RE: Chudai Story अनोखी चुदाई
मैंने मौके का फ़ायदा उठाया और पूछा की क्या कोई और बड़ा मोटे लण्ड वाला घोड़ा है जो इस सुंदरी की सुंदर चूत का रस पान कर रहा है तेज रफ़्तार से.
भाभी बोली – हमारा रस पीने वाला कोई दिलदार ही होना चाहिए जो हमारे जैसी की उबलटी हुई चूत में अपना लण्ड डाल कर गरमी सहन कर सके.
भाभी बोली – छोटी चुदाई के मामले में मैं बहुत गरम हूँ. मुझे तेज रफ़्तार वाला घड़ा ही पेल सकता है, जो अपना पूरा का पूरा मोटा लंबा और तगड़ा लण्ड डाल कर मक्खन निकले और भर दे चूत को.
मैंने देखा की भाभी बहुत ही गर्म हो रहीं हैं इन बातों में.
मैंने पूछा – भाभी, सच बताओ कौन है बो खुश नसीब घोड़ा, जो मेरी सुंदर भाभी की चूत चौड़ी कर रहा है.
भाभी बोली – बहुत नज़दीक है वो. बताती हूँ तुझे अगर किसी को ना बताए तो.
मैं बोली की भाभी कसम से कोई भी जान नहीं पाएगा इस बात को.
तो भाभी बोली – छोटी, अगर औरत गरम हो जाए तो वो लण्ड तो क्या गधे का डंडा भी अपनी चूत में घुसेड ले. बस ऐसे ही हुआ मेरे साथ भी. तो सुनो वो और कोई नहीं पर भीमा है हमारा नौकर. बड़ा मोटा और लंबा लण्ड है उस का समझो गधा ही है. जब अंदर डालता है ना तो चूत चारमरा जाती है चीरता ही चला जाता है. एक ही मजबूत धक्के में पूरा अंदर कर देता है. पूछ मत छुटकी इतना मज़ा देता है चुदाई का की सब कुछ भूल जाती हूँ और जड़ तक अंदर ले ले के ठुकाई करवाती हूँ. अब तो थोड़ा बंद कर दिया है क्योंकि मैं उस के ही बच्चे की मां बनने वाली हूँ, शायद. लगता है बच्चा एक हट्टा कटा पैदा होगा क्यों की उस ने कई बार अपना गाड़ा और एक कप बीज़ मेरी चूत में फुल प्रेशर से भरा है और मुझे पता है की उस का फल अब मेरी कोख में है. छोटी बहुत ही तगड़ा सांड है वो. इतने ज़ोर से घुसेड़ता है की तारे दिखाई देते हैं. पता नहीं क्यों, सोचता होगा की मैं नौकर होकर मालेकिन को चोद रहा हूँ और वो भी सुंदर और इतनी पड़ी लिखी को. हरामी चोदते वक्त ज़रा भी रहम नहीं करता है बस ठोकते जाता है जब तक की नीचे पड़ी हुई औरत की बस ना हो जाए. मैंने ऐसी चुदाई कभी नहीं करवाई थी आज तक और ना ही किसी ने मुझे ऐसे धम्मके के साथ चोदा है. वैसे तो तेरा भाई भी चोदने मैं माहिर हैं पर इतने लंबे और मोटे लण्ड की तो बात ही कुछ और है.
अच्छा भाभी, बड़ा मज़ा देता है क्या.
वो बोली की मज़ा ही नहीं गले तक भर देता है चूत को. गाण्ड मारने को बड़ा उतेज़ित रहता है.
