Chuto ka Samundar - चूतो का समुंदर
06-05-2017, 02:29 PM,
#91
RE: चूतो का समुंदर
जब हमने किस कर लिया …तो हम बियर पीते हुए बाते करने लगे…


कामिनी-आहह…आज तो तुमने मार ही डाला…

मैं-अच्छा…फिर भी तुमने हार नही मानी क्यो..

कामिनी-हाँ....ऐसे कैसे हार मान जाती....खातिरदारी पूरी करने का जो बोला था...

मैं-ह्म्म....तो मज़ा आया..*???

कामिनी-हाँ…..बहुत मज़ा आया….एक साथ मे इतनी बार कभी नही झड़ी…


मैं-ह्म्म..तो अब तो मन भर गया ना…

कामिनी-मन तो नही भरा…अभी मन तो बहुत कुछ माँग रहा है…पर..

मैं-पर क्या..???

कामिनी- मेरे घर शादी जो है…आज रात मे बहुत काम है….नही तो…

मैं-नही तो..???

कामिनी(मेरे लंड की तरफ इशारा कर के)-नही तो इसको छोड़ती नही…

मैं-अच्छा…इतनी चुदाई के बाद भी…???

कामिनी—हाँ….बिल्कुल…मेरी चूत ने इस लंड का स्वाद नही चखा अभी..

मैं-जब तुम्हारी गंद फट गई मेरी चुदाई से तो सोचो चूत का क्या होता…

कामिनी-जो होता सो होता…मज़ा तो आता…

फिर हम दोनो हँसने लगे…ऑर कामिनी ने कहा

कामिनी-वैसे कितनी टॅबलेट खाई थी..???

मैं(मन मे )साली को पता चल गया…

कामिनी-बोलो ..???

मैं-टॅबलेट ..कैसी टॅबलेट..???

कामिनी-अरे मेरे राजा…वही टॅबलेट जो दीपा ने तुम्हे दी थी…समझे..

मैं-अच्छा तो ये प्लॅनिंग आपकी है…

कामिनी-हां…मैं चाहती थी कि मेरी दम से ठुकाई करो तुम..

मैं-वो तो मैं बिना टॅबलेट के कर सकता हूँ…दीपा ने बताया नही..???

कामिनी-हाँ..दीपा ने बताया ऑर रजनी ने भी.....तुम चुदाई लंबी ही करते हो...

मैं-फिर ये टॅबलेट का क्या ड्रामा है..*??

कामिनी-अरे टॅबलेट से तुमने ज़्यादा चुदाई की....इतनी की मैं 2 दिन चुदने की सोच भी नही सकती..

मैं-अभी तो कह रही थी की चूत बाकी है अब क्या हुआ..

कामिनी-अरे मन की बात बोली थी पर बॉडी साथ नही देती ना….इतनी ठुकाई हुई है ऑर उपर से अभी काम भी है तो 2 दिन तो रेस्ट बनता है..

मैं-तब तो चूत रह जाएगी….मैं तो चला जाउन्गा…

कामिनी-अरे जाओगे कहाँ…हम भी वही रहते है…आपके पास आ जाएँगे….ऐसे पीछा नही छोड़ेगे..

मैं-अच्छा पर मेरे पास आने की कीमत होती है…

कामिनी-हाँ…दीपा ने कहा था मुझसे…

मैं-तो फिर…क्या सोचा..

कामिनी-कीमत तैयार है…..बस इंतज़ार है सही वक़्त का..

मैं(हँसते हुए)-ओके...तब ठीक है....मैं इंतज़ार करूगा...

कामिनी-वैसे लंबी चुदाई की तरह बियर भी बहुत पी जाते हो…

मैं-हाँ…चुदाई के साथ बियर का नशा नही होता …तो पी लेता हूँ…पर अब तो मुझे भी रेस्ट की ज़रूरत है…

कामिनी-हाँ बिल्कुल…आप रेस्ट करो..रात मे जागना भी तो है….शादी जो है…

मैं-ह्म्म्म..


ऐसे ही हम बियर पीते हुए बाते कर रहे थे कि कामिनी की नौकरानी आ गई ऑर बोली

नौकरानी-मेडम ,,,,सॉरी,,,वो आपको अंदर बुला रहे है…

कामिनी-ओके..तुम जाओ..मैं आती हूँ..

मैं तो सोच रहा था कि नौकरानी ने हम दोनो को नंगे ही देख लिया तो कामिनी भड़केगी उस पर ....पर वो तो कुछ नही बोली....शायद वो भी जानती होगी कि कामिनी चुदक्कड़ औरत है...

मैं-चलो मैं भी थोड़ा रेस्ट कर लूँ…

कामिनी-ओके..चलिए…

इसके बाद हम ने अपने कपड़े पहने ऑर प्राइवेट पूल से बाहर आ गये…कामिनी मुझे किस कर के बाद मे मिलने का बोल के निकल गई ओर मैं फिर गार्डेन मे घूमने लगा…...


मैं घूमते हुए सोच रहा था कि अब क्या करू…मन तो कह रहा था कि आंटी को कॉल करू ऑर उनके साथ मस्ती करूँ बट बॉडी रेस्ट माँग रही थी….ऑर रात मे भी तो जागना है…

यही सोच कर मे पूल से बापिस हवेली की तरफ आने लगा…ऑर फिर मुझे मनु का ख़याल आया कि मनु आई ही नही…मतलब मेरी डाल नही गली मनु के साथ….फिर सोचा कोई नही…मनु को देखेगे बाद मे…

फिर मुझे चलते हुए उस लड़की का ख्याल आया…जो मुझे कामिनी की गंद मारते हुए देख रही थी….

