02-23-2021, 12:06 PM,
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RE: Bhai Bahan Sex Kahani भाई-बहन वाली कहानियाँ
दोनों गान्ड मटकाती हुई कमरे में चली गईं और मैं लण्ड सहलाता हुए इंतज़ार करता रहा। कुछ देर इंतज़ार के बाद मुझे अन्दर बुलाया.. मैं जैसे ही अन्दर गया।
मुझे यकीन ही नहीं हुआ कि ये मेरा ही कमरा है.. क्योंकि पूरा कमरा बड़े ढंग से सजाया हुआ था.. हल्की दूधिया रोशनी जल रही थी और उस लाइट में मुझे तो सिर्फ़ मेरी दोनों बीवियों के दूधिया गुंदाज बदन दिख रहे थे। मैं जैसे ही अन्दर गया.. उन दोनों ने मुझे एक कुर्सी पर बैठाया और बोलीं- आओ स्वामी आपका मुँह मीठा कराते हैं।
डॉली एक रसगुल्ले को लेकर मेरी तरफ़ आई.. मैंने आधा रसगुल्ला अपने मुँह में दबा कर डॉली को अपनी तरफ़ खींचा और बचा हुआ आधा रसगुल्ला उसको खिलाने लगा।
जैसे ही हम दोनों नजदीक आए.. हम रसगुल्ला खाने के साथ ही होंठों का चुम्बन करने लगे।
अभी तो रसगुल्ला दुगना मीठा लग रहा था। मीठा रसगुल्ला और ऊपर से डॉली के रसीले होंठ.. आह्ह.. मजा आ गया।
कुछ देर बाद हम अलग हुए और मैं कांता को भी किस करने लगा.. कुछ देर चुम्बन करने के बाद हम अलग हुए।
कांता- अब आगे दीदी के साथ मजा करो.. मैं बाद में आऊंगी। वैसे भी मैं एक बार मना चुकी हूँ.. दीदी का इधर फर्स्ट-टाइम है।
मैं- तब तक तुम क्या करोगी?
कांता- लाइव शो का मजा लूँगी.. इतना सेंटी क्यों हो रहे हो.. इसके बाद मैं ही आने वाली हूँ।
मैं- ओके मेरी जान.. लव यू।
कांता- ओके.. एंजाय करो।
अब कांता सामने सोफे पर बैठ गई और डॉली दूध का गिलास लेकर मेरे पास आई। मैंने थोड़ा दूध पिया और थोड़ा उसको भी पिलाया।
मैंने उसको गोद में उठा लिया और बोला- मुझे तुम्हारे ये वाले दूध पीना है।
मैं उसकी चोली के ऊपर की खुली जगह पर किस करने लगा.. तो उसके गहने मुझे दिक्कत करने लगे। मैंने उसको बिस्तर के पास बैठाया और एक-एक करके उसके सारे गहने उतार दिए।
फिर गर्दन और चूचियों के बीच की जगह पर किस करने लगा.. साथ ही मैं उसकी कमर को भी सहलाए जा रहा था।
वो मुझे पकड़े हुए थी और मैं चोली के ऊपर से ही उसकी चूचियों को चूस रहा था। कुछ देर ऐसा करने के बाद मैं उसके पीछे गया और उसकी गर्दन पर किस करने लगा और आगे हाथ बढ़ा कर उसकी मस्त चूचियों को भी दबाने लगा।
उसकी गर्दन पर किस करते-करते मैं नीचे को बढ़ने लगा और उसकी नंगी पीठ पर किस करने लगा.. साथ ही मैं उसकी चूचियों को भी दबाता रहा।
कुछ देर किस करने के बाद उसकी चोली की कपड़े की चौड़ी पट्टी को अपने दांतों के बीच दबा कर खींच दिया.. चोली एकदम से खुल गई। मैंने चोली को हटा दिया और अब वो ऊपर सिर्फ़ रेड ब्रा में थी.. जो पीछे एक पतली सी डोर से बन्धी हुई थी। जिसकी वजह से नीचे से उसकी आधी चूचियों को ऊपर की तरफ़ उठी हुई थीं।
वैसे भी डॉली की चूचियाँ मेरी जिन्दगी की अब तक की सबसे बेस्ट चूचियाँ थीं। एकदम गोल बॉल की तरह.. और दूध की तरह गोरी चूचियां.. एकदम टाइट.. अगर ब्रा नहीं भी पहने.. तब भी एकदम सामने को तनी रहें.. झूलने की कोई गुंजाइश नहीं।
मैं उसकी अधखुली चूचियों को ही चूमने लगा।
कुछ देर किस करने के बाद मैं उसकी ब्रा के अन्दर उंगली डाल कर निप्पल को ढूँढने लगा।
वैसे ढूँढने की ज़रूरत नहीं थी.. निप्पल खुद इतना कड़क था.. जो कि दूर से ही ब्रा के ऊपर दिख रहा था।
मैंने उसके निप्पल को पकड़ कर ब्रा से बाहर निकाल लिया। गुलाबी निप्पल को देख कर लग रहा था कि वो बाहर निकलने का इंतज़ार ही कर रहा था.. मानो बुला रहा हो कि आओ और चूसो मुझे..