तो भाभी गाण्ड का छेद चौड़ा करवाया उस से की नहीं. – मैने पूछा
भाभी – छुटकी सिर्फ़ एक बार ही, फाड़ डाली थी मेरी गाण्ड उस साले ने. घोड़ी बनाया और खूब तेल लगाया अपने लौड़े और मेरी गाण्ड पर. फिर बोला, भाभी धीरे से करूँगा घबरा मत. मैंने सोचा चलो देखते हैं यह करवा के कैसा मज़ा आता है. मेरी सखियाँ कहती हैं की गाण्ड मरवाने में कुछ अलग ही आनंद आता है. फिर भीमा ने धीरे से अपने लण्ड का टोपा अंदर किया और इतने ज़ोर का धक्का मारा की उस का लण्ड सीधा पूरा का पूरा जड़ तक अंदर घुस् गया. मैं तड़पती हुई पूरा ज़ोर से चिल्लाई, पर वो तो सांड़ की तरह जो ऊपर चड़ा तो लण्ड डाल कर ठोकता ही रहा. मेरी तो बोलती बंद हो गई. मैंने बोला भोसड़ी के लण्ड बाहर निकल. फट गई है मेरी गाण्ड. फिर उस ने खूब तेल लगाया और धड़क से अंदर घुसेड दिया. अब मुझे भी कुछ मज़ा आने लगा था. मैंने कहा की चोद ले दिल भर के क्योंकि मुझे भी मज़ा आने लगा था और मैं भी और झुक गई ताकि पूरा जड़ तक अंदर जाता रहे. उसने कोई 40 मिनट तक मेरी गाण्ड का भुर्ता बना दिया मार मार के. लण्ड ऐसे अंदर बाहर हो रहा था जैसे रेल एंजिन का पिस्तन होता है. चिप चिप होने लगी थी. पूरा पानी अंदर उडेल दिया था उस ने मेरी गाण्ड में. कहने लगा था की भाभी जी आप की गाण्ड स्प्रिंग दार और बहुत अच्छी और टाइट है. दिल करता है की लण्ड अंदर ही डाले रखूं. मैं बोली की अब फाड़ तो दी तूने अपने मन की कर ही ली. ज्यादा दिल है तो अपना लंड अब अपनी गाण्ड में डाले रहे साले.
कई दिन गाण्ड में दर्द रहा.
तेरे भाई बोले की क्या हुआ बड़ी डुबक डुबक के चल रही है.
मैंने बोला टाँग में थोड़ा दर्द है, नहीं तो पकड़ी जाती. उस के बाद जब भी वो आता है कहता है भाभी जी हो जाए पीछे से.
मैंने कहा की अब नहीं बहुत दर्द होता है. तू कोई और घोड़ी देख इस काम के लिए.
वो कहता है – अच्छा भाभी जी जब भी दिल करे कह देना भीमा का यह लोडा हाज़िर है. बहुत हरामी हो गया है अब भीमा. अपने लण्ड को हाथ में लिए घूमता रहता है. सच बताऊँ तो उस का लण्ड तो घोड़ी में भी फिट बैठ जायगा. कोई छोटी मोटी लड़की फँस गई तो उस की चूत को तो फाड़ ही डालेगा.
भाभी जी आप ने भाई और भीमा के सिवा किसी और से भी मरवाई है क्या.
तो वो बोली – छोटी तू क्यों पूछ रही यह सब कुछ क्या तेरी फुददी भी फुदक रही है किसी का मोटा लण्ड लेने को. बता दे भीमा तो है ही जब चाहो चुदवा लो उस घोड़े से. लेकिन ध्यान रहे की तेरी चूत फट जाएगी उस के मोटे लण्ड से.
नहीं भाभी पहले आप की सुन लूँ की भाभी ने और किस का लण्ड अपनी सुंदर चूत की फांकों में लिया है जो आप को याद आता है. – मैने फिर छेड़ा
भाभी बोली की छोटी ऐसा तो कोई ख़ास नहीं है पर हां एक हादसा हुआ था मेरे साथ. हम सोचते कुछ और होता कुछ और है. ऐसे ही मेरे साथ भी हुआ था. शादी से पहले तो मैं कई बार बच गई थी दूसरे से चुदने से, कॉलेज या फिर शहर में रहते हुए. मैं काफ़ी ध्यान रखती थी की ऐसा ना हो की दूसरी लड़कियों की तरह मैं भी किसी का लण्ड अपनी चूत में ले बैठू. बस किसी तरह सब ठीक ही रहा था.
शादी हो गई तो आप के भाई ने पहले दो तीन महीनो में दिल भर के चोदा मुझे, जब भी लण्ड खड़ा होता बिना पूछे चूत में थोक देते थे. बड़ा मज़ा आता.
मैं काफ़ी निखर गई थी और सुंदर भी काफ़ी हो गई थी. पूरी तरह से बदन भर सा गया था चुदाई करवा कर. मैंने देखा था की कई आदमी मुझे घूरते रहते थे, जिन में से कुछ तो प्रोफेसर भी थे. पर मेरे ऊपर कोई असर नहीं था इन सब की नज़रों का.
एक दो ने ट्राइ भी की की लिफ्ट मिल जाई पर मैंने नहीं दी कोई लिफ्ट विफ़्ट किसी को भी. मेरी शादी को सात महीने हो गये थे और हम मज़े में रहते थे और खूब चुदाई करते थे.