मैं सोचने लगा कि क्या वो कोई गेस्ट है या इसी फॅमिली की कोई लड़की है….पता नही पर लड़की सच मे खूबसूरत थी…

मैने ज़्यादा तो नही देखा पर मस्त माल लग रही थी…शायद उससे फिर मुलाक़ात हो जाए…

मैं ये सब बातें सोचते हुए रूम की तरफ जा ही रहा था कि मुझे आंटी और दीपा मिल गई…


आंटी-अरे बेटा किस सोच मे हो जो हमें देखा भी नही

मैं-अरे नही आंटी कुछ नही…मैं बस थक गया था तो रेस्ट करने जा रहा हूँ..

दीपा-हां..थकोगे क्यो नही…आज तो कामिनी की फाड़ ही डाली

आंटी-सच मे…क्यो बेटा उस कुतिया की फाड़ दी..???

मैं-ह्म्म..

दीपा-अरे रजनी….मैने इसे टॅबलेट दे दी थी …वही वाली

आंटी-अरे मेरा बेटा तो बिना टॅबलेट के ही फाड़ देता है,…तुझे नही पता क्या

दीपा-हाए मेरी जान ..मुझे तो सब पता है…मैं भी गंद फड़वाने को घूम रही हूँ..पर तुम्हारा बेटा फाड़ता ही नही…

आंटी-सुना बेटा…अब इस कुतिया की भी फाड़ देना..

ऑर आंटी हँसने लगी…साथ मे दीपा ऑर मैं भी हँसने लगे..

मैं-आंटी…अब थोड़ा रेस्ट कर ले..रात मे शादी है…
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06-05-2017, 02:29 PM,
#92
RE: चूतो का समुंदर
आंटी-हाँ..हम भी रूम मे जा रहे थे….चलो....

ऑर हम तीनो रूम की तरफ चलने लगे..

मैं-आंटी…वैसे आपने किसके साथ ..???

आंटी-बेटा अब इस जिस्म को तुम्हारी मर्ज़ी के बिना कोई मर्द छु भी नही सकता…

दीपा-ऑर हां..मेरी बॉडी को भी

मैं-तो क्या…आप दोनो ऐसे ही बैठे रहे..मस्ती नही की..

आंटी-की बेटा बिल्कुल की…पर हाँ... हम ने बिना मर्द के मस्ती की

मैं-वो कैसे

दीपा-डीटेल बाद मे कभी सुनना..बस ये सुन ले कि हम ने आपस मे एक-दूसरे को ठंडा किया..

मैं-आप दोनो ने...??

आंटी-अरे वो रिचा भी थी ऑर एक गेस्ट भी मिल गई थी...

दीपा-फिर हम ने आपस मे एक-दूसरे को चूस कर ठंडा कर दिया…

मैं(दोनो के गले मे हाथ डाल कर)-ओह मेरी रानियों....मेरी वजह से तुम दोनो बिना लंड के मस्ती करती रही...सो..सॉरी

आंटी- अरे बेटा सॉरी मत बोल....हम तेरे लिए कुछ भी कर लेगे...क्यो दीपा...???

दीपा-हाँ बिल्कुल...


उसके बाद मैने दोनो को गले से लगाया ऑर किस किया...ओर ऐसे ही बातें करते हुए हम रूम तक पहुच गये....…

वहाँ दीपा और आंटी अपने रूम्स मे चली गई ऑर मैं अपने रूम मे आ गया…

रूम मे आते ही मैने हमेशा की तरह कपड़े निकाले ऑर बेड पर जा कर सो गया……...
कामिनी की दमदार चुदाई ने मुझे थका दिया था…ऑर साथ मे टॅबलेट खाने से ज़्यादा चुदाई भी हो गई थी…उसका असर अब मेरी बॉडी पर हो रहा था….

इसी वजह से मुझे मस्त नीद आई …ऑर 2-3 घंटो की नीद ले कर जैसे ही मैं उठा…तो मुझे याद आया कि रात हो चुकी है ऑर आज तो शादी है यहाँ…

मैं सोच रहा था कि आज शादी मे जाने के लिए कोई मुझे बुलाने क्यो नही आया…ना ही आंटी ऑर ना ही दीपा

क्या ये लोग अपने आप मे इतने मस्त हो गये कि मेरी परवाह ही नही कि मैं कहाँ हूँ, क्या कर रहा हूँ..???

