Chodan Kahani एक आहट जिंदगी की
10-20-2018, 12:09 AM,
#36
RE: Chodan Kahani एक आहट जिंदगी की
राज: कब से तुम्हारी वेट कर रहा था…..कितना इंतजार करवाती हो तुम……

में: वो नीचे नाजिया है इस लिए ऐसे नही आ सकती थी…..

राज ने मेरी तरफ देखते हुए, मेरा हाथ अपने फूँकारते हुए लंड पर रख दिया. मेरा पूरा बदन उसके गरम लंड को अपनी हथेली में महसूस करते ही कांप उठा…..मेने अपना हाथ पीछे खेंचना चाहा तो राज बोल पड़ा…..”क्या हुआ मेरी जान चूत में लेते हुए तो शरमाती नही……तो फिर इसे पकड़ने में कैसा शरमाना….” उसने फिर से मेरे हाथ को अपने लंड पर रख दिया…..मेरी मुट्ठी अपने आप ही उसके लंड पर कस्ति चली गयी….और उसके होन्ट मेरे होंटो के करीब आते गये….

फिर जैसे ही उसने मेरे होंटो को अपने होंटो में दबोचा, वो पागलो की तरह मेरे होंटो को चूसने लगा…..मेरी बुर में तो जैसे उब्बाल आने लगा…..में उसकी बाहों में कस्ति चली गयी. उसने अपना एक हाथ नीचे लेजा कर मेरा नाडा खोल दिया….और फिर मेरे होंटो को छोड़ मेरी नेक मेरी चुचियों और फिर पैर से होते हुए नीचे जाँघो को चूमने लगा. और साथ ही उसने मेरी एक टाँग सलवार से बाहर निकाल दी…..

फिर वो खड़ा हुआ, मेरी वो टाँग जिसमे सलवार नही थी….उसे हाथ से ऊपेर उठा दिया…. मेरा पूरा बदन जैसे ही थोड़ा सा ऊपेर उठा…….उसने दूसरे हाथ को मेरी दूसरी टाँग के नीचे डालते हुए, मुझे हवा में उठा लिया, और मेरे कान में सरगोशी करते हुए, बोला. नजीबा मेरी जान अपने यार लौडा का पकड़ कर अपनी फुद्दि में डाल ले….में उसकी बाहों में हवा में उठी थी….मुझे इस पोज़ीशन में बहुत शरम आ रही थी….उसने दोनो हाथों से मेरे चुतड़ों को दबोच रखा था…..मेने हाथ नीचे लेजा कर उसके लंड को पकड़ कर अपनी बुर के छेद पर लगा दिया….राज ने बिना एक पल रुके मेरे चुतड़ों को दोबचाते हुए एक ज़ोर दार धक्का मारा……

राज का लंड मेरी फुद्दि के दीवारो को चीरता एक ही बार में पूरा का पूरा समा गया. “ओह्ह्ह राज आपने तो ही मार ही डाला अह्ह्ह्ह माँ…..” राज ने हंसते हुए, मेरे होंटो को चूमा और फिर अपने लंड को आधे से ज़्यादा बाहर निकाल कर एक जोरदार धक्का मारा….राज का लंड फॅक की आवाज़ से मेरी बुर की दीवारों से रगड़ ख़ाता हुआ फिर से अंदर जा घुसा…. “आह राज धीरे करिए ना….” मेने अपनी बाहों को राज के कंधो के ऊपेर से उसकी पीठ पर कसते हुए कहा….मेरी चुचियाँ उसके चौड़े सीने में धँसी हुई थी…..

और उसका मोटा मुनसल जैसे लंड मेरी बुर की गहराइयों में समाया हुआ था…..”नजीबा क्या धीरे करूँ……” राज अब धीरे-2 मेरी बुर में अपने लंड को अंदर बाहर कर रहा था.. “ओह्ह्ह राज धीरे करिए ना…..”

राज: क्या धीरे करूँ…….

में: (कसमसाते हुए) उम्ह्ह्ह्ह जो आप कर रहे है……..

राज: और में क्या कर रहा हूँ……

में: मुझे नही पता……(मेने शरमाते हुए अपने सर को राज के कंधे पर रख दिया)

राज ने मेरी गान्ड को दोनो तरफ से कस के पकड़ा और तेज़ी से अपने लंड को मेरी बुर में अंदर बाहर करना शुरू कर दिया…..जब उसका लंड जड तक मेरी बुर में समाता, तो उसकी जांघें मेरे चुतड़ों से नीचे से टकरा कर थप-2 की आवाज़ करने लगती…राज के ताबडतोड धक्कों ने मेरी बुर की दीवारों को रगड़ कर रख दिया….मेरी बुर से पानी बह कर राज के लंड को भिगो रहा था….”ओह्ह्ह्ह राज हां आईसीई हीए चोदो मुझे मारो मेरी फुद्दि को आह फाड़ दो मेरी फुद्दि आज…अहह में कंजरी हूँ….अह्ह्ह्ह चोदो मेरी बुर को आह भर दो इसे अपने लंड के पानी से…..

राज: हां मेरी जान तेरी बुर को अपने लंड के पानी से भर दूँगा आज….

