RE: Chodan Kahani जवानी की तपिश
कुछ देर के बाद टीचर की आवाज सुनाई दी-“घोंचू, अब क्या नजरें झुकाए बैठे हो? जब नजरें झुकानी थी तब तो बड़ी आँखें फाड़-फाड़कर मुझे नंगा देखने में ऐसे गुम हुये कि सारे होश-ओ- हवास गुम हो गये थे तुम्हारे…”
टीचर की बातें तो सख़्त थीं, लेकिन लहजे से जरा भी महसूस नहीं होता था कि वो मुझसे नाराज हैं, या वो मुझे इस तमाम गुस्ताखी की सजा देना चाहती हैं। इसी दौरान टीचर ने एक हाथ से मेरे चेहरे को जरा ऊपर उठाया। मगर मैं फ़िर भी एक नई नवेली दुल्हन की तरह नजरें ना उठा पाया।
“इधर। हेलो मुझे देखो। अब क्यों लड़कियों की तरह शरमा रहे हो?” टीचर ने कहा।
मगर मैंने फ़िर भी नजरें नहीं उठाई।
“मैंने कहा ना… मुझे देखो…” टीचर ने इस बार कुछ तेज लहजे में कहा।
तो मैं डर गया कि कहीं टीचर गुस्सा ना हो जाए, तो मैंने जल्दी से आँखें उठाकर टीचर की तरफ देखा। उनके होंठों पर मुश्कुराहट और आँखों में शरारत सी नजर आई।
मुझे देखते हुए टीचर ने बड़े ही प्यार से अपना एक हाथ मेरे गाल पर फेरते हुए कहा-“तुम डरे हुए क्यों हो? तुम्हें अब मुझसे डरने की जरूरत नहीं। आज से हम दोस्त हैं। आज जो कुछ भी हुआ, उसके बारे में तुम किसी से जिकर नहीं करोगे। सबसे पहले तो तुम मुझसे इस बात का प्रामिस करो…”
मैंने टीचर का मूड सही देखकर जल्दी से गर्दन हिला दी।
“नहीं, गर्दन हिलाकर नहीं। मेरे हाथ पर हाथ रखकर वादा करो कि तुम इस बात का किसी से कोई जजकार नहीं करोगे…” इस बार उन्होंने अपना एक हाथ प्रामिस के लिए मेरे सामने कर दिया।
जिस पर मैंने जल्दी से अपना हाथ रखते हुए हल्के से कहा-“टीचर, आप मुझे बस एक बार माफ कर दें और प्लीज मुझसे नाराज ना हों। मैं इस बात का किसी से जिकर नहीं करूँगा…”
मेरी सहमी हुई हालत देखकर टीचर ने हँसते हुए कहा-“अरे पगलेम किसने कहा कि मैं तुमसे नाराज हूँ? मैं तो तुमसे बिल्कुल भी नाराज नहीं हूँ। बल्की आज के बाद तो हम आपस में बेस्टफ्रेंड भी हैं…”
टीचर की बात सुनकर में चौंक गया। मेरी आँखें खुल गई थीं। अब मेरी वो फ़ितरती शोखी फ़िर से सिर उभारने लगी जो की मेरा ख़ास थी। मैंने उत्तेजित होकर जल्दी से एक टाँग मोड़कर सोफा पर रखी, और जल्दी से सीधा होकर टीचर के सामने हो गया। हैरत से बोला-“आप वाकई मुझसे नाराज नहीं। और वो… वो… जो मैंने आपको देखा वो?”
मेरी बात सुनकर टीचर ने भी मेरी तरह ही अपनी एक टाँग उठाकर सोफे पर रखी और मेरे सामने होकर बैठते हुए सोख लहजे में बोली-“तो क्या हुआ? मैंने भी अपना बदला ले लिया। तुमने मुझे देखा तो मैंने भी तुम्हें देख लिया…”
मुझे टीचर की मेरे साथ की गई वो तमाम हरकतें और बातें याद आईं। मैंने टीचर को देखा तो उनके होंठों पे एक खूबसूरत और खुशी की मुश्कुराहट सजी हुई थी और वो सोख नजरों से मुझे देख रही थी। टीचर की बात सुनकर और उनकी नजरों की ताव ना लाकर मैंने एक बार फ़िर अपनी नजरें नीची कर ली। तभी टाँग ऊपर रखने की वजह से उनका गाउन थोड़ा खिसक गया और उनकी एक जाँघ का कुछ हिस्सा नंगा हो गया। जिस पर मेरी अचानक से नजर पड़ी। मगर मैंने जल्दी से वहाँ से अपनी नजर हटा ली कि कहीं टीचर फ़िर से नाराज हो जाए। लेकिन उनकी गोरी-गोरी जाँघ का वो हिस्सा देखने के लिए मेरा दिल मेरे काबू से बाहर निकल रहा था। मगर मैंने खुद पर बड़ी मुश्किल से कंट्रोल किया हुआ था, और फ़िर से मैं टीचर की तरफ देख रहा था।
तभी टीचर ने मुझसे पूछा-“अच्छा एक बात पूच्छू? सच-सच बताओगे?”
मैंने घबराते हुए कहा-“जी टीचर पूछें, मैं आपसे झूठ नहीं बोलूँगा…”
टीचर-“क्या तुमने कभी कोई नंगी औरत नहीं देखी? जो मुझे नंगा देखकर तुम्हारी ऐसी हालत हो गई?”
टीचर के इस तरह बात करने से पहले तो मुझे बहुत शर्म आई कि मैं टीचर को क्या जवाब दूँ। मगर एक बार फ़िर पूछ ने पर मैंने कहा-“नहीं…”
टीचर ने कहा-“क्या कभी कोई पॉर्न मूवी देखी है?”
मैंने एक बार फ़िर गर्दन नहीं में हिलाते हुए कहा-“नहीं…”
मेरी बात सुनकर टीचर बड़ी हैरान हुई, और कहा-“तुम वाकई ‘घोंचू’ हो। मैंने अक्सर देखा है कि तुम्हारी उमर के लड़के ऐसी बातों से किसी हद तक वाकिफ ही होते हैं। अगर नहीं भी तो उन्होंने कहीं ना कहीं से कोई पॉर्न वगैरा जरूर देखा हुआ होता है। तुमने आज तक ऐसा कुछ नहीं किया?”
मैंने एक बार फ़िर नहीं में सिर हिला दिया।
टीचर कुछ देर तक मुझे खामोशी से देखने लगी, और फ़िर बोली-“अच्छा तुम्हें कुछ सेक्स के बारे में मालूम है? मेरा मतलब है कि औरत और मर्द के रिश्ते के बारे में। या बस ऐसे ही ऊूँट की तरह लंबे हो गये हो?”
मैंने इस बात पर हल्के से मुश्कुराते हुए गर्दन हिला दी।
टीचर ने मुश्कुराते हुए मुझे देखा-“अच्छा तो सेक्स के बारे में सब पता है। कैसे पता चला?”
मैंने जवाब दियाऽ “दोस्तों से…”
“हुम्म्म… तो क्या-क्या पता है तुम्हें सेक्स के बारे में?”
मैं थोड़ा सोच में डूब गया और फ़िर कुछ सोचते होये बोला-“लड़का और लड़की अकेले में मिलते हैं, और फ़िर सेक्स करते हैं, और अगर उसमें अहतियात ना करें तो बच्चा हो जाता है…”
टीचर जोर-जोर से हँसने लगी। फ़िर बोली “लेकिन सेक्स में क्या करते हैं?”
मैंने टीचर को देखा फ़िर हिचकिचाते हुए जवाब दिया-“दोनों नंगे हो जाते हैं, और फ़िर एक दूसरे में चिपक जाते हैं, चूमते हैं…” मैंने अपनी तरफ से बड़ी नालेज वाला जवाब दिया था और इस बात पर बड़े फखरिया अंदाज में टीचर को देख रहा था।
टीचर मुझे देखकर एक बार फ़िर जोर-जोर से हँसने लगी।, और बोली-“बस? मुझे पता चल गया कि तुम्हें सेक्स के बारे में कितना पता है?”
फ़िर कुछ देर वो खामोशी से मेरी तरफ देखती रही और बोली-“अगर तुम मेरे साथ पक्का प्रामिस करो कि तुम किसी को कुछ नहीं बताओगे तो मैं तुम्हें मैथ के साथ-साथ सेक्स की भी क्लास देने को तैयार हूँ। मैं तुम्हें सेक्स में भी इतना एक्सपर्ट कर दूँगी कि तुम सेक्स के हर एग्जाम में फर्स्ट ही आओगे…”
मैंने जल्दी से जवाब दिया-“मैं प्रामिस करता हूँ कि मैं किसी से इस बात का जिकर नहीं करूँगा। मगर क्या मैं सेक्स में एक्सपर्ट बन सकता हूँ?” मैंने टीचर से हाथ मिलाने के लिए हाथ बढ़ाते हुए पूछा।
टीचर ने फौरन मेरे हाथ को अपने हाथों में थाम लिया, और थोड़ा सा खिसक के मेरे पास आ गई, और कहा-“तुम्हें खुद पता नहीं कि तुम क्या हो? में अपने तजुर्बे की बुनियाद पर गारन्टी दे सकती हूँ कि तुम इस उमर में भी अच्छ से अच्छा सेक्स एक्सपर्ट बन सकते हो, और बड़े होकर तो तुम ऐसे झंडे गाड़ोगे कि कोई तुम्हारा दूर-दूर तक मुकाबिल नहीं होगा…”
मैं आँखें फाड़े टीचर की बात सुनता रहा। मुझे समझ में तो कुछ नहीं आया, बस मैं ऐसे ही गर्दन हिलाता रहा जैसे मैं उनकी तमाम बातें बाखूबी समझ रहा हूँ।
“अच्छा। तो फ़िर आज मैं तुम्हें सेक्स का एक पूरी डेमो दूँगी। इस दौरान तुमने आज कोई सवाल नहीं करना और ना ही किसी बात से मना करना है, जब तक डेमो क्लास खतम नहीं होती। उसके बाद चाहो तो तुम मुझसे सवाल भी कर लेना। फ़िर कल से मैं तुम्हें स्टेप बाइ स्टेप सेक्स की क्लास दूँगी…”
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