Bhabhi ki Chudai भाभी का बदला
03-31-2019, 10:52 PM,
RE: Bhabhi ki Chudai भाभी का बदला
मैने धीरे से अपनी पीठ नीचे करते हुए, डॉली दीदी के उपर छा गया. हम दोनो वैसे ही कुछ देर लेटे रहे और एक दूसरे के फिज़िकल और एमोशनल सामिप्य का आनंद लेते रहे. बीच बीच में हम दोनो लंड को चूत में आगे पीछे कर, चुदाई का मज़ा भी ले लेते. मैने नीचे आते हुए, दीदी को अपने उपर ले लिया, और दीदी की पीठ को, गर्दन से लेकर गान्ड तक सहलाने लगा. हम दोनो एक दूसरे को किस कर रहे थे, और फुसफुसा रहे थे कि हम एक दूसरे को कितना ज़्यादा प्यार करते हैं, और कितना ज़्यादा मिस करते हैं. हम दोनो काम वासना में बहे चले जा रहे थे. 

जब काम क्रीड़ा का वो तूफान शांत हुआ, तो हम दोनो अलग होकर, एक दूसरे के पास साइड में लेट गये. मैं करवट लेकर दीदी की तरफ आया, और उनको किस कर लिया. “दीदी मैं हमेशा आप को ऐसे ही चोदते रहना चाहता हूँ, लेकिन चलो अब कुछ और काम भी कर लेते हैं.”


"हां चलो, दोपहर होने वाली है, घर के सारे कम अभी करने बाकी हैं,” डॉली दीदी ने मेरे चेहरे को अपने चेहरे के पास खींचते हुए बोला. "लेकिन अभी कल की सुबह और दोपहर तो हमारे पास है." हम दोनो ने एक दूसरे के लिप्स को आपस में घिस लिया. फिर मैं बेड से उतर कर नीचे खड़ा हो गया, और डॉली दीदी को बेड पर नंगा लेटे हुए देखने लगा, और बोला, “आप वाकई में बहुत खूबसूरत हो दीदी.”

"थॅंक यू." दीदी ने जाते हुए मुझे एक फ्लाइयिंग किस दिया, और पलट कर बाहर निकल गयी.

मैने नीचे उतरते हुए, सीढ़ियों पर पड़े हुए अपने पाजामे और टी-शर्ट को उठाया, और उनको पहन कर दीदी के पास किचन में आ गया. डॉली दीदी लंच बना रही थी. 

मैं ड्रॉयिंग हॉल में बैठ कर टीवी देखने लगा, कुछ देर बाद दीदी किचन से बाहर निकल कर आई, और मेरे पास सोफे पर बैठ गयी. कुछ देर शांत बैठने के बाद दीदी बोली, “मुझे तुमसे कुछ बात करनी है, राज.”

"हां, दीदी बताओ, क्या बात करनी है?"

"हमारे बारे में. मतलब मेरे और धीरज के बारे में." डॉली दीदी सोफे पर आराम से सहारा लेकर बैठती हुई बोली.

"हम दोनो इस बारे में शवर करते हुए बातें नही कर सकते, अगर आप चाहो तो. क्या आप मेरे शाथ शवर लेना चाहोगी?"

"नो, थॅंक्स. तुम अकेले ही नहा लो."

जब मैं बाथरूम की तरफ चला, तो पीछे पीछे दीदी भी बाथरूम के डोर तक आकर वहाँ पर खड़ी हो गयी. वॉटर टेंपरेचर को अड्जस्ट करने के बाद मैने शवर चालू कर दिया, और अपनी पीठ दीदी की तरफ कर ली. जैसे ही मैने पाजामा उतारा, दीदी मुझे देख रही थी. मैने पाजामे को दीदी को पकड़ाते हुए कहा, “इसको प्लीज़ खूँटि पर टाँग दो.” दीदी ने पाजामे को पकड़ते हुए मुझे उपर से नीचे तक देखा. मैं शवर के नीचे खड़े होकर नहाने लगा.

