RE: Chudai Story अनोखी चुदाई
सांड, काले रंग का बहुत बड़ा और मोटा ताज़ा था.
पूरे गाँव वाले, उसे खिलाते पिलाते थे और बो बहुत तगड़ा हो गया था.
असल में, एक ही सांड़ था जिससे गाय एक ही बार में गयावान हो जाती थी.
उस सांड़ का लण्ड, कई बार देखा था मैंने, बहुत बड़ा और मोटा था..
मैंने सोचा की गाय कैसे ले पाएगी, इतना बड़ा अंदर..
जैसे ही, मैं सांड को ले कर भाभी के घर पहुँचा तो मैंने भाभी जी को आवाज़ दी की सांड आ गया है.
तभी भाभी दौड़ कर आ गई और कहा की इसे घर के पीछे ले चल… गाय, वहीं पर बँधी है…
मैं जैसे ही सांड को ले कर घर के पीछे गया तो सांड बिदक कर, सीधा गाय के पास चला गया.
बेचारी गाय, शायद इतने बड़े सांड को देख कर डर गई.
भाभी बोली – कहीं, ये सांड मारे ना हमे…
मैंने कहा की नहीं ऐसा नहीं है, यह बहुत शरीफ सांड़ है…
इतने में सांड ने गाय की चूत तीन चार बार चाटी और बिना इधर उधर देखे, गाय पर चढ़ गया और अपना दो फुट लंबा लण्ड, उस की चूत में धड़क से पेल दिया.
इतने ज़ोर का धक्का मारा की गाय के छक्के छूट गये.
बड़ी बुरी तरह से रंभाई थी, गाय तब..
भाभी देख के बोली – अरे, बाप रे… इतना बड़ा… लंबा और मोटा… ये सांड तो गाय को मार ही ना दे… अंदर कितनी जोरे से घुसेड दिया है… मर जाएगी यह…
सांड इतना गर्मी में था के दो पल में ही, तीन बार अपना मूसल निकाल निकाल के अंदर घुसेड दिया.
भाभी, बड़े मज़े से देख रही थी, गाय की चुदाई और हंस रही थी.
फिर वो बोली – साले सांड के मज़े हैं, आज़ तो… नयी नवेली गाय है ना इसलिए सांड का अंदर घुसते ही, मचला जा रहा है…
इधर, मेरा लण्ड भी खड़ा हो गया था.
मैं बैठा हुया था की सांड एक साइड को चलने लगा.
तो भाभी बोली – पकड़ इसे और गाय के पास ला…
जैसे मैं उठा की मेरी निक्कर में मेरा लण्ड तना हुआ था, सांड की चुदाई देख कर.
जैसे ही, मैंने सांड को गाय के नज़दीक किया की वो फिर से गाय पर चढ़ गया और पूरा घुसेड दिया.
भाभी ने जब यह सब देखा तो बोली – बहुत बड़ा सांड है और इस का लण्ड भी बहुत बड़ा है… मैंने ऐसा बड़ा लण्ड, नहीं देखा…
मैने कहा – लगता है की भाभी मूड में आ रही थी…
भीमा – हाँ, कुछ भी बोले जा रहीं थी…
मेरे से नज़र बचा कर उन्होने, दो तीन बार अपनी सलवार के अंदर हाथ डाल कर चूत पर फेरा, जो की मैंने देख लिया था.
लगता था की भाभी की चूत गीली हो रही थी, सांड का लण्ड देख कर.
अचानक भाभी की नज़र, मेरी तरफ गई और उस ने देखा की मैं बड़े मज़े से सांड का लण्ड, अंदर घुसते देख रहा हूँ.
सांड ने नई नवेली गाय की चूत चोद चोद कर, चौड़ी कर दी थी.
अब सांड थोड़ा पीछे मुड़ा तो भाभी ने कहा – भीमा, पकड़ इसे…
जैसे में उठा, भाभी की नज़र मेरी निक्कर पर पड़ी तो वो हैरान रह गई.
वो फट से बोली – क्या हुआ… बाँध दे इसे…
मैंने कहा – भाभी जी, इसे मज़ा करने दो… तभी गाय गयावान होगी…
भाभी ने कहा – सांड़ को छोड़, तू इधर आ ज़रा…
उन्होने मुझे अंदर बुलाया और सीधे मेरी निक्कर पर हाथ रख दिया.
वो बोली – बड़ा मतवाला हो गया है रे तू, गाय की चुदाई देखते हुए… ज़रा हम भी तो देखे, इस सांड का कैसा है…
मैंने बोला – भाभी जी, शर्म आती है मुझे…
भाभी बोली – अच्छा, शर्म के चचे… गाय के अंदर सांड का लण्ड जाता हुआ तो खूब मज़े से देख रहा है… अब क्या तकलीफ़ है, मुझे दिखाने में…
जैसे ही, मैंने अपना लण्ड निक्कर से बाहर निकाला तो भाभी की सांस ही रुक गई.
मेरे लंड को घूरते हुए वो बोली – बाप रे, एक सांड बाहर और दूसरा सांड अंदर… तेरा तो बहुत बड़ा और मोटा है… कहाँ छुपा रखा था इसे, तू ने… अब समझ आया इसी लिए बोल रहा था की भाभी, सांड आ गया है… भीमा, बाहर वाले सांड ने गाय की चोद चोद कर चौड़ी कर दी… अब तू इस गाय की चौड़ी कर… देख, बाहर सांड अपना काम कर रहा है और अब यह सांड, अपनी इस गाय को ठोकेगा…
भाभी बहुत गर्म हो गई थी, सांड की चुदाई से और फिर मेरे लण्ड को देख कर.
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