Chudai Kahani दिल पर जोर नहीं
06-27-2017, 11:53 AM,
#3
RE: Chudai Kahani दिल पर जोर नहीं
दोनों लड़कियाँ आपस में एक दूसरे से अपनी योनि रगड़ रही थी।
ऊफ़्फ़….!! मेरी उत्‍तेजना भी लगातार बढ़ने लगी। परन्‍तु मेरी समझ में नहीं आ रहा था कि मैं क्‍या करूँ? कैसे खुद को सन्‍तुष्‍ट करूँ? मुझे बहुत परेशानी होने लगी। वो दोनों लड़कियाँ लगातार योनि मर्दन कर रही थी। मुझे मेरी योनि में बहुत खुजली महसूस हो रही थी। ऐसा लग रहा था जैसे मेरी योनि के अन्‍दर बहुत सारी चींटियों ने हमला कर दिया हो….योनि के अन्‍दर का सारा खून चूस रही हों… मैंने महसूस किया कि मेरे चुचूक बहुत कड़े हो गये हैं। मुझे बहुत ज्‍यादा गर्मी लगने लगी। शरीर से पसीना निकलने लगा।
मेरा मन हुआ कि अभी अपने कपड़े निकाल दूं। परन्‍तु यह काम मैंने अपने जीवन में पहले कभी नहीं किया था इसीलिये शायद हिम्‍मत नहीं कर पा रही थी मेरी निगाहें उस स्‍क्रीन हटने को तैयार नहीं थी। मेरे बदन की तपिश पर मेरा वश नहीं था। तापमान बहुत तेजी से बढ़ रहा था। जब मुझसे बर्दाश्‍त नहीं हुआ। तो मैंने अपनी साड़ी निकाल दी। योनि के अन्‍दर इतनी खुजली होने लगी। ऊईईईई….मन ऐसा हो रहा था कि चाकू लेकर पूरी योनि को अन्‍दर से खुरच दूँ।
तभी स्‍क्रीन पर कुछ परिवर्तन हुआ, पहली वाली लड़की अलग हुई, उसने पास रखी मेज की दराज खोलकर पता नहीं प्‍लास्टिक या किसी और पदार्थ का बना लचीला कृत्रिम लिंग जैसा बड़ा सा सम्‍भोग यन्‍त्र निकाला और पास ही रखी क्रीम लगाकर उसको चिकना करने लगी।
“ओह…!” सम्भोग के लिए ऐसी चीज मैंने पहले कभी नहीं देखी थी… पर मुझे वो नकली लिंग बहुत ही अच्‍छा लग रहा था। जब तक वो लड़की उसको चिकना कर रही थी तब तक मैं भी अपना ब्‍लाउज और ब्रा उतार कर फेंक चुकी थी। मुझे पता था कि घर में इस समय मेरे अलावा कोई और नहीं है इसीलिये शायद मेरी शर्म भी कुछ कम होने लगी थी।
तभी मैंने देखा कि पहली लड़की से उस सम्‍भोग यन्‍त्र का अग्र भाग बहुत प्‍यार से दूसरी लड़की की योनि में सरकाना शुरू कर दिया। आधे से कुछ कम परन्‍तु वास्‍तविक लिंग के अनुपात में कहीं अधिक वह सम्‍भोग यन्‍त्र पहली वाली लड़की के सम्‍भोग द्वार में प्रवेश कर चुका था। मैंने इधर उधर झांककर देखा कि कोई देख तो नहीं रहा… और खुद ही अपने बायें हाथ से अपनी योनि को दबा दिया। “आह….” मेरे मुँह से सीत्‍कार निकली।
