Biwi Sex Kahani सारिका कंवल की जवानी
07-25-2018, 10:45 AM,
#51
RE: Biwi Sex Kahani सारिका कंवल की जवानी
मैं तो अभी भी उसी अवस्था में थी.. मेरी एक टांग उनके कंधे पर और उनका मुँह मेरी चूत पर।
मैं ‘न.. न..’ करती रही.. फिर बोली- जल्दी करो..
वो भी मान गए.. पर इससे पहले कि वो खड़े होते.. मेरा फ़ोन फिर बजना शुरू हो गया.. इस बार तारा थी। मैंने तुरंत फ़ोन उठा लिया।
उधर से आवाज आई- हो गया या और समय लगेगा?
मैंने कहा- बस थोड़ी देर और..
उसने पूछा- अभी तक किया नहीं क्या कुछ भी?
मैंने जवाब दिया- बस थोड़ी देर और..
उसने कहा- ठीक है.. मजे ले लो.. मैं और इंतज़ार कर लूँगी।
और फ़ोन काट दिया।
मेरे फ़ोन रखते ही वो खड़े हो गए और मेरी एक टांग उठा कर कुर्सी पर रखते हुए बोले- तारा थी क्या?
मैंने कहा- हाँ।
उन्होंने कहा- उसे शक तो नहीं हुआ होगा?
मैंने कहा- शायद हो सकता है, अब जल्दी करो या मुझे जाने दो।
इतना कहते ही मुस्कुराते हुए उन्होंने मुझे चूम लिया और लंड को हाथ से पकड़ हिलाते हुए मेरी चूत के छेद के पास ले आये।
मैंने भी अपनी कमर आगे कर दी और टाँगें फैला दी, फिर उन्होंने हाथ पे थूक लिया और सुपाड़े के ऊपर मल दिया और मेरी चूत की छेद पर टिका के दबा दिया।
मेरी चूत की छेद तो पहले से खुली थी और गीली भी थी, हल्के से दबाव से ही लंड मेरी चूत में सरकता हुआ घुस गया, मुझे अजीब सी गुदगुदाहट के साथ एक सुख की अनुभूति हुई और मैंने अपनी आँखें बंद कर उन्हें कस के पकड़ते हुए चूत को उनके लंड पे दबाने लगी।
मैं पूरे जोश में आ गई थी और अपनी कमर किसी मस्ताई हुई हथिनी के समान हिलाने लगी।
ये देख उन्होंने धक्के देने शुरू कर दिए, उन्हें भी शायद समझ आ गया था मेरी इस तरह की हरकत और मेरी गीली चूत में छप छप आवाज से कि मैं बहुत गर्म हो चुकी हूँ।
उन्होंने धक्के लगाते हुए मुझसे पूछा- मजा आ रहा है?
मैं भी तो मस्ती में थी, कमर उचकाते हुए बोल पड़ी- ‘बस कुछ मत बोलिए, बहुत मजा आ रहा है धक्के लगाते रहिये।
मेरी बात सुनने की देरी थी, उन्होंने एक हाथ मेरी चूतड़ों पर रखा और पकड़ कर अपनी तरफ खींचा और दूसरा हाथ मेरी पीठ पर रख मुझे कस लिया।
मैंने भी उनको कस के पकड़ लिया और उनके होठों पर होंठ रख चूमने और चूसने लगी। उनके धक्के जोर पकड़ने लगे और जिस तरह से उन्होंने मुझे पकड़ सहारा दिया था, मुझे ऐसा लग रहा था जैसे मैं खड़ी नहीं बल्कि लेटी हुई हूँ।
वो मुझे लगातार 10-15 धक्के मारते तेज़ी से, फिर 2-3 धक्के पूरी ताकत से मारते और लंड पूरा मेरी चूत में दबा देते जड़ तक और कुछ पल अपनी कमर गोल गोल घुमा कर अपने लंड के सुपाड़े को मेरी बच्चेदानी के ऊपर रगड़ते।
सच में इस तरह से मुझे बहुत मजा आ रहा था, भले ही उनके जोरदार झटकों से कभी कभी लगता कि मेरी चूत फट जायेगी पर जब वो सुपाड़े को रगड़ते तो जी करता कि जोर जोर से फिर झटके मारे।