जब मूड होता था चढ़ जाते थे एक दूसरे के ऊपर. बस गाण्ड नहीं मरवाई थी मैंने तेरे भाई से. वो कमी भीमा ने कर दी अपना मूसल डंडा घुमा घुमा कर और फिर यह सिलसिला चलता रहा. तब तक मैं प्रोफेसर बन गई थी. मेरे टूर यहाँ बहन की यूनिवर्सिटी में लगते रहते थे और एक बार ऐसा हुआ की मुझे कोइंबतूरे में जाना पड़ा. इनकार भी नहीं कर सकती थी सो अकेले ही जाना था और सब कुछ यूनिवर्सिटी की ही तरफ से था.
मुझे एक सेमिनार में लेक्चर्स देने थे और यह 5 दिन का प्रोग्राम था. लेक्चर के बाद फ्री ही रहती थी. सो मुझे कॉलेज की तरफ से कार ड्राइवर के साथ मिली हुई थी की जब भी शॉपिंग या घूमने जाना हो तो जा सकती हूँ.
सो मैंने एक दिन घूमने का मन बना लिया और निकल जाती थी साइट सीयिंग को. खाना बाहर ही खा आती थी और ड्राइवर को भी खाने का पैसा दे देती की जैसा चाहिए खा ले.
ड्राइवर का नाम सुंदरम था, नाम से ही सुंदरम था, पर वैसे वो काला और हट्टा कटा आदमी था.
बहुत ही शांत स्वाभाव था, उस का.
हँसमुख तथा एक दम से पूरी सेवा भाव रखता था. जो कहो, जहाँ जाना चाहो ले जाता था. मैं उसे शाम को अपनी ओर से 100 रुपए दे देती थी टिप के तौर पर.
एक दिन हम थोड़ा दूर निकल गये ऊटी की साइड में और काफ़ी घूमी मैं.
सुंदरम साथ था और वो गाइड का कम करता रहा.
उस दिन शाम को थोड़े लेट हो गये घूमते हुए और 8 बजे तक अपने रूम में पहुँची थी जो यूनिवर्सिटी की तरफ से ही था.
मेरे रहने का फ्लैट छोटा सा था लेकिन बहुत अच्छी तरह से सेट किया हुआ था.
साइड वाले दोनों ही फ्लैट खाली थे.
मैने सुंदरम को बोला की मुझे आस पास से डोसा ला के दे दे और अपने लिए भी ले ले.
इस के बाद वो घर चला जाए.
सुंदरम बोला – ठीक है, मैडम. 20 मिनिट लगेंगे में ले के आता हूँ.
मैंने सोचा – अच्छा आदमी है.
वो चला गया तो में फ्रेश होने चली गई और 10 मिनिट में नहा कर बाहर आ गई.
मैंने अपना ड्रेस लोवर और टॉप पहन लिया और सुंदरम का इंतजार करने लगी.
5 मिनिट् में आ गया वो.
जैसे ही अंदर आया वो चौंक सा गया और मेरी तरफ देखता ही रह गया.
फिर बोला – मैडम ले आया हूँ खाना. आप खा लो.
मैंने कहा – ठीक है तुम जाओ.
तो वो बोला – क्या, मैं भी अपना खाना यही खा लूँ मैडम.
मुझे कुछ समझ नहीं आया.
मैंने कहा – खा लो जल्दी से और जाओ.
मैं भी खाना खाने लगी तो बीच में सुंदरम बोला – मैडम साउत इंडिया डिश कैसी है.
मैंने कहा – बहुत टेस्टी है. मैं आप को एक खास डिश खिलाऊंगा मैडम.
मैंने ने कहा – खा लेंगे कभी.
तब तक खाना ख़तम हो गया पर मैंने देखा की वो मेरी तरफ देखता ही रहा.
मुझे कुछ शक़ हुआ. मैंने कहा की तुम अब जाओ कल में फिर बताउंगी, कब आना है.
इस से पहले की मैं उस के जबाब का इंतजार करती वो मेरे पास आया और मेरा मुँह पकड़ कर अचानक किस करने लग पड़ा.
मैं इस अचानक हमले से बेख़बर थी. मैंने उसे पीछे धकेल दिया ज़ोर से और बोली की तुम्हारी नौकरी तो गई. मैं कंप्लेन कर दूँगी सब से.
तो वो भैंसे की तरह हंसा और बोला – मैडम जी, मैंने तकरीबन 80% औरतों को चोदा है इस यूनिवर्सिटी में और किसी की भी हिम्मत नहीं हुई मेरी कंप्लेन करने की. आप कर देना मेरी कंप्लेन कोई बात नहीं पर पहले मेरा लण्ड तो चूस लो.
वो एक दम से नंगा हो गया था एक बेशरम की तरह.
