RE: Chudai Kahani मेरा बेटा ऐसा नही हैमेरे अब्बू और मेरा भाई
मुन्नी ने अब मेरी गांड के छेद पर कोई क्रीम लगाकर फिर से अंगुली डाली,अंगुली शट से अंदर घुस गयी और दर्द भी नहीं हुआ,
मुन्नी अब अपनी अंगुली अन्दर बहार करने लगी मुझे अब ये अच्छा लग रहा था.और अब्बू का लंड पूरी तरह से खड़ा हो चूका था
और लंड से पानी भी चु रहा था में मस्ती से अब्बू का लंड चूस रही थी और तभी मुन्नी ने मेरी गंद में दो अंगुली डाल दी में फिर से दर्द
से कराह उठी, और मेरे मुंह से चीख निकली, अब्बू बोले=बेबी थोडा दर्द तो सहना पड़ेगा ही,वरना केसे चुद्वओगी मुझ से .
में चुप हो गयी और मुन्नी ने दो अंगुलिय अंदर बहार करने लगी थोड़ी देर में ही मेरा गांड का दर्द खत्म हो गया,
और में मज़े से मज़ा लेने लगी, मुंह में अब्बू का लंड था और गांड में मुन्नी की अंगुलिया.
तभी अब्बू बोले= मुन्नी कुछ ढीली हुई क्या बेबी की गांड.
मुन्नी = नहीं साहेब अभी तो दो ही अंगुली गई है,थोड़ी देर रुको तिन अंगुली डालती हूँ, तब आप मरना इसकी मस्त और कंवारी गांड.
अब्बू =ठीक है जल्दी करो अब रहा नहीं जाता है मुन्नी.
में भी यही चाहती थी की जल्दी से जल्दी मेरी चुदाई का प्रोग्राम चालू हो,
मुन्नी ने मेरे गांड के छेद पर फिर स थोड़ी क्रीम लगाई और फिर अपनी तीन अंगुली एक साथ ही मेरे गांड के छेद में घुसा दी,
में मारे दर्द के जोरो से चीखी, पर अब्बू ने मेरा मुंह बंद कर लिया मेरे दर्द से आंसू निकल गए लेकिन मेरा मुंह अब्बू ने बंद कर रखा था,,
मुन्नी अपनी अंगुलिया जोरो से मेरे गुदा में डाल रही थी और में दर्द से अंदर ही अंदर रो रही थी.
मुझे बहुत ही बुरी तरह से दर्द हो रहा था, मुझे लगा की मेरी गुदा फट ही गयी है.लेकिन में मजबूर थी.ये सब जारी रहा,फिर कुछ ही देर में दर्द कम हो गया,
और करीब दस मिनिट में ही मुझे बिलकुल ही दर्द नहीं हो रहा था,अब मुझे अच्चा भी लग रहा था.
मैंने अपना सर जोर जोर से हिलाया तो अब्बू ने मेरा मुंह छोड़ दिया,और अब्बू बोले=क्या हुआ बेबी अब दर्द नहीं हो रहा है ना.
मैंने कहा= हाँ अब्बू अब तो नहीं हो रहा है पर उस वक्त बहुत ही जोर का दर्द हुआ था, मेरी तो जान ही निकल गयी थी.
तभी मुन्नी ने मुझे पकड़ कर कदा किया और हम तीनो अब्बू के कमरे की और चले गए.
वहां पहुँच कर मुन्नी बीएड पल लेट गयी और मुझे अपने उपर आने को कहा वो सीधी लेटी हुई थी में उसके उपर उलटी होकर लेट गयी.
और अब्बू ने मेरी गांड सहलानी चालू कर दी उनका लंड बिलकुल सीधा खड़ा थामेरा मुंह मुन्नी के मुंह के उपर था,
में और मुन्नी एक दूजे को चूम रहे थे हमारी चुन्चिया रगड़ खा रही थी और फिर अब्बू ने अपने लंड पर निरोध लगाया,
और मेरी गांड में थोड़ी क्रीम फिर से डाली और अंगुली से छेद में डाल दी, और अब्बू जोर जोर से उसको मेरी गांड के छेद में चलने लगे,
मुझे अब मज़ा आना शुरू हो चूका था और मुन्नी भ मेरी चुन्चिया दबा रही थी मुझे दोनों ही तरफ से मज़ा मिल रहा था,
तभी मुन्नी ने मुझे जोर से अपनी बांहों में भर लिया, और तभी अब्बू ने मेरी मस्त गांड में अपना आठ इंच का लम्बा और डेढ़ इंच मोटा लंड घुसा दिया,
में जोर से चीख पड़ी, मेरी गांड तो जेसे फट ही गयी, में जोर जोर से चिल्ल्ला रही थी=हा....अन्णन्न्...और ज़ोर ....से..फ...आ...आद्दद्ड....दे...मे...री...गा...आन्न्न्ड्ड...आई..से...ही चूऊऊऊद्द्द्द्द्द्दद्ड,साआआआअ.....ले!"