मैं कौन सा पीछे रहने वाला था मैं भी टूट पड़ा उस पर.. मैं उसके एक निप्पल को मसलने लगा और दूसरे को होंठ के बीच दबाने और चूसने लगा।
कुछ देर बाद मैंने अधखुली चूचियों के ऊपर चिपकी ब्रा भी खोल दिया.. जैसे ही ब्रा को खोला.. उसकी दोनों चूचियाँ छलकते हुए बाहर आ गईं।
मैं पहले भी बता चुका हूँ कि डॉली की चूचियाँ मेरे अब तक की सबसे बेहतरीन चूचियाँ हैं.. तो जैसे ही उसकी मदमस्त चूचियाँ उछलते हुए बाहर आईं.. मैं चूचियों पर टूट पड़ा।
मैं उसकी मस्त चूचियों को चूसने और मसलने लगा और पूरी चूचियों को मुँह में लेने की कोशिश करने लगा। वो इतनी बड़ी गेदें थीं.. जिनके साथ खेल तो सकते थे.. लेकिन खा नहीं सकते थे। मैं बस उसकी गेदों से खेलता रहा। वो भी चूचियों को मसलवाने के मज़े ले रही थीं।
अब तो वो ऊपर से पूरी नंगी थी.. एक तो गोरा बदन और दूधिया रोशनी में कयामत लग रही थी। मैं उसके पूरे बदन को चूमता-चाटता रहा।
तभी कांता बोली- दीदी आपके कपड़े उतर गए और पतिदेव अभी तक कपड़े में हैं।
डॉली हँसते हुए मेरे कपड़े उतारने लगी, मैंने भी अपने कपड़े उतारने में उसका साथ दिया, अब मैं भी ऊपर से पूरा नंगा हो गया, मैंने उसको अपनी तरफ़ खींचा और गले लगा लिया।
हम दोनों एक-दूसरे के बदन पर किस करने लगे और एक-दूसरे को जकड़ कर पकड़े हुए थे। अब मैं उसके बुरड़ों को लहंगे के ऊपर से ही मसलने लगा और वो मेरे लंड को सहलाने लगी।
मेरा लंड तो पहले से ही खड़ा था ही.. और उसके पकड़ने के बाद तो और टाइट हो गया.. मेरा लौड़ा बिल्कुल लोहे की तरह सख्त हो गया था।
डॉली ने उसको पैंट से बाहर निकाला.. तो आज़ादी महसूस हो रही थी..
लेकिन वो आजादी अधिक देर तक कायम नहीं रह सकी, डॉली लंड को मसलने लगी और वो मेरे पेट पर किस करते हुए नीचे की तरफ़ बढ़ रही थी।
वो मेरे खड़े लंड के आस-पास किस करने लगी। मैंने तो आज की सुहागरात की तैयारी में पहले से ही झांटों का जंगल साफ़ कर रखा था।
वो अपने मुलायम होंठ से मेरे लंड पर किस करने लगी.. और कुछ देर में लंड के ऊपर वाले भाग को चाटने लगी। वो मेरे लंड को पूरा अन्दर लेने की कोशिश करने लगी, कुछ ही देर के बाद पूरा मुँह में लेकर चूसने लगी।
आज पहली बार मुझे महसूस हो रहा था कि यह दिल से लंड चूस रही है.. क्योंकि बता नहीं सकता.. कितना मज़ा आ रहा था।
वो मेरा लंड चूस रही थी और मैं उसके सिर को सहला रहा था। वो मेरे लंड को मसल-मसल कर चूस रही थी.. जैसे किसी पोर्न मूवी में लंड चूसते हैं। मैं तो अन्दर तक हिल गया था.. उसने मुझे लंड चूस कर ही आधा मज़ा दे दिया था।
वो मेरा लौड़ा तब तक चूसती रही.. जब तक मैं झड़ नहीं गया।
मेरे झड़ने के बाद वो मेरा सारा माल पी गई और लंड को चाट-चाट कर साफ़ कर दिया, फ़िर मेरे बगल में लेट गई और मेरे बदन पर उंगली फिराने लगी।
मैं उठा और उसके लहँगे को घुटनों तक उठा दिया और उसके पैरों को चूमने लगा।
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RE: Bhai Bahan Sex Kahani भाई-बहन वाली कहानियाँ
जैसा कि आप लोग जानते हैं कि डॉली दीदी कोलकाता में एक साफ्टवेयर कंपनी में जॉब कर रही है और मैं अपना बी.टेक. खत्म कर चुका हूँ। मुझे डॉली दीदी की चुदाई किए हुए दो महीने से ज्यादा हो गए थे और हम दोनों में से किसी का भी अभी घर जाने का कोई प्लान नहीं था। सो हम दोनों ने कहीं घूमने जाने का प्लान बनाया। बहुत जगह जाने की बात होने पर लास्ट में पुरी (ओडिशा) जाना फाइनल हुआ। यह जगह हम दोनों को सही लगी और हम दोनों पुरी पहुँच गए।