मैंने क्या देखा की उस का लण्ड एक काले नाग की तरह काला है और 9” लंबा तथा 3” मोटा और लोहे की रोड के जैसे खड़ा हो गया है.
सुंदरम कोई 27 साल का हट्टा कटा ड्राइवर है और बॉडी भी अच्छी ताकतवर है. पर है एक दम से काला.
मैं बोली सुंदरम बाहर जाओ नहीं तो में चिल्ला दूँगी.
वो बोला की मैडम आप ने ही तो मुझे बुलाया है यहाँ. मैं कह दूँगा की मैडम को काला लण्ड बहुत पसंद है.
मैं डर गई क्योंकि ग़लती मेरी ही थी.
सुंदरम ने एक ही झटके से मेरी स्लॅक्स नीचे खींच दी और मैं नीचे से नंगी हो गई.
इस से पहले मैं कुछ करती उस ने मुझे धक्के से सोफे पर झटक दिया.
मैं औंदी सी हो गई और मेरी गोरी गाण्ड पूरी नंगी हो गई.
उस ने बिजली की तरह मुझे पीछे से पकड़ा और घोड़ी बना दिया. बड़ा ज़ोर था उस में.
मैं देखती ही रह गई क्यूंकि जो हुआ अचानक हो गया और हो रहा था.
इस छीना झपटी में मैंने देखा की उस ने ढेर सारा थूक मेरी चूत पर लगा दिया और अपने लण्ड पर भी, और पीछे से अपने लण्ड को मेरी चूत पर रगड़ने लगा.
उस का लण्ड बहुत गरम लग रहा था.
मेरी चूत ने पानी छोड़ना शुरू कर दिया था की अचानक एक ज़ोर का धक्का मारा उस ने और पूरा लण्ड जड़ तक अंदर धकेल दिया.
मैं चिल्लाई पर उस ने अपने हाथ मेरे मुंह पर रख दिया. जल्दी से और बोला की मैडम चिल्लाई तो दो और आ जाइएँगे तुम्हारी आवाज़ सुन कर और तुम्हारी चूत का भोसड़ा बना देंगे चोद चोद कर. इसलिए चुप चाप घोड़ी बनी रहो और इस घोड़े के काले और मोटे लण्ड का मज़ा लो. इतना तगड़ा और काला लण्ड आप को जिंदगी में नहीं मिलेगा. और वो ज़ोर ज़ोर से ठोकता रहा पीछे से.
मेरी चूत सील बंद तो थी नहीं की बहुत दर्द होगी घुसने में सो एक तगड़े धक्के में ही पूरा सरर से चला गया.
तेरे भाई ने अपने 8” लंबे लण्ड से चूत पहले ही खुली की हुई थी. सो यह धना धना लण्ड अंदर बाहर करने लगा. सच में मुझे भी बड़ा मज़ा आया चुदने में क्योंकि उस का लण्ड एक दम से फिट जा रहा था मेरी चूत में.
कोई 15 मिनिट के बाद वो झड़ गया और नीचे फ्लोर पर अपना पानी फैंक दिया.
इसी दौरान में भी झड़ गई.
अब वो नंगा ही बैठ गया सोफे पर.
फिर बोला – मैडम सॉरी मैं अपने आप को रोक नहीं पाया था क्यों की एक आप बहुत सुन्दर हैं और दूसरा नॉर्थ की औरतों को देखते ही मैं पागल हो जाता हूँ. तीसरा आप के कपड़े ही ऐसे थे की बूढ़े का भी खड़ा हो जाए. आप मेरी पहली शिकार नहीं हैं पिछले 5 साल मैं मैंने जितनी भी प्रोफेसर या लेक्चरर्स यहाँ आईं तकरीबन सब को चोदा. चाहे कितनी भी तेज़ तरार क्यों ना हो. मैने अपना काला नाग उन की चूत के बिल में घुसेड ही दिया चाहे प्यार से या फिर ज़बरदस्ती और काई तो उन मैं से दो बार आ चुकी हैं. जब भी आईं मेरे साथ मुलाकात ज़रूर करती हैं और पूरी पूरी रात मेरे से चुदाई करवाती रहीं. बोलती थी की तेरे काले लण्ड का मज़ा खींच लाया हम को. बहुत चोदा था उन को मैंने. लेकिन मैडम आप जितनी सुंदर और सीधी हैं उतनी कोई नहीं है. आप की गाण्ड को देखते ही मेरा लण्ड खड़ा हो गया था, जब मैं आप को स्टेशन से लाया था. आप जब चलती हैं तो गजब की चलती हैं देखने वाले की खुद की गाण्ड फट जाए. आप की गाण्ड को हिलते देख कर. तब से ही मैंने सोच लिया था की मैडम को ज़रूर चोदना है मैंने चाहे कुछ भी हो. सच कहूँ बड़ा मज़ा आया आप को चोदने में और वो भी घोड़ी बना कर.
