Chudai Kahani वो शाम कुछ अजीब थी
06-11-2017, 09:58 AM,
#8
RE: Chudai Kahani वो शाम कुछ अजीब थी
एक हफ्ते बाद सुनील के घाव भर चुके थे बस प्लास्टर रह गया था हाथ और टाँग में. उसके सारे दोस्त हॉस्पिटल पहुँच चुके थे उसे घर ले जाने के लिए जहाँ उसका पूरा मोहल्ला भी इंतेजार कर रहा था उसके स्वागत के लिए- और करते भी क्यूँ ना एक ऐसी मिसल कायम कर दी थी जिसका जिक्र हर रोज एक माँ अपने बेटे से किया करती थी – कि वक़्त पड़ने पे उसे भी ऐसे ही अपनी बहन की लाज की रक्षा करनी थी.

रंजीत और उसके दोस्त शायद शहर छोड़ के भाग चुके थे क्यूंकी उनका कोई सुराग नही मिल रहा था.


खैर सुनील घर पहुँचता है अपनी बहन सोनल और दोस्तो के साथ तो उसके स्वागत की भव्य तैयारी थी. सुमन ने पूरा घर महकते हुए फूलों से सज़ा रखा था और अपने हीरो बेटे के लिए दरवाजे पे तिलक का थॉल लिए खड़ी थी.

अपने दोस्त और सोनल के कंधों का सहारा ले सुनील अपनी माँ के सामने जा खड़ा हुआ सुमन ने उसका तिलक किया और उसके सर पे प्यार भरा एक चुंबन जड़ दिया – फिर उसकी बालाएँ लेते हुए नोटों का एक बंडॉल उछाल दिया ग़रीब बच्चों के लिए जो आस पास आस लगाए इंतेज़ार कर रहे थे.

सुनील को घर के अंदर ले जाया गया और आराम से उसके बिस्तर पे उसे लिटा दिया गया.

बहुत से मिलनेवाले आते रहे और सुमन और सागर को बधाई देते रहे ऐसे होनहार और साहसी बेटे के माँ बाप होने का गौरव प्राप्त करने के लिए.

इस दोरान सोनल सुनील की हर छोटी से छोटी तकलीफ़ और उसकी ज़रूरत को समझ चुकी थी और वही उसका ख़याल रख रही थी.

सुनील लोगो से मिल के थक चुका था और फिर सोनल एक दीवार बन के खड़ी हो गयी की अब उसे आराम करना है जिसने भी मिलना हो बाद में मिले.

गर्मी का मौसम था इसलिए सुनील को प्लास्टर के अंदर बहुत खारिश होती थी और वो बहुत तड़प्ता था पर इस बात का कोई इलाज नही था हां उसके कमरे में ए/सी लगवा दिया गया था.

हॉस्पिटल में तो नर्स सुनील की स्पॉंगिंग करा करती थी अब घर में कॉन करे ये बात सुमन सोच रही थी – जवान बेटे का नग्न जिस्म देखना उसके दिल को गवारा ना था वो इन बातों को सोच ही रही थी और जब वो सुनील के कमरे की तरफ बढ़ी तो देखा की सोनल ने सिर्फ़ अंडरवेर छोड़ उसके सारे कपड़े उतार रखे थे और बड़े प्यार से भाई की सपंगिंग कर रही थी ठंडे पानी में भीगे तोलिये से.

जवान बड़ी बहन अपने छोटे जवान भाई के जिस्म की सपंगिंग कर रही थी ये देख सुमन को पहले तो गुस्सा चढ़ा फिर उसके दिमाग़ में ये ख़याल आया की सोनल की जगह उसे खुद ये काम करना चाहिए. 

अभी वो ये सोच रही थी कि सपंगिंग ख़तम हुई और सोनल ने सुनील को कपड़े पहना दिए फिर दवाई दे कर बाहर निकलने को हुई तो सुमन वहाँ से हट गयी. 

दोनो भाई बहन में पवित्र प्रेम था और सोनल अपने भाई का पूरा ख़याल रख रही थी यहाँ तक कि उसने एमडी के लिए अड्मिशन भी नही लिया ताकि हर समय वो आवने भाई के साथ रह सके. सुनील का भी इस हादसे की वजह से पढ़ाई का बहुत नुकसान हो रहा था.

अपने जवान बेटे की ये हालत देख सुमन अंदर ही अंदर बहुत रोती थी पर बस में कुछ होता तो ही कुछ कर पाती.
दोनो भाई का अटूट प्रेम देख उसके दिल को बहुत खुशी मिलती थी पर सोनल का यूँ स्पॉंगिंग करना उसे अंदर ही अंदर जाने क्यूँ खल रहा था. वक़्त क्या कुछ नही करवा देता और जब दो जवान जिस्म एक दूसरे के बहुत करीब रहने लगें तो आग का भड़कना निश्चित ही होता है.

