Chudai ki Kahani अंजानी डगर
06-03-2018, 08:57 PM,
#16
RE: Chudai ki Kahani अंजानी डगर
अंजानी डगर पार्ट--15 गतान्क से आगे.................... अचानक उस लड़के ने गाड़ी आगे बढ़ा दी. 50 मीटर बाद गाड़ी रुक गयी और गेट खुला. एक लड़का उतर कर ओट मे हो गया. गाड़ी मूड गयी और 100 मीटर दूर जाकर फिर मूडी. एक और लड़का गाड़ी से उतरा और ओट मे हो गया. 2 मिनिट बाद गाड़ी धीरे से आगे बढ़ने लगी. दोनो लड़के एक साथ ओट से बाहर निकले और निशा पर झपाटे. निशा- कौन हो तुम...क्या चाहते हो... लड़का- अपनी चोंच बंद कर और चुप चाप चल. निशा- कहा चालू ...मैं तो तुमको जानती भी नही... दूसरा- चलती है या तेंठूआ कर दू तेरा. पहला- आबे लड़की के तेंठूआ कहा होता है... दूसरा- भोंसड़ी के... तू मुझे सिखाएगा...माल उठा और निकल ले... दोनो ने निशा के हाथ पकड़ लिए थे. निशा चिल्लाने लगी- प्लीज़ मुझे छोड़ दो....मैं ऐसी लड़की नही हू... पहला- कोई बात नही..एक बार हमारे साथ चल...तुझे टॉप की रंडी बनाउन्गा. निशा- छोड़ दो....बचाओ बचाओ... निशा भी ज़ोर आज़माने लगी. पर इतने मे BMW वाहा पहुच गयी और दोनो ने निशा को अंदर डाल दिया. फिर पहला उसे पकड़ कर अंदर बैठ गया और दूसरा दूसरी तरफ से. अंदर बैठते ही उन्होने निशा के मूह पर कपड़ा बाँध दिया. पर निशा ने छूटने की कोशिश नही छोड़ी. वो बेचारी हाथ पाँव मारती रही. इसी आपा धापी मे उसका हाथ एक लड़के की नाक पर पड़ गया और उसने भी पलट कर निशा पर वार कर दिया. निशा एक ही वार मे बेहोश हो गयी. ड्राइव कर रहे तीसरे लड़के ने BMW की स्पीड बढ़ा दी. आगे की सीट पर बैठा चौथा लड़का बोला- अबे सालो कपड़े तो उतारो इसके...रात भर पूजा करोगे क्या इसकी. यह सुन कर पीछे बैठे दोनो लड़के निशा की देह को नंगा करने मे जुट गये. कपड़े टाइट थे इसलिए उतारना मुश्किल हो रहा था और उन तीनो की बेचैनी बढ़ती जा रही थी. उन्होने उसके कपड़े फाड़ना शुरू कर दिया. थोड़ी ही देर मे निशा जन्म-जात नंगी पड़ी थी. उसके गोरा शरीर 4-4 भेड़ियो के सामने नंगा नीचेष्ट था. उसके शरीर पर केवल सेंडल ही बची थी. पहला- हाए क्या जवानी चढ़ि है छोरी पे... तीसरा- साली का रंग तो देखो जैसे चाँद ज़मीन पर उतर आया हो... दूसरा- भाई मुझसे तो रुका नही जा रहा....मैं तो चला... BMW मे काफ़ी स्पेस और लेगरूवूम था. दूसरे लड़के ने इसका भरपूर फायेदा उठाया और निशा की टाँगे खोल कर उसकी चूत को उजागर कर दिया. फिर उसकी चूत की फांके खोल कर उसमे अपनी जीभ डाल कर चोदने लगा. पहला लड़के ने निशा के मम्मो पर धावा बोल रखा था. दोनो की आज़माइश से निशा फिर से होश मे आ गयी थी. पर उसने उन पर ये जाहिर नही होने दिया. अपनी चूत से हो रहे खिलवाड़ से वो उत्तेजित नही हो पा रही थी बल्कि अपनी बेबसी पर उसे रोना आ रहा था. थोड़ी देर बाद BMW रुक गयी. तीसरा (ड्राइव करने वाला)- चलो कुछ खा पी लेते है फिर पूरी रात मज़े लेंगे. चौथा- हा अब सीधे फार्म हाउस पर चलेंगे. निशा को इसी पल का इंतेजार था. दूसरा- तुम जाओ मैं इसकी रखवाली करूँगा. पहला- इतनी देर से कुत्ते की तरह उसकी चूत चाते जा रहा हा. इसके मूत से अपना पेट भरेगा क्या. चल छोड़ इसे. दूसरा- भाई मैं तो इसको तैय्यार कर रहा था. पर हरम्जदि का रस ही नही निकल रहा. चौथा- अबे भोंसड़ी के...