06-06-2017, 10:01 AM,
|
|
sexstories
Click Images to View in HD
|
Posts: 52,887
Threads: 4,447
Joined: May 2017
|
|
RE: चूतो का समुंदर
हेलो अंकित….
अगर तुम ये डायरी पढ़ रहे हो तो इसका मतलब ये है कि मैं इस दुनिया मैं नही रहा….
मुझे अंदाज़ा तो था कि एक दिन ऐसा आएगा ही कि जिस दिन तुम ये डाइयरी पढ़ोगे….
पर ये सारी बाते मैं खुंद तुम्हे बताना चाहता था …जो इस डाइयरी मे लिखा है….
तुम सोच रहे होगे कि मैं कौन हूँ…तुम्हे कैसे जानता हूँ और तुम्हे क्या और क्यो बताना चाहता था…???????
चलो सबसे पहले मैं अपनी असलियत तुम्हे बताता हूँ……
मेरा नाम है मोहन..और मैं……
इतने मे ही किसी ने मेरे गेट पर नॉक किया …और मैने डर से डाइयरी बंद कर दी…
डोर पर मेरे डॅड थे…..
दा- हेलो अंकित..बेटा सो रहे हो क्या..???
मैं- जी डॅड…अभी आया…
मैं जल्दी से गेट ओपन करने उठा पर मुझे याद आया कि उस इंसान ने कहा था कि किसी को कुछ पता ना चले….तो मैने जल्दी से सारे एन्वेलप को अपनी सीक्रेट कवर्ड मे रखा और जाकर गेट ओपन किया….
मैं- हाई डॅड…आप कब आए…
डॅड- हेलो माइ सोन….कम टू पापा…
मैने डॅड के गले लग गया….
मैं- डॅड ..मैने आपको बहुत मिस किया..’
डॅड- मैने भी…पर तुम तो शादी मे गये थे ना…
मैं- जी डॅड…वो रजनी आंटी के साथ…
डॅड- ह्म्म..कैसी रही शादी…???
मैं- मस्त डॅड..आपकी ट्रिप कैसी रही…
डॅड- एक अच्छी डील मिली है….सब ठीक रहा…
मैं- वाउ डॅड…मतलब अब आप यही रहोगे…
डॅड- सॉरी बेटा…बट मैं शाम को निकल जाउन्गा..एक डील होनी है…
मैं- ओह डॅड…आप भी ना
डॅड- बस बेटा ये डील हो जाए फिर 2 वीक तेरे साथ ही रहूँगा….ओके
मैं- ओके डॅड…
डॅड- वैसे तेरे एग्ज़ॅम कैसे चल रहे है…
मैं- आज पहला था…मैं संजू के साथ पढ़ाई कर रहा हूँ…अच्छा होगा…
दाद- ह्म्म…तो शाम को वही जायगा…
मैं- जी डॅड…पर आपके जाने के बाद….
डॅड- ओक…अभी चल मेरे साथ कॉफी पी ले…
मैं- स्योर डॅड- चलिए…
डॅड- मैं फ्रेश हो आता हूँ..तू भी फ्रेश हो जा…फिर कॉफी पीते है ओक
मैं- जी डॅड…
मैं रूम मे आ गया….मेरा मन तो था कि डाइयरी पढ़ लूँ…पर ऐसा कर नही सकता था…डॅड जो आ गये थे ..और मैं उस इंसान के कहे मुताबिक किसी के सामने भी कुछ नही आने दे सकता था…उसने कहा था कि मेरे दुश्मन मेरे आस-पास ही है….
मैं सोचा कि आज रहने देते है ..वैसे भी एग्ज़ॅम टाइम है ..डाइयरी मे कुछ ऐसा निकला जो मेरी टेन्षन बढ़ा दे तो एग्ज़ॅम चौपट हो जाएगे….
यही ठीक रहेगा कि मैं अभी डॅड के साथ रहूं…बाद मे देखते है….
इसके बाद मैं फ्रेश होकर नीचे गया और डॅड के साथ कॉफी पी…वहाँ डॅड ने मेरे लिए लाए गिफ्ट दिए और कुछ पेपर्स पर मेरे साइन लिए…
जब डॅड रेडी होने गये तो मैने फिर से सोचा कि क्या मैं वो सब सामान जो लॉकर मे मिला , डॅड को दिखा दूं …पर फिर मैने सोचा कि उस इंसान ने मना किया था तो उसकी मानता हूँ…
मैं कन्फ्यूज़ था कि दाद को बताऊ कि नही…फिर मैने उस इंसान की बात मानी…और चुप रहा….
