Bhabhi ki Chudai देवर भाभी का रोमांस
06-01-2019, 02:10 PM,
#65
RE: Bhabhi ki Chudai देवर भाभी का रोमांस
अब मेने अपने एक हाथ को उनकी कमर की साइड से नीचे ले जाकर उनकी चूत को सहला दिया और अपनी दो उंगलियाँ चूत के अंदर कर के उसे चोदने लगा…

चूत की सुरसूराहट में चाची अपनी गान्ड का दर्द भूल गयी… और सिसकियाँ…भरने लगी…

मौका देख कर मेने एक और धक्का मार दिया और मेरा पूरा लंड गान्ड की सुरंग में खो गया…

वो दर्द से कराह उठी.. तकिये में मुँह देकर बेडशीट को मुत्ठियों में कस लिया…

लेकिन मेने अपनी उंगलियों से उनकी चूत चोदना जारी रखा.. और धीरे-2 कर के गान्ड में लंड अंदर – बाहर करने लगा…

चाची के दोनो छेदो में सुरसुरी बढ़ने लगी और वो अब मस्ती से आकर गान्ड मरवाने लगी…

चूत से उंगलियाँ बाहर निकाल कर उनकी गान्ड पर थपकी देते हुए धक्के लगाने में मुझे असीम आनंद आ रहा था….

चाची भी भरपूर मज़ा लेते हुए अब अपनी गान्ड को मेरे लंड पर पटक रही थी,
जब उनकी मोटी गधि जैसी गान्ड मेरी जांघों से टकराती, तो एक मस्त ठप्प जैसी आवाज़ निकलती… मानो कोई टेबल पर थाप दे रहा हो…

10 मिनिट तक उनकी गान्ड मारने के बाद मेरा पानी उनकी गान्ड में भर गया.. और हम दोनो ही पस्त होकर बिस्तर पर लेट गये…

5 मिनिट के बाद मेने चाची की चुचि को सहलाते हुए पूछा – चाची ! गान्ड मारने में मज़ा आया कि नही…

वो – शुरू में तो लगा कि मेरी गान्ड फट गयी.. बहुत दर्द हुआ .. लेकिन बाद में मज़ा भी खूब आया… लेकिन आहह…. अब फिर से दर्द हो रहा है…माआ…

पर तुम चिंता मत करो , कुछ देर में ठीक हो जाएगा… तुम बताओ.. तुम्हें मज़ा आया या नही…

मे – मुझे तो बहुत मज़ा आया… लेकिन लगता है चाची.. ये तरीक़ा सही नही है..
वो तो आपकी गान्ड ऐसी मस्त है कि मे अपने आप को रोक नही पाया वरना कभी नही मारता…

वो – कोई बात नही… मेरे राजा… तुम्हारे लिए तो मेरी जान भी हाज़िर है.. ये निगोडी गान्ड क्या चीज़ है…

चाची अब खुल कर गान्ड, लंड, चूत बोलने लगी थी…
मे अपने कपड़े पहन कर घर आया, आज अपनी जान निशा को जो चोदने जाना था…
आकर फ्रेश हुआ… खाना खाया और उसके गाओं जाने की तैयारी में जुट गया…

निशा का मान नही था जाने का, लेकिन भाभी का आदेश था, जाना तो पड़ेगा ही..

भाभी का गाओं कोई 30-35 किमी ही दूर था हमारे यहाँ से, सिंगल रोड था.. पूराना सा.. लेकिन वहाँ ज़्यादा नही चलते थे..

रोड खराब होने के कारण थोड़ा जल्दी निकलना था जिससे दिन के उजाले में ही पहुँच जायें तो ज़्यादा अच्छा था.. वैसे तो ज़्यादा से ज़्यादा 1 घंटा ही लगना था..

हम दोनो को निकलते-2 सबसे मिलते मिलते.. 5 बज गये.. ठंडी के दिन थे.. 5 बजे से ही दिन ढालने लगता था…

एक दूसरे से अपने प्रेम का इज़हार करने के बाद भी निशा मेरे साथ खुल नही पा रही थी… बाइक पर भी वो मुझसे दूरी बनाए हुए बैठी थी…

मेने गाओं निकलते ही कहा – निशा इतना दूर क्यों बैठी हो जैसे मे कोई पराया हूँ..

वो – ऐसा क्यों बोलते हो जानू…! बस मुझे शर्म आती है… और कोई बात नही..

मे – मुझसे अब कैसी शर्म…? अब तो हम दोनो प्रेमी हैं ना !

वो – फिर भी मुझे शर्म आती है… , मे चुप हो गया, और गाड़ी दौड़ा दी…

अचानक से सड़क में एक गड्ढा आया, मेने एकदम से ब्रेक लगाए… बुलेट की पिच्छली सीट थोड़ी उँची सी होती है.. ड्राइवर सीट से…

सो ब्रेक लगते ही वो सरकती हुई मेरी पीठ से चिपक गयी.. और डर के मारे मेरे सीने में अपनी बाहें लपेट कर चीख पड़ी…

मे – क्या हुआ डार्लिंग ?

