RE: Chodan Kahani काला साया
#ऊटी के उसी जंगल में..!
वो बूढ़ा आदमी अपने आप में बड़बड़ाया,अब ज़्यादा वक़्त नही लगेगा उसे अपनी सच्चाई जानने में..!
आ रहा है वो,अब नये खेल का आरंभ होगा बिल्कुल नये सिरे से..!
और वो बाबा हँसते हुए अपने कुटिया में चला गया..!
वहीं उस जंगल क बीचो-बीच धीरे-2 वो शैतान अपनी ताक़त बढ़ा रहा था,आज फिर उस जंगल में दर्दनाक चीखे गूँजी पर ये तो अब नॉर्मल हो गया था उसके जन्म से..!
उस मिट्टी में दबे हुए ही वो आसमान की तरफ देख रहा था,वो इंतेजार कर रहा था सही समय आने का कि कब वो बाहर आए..!
आज उस जंगल में दोनो खुश थे पर उनकी वजह अलग थी,बाबा को अपनी अलग खुशी थी और उस शैतान के मन में क्या था ये शायद ही कोई जानता हो..!
पर ये सवाल था कि वो आया कहाँ से..!
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वही कुछ देर बाद में शवर लेके आया और फिर नीचे आके मासी माँ से मिला..!
मासी माँ:-हम सब चल रहे हैं तुम्हारे साथ तुम्हे लेके..!
में:-पर सबकी क्या ज़रूरत है..!
मासी माँ:-कब कहाँ कैसे किसकी ज़रूरत पड़ जाए ये कोई नही जानता..!
फिर हम मासी माँ की कार से चल दिए अपनी मज़िल की ओर..!
मंज़िल दूर थी तो हमने कंटिन्युवस ड्राइव करने की सोची..!.
करीब 5 घंटे लगातार ड्राइव करने के बाद हम एक हाइवे के पास बने ढाबे पर रुके..!
हम अपनी सिटी से बहुत दूर आ गये थे,फिर हम अपनी कार से निकले और बाहर आके एक अंगड़ाई ली..!
ढाबे के बाहर बने हॅंडपंप की ओर हम आ गये..!.
सबने बारी-2 मुँह-हाथ धो कर खुद को तरो-ताज़ा किया..!
फिर लास्ट में मैं हॅंड पंप के पास आया और जैसे ही मैने उसे टच किया मुझे करेंट लगने जैसा महसूस हुआ..!
फिर भी मेने दुबारा ट्राइ किया तो सब नॉर्मल हो गया.!
पर मुझे उसके अंदर से किसीकि रोने की आवाज़ आने लगी.!
फिर भी मेने उसे इग्नोर करते हुए हाथ मुँह धोया और वापस सबके पास आ गया..!
भाभी:-राज यही रुकने का इरादा है क्या,इतना टाइम क्यो लगा दिया..!
में:-सॉरी.!
फिर हम ढाबे के अंदर आए और हमने नॉर्मल खाना ऑर्डर किया..!
कुछ देर में वेटर ने खाना सर्व किया और हम उसका लुफ्त उठाने लगे...!..
अभी हम खाना खा ही रहे थे कि किसीने बार-2 हॉर्न बजा कर मूड खराब कर दिया..!
में ढाबे के बाहर आके देखा तो कुछ बंदे ढाबे के मालिक को मार रहे थे..!
में उसी वक़्त बीच-बचाव के लिए गया..!
में जाके उनके सामने खड़ा हो गया...!
में:-अरे भाई लोग आप सब इन्हे क्यो मार रहे हो..!
आदमी1:-तुझसे मतलब,चल निकल यहाँ से..!
मेने मूड के मालिक हो देखा तो उसने अपना चेहरा ऐसा बनाया कि अगर में उसे नही बचाता तो में खुद चैन से ना रह पाता..!
अभी में कुछ बोलता कि उसे पहले एक आदमी ने उसका हाथ पकड़ के खींचा..!
लेकिन तभी मेने उस आदमी का हाथ पकड़ा और तेज़ी से खींच दिया उसका पूरा हाथ ही उखड गया..!
ये देख सब आदमी डर गये और तुरंत भाग लिए बस बच गया वो एक मात्र आदमी जिसका मेने हाथ उखाड़ा था..!
ज़्यादा खून बह जाने के कारण वो बेहोश हो गया था,मेने देखा वो आदमी अपनी ट्रक से वापस जा रहे थे,तभी मेने उस बेहोश पड़े आदमी को उसी ट्रक में उसके हाथ के साथ फेंक दिया..!
फिर में पलटा उस आदमी की ओर,उसकी आँखों में आँसू थे वो मेरे पैर छूने के लिए झुका तो मेने उसे उठा लिया और अपने गले लगा लिया..!
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