मुझे ये सोच कर आंटी और दीपा पर गुस्सा आ रहा था..ऑर गुस्से मे भरा हुआ ही मे बाथरूम मे घुस गया…

बाथ रूम मे जाकर मैं फ्रेश हुआ ऑर नाहया….ऑर नहाते हुए भी मैं आंटी ऑर दीपा के लिए गुस्सा होता रहा…

नहाने के बाद मैं टॉवेल लपेटे हुए रूम मे आया तो मेरा फ़ोन रिंग कर रहा था…

मैने सोचा कि ये ज़रूर आंटी या दीपा का कॉल होगा….अब आई है मेरी याद…

पर मैने जैसे ही फ़ोन उठाया तो मैं ग़लत साबित हो गया…ये तो मनु का कॉल आ रहा था…

मैने सोचा कि साली इसने आन्सर तो दिया नही ऑर ना ही बिकनी मे मेरे सामने आई…मतलब इसके मन मे मेरे लिए कुछ भी नही…

तो मुझे कॉल क्यो कर रही है…

फिर सोचा देखते है…बात तो करूँ…

( कॉल पर)

मैं-हेलो

मनु-हाई…आप जाग गये…

मैं-ह्म्म….तो आपने ये पूछने फ़ोन किया कि मैं जगा कि नही

मनु-हाँ….इसी लिए किया था

मैं-आपको क्या पड़ गई मुझसे पूछने की…आप तो…

मनु(मेरी बात काट कर बोली)-देखिए मैं सिर्फ़ पूछ रही थी कि आप जागे या नही….ऑर कुछ नही

मैं(गुस्से मे)-हाँ..जाग गया ..ऑर ना भी जागता तो आपको क्या..???

मनु-मुझे कुछ नही…मुझे तो आपकी आंटी ऑर दीपा बोल गई थी कि इस टाइम आपको जगा दूं…बस

मैं-क्यो वो दोनो कहाँ गई जो आपको तकलीफ़ दे दी

मनु-वो दोनो कामिनी के साथ किसी काम मे बिज़ी है….शायद कॉल ना कर पाए इसलिए मुझसे कहा था…

मैं-ओके…मैं जाग गया….ऑर हाँ..थॅंक्स…

मनु-थॅंक्स की कोई ज़रूरत नही…मैने बस अपनी फरन्ड के कहने से कॉल किया..

मैं-तो सॉरी…जो आपको मुझे जगाने के लिए , कॉल करने का कष्ट करना पड़ा..
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06-05-2017, 02:30 PM,
#93
RE: चूतो का समुंदर
मनु(चुप रही)

मैं-हेलो…रख दिया क्या,…??

मनु-नही ..अब रखती हूँ…बाइ

मैं-एक मिनिट सुनो तो…

मनु- हाँ बोलिए…

मैं-मैने कुछ पूछा था…हाँ नही तो ना ही बोल दीजिए…क्लियर तो हो जायगा…

मनु-मैं रखती हूँ..आप रेडी हो कर नीचे आ जाना..बाइ


इससे पहले की मैं कुछ बोल पाता …मनु ने कॉल कट कर दी ओर मुझे फिर से टेन्षन दे दी…

मुझे ये समझ मे नही आ रहा था कि ये मनु आख़िर चाहती क्या है…ना तो ये हाँ बोल रही है ऑर ना ही ये मुझे मना कर रही है……आख़िर चल क्या रहा है इसके माइंड मे…

फिर मैने सोचा की मनु को तो बाद मे समझ लेंगे अभी रेडी हो लिया जाए…शादी मे जाने को…

इसके बाद मैं मस्त तरीके से रेडी हुआ…1 शानदार सूट पहना ऑर ढेर सारा बॉडी डियो लगाया….ऑर अपने आप को देख कर बोलने लगा…

मैं(आईने के सामने)-ह्म्म…पर्फेक्ट….बंदा है तो मस्त….आज तो शादी मे छा जायगे…हाहहहहा


मैं अपने ही आप से अपनी तारीफ करने के बाद रूम से बाहर आ गया ऑर नीचे की तरफ चल दिया…

नीचे की तरफ जाते हुए मुझे वो लड़की दिखाई दी जिसे मैने सोनू के साथ चुदाई करते हुए देखा था…ऑर सोनू उसे दीदी कह कर बोल रहा था…

वो लड़की वेस्टर्न लहगा पहने हुए थी….अच्छा सा मेक अप…मॅचिंग ज्वेल्लेरी…सच मे बड़ी प्यारी लग रही थी…


मैने सोचा कि ये इतनी सुंदर है ऑर काम ऐसे….अपने भाई से चुद रही है…फिर मैने सोचा कि इसमे सुंदरता और चुदाई का क्या संबंध....

मैं भी हॅंडसम हूँ…सरीफ़ दिखता हूँ..पर मैं भी तो अपने से बड़ी औरतों को और दूसरो की बिबीयों को चोदता हूँ…और तो और…अपने खास दोस्त की माँ और बेहन को भी चोदता हूँ…तो क्या मैं सही हूँ..????

ये सोच कर मैने तय किया कि छुदाई चीज़ ही ऐसी है कि कई लोग रिश्तों को भूल जाते है….

सोचतटे हुए मैं उस लड़की के पास पहुच गया ऑर मैने देखा कि वो किसी का वेट कर रही है…

मैं-हेलो

लड़की-उम्म..हेलो…आप..??

मैं-माइ नेम ईज़ अक…मैं रजनी आंटी के साथ आया हूँ..आप जानती होगी शायद…

लड़की-ओह हाँ…वो तो कामिनी बुआ की खास सहेली है….

मैं-ओह…तो कामिनी जी आपकी बुआ है…??

लड़की-हाँ…मेरा नाम सोनम है…मैं भी उसी शहर मे रहती हूँ…जहाँ से आप आए है…


मैं-ओह अच्छा…वैसे आप करती क्या है..???

सोनम-मैं कॉलेज मे हूँ….

मैं-ओह ओर आपके मम्मी डेडी…वो आए हुए है…???