में=अब्बू मुझे छोड़ दो मुझे नहीं मरवानी है गांड मुझे बहुत ही दर्द हो रहा है हाई अम्मी बचाओ बचो मुझे मुन्नी मुझे छोड़ रंडी,
अब्बू मुझे छोडो,हाआआयय्य्ययय... ऊईईईईईई... अम्मा ....... आआआहहहह... में चिल्लाती रही और अब्बू अपना पूरा लंड मेरी गुदा में डाले रहे
कुछ देर में मेरा दर्द कम हुआ तो अब्बू ने अपना लंड मेरी गुदा में चलाना शुरू कर दिया
मुझे दर्द अभी भी हो रहा था पर कम हो रहा था, मुन्नी मुझे चूम रही थी और अबू ने मेरे बूब पीछे से पकड़ कर हलके हलके दबाने लगे.
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# अगर आपको थोड़ा बहुत गाँडबाज़ी का शौक और अनुभव हो तो आप ज़रूर जानते होंगे कि सबसे कठिन काम गाँड के छल्ले को पार करना होता है। एक बार अगर सुपाड़ा उस छल्ले को पार कर गया तो समझो क़िला फ़तह हो गया। अन्दर तो बस गुब्बारे की तरह खाली कुँआ होता है। आप को बता दूँ लण्ड चाहे जितना भी बड़ा क्यों ना हो, गाँड में जड़ तक चला जाएगा बस छेद का घेरा एक बार पार होना चाहिए।#
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अब में दर्द से नहीं बल्कि मज़े से सिसक रही थी और तभी मुन्नी ने अपनी पोजीसन चेंज की वो अबी 69 की पोजीसन में आ गयी और मेरी चूत पर अपना मुंह रखा और
मुझसे अपनी चूत चाटने को बोला,और उसने मेरी चूत को किसी आइसक्रिम की तरह चुसना शुरू कर दिया.
वहीँ अब्बू पीछे से मेरी गांड में अपना तूफानी और मोटा मुसल सा लंड डाल रहे थे .
मेरे मुंह से निकला ="आआआआआआह्ह्ह्ह्ह्हह्ह्ह्ह्ह्हह्ह्ह्ह्ह्ह,,,," मुन्नी जरा धिरे धीरे चुसो ना और अब्बू जरा धीरे से,
सी सी आहा अहा उ उ उ उ अब्बू आहाहः ,और अब्बू अब जोश में आ गए,
उनको समझ में आ गया था की मेरी गांड अब उनका लंड सह सकती है वो अपना लंड सरपट मेरी नै और कंवारी गांड में चला रहे थे,
में भी अब मस्ती की नाव में सवार थी और मुन्नी की चूत को चाट रही थी और मुन्नी भी मेरे चूत के पानी को चाट रही थी,
इसी तरह करीब 20-25 मिनिट चला और फिर मुझे अपनी गांड मे कुछ गरमा गरम लगा मेरे अब्बू मेरी गांड के अंदर ही झड गए थे.
और करीब दो मिनिट के बाद ही मुन्नी के मुंह में में भी झड गयी. और मुन्नी भी झड गयी.
मेरी गांड में मीठा मीठा सा दर्द था और और पहले सेक्स की लज्जत भी थी. अब्बू ने अपना लंड मेरी गांड से निकल लिया,
लेकिन निरोध मेरी गांड के अंदर ही था,मुन्नी ने उसे भी निकल लिया और अबू से बोली= साहेब आज तो कितना माल निकला है आपके लंड से.
अब्बू = हाँ मुन्नी आज कई दिन बाद नै गांड मिली है ना.
में = अब्बू अब मेरी चूत कब चोदोगे.
अब्बू = बेबी जल्दी क्या है,अब तो मेरा लंड और तेरी चूत का मिलन हो के ही रहेगा मेरी जान.
रात के चार बज गए थे ओर्र मुन्नी अपने रम की तरफ गयी अब्बू ने अंदर से बंद कर लिया और में और अब्बू नंगे ही बेड पर सो गए.
दुसरे दिन में करीब दिन के 1 बजे नींद से उठी में नंगी ही थी तो देखा की में अकेली ही हूँ,
मुन्नी से अब्बू के बारे में पूछा तो मुन्नी ने कहा की वो किसी जरुरी काम से शहर से बहार गए है और 4-5 दिन बाद लोटेंगे,
मेरा मुद ही खराब हो गया .
अब मेरी चूत कौन मारेगा ......?
आप ही बताओ में क्या करूँ .....?
उस दिन मेरा मुड बहुत ही ख़राब था मैंने मुन्नी को बुलाया और उस पर टूट पड़ी ,
पर चूत से चूत की आग क्या भुझे ...?
मेरी चूत की आग को कोई लंड ही बुझा सकता है ,,,
फिर मुन्नी ने मुझे नहलाया और मेरी चूत को चाट कर पानी निकला ..
और फिर खाना खाकर हम दोनों नंगे ही सो गए .
करीब 6 बजे शाम को अब्बू का फोन आया मैंने अब्बू को बहुत जोर से डाता पर अब्बू ने मुझे मना लिया और वादा किया की आते मुझे जमकर चोदेंगे
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