Chuto ka Samundar - चूतो का समुंदर
06-08-2017, 11:37 AM,
RE: चूतो का समुंदर
सरद के घर..........

घर की डोरबेल को बार-बार बजा कर कोई गेट को ज़ोर-ज़ोर से पीट रहा था...और साथ मे सरद का नाम ज़ोर से चिल्ला रहा था....

सरद तो घर मे था नही...पर उसकी बीवी और बेटी इन आवाज़ो को सुन कर सहम गई ....

बड़ी मुस्किल से सरद की बीवी मोहनी ने अपने आप को मजबूत किया और गेट ओपन किया...सामने वसीम खड़ा था...

मोहिनी- तुम...

वसीम(बीच मे ही चिल्ला कर)- सरद कहाँ है...कहाँ है वो...

मोहिनी- म्म..मुझे नही पता...पर हुआ क्या...

वसीम- नही पता मतलब...कहा गया वो...

और वसीम पूरे घर के रूम्स को चेक करने लगा...वसीम के पीछे मोहिनी और मोना भी चल रही थी...मोहिनी बार-बार वसीम से गुस्से की वजह पूछती रही पर वसीम तो अपनी ही धुन मे था....


वसीम(एक रूम को देख कर)- यहाँ भी नही...कहाँ गया साला....

मोहिनी- पता नही...कुछ देर पहले ही निकल गये....

वसीम- कहाँ गया...

मोहिनी- बोला ना ...नही पता...पर हुआ क्या...

वसीम- जो भी हुआ...ठीक नही हुआ...अब मैं उसे छोड़ूँगा नही....समझी...

मोहिनी(झल्ला कर)- पर ये तो बताओ कि हुआ क्या...

वसीम- तुझे बताने की ज़रूरत नही...बस इतना समझ ले कि अब सरद के दिन पूरे हो गये...

मोहिनी- तुम...तुम शांति से बैठो तो...और बताओ कि सरद ने किया क्या...

वसीम- मेरे पास वक़्त नही ...मुझे पता है वो कहाँ होगा...हट जाओ...आज मैं उसे छोड़ूँगा नही...

और वसीम मोहिनी को साइड करके वापिस निकल गया....

वसीम के जाते ही मोना सहमी हुई अपनी माँ के पास आई और उसके गले से चिपक गई...

मोना- मोम...ये सब हो क्या रहा है...

मोहिनी- पता नही बेटी...यू अचानक से वसीम को क्या हो गया...

मोना- मोम...एक बात सच-सच बताओगी...

मोहिनी- हाँ बेटी...पूछो...

मोना- आज डॅड ने आपसे ये क्यूँ कहा कि आप उनकी बीवी नही...

मोना के मुँह से ये बात सुन कर मोहिनी सन्न रह गई...वो नही चाहती थी कि मोना को इस राज के बारे मे कुछ भी पता चले...

मोना- बोलो मोम...क्या ये सच है....

मोहिनी(सर झुका कर)- ह्म्म...

मोना- तो क्या...सरद मेरे डॅड नही...

मोहिनी(सिर हिला कर)- नही बेटा....

मोना(हैरानी से)- तो...तो कौन है मेरे डॅड....और कहाँ है वो...क्या वो...

मोहिनी(बीच मे)- वो इस दुनिया मे नही रहे बेटा....

मीना(नम आँखो से)- क्या....इसका मतलब...मैं अपने डॅड को कभी देख भी नही पाउन्गी...

मोहिनी- नही मेरी बच्ची....तुम्हारे डॅड हमे छोड़ कर जा चुके है...सॉरी बेटा...सॉरी...

मोना- नही मोम ...आपके सॉरी कह देने से कुछ नही होगा....आपने मुझसे सच छिपा कर अच्छा नही किया...और उससे भी बुरा ये कि आपने सरद को चुना....जिसने ना सिर्फ़ आपको बल्कि मुझे भी एक रंडी बना डाला...