बेहोश है तो रस कहा से चोदेगि.... दूसरा- एक बार फार्म हाउस पहुच जाए...फिर पूरी रात इसकी चूत से रस का दरिया बहेगा.. तीसरा- ठीक है. पर अब तो चलो. ये कही नही जाएगी. कार लॉक कर देंगे. दरवाजा खुलेगा तो पता चल जाएगा. चौथा- और फिर बिना कपड़ो के कहा जाएगी. रास्ते के कुत्ते पीछे पड़ जाएँगे इसको चोदने के लिए. इसकी चूत को भोसड़ी बना कर चोदेन्गे....हहहहहा हहाहहाहा –चारो की कामिनी हँसी गूँज उठी. फिर चारो कार को लॉक कर के बार मे चले गये. दूसरे लड़के को पूरा भरोसा नही था इसलिए वो वापस आया और बेहोश निशा के हाथ बाँध दिए. पैर बाँधने लगा तो उस पर बाकी लड़के चिल्लाने लगे. उसने निशा को देखा और उसके निपल की चुम्मि लेकर डोर लॉक कर के चला गया. चारो के जाते ही निशा के दिमाग़ के घोड़े दौड़ने लगे थे. कार से बाहर निकल भी गयी तो इस हालत मे कैसे कहा जाएगी. तन पर एक भी कपड़ा नही था. उसके शरीर से नोचे गये कपड़े तो उन लड़को ने पहले ही बाहर फेंक दिए थे. अब क्या करू ?...आख़िर मे उसने इसी हालत मे बाहर निकलने का फ़ैसला किया. बाहर तो फिर भी बचने के चान्स थे पर अंदर रही तो आज उसकी आज़ादी की आख़िरी रात होगी. यही सोच कर उसने डोर का हॅंडल पकड़ा पर उसे उस लड़के की बात याद आ गयी. गेट खुलते ही साइरन बज जाता और चारो वाहा वापस आ जाते. तभी उसकी दिमाग़ मे बिजली सी कौंधी और वो विंडो का मिरर नीचे करने लगी और बाहर निकल गयी. बाहर निकल कर देखा तो कार रोडसाइड पर पार्क थी और सड़क एकदम सुनसान थी. दूर तक पेड़ ही पेड़ थे. निशा को रास्ते का समझ नही आ रहा था कि किस दिशा मे जाए. उसने कार की पीछे की दिशा मे जाने का फ़ैसला किया. वो सड़क से उतर कर कच्चे मे आ गयी ताकि इस हालत मे सड़क पे चलने वाले वाहनो से बच सके और फिर किसी मुसीबत मे ना फँस जाए. हर कदम के साथ उसकी रफ़्तार बढ़ती गयी. 10 मिनिट के बाद तो वो पूरा ज़ोर लगा कर दौड़ रही थी. बीच-बीच मे वो मूड-उड़ कर देख लेती. अबकी बार उसने मूड कर देखा तो उसे 2 रोशनीया अपनी और आती दिखाई दी. उसकी दिल की तेज धड़कने और तेज हो गयी. वो साइड मे एक पेड़ के पीछे छिप गयी और कार को निकलने दिया. ये वही BMW थी और वो लड़के उसी को ढूँढ रहे थे. दौड़ते दौड़ते हलक सुख चुका था और सांस भी फूल रही थी. वो थोड़ी देर वही बैठ गयी और सांसो को कंट्रोल करने लगी. 2 मिनिट बाद वही BMW फिर वापस आई और तेज़ी से दूसरी दिशा मे निकल गयी. निशा खड़ी हुई और फिर दौड़ने लगी. वो 5 मिनिट ही दौड़ी होगी की फिर वही BMW की तेज लाइट्स उस पर पड़ी. निशा की सांस अटक गयी. अब उसके बचने की कोई उमीद नही थी. वो ज़ोर ज़ोर से चिल्लाने लगी- बचाओ बचाओ... पर किसी ने उसकी आवाज़ नही सुनी उस सुनसान मे. वो फिर दौड़ने लगी. वो बार बार कार से अपनी दूरी का अंदाज़ा लगा रही थी जो कि लगातार कम हो रही थी. लगभग 2-3 मिनिट तक दौड़ने के बाद वो अंधेरे मे किसी से जा टकराई. वाहा अंधेरे मे उसका चेहरा नही दिखाई दे रहा था. पर ये बबलू ना था. निशा गिड़गिदते हुए बोली- प्लीज़ मुझे बचा लो भैया. तभी BMW भी वाहा पहुच गयी. चारो एक साथ नीचे उतरे और उनके हाथो मे हॉकी, बेसबॉल बॅट आदि हथियार थे. पहला- आए श्याने...