RE: Chodan Kahani इंतकाम की आग
एक बेडरूम, बेडरूम मे धुंधली रोशनी फैली हुई थी और बेड पर कोई साया सोया हुआ दिखाई दे रहा था. अचानक बेड के बगल मे रखा टेलिफोन लगातार बजने लगा. उस बेड पर सोए साए ने नींद मे ही अपना हाथ बढ़ाकर वह टेलिफोन उठाया.
"येस..." वह साया कोई और नही राज था.
उधर से उस पोलीस ऑफीसर की आवाज़ आई, "सर अशोक का भी उसी तरह से कत्ल हो चुका है..."
"क्या...?" राज एकदम से बेड से उठकर बैठ गया.
उसने बेड के बगल मे एक बटन दबाकर बेडरूम का बल्ब जलाया. उसकी नींद पूरी तरह से उड़ चुकी थी... लाइट जलते ही बगल मे लेती डॉली भी जाग गयी थी.... और राज क्या बोल रहा है सुन रही थी..
"क्या कहा...?" राज को वह जो सुन रहा था उसपर विश्वास नही हो रहा था.
"सर अशोक का भी कत्ल हो चुका है..."
"इतने कॅमरा लगाकर मॉनिटर पर लगाकर तुम लोग लगातार निगरानी कर रहे थे... तब भी...? तुम लोग वहाँ निगरानी कर रहे थे या झक मार रहे थे...?" राज ने चिढ़कर कहा.
"सर वह क्या हुआ... एक बिल्ली ने ट्रांस मीटर के उपर छलाँग लगाई और सारे मॉनीटौर एकदम से बंद हो गये... तो भी हम रिपेर करने के लिए वहाँ गये थे... और वहाँ जाकर देखा तो तब तक कत्ल हो चुका था..." ऑफीसर अपनी तरफ से सफाई देने का प्रयास कर रहा था.
जैसे ही ऑफीस का फोन आया, तैय्यार करके राज डॉली को एक किस करके तुरंत अशोक के घर की तरफ रवाना हुआ.
इतना फुल प्रूफ इतजाम होने के बाद भी अशोक का कत्ल होता है... इसका मतलब क्या...?
पहले ही पोलीस की इमेज लोगों मे काफ़ी खराब हो चुकी थी...
और इसबार पूरा विश्वास था कि क़ातिल अब इस कॅमरा के जाल से छूटना नामुमकिन है...
फिर कहाँ गड़बड़ हुई...?
गाड़ी स्पीड से चलते हुए राज के विचार भी तेज़ी से दौड़ रहे थे.
राज ने बेडरूम मे प्रवेश किया. बेडरूम मे अशोक की डेड बॉडी उसी हाल मे बेड पर पड़ी हुई थी. सब तरफ खून ही खून फैला हुआ दिख रहा था. राज ने बॉडी की प्राथमिक झांच की और फिर कमरे की झांच की. वो दोनो पोलीस ऑफीसर भी वहीं थे. पोलीस की इन्वेस्टिफेशन टीम जो वहाँ अभी अभी पहुँच गयी थी, अपने काम मे व्यस्त थी.
"मिल रहा है कुछ...?" राज ने उन्हे पूछा.
"नही सर... अब तक तो कुछ नही..." राज का एक पार्ट्नर उनकी तरफ से बोला.
राज ने बेडरूम मे आराम से चलते हुए और सबकुछ ध्यानपूर्वक निहाराते हुए एक चक्कर मारा. चक्कर मारने के बाद राज फिर से बेडके पास आकर खड़ा हो गया और उसने बेड के नीच झुक कर देखा.
बेड के नीचे से दो चमकती हुई आँखें उसकी तरफ घुरकर देख रही थी. एक पल के लिए क्यों ना हो राज डर कर थोड़ा पीछे हट गया. वे चमकती हुई आँखें फिर धीरे धीरे उसकी दिशा मे आने लगी और अचानक हमला किया जैसे उसपर झपट पड़ी. वह झट से वहाँ से हट गया. उसे एक गले मे पट्टा पहनी हुई काली बिल्ली बेड के नीचे से बाहर आकर दरवाज़े से बेडरूम के बाहर दौड़ कर जाते हुए दिखाई दी. दरवाज़े से बाहर जाते ही वह बिल्ली एकदम रुक गयी और उसने मुड़कर पीछे देखा. कमरे मे एक अजीब सा सन्नाटा छा गया था. उस बिल्ली ने एक दो पल राज की तरफ देखा और फिर से मुड़कर वह वहाँ से भाग गयी. दो तीन पल कुछ भी ना बोलते हुए गुजर गये.
"यही वह बिल्ली है... सर..." एक ऑफीसर ने कमरे मे सन्नाटे को भंग किया.
"ट्रॅन्समिशन बॉक्स किधर है....?" बिल्ली से राज को याद आ गया.
"सर यहाँ..." एक ऑफीसर ने एक जगह कोने मे इशारा करते हुए कहा.
क्रमशः……………………
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