मोहिनी- मोना....

मोना- हाँ मोम...हम दोनो ही रंडी बन कर रह गये...जब जिसका जी चाहा...उसने हमे यूज़ किया....और मैं पागल ये सोचती रही कि मेरे डॅड खुले विचारों के है...सेक्स को लाइफ का एक प्यारा पार्ट मानकर एंजाय करते है...पर सच तो ये है कि उनके लिए हम बीवी या बेटी थी ही नही...बल्कि दो रखेल थी हम...


मोहिनी- मोना...(और मोहिनी ने मोना को एक जोरदार थप्पड़ मार दिया)

मोना(गाल पकड़ कर)- वाह मोम वाह...सच सुनते ही गुस्सा आ गया...काश ये थप्पड़ उस दिन मारा होता जब पहली बार मैं सरद के साथ हमबिस्तर हुई थी...तो आज मेरी लाइफ ऐसी ना होती...

मोहिनी ने थप्पड़ तो मोना को मारा पर खुद रोने लगी....

मोना- अब आपके रोने से क्या होगा मों...कुछ भी नही....आपने अपनी लाइफ तो बर्बाद की ही...साथ मे मेरी लाइफ को भी बदतर बना दिया....

मोहिनी(रोते हुए)- मैं मजबूर थी मेरी बच्ची....और मैं मजबूरी मे ये पाप करती रही...मुझे माफ़ कर दे...पल्लज़्ज़्ज़्ज़....

मोना(मोहिनी के कंधे पर हाथ रख कर)- मोम....क्या मैं जान सकती हूँ कि आपकी वो मजबूरी क्या थी...और प्ल्ज़...मुझे मेरे रियल डॅड के बारे मे बताओ मोम..

मोहिनी(सुबक्ते हुए)- ह्म्म...बताती हूँ बेटा...सब बताती हूँ....

जैसा कि तुम जानती ही हो कि मेरी सारी फॅमिली जल कर ख़त्म हो गई थी...जिसका इल्ज़ाम आज़ाद पर लगाया गया था....

पर मैने कभी इस बारे मे नही सोचा...सब किस्मत का खेल मान कर जिंदगी को नये सिरे से जीना सुरू कर दिया....

मेरी मौसी ने मुझे सहर मे पढ़ाया और मेरी अच्छी परवरिश की...वही पर मुझे एक सरीफ़ लड़का मिला...जिसका नाम मोहित था...

पहले हमारी दोस्ती हुई...फिर प्यार....और जब मौसी को इस बारे मे पता चला तो उन्होने भी हमारे रिश्ते को सहमति दे दी और मेरी शादी मोहित से हो गई....

हम दोनो बहुत ही प्यार से अपनी लाइफ जी रहे थे...मोहित बहुत ही सरीफ़ थे...पर वो बड़ा आदमी बनने के बारे मे सोचते रहते थे...

इसी लिए हमने शादी के 2 साल तक कोई बच्चा नही किया...फिर तुम्हारे डॅड का बिज़्नेस सेटल हुआ तो हमने बच्चा प्लान किया...और तुम मेरी कोख मे आ गई....

इस बात से हम दोनो खुश थे....और हम दोनो अपने होने वाले बच्चे के लिए दिन रात सपने देखने लगे...मोहित ने भी ज़्यादा मेहनत स्टार्ट कर दी...वो हमारे बच्चे को एक खुशाल जिंदगी देना चाहते थे...

सब कुछ अच्छा चल रहा था....तुम्हे मेरे पेट मे 7 महीने हो चुके थे...2 महीने बाद हमारी लाइफ मे खुशिया बढ़ने वाली थी...

पर शायद उपेरवाले को ये मंजूर ना था...हमारी खुशियों को किसी की नज़र लग गई...और एक दिन अचानक मोहित को हार्ट अटॅक आ गया और वो दुनिया से चले गये....

