RE: Chudai Story अनोखी चुदाई
बीबी की चूत, आज इतनी गरम थी की चूत के अंदर लंड के जाने से जो घर्षण हो रहा था, उससे मेरा लंड जलन मार रहा था.
इतनी गरमी, औरत की चूत में बहुत कम ही आती है.
और जब इतनी गरम चूत हो, औरत बीच सड़क में भी चुदवा मारे.
सो मैंने, मौका देखते हुए कहा – भाभी, नींद नहीं आ रही है तो आ जाओ… कोई बात नहीं है, मैं दोनों को संभाल लूँगा…
भाभी धीरे से बोली – अपनी बीबी से आज्ञा ले ली क्या… ??
मेरी बीबी तो जैसे, इंतजार में ही बैठी थी.
तुरंत बोली – अब तुझे नींद तो आएगी नहीं, जब तक तेरी चूत में गुल्ला नहीं घुसेगा… आ जा तू भी, देख ले अपने जीजा का लौड़ा… मैं तो वैसे भी ना जाने कब से मरी जा रही हूँ, इनका लंड अपने सामने किसी की चूत में घुसते देखने के लिए… पर हाँ कमरे के सारी लाइट जला ले… यही एक शर्त है… मंजूर है तो फटाफट आ जा…
भाभी फट से लाइट जला कर आ गई और बैठ गई बेड पर.
मेरा लंड, अभी भी बीवी की चूत में था.
भाभी ने आते ही, लण्ड दिखाने को कहा.
मेरे निकालते ही, उन्होने चूत के रस से पूरी तरह सने मेरे लंड पे हाथ रखा तो बोली – वाह, क्या डंडा पाया है… दीदी के तो मज़े है… इतना मोटा लण्ड पा कर तो दीदी क बल्ले बल्ले हो गई… जीजा जी, आज तो फाड़ देना… बड़ी गरमी है, मेरी चूत में…
मेरी बीबी बोली – हाँ, है तो काफ़ी तगड़ा… शुरू में तो चीखें निकलती थी और यह चोदते भी खूब थे… शादी के कुछ दिन बाद तो एक बार, रात को मुझे नंगी किया, रात भर चोदा और फिर सुबह उठते ही चालू हो गये… पाखाने में भी मेरे साथ गये… दाल चावाल बनवा लिए और फिर शुरू हो गये… रात से शुरू हुई चुदाई, पूरे दिन चली और दूसरी रात भी जारी रही… दो रात और एक दिन में, मैं कितनी बार चुदि इसकी गिनती भी नहीं है…
फिर मेरी बीबी, मुझसे बोली – अब दिखा दिया हो तो घुसेड दो, अंदर… नहीं तो चूत, दबाब से ही फट जाएगी…
मैंने तुरंत बीबी की चूत में, लंड को पेल दिया.
आज तो उसकी चूत से जैसे “जलवामुखी” फट पड़ा था.
दो तीन झटके के बाद ही, उसने मुझे धक्का दिया और मेरे लंड पर चढ़ कर बैठ गई.
भाभी के सामने ही पूरी नंगी, खूब जोश में उचक उचक कर मेरे लंड पर कूद रही थी.
उसकी नरम नरम गाण्ड, मेरी जांघों पर पड़ रही थी और उसकी चूत से लगातार सफेद गाड़ा पानी मेरे लंड से बहते हुए, मेरे गुल्लों पर जा रहा था.
भाभी देखती जा रही थी और तकिये को इतनी बुरी तरह भींच लिया था की अगर वो इंसान होता तो अभी तक साँस छोड़ चुका होता..
साफ दिख रहा था, भाभी काफ़ी गरम हो गई थी, बीबी को चुदते देख कर.
तभी बीबी ने उचकते उचकते ही, चूत को ऊपर से रगड़ना शुरू कर दिया और एक बेहद तेज़ मूत की धार छोड़ी जो सीधे मेरे चेहरे पर आई और फिर लंड पर सवार हो गई.
उसने चोदते चोदते, ऐसा दो तीन बार लिया. बस मूत की एक धार छोड़ी और आख़िरी बार निढाल हो कर गिर पड़ी.
ऐसा उसने, पहली बार किया था.
चुदाई के दौरान, मुताई.
मेरे सीने से लेकर मेरा चेहरा, उसकी दो तीन धार में ही सन गया.
उसके गिरते ही, भाभी ने मेरा लंड दबोच लिया और एक हाथ से मेरा सुपाड़ा और दूसरे से गुल्लों को इतनी बुरी तरह भींचा की मैं एक कराह के साथ छूट पड़ा.
भाभी बहुत ही बुरी तरह, गरम हो चुकी थीं.
मेरे मूठ से सना हुए हाथ की चारों उंगली भाभी ने अपनी टाँगों के बीच अपनी चूत में फसाई और कस के अपनी चूत भींच ली और फिर अपनी चूत पर दो तीन चपाट लगाई.
फिर मैंने गौर किया की उन्होने सलवार के अंदर ही “मूत” दिया है.
मूठ निकालने के बाद भी, मैं भाभी को नंगी देखने के लिए मचल रहा था.
खास तौर से, उनकी नंगी गाण्ड.
उनको नंगी करा कर, मैं उनको चलवाना चाहता था और उनकी मटकती हुई नंगी गाण्ड को जी भर के निहारना चाहता था.
लेकिन जबरदस्त चुदाई से, मेरी बीबी निढाल होकर आँखें बंद कर पड़ी थी.