हालाँकि दोनो के व्यवहार में ऐसा कुछ भी नही झलकता था पर सुमन को अंदर ही अंदर ये डर लगने लग गया था कि कहीं कुछ गड़बड़ ना हो जाए – उसने भी अपने काम से लंबी छुट्टी ले ली थी.

सुमन ने सोनल को बहुत समझाया कि वो अपनी एमडी ना छोड़े अपना साल मत बर्बाद करे पर सोनल का एक ही जवाब होता – जब तक उसका हीरो बिल्कुल ठीक नही हो जाता वो उसके साथ ही रहेगी उसकी देखभाल करेगी.

सोनल की ज़िद के आयेज सुमन चुप रह गयी.

कुछ देर बाद घर की बेल बजी – रजनी आई थी सुनील से मिलने.

उस वक़्त सोनल नहाने चली गयी थी अपने कमरे में. सुमन ने रजनी को सुनील के कमरे में बिताया और खुद उसके लिए चाइ बनाने चली गयी.

रजनी : अब कैसे हो?

सुनील : देख लो तुम्हारे सामने हूँ बिस्तर से बँधा हुआ.

रजनी : तुम्हारे बिना कॉलेज बहुत सूना सूना लगता है. जल्दी ठीक हो जाओ यार.

सुनील : यार मेरा तो ये साल गया – तीन महीने लग जाएँगे टाँग के प्लास्टर को खुलने में और इतनी क्लासस मिस करने के बाद कोप अप नही कर पाउन्गा बाद में.

रजनी : क्लासस की तुम चिंता मत करो. मैने सर से बात कर ली है – जब वो लेक्चर देंगे तो साथ ही रेकॉर्ड होता रहेगा और मैं रोज आ कर तुम्हें रिकोडिंग और नोट्स दे दिया करूँगी ताकि तुम क्लास के साथ बने रहो.

सुनील : अरे वाह ये हुई ना बात. ये सब हो गया तो कोई चिंता नही. बिस्तर पे पड़े पड़े तो वैसे ही बोर हो जाता इस बहाने साथ साथ पड़ता रहूँगा और क्लास में पीछे भी नही रहूँगा.

रजनी : तुम्हारे लिए कुछ भी – ये तो कुछ भी नही है.

सुनील : इधर तो आओ – मेरे पास बैठो.

रजनी उठ के सुनील के पास उसके बिस्तर पे बैठ गयी.

सुनील : और पास आओ ना.

रजनी : ना बाबा कोई आ गया तो. तुम तो मेरा यहाँ आना भी बंद करवा दोगे.

सुनील : यार प्लीज़ एक छोटा सा किस देदो जल्दी.

रजनी : छी बेशर्म.

सुनील : प्लास्टर में बँधा ना होता तो बताता तुम्हें.
Reply


Messages In This Thread
RE: Chudai Kahani वो शाम कुछ अजीब थी - by sexstories - 06-11-2017, 09:58 AM

Possibly Related Threads…
Thread Author Replies Views Last Post
  Raj sharma stories चूतो का मेला sexstories 201 3,708,610 02-09-2024, 12:46 PM
Last Post: lovelylover
  Mera Nikah Meri Kajin Ke Saath desiaks 61 569,877 12-09-2023, 01:46 PM
Last Post: aamirhydkhan
Thumbs Up Desi Porn Stories नेहा और उसका शैतान दिमाग desiaks 94 1,321,890 11-29-2023, 07:42 AM
Last Post: Ranu
Star Antarvasna xi - झूठी शादी और सच्ची हवस desiaks 54 1,005,191 11-13-2023, 03:20 PM
Last Post: Harish68
Thumbs Up Hindi Antarvasna - एक कायर भाई desiaks 134 1,773,457 11-12-2023, 02:58 PM
Last Post: Harish68
Star Maa Sex Kahani मॉम की परीक्षा में पास desiaks 133 2,181,208 10-16-2023, 02:05 AM
Last Post: Gandkadeewana
Thumbs Up Maa Sex Story आग्याकारी माँ desiaks 156 3,124,450 10-15-2023, 05:39 PM
Last Post: Gandkadeewana
Star Hindi Porn Stories हाय रे ज़ालिम sexstories 932 14,640,533 10-14-2023, 04:20 PM
Last Post: Gandkadeewana
Lightbulb Vasna Sex Kahani घरेलू चुते और मोटे लंड desiaks 112 4,218,086 10-14-2023, 04:03 PM
Last Post: Gandkadeewana
  पड़ोस वाले अंकल ने मेरे सामने मेरी कुवारी desiaks 7 305,058 10-14-2023, 03:59 PM
Last Post: Gandkadeewana



Users browsing this thread: 1 Guest(s)