मोहित की मौत के बाद मैं टूट चुकी थी...दिल तो किया कि मैं भी मर जाउ...पर फिर अपने बच्चे का सोच कर मैने जीने का तय किया....

पर बेटी...ये दुनिया एक अकेली औरत को हवस की नज़रों से देखती है...मेरे साथ भी ऐसा ही हुआ....

मोहित के जाने के बाद मुझे भी कई मुस्किलों का सामना करना पड़ा....उपेर से मेरा आख़िरी महीना चल रहा था...जिससे मैं ज़्यादा ही परेशान थी....

ऐसे वक़्त मे मेरी लाइफ मे सरद आया....वो एक फरिश्ते की तरह मेरी जिंदगी मे आया....

उसने तब मेरा हाथ थामने की पेस्कश की जब सारी दुनिया मुझे बाजारू बनाने पर तुली हुई थी...

तब मुझे वो बहुत अच्छे लगे...उनकी सराफ़त...उसका पेशकस करने का तरीका ..सब कुछ ...इसलिए मैने उन्हे हाँ बोल दिया....

मैने सोचा कि मुझे और मेरे बच्चे को एक सहारा मिलेगा...और मिला भी...

पर जब तू जवान हो गई तब सरद ने अपना असली रंग दिखाया.....उसने मुझे तो पहले ही दूसरे के साथ सुला दिया था....पर जब उसने तुम्हारे साथ सोने की पेशकश की तो मैं आग-बाबूला हो चुकी...

पर उसने मुझे ये कह कर मजबूर कर दिया कि वो तुझे सब सच बता देगा और हमे छोड़ देगा....

मैं चाहती तो उससे अलग हो जाती...पर जब मैने देखा कि तुझे कोई प्राब्लम नही तो मैने भी चुप रहना ठीक समझा.....और फिर हम दोनो मर्दो के हाथ का खिलोना बन गये......


ये कह कर मोहिनी टूट कर रोने लगी और मोना उसे संभालने लगी.....

मोहिनी- मुझे माफ़ कर दे मेरी बच्ची...माफ़ कर दे...

मोना- नही मोम...आप अकेली ग़लत नही...मैं भी ग़लत हूँ...प्ल्ज़ मोम...चुप हो जाइए..प्ल्ज़ ..

और फिर दोनो माँ बेटी आपस मे चिपक कर रोने लगी...करीब 2 घंटे तक दोनो चिपकी हुई एक दूसरे को संभालती रही...रूम मे खामोशी छाइ थी...

तभी फ़ोन की घंटी बजी जिससे दोनो माँ-बेटी होश मे आई.....और मोनिनी ने रिसेवर उठाया....और सामने से आवाज़ आई....

""सर....पोलीस मेरे पीछे है...मैं नही बच पाउन्गा...आप भी भाग जाओ...शायद मैं ज़्यादा देर तक मुँह बंद ना रख पाउ...भाग जाओ सर...भाग जाओ...""

इसके बाद कॉल कट हो गया और मोहिनी घबरा गई. .

मोना- क्या हुआ मोम...कौन था...

मोहिनी ने सब कुछ मोना को बता दिया...

मोना- ओह नो...डॅड ने क्या कर दिया ऐसा....

मोहिनी- पता नही...पर कुछ तो ग़लत हुआ है...तभी वसीम भी गुस्से मे आया था...पता नही वो कहाँ होंगे....

मोना- शायद मैं जानती हूँ कि वो कहाँ मिलेगे....

मोहिनी- कहाँ बेटा...

मोना- चलिए मेरे साथ...

और फिर दोनो घर से निकल गये.......

मैं रिया और उसकी सहेली को ले कर सीक्रेट हाउस ले कर उसकी सहेली के घर गया और उसे ड्रॉप कर के रिचा के घर निकल गया.....

रिचा के घर पहुँच कर मैने रिया को प्लान समझाया और उसे वही छोड़ दिया और कुछ देर वेट करने के बाद रिचा के घर की डोरबेल बजा दी.......
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