एक बार मैं चेक कर लूँ फिर डिसाइड करूगा कि डॅड को बोलू कि नही….
मैने सोच ही रहा था कि डॅड नीचे आ गये और उसके बाद हमने एक और कॉफी पी और डॅड हमे बाइ कह कर निकल गये ….
मैं भी थोड़ी देर बाद सविता को बोल कर संजू के घर निकल आया…मैने सोचा कि अब कल ही वो डाइयरी पढ़ुंगा…देखते है उसमे क्या है…
जैसे ही मैं कार से निकला तो मुझे बीच रास्ते मे सोनम दिखाई दी…..वो कुछ फ्रेंड्स के साथ थी….
सोनम को देख कर मेरी पुरानी यादे ताज़ा हो गई…मैने सोचा कि आज सही मौका है…आज सोनम से सीधे-2 बात करता हूँ….आज तो आन्सर सुनकर ही जाउन्गा…
मैने जल्दी से कार साइड की और गेट ओपन किया ही था कि साला सोनम का बाप अपनी कार ले कर उसे लेने आ गया…
उसके बाद सोनम अपने पापा के साथ निकल गई …पर जाते हुए उस की नज़र मुझ पड़ पड़ी…
मुझे देखकर सोनम की आँखे खुशी से बड़ी हो गई…और वो ऐसे ही मुझे देखते हुए निकल गई…जब तक उसे मैं दिखाई दे रहा था …वो मुझे ही देखती रही…
उसके इस तरह से मुझे देखने से मुझे एक बात तो पक्की हो गई कि सोनम मुझे ना नही कहेगी….
मैने सोच लिया कि अब इसे कॉल करके मिलने बुलाउन्गा..और सारी बात क्लियर करूगा….
पर फिर याद आया कि सोनम को तो जब देखेगे तब देखेगे अभी उस टेन्षन को देखना है जो संजू के घर मे मेरा वेट कर रही है…..
मैने फिर कार स्टार्ट की और संजू के घर निकल गया….
संजू के घर आते ही मुझे नीचे हॉल मे आंटी, आंटी2 संजू और पारूल दिखाई दिए…वो सब टीवी देख रहे थे….
मेरे दिल को थोड़ी तस्सली हुई कि मुझे आते ही अनु या रक्षा का सामना नही करना पड़ा….क्योकि लास्ट नाइट उन दोनो के साथ जो हुआ उसे सोचकर मैने डिसाइड किया था कि दोनो से अकेले मे ही मिला जाए तो ठीक रहेगा…..
हालाकी रक्षा सुबह नॉर्मल ही थी…पर अनु के साथ रात को जो हुआ…उसके बाद तो उसे अकेले मे ही मिलना होगा…
मेरे आते ही आंटी ने कहा…
आंटी- आ गया बेटा…कहाँ गया था…कुछ काम था क्या…???
मैं- नही आंटी कोई खास काम नही…मैं घर गया था …तभी डॅड आ गये तो उनके साथ बातों मे शाम हो गई…
आंटी- अच्छा….तू बैठ, मैं कॉफी बनाती हूँ…
पारूल- आंटी आप बैठो , मैं बना लाती हूँ…
आंटी- ठीक है बेटा..सबकी बना लेना…
मेघा आंटी- हां बना ले…पर ठीक से बनाना …तुझे तो कभी कॉफी पीने भी नही मिलती होगी ना…
मेघा आंटी की बात पारूल को चुभि या नही पर मुझे बहुत बुरी तरह से चुभ गई…..
मैं जवाब देने ही वाला था कि आंटी ने मुझे इशारे से रुकने को कहा…और खुंद बात को संभाल लिया…
आंटी- पारूल अच्छी कॉफी बनाती है मेघा…पारूल बेटा …तू जा…कॉफी बना..
पारूल- जी…और वो किचन मे निकल गई…
आंटी- मेघा , ये सब क्या है….ऐसा क्यो बोल देती है उसे..
मेघा- तो क्या ग़लत कहा भाभी…नौकर ही तो है…
मेघा आंटी की बातों से मेरा गुस्सा बढ़ता जा रहा था..जो मेरी आँखो मे आंटी ने देख लिया…
आंटी- बस मेघा..अब उसे नौकर बोलना बंद कर….अंकित ने उसे अपनी बेहन बोला है..समझी…
मेघा आंटी- ओह…सॉरी बेटा..मेरा वो मतलब नही..था…पर फिर भी उसे सीखने मे टाइम तो लगेगा ना…..भभाई मैं अभी आई….
