RE: Chodan Kahani जवानी की तपिश
मगर मेरे इस काम से टीचर की आहें निकलने लगी। मैं जैसे-जैसे उनका मम्मा चूसता। वो आह्ह… आआह्ह… ऊऊऊह्ह की सेक्स में डूबी हुई आवाजें निकाल रही थी। मैं कभी-कभी अपनी जबान से उनके निपल को भी छेड़ देता। टीचर की बेचैनी बढ़ रही थी, इसलिए वो मचल रही थी। उनके हिलने के कारण कभी-कभी मम्मा मेरे मुँह से निकल जाता, तो मैं गर्दन को हिलाकर दोनों मम्मों में से जो मेरे करीब होता, मैं उसे पकड़कर चूसने लगता।
बारी-बारी मैंने टीचर के दोनों मम्मों को चूस-चूसकर गीला कर दिया था। इस तरह मम्मे चूसने से मुझे भी बहुत मजा आ रहा था और मैं बड़ी ही चाह के साथ अपना काम पूरी इमानदारी से कर रहा था। दोनों मम्मों को चूसने में कोई कमी नहीं कर रहा था कि किसी को कम और किसी को ज़्यादा । कुछ देर इसी तरह चलने के बाद टीचर सोफा से उठकर खड़ी हो गई।
मैं हैरत से टीचर को देखने लगा का क्या हुआ मुझसे कोई गलती तो नहीं हो गई? वो मुकम्मल तौर पर नंगी मेरे सामने खड़ी थी। उनके जिश्म के नसीबो फराज मेरी आँखों के सामने ही थे। दिल कर रहा था उन्हें जकड़कर एक बार फ़िर उन मम्मों का पूरा रस चूस लूँ। मगर मजबूर था। यह मेरी डेमो क्लास थी और टीचर ने प्रामिस लिया था कि वो जो करेंगी मैं करने दूँगा, कोई सवाल नहीं करूँगा। तो में एक फरमावरदार स्टूडेंट की तरह खामोश बैठकर उनको देख रहा था।
टीचर ने अपना एक हाथ आगे बढ़ाया तो मैंने जल्दी से उनका आगे बढ़ा हुआ हाथ पकड़ लिया। मेरी बेचैनी और तड़प को टीचर ने भी महसूस किया और उनके चेहरे पर मुश्कुराहट आ गई। उन्होंने आँखों-आँखों में हाथ के हल्के झटके से मुझे सोफा पर से उठने का इशारा किया, तो मैं जरखरीद गुलाम की तरह उनकी आँख की एक ही जुम्बिश से उठकर खड़ा हो गया। वो मेरा हाथ पकड़कर मुझे बेड की तरफ ले जाने लगी।
वो उल्टे कदमों ही बेड की तरफ चल रही थी। जिसके कारण उनका फ्रंट मेरी तरफ था और चलते हुए उनके मम्मे हल्के-हल्के हिल रहे थे, और उनके हिलने से मुझे ऐसा लग रहा था कि मैं पूरा हिल रहा हूँ, मेरा दिल हिल रहा है, मेरी धड़कनें तेज हो रही हैं, मेरी नजरें मुसलसल उनके मम्मों पर लगी हुई थीं।
टीचर मुझे बड़े गौर से देख रही थी, मेरी एक-एक हरकत को नोट कर रही थी। जो उन्होंने मुझे डेमो क्लास के बाद बताया था। वो मुझे लेकर बेड के करीब आ गई, और मुझे बेड पर बैठने का इशारा किया। मैं बेड के किनारे बैठ गया। मुझे बेड पर बिठाने के बाद टीचर ने आगे बढ़कर मेरी शर्ट के बटन खोलने शुरू किए। कुछ देर में मेरा ऊपरी धड़ बिल्कुल नंगा हो चुका था। बालों से पाक मेरा सॉफ सीना जो एक्सर्साइज के बदौलत अभी हल्की-हल्की शेप लेना ही शुरू हुआ था, उनकी नजरों के सामने जाहिर हो गया।
वो प्यासी नजरों से मेरे सीने की तरफ देख रही थी। उन्होंने आगे बढ़कर बहुत ही प्यार से मेरे सीने पर हाथ फेरना शुरू कर दिया। फ़िर उसी हाथ से हल्के से धक्का देकर मुझे बेड पर पीछे की तरफ धकेल कर लिटा दिया। खुद मेरे एक साइड पर आ गई, और मेरे सीने पर झुक गई, और मेरे सीने पर अपने होंठों से प्यार करने लगी। वो बहुत ही खूबसूरत अंदाज में मेरे सीने पर चूम रही थी। फ़िर धीरे धीरे मेरे निप्पलों की तरफ बढ़ गई और उनको अपने मुँह में लेकर हल्के से चूसा।
उनके ऐसा करने से मेरे जिश्म को एक जोरदार झटका लगा और मेरे मुँह से ‘आआअह्ह’ की एक जोरदार आवाज निकली। मैं मजे की ऊँचाइयों पर पहुँच चुका था। फ़िर उन्होंने बारी-बारी मेरे दोनों निपल्स को चूसा और अपनी जबान से कुछ देर के लिए छेड़ा। उसके बाद वो धीरे-धीरे नीचे की तरफ सरकने लगी। वो बहुत प्यार से मेरे पूरे बदन को चूमती और चाटती हुई नीचे जाने लगी। फ़िर उन्होंने रुक कर मेरी पैंट का बेल्ट और बटन खोलकर जिप को भी नीचे कर दिया, और फ़िर एक ही झटके से पैंट को नीचे कर दिया। मगर मेरी पैंट नीचे मेरे जूते में जाकर अटक गई जो मैंने एक बार फ़िर पहन लिए थे।
वो बेड से नीचे उतरी और मेरे जूते उतारने लगी। कुछ ही देर में मेरे जूते और मोजे उतर चुके थे। जिसके बाद मेरी पैंट आसानी से मेरे पैरों से निकल गई और अब वो नीचे पड़ी हुई थी। मैं भी अब पूरी तरह नंगा हो चुका था। टीचर ने एक बार फ़िर बेड पर आते हुए मुझे कमर से पकड़कर पूरा बेड पर आने का इशारा किया, तो मैंने भी अपने दोनों पैर उठाकर बेड के किनारों पर रखे और कमर उठाकर खुद को पैरों की मदद से ऊपर की तरफ धकेला तो मैं अब पूरी तरह से बेड पर आ चुका था।
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