मैं कुछ नहीं बोली उठी और सीधी बाथरूम में चली गई चूत को साफ करने और मूतने के लिए.
सुंदरम मेरे पीछे ही आ गया और उधर ही खड़ा हो कर मूतने लगा.
उसी समय उस का लण्ड फिर से तन गया और बोला – क्या करूँ इस का मैडम यह मानता ही नहीं. मैं चुप रही और बेड रूम की और चलने लगी तो सुंदरम ने मुझे अपने हाथों में उठा लिया और बेड पर लिटा दिया.
नंगा तो था ही उस का लण्ड घोड़े की तरह हिल रहा था और मेरी गाण्ड को टच कर रहा था.
मैं भी आधी नंगी थी, उस ने मेरा टॉप निकाला और लगा मेरे बूब्स को चूसने. मैं चुप थी देखना चाहती थी की क्या करता है अब यह काला सांड़.
थोड़ी देर के बाद, वो मेरी टाँगों के बीच आया और चूत को चाटने लगा, पागलों की तरह.
बड़ा मज़ा आ रहा था मुझे. मैं भी अब उस का साथ देने लगी और कहा सुंदरम – खूब चाट मेरी चूत को यह तेरी है आज़. सुंदरम बहुत खुश हुआ और कोई 10 मिनट तक दिल भर के चूत को चाटता रहा और मेरा पानी भी पी गया.
मेरी तो बस हो गई थी.
मैंने कहा – घुसेड दे अब इस नाग को और चोद अपनी मैडम को जितना चोदना है तुझे मेरे काले सांड़.
बड़ा हंसा वो.
फिर बोला – मैडम आज तो मैं अपने लण्ड को आप की चूत से बाहर नहीं आने दूँगा. आप भी क्या याद करेंगी की कोई चोदने वाला मिला था. इतनी साफ़ सूत्री चूत मैंने नहीं देखी आज तक.
फिर उस ने मेरी टाँगें अपने कंधे पर रखी और एक ज़ोर दर धक्के से सरर करता हुया लण्ड घुसेड दिया मेरी फूली हुई चूत में.
उस रात मुझे तीन बार पोज़िशन बदल कर दिल भर के चोदा उस ने .
मैंने भी उस का काला लण्ड दिल भर के चूसा और चुदाई का भरपूर मज़ा लिया.
गाण्ड मारने को बहुत पीछे पड़ा रहा पर मैंने कहा नहीं यह नहीं हो सकता. किंतु उस ने मेरी गाण्ड में पहले एक फिर दो उँगलियाँ घुसेड कर खूब आगे पीछे की. मूड तो बना था की गाण्ड भी खुली करवा लूँ पर मुझे वापस भी आना था इस लिए गाण्ड मरवाने की बात को मैंने ख्याल से निकल ही दिया क्यों की उस का लण्ड काफ़ी मोटा और लम्बा था.
वैसे तो मैंने तेरे भाई का लण्ड भी काफ़ी बार चूसा है और उन का पानी भी गले से अंदर लिया है पर दूसरे का पानी अंदर लेना मुझे अच्छा नहीं लगता चाहे भीमा ही क्यों ना हो.
दूसरे दिन रात की फ्लाइट से मुझे वापस आना था और एयरपोर्ट पर सुंदरम को ही लाना था मुझे. वो जाने से पहले कोई एक घंटा पहले मेरे फ्लैट में आया और चलने का समय पूछा.
मैं उस समये मैक्सी में ही थी, मुझे इस ड्रेस में देख कर वो पागल हो गया और उस का लण्ड फिर सीधा खड़ा हो गया था.
उस ने बिना टाइम गावाए खड़े खड़े ही लण्ड पर टेबल पर रखी हुई क्रीम लगाई और घुसेड दिया फ़च से अंदर पूरा का पूरा एक ही धक्के में.
बहुत ज़ोर के धक्के मार मार कर मेरी चूत फूला दी उस ने.
कहा – मैडम, मैं जिंदगी भर यह चुदाई नहीं भूलूंगा. इतना मज़ा मुझे कभी नहीं आया था. और ज़ोर से किस किया उस ने मुझे और कहा की सपनो में याद रखना मुझे. गुड बाइ.
यह थी उस काले सांड से चुदाई की कहानी.
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