RE: Bhabhi ki Chudai भाभी का बदला
मैं बुआ के पास खड़े होकर, मम्मी पापा को बाहर जाकर कार में बैठते हुए देखता रहा. “फिर, पिज़्ज़ा का क्या हुआ?” मुन्नी बुआ ने पूछा.
मैने पिज़्ज़ा के साथ बियर ली और बुआ ने एक कम आल्कोहॉल वाली बियर पी. बुआ को 2 बियर पीने के बाद थोड़ा सा सुरूर हो गया. बुआ ने घड़ी की तरफ देखे हुए कहा, “अभी तो बस 9 ही बजे है, चलो थोड़ी देर बाहर टहल कर आते हैं.” मुझे भी बुआ का आइडिया अच्छा लगा, और मैं अपने रूम में चेंज करने को चल दिया. “कहाँ जा रहे हो राज,” बुआ ने पूछा.
"ट्रॅक सूट पहनने!"मैने बिना कुछ सोचे जवाब दिया.
“ओके, मैं भी ट्रॅक सूट पहन लेती हूँ, बाहर थोड़ी ठंड होगी” बुआ ऐसा कहते हुए मेरे पीछे पीछे मेरे रूम में आ गयी. रूम में आकर, जब मैं आल्मिरान में से अपना ट्रॅक सूट निकाल रहा था, बुआ ने अपने सलवार सूट का कुर्ता अपने गले में से निकाल दिया, उन्होने नीचे ब्रा भी नही पहनी हुई थी. मेरी नज़र तो सारी शाम, बुआ के मम्मों पर टिकीई रही थी. लेकिन मन ही मन, अपनी बुआ के मम्मे घूरते हुए ताकना एक चीज़ है, और असलियत में उनको देखना, एक अलग चीज़ है.
"बुआ! ये आप क्या कर रही हो?" मैने थोडा घबराते हुए पूछा. "अगर कोई आ गया तो?"
"कौन आएगा? तुम्हारी गर्लफ्रेंड?" बुआ चिढ़ाते हुए बोली." भैया भाभी तो पार्टी में गये ही हैं, और मुझे नही लगता, वो आज रात लौटेंगे. बुआ ने बेफिक्री से अपना कुर्ता, पास रखी चेर पर फेंक दिया, और अपनी सलवार का नाडा खोलने लगी. थोड़ी देर में मुन्नी बुआ बस मेरे सामने, एक ब्लू कलर की पैंटी में खड़ी थी. "चलो, अब तुम भी जल्दी से चेंज कर लो, फिर टहलने चलते हैं," बुआ ने अधिकार पूर्वक कहा.
"कौन सी गर्लफ्रेंड की बात कर रही हो बुआ आप?" मैने बहुत देर बाद पूछा. बुआ ने शरारती आदाज़ में मेरी थोड़ी पर अपनी उंगली को चलाते हुए थोड़ा बहकते हुए कहा, “वो तान्या, तुम्हारी होने वाली बीवी, अभी तो गर्लफ्रेंड ही है ना.”
"मुझे सब पता है, क्या क्या गुल खिला चुके हो तुम," बुआ ने इस अंदाज में पूछा मानो उनको बहुत चढ़ गयी हो.
"मुन्नी बुआ!" मैं ज़ोर से चिल्लाया. मैने पहली बार उनको नाम लेकर पुकारा था, शायद उनके एक वाक्य ने मुझे सर्प्राइज़, गुस्सा और परेशान कर दिया था.
हम दोनो अब अपने अपने ट्रॅक सूट पहन चुके थे. "क'मोन राज – थोड़ा टहल के आते हैं,, बियर और पिज़्ज़ा डाइजेस्ट तब भी हो जाएगा!" ऐसा बोलते हुए, बुआ ने चाबियों का गुच्छा उठाया, और मेरी गान्ड पर एक हल्का सा थप्पड़ मारते हुए, हंसते हुए जल्दी से बाहर पोर्च से निकालकर, बाहर लोहे वाले गेट से भाग कर, दौड़ते हुए बाहर निकल गयी. मैं भी बदला लेने के लिए उनके पीछे दौड़ा, तभी बुआ ने मेरी तरफ चाबी उछालते हुए कहा, “लॉक लगा दो.”
मैने चाबी के गुच्छे को एक हाथ से कॅच किया, और बाहर से दोनो गेट में ताले लगा दिए. बुआ कोई गाना गुनगुना रही थी, और मेरे आगे आगे चल रही थी. पीछे घूमकर मेरी तरफ देख के बीच बीच में मुस्कुरा जाती. बुआ के बालों का हाल ही में बनाया हुआ पोनीटेल, उनके जल्दी जल्दी चलने के कारण बार बार उछल रहा था.
"चाबियाँ तो अच्छी कॅच कर लेते हो! कितनी लड़कियाँ को अब तक कॅच कर चुके हो! बुआ आगे चलते हुए कुछ कुछ बोले जा रही थी. मैं पीछे चलते हुए, उनके पोनीटेल, और ट्रॅक पॅंट में छुपी हुई उनकी भारी गान्ड को देख रहा था.