छोड़ दे लौंडिया को... और फुट ले यहा से. पाँचवा (जिससे निशा जाकर टकराई थी) –भोंसड़ी के अगर गंद मे दम हो तो आकर ले जा. दूसरा- साले इसके साथ तेरी मा-बहन भी चोद देंगे. पाँचवा- "गंद मे हमारी दम नही-हम किसी से कम नही." पहले इसको तो चोद लो कुत्तो. यह सुन कर चारो और उत्तेजित हो गये और हथियारो के साथ अकेले खड़े पाँचवे पर टूट पड़े. पर ये क्या...चारो अपनी टाँगो पर दौड़ कर आए थे पर उड़ते हुए वापस पहुच गये. पाँचवा- क्यो क्या हुआ. चोदोगे नही इसको. आओ चोद लो. लंड है भी या लूंड हो. उसकी ललकार सुनकर चारो ने हथियार फेंक दिए और ऐसे ही उसको पकड़ने के लिए भागे. पर ये पाँचवा तो वाकई मे उस्ताद था. एक एक कर के चारो की जबरदस्त धुनाई चालू हो गयी. आते जाओ पीटते जाओ. चारो के हर दाँव पर उस अकेले के दाँव भारी थे. 5 मिनिट बाद ही चारो सड़क पर पस्त पड़े थे. निशा अपने रखवाले के पैरो मे गिर पड़ी और रोने लगी- भैया आज आपने मुझे बचा लिया नही तो मैं क्या करती. पाँचवा- जब मुझे भाई कह दिया तो तुझे डरने की कोई ज़रूरत नही है. ये लोग कौन थे और तू इनके साथ कैसे फँस गयी. तभी उसे ध्यान आया कि निशा तो नंगी खड़ी थी. उसने तुरंत उसके हाथ खोले और अपनी शर्ट उतारकर निशा की ओर कर दी - लो पहले इसको पहन लो. दोनो का ध्यान भटका तो चारो ने उसकी टाँगे पकड़ कर उसे नीचे गिरा लिया और उस पर टूट पड़े. निशा की तो चीख ही निकल गयी. वो मदद के लिए इधर उधर देखने लगी. चारो उस लड़के को बेरहमी से मारने लगे - साले आज दिखाते है कि हमारी गंद मे कितना दम है. तभी एक जोरदार किक पाँचवे लड़के को पीट रहे एक लड़के के चेहरे पर पड़ी. उसकी बत्तीसी के सारे दाँत खून के साथ हवा मे उछल गये और वो ज़ोर से दिल दहलाने वाली चिंघाड़ के साथ सड़क पर लम-लेट हो गया. ये देख कर बाकी तीनो नीचे लेटे पाँचवे को भूल गये और सामने देखने लगे. निशा भी चोंक गयी और उस नये मसीहा को देखने लगी. ये हमारा बबलू था. वो कुंगफु का एक्सपर्ट था. बबलू ने एक राउंड किक चलाई और तीनो के सिर टकरा गये और तारे नाचने लगे. बबलू- विक्की...मेरे भाई तू यहा क्या कर रहा है...और ये लोग कौन हैं. पाँचवा- ये चारो इस लड़की के पीछे पड़े थे. आअह... बाबबलू- कौन लड़की... विक्की- वो खड़ी है बेचारी...इन हरमजदो ने उसके कपड़े भी फाड़ दिए...मेरा तो खून खौल गया था..छोड़ूँगा नही इन हरमजदो को. बबलू ने सिर घुमा कर देखा. निशा एक तरफ खड़ी सूबक रही थी. उसके शरीर पर केवल एक शर्ट थी जो बमुश्किल उसकी जाँघो तक पहुच रही थी. बबलू का भी खून खौल गया. बबलू- हराम के पिल्लो. तुमने मेरे भाई समान दोस्त को चार चार ने मिलकर पीटा. मेरी जान की इज़्ज़त पर हाथ डाला. तुमको ऐसा सबक सिखाउन्गा की तुम्हारी मा रोएगी कि तुमको पैदा ही क्यो किया. बबलू का पारा सातवे आसमान पर था. उसने इधर-उधर नज़र दौड़ाई तो उसे निशा के पैरो के पास पड़ी रस्सी दिखाई दी. उसने वो रस्सी उठाई और चारो को एक एक किक मारी. चारो