मेरी निगाह कम्‍प्‍यूटर की स्‍क्रीन पर गई, ‘उफफफफ…’ मेरी तो हालत ही खराब होने लगी। पहली लड़की दूसरी लड़की के सम्‍भोग द्वार में वो सम्‍भोग यन्‍त्र बहुत प्‍यार से आगे पीछे सरका रही थी… दूसरी लड़की भी चूतड़ उछाल-उछाल कर अपने कामोन्‍माद का परिचय दे रही थी, वह उस यन्‍त्र को पूरा अपने अन्‍दर लेने को आतुर थी। परन्‍तु पहले वाले लड़की भी पूरी शरारती थी, अब वो भी दूसरी के ऊपर आ गई और उस यन्‍त्र का दूसरी सिरा अपनी योनि में सरका लिया। “ऊफफफफफ….” क्‍या नजारा था। दोनों एक दूसरे के साथ सम्‍भोगरत थी। अब दोनों अपने अपने चूतड़ उचका उचका कर अपना अपना योगदान दे रही थी।
सीईईई….शायद कोई भी लड़की दूसरी से कम नहीं रहना चा‍हती थी…
इधर मेरी योनि के अन्‍दर कीड़े चलते महसूस हो रहे थे। मैंने मजबूर होकर अपना पेटीकोट और पैंटी भी अपने बदन से अलग कर दी। अब मैं अपनी स्‍क्रीन के सामने आदमजात नंगी थी। मुझे ऐसा महसूस हो रहा था जैसे जीवन में पहली बार मैं ऐसे नंगी हुई हूँ। पर मेरी वासना, मेरी शर्म पर हावी होने लगी थी। मुझे इस समय अपनी योनि में लगी कामाग्नि को ठण्‍डा करने का कोई साधन चाहिए था बस….और कुछ नहीं….
काश… उन लड़कियों वाला सम्‍भोग यन्‍त्र मेरे पास भी होता तो मैं उसको अपनी योनि में सरकाकर जोर जोर से धक्‍के मारती जब तक कि मेरी कामज्‍वाला शान्‍त नहीं हो जाती पर ऐसा कुछ नहीं हो सकता था। मैंने अपने दायें हाथ की दो उंगलियों से अपने भगोष्‍ठ तेजी से रगड़ने शुरू कर दिए। मेरी मदनमणि अपनी उपस्थिति का अहसास कराती हुई कड़ी होने लगी। जीवन में पहली बार था कि मुझे ये सब करना पड़ रहा था। पर मैं परिस्थिति के हाथों मजबूर थी।
अब मेरे लिये कम्‍प्‍यूटर पर चलने वाली फिल्‍म का कोई मायने नहीं रह गया, मुझे तो बस अपनी आग को ठण्‍डा करना था। मुझे लग रहा था कि कहीं आज इस आग में मैं जल ही ना जाऊँ !
11 साल से संजय मेरे साथ सम्‍भोग कर रहे थे… पर ऐसी आग मुझे कभी नहीं लगी थी… या यूँ कहूँ कि आग लगने से पहले ही संजय उसको बुझा देते थे। इसलिये मुझे कभी इसका एहसास ही नहीं हुआ। मैंने कम्‍प्‍यूटर बन्‍द कर दिया और घर में पागलों की तरह ऐसा कुछ खोजने लगी जिसको अपनी योनि के अन्‍दर डालकर योनि की खुजली खत्‍म कर सकूँ। मन्दिर के किनारे पर एक पुरानी मोमबत्‍ती मुझे दिखाई और तो मेरे लिये वही मेरा हथियार या कहिये कि मेरी मर्ज का इलाज बन गई।
मैं मोमबत्‍ती को लेकर अपने बैडरूम में गई। मैंने देखा कि मेरे चुचूक बिल्‍कुल कड़े और लाल हो चुके थे।
आह… कितना अच्‍छा लग रहा था इस समय अपने ही निप्‍पल को प्‍यार सहलाना !
