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Chodan Kahani चंचल चूत
चंचल चूत पार्ट---1
लेखक-- दा ग्रेट वोरिअर
हिंदी फॉण्ट बाय राज शर्मा
मेरा नाम समीर राजा है और मैं एक मुस्लिम लड़का हूँ. मेरी उमर 26 साल की है. मैं एक मरवरी सेठ मोतीलाल के घर मे काम करता हूँ. वर्कर तो बॅस नाम का हूँ यह सेठ साहिब वाघहैरा मुझे अपने घर का ही एक आदमी जैसा समझते और ट्रीट करते हैं. मेरे पिताजी सेठ मोतीलाल के पिता सेठ धरम लाल जी के पास अकाउंटेंट थे. हम सेठ धरमलल जी के परिवार को और वो हमारे परिवार को बोहोत सालों से और बोहोत अछी तरह से जानते हैं. मेरी माताजी अपने भाई के पास दूसरे गाँव चली गई तो मैं सेठ मोतीलाल जी के घर मे ही रहने लगा.
सेठ धरमलाल की देहांत के बाद उनका बिज़्नेस उनके बेटे सेठ मोतीलाल ही संभालते हैं. मोतीलाल के कोई भाई या बहेन नही है. उनकी कपड़ों की बहुत बड़ी दुकान है होल्सेल और रीटेल की. और उनकी मार्केट मे बोहोत अछी रेप्युटेशन है. मोतीलाल सेठ को यह बिज़्नेस उनके पिताजी की तरफ से पूरी तरह से सेट किया हुआ मिल गया था ज़ियादा मेहनत करने की ज़रूरत नही पड़ी थी. मार्केट मे अछी साख है और आछे लोग माने जाते है.
सेठ साहेब बोहोत ही दौलतमंद आदमी हैं उनका का 2 बेडरूम, ड्रॉयिंग डाइनिंग रूम का एक फ्लॅट तो सिटी मे है जहा कभी वो खुद या कभी कोमल या चंचल सिटी को परचेसिंग के लिए या घूमने के लिए जाते है तो कभी वाहा रात को रुक जाते है नही तो वो फ्लॅट हमेशा बंद रहता है. वो फ्लॅट एक बोहोत ही अछी गार्डेड बिल्डिंग मे है तो सेक्यूरिटी का कोई प्राब्लम नही है.
जिस घर मे वो रहते हैं वोहघर भी बोहोत ही बड़ा है. फर्स्ट फ्लोर पे सेठ साहिब का डबल रूम का बेडरूम और चंचल का भी डबल रूम का बेडरूम कम स्टडी रूम है. दोनो मे अटॅच बाथरूम है और दोनो के बेडरूम्स के बहेर एक बोहोत ही बड़ा हॉल भी है जहा पे सोफा सेट पड़ा हुआ है. कभी कभी सेठ साहिब कोमल और चंचल वाघहैरा वही हॉल मे बैठ के टी या कॉफी पीते है या ऐसे ही बातें करते बैठ ते हैं.
इतने बड़े घर की सफाई के लिए 2 लड़कियों को अलग से रखा हुआ है जो सारा दिन घर की सफाई ही किया करती है. रसोई बनाने के लिए भी 2 लड़कियाँ है जो बोहोत अछा खाना बनाती है. सब के सब रात को अपने अपने घर चले जाते हैं और सुबह सवेरे से ही वो आ जाते हैं और अपने अपने काम मे लग जाते हैं.
काम करने वाली लड़कियो को छोड़ कर घर मे रेग्युलर बस हम 3 ही रहते हैं. मैं, मोतीलाल सेठ की बीवी कोमल और उनकी बेटी चंचल. मोतीलाल सेठ तो इतने बिज़ी रहते हैं के बॅस रात को ही थके मान्दे घर आते है और खाना खा के सो जाते हैं. हम लोग डिन्नर के बाद भी काफ़ी देर तक इधर उधर की बातें करते रहते है और फिर सब अपने अपने कमरो मे चले जाते हैं.
लगता नही के वो अपनी पत्नी कोमल के साथ कुछ करते होंगे कियॉंके उनकी हालत तो ऐसी होती है के बॅस डिन्नर किया, बेड पे लेटे और ग्ग्गहर्ररर ग्ग्गहर्ररर आवाज़ें निकालते हुए सो गये.
एक टाइम मैं किसी काम से रात के समय ऊपेर गया था तो देखा कोमल सेठ साहेब के नरम लंड का मसाज कर रही थी लैकिन लंड तो सेठ साहेब की तरह से सो रहा था. उन्हों सी-थ्रू नाइटी पहेन रखी थी उस नाइटी मे से उनका सेक्सी बदन सॉफ दिखाई दे रहा था. सेठ साहेब गहरी नींद सो रहे हैं और कोमल अपने पति को अजीब से नज़रों से देख रही है. और फिर उन्हों ने अपने टाँगें फैला के अपनी चूत का मसाज करना शुरू कर दिया पहले तो ऐसे ही हथेली से चूत को सहलाती रही फिर उंगली से चूत के दाने को रगदड़ने लगी उनकी उंगली तेज़ी से चल रही थी और फिर उन्हों ने उंगली अपनी चूत के अंदर डाल के अंदर बहेर करना शुरू कर्दिआ. उनकी टाँगें खुली हुई थी गंद उठा उठा के अपनी ही उंगली से अपनी चूत को चोद रही थी और फिर थोड़ी ही देर मे उनका बदन अकड़ने लगा और आआअहह ऊऊऊहह आाऐययईईईई की आवाज़ें निकाल ते निकाल ते उनका बदन शांत हो गया और वो सो गई.
मुझे शक होगया के कोमल का मूड कुछ और था लैकिन साहेब को नींद सता रही थी. थोड़ी देर के बाद उनके रूम की लाइट भी बुझ गई और मैं नीचे आ गया.
मैं अपने मा बाप का एक ही बेटा हूँ. अपनी फाइनान्षियल पोज़िशन की वजह से मैं रेग्युलर कॉलेज नही अटेंड कर सकता था तो मैं प्राइवेट ही एग्ज़ॅम दे दिया करता हू. मुझे बचपन से ही एक्सर्साइज़
का शौक है तो मेरी बॉडी एक दम से शेप मे है. ब्रॉड शोल्डर्स, मस्क्युलर बॉडी. मेरा रंग भी बोहोत सॉफ है. मेरे सारे बॉडी पे हल्के हल्के से बॉल हैं जो गोरे बदन पे आछे लगते हैं. इन शॉर्ट, मे भी ठीक ठाक और हॅंडसम हू.
मैं अपने बचपन से ही मोतीलाल सेठ के घर मे रहता हूँ.
वही काम करता हू, अपनी पढ़ाई करता हू और वही मेरा खाना पीना भी है. मेरे लिए एक अटॅच बाथरूम वाला एक बड़ा सा कमरा है जिसका एक डोर घर के अंदर खुलता है और दूसरा बहेर कॉंपाउंड मे. घर के अंदर खुलने वाला डोर घर के लोग मेरे रूम मे आने जाने के लिए यूज़ करते हैं और बहेर खुलने वाला डोर मैं बहेर जाने के लिए यूज़ करता हू जहा कार्स पार्क रहती हैं. सेठ साहिब के पास एक तो इंनोवा है एर कंडीशंड और दूसरी मारुति है. दोनो न्यू कार्स हैं. इंनोवा सेठ साहिब की वाइफ और उनकी बेटी शॉपिंग के लिए या घूमने के लिए जब सिटी को जाते हैं तब यूज़ करते हैं और मारुति वही आस पास के जनरल इस्तेमाल के लिए, उनकी बेटी के स्कूल आने जाने के लिए यूज़ करते है.
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RE: Chodan Kahani चंचल चूत
मैं पहले सेठ मोतीलाल के घर वालो का परिचय करा दू. उनके घर मैं बॅस तीन ही लोग हैं. सेठ मोतीलाल, उनकी पत्नी कोमल और उनकी नॉटी बेटी चंचल. उनका कोई रिश्तेदार यहा नही रहता. बॅस उनकी वाइफ के और उनकी बेटी के फ्रेंड्स हैं जिन के घर उन का आना जाना है.
सेठ साहिब को तो बिज़्नेस से फ़ुर्सत ही नही मिलती. कभी कभी जब वो बिज़्नेस टूर पे जाते हैं तो वोही उनकी आउटिंग होती है. बोहुत बिज़ी रहते हैं. घर की रेस्पॉन्सिबिलिटी मुझे दे रखी है. मुझ पे इतना विस्वास करते हैं के कभी मुझ से पैसों का हिसाब किताब नही पूछते.
जब कभी कोमल या चंचल सिटी को शॉपिंग के लिए या आउटिंग के लिए जाते है तो मेरे साथ ही पॅसेंजर सीट पे बैठ ते है कभी पीछे मालिकों की तरह नही बैठ ते और रास्ता भर मुझ से इधर उधर की बातें करते रहते हैं हम लोग आपस मे मज़ाक भी कर लिया करते है जैसे मैं एक फॅमिली मेंबर हू. कभी कभी तो अपने घर की और खानदान की प्राइवेट बातें भी मेरे सामने ही किया करते हैं. और जब कोई चीज़ पर्चेस करते है तो मैं ही पैसे खरच किया करता हू. जब मेरे पास पैसे ख़तम हो जाते हैं तो और ले लेता हू. होटेल के बिल्स या फिर शॉपिंग किए हुए समान के बिल्स का पेमेंट सब मैं ही करता हू. कभी कभी सेठ साहिब मुझे अपने साथ देल्ही, बॉमबे या कॅल्कटा बिज़्नेस टूर पे भी ले जाते हैं तो मैं उनको कंपनी
दिया करता हू. कभी कभी तो वो अपने बेटी चंचल को ले जाते हैं उस टाइम पे मैं अकेला घर मे रहता हू कोमल के साथ.
मोतीलाल सेठ की बीवी बोहोत ही सुन्दर है. लग भग 30 – 32 साल की होगी. उनका नाम कोमल है और वो रियल मे कोमल हैं. बोहोट नाज़ुक, दुबली पतली बट हेल्ती, बोहोत गोरा मक्खन जैसा रंग. सिल्क जैसा चिकना बदन.लंबे लंबे काले घने बॉल जो खुले रहें तो उनके गंद तक आते हैं. गुलाबी गाल और बिना लिपस्टिक लगाए ही उनके होन्ट लाल रहते हैं. वो जब मुस्कुराती है तो उनके मोती जैसे दाँत डाइमंड की तरह चमकते दिखाई देते हैं.
उनका फिगर बोहोत वंडरफुल है. होगा यही कोई 38 – 26 – 36. वो मोस्ट्ली सारी ही पेहेन्ति है. कभी कभी सलवार सूट भी पहेन लिया करती हैं. सारी मे वो बोहोत खूबसूरत लगती हैं. सारी भी कभी इतनी नीचे बाँधती है के थोडा सा और नीचे हो जाए तो उनके झाँत के बॉल भी नज़र आ जाएँ ( अब यह तो पता नही के उनके झांट के बॉल है या वो शेव करती हैं).
ब्लाउस भी डीप कटिंग का पेहेन्ति हैं जिस्मै से उनके दूध की तरह सफेद चुचियाँ आधे से ज़ियादा ही नज़र आते हैं. एस्पेशली कभी जब वो कुछ उठाने के लिए नीचे झुकती हैं तो उनके रोज़ी निपल्स भी नज़र आ जाते हैं और मन करता है के बॅस हाथ अंदर डाल के उनकी मस्त चुचियाँ मसल डालु मगर क्या करू मजबूर हू.
कभी तो लगता के वो मुझे दिखाने के लिए ही झुकती है. मैं ने उनकी आँखों मे प्यास देखी है कियॉंके मुझे पता है के सेठ साहेब को नोट्स गिनने से फ़ुर्सत ही नही मिलती और वो उनकी खूबसूरत जवानी की तरफ ध्यान नही देते हैं और वो अपने जज़्बात को दबा के सो जाती हैं. उनकी चाल बोहोत ही मस्तानी है और जब वो किसी भी वजह से या शरारत से मुस्कुराती हैं तो आचे अचों का लंड ऑटोमॅटिक खड़ा हो के उनके पुर बदन को प्रणाम करने लगता है.
उनकी एक ही बेटी है चंचल. वो सच मे बोहोत चंचल है. 13 साल की होगी लैकिन लगती 15 – 16 साल की है. 9थ पास कर के 10थ मई आई है अभी. जैसे किसी अल्लहड़ लड़की का होता है वैसा ही कसा हुआ बदन है. बोहोत क्यूट है. बोहुत मोटी भी नही बोहोत दुबली भी नही बॅस मीडियम बिल्ट है उसकी. रंग तो उसकी मा की तरह मक्खन जैसा है. काली बड़ी बड़ी हिरनी जैसी आँखें. काले बॉल जिनको वो पोनी टेल की तरह बाँधती है.
जब भागती है तो उसकी पोनी टेल सेक्सी स्टाइल मे हिलती है. उसके होन्ट लाल और रसीले जिनको चूसने के लिए मॅन तड़प जाए. घर की लाडली है. हमेशा ही शरारत के मूड मई रहती है. कुछ ना कुछ करती ही रहती है. इधर से उधर भागना कभी छुप जाना किसी भी कमरे से मुझे आवाज़ लगाना “ राजा इधर आऊ” और मेरे जाने जाने तक वो दूसरे कमरे मे चली जाती. बाद मे हस्ती हुई बहेर निकल आती.
घर मे यूष्यूयली शॉर्ट स्कर्ट और ब्लाउस जैसा टॉप पेहेन्ति. उसके चुचियाँ मीडियम साइज़ के मौसम्बी जितने होगे उसकी एज के हिसाब से कुछ बड़े ही हैं. अभी ब्रस्सिएर नही पेहेन्ति. भागती तो धीरे से ऊपेर नीचे होते उसके चुचियाँ डॅन्स करते मस्त लगते है.
बोहुत धमाल मचाती एस्पेशली जब उसकी फ्रेंड्स उस से मिलने घर आती तो धूम रहती. उसके फ्रेंड्स भी उसकी ही तरह से शरारती हैं. शाएद बचपन ऐसा है होता है. किसी चीज़ की फिकर नही. कोई प्राब्लम नही. खाना पीना, खेलना कूदना, मज़े करना और रात मे थक के सो जाना. बॅस यही है इनका काम.
चंचल मेथ मे थोड़ी सी वीक थी तो मैं उसे कभी कभी मथ्स समझा दिया करता हू. और थोड़ी बोहोत साइन्स मे भी उसकी हेल्प कर दिया करता हू.
आक्च्युयली यह सेठ लोग सिटी से ऑलमोस्ट 80 – 90 किलोमेटेर दूर आउट स्कर्ट्स मे रहते है. हो सकता है पहले किसी टाइम मे वो जगह कोई गाँव रहा होगा लैकिन अब तो सिटी इतना फैल गया के ऑलमोस्ट सिटी मे है. ळैकिन फिर भी बड़ी बड़ी दुकानो और शॉपिंग माल्स या किसी आछे रेस्टोरेंट मे खाना खाने के लिए सिटी को ही आना जाना होता रहता है.
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