सोनम-हाँ बिल्कुल…आप मेरी मम्मी से तो मिल चुके है ना…


मैं-सॉरी…पर मैं नही जानता …आप किसकी बात कर रही है..??

सोनम-अरे वो उस दिन आप साथ मे बैठे थे ना ,,,,नाश्ते की टेबल पर….

मैं-हाँ..पर वहाँ तो दो आंटी थी…आपकी मम्मी…???

सोनम-अरे सुषमा…वो मेरी मम्मी है…ऑर पायल मेरी मौसी है….ऑर हाँ मेरा भाई भी तो था वहाँ…सोनू

मैने जैसे ही सोनम की मम्मी ऑर भाई के बारे मे सुना तो मैं सोचता रह गया कि इतनी अच्छी लड़की….जो चाहे तो 1 मिनिट मे बाय्फ्रेंड बना ले..आख़िर अपने ही भाई से क्यो चुद रही है…फिर सोचा जाने दो…अपनी -2 पसंद…क्या कर सकते है

सोनम-हेलो..क्या सोचने लगे..

मैं- वो..मैं..वो..सोच रहा था कि आंटी लोग दिखाई नही दे रही…

सोनम-वो सभी आंटी लोग कामिनी बुआ के रूम मे है …कुछ काम चल रहा है शायद…


मैं-अच्छा…ऑर हाँ..आप यहाँ…अकेली.....मतलब किसी का वेट कर रही है क्या…????

सोनम-अरे हाँ…मैं वो दीदी..आइ मीन कामिनी बुआ की लड़की है ना…मेरी दीदी…उनका वेट कर रही हूँ…वो रेडी हो कर आती ही होगी…

मैं-ओह अच्छा…वैसे आप इस ड्रेस मे बहुत खोबसूरत दिख रही है…

सोनम-आप मेरे साथ फ्लर्ट तो नही कर रहे ना…???

मैं-वो मैं तो बस यू ही…

सोनम-हहेहेहहे…अरे आप तो डर गये मैं तो मज़ाक कर रही थी…

मैं-ओह..आपने तो डरा ही दिया था…पर मैने सच कहा …आप सच मे अच्छी लग रही हो…ऑर हाँ मैं फ्लर्ट नही कर रहा था बस…

सोनम-अरे छोड़िए ना…आप जैसे हॅंडसम लड़के फ्लर्ट नही करेगे तो कौन करेगा..हाँ

मैं-हॅंडसम ऑर मैं..???...क्यो टाँग खीच रही है..

सोनम-मैं सच बोल रही हूँ…आपकी गर्लफ्रेंड ने नही बताया…

मैं-सॉरी..इस मामले मे मैं अनलकी हूँ…मेरी कोई गर्लफ्रेंड है ही नही..
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06-05-2017, 02:30 PM,
#94
RE: चूतो का समुंदर
सोनम-सो सॅड…पर अनलकी आप नही…वो लड़किया है जो आपकी गर्लफ्रेंड नही है…

मैं-अच्छा….ऐसा क्या..

सोनम-जी हां…

मैं-वैसे सोनम जी आपका बाय्फ्रेंड तो बहुत लकी होगा ना…

सोनम- ऐसा क्यो ..???

मैं-अरे इतनी प्यारी गर्लफ्रेंड जिसकी हो वो लकी ही होगा…

सोनम-सॉरी …आपकी तरह इस मामले मे मैं भी अनलकी हूँ…नो बाय्फ्रेंड

मैं-हो ही नही सकता…आप इसनी सुंदर है कि कोई भी लड़का एक नज़र देख कर ही आपको प्रपोज़ कर दे

सोनम(शरमाते हुए)-हट..इतनी भी अच्छी नही दिखती…

मैं-अच्छा ..अभी बताता हूँ….

और उसके बाद मैने सोनम की आँखो मे देखते हुए कहा कि..

मैं-सोनम जी …आप मेरी गर्लफ्रेंड बनोगी….आइ रियली लाइक यू

सोनम का मुँह खुला का खुला रह गया …वो कुछ भी नही बोली…बस मुझे देखती रही…

मैं सोनम के आन्सर का वेट कर रहा था कि अब ये क्या कहेगी …इतने मे किसी ने रूम के अंदर से सोनम को आवाज़ देना चालू किया…ओर तब जाकर सोनम होश मे आई ऑर बोली


सोनम-मैं…वो…दीदी…मैं….जाती हूँ…वो बुला रही है…

मैं-जी आपको मैं रोक नही सकता…पर मैने अपने दिल की बात कही है आपसे…आगे आपकी मर्ज़ी…

सोनम-मैं जाती हूँ..बाइ…

मैं(पीछे से)-सोचिएगा ज़रूर…

ऑर मैं आगे कुछ कहता उससे पहले सोनम रूम मे एंटर हो कर रूम को बंद कर देती है....ऑर मैं अकेला खड़ा रह गया.......


खड़े हुए मैने सोचा कि मैने अभी-2 जो किया ...वो सही किया..???

मैने थोड़ी देर उसके इंतज़ार मैं खड़ा रहा कि शायद वो आ जाय पर वो नही आई....

और थोड़ी देर खड़े रहने के बाद मैं नीचे की तरफ निकल गया ऑर सोचने लगा कि ये मैं क्या करके आ गया….प्रपोज…पर क्यो…????