दर्द के मारे दोहरे हो गये. बबलू- अपनी-अपनी पॅंट उतारो. पहला- प्लीज़ हमे छोड़ दो. हमे हमारे किए की सज़ा मिल गयी है. बबलू- बहनचोद तेरे किए की सज़ा तो जितनी दम कम है. अब उतार इसे. चारो दर्द के मारे बहाल थे. पॅंट उतरने के बाद चारो के अंडरवेर भी उतर गये. फिर बबलू ने वाहा पड़ी हॉकी भी उठा ली. बबलू- कभी स्कूल गये हो ? मुर्गा बन जाओ. जिसकी गंद सबसे नीचे होगी उसमे ये हॉकी घुसा दूँगा और मरोडुँगा भी. चारो तुरंत ही मुर्गा बन गये और अपनी गंद उपर पहुचने की होड़ करने लगे. चारो के टटटे और लंड सॉफ दिखाई दे रहे थे. बबलू ने रस्सी उठाई और चारो के टटटे रस्सी से बाँध दिए. दर्द के मारे चारो उठने लगे तो बबलू ने चारो की गंद पर एक एक हॉकी जमा दी. चारो फिर नीचे झुक कर कराहने लगे. बबलू- अब तुम दोनो लेट जाओ और बाकी दोनो इनके उपर 69 पोज़िशन मे लेट जाओ. चारो एक दूसरे का लंड चूसो. जिसका रस सबसे पहले निकलेगा और जो सबसे आख़िर मे दूसरे का रस निकलेगा, दोनो के टट्टो को मैं उखाड़ दूँगा. चलो अब शुरू हो जाओ. चारो ने एक दूसरे के लंडो को चूसना शुरू कर दिया. चारो के दिल बुरी तरह बज रहे थे. जो हारेगा उसका पौरुष आज ख़तम होने वाला था. जल्दबाज़ी मे चारो ने एक दूसरे के लंडो को कई बार अपने दन्तो से छील दिया. पर वो रुके नही. इधर बबलू ने निशा को अपनी बाँहो मे भर लिया- मुझे माफ़ कर दो निशा. उसकी आँखो से आँसू बहने लगे थे. निशा की आँखो मे से भी आँसू बहने लगे. विक्की भी खड़ा हो गया था- भाई आज अंजाने मे मैने अपनी ही भाभी की इज़्ज़त को बचा लिया. भगवान तेरा लाख लाख शुक्रिया है. इधर इनका सीन देख कर चारो धीमे हो गये थे. बबलू ने ज़ोर से चारो की रस्सिया खींच दी....आआआआआआययययययययययययईईईईईई चारो एक स्वर मे चीख पड़े और स्पीड बढ़ा दी. पर टटटे जब बँधे थे तो रस कहा से निकलता. बबलू- सालो तुम कुछ नही कर पाओगे. मुझे ही कुछ करना होगा. विक्की तू कार इधर ले आ. विक्की BMW ले आया. बबलू ने उससे चाबी लेकर किनेटिक की चाबी उसे दे दी और निशा को उसके साथ बिठाकर आगे चलने को कहा. उनके जाने के बाद उसने चाबी मे लगे लाइटर से चारो के कपड़े जला दिए. फिर चारो रस्सियो के सिरे पकड़ कर कार मे ड्राइवर सीट पर आ गया. यह देख कर चारो के चेहरो पर ख़ौफ़ उतर आया. चारो बबलू के रहमोकरम पर थे. बबलू- तुम चारो रस तो निकाल नही पाए. चलो आख़िरी मौका देता हू. चारो कार के साथ दौड़ोगे. जिसके टटटे बच गये सो बच गया. जिसके उखड़ गये सो उखड़ गये... ये कह कर बबलू ने BMW को भगा लिया. अगले 1 मिनिट तक वो इलाक़ा उन चारो की चीखो से गूँजता रहा. एक एक कर के चारो रस्सिया ढीली हो गयी. 2 किमी बाद बबलू कार से उतरा और देखा पीछे कोई नही था. चारो रस्सी ज़मीन पर थी. रस्सी के दूसरे सिरो पर बँधे टट्टो का भी कुछ पता नही था. बबलू ने स्टेआरिंग व्हील को सॉफ किया और कार को वही छोड़ कर पैदल ही चल दिया. क्रमशः...............
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RE: Chudai ki Kahani अंजानी डगर - by sexstories - 06-03-2018, 08:57 PM

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