मेरी हालत अब और बुरी होने लगी थी, मैं वासना के सागर में गोते लगाने लगी थी, मेरा मन पल दर पल बदल रहा था।
कभी उनके झटके मेरी चीख निकाल देते और सोचने लगती ‘भगवान् ये जल्दी से झड़ जाएँ’ तो कभी उनके सुपाड़े का स्पर्श इतना सुहाना लगता कि मन में आता कि भगवान बस ऐसे ही करते रहें।

जैसे जैसे हमारे सम्भोग की समय बढ़ता जा रहा था, वैसे वैसे ही मेरे जोश और बदन में बदलाव आ रहा था, मैं पल पल और भी व्याकुल सी हो रही थी और मेरी चूत से पानी जैसा चिपचिपा रस रिस रहा था जो अब तो मेरी जांघों से होता हुआ नीचे बहने लगा था।
उधर वो भी पागलों की तरह धक्के मार रहे थे मुझे और मेरी चूत का अपने लंड से जोरदार मंथन करते हुए पसीने से लथपथ होते जा रहे थे।
वो मुझे चूमते, काटते, मेरे चूचुकों को चूसते हुए हांफते रहे पर उनका धक्का लगाना कम नहीं हुआ, कभी रुक रुक कर तो कभी लगातार वो मुझे भी अपने साथ पागल किये जा रहे थे।
मैं भी उनके साथ साथ अपनी कमर हिलाने डुलाने लगी उनके धक्कों से ताल मिला कर!
हमे सम्भोग करते हुए करीब 20 मिनट हो चुके थे और मेरी एक जांघ में दर्द सा होने लगा था पर मैं पूरे जोश में थी, खुद ही दूसरी टांग उठाने लगी।
यह देख वो मेरी दोंनों जांघों को दबोच मुझे उठाने का प्रयास करने लगे।
मैं इतनी मोटी और भारी… भले कैसे उठा पाते वो… पर पीछे दीवार का सहारा थे तो मुझे उठा लिया और धक्के देते रहे।
मैंने भी उनके गोद में आते ही अपनी दोनों टाँगें उनकी कमर पर लपेट दी… हवस के नशे में कहाँ होश था कि वो मुझे उठाने लायक हैं या नहीं।
मैं उनके गले में हाथ डाल झूलते हुए लंड को चूत में दबाती रही वो भी मुझे ऐसे ही मेरे चूतड़ों को पकड़ मुझे अपनी गोद में झुलाते, धक्के देते रहे।
करीब 3-4 मिनट के बाद उनकी ताकत कम सी होने लगी और उन्होंने मुझे वैसे ही अपनी गोद में उठाये अपने लंड को मेरी चूत में घुसाए हुए मुझे जमीं पर लिटा दिया।
वो मेरे ऊपर झुकाते हुए अपने दांतों को पीसते हुए मेरे स्तनों को काटने और चूसने लगे और जैसे खीज में हो बड़बड़ाने लगे- ‘आज जी भर चोदूँगा तुम्हें, चोद चोद के तुम्हारी बूर का पानी सुखा दूंगा।
मैं उनके काटने और चूसने से सिसकारियाँ लेने लगी और कराहने भी लगी पर मेरे मुख से भी वासना भरी पुकार निकलने लगी- ऊईई… ईईइ.. सीईई आह्ह छोड़ो न, मैं झड़ने वाली हूँ, झाड़ दो मुझे।
और बस इतना कहना था कि उनके धक्के किसी राकेट की तरह तेज़ी से पड़ने लगे और मैं ओह माँ ओह माँ करने लगी।
मैंने दोनों टाँगें उनके सीने तक उठा दी और जोर से पकड़ लिया उनको।
5 मिनट ही हुए होंगे, उनके इस तरह के तेज़ धक्कों की ओर मैं अपनी चूत सिकोड़ते हुए झड़ गई। मैं उनको कस के पकड़ते हुए अपनी कमर उठाने लगी और उनका लंड पूरा पूरा मेरी बच्चेदानी में लगता रहा जब तक कि मेरी चूत से पानी झड़ना खत्म न हुआ।