वो – आराम से नही चला सकते..?

मे – आराम से चलाने का समय नही है मेरी जान…! रोड खराब है… लेट हो गये तो रात में इन खद्डो में वैसे भी मुश्किल होगी.. तुम ऐसे ही बैठी रहो ना.. क्या दिक्कत है..

वो हूंम्म.. कर के मुझे कस के पकड़ कर बैठ गयी… मे बीच-2 मे ब्रेक मार देता तो वो और ज़्यादा चिपक जाती…

उसके 32” के ठोस उरोज मेरी पीठ पर दब रहे थे… कुछ देर में उसकी शर्म कम हो गयी और उसने मेरे कंधे से अपना गाल सटा लिया, फिर मेरे गाल को चूमकर बोली – अब खुश..!

मे – तुम्हारा साथ तो मेरे लिए हर हाल में खुशी ही देता है.. जानेमन… तुम खुश हो कि नही.. या अब भी शर्म आ रही है..?

वो – आप मुझे बिल्कुल बेशर्म बना दोगे…

मे – अरे यार ! ऐसे बैठने से भी कोई बेशर्म हो जाता है क्या..? मेने उसे और थोड़ा खोलने के लिए कहा…

निशा मेरे सीने को पकड़ने से मुझे ड्राइविंग में थोड़ा प्राब्लम होती है.. तुम ना मेरी कमर को पकड़ लो…

वो – आप जहाँ कहोगे वहीं पकड़ लूँगी जानू.. और ये कह कर उसने मेरी जांघों पर हाथ रख लिए…

मेने कहा – थोड़ा अंदर की साइड में पाकड़ो, नही तो तुम्हें सपोर्ट नही मिलेगा…

वो – धत्त… अब आप मुझे बिल्कुल बेशर्म करना चाहते हैं… फिर कुछ सोच कर.. अच्छा चलिए आपकी खुशी के लिए ये भी सही.. और उसने अपने हाथ मेरी जाँघो के जोड़ पर रख लिए…

गाड़ी के जंप के कारण उसके हाथ भी इधर-उधर होते.. तो उसकी उंगलिया मेरे लंड को छू जाती … आहह… ये हल्का सा टच ही मेरे लिए बड़ा सुखद लग रहा था…

वो भी अब अपनी शर्म से निकलती जा रही थी और अपनी उंगलियों को मेरे लंड के ऊपर फिरने लगी…

पीछे से वो और अच्छे से चिपक गयी, अब उसकी जांघें मेरी जगहों से सात चुकी थी.. जो कभी-2 गाड़ी के जंप से आपस में रगड़ जाती…

हम दोनो पर एक अनूठा सा उन्माद छाता जा रहा था… लेकिन ये उन्माद कुछ ही देर का था… उसका गाओं आ चुका था, और वो फिरसे मुझसे दूरी बना कर बैठ गयी…
Reply


Messages In This Thread
RE: Bhabhi ki Chudai देवर भाभी का रोमांस - by sexstories - 06-01-2019, 02:10 PM
Nise story - by Ram kumar - 01-07-2020, 11:26 PM

Possibly Related Threads…
Thread Author Replies Views Last Post
  Raj sharma stories चूतो का मेला sexstories 201 3,707,869 02-09-2024, 12:46 PM
Last Post: lovelylover
  Mera Nikah Meri Kajin Ke Saath desiaks 61 569,795 12-09-2023, 01:46 PM
Last Post: aamirhydkhan
Thumbs Up Desi Porn Stories नेहा और उसका शैतान दिमाग desiaks 94 1,321,629 11-29-2023, 07:42 AM
Last Post: Ranu
Star Antarvasna xi - झूठी शादी और सच्ची हवस desiaks 54 1,004,981 11-13-2023, 03:20 PM
Last Post: Harish68
Thumbs Up Hindi Antarvasna - एक कायर भाई desiaks 134 1,773,163 11-12-2023, 02:58 PM
Last Post: Harish68
Star Maa Sex Kahani मॉम की परीक्षा में पास desiaks 133 2,180,983 10-16-2023, 02:05 AM
Last Post: Gandkadeewana
Thumbs Up Maa Sex Story आग्याकारी माँ desiaks 156 3,124,069 10-15-2023, 05:39 PM
Last Post: Gandkadeewana
Star Hindi Porn Stories हाय रे ज़ालिम sexstories 932 14,639,122 10-14-2023, 04:20 PM
Last Post: Gandkadeewana
Lightbulb Vasna Sex Kahani घरेलू चुते और मोटे लंड desiaks 112 4,217,583 10-14-2023, 04:03 PM
Last Post: Gandkadeewana
  पड़ोस वाले अंकल ने मेरे सामने मेरी कुवारी desiaks 7 305,013 10-14-2023, 03:59 PM
Last Post: Gandkadeewana



Users browsing this thread: 10 Guest(s)