RE: Chudai Story अनोखी चुदाई
अब मैंने, भाभी से पूछ ही लिया – भाभी, ये मूतने का क्या चक्कर है… ??
भाभी बोलीं – क्या, तुझे नहीं पता… मूत असल में “एंटीसेप्टिक” होती है… अगर कभी नंगे लंड से चुदना पड़े… तो मर्द को औरत से और औरत को मर्द से मूतवाना ज़रूर चाहिए…
मैं – पर ये आपको, कैसे पता… ??
भाभी – बताया था, अमन को एक रंडी ने… बिना कॉन्डोम के पैसे ज़्यादा लिए थे और मुतवाने की शर्त रखी थी… तब अमन ने कारण पूछा तो उसको उस रंडी ने बताया…
मैं – ज़रूरी नहीँ, वो सच कह रही हो… रंडिया तो ना जाने, कितने लंड खाती हैं…
भाभी – तुझे मानना है तो मान ले, नहीं तो तेरी मर्ज़ी… अभी, ज्ञान मत ले… आगे सुनना है…
मैं – हाँ भाभी… छोड़ो, वो सब… आप आगे बताओ…
भाभी – मूत कर, उसने अपने लंड पर थूक लगा कर मुझे घोड़ी की तरह बेंड किया और अपना लण्ड मेरी चूत पर रख कर ज़ोर का धक्का मारा की पूरा का पूरा जड़ तक अंदर घुस गया… फिर उसने बाहर निकाला और बिना पूछे ही, मेरी गाण्ड में पूरे ज़ोर से घुसेड दिया… ऐसा लगा की जैसे, गरम लोहे का डंडा डाल दिया हो… मैं चिल्लाती रही पर उस पर कोई असर नहीं हुआ… वो उस दिन, थोड़ा गुस्से में था… मैं कुछ नहीं कर सकी और चिल्लाती चिल्लाती, गाण्ड मरवाती रही… वैसे भी औरत की गाण्ड, सज़ा देने के लिए ही मारी जाती है…
गाण्ड मारने के बाद, वो बोला – अब, ठीक है ना… उस आदमी का माल तो तेरी चूत से मूत के मैंने धो दिया…
मैं अमन को कभी कभी ही गाण्ड मारने देती थी पर आज तो मज़बूर थी और उसे मौका मिल गया, मेरी गाण्ड मारने का.
सही बात तो ये है की उसका गुस्सा, गाण्ड मारने के लिए ही था…
फिर वो बोला – बहुत टाइट है, तेरी गाण्ड जानू… मज़ा आ गया… अगर अब तूने मार्केट जैसा काम फिर क्या तो मैं तेरी गाण्ड मार मार कर चौड़ी कर दूँगा… पंजाबी औरतों जैसी…
उस दिन, पूरा दिन गाण्ड में दर्द रहा.
गाण्ड की शेप बिगड़ने के डर से उस दिन के बाद, मैंने वैसे कपड़े डालने बंद कर दिए और कमीज़ सलवार में ही बाहर जाती हूँ… लेकिन, यह लोग तो उस में भी नहीं छोड़ते, बस चान्स मिले तो सही… पर जय, आज तो बच गयीं हम दोनों ही… नहीं तो यह तो मोटे लण्ड वाले थे… फाड़ डालते… मुश्किल हो जाती, खड़े खड़े चुदना पड़ता और लोगों को भी कहीं अगर पता चल जाता की चुदाई हो रही है तो बड़ी मुश्किल में फँस जाती… बॉम्बे तो “माया नगरी” है… यहाँ तो तमाशा बहुत देखते है, लोग… आप को पता ही है की चुदाई तो आम है यहाँ… जहाँ जगह मिली नहीं की चढ़ गये… बस खड़े हैं, लण्ड ले कर…
इतने में, मेरी घर वाली आ गई.
बाथरूम से और भाभी चली गई, फ्रेश होने.
मैं तो हैरान था, इतने वक़्त बेचारी ने किया क्या बाथरूम में.
आते ही और भाभी के जाते ही, उसने पूछा – क्या हुआ… ?? बात बनी… मैं तो सोच रही थी, तुम्हारा सीन चल रहा होगा…
मैं – नहीं यार… बातों में ही, वक्त निकल गया… सॉरी…
घरवाली – अरे भोंदू महाराज… क्या तुम भी…
मैं – कोई बात नहीं… तुमने चिंगारी तो लगा ही दी है… जितना लोहा गरम हो, उतना ही अच्छा…
घरवाली – यार, अच्छा मौका था आज… हुआ क्या… ??
मैंने कहा – खुल तो पूरी तरह गई है… पर अपनी आप बीती सुना रही थी… भीड़ में चुदने की… अच्छा, बहुत भीड़ थी, आज… तुम्हारा, कैसा रहा भीड़ में… बताओ ना… ??
वो बोली – क्या करती, यार… अच्छी बात यही हुई की उस ने अपना लण्ड नहीं घुसेड़ा… अपनी फिंगर से ही काम चला लिया… मैंने चड्डी नहीं पहनी थी, आज और मेरी सलवार भी नीचे से फटी हुई है… उस गैंडे की मोटी उंगली, छोटे लण्ड की तरह ही तो थी… सीधे चूत में ही जा रही थी और मैं भी गर्म हो रही थी… अब 10 मिनट से आगे पीछे कर रहा था, फिंगर को… मेरी चूत भी पानी से भर गई थी… हरामी, इस तैयारी में था की अपना डंडा अंदर कैसे कर दूँ… मैंने अपने हाथ पीछे किया तो पता चला की उस का लण्ड खड़ा है… मैं घबरा गई थी की अगर ऐसा करता है तो बड़ी मुश्किल होगी, इतना बड़ा घुसेगा कैसे… वो तो बारिश बंद हो गई, नहीं तो हम दोनों ही आज चुद चुकी होती…
मैं – उधर भाभी की भी यही कहानी थी… चलो, तुम भाग गई… नहीं तो आज दो दो मर्द भरे बाज़ार चोद देते…
घरवाली – दूसरा कौन… ??
मैं – यार, मैं अब चुप थोड़ी खड़ा रहता तुम्हारी चूत चुदते देख… मेरा तो फट ही जाता…
घरवाली – हे भगवान… ये मेरा मर्द, पूरा बाबरा है…
मैं – तुम्हें मालूम है… हम तो सिर्फ़ बातें करते हैं… भाभी ने तो भीड में मरवाई है, अपनी चूत… और अमन भाई ने भी बहुत रडियों को चोदा है…
घरवाली – हाय, सच में… तुम कब चोदोगे… ??
तब तक, भाभी आ गई.
मुझे समझ आ गया, मेरी बेचारी घरवाली ने कितनी देर बाथरूम में बिताई, सिर्फ़ मुझे मौका देने के लिए.
फिर मैंने कहा – चलो, चाय पीते हैं… बनाओ, जल्दी से…
दोनों ही चली गईं और किचन में दोनों बातें करने लगीं.
बीबी बोली – ना बाबा ना… यह लोग बेशर्म थे… दूसरे के बीबी को तंग करतें हैं…
भाभी बोली – मैंने तो चड्डी भी नहीं पहनी थी… नहीं तो आज़ खड़े खड़े ही चूत का छाबडा बन जाता…
मेरी बीबी बोली – अपने कभी ऐसे मौके का फ़ायदा नहीं उठाया… लगता है की खूब मज़ा आ रहा था, उस की उंगली से…
भाभी बोली – इतनी देर से बो सांड, आगे पीछे जो कर रहा था… चूत पानी पानी हो गई थी… मज़ा तो आना ही था… यार, कभी फ़ुर्सत में बताउंगी तुझे फ़ायदा उठाया की नहीं… वैसे एक बात बता, तू इतनी देर बाथरूम में क्या कर रही थी…
मेरी बीबी – आपकी चुदाई का इंतज़ार… बीच में आती तो तीनों मज़े लेते… पर मैं तो देखती हूँ की आप मस्त बतिया रहे हो…
भाभी – समझ तो मैं गई थी पर क्या करूँ, इतना उकसाया जय को पर उसने कोई शुरूवात ही नहीं करी… अब सीधे टाँगें खोल के तो बोल नहीं सकती थी ना की चोद मेरी चूत…
दोनों हँसने लगी…
|