मैं जल्दी जल्दी कदम बढ़ाते हुए, बुआ के पास पहुँचा, और उनकी हिप्स पर एक थोड़ा ज़ोर से थप्पड़ मार दिया. बुआ की गान्ड बहुत भारी थी, और उनके हिप्स बहुत भारी थे. बुआ ने गुस्से में मेरी तरफ देखा, “आउच, बहुत ज़ोर से मार दिया.” फिर हम दोनो तेज तेज चलने लगे. कुछ दूर चलने के बाद, सड़क थोड़ा सूनी हो गयी. बुआ ने चारों तरफ देखा, और बोली, “मुझे सूसू आ रहा है.”
बुआ इतना बोल कर रोड के साइड में लगे एक पेड़ के पीछे जाने लगी, और मुझे अपने पीछे आने का इशारा किया. फिर वो पेड़ के पीछे छिप गयी. जैसे ही मैं उस जगह पहुँचा, जहाँ मेन रोड से कुछ दिखाई नही दे रहा था, मैने आस पास नज़र दौड़ाई. वहाँ एक आधी जली हुई लकड़ी पड़ी थी, कुछ खाली कोल्ड ड्रिंक्स की प्लास्टिक बॉटल्स, कुछ बियर के कॅन्स, और सिगरेट के फिल्टर पड़े हुए थे. और एक यूज़ किया हुआ कॉंडम भी पड़ा था, और उसके पास की फटा हुआ ड्यूर्क्स का पॅकेट.
बुआ ने अपने ट्रॅक पॅंट को नीचे खिसकाया, और थोड़ी सॉफ सी जगह बैठ कर सूसू करने लगी.
बुआ के सूसू के ज़मीन पर गिरने की आवाज़ मुझे पागल कर रही थी. कुछ सेकेंड देखने के बाद, मैने भी अपने ट्रॅक पॅंट को नीचे किया, और बॉक्सर्स में से अपना लंड बाहर निकाल के मैं भी पेशाब की धार निकालने लगा. तभी बुआ उठ के खड़ी हुई, उनकी ट्रॅक पॅंट अभी भी घुटनों तक नीचे खिसकी हुई थी, वो मेरे पीछे आकर खड़ी हो गयी, और मुझे पेशाब करते देखने लगी.
जब मैं फारिग हुआ, तो मैने अपने लंड को हिलाकर, बॉक्सर के अंदर डाल लिया, और ट्रॅक पॅंट उपर कर ली, मुझे ऐसे करते देख, बुआ ने भी अपनी पॅंट उपर कर ली, और हम दोनो फिर से मेन रोड पर आ गये.
"बुआ, आप वो गर्लफ्रेंड के बारे में क्या पूछ रही थी?" मैने हिम्मत करते हुए पूछा.
“तुम पिछले कुछ महीनों से जो कुछ कर रहे हो, उसके बारे मीं तुम्हारी मम्मी ने मुझे सब कुछ बता दिया है.” बुआ ने मेरी तरफ आँख मारते हुए कहा. चलो अब ठंड बढ़ती जा रही है, जल्दी से घर चलते हैं. ये सुनकर मेरी तो गान्ड ही फट गयी, कहीं मम्मी को मेरे और दीदी की चुदाई के खेल के बारे में मालूम तो नही चल गया?
जब हम दोनो घर पहुच गये, तो दोनो फिर से मेरे रूम में कपड़े चेंज करने के लिए पहुँच गये. इस बार हम दोनो के बीच कोई शरम नही थी, दोनो ने एक दूसरे के सामने ट्रॅक सूट उतार दिया. बुआ को सिर्फ़ पैंटी में देखने का मुझे एक और मौका मिल गया.
"मम्मी ना जाने क्या सोच रही हैं, लेकिन मैने ऐसा वैसा कुछ नही किया है," मैने अपनी सफाई देते हुए कहा. बुआ ने मेरे को एक अपराधी की तरह देखा, लेकिन मैने कोई प्रतिक्रिया नही दी. “सच में बुआ, आप विश्वास करो, अगर मैने कुछ किया होता, तो सब से पहले मैं आप को ही बताता.” मुझे लगा बुआ मेरी बात मान गयी, और मुझ पर विश्वास कर लिया.
"कुछ नही किया?"
"हां, बुआ कुछ नही किया!"
"लेकिन कुछ भी क्यों नही किया?" बुआ के इस सवाल का मेरे पास कोई जवाब नही था. मेरा चेहरा लाल हो गया, और मैने अपनी गर्दन नीचे झुका ली. नज़रें नीची करने के बाद भी, मैं बुआ की पैंटी और गोरी गोरी नंगी जाघो को देख रहा था.
"राज, यहाँ बेड पर बैठ जाओ, आइ प्रॉमिस, मैं किसी को कुछ नही बताउन्गि, मुझे सब कुछ सच सच बताओ,” बुआ ने मुझे समझाते हुए कहा.
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