मेघा आंटी तो सफाई दे कर निकल गई पर मुझे तो उन पर बहुत गुस्सा आ गया था…और मैं उपर जाने लगा…तभी आंटी ने कहा..
आंटी- बेटा…यहाँ आ…मेरे साथ बैठ…
मैं मजबूर था और आंटी को मना नही कर पाया…और उनके बाजू मे जाकर बैठ गया…
मेरी आँखे अभी भी गुस्से से भरी थी….पर आंटी ने इशारे से कहा कि संजू निकल जाए फिर बात करेगे,…तभी संजू मुझसे बाते करने लगा…
हम बाते करते रहे और कॉफी भी फिनिश कर ली…कॉफी ख़त्म होने के बात संजू रूम मे पढ़ने निकल गया….और आंटी ने पारूल को किचन मे भेज दिया…
आंटी- हाँ अब बोल..
मैं- क्या बोलू…आपने सुना ना…इनको क्या प्राब्लम है…कहें तो मैं पारूल को अपने घर ले जाता हूँ…
आंटी- क्या ये तेरा घर नही…???
मीयन- ऐसा है तो पारूल के साथ ऐसा बिहेव क्यों…???
आंटी- बेटा….उसकी बात को भूल जाओ…हम सब है ना…पारूल को प्यार देने के लिए..
मैं- वो ठीक है आंटी ..पर इनको मैं माफ़ नही करूगा…
आंटी- मैने कब कहा कि माफ़ कर दे….
मैं- तो फिर बताओ की मैं इन्हे कैसे जवाब डू….
आंटी- मेरी बात मानेगा..
मैं- कहिए…
आंटी- तू इसकी गान्ड फाड़ दे..
मैं- आंटी, आप ये ….कैसे….
आंटी- चौंक मत…इसकी गान्ड मार ले…डाल दे अपना तगड़ा हथियार इसकी गान्ड मे…
मैं- ऐसा होगा कैसे…वो क्या रंडी है..जो मैं बुलाऊ और वो आ जाए….
आंटी- नही है तो बना दे ना…
मैं- आंटी..आप ठीक तो है…इतनी तेज औरत है वो….उन्हे ऐसे कैसे पटा लूँ…
आंटी- वो मैं बताती हूँ…
मैं- तो बताओ…
आंटी- यहाँ नही ..मेरे रूम मे चल..
मैं- आंटी…कोई हरकत मत करना…
आंटी- हाँ रे…चल तो सही…
मैं- ओके चलो…
जैसे ही मैं आंटी के साथ उनके रूम मे गया तो आंटी ने रूम को अंदर से लॉक कर दिया….
मैं- आंटी…ये क्या…सब है घर पर….कुछ तो समझा करो…
आंटी- मैं कुछ नही करूगी….टेन्षन मत ले ..मैं संभाल लूगी….
मैं- ओके..अब बोलो..
आंटी मेरी बात ना सुनते हुए बेड पर लेट गई और मुझे अपने उपर खीच लिया…मैं सीधा आंटी के उपर आ गिरा और मेरा सिर उनके बड़े-बड़े बूब्स पर आ गया…
मैं- ओह हो आंटी…आप नही सुधरोगी ना…
आंटी- अरे बेटा लेटने मे क्या प्राब्लम है…अब आराम से बात करते है ना…
मैं(मुस्कुरा कर)- ह्म्म..क्यो नही…अब बोलो…उस साली को कैसे अपनी रंडी बनाऊ…
आंटी- उसके लिए तुम्हे आज रात को मुझे चोदना पड़ेगा,….
मैं- क्या…????
आंटी- मैं सच कह रही हूँ…
मैं- उससे क्या होगा…
आंटी- उससे ये होगा कि वो साली तेरा लंड अपनी चूत मे और गान्ड मे लेगी…अपनी मर्ज़ी से…
मैं- आप पागल हो गई हो ….चेक करवाओ अपना माइंड…
आंटी- अरे बेटा मैं सच कह रही हूँ….
मैं- कैसा सच..आपको चोदने से वो कैसे मान जाएगी…
आंटी- इसके लिए तू मेरी पूरी बात तो सुन....
मैं- तबसे सुन ही तो रहा हूँ और अब मेरा मन ये बूब्स चूसने को कर रहा है…
आंटी- तो चूस ले ना बेटा…और चूस्ते हुए मेरी बात सुन…
मैं- ह्म्म्म..पर बात क्या है…
आंटी.- सब बताती हूँ…पहले तेरी प्यास बुझा दूं….
|
|
|