पता नही मुझे क्या हो गया था,,,,मैं जानता था कि सोनम अपने भाई से चुदती है फिर भी मैं उसके चेहरे की मासूमियत मे इतना खो गया कि उसे प्रपोज ही कर दिया…

पता नही सोनम क्या सोच रही होगी मेरे बारे मे कि पहली बार मिला ओर सीधा प्रपोज…क्या लड़का है…

ऑर मैं अपने आप से बाते करते हुए ऑर अपने आप पर हँसते हुए…हवेली के बाहर गार्डेन मे आ गया…….

वहाँ मेरे सामने जो खड़ा मिला उसे देख कर मैं अपने होश ही खो बैठा ऑर बस एक नज़र उसे ही देखने लगा….


मेरे सामने मनु खड़ी हुई थी …और मैं नज़र गढ़ाए हुए उसे देखने लगा…

क्या बताऊ दोस्तो कितनी सुंदर लग रही थी वो…..उसने शाइनिंग ब्लू साड़ी पहनी हुई थी ….साथ मे स्लीब्लेस्स ब्लाउस…होंठो पर शाइन मारती पिंक लिपस्टिक…ओह माँ....

मैं तो मनु को देख कर ही बेसूध सा हो गया…मैं उस समय ये भूल गया था कि मनु भी आंटी की आगे के बराबर ही है…ऑर शादीशुदा है…

मैं तो उस समय यही सोच रहा था कि क्या लड़की है…अगर ये हाँ बोले तो अभी शादी कर लूँ…

मनु मुझे ऐसे घूरते हुए देख कर शरमा गई और बोली..

मनु-हेलो….क्या हुआ…???

मैं(ख्यालो से बाहर आ कर)-म्म..मुझे ..कुछ नही….क्या होना था…

मनु-तो फिर ऐसे क्या घूर रहे थे…???

मैं-क्या बताऊ…तुम चीज़ ही ऐसी हो कि सामने आती हो तो होश उड़ जाते है….

मनु(शरमा जाती है)-अच्छा…झूट अच्छा बोल लेते हो..

मैं-झूट..???...बिल्कुल नही , किसी से भी पूछ लो...रूको अभी किसी से पूछता हूँ…

ऑर मैं किसी को ढूँढने का नाटक करने लगा…

मनु-ओके..ओके…मान लिया…किसी से पूछने की ज़रूरत नही….

मैं-मानती हो ना...तुम सच मे बेहद खूबसूरत दिख रही हूँ...

मनु(शरमा जाती है)-अब बस भी करो…

मैं-कैसे बस करू.....मेरे दिल मे तुम बसती ही जा रही हो...ऑर तुम तो मेरे बारे मे सोचती भी नही...

मनु(चुप खड़ी रही)-

मैं-क्या हुआ...बोलो ना...

मनु(बिल्कुल चुप, बस मेरी बात सुन रही थी)

मैने पास जाकर मनु का हाथ पकड़ा तो मनु सिहर उठी ओर फिर मैने उसके हाथ पर किस कर दिया…मेरे किस करते ही मनु का पूरा बदन काँप गया ऑर उसके मुँह से सिसकी निकल गई…

मनु-उम्म्म्मह..

मैं-आइ लव यू…

मनु-(बस मुझे देख रही थी ऑर उसके चेहरे पर शर्म ऑर डर के भाव आ गये थे…)

हम कुछ देर तक यू ही एक दूसरे की आँखो मे झाँकते रहे ऑर तब तक मैं मनु का हाथ मेरे हाथ मे ही थामे रहा...

अचानक मनु होश मे आई ऑर अपना हाथ छुड़ा कर बोली

मनु-मैं जा रही हूँ…मुझे थोड़ा काम है…

मैं-मनु, ऐसे मत जाओ…कुछ तो बोलो..

मनु-मैं जा रही हूँ…बाद मे मिलते है…

ऑर इसके बाद मनु तेज़ी से चलती हुई हवेली के अंदर चली गई ऑर मैं फिर अकेला रह गया...

थोड़ी देर बाद मैने गार्डेन मे उस तरफ चलना शुरू किया जहाँ शादी का फंक्षन होना था…

मैं चलते हुए फिर सोचने लगा कि यार मेरे साथ हो क्या रहा है…..चूत चाहता हूँ तो लाइन लग के मिल जाती है…ऑर किसी पर प्यार आता है तो साला कुछ होता ही नही..

आज भी पहले सोनम मिली….पता नही क्यो उसे प्रपोज किया ऑर वो बिना कुछ बोले चली गई और एक ये मनु है…2 दिन मे कितनी बार आइ लव यू कह चुका इसे , पर ये ना तो हाँ कहती है ऑर ना ही मना करती है…

ये सोनम ओर मनु…मुझे ना बोल देती तो टेन्षन नही होती पर इस दोनो की चुप्पी तो मार डालेगी मुझे…

ऐसे ही मैं फंक्षन की जगह पहुच गया…..
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06-05-2017, 02:30 PM,
#95
RE: चूतो का समुंदर
आज भी यहा संगीत के दिन जैसी ही रौनक थी….या उससे भी ज़्यादा,,,लाइट, म्यूज़िक, ड्रिंक ,स्टेज…सब आलीशान था…

आज गेस्ट भी ज़्यादा थे…लड़के वाले भी है ना….ऑर आज बार काउंटर सामने के साइड था….ऑर कुछ लोग टल्ली हो कर ड्रिंक कर रहे थे…

फिर मैं वहाँ आए हुए गेस्ट मे से लड़कियो ऑर औरतों को देखने लगा….