वहीं बीबी की चूत की भयंकर गरमी और भाभी के सामने, उसको चोदने से मेरी हिम्मत जवाब दे गयी थी.
हालाकी छोड़ने के बाद भी लंड अभी भी हिलोरे मार रहा था, जो थोड़ा अजीब था क्यूंकी अक्सर मेरा लंड गुफा से मुरझा के ही निकलता था.
इधर भाभी ने भी शायद उतेज्ना से आँखें बंद कर ली थीं और निढाल पड़ी थीं.
फिर थोड़ा आराम कर के, मैं उठा और भाभी को चोदने का प्रोग्राम बनाया.
जब तक मैं नहा कर आया, भाभी और मेरी बीबी लेटे लेटे आपस में बातें कर रही थीं.
मेरा लंड साला, अभी भी खड़ा था.
सो, जब मैं पहुँचा तो बीवी बोली – क्या बात है.. ?? कोई जड़ी बूटी खा ली क्या, जो आज लिंग महाराज बैठने का नाम ही नहीं ले रहे…
मैंने बोला – जब इतनी खूबसूरत लड़कियाँ हों तो जड़ी बूटी की किस गान्डू को ज़रूरत पड़ेगी…
अचानक, भाभी बोली – तुम दोनों ने कभी “पी” कर चुदाई की है…
बीबी बोली – नहीं… ये कहाँ करते हैं, ड्रिंक…
भाभी – कभी कभी तो लगभग दुनिया का हर मर्द ही पीता है… मैं नहीं मानती… बीयर तो पीते ही होंगें…
मैं – नहीं भाभी, अभी तक तो नहीं पी… पर चुदाई में कोई भी नया फ़ॉर्मूला अपनाने को तैयार हूँ… बशर्ते मज़ा आए…
भाभी – मज़ा… अरे पूछो ही मत… 10 मिनिट में निकालने वाला मर्द, आधे घंटे से पहले नहीं झड़ता… गाली गलोच वाली एकदम “बिंदास चुदाई” होती है…
मेरी बीबी – आप और अमन ने करी है… ??
भाभी – हर हफ्ते…
मेरी बीबी – सच में… क्या अभी कोई दुकान ना खुली होगी… ??
मैं – गाली गलोच… यानी आप एक दूसरे को गाली देते हो…
भाभी – हाँ !! करके देखना… ना मज़ा आए तो बोलना… मैंने तो बीयर पी कर अमन की पूरी मूत मुँह लगा कर पी ली थी… क्या पटक पटक कर चोदता है, अमन पीने के बाद… कभी कभी तो बदन जवाब दे जाता है पर नियत नहीं…
मेरी बीबी – क्या यार, भाभी… क्यूँ चूत फाड़ रही हो…
अब तक मेरी बीबी, मेरे लंड को सहलाने लगी थी.
भाभी की नज़रे, बराबर मेरे लंड पर ही थीं.
मेरी बीबी की मेरे लंड पर हाथों की हरकत बता रही थी की वो धीरे धीरे, बहुत गरम हो रही है.
यहाँ मैं भाभी की गाण्ड देखने के लिए, मचला जा रहा था.
फिर भाभी भी उठ कर करीब आ गई और मेरे ग़ुल्लों को सहलाने लगी.
दोनों लड़कियाँ, मेरे लंड से खेल रही थी और तभी भाभी मेरी बीबी के होंठों को चूमने लगी और अपने दूसरे हाथ से मेरी बीबी के नंगे दूध दबाने लगी.
इधर मेरी बीबी ने मेरे लंड से हाथ हटा लिया और दोनों हाथों से भाभी के मम्मे मसलने लगी.
अब मेरा सब्र जवाब दे गया और मैंने भाभी का कुर्ता फाड़ दिया.
मेरी बीबी ने भी फटा हुआ कुर्ता नीचे किया और ब्रा के ऊपर से ही, अपना मुँह भाभी के दूध पर लगा दिया.
मैंने बीबी को हटाया और भाभी की खड़ा करके उनकी ब्रा भी ज़ोर से खींच दी, जिससे उसका हुक टूट गया और उनके नंगे चुचे मेरी आँखों के सामने आ गये.
उफ्फ !! मेरी बीबी की तरह उनके मम्मे भी एकदम गोल थे.
हाँ, निप्पल थोड़े से बड़े थे क्यूंकी मेरी बीबी के निप्पल एकदम छोटे से थे.
भाभी के निप्पल के आस पास, भूरे रंग की एक गोल रेखा थी.
दो मिनिट तक, बस मैं उनके दूध निहारता रहा और इतने में मेरी बीबी भाभी का नाडा खोलने लगी.
मैंने अब भाभी को पलटा और नाडे के पास जहाँ से सलवार थोड़ी सी पहले से ही फटी रहती है, वहाँ से उनकी सलवार को भी फाड़ डाला.
उनकी नंगी, गोरी और एकदम चिकनी गाण्ड मेरी आँखों के सामने थी.
मैंने दोनों हाथों से उनकी गाण्ड को ज़ोर से भींच लिया और बहुत देर तक दबाया.
तब तक मेरी नंगी बीबी, भाभी के सामने आ गई और दोनों एक दूसरे के दूध दबाने लगी, निप्पल चूसने लगी और कभी, एक दूसरे के होंठ चूमने लगी.
मेरे हाथ तो जैसे भाभी की गाण्ड से, चिपक ही गये थे.
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