मैं अभी भी चित लेटी उनके धक्के सह रही थी क्योंकि जानती थी वो अभी झड़े नहीं बल्कि और समय लगेगा क्योंकि दोबारा मर्द जल्दी झड़ते नहीं।
मेरी पकड़ अब ढीली पड़ने लगी थी, मेरी टाँगें खुद उनके ऊपर से हट कर जमीं पर आ गई थी, मैं उन्हें हल्की ताकत से बाहों से पकड़ी सिसकती और कराहती धक्के खा रही थी।
वो मुझे अपने दांतों को भींचते हुए मुझे देख धक्के लगाते ही जा रहे थे और मैं उन्हें देख रही थी कि उनके सर से पसीना टपक रहा था और नीचे चूत और लंड की आसपास तो झाग के बुलबुले बन गए थे।
करीब 7-8 मिनट यूँ ही मुझे धक्के मारने के बाद उन्होंने मुझे उठाया और अपनी टाँगें आगे की तरफ फैला मुझे गोद में बिठा लिया।
मैं समझ गई कि अब धक्के लगाने की बारी मेरी आ गई।
पर मेरी हिम्मत अब जवाब देने लगी थी।
मैं भी आधे मन से उनके लंड के ऊपर बैठने उठने लगी जिससे लंड चूत में अन्दर बाहर होने लगा।
पर यह क्या… मेरी पकड़ कुछ पलों के धक्कों में फिर से मजबूत हो गई और मेरी चूत भी कसने लगी। मैं फिर से गर्म हो गई और जोरों से धक्के लगाने लगी।
मुझे ऐसा लगने लगा कि अब तो मैं फिर झड़ जाऊँगी और पता नहीं क्यों मेरा मन फिर से पानी छोड़ने को होने लगा। मैं तेज़ी से धक्के लगाने लगी तो वो भी मेरी हरकतें देख नीचे से जोर जोर झटके देने लगे।
हम दोनों हांफ रहे थे और एक दूसरे को देखते हुए बराबर धक्के लगाने लगे। इतने में मेरा फिर से फ़ोन बजने लगा मैं उसकी आवाज दरकिनार करते हुए पूरे जोश से लंड को चूत में घुसाने लगी तेज़ी से।

मैं अपनी कमर इतना उठा देती कि लंड का सुपारा ही बस अन्दर रहता और जोर से फिर धकेलती कि लंड पूरा चूत में मेरी बच्चेदानी तक जाता।
मैं ये सब तेज़ी से करने लगी और फिर एक पल ऐसा आया जिसका मुझे इंतज़ार था, जिसके लिए मैं इतनी मेहनत कर रही थी।
फिर से मेरी पूरा बदन अकड़ने लगा, चूत सिकुड़ने लगी।
मैंने एक झटके के साथ उनके होठों से अपने होंठ भिड़ा दिए और जुबान को चूसने लगी, गले में हाथ कस दिए और लंड जबकि पूरा मेरी बच्चेदानी तक था, फिर भी मेरी कमर हिल हिल कर धक्के देते हुए मैं झड़ने लगी, मैंने चिपचिपा पानी सा रस छोड़ दिया उनके लंड के ऊपर से जो उनके अण्डकोषों और जांघों को भीगा रहा था।
धीरे धीरे मेरे धक्के कमजोर पड़ते गए और मैं तब रुकी जब मैं पूरी तरह चरम सुख तक पहुँच गई।
मैं उनकी गोद में ही थी और उनका लंड मेरी चूत के भीतर ही था, मैंने कहा- अब बस करें… बार बार फ़ोन बज रहा है, घर जाना है।
उन्होंने मुझसे कहा- बस थोड़ी देर और… अभी तो मजा आना शुरू हुआ है।
हम बातें करते हुए कुछ पल ऐसे ही हल्के धक्के लगाते रहे, फिर मैंने फ़ोन सामने से उठा कर देखा तो तारा का मिस कॉल था।
मैंने उनसे कहा- अब या तो जाने दो या जल्दी करो, तारा परेशान हो रही होगी।
इतना कहना था कि तारा का फ़ोन फिर से आ गया।
मैं तो जानती थी कि तारा को सब मालूम है, मैंने फ़ोन उठा लिया फ़ोन उठाते ही आवाज आई- और कितना टाइम लगेगा?