आज तो संगीत से ज़्यादा मस्त माल थे यहाँ पर…छोटी से लेकर बड़ी…सब लड़किया सजी हुई थी…ऑर अपने नखरो से सबको पागल कर रही थी…आज औरते भी मस्त थी…पर सभी वेड्डिंग ड्रेस मे…मतलब आज कुछ को छोड़ कर बाकी सब लड़की ऑर औरते फुल ड्रेस मे थी…संगीत के दिन की तरह मिनी ड्रेस मे नही…


मैं ऐसे ही घूमते हुए ऑर छूट वालीयो को आँखो से चोदते हुए बार काउंटर पर पहुचा… ऑर वहाँ 1 लार्ज स्कॉच ली ऑर जाम हाथ मे लेकर फिर से घूमते हुए मस्त मालो का मज़ा लेने लगा…

थोड़ी देर तक घूमने के बाद मुझे आंटी लोग आती दिखी….

आज तो आंटी, दीपा, रिचा, कामिनी…सब अच्छे से तैयार होकर…फुल ड्रेस मे सराफत से आ रही थी….उन्हे देख कर कोई कह भी नही सकता था कि ये सब मुझसे रंडियों की तरह चुदि है…

मैं भी आंटी के पास पहुचा ऑर हम ने आपस मे विश किया और फिर बाते होने लगी….

मैं-आप लोग तो आज मस्त दिख रहे हो….मार ही डालोगे…

आंटी-बेटा…तुम ज़्यादा कहर ढा रहे हो…मेरा तो मन हो गया…हहेहहे

दीपा- हाँ...तुझे तो बस यही दिखता है…आज मन मत बनाना…आज तो ये मेरा है…

रिचा-क्या बात कर रहे हो तुम दोनो

रिचा को हमारे बारे मे अभी पता नही था....तो कामिनी ने बात को संभाला....

कामिनी-अरे रिचा ये ऐसे ही मज़ाक कर रही है….

इतने मे कामिनी को किसी ने कुछ काम के लिए बुला लिया ऑर कामिनी , आंटी ऑर दीपा को भी साथ ले गई…कामिनी ने रिचा को भी कहा पर वो मेरे साथ रुक गई….

मैं-क्या हुआ…तुम क्यो रुक गई…??

रिचा-तुमसे बात जो करनी थी.

मैं-तो बोलो फिर..

रिचा-क्या बोलू…तुमने तो उस दिन से देखा भी नही मुझे…भूल ही गये…

मैं-अरे नही मेरी जान…पर क्या करूँ यहाँ मौका कहाँ मिलता है…ऑर तुम भी तो बिज़ी थी ना...

रिचा.- तभी तो ये बोलना था कि मैं कल जा रही हूँ….घर पहुचते ही मैं कॉल करूगी …आ जाना…पूरे 2 दिन मेरी चुदाई करना…

मैं(हँसते हुए)-दो दिन….सह पाओगी…

रिचा-हाँ सह लूगी…तुम दो दिन मे मेरी चूत ऑर गंद फाड़ देना…

मैं-अच्छा..ऐसा क्या..पर..

रिचा-पर क्या..*??

मैं-मैने तो सुना है तुम्हारी बेटी है , मेरे ही बराबर तो कैसे होगा...

रिचा-मैने सब सोच लिया है…मेरी बेटी कॉलेज फरन्ड के साथ टूर पर चली गई आज…ऑर 3 दिन बाद आयगी तो हमे दो दिन मिल जायगे…सिर्फ़ मैं और तुम ..

मैं-पर तुम्हारी बेटी तो यहाँ साथ मे आई थी ना...???

रिचा-हाँ आई थी पर उसकी सहेली का कॉल आया ऑर वो सुबह ही निकल गई…अच्छा ही हुआ…वरना मैं पूल पार्टी मे नही जा पाती…

मैं-तो आज खूब मज़े उड़ाए है पूल पार्टी मे….

रिचा-हाँ…पर मज़ा तो अब सिर्फ़ तुम ही दोगे…..ये मज़ा कुछ खास नही रहा…

मैं-ओके..ओके…शादी निपट जाए तो कल घर , फिर मैं तुम्हारी ऐसी चुदाई करूगा कि एक हफ्ते बेड से नही उठ पओगि..

रिचा-सच…ओह माइ गॉड…ऐसी ही करना…पूरी गर्मी निकल जाय कुछ दिन के लिए…

मैं-हाँ..पर मेरी कीमत याद है ना..

रिचा-कीमत..???

मैं-अरे मेरी प्यार की भूख…याद है ना…

रिचा-हाँ..याद है…उसका इंतज़ाम हो रहा है…घर पहुच कर पक्का बता दूगी..ओके..

मैं-ओके..

तभी आंटी ने रिचा को आने का कहा….ऑर रिचा मुझे बाइ कह कर आंटी के पास चली गई…

आंटी लोग किसी रसम मे बिज़ी थी , तो मैने फिर से स्कॉच के सीप लेते हुए घूमने लगा.......
घूमते हुए मुझे वो लड़की दिखाई दी जो मेरी ओर कामिनी की गंद चुदाई देख रही थी…

उस लड़की ने वेस्टर्न वेड्डिंग ड्रेस पहना हुआ था…ऑर बड़ी सेक्सी दिख रही थी…..परफ़ेक्ट फिगर था ,,,,

अचानक उसकी नज़र मुझ पर पड़ी ऑर उसके चेहरे के एक्सप्रेशन बदल गये…

वो खा जाने वाली नज़रो से मुझे देखने लगी….

