RE: Chudai Kahani सपनों के रंग मस्ती संग
मैंने सुमित से पूछा – क्या मैं इसके बूब्स दबा के देखूं … ??
सुमित ने कहा – ठीक है … करके देख …
मैंने उसके बूब्स पकड़े और उन्हें हाथ में ले के महसूस करने लगा ..
मुझे बहुत अच्छा लग रहा था ..
मेरे लण्ड में कुछ कुछ हो रहा था पर फिर भी उन्हें धीरे धीरे दबाने में मज़ा आ रहा था ..
मैंने अमित भैया की तरफ देखा तो वो मुझे देख कर हंस रहे थे और रिंकी को चोद रहे थे ..
मुझे शरम आ गई और मैंने उसके बूब्स छोड़ दिए ..
उसके बाद सुमित ने लड़की को बेड पर लिटाया और उसके ऊपर लेट गया और ज़ोर ज़ोर से उछलने लगा ..
मैंने देखा उन सब के लण्ड, मेरे लण्ड के मुक़ाबले में बहुत बहुत बड़े थे ..
मुझे लगा मेरा लण्ड तो इतना छोटा है, जाएगा ही नहीं अंदर ..
फिर मैं चुप चाप बैठ कर, उन्हें देख रहा था ..
थोड़ी देर बाद, वो सब लोग फ्री हो गये ..
मैंने देखा, वो सब पसीने से गीले हो चुके थे ..
उन्होंने तोलिये से अपना बदन पोंछा और फिर, वहीं बैठ गये ..
हम लोग फिर ऐसे ही, कुछ कुछ खेल खेल रहे थे ..
उसके बाद, जब थोड़ी शाम हुई ..
5 बजे के आस पास, सब लोग अपने घर चले गये ..
कुछ 2 – 3 बार मैंने देखा, यह सारा खेल और उसके बाद मैं अपने घर आ गया ..
अब मालूम नहीं क्यूँ मेरा बार बार मन होता था की मैं किसी को सेक्स करते हुए देखूं ..
मैं टीवी पर किस करते हुए देखने से ही, उतेज्ज़ित हो जाता ..
उसके बाद मैं टीवी पर सिर्फ़ स्टार मूवीज देखा करता था, उनमें कुछ चुम्मी के दृश्य देखने के लिए ..
वो देखने के बाद ..
मैं भी अपने बेड पर उल्टा लेट जाता और फिर अपना लण्ड बाहर निकालता लोवर से और ज़ोर ज़ोर से धक्के मारने लगता ..
ऐसे ही धीरे धीरे, समय बीतने लगा ..
अब सबके स्कूल खुल गये थे तो मौका नहीं मिल पाता था, मिलने का ..
मैं सुमित से जब भी मिलता, तब सेक्स के बारे में ही पूछा करता था क्यूंकी अमित भैया से पूछने में मुझे अजीब लगता था क्यूंकी वो बहुत बड़े थे ..
सुमित ने मुझे कुछ किताबें दी, जिनमें बहुत सारी नंगी लड़कियों के चित्र थे चुदाई करवाते हुए ..
मुझे वो किताबें, बहुत मस्त लगी ..
मुझे नहीं पता था की ऐसी किताबें भी आती हैं ..
उन्हें लेकर, मैं खुश हो गया क्यूंकी स्टार मूवीज पर वो नहीं दिखाते थे जो मैं देखना चाहता था ..
दिन ऐसे ही, बीत रहे थे ..
मैं किताबें देखता और फिर बेड पर उल्टा लेट के ज़ोर ज़ोर से धक्के मार के अपना पानी निकाल लेता …
अब धीरे धीरे, मेरा लण्ड भी बड़ा होने लगा था ..
यह देख कर, मुझे बहुत अच्छा महसूस होता था ..
उस वक़्त, मेरी उम्र 17 की होगी और मैं 12 वी क्लास में आ गया था ..
मेरी एक पड़ोसन थी ..
उसका नाम – कांता था ..
हम दोनों बहुत ज़्यादा करीब थे, बचपन से ही ..
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