RE: Chudai Story अनोखी चुदाई
मैं कभी कभी भीमा से बात करती रहती हूँ और सब का हाल चाल पूछती रहती हूँ.
बस अब तक यहीं पर ही रुकती हूँ. आगे की कहानी आने वाला समय ही बताएगा.
अरे मिनी तू भी तो कुछ बता ना अपनी कोई खास रंडी वाली हरकत.
मिनी बोली की भाभी, क्या बताऊँ.
शादी के बाद हम एक फ्लैट में वेस्ट बॉम्बे में रहने लगे थे. दो बेड रूम थे.
मेरे बेड रूम मैं दो डोर थे और मेन डोर था अंदर आने के लिए. बीच में बाथरूम था.
अमन शिप यार्ड में काम करता था और मैं ऑफीस में. बहुत अच्छा चल रहा था सब कुछ.
एक दिन अमन एक दोस्त के साथ आया जो की काफ़ी लंबा चौड़ा मर्द था और गुड लुकिंग था. स्मार्ट और फ्रेंच कट बियर्ड.
उस ने अपना नाम बताया था शमी.
काफ़ी घुलमिल गया था वो हमसे दो मुलाक़ातों में ही.
काफ़ी कीमती गिफ्ट लाता था.
मैंने अमन को बोला – अमन कैसा है यह आदमी.
अमन बोला – अरे बड़ा बिंदास है और शरीफ भी. शक़ की कोई वजह नहीं है.
फिर वो अक्सर हमारे यहाँ आता जाता रहता था. हम सब मिल के खाते और घूमते फिरते थे शाम को. छोटा मोटा मज़ाक भी चलता रहता था.
कोई 4 महीनो के बाद, अमन को तीन दिन के लिए देल्ही जाना पड़ा तो अमन बोला – अगर कोई खास ज़रूरत पड़ गई तो शमी को फ़ोन लगा लेना. वो समान ला देगा.
मैंने कहा की आप तो ऐसे कह रहे हैं जैसे की वो तुम्हारे घर का ही आदमी हो.
इस में बुरा क्या है. अच्छा दिल साफ़ आदमी है वो. सच कहूँ तो घर वालों से भी अच्छा है.
मैंने कहा – ठीक है देख लूँगी. इस से पहले मैं कुछ और कहती वो निकल गये.
एक दिन के बाद शमी घर आया और बोला की मिनी कुछ चाहिए तो नहीं.
एक गिफ्ट भी लाया था गोल्ड चैन. जो बहुत ही अच्छे डिज़ाइन की थी.
मैंने कहा की यह क्यों लाए हो. यह बहुत ज़्यादा कीमती है.
तो वो बोला की खास दोस्तों को ऐसे गिफ्ट दिए जाते हैं. शाम के कोई 7 बजने वाले थे.
वो बोला – मिनी जी खाना खाने का है.
मैं बोली – हाँ शमी जी बनाती हूँ. खाने के बाद हम ने चाय ली और बातों बातों में 10 बजे का टाइम हो गया.
मैं क्या करूँ. क्या बोलूं उस को एक तो गिफ्ट भी बहुत कीमती लाता था ऊपर से यह कुछ ग़लत बोला भी नहीं था.
तभी अचानक शमी बाथरूम में गया और जब बाहर आया तो क्या देखती हूँ की उस के लण्ड पंत में तना हुआ है.
मेरी तो फट के हाथ में आ गई.
अकेली थी कुछ कर भी नहीं सकती थी.
उस ने धीरे से अपना हाथ मेरी कमर पर रख दिया और बोला – चलो सो जाते हैं.
मैंने सोचा – बचु गिफ्ट लेती है ना अब लण्ड भी ले अपनी चूत में.
सीधा सा सवाल था.
मैं कुछ नहीं बोली.
मैंने कहा की आप घर नहीं जाएँगें.
वो बोला – नहीं आज नहीं. यहीं सोना है मुझे.
मैंने बोला – ठीक है. दूसरे रूम में बिस्तरा कर देती हूँ.
तो वो बेशर्मी से बोला – साथ में ही सोएंगे. मैं डर गई थी क्या करूँ और क्या ना करूँ.
फिर मैं बोली की आप इस रूम में सो जाओ.
वो नहीं माना ओर मुझे खीच कर बेड रूम ले आया.
फटा फट सीधे पहले अपने कपड़े खोले पूरा नंगा हो गया.
मैं उस के लण्ड को देखती रह गई 9”लंबा 3” मोटा.
मैं क्या करूँ बस देखती ही रही.
मैंने सोचा की अब फँस गई तू और तेरी चूत. आज फाड़ के ही रहेगा इस मोटे लण्ड से.
मैं उस दिन कमीज़ सलवार में थी.
उस ने झट से मेरी सलवार का नाडा खीच लिया और सलवार झट से नीचे गिर गई.
मैंने सोचा अब यह चोदे बेगैर तो नहीं जायगा तो फिर डरना क्या. तगड़ा लण्ड है मज़ा करो देखते हैं क्या करता है यह लंबू. कॉंप्रमाइज़ में ही फ़ायदा है.
सो मैने खुद ही अपनी कमीज़ भी खोल दी.
मेरी फुल नंगी बॉडी को देख कर वो दंग रह गया और बोला – मिनी यार क्या जिस्म है आप का. मैं तो पागल हो जौंगा.
बस फिर क्या मेरे को बिस्तर पर लिटा दिया और चढ़ गया मेरे ऊपर जैसे सांड चड़ता है. लगा चाटने मेरी चूत को.
मैं हमेशा चूत के बाल साफ रखती हूँ.
वो किस्सिंग करने और चाटने लगा चूत को ऐसे की जैसे सांड, गाय की चाट रहा हो.
बोला – मिनी क्या चूत पाई है. लाल कर दी चाट चाट कर. मुझे बड़ा मज़ा आ रहा था.
फिर वो बोला – मेरा लण्ड चूस.
मैंने भी दिल भर के चूसा उस का लण्ड.
खड़ा हुआ होने की वजह से एक दम साफ़ और लाल था.
फिर जब मैं थक गई तो वो बोला – अब तैयार हो जाओ. मेरे मोटे लण्ड को लेने के लिए.
चढ़ गया ससुर ऊपर और मेरी टाँगें कंधे पर रख कर ज़ोर का धक्का मार दिया.
पूछो मत इतनी ज़ोर से घुसेड़ा था के बिना अटके सीधा जड़ तक मेरी चूत को चीरता हुया चला गया.
फिर क्या था चोद चोद कर मेरी हालत खराब कर दी.
पूरी रात चोदा उस ने मुझे, कई तरीकों से.
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