मैने भी बिना डरे उससे नज़रे मिलाए रखी ऑर कुछ देर बाद वो मुझे घूर्ना छोड़ कर दूसरी लड़कियो के साथ निकल गई...


घूमते हुए मुझे पता चला कि अभी लड़के वालो मे कुछ लोग आए नही तो प्रोग्राम लेट ही होगा ...उनके आने के बाद...

तो मैने अपना स्कॉच का पेग ख़त्म किया ऑर काउंटर पर जा कर दूसरा पेग उठा लिया….

मैं फिर से घूम रहा था ऑर मेरी नज़र एक औरत पर पड़ी…वो मुझे ही देख रही थी…मैने भी उसे देखना शुरू कर दिया…

हम दोनो आखे मिलाए एक दूसरे को देखते रहे ऑर साथ ही साथ मैं अपना पेग भी पीता रहा…..

वो औरत मुझे सेक्सी लग रही…थी…उसके भरे हुए बूब्स…ऑर गोरे- गोरे बाजू..साथ मे उसका चिकना पेट ऑर नाभि जो कि साड़ी से बाहर झाक रही थी…सच मे पूरी सेक्सी औरत थी…

पता नही कुछ दिन से मुझे क्या हो गया था…मैं लड़की या औरत को देख कर उसे चोदने का सोचने लगा..था…

मैं(मन मे)-यार माल तो मस्त है ऑर मुझे देख भी रहा है…पता लगाना होगा…इसके माइंड मे क्या चल रहा है…

यही सोच कर मैं उसके पास जाने को हुआ..तभी उसके पास एक औरत आ गई ऑर वो उससे बात करने लगी….पर वो बात करते हुए भी मुझे देख रही थी…

मैने सोचा कि इसे साइड मे बुलाते है..अगर आ गई तो समझो कुछ बात बन सकती है..नही तो भाड़ मे जाय….

और कोई पंगा हो गया तो..???...अरे आंटी है ना..ऑर जिसके घर मे शादी है वो कामिनी…वो भी तो मेरे लंड की दीवानी है…वो दोनो सब संभाल लेगी…

यही सोच कर मेरी हिम्मत बढ़ गई ओर मैने आँखो से ही इशारा करके उसे एक साइड मे आने को कहा…ऑर उसने भी पलक झुका कर सिर को हिला दिया…

मतलब मेरा काम बन गया…अब आ जाएगी…आगे क्या..???...वो देखते है…

मैने साइड मे जाने लगा..ऑर भीड़ से अलग जा कर साइड मे रुक गया…थोड़ी देर बाद जब उसके साथ वाली औरत चली गई तो वो भी सबकी नज़र से बचाती हुई मेरे पास आ गई…

वो मेरे पास खड़ी हो गई…पर चुप थी..ऑर मैं भी सोचने लगा कि बुला तो लिया…अब आ भी गई…पर बोलू क्या..???

साला इससे ईज़ी तो चुदाई करना होता है…अजनबी औरत से क्या बात करू..???

मैं सोच ही रहा था कि वो पहले बोल पड़ी…

औरत-ही…मेरा नाम स्मिता है…ऑर आपका..???

मैं-ह्म्म..ओह…स्मिता..आइ एम अक…

स्मिता(कड़क आवाज़ मे)-तो बताइए आपने मुझे क्यो बुलाया…???

मेरी तो गंद ही चॉक ले गई कि अब क्या बोलू..होशियारी मे बुला तो लिया…...


मैं-वो..मैने ..तो…बस..यू ही..

स्मिता-यू ही..????...मतलब…आप किसी को भी यूँ ही बुला लेते हो…

मैं-हाँ..उसमे क्या बुराई है..थोड़ी बात करने के लिया….

स्मिता- अच्छा क्या बात करने के लिए बुलाया…

मैं-वो आप मुझे …वो…ऐसे…देख रही ..

स्मिता(ज़ोर से)-मतलब….आपने मुझे क्या समझ रखा है…मैं अच्छे खानदान से हूँ..ऑर हाँ…मैं शादीशुदा हूँ..समझे....

मैं(डरते हुए)-वो ..आप…..धीरे..बोलिए…मैने तो बस यू ही…

स्मिता –यू ही…???...क्या सोच कर बुला लिया….

दोस्तो मेरी तो सच मे फटने लगी थी कि अब फैल गया रायता…लोग मुझे धो डालेगे…

क्योकि हमारे यहा ग़लती चाहे लड़के की हो या लड़की की…लोग गंद तो लड़के की ही मारते है…

मैं(डरते हुए)-ओके..मेरी ग़लती…सॉरी…प्लीज़..आप…सॉरी...

ऑर ये कह कर मैं जाने को हुआ कि मुझे झटका लगा…
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06-05-2017, 02:30 PM,
#96
RE: चूतो का समुंदर
मैने देखा कि स्मिता ने मेरा हाथ पकड़ लिया है ऑर वो हँस रही थी

मैं(शॉक्ड)-अब..क्या..???

