूसरे दिन दोनो भाई भी आ गये… उन्होने सारी तैयारियों का जायज़ा लिया.. कुच्छ शहरी स्टाइल से चेंजस भी कराए…

घर में भीड़-भाड़ ज़्यादा हो गयी थी… दिन भर की भाग दौड़ के कारण निशा से मेरी और कोई बात नही हो पाई.. बस एक-दो बार आमना सामना हुआ…

नज़रें चार होते ही उसके चेहरे पर शर्मीली सी मुस्कान आ जाती.. और फिरसे नज़रें नीची करके वो मेरी आँखों से ओझल हो जाती…!

लेकिन जितनी देर मे घर में होता… मेरी नज़रें उसीको तलाश करती रहती.., मे समझ नही पा रहा था, कि आख़िर ये कैसा आकर्षण है…!
Reply


Messages In This Thread
RE: Bhabhi ki Chudai देवर भाभी का रोमांस - by sexstories - 06-01-2019, 02:08 PM
Nise story - by Ram kumar - 01-07-2020, 11:26 PM

Possibly Related Threads…
Thread Author Replies Views Last Post
  Thriller Sex Kahani - मोड़... जिंदगी के sexstories 21 8,487 06-22-2024, 11:12 PM
Last Post: sexstories
  Incest Sex kahani - Masoom Larki sexstories 12 4,013 06-22-2024, 10:40 PM
Last Post: sexstories
Wink Antarvasnasex Ek Aam si Larki sexstories 29 2,792 06-22-2024, 10:33 PM
Last Post: sexstories
  Raj sharma stories चूतो का मेला sexstories 201 3,749,891 02-09-2024, 12:46 PM
Last Post: lovelylover
  Mera Nikah Meri Kajin Ke Saath desiaks 61 576,460 12-09-2023, 01:46 PM
Last Post: aamirhydkhan
Thumbs Up Desi Porn Stories नेहा और उसका शैतान दिमाग desiaks 94 1,340,562 11-29-2023, 07:42 AM
Last Post: Ranu
Star Antarvasna xi - झूठी शादी और सच्ची हवस desiaks 54 1,024,508 11-13-2023, 03:20 PM
Last Post: Harish68
Thumbs Up Hindi Antarvasna - एक कायर भाई desiaks 134 1,800,073 11-12-2023, 02:58 PM
Last Post: Harish68
Star Maa Sex Kahani मॉम की परीक्षा में पास desiaks 133 2,202,610 10-16-2023, 02:05 AM
Last Post: Gandkadeewana
Thumbs Up Maa Sex Story आग्याकारी माँ desiaks 156 3,161,947 10-15-2023, 05:39 PM
Last Post: Gandkadeewana



Users browsing this thread: 6 Guest(s)