हम्म… मैंने अपने बिस्‍तर पर लेटकर मोमबत्‍ती का पीछे वाला हिस्‍सा अपने दायें हाथ में पकड़ा और अपने बायें हाथ से योनि के दोनों मोटे भगोष्‍ठों को अलग करके मोमबत्‍ती का अगला धागे वाला हिस्‍सा धीरे से अपनी योनि में सरकाना शुरू किया।
उई मांऽऽऽऽऽ… क्‍या आनन्‍द था।
मुझे यह असीम आनन्‍द जीवन में पहली बार अनुभव हो रहा था। मैं उन आनन्‍दमयी पलों का पूरा सुख भोगने लगी। मैंने मोमबत्‍ती का पीछे की सिरा पकड़ कर पूरी मोमबत्‍ती अपनी योनि में सरका दी थी…. आहह हह हह… अपने जीवन में इतना अधिक उत्‍तेजित मैंने खुद को कभी भी महसूस नहीं किया था।
मैं कौन हूँ…? क्‍या हूँ…? कहाँ हूँ…? कैसे हूँ…? ये सब बातें मैं भूल चुकी थी। बस याद था तो यह कि किसी तरह अपने बदन में लगी इस कामाग्नि को बुझाऊँ बस… हम्म अम्म… आहह… क्‍या नैसर्गिक आनन्‍द था।
बायें हाथ से एक एक मैं अपने दोनों निप्‍पल को सहला रही थी…. आईई ई… एकदम स्‍वर्गानुभव… और दायें हाथ में मोमबत्‍ती मेरे लिये लिंग का काम कर रही थी।
मुझे पुरूष देह की आवश्‍यकता महसूस होने लगी थी। काश: इस समय कोई पुरूष मेरे पास होता जो आकर मुझे निचोड़ देता…. मेरा रोम रोम आनन्दित कर देता…. मैं तो सच्‍ची धन्‍य ही हो जाती।
मेरा दायें हाथ अब खुद-ब-खुद तेजी से चलने लगा था। आहह हह… उफ़्फ़फ… उईई ई… की मिश्रित ध्‍वनि मेरे कंठ से निकल रही थी। मैं नितम्‍बों को ऊपर उठा-उठा कर दायें हाथ के साथ…ऽऽऽ… ताल…ऽऽऽ…. मिलाने….का….प्रयास…ऽऽऽऽ…. करने लगी।
थोड़े से संघर्ष के बाद ही मेरी धारा बह निकली, मुझे विजय का अहसास दिलाने लगी।
मैंने मोमबत्‍ती योनि से बाहर निकाली, देखा पूरी मोमबत्‍ती मेरे कामरस गीली हो चुकी थी। मोमबत्‍ती को किनारे रखकर मैं वहीं बिस्‍तर पर लेट गई। मुझे तो पता भी नहीं चला कब निद्रा रानी ने मुझे अपनी आगोश में ले लिया।


दरवाजे पर घंटी की आवाज से मेरी निद्रा भंग की। घंटी की आवाज के साथ मेरी आँख झटके से खुली। मैं नग्‍नावस्‍था में अपने बिस्‍तर पर पड़ी थी। खुद को इस अवस्‍था में देखकर मुझे बहुत लज्‍जा महसूस हो रही थी। धीरे धीरे सुबह की पूरी घटना मेरे सामने फिल्‍म की तरह चलने लगी। मैं खुद पर बहुत शर्मिन्‍दा थी। दरवाजे पर घंटी लगातार बज रही थी। मैं समझ गई कि बच्‍चे स्‍कूल से आ गये हैं।
मैं सब कुछ भूल कर बिस्‍तर से उठी, कपड़े पहनकर तेजी से दरवाजे की ओर भागी।
दरवाजा खोला तो बच्‍चे मुझ पर चिल्‍लाने लगे। मुझे अपनी गलती का अहसास हुआ। आज तो लंच भी नहीं बनाया अभी तक घर की सफाई भी नहीं की।
मैं बच्‍चों के कपड़े बदलकर तेजी से रसोई में जाकर कुछ खाने के लिये बनाने लगी। घर में काम इतना ज्‍यादा था कि सुबह वाली सारी बात मैं भूल चुकी थी।
शाम को संजय ने आते ही पूछा- आज शादी वाली सीडी देखी थी क्‍या?