"मेरा भाई है तो बड़ा ही हॅंडसम, और जो तुम ने जिम जाकर अपने ये डोले शोले बना रखे हैं, वो तो बिल्कुल मस्त हैं, और तुम्हारी बट भी मजेदार है.”

"थॅंक्स.चलो अच्छा है आपको मेरी बट पसंद आई. तान्या ने कभी मेरी बट की तारीफ़ नही की. अब बताओ क्या कह रही थी, अपने और धीरज के बारे में?"

"हां ,इन फॅक्ट हम दोनो की सेक्स लाइफ ना तो ज़्यादा हॉट है, ना ही ज़्यादा कोल्ड. पिछले एक महीने में मैने जो सेक्स किया है, वो कल और आज सुबह तुम्हारे साथ ही किया है."

"आइ'म सॉरी, दीदी. आप तो बहुत सेक्सी हो, धीरज के साथ कोई प्राब्लम है क्या?"

"ओह, नही प्राब्लम हम दोनो के साथ है. पहले मैं सोचती थी, कि जब बच्चे स्कूल जाना शुरू कर देंगे, तब सब ठीक हो जाएगा, क्योंकि हम दोनो को ज़्यादा प्राइवसी मिल पाएगी. लेकिन धीरज अपने काम में इतना ज़्यादा बिज़ी रहता है. कितनी बार उसको बिज़्नेस ट्रिप्स पर जाना पड़ता है, और जब घर पर रहता है, तो इतना ज़्यादा काम करने के बाद बेहद थका हुआ रहता है, या फिर कभी कभी तो ऑफीस के काम को भी घर पर ले आता है, और लॅपटॉप पर मेल्स या मोबाइल फोन पर कॉल्स में ही बिज़ी रहता है.”

"इतना ज़्यादा काम?"

"हां, कभी कभी तो वो सुबह 5 बजे उठकर 6 बजे अपने ऑफीस चला जाता है, जब किसी कन्साइनमेंट की डेलिवरी होनी होती है. और शाम को वो अगर 9 बजे से पहले घर आ जाए तो उसको ऐसा लगता है, मानो उस दिन वो कितना जल्दी आ गया हो."

"तब तो वाकई में प्राब्लम है दीदी, मैं धीरज से इस बारे में बात करूँगा."

"कभी कभी तो मुझे ऐसा लगता है, जैसे कि मैं धीरज के लिए कोई चुदाई करने वाली गुड़िया हूँ."

"क्या दीदी?"

"हां, राज, तुमको पता है 4 मिनट में सब कुछ ख़तम हो जाता है."

"विश्वास नही होता, दीदी."

"धीरज को मेरा उसके उपर बैठकर चोदना पसंद है, और मुझे उसका लंड चूसना, लेकिन जैसे ही मैं उसका लंड चूस कर खड़ा करती हूँ, और चूस कर उसका पानी निकालने ही वाली होती हूँ, वो अपना लंड मेरे मूँह में से बाहर खींच लेता है, और मुझे सीधा या उल्टा लेट जाने को कह देता है. मैं बेड पर अपनी टाँगें चौड़ी कर के लेट जाती हूँ, चाहे मैं चुदने के लिए उस वक़्त तक तय्यार हो पाई हूँ या नही, इस चीज़ का उस पर कोई फरक नही पड़ता. धीरज तो बस अपना लंड मेरी चूत में घुसा देता है, और ज़्यादा से ज़्यादा 10 या 12 झटकों के बाद अपने लंड का पानी मेरी चूत में छ्चोड़ने के बाद, दूसरी तरफ करवट लेकर गहरी नींद में सो जाता है, और खर्राटे मारने लगता है.”

"क्यों दीदी, देखने में तो धीरज इतना चूतिया नही लगता."
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