स्मिता-अरे हीरो…तुम तो डर गये…मैं तो सोचती थी कि तुम स्ट्रॉंग निकलोगे पर तुम तो…

मैं-सॉरी मेडम…मैं डरपॉके नही पर लड़की के मामले मे बच के ही रहो..तो अच्छा..

स्मिता-अच्छा…तो फिर चुदाई क्यो करते हो…लड़कियो की…या ये बोलू की औरतों की…तब डर नही लगता…

मैं(शॉक्ड हो कर)-आपका….मतलब क्या है..???

स्मिता- अरे हीरो..अब ये नाटक छोड़ो मैने खुद देखा है….

मैने सोचा कि कही ये फ़ोन वाली तो नही…हो भी सकती है…पर आवाज़ अलग लग रही है…पूछ ही लेता हूँ…

मैं-आपको..कैसे ..आइ मीन कहाँ देखा…???

स्मिता-वो गार्डेन मे उस छोटे से घर मे…

मैं-(मन मे)-वहाँ तो मैने पायल को चोदा था..पर गेट तो लॉक था..इसने कहाँ से देख लिया..

मैं-आपने कहाँ से देखा…बताना ज़रा….

स्मिता-ह्म्म.....चलो एक-एक पेग लगाते है फिर बताती हूँ…

मैं-ओके

अब मेरे दिल से डर निकल गया था..ऑर उम्मीद भी बढ़ गई थी कि इसकी चूत मुझे मिल सकती है…पर मैं जल्दबाज़ी नही करना चाहता था….

यही सोचते हुए हम ने स्कॉच का 1-1 पेग लिया ऑर भीड़ से हट कर साइड मे खड़े हो गये ऑर पेग पीते हुए बाते करने लगे…

मैं-हाँ..अब बताइए…क्या देखा आपने

स्मिता-मैने देखा कि एक तगड़ा लंड एक शादीशुदा औरत की चूत ऑर गंद कैसे फाड़ता है…हहेहेहहे


मैं-अच्छा….पर देखा कैसे..

स्मिता-चलो शुरू से बताती हूँ....पर बैठ कर

मैं-ओके

हम ने एक नौकर से 2 चेयर्स को साइड मे लगवाया ऑर बैठ गये..

स्मिता-तो मेरा नाम तो पता ही है….मैं लड़के वालो की तरफ से हूँ…ऑर यहाँ कुछ रसमें शादी से पहले पूरी करनी थी तो मैं कल ही अपने पति के साथ आ गई थी…. 

मैं-ह्म्म्मे

स्मिता-यहाँ आ कर पता चला कि पूल पार्टी है…पर मैं पति की मर्ज़ी के खिलाफ नही जा सकती हूँ..ऑर वो पूल पार्टी को माने नही…तो मैं अपसेट हो कर गार्डेन मे टहलने आ गई….

जब मैं गार्डेन मे आई तो ये छोटा घर दिखा…मैने सोचा चलो यही देखते है तो मैं घर के पास आ गई…

पर घर अंदर से लॉक था तो मैने पीछे साइड से जगह देखनी चालू की..ऑर वहाँ मुझे गेट तो नही मिला पर एक खिड़की मिल गई…जहाँ से अंदर का नज़ारा दिख गया….….

मैं-ह्म्म..तो ये बात है…आपने सब कुछ देख लिया…

स्मिता-ह्म्म.....सब कुछ…हहेहहे

मैं-तो अब क्या आप मुझे ब्लॅकमेल करना चाहती है….

स्मिता-अरे यार तुम्हे मेरी आँखो मे ऐसा दिखा क्या….???

मैं-नही आँखो मे तो …

स्मिता-क्या..????

मैं-जाने दो..

स्मिता-अरे बोलो भी…

मैं-आँखो मे तो ऐसा दिखा कि आप पट गई मुझसे…

स्मिता-अच्छा...सच मे

मैं-ह्म्‍म्म..तभी तो आपको बुलाया …कि कुछ बात आगे बढ़े…

स्मिता-अरे पट तो तभी गई थी जब तुम्हारा हथियार देखा था….पर तुम फिर दिखे ही नही…मैं तो तभी से ढूढ़ रही हूँ….

मैं-अच्छा…किस लिए…???

स्मिता(नज़रे झुका कर)-वो…तुम्हारे साथ…

मैं-क्या…???

स्मिता-अरे यार सब समझते हो फिर भी…

मैं-बोलो..मेरे साथ..क्या…???

स्मिता-वो मुझे तुम्हारे साथ चुदाई…..ऑर शर्मा के अपना मुँह छुपा लेती है हाथो से…

मैं(हँसते हुए)-अच्छा…पर तुम अपने पति को बहुत प्यार करती हो…धोखा दोगि…??

स्मिता-प्यार तो करती हूँ..ऑर धोखा भी नही दूगी..पर

मैं-पर क्या…??

स्मिता- सच बोलती हूँ…मेरे पति सेक्स का मज़ा तो देते है पर वैसा नही जैसा मैं चाहती हू…मुझे दमदार चुदाई पसंद है …जैसी तुम कर रहे थे उस दिन..

मैं-फिर तुम्हारे पति…धोखा ही होगा ना..

स्मिता-धोखा तब होगा जब मैं उन्हे छोड़ दूं..पर कुछ देर मज़े करने मे कोई बुराई तो नही ना……इतना तो चलता है…शायद वो भी करते हो…

मैं-तुम्हे ठीