06-26-2018, 11:02 AM,
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sexstories
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RE: Chodan Kahani तीन देवियाँ
मैं ने सोचा के शाएद आज ऋतु को चोदने का मोका मिल जाए. मैं ने वो एन्वेलप निकाला जिस्मै मैं ने अनु ऋतु और शालु की अलग अलग और एक दूसरे की चूते चाट ते हुए पिक्चर्स अपने डिजिटल कॅमरा से छुप के ली थी और कंप्यूटर पे प्रिंट की थी वो एन्वेलप निकाला और बेड पे डाल दिया और मैं कंप्यूटर पे चुदाई के और लेज़्बियन्स लड़कियों के एक दूसरे की चूतो को चाट चाट के मज़े लेते हुए फोटोस देखने लगा. एक तो बोहोत ही क्लियर फोटो थी जिस्मै दो लड़कियाँ एक दूसरे की चूते चाट रही थी और दूसरी पिक्चर मे एक मोटा लंड चिकनी चूत मे आधा घुसा हुआ दिखाई दे रहा था आक्च्युयली कंप्यूटर स्क्रीन पे दोनो पिक्चर्स हाफ हाफ स्क्रीन पे थी और मेरा कंप्यूटर टेबल
ऐसी पोज़िशन मे था के ऋतु जब कॉफी ला के मुझे देगी तो शुवर्ली देख लेगी और अगर टेबल पे रखेगी तो पलट ते समय उसको कंप्यूटर स्क्रीन सॉफ नज़र आ जाएगा और स्क्रीन की पिक्चर देख लेगी. बारिश बोहोत तेज़ हो चुकी थी और दिन का समय ऐसा लगता था जैसे रात हो गई हो. थोड़ी ही देर मे ऋतु ऊपेर कॉफी की ट्रे ले के आ गई और मेरे पीछे रखी हुई सेंटर टेबल पे ट्रे रख के जैसे ही घूमी उसको कंप्यूटर के स्क्रीन पे सेक्स पिक्चर नज़र आ गई और उसके मूह से “छी छी राजा बाबू यह क्या देख रहे हो” निकल गया तो मैं ने पूछा क्या हुआ ऐसी गंदी पिक्चर्स तो नही है इन्हे देखने से क्या होता है तो वो बोली यह सब अच्छी चीज़ नही है और तेज़ी से मेरे कमरे से बाहर निकलने लगी तो मैं ने फिर से पुकारा ऋतु सुनो तो वो डोर के पास ही रुक गई पर पलट के मेरी तरफ नही देखा तो मैं ने कहा वाहा देखो मेरे बेड पे एक एन्वेलप पड़ा है वो इधर लाओ, तो ऋतु पलट के वापस आ गई और एन्वेलप उठा के अपने मूह को दूसरी तरफ करते हुए मुझे एन्वेलप देने लगी तो मैं ने कहा तुम देखो इस्मै क्या है तो वो शरमाते हुए बोली के नही मुझे नही देखना है यह वैसी ही पिक्चर्स होगी जैसे आप कंप्यूटर पे देख रहे हो तो मैं ने कहा अरे नही ऋतु यह ऐसी वैसी पिक्चर्स नही है यह तो अनु के कॉलेज के फंक्षन्स के फोटोस है आज ही डेवेलप करवा के लाया हू तो वो खुशी से एन्वेलप खोलते खोलते कमरे से बाहर जाने लगी तो मैं ने कहा के यह ढेर सारी फोटोस है बाहर बारिश के कतरे पड़ने से खराब हो जाएँगी इन्है तुम इत्मीनान से यही बैठ कर देखो तो वो कन्फ्यूज़ हो गई शाएद वो मेरे कमरे मे नही बैठना चाह रही थी.