राज अब पूरी ताक़त से मुझे हवा में उठाए हुए चोद रहा था……में राज के लंड को अपनी बुर की गहराइयों में महसूस करके एक दम मदहोश हो चुकी थी कि, मुझे इस बात की परवाह भी नही रही कि, नीचे नाजिया भी घर में है….अब में भी अपनी गान्ड को आगे पीछे करने लगी थी….राज मेरे होंटो को चूस्ते हुए अपने लंड को पूरी रफतार से मेरी बुर की गहराइयों में पेल रहा था…..

में: हाईए राज मेरीए फुद्दि तो गयी हां ईए लो आ सीयी सीईईई उंह ईए लो मेरीईए फुद्दि ने पानी चोदा आ आह…..

राज: ओह्ह्ह नजीबा आ ईईए ली साली ईईए ली मेरीए लंड का पानी आहह आह आह

हम दोनो झड कर हाँफने लगे…..थोड़ी देर बाद राज का लंड सिकुड कर मेरी बुर से बाहर आ गया….राज ने मुझे नीचे उतारा. मेने जल्दी से अपनी सलवार पहनी और बाहर आ गयी…..जैसे ही में बाहर आई, तो मुझे विमला भाभी ऊपेर आती हुई नज़र आई…..विमला भाभी मेरे पास आई और बोली…..”यार नाजिया बार-2 पूछ रही थी कि, अम्मी को इतना टाइम क्यों लग गया ऊपेर…….और ऊपेर आने को हो रही थी….मेने उसे मुस्किल से रोका है……सॉरी यार”

में: कोई बात नही विमला भाभी आप जिस काम के लिए आई थी वो तो हो गया…..

विमला: क्या हो गया…..पर तू तो अभी बाथरूम से बाहर आ रही है…इतनी जल्दी….

में: (विमला भाभी के कान में फुसफुसाते हुए) में जब ऊपेर आई थी तो राज अंदर नहा रहा था….उसने मुझे अंदर ही खेंच लिया…..

विमला: बाथरूम में ही तेरी फुद्दि मार ली उसने कैसे……

में: (शरमाते हुए) वो मुझे ऊपेर उठा कर……..

विमला: क्या खड़े-2 ही तुझे उठा कर चोद दिया…..तेरी किस्मत वाह काश हमारी भी किस्मत ऐसी होती……

फिर हम दोनो नीचे आ गये….विमला भाभी कुछ और देर बैठी फिर वो अपने घर चली गयी. नाजिया मेरी तरफ थोड़ा अजीब नज़रों सी देख रही थी…..पर मेने कुछ जाहिर नही होने दिया.
दिन इस तरह गुजर रहे थे…..उस दिन के बाद मुझे फिर कभी मौका नही मिला….क्योंकि नाजिया को शायद शक था….पर वो भी श्योर नही थी….उसका रवैया मेरे से नॉर्मल था….इस दौरान में और विमला भाभी कुछ और ही ज़्यादा ही फ्रेंक हो गये थे….जब भी विमला भाभी हमारे घर आती या में उनके घर जाती तो हम सिर्फ़ सेक्स की ही बातें करते….मेने और विमला भाभी ने कई बार उनके घर में पॉर्न वीडियोस भी देखी……में किसी चुदेल रांड़ की तरह होती जा रही थी…….जिसे हर समय अपनी बुर में लंड चाहिए होता है….

इस दौरान मेरे और विमला भाभी के बीच इतनी नज़दीकया बढ़ गयी कि, हम दोनो लेज़्बीयन सेक्स करने लगी…….में विमला भाभी की और विमला भाभी मेरी बुर को चाट कर ठंडा करने लगी थी…पर लंड तो लंड ही होता है…..एक दिन में जब विमला भाभी के घर गयी तो, उन्हो ने बताया कि, उनके हज़्बेंड कल टूर पर जा रहे है….और परसो वापिस आएँगे….कल रात वो घर पर अकेली होंगी…..

विमला: यार नजीबा कल रात में यहाँ अकेली रहूंगी……यार अच्छा मौका है….तू राज को कल रात यहाँ बुला ले……हम दोनो खूब मस्ती करेंगे…..

में: (विमला भाभी की बात सुन कर एक दम चोन्कते हुए) क्या क्या कहा तुमने भाभी….

विमला: वही जो तूने सुना…..देख यार में तेरी मदद कर रही हूँ….तो बदले में मुझे भी तो कुछ मिलना चाहिए….और वैसे भी तेरा कॉन से]आ उसके साथ कोई रिस्ता है….वो आज यहाँ कल कहीं और चला जाएगा…

में विमला भाभी की बात सुन कर सोच में पड़ गयी कि क्या करू….इतने दिनो बाद ऐसा मौका हाथ आया था….में उसे हाथ से जाने नही देना चाहती थी……”ठीक है भाभी में आपको कल दोपहर में सोच कर बता दूँगी कि क्या करना है….”

विमला: चल सोच ले….रोज रोज ऐसे मोके नही आएँगे…..

उसके बाद में अपने घर आ गयी….दिल और दिमाग़ दोनो में जंग चल रही थी….में सोचने लगी कि विमला भाभी कह तो ठीक रही है…जवान लड़का है, क्या भरोसा वो कल कहाँ हो. कल को अगर उसका तबादला हो गया तो ये दिन बार-2 नही आएँगे….नजीबा इन दिनो को जी भर कर के जी ले….शाम को जब राज वापिस आया तो मेने उसे सारी बात बताई….मेरे सामने राज ने शरीफ बनते हुए कहा कि, वो ये काम किसी और के साथ नही करेगा….पर मेरे एक दो बार कहने पर ही वो मान गया…..
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