तो मैंने जवाब दिया, “हाँ, पर पूरी नहीं देख पाई।”
समय कैसे बीत रहा था पता ही नहीं चला। रात को बच्‍चों को सुलाने के बाद मैं अपने बैडरूम में पहुँची तो संजय मेरा इंतजार कर रहे थे। वही रोज वाला खेल शुरू हुआ।
संजय ने मुझे दो-चार चुम्‍बन किये और अपना लिंग मेरी योनि में डालकर धक्‍के लगाने शुरू कर दिये। मैं भी आदर्श भारतीय पत्नी की तरह वो सब करवाकर दूसरी तरफ मुँह करके सोने का नाटक करने लगी। नींद मेरी आँखों से कोसों दूर थी। आज मैं संजय से कुछ बातें करना चाह रही थी पर शायद मेरी हिम्‍मत नहीं थी, मेरी सभ्‍यता और लज्‍जा इसके आड़े आ रही थी। 
थोड़ी देर बाद मैंने संजय की तरफ मुँह किया तो पाया कि संजय सो चुके थे। मैं भी अब सोने की कोशिश करने लगी। पता नहीं कब मुझे नींद आई।
अगले दिन सुबह फिर से वही रोज वाली दिनचर्या शुरू हो गई। परन्‍तु अब मेरी दिनचर्या में थोड़ा सा परिवर्तन आ चुका था। संजय के जाने के बाद मैं रोज कोई एक फिल्‍म जरूर देखती… अपने हाथों से ही अपने निप्‍पल और योनि को सहलाती निचोड़ती। धीरे धीरे मैं इसकी आदी हो गई थी। हाँ, अब मैं कम्‍प्‍यूटर भी अच्‍छे से चलाना सीख गई थी।
एक दिन संजय ने मुझसे कहा कि मैं इंटरनैट चलाना सीख लूँ तो वो मुझे आई डी बना देंगे जिससे मैं चैट कर सकूँ और अपने नये नये दोस्‍त बना सकूँगी। फिर भविष्‍य में बच्‍चों को भी कम्‍प्‍यूटर सीखने में आसानी होगी।
Reply


Messages In This Thread
RE: Chudai Kahani दिल पर जोर नहीं - by sexstories - 06-27-2017, 11:53 AM

Possibly Related Threads…
Thread Author Replies Views Last Post
  बाप का माल {मेरी gf बन गयी मेरी बाप की wife.} sexstories 72 13,538 06-26-2024, 01:31 PM
Last Post: sexstories
  Incest Maa beta se pati patni (completed) sexstories 35 9,858 06-26-2024, 01:04 PM
Last Post: sexstories
  Thriller Sex Kahani - मोड़... जिंदगी के sexstories 21 19,576 06-22-2024, 11:12 PM
Last Post: sexstories
  Incest Sex kahani - Masoom Larki sexstories 12 9,357 06-22-2024, 10:40 PM
Last Post: sexstories
Wink Antarvasnasex Ek Aam si Larki sexstories 29 6,458 06-22-2024, 10:33 PM
Last Post: sexstories
  Raj sharma stories चूतो का मेला sexstories 201 3,766,636 02-09-2024, 12:46 PM
Last Post: lovelylover
  Mera Nikah Meri Kajin Ke Saath desiaks 61 578,707 12-09-2023, 01:46 PM
Last Post: aamirhydkhan
Thumbs Up Desi Porn Stories नेहा और उसका शैतान दिमाग desiaks 94 1,348,359 11-29-2023, 07:42 AM
Last Post: Ranu
Star Antarvasna xi - झूठी शादी और सच्ची हवस desiaks 54 1,032,577 11-13-2023, 03:20 PM
Last Post: Harish68
Thumbs Up Hindi Antarvasna - एक कायर भाई desiaks 134 1,812,267 11-12-2023, 02:58 PM
Last Post: Harish68



Users browsing this thread: 1 Guest(s)