मैं उससे पहले पहुँच कर उसका इंतज़ार करने लगा। मैं स्टेशन पर बैठा हुआ था कि उसकी ट्रेन आई।
मेरी नज़र डॉली को ढूँढ रही थी कि तभी वो सामने से आती हुई दिखी।
वैसे तो मैं उसको 100 से ज्यादा बार चोद चुका हूँ.. लेकिन फिर भी पता नहीं क्यों मन नहीं भरा। उसको देखते ही मेरा लंड तो मानो बोल रहा था कि अब मजा आएगा। मेरी सबसे प्यारी चुत जो सामने से गांड हिलाती हुई आ रही थी।
इस वक्त डॉली ने सफ़ेद जींस और काले रंग का टॉप पहन रखा था। जींस और टॉप दोनों एकदम स्किनफिट थे, जिससे कोई भी उसके सेक्सी बदन को देख कर लंड खड़ा कर सकता था। उसकी 38 की चुची दूर से ही उठी और तनी हुई दिख रही थीं। उसका दूध सा गोरा बदन, ऊपर से काला टॉप.. अह.. कयामत लग रही थी.. और उस पर उसके खुले बाल.. तो सोने पे सुहागा लग रहे थे।
मैं उसके पास गया और उसको बांहों में ले लिया। आस-पास वाले लोग हमें ही देख रहे थे, सो हम दोनों जल्द ही अलग हुए।
मैं उसको ले कर पुरी बीच के पास चला गया और वहीं एक होटल में कमरा बुक कर लिया। मुझे सिंगल बेड वाला कमरा मिला था, रूम में जाते ही मैं उससे लिपट गया और उसको अपनी बांहों में भर कर चूमने लगा।
डॉली बोली- थोड़ा तो सब्र करो यार.. हम लोगों को पूरे चार दिन तक अभी मजा ही करना है।
मैं उससे अलग हो गया तो वो बोली- मैं बाथरूम जा रही हूँ, फ्रेश होकर आती हूँ। इसके बाद हम लोग सी-बीच पर घूमने चलेंगे।
वो बाथरूम में जाने लगी और जैसे ही वो दरवाजा बंद करने लगी तो मैंने मना कर दिया- कम से कम दीदार तो करने दो!
उसने हंस कर फ्लाइंग किस दी और बाथरूम का दरवाजा बंद नहीं किया। वो अपना टॉप उतारने लगी थी कि तभी बाहर से कमरे के दरवाजे पर किसी चूतिया ने दस्तक दी, तो उसने झट से बाथरूम का दरवाजा बंद कर लिया।
मैंने भुनभुनाते हुए कमरे का दरवाजा खोला तो होटल का स्टाफ था.. रूम साफ करने आया था।
मैंने उसे आने दिया। जब तक उसने रूम साफ किया, तब तक डॉली नहा ली।
जैसे ही वो आदमी कमरे से बाहर गया.. मैंने दरवाजा लॉक लगाया और इसी आवाज को सुनकर डॉली केवल एक तौलिया में बाहर निकल आई।
आह.. मैं तो मन ही मन रूम सर्विस वाले को गाली दे रहा था, लेकिन सारा गुस्सा डॉली के भीगे बदन को देख कर गायब हो गया। उसका भीगा बदन.. ऊपर से पानी की बूंदें.. उसके बदन पर मोती की तरह लग रही थीं। तौलिया में जबरन क़ैद उसकी चुची मानो बोल रही हों कि हमें आजाद कर के बाहर निकाल दो।
मैं आगे बढ़ कर उसकी तौलिया को पकड़ने ही वाला था कि उसने मना कर दिया, बोली- चलो पहले बाहर से घूम कर आते हैं.. ये सब तो रात में मिलेगा ही।
उसने मुझे तरसाते हुए कैपरी और टॉप पहन लिया। मेरे कहने पर ब्रा और पेंटी नहीं पहनी।
अब आप को बताने की ज़रूरत तो नहीं है कि 38 साइज़ की चुची बिना ब्रा के सिर्फ़ टी-शर्ट में कैसी लग रही होंगी.. आप बस कल्पना कर सकते हैं।
मैं उसके साथ नीचे आ गया और मैं उसकी कमर में हाथ डाल कर चलने लगा। हम दोनों सी-बीच पर आ गए, शाम का टाइम होने के कारण वहाँ बहुत भीड़ थी। डॉली भीड़ के पास बैठने को बोली.. लेकिन मैं उसको थोड़ा भीड़ से थोड़ा दूर एकांत में ले गया।
भीड़ से दूर होते ही मेरा हाथ उसकी कमर से नीचे हो गया और बुरड़ों पर पहुँच गया। मैंने उसके मुलायम बुरड़ों को दबा दिया।
दीदी बोली- अह.. क्या कर रहे हो यार.. कोई देख लेगा!
तो मैं बोला- यहाँ कोई नहीं देखेगा.. सब अपने में मस्त हैं।
यह बोलते हुए मैंने उसके गालों पर किस कर दिया।
वो बोली- चलो कहीं बैठते हैं।
हम दोनों वहीं समुद्र के किनारे भीड़ से दूर रेत पर बैठ गए। अब हमें दूर-दूर तक कोई नहीं दिख रहा था.. तो हम दोनों मस्ती से बैठ गए और बातें होने लगीं।
बातों के बीच-बीच में मैं उसको किस करता जा रहा था.. कभी गर्दन पर, कभी गाल पर, कभी पीठ पर तो कभी-कभी होंठ पर भी चूमता रहा.. कुछ देर ऐसा चलता रहा।
फिर मैं उसकी गोद में सिर रख कर लेट गया। वो मेरे बालों में हाथ फेरने लगी। मैंने उसके टॉप को थोड़ा ऊपर किया और अब मेरे सामने उसका नंगा पेट था.. सामने सेक्सी सी नाभि थी। मैंने बिना कुछ सोचे समझे उसकी नाभि के पास किस कर दिया।
इस बार वो पूरा सिहर गई.. मतलब मुझे लगने लगा कि अब ये जल्द ही गर्म हो जाएगी। सो मैं रुक-रुक कर उसके पेट पर किस करने लगा, उसकी नाभि में अपना जीभ फिराने लगा और हाथों से उसकी पीठ सहलाने लगा।
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02-23-2021, 12:07 PM,
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RE: Bhai Bahan Sex Kahani भाई-बहन वाली कहानियाँ
मैं उसके पेट पर किस कर रहा था तो वो रोमांचित हो रही थी। इससे मैं और उत्साहित होकर और ऊपर बढ़ने लगा और चुची के निचले भाग पर पहुँच गया। वहाँ किस करने के बाद तो वो एकदम से गर्म हो गई थी। मैंने उसके पूरे टॉप को एक बार में ऊपर कर दिया, जिससे उसकी दोनों चुची उछल कर बाहर आ गईं।
इस बार दीदी ने भी विरोध नहीं किया। डॉली दीदी की चुची के बारे में एक बात बता देता हूँ कि उसकी चुची एकदम गोल, किसी छोटी साइज़ की फुटबॉल की तरह हैं और इतनी अधिक सुडौल हैं कि बिना ब्रा के भी नहीं झूलती हैं।
जैसे ही दीदी की चुची बाहर आईं.. मैं उन पर टूट पड़ा। एक हाथ में तो अब इसकी एक चुची आती नहीं है.. खैर इन दोनों चुची से तो मैं तब से खेल रहा हूँ जब ये सिर्फ़ एक सेब जितनी थीं। पिछले 3 सालों में 28 इंच से बढ़ कर 38 हो गईं.. मतलब एप्पल से छोटी फुटबाल बन गई थीं।
मैंने दीदी की एक चुची को हाथ से पकड़ा और एक चुची में मुँह में लगा लिया ‘उम्म्ह… अहह… हय… याह…’ वो भी झुक गई ताकि मैं आसानी से उसकी चुची पी सकूँ।
मैंने उसकी एक चुची का निप्पल अपने मुँह में रखा हुआ था और मैं निप्पल चुसकने के साथ ही उसकी चुची को अपने मुँह में पूरा भर लेने की कोशिश करने लगा, लेकिन जो चुची हाथ में नहीं आती है.. वो मुँह में क्या आएगी।
डॉली की दूसरी चुची मेरी गर्दन के पास थी.. मैं उसकी नरमाहट का मजा ले रहा था और सोच भी रहा था कि दीदी इतनी मोटी और बड़ी चुची को कैसे सम्भालती है।
कुछ देर ऐसा करने के बाद उसका हाथ भी मेरे लंड पर लोअर के ऊपर से ही घूमने लगा। उसने मेरे लंड पर हाथ डाला मतलब मैं समझ गया कि अब उसको चुदने का मन हो गया है।
मैंने दीदी को वहीं बालू पर ही लिटा दिया और उसकी चुची को मुँह से चूसने-काटने लगा। इसी के साथ मेरा हाथ दीदी की कैपरी के अन्दर चला गया। हाथ के स्पर्श से मालूम हुआ कि उसने नीचे चुत के बाल साफ कर रखे थे, मतलब वो चुदने का पूरा प्लान बना कर आई थी।
मैं उसकी चुत पर अपनी उंगली घुमाने लगा तो उसके मुँह से मादक सीत्कार निकलने लगी। फिर मैंने धीरे से एक उंगली को उसकी गीली होती हुई चुत में डाल दिया।
हालांकि मुझे पता था कि डॉली दीदी जैसी चुदक्कड़ को अपनी चुत में एक उंगली से कोई फ़र्क तो पड़ने वाला नहीं था.. फिर भी मैंने चुत में खलबली मचाने के लिए उंगली को अन्दर डाल दिया और घुमाने लगा।
इधर दीदी ने भी मेरे लंड को बाहर निकाल लिया और हिलाने लगी।
कुछ देर ये सब चलता रहा.. फिर हम दोनों 69 पोज़िशन में आ गए। वो मेरे नीचे मुँह किए हुई दबी पड़ी थी.. मैं ऊपर था। उसने मेरे लंड को अपने मुँह में ले लिया था और मैं उसकी चुत को मुँह से चाटने लगा। अब दीदी भी मेरे लंड को आइसक्रीम की तरह चाट-चूस रही थी। कुछ देर ऐसे ही चुसाई कार्यक्रम चलता रहा। फिर मैं उसके नीचे हो गया और दीदी मेरे ऊपर हो गई। अभी भी 69 पोज़िशन ही थी.. मेरा लंड उसके मुँह के पास था और उसकी चुत मेरे मुँह में दबी थी।
हम दोनों एक-दूसरे के आइटम चूस-चाट रहे थे। मैंने अपना हाथ डॉली की कमर पर रखा और उसकी नंगी पीठ को सहलाने लगा। फिर धीरे-धीरे पीछे से उसकी कैपरी में हाथ डाल दिया और उसके बुरड़ों को सहलाने लगा। फिर मैंने एक झटके में उसकी कैपरी को नीचे कर दिया। अब उसकी कैपरी उसके घुटनों पर पहुँच गई और उसके बुरड़ पूरे नंगे हो गए। मैं उसके नंगे बुरड़ों को मसलते हुए दबाने लगा।
वैसे तो डॉली का पूरा बदन मस्त है लेकिन उसकी गांड और चुची की जितनी भी तारीफ करूँ, उतनी कम है। वो जैसा भी ड्रेस पहने, उसकी 38 की चुची और उठी हुई गांड के इलाके दूर से ही पता चल जाते हैं।
खैर.. कुछ देर मज़े करने के बाद हम दोनों वहीं झड़ गए। उसकी चुत का पूरा पानी मेरे चेहरे पर आ गया और मेरे लंड का सारा पानी उसने पी कर मेरे लंड को चाट-चाट कर साफ कर दिया।
उसके बाद हम दोनों अलग हुए.. तब तक अंधेरा भी होने लगा था या बोलें लगभग अंधेरा हो चुका था।
वो अपने कपड़े ऊपर करने लगी तो मैं बोला- अब तो अंधेरा हो ही गया है.. इसकी क्या ज़रूरत है।
ये बोलते हुए मैंने उसके टॉप को पूरा उतार दिया.. वो ऊपर से पूरी नंगी हो गई थी। वो मुझ से अपना टॉप माँगने लगी.. तो मैं टॉप ले कर भागने लगा। वो मेरे पीछे नंगी ही दौड़ी।
जब वो मेरे पीछे दौड़ रही थी तो उसकी चुची ऊपर-नीचे होते हुए बड़ा सेक्सी सीन बना रही थीं.. जिसके देखने में मुझे बहुत मजा आ रहा था। सो मैं जानबूझ कर और भी उसको अपने पीछे भगा रहा था।
कुछ दूर तक भगाने के बाद मैंने अपनी बनियान उतार कर दे दी और बोला- लो इसको पहन सकती हो, तो पहन लो।
अब हम दोनों भाई-बहन सी-बीच पर ऊपर से नंगे थे।
जब वो मेरे करीब आई तो उसको मैंने अपने सीने से लगा लिया.. उसकी नंगी चुची मेरे सीने पर मजा दे रही थीं।
मैं उसकी पीठ को सहलाते हुए बोला- एक राउंड यहीं हो जाए।
तो वो बोली- यहाँ?
मैं बोला- हाँ क्या प्राब्लम है.. अंधेरा तो हो ही गया है.. कोई तो इधर आएगा नहीं। बंद कमरे में तो हम लोग बहुत बार मज़े कर चुके हैं, कभी खुले आसमान में भी करके देखो.. कितना मजा आता है।
वो बोली- तो हो जाए.. रोका किसने है।
इतना सुनते ही मुझे मानो मुँह माँगी मुराद मिल गई हो।
मैं दीदी की चुदाई के इस मौके का फायदा उठाने में देर करने वाला नहीं था, मैंने सीधे डॉली दीदी के होंठ पर अपने होंठ रख दिए और उसे लिपकिस शुरू कर दिया। अब तक मेरा हाथ उसकी कैपरी को भी नीचे कर चुका था।
कुछ देर लिपकिस करने के बाद हम दोनों पूरे नंगे हो गए और मैंने हम दोनों के कपड़ों को एक पत्थर से दबा दिया कि कहीं हवा में ना उड़ जाएं।
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02-23-2021, 12:07 PM,
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RE: Bhai Bahan Sex Kahani भाई-बहन वाली कहानियाँ
इसके बाद मैं सीधा डॉली दीदी की चुत पर टूट पड़ा। मैंने उसके दोनों बुरड़ों को पकड़ कर अपने से चिपका लिया.. जिससे मेरा लंड उसकी चुत पर रगड़ने लगा। मेरे लंड ने भी अपने जाने का रास्ता देख लिया था, सो मैंने वहीं डॉली डार्लिंग को बालू पर लिटा दिया और लंड को चुत के मुँह पर रख कर एक जोरदार झटका दे मारा। मेरा पूरा लंड एक बार में दीदी की चुत में घुसता चला गया।
उसके मुँह से जोर से ‘आअहह..’ की आवाज़ निकली, तो मैं उसकी चुत के पास अपनी हाथ से सहलाने लगा। थोड़ा देर यूं ही चुत को सहलाने के बाद मैं लंड को आधा बाहर निकाल कर चुत में अन्दर-बाहर करने लगा।
कुछ देर ऐसा करने के बाद मैं उससे घोड़ी बनने को बोला.. तो वो बन गई। मैं पीछे से उसकी चुत में लंड डाल के ‘घाप.. घाप..’ धक्के मारने लगा।
वो भी मजे से मादक सीत्कारों के साथ दीदी की चुत की चुदाई का मजा उठाने लगी। डॉली ‘आआह.. ऊऊओहुउउ..’ की आवाज़ करने लगी। लेकिन उससे ज्यादा तेज आवाज़ समंदर की लहरों की थी। कुछ देर चुदाई का खेल चला.. फिर मैंने उसको गोद में उठा लिया तो दीदी ने अपने दोनों पैरों से मेरी कमर को जकड़ लिया। मैंने उसके बुरड़ों को अपने हाथों में सम्भाल रखे थे।
अब मेरा लंड उसकी चुत में फनफनाते हुए अन्दर जा रहा था.. फिर बाहर आ रहा था। इस खेल में उसकी चुची से मेरा सिर फुटबाल खेल रहा था। बीच-बीच में मैं उसके निप्पलों को भी चूस रहा था और चुत में झटके भी मार रहा था।
कुछ देर ऐसा करने के बाद हम दोनों अलग हुए और मैं समंदर के पानी के ठीक पास पीठ के बल लेट गया.. जिससे समंदर का पानी जब आता तो मेरे पैर तक छू कर लौट जाता था। मैं लेटा तो दीदी अपने मन से ही मेरे लंड पर बैठ गई और खुद से चुदने लगी।
मैं भी नीचे से लंड के झटके मार रहा था और सामने उसकी चुची उछाल मार रही थीं, जिनको देख कर मैं और भी जोर-जोर से झटके मारने लगा। वो भी जोर-जोर से आहें भरने लगी, ‘उम्म्ह… अहह… हय… याह…’ करने लगी जो कि वहाँ के पूरे वातावरण में गूँज रही थी।
उधर समुंदर का पानी भी जब आता था, तो हम दोनों भिगो कर चला जाता था। दरिया का ठंडा पानी और हम दोनों के गरम शरीर.. अह.. बहुत मजा आ रहा था।
कुछ देर उसी पोज़ में धकापेल चोदा चोदी हुई.. फिर 4-5 आसनों में और चुदाई की। फिर हम दोनों झड़ गए और कुछ देर वहीं लेटे रहे।
फिर कुछ देर बाद अपने शरीर से रेत झाड़ कर हम दोनों ने अपने-अपने कपड़े पहन लिए।
अब तक रात के 9 बज चुके थे.. हम दोनों होटल के कमरे में आए और यहीं फ्रेश हो कर खाना मंगा कर खाना खा कर बिस्तर पर आ गए।
वो बिस्तर पर आते ही मचल कर मेरी बांहों में आ गई और बोली- क्या बात है आज बहुत मूड में थे.. लगता है बहुत दिनों से कोई मिली नहीं है।
मैं बोला- तुम भी तो मूड में थीं। वैसे मुझे मिलती तो बहुत हैं.. लेकिन सब में वो बात नहीं है.. जो तुम में है। वैसे भी तुम मेरी बीवी हो.. तुमको जितना भी प्यार करता हूँ, कम ही लगता है। वैसे आज खुले आसमान के नीचे मज़े करके कैसा लगा?
वो बोली- पहले थोड़ा डर लगा, लेकिन मजा बहुत आया।
‘अब तुम कल का बताओ, क्या प्रोग्राम है?’
तो वो बोली- कल कहीं घूमने चलेंगे.. ओड़ीसा में घूमने की बहुत जगह हैं। कोणार्क मंदिर चलते हैं और बाकी कल सोचा जाएगा। अभी पहले रात का प्रोग्राम बनाते हैं।
ये बोल कर मैंने उसको अपने तरफ़ खींच लिया।
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RE: Bhai Bahan Sex Kahani भाई-बहन वाली कहानियाँ
मेरा एक दोस्त है अविनाश, हम दोनों बचपन से ही साथ रहे हैं। कुछ दिन पहले उसका पूरा परिवार पटना में मेरे घर के पास ही शिफ्ट हुआ। उसके घर में उसकी माँ-पापा के अलावा उसकी 3 बहनें हैं। सबसे बड़ी बहन का नाम नीता है.. उम्र 26 साल, उससे छोटी बहन का नाम दिव्या है.. उम्र 24 साल, फिर मेरा दोस्त है, उसका नाम अविनाश है। अविनाश की उम्र 21 साल है, इसके बाद उसकी सबसे छोटी बहन पायल है, जिसकी उम्र 19 साल है। मतलब अविनाश की तीनों बहने पका हुआ माल थीं। चूंकि दोनों के घर आस-पास होने के कारण हमारा परिवार उसके परिवार से बहुत क्लोज़ हो गया।
मेरे दोस्त की तीनों बहनें मेरे घर काफ़ी आने-जाने लगीं। मेरी भी दोनों बहनें उसके घर जाने लगीं। मेरी फैमिली और मेरे दोस्त की फैमिली में काफ़ी मेल-जोल हो गया था।
उसकी तीनों बहन एकदम ग़ज़ब की पटाखा दिखती हैं, जब मैं उन्हें देखता हूँ तो मेरा मन करता है कि अभी पकड़ कर चोद दूँ। सो मैं तीनों की बुर मारने की प्लानिंग करने में लग गया। इसी फिराक में मैं भी उसके घर जाने लगा, मतलब मेरा ज्यादा टाइम उसके घर में ही बीतने लगा। उसकी तीनों बहनों से मेरी खूब बातें होने लगीं।
उसकी बड़ी बहन एक नजदीक के गाँव में ही टीचर थी, दूसरी दिव्या जिस पर मेरी सबसे ज्यादा नज़र थी, उसे पटना की ही एक कंपनी में जॉब मिला था। मैं आपको दिव्या के बारे में थोड़ा बता दूँ। ये अपनी तीनों बहन में सबसे खूबसूरत थी। उसका फिगर 34बी-28-32 का था। वो हमेशा नॉर्मल ड्रेस, जैसे सलवार-कुरती या कभी कभी जीन्स-टॉप भी पहन लेती थी। उसका दूध सा गोरा बदन, भरा-पूरा शरीर देखने के बाद उसे उसी वक्त चोदने का मन करने लगता है।
पायल अभी पढ़ रही थी।
एक दिन की बात है, जब मैं सुबह बाइक से ऑफिस जा रहा था.. तो मैंने देखा कि दिव्या बस स्टैंड पर खड़े होकर बस का वेट कर रही है। मैं बिना उससे कुछ बोले आगे चलता गया, तभी दिव्या ने मुझे आवाज़ दी।
‘राजा..!’
मैं तो इसी फिराक में था, झट से रुक गया और उसके नजदीक जाकर कहा- बोलो दिव्या?
उसने कहा- तुम कहाँ जा रहे हो?
मैंने कहा- ऑफिस जा रहा हूँ।
उसने कहा- मुझे रास्ते में ड्रॉप कर दोगे.. इधर से मुझे बस नहीं मिल रही है।
मैंने कहा- ठीक है.. कर दूँगा।
फिर मैंने उसे बाइक पर बिठा लिया। वो दोनों तरफ टांगें करके बाइक पर बैठ गई। मैं सिर्फ़ बाइक चला रहा था, अचानक मेरी बाइक के आगे से एक कुत्ता निकला.. जिससे मैंने घबरा कर बाइक के डिस्क ब्रेक दबा दिए। इससे दिव्या एकदम से मेरे से बिल्कुल सट गई और उसकी चुची मेरी पीठ से चिपक कर दब गई.. मुझे उस वक़्त बहुत मजा आया।
फिर मैंने रास्ते में 2-3 बार ब्रेक मारे और इसी तरह खूब मजा लिया।
फिर दिव्या का स्टॉप आ गया, तो दिव्या ने कहा- मुझे यहीं उतार दो, मैं यहाँ से चली जाऊँगी।
मैंने कहा- मैं तुम्हें छोड़ देता हूँ।
उसने कहा- नहीं.. मैं चली जाऊँगी.. तुम चले जाओ वरना ऑफिस के लिए देर हो जाओगे।
मैंने कहा- मेरे पास अभी काफ़ी टाइम है.. आप टेंशन मत लो।
मैंने उसे उसकी कंपनी में छोड़ दिया।
अब दिव्या मुझे काफ़ी मिलने लगी और मैं उसे बार-बार ऑफिस तक ड्रॉप कर देता था।
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RE: Bhai Bahan Sex Kahani भाई-बहन वाली कहानियाँ
एक दिन दिव्या ने मुझसे कहा- राजा आप रोज-रोज मुझे ड्रॉप करते हो अगर तुम्हारी गर्लफ्रेंड ने देख लिया तो क्या सोचेगी वो?
मैंने कहा- क्यों मज़े ले रही हो यार, मेरी कोई गर्लफ्रेंड नहीं है।
उसने कहा- झूट मत बोलो.. मुझे सब पता है कि तुम्हारी गर्लफ्रेंड है।
मैंने बोला- नहीं है.. लेकिन बनाने की सोच रहा हूँ। अगर तुम्हारी नज़र में कोई अच्छी सी लड़की हो तो दोस्ती करवा दो।
उसने मुस्कुरा कर कहा- चल देखती हूँ.. कोई होगी तो बता दूँगी।
कई दिनों तक ऐसे ही चलता रहा। फिर एक दिन में घर पर बैठकर लैपटॉप पर काम कर रहा था, तभी मुझे घर में दिव्या की आवाज़ सुनाई दी। वो मेरी दीदी से बात कर रही थी।
मैंने उसकी आवाज़ सुनते ही लैपटॉप में गाना बजा दिया।
वो गाने की आवाज़ सुनकर मेरे कमरे में आ गई और मुझसे पूछने लगी- क्या कर रहे हो राजा?
मैंने कहा- बस काम कर रहा हूँ।
उसने कहा- ज्यादा अर्जेंट काम है क्या?
मैंने कहा- नहीं..
उसने कहा- एक मिनट में तुम्हारा लैपटॉप यूज कर सकती हूँ, मुझे कुछ सर्च करना है।
मैंने उसे लैपटॉप दे दिया, उसने यू-टयूब खोला और गाना सर्च करने लगी।
गाना मिलते ही वो बोली- ये गाना मुझे ऑडियो में चाहिए.. मिल सकता है क्या?
मैंने कहा- मिल तो जाएगा पर सर्च करना पड़ेगा।
उसने कहा- प्लीज़ मुझे ये गाना सर्च करके दे दो।
फिर मैं वो गाना सर्च करने लगा, सर्च करने पर कई साइट खुली और एक वेबसाइट पर पोर्न एड चल रहा था, उसे देखते ही मैं झटका खा गया और कुछ भी ना कर सका। वो भी एड देखकर घबरा सी गई और चुप हो गई।
फिर उसने मुझसे कहा- ये क्या देख रहे हो.. इसे हटाओ ना!
मैंने कहा- मैं देख नहीं रहा हूँ, ये अचानक आ गया।
फिर वो बोली- ठीक है, मैं जा रही हूँ तुम गाना सर्च करके मुझे दे देना।
वो चली गई और फिर अगले दिन वो मेरे घर आई। उस वक़्त मैं नहा रहा था और दीदी किचन में खाना बना रही थीं।
उसने दीदी से पूछा- राजा कहाँ है?
तो दीदी ने कहा- बाथरूम में नहा रहा है।
वो बाथरूम के पास आकर खड़ी हो गई।
जैसे ही मैं नहा कर निकला, उसने कहा- तुमने वो गाना डाउनलोड कर दिया?
मैंने कहा- अभी नहीं किया.. अब कर दूँगा।
उसने कहा- प्लीज़ मुझे अभी करके दे दो।
मैंने कहा- ओके तुम बैठो, अभी कर देता हूँ.. पहले कपड़े पहन लूँ।
उसने कहा- कौन सा कोई तुम्हारे कपड़े लेकर भाग रहा है.. बाद में पहन लेना यार, पहले गाना डाउनलोड कर दो।
मैं उस वक़्त सिर्फ़ तौलिया में था।
मैंने ‘ओके’ कहा और हम दोनों मेरे रूम की तरफ चल दिए। कमरे में घुसते ही न जाने कैसे मेरा पैर फिसला और मैं गिर गया। एकदम से गिरने से मेरा तौलिया खुल गया। मेरे मुँह से एक तेज आवाज भी निकल गई।
अब मैं उसके सामने बिल्कुल नंगा पड़ा था.. मेरे पैर में मोच भी आ गई थी।
वो मुझे इस हालत में देखकर एकदम शांत पड़ गई और मैं ऐसे ही गिरा हुआ पड़ा रहा।
इतनी देर में दीदी की आवाज़ आई- क्या हुआ?
फिर उसने मेरी तरफ देखा और दीदी को जबाब दिया- कुछ नहीं..
फिर उसने आकर मुझे उठाया और बिस्तर पर बिठा दिया.. तौलिया मेरे ऊपर डाल दी।
दिव्या ने कहा- सॉरी राजा मेरी जल्दबाजी की वजह से तुम्हें लग गई।
मैंने कहा- इट’स ओके.. मैं ठीक हूँ।
फिर उसने कहा- पहले आप कपड़े पहन लो.. बाद में डाउनलोड कर देना।
मैंने कहा- अब कपड़े पहन कर क्या करूँगा, तुमने तो सब देख ही लिया है।
वो शर्मा कर बोली- मैंने कुछ नहीं देखा ओके.. मैंने अपनी आँखें बंद कर ली थीं।
मैंने कहा- नहीं देखा तो अब देख लो।
यह कह कर मैंने तौलिया अपने ऊपर से हटा दिया।
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