ऋतु वापस कमरे मे आ गई और मेरे बेड के कॉर्नर पे बैठ गई और एन्वेलप को एक साइड से पकड़ के उल्टा किया तो एन्वेलप से सारी की सारी पिक्चर स्लिप हो के मेरे बेड पे गिर गई. मैं कंप्यूटर के स्क्रीन से ऋतु को देख रहा था. पहली पिक्चर को देखते ही उसके मूह का रंग उड़ गया और उसके मूह ऑटोमॅटिकली खुला का खुला रह गया और ऑटोमॅटिकली निकल गया “हे भगवान” और उसके हाथो से फोटोस निकल के बेड पे गिर गई और वो मेरी तरफ ऐसे देखने लगी जैसे उसे कुछ दिखाई नही दे रहा हो और उसकी ज़ुबान से एक शब्द भी नही निकला. मैं अपनी चेर घुमा के उसकी तरफ पलट गया और पूछा ऋतु कैसे लगी फोटोस तुम्है, अच्छी है ना, तो वो कुछ नही बोली शाएद सोच मे पड़ गई के अब क्या होगा. ऋतु अपनी जगह से उठी और सीधे मेरी चेर के पास आ गई और मेरे पैरो मे गिर गयी, उसका बदन बड़ी ज़ोर से काँपने लगा और मेरे पैर पकड़ के रोने लगी के प्लीज़ राज बाबू किसी को यह फोटोस नही दिखना नही तो मैं मर जाउन्गी. मैं ने उसको थोड़ी देर रोने दिया फिर उसको शोल्डर्स
से पकड़ के अपने पैरो से उठाया तो वो मेरे सामने घुटने फ्लोर पे टेक के नील डाउन पोज़िशन मे बैठ गयी. मैं ने कहा अरे पगली मैं किसी को भी नही बताउन्गा तू कियों फिकर करती है मैं तो यह सब बोहोत दिनो से देख रहा हू. सच राजा बाबू किसी को भी नही बताओगे ना प्लीज़ तो मैं ने कहा हा नही बताउन्गा और उसके बालो मे उंगलियाँ घुमाने लगा. उसके बदन को हाथ लगाते ही मेरा लाउडा एक दम से मस्ती मे फुल अकड़ के लोहे जैसा सख़्त हो गया और मेरे बॉक्सर्स शॉर्ट्स के अंदर से बाहर निकलने को मचलने लगा. मैं ने उसके सर को पकड़े पकड़े धीरे धीरे अपनी तरफ खेचना शुरू किया तो वो भी अपने घुटनो के बल दो कदम आगे चल के मेरे दोनो पैरो के बीच मे नील डाउन हो के बैठ गयी और मेरी तरफ देखने लगी. उसकी आँखों मे एक अजीब सी बेबसी थी, एक अंजना सा सवाल था, एक खोफ़ था, एक साइलेंट रिक्वेस्ट थी. मैं ने उसका एक हाथ पकड़ केऊपेर उठाया और सीधा अपने लूस बॉक्सर्स शॉर्ट के खुले भाग से अंदर घुसा के अपने आकड़े हुए लंड पे रख दिया और इमीडीयेट्ली उसने अपना हाथ “अरे बाप र्ऱे” कहते हुए शॉर्ट के बाहर खेच लिया मैं ने उसका हाथ फिर से पकड़ा और अपने शॉर्ट के अंदर डाल के अपने फॅन फनाते लंड को उसके हाथ मे थमा दिया जिसे उसने इस टाइम थाम लिया. दोनो के मूह से कुछ भी नही निकल रहा था. ऋतु मेरे लंबे मोटे आकड़े हुए लंड के ऊपेर हाथ रखे रही तो मैं ने उसका हाथ अपने हाथ मे ले के दबाया तो वो इशारा समझ गई दोनो ने कुछ नही कहा जैसे साइलेंट अग्रीमेंट हो गया हो और ऋतु मेरे लंड को पकड़ के दबाने लगी अभी भी उसके मूह से बोहोत धीमी आवाज़ मे निकला “अरे बाप रे यह तो बहुत ही बड़ा है” मैं कुछ बोला नही बॅस मुस्कुरा दिया.
मैं अपने चेर पे थोड़ा सा और पैर खोल के चेर के सामने एड्ज पे आ गया. अब ऋतु मेरे लंड को दोनो हाथो से पकड़ के दबा रही थी. मुझे बड़ी खुशी हो रही थी के यह लड़की जिसे मैं कब से चोदना चाहता था आज वो खुद ही मेरे पैरो मे गिरी पड़ी है और मेरे लौदे को हाथ मे पकड़ के मज़े से दबा रही है. मैं ने ऋतु के सर को पकड़ के अपनी ओर खेचा तो वो एक कदम और आगे आ गई अब पोज़िशन ऐसी थी के मेरा फुल्ली एरेक्टेड आंड थ्रॉबिंग लंड उसके मूह के सामने था. मैं चाहता था के ऋतु ही मेरे बॉक्सर्स की ज़िप खोले पर वो अभी तक नही खोल रही थी तो मैं ने उसका हाथ पकड़ के अपनी बॉक्सर्स शॉर्ट्स की ज़िप के ऊपेर रख दिया तो वो शरमाते शरमाते मेरी तरफ अजीब नज़रों से देखते देखते ज़िप खोलने लगी.
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