मैंने जवाब दिया- बस निकलने की तयारी कर रही हूँ।
वो भी समझ गई, उसने फ़ोन रख दिया।
उन्होंने मुझे उठने का इशारा किया और मैं बिस्तर पर जाकर लेट गई, वो भी उठ कर आये और मेरी टांगों के सामने घुटनों के बल खड़े हो गए।
मैंने स्वयं ही अपनी टाँगें फैला दी उनके लिए पर उन्होंने मेरी टाँगें उठा कर अपने कंधो पर रखी और लंड को हाथ से हिलाते हुए मेरी चूत की छेद पे टिका कर घुसाने लगे।
लंड मेरी चूत में घुसते ही वो मेरे ऊपर पूरी तरह लेट गए और अपने दोनों हाथों से मेरे चूतड़ पकड़ कर मेरे होठों को चूसते हुए धक्के लगाते हुए सम्भोग करने लगे।
मैंने अपनी टाँगें उठा कर उनकी जांघों पर रख दी और उनका मुँह अपने होठों से अलग करते हुए बोली- अब जल्दी जल्दी करो… देर हो रही है।
तब उन्होंने भी तेज़ी से धक्के लगाने शुरू कर दिए और मैंने भी जल्दी खत्म हो… सोच कर अपनी कमर उनके हर धक्के पर उठाने लगी।
दो मिनट के धक्कों में मैं फिर से गर्म होने लगी और फिर क्या था, उनके जोश और मेरे जोश से धक्कों की रफ़्तार और ताकत इतनी हो गई कि बिस्तर भी हिलने लगा।
Reply


Messages In This Thread
RE: Biwi Sex Kahani सारिका कंवल की जवानी - by sexstories - 07-25-2018, 10:45 AM

Possibly Related Threads…
Thread Author Replies Views Last Post
  बाप का माल {मेरी gf बन गयी मेरी बाप की wife.} sexstories 72 1,450 2 hours ago
Last Post: sexstories
  Incest Maa beta se pati patni (completed) sexstories 35 1,055 3 hours ago
Last Post: sexstories
  Thriller Sex Kahani - मोड़... जिंदगी के sexstories 21 15,130 06-22-2024, 11:12 PM
Last Post: sexstories
  Incest Sex kahani - Masoom Larki sexstories 12 7,260 06-22-2024, 10:40 PM
Last Post: sexstories
Wink Antarvasnasex Ek Aam si Larki sexstories 29 4,939 06-22-2024, 10:33 PM
Last Post: sexstories
  Raj sharma stories चूतो का मेला sexstories 201 3,758,322 02-09-2024, 12:46 PM
Last Post: lovelylover
  Mera Nikah Meri Kajin Ke Saath desiaks 61 577,695 12-09-2023, 01:46 PM
Last Post: aamirhydkhan
Thumbs Up Desi Porn Stories नेहा और उसका शैतान दिमाग desiaks 94 1,344,439 11-29-2023, 07:42 AM
Last Post: Ranu
Star Antarvasna xi - झूठी शादी और सच्ची हवस desiaks 54 1,028,643 11-13-2023, 03:20 PM
Last Post: Harish68
Thumbs Up Hindi Antarvasna - एक कायर भाई desiaks 134 1,806,289 11-12-2023, 02:58 PM
Last Post: Harish68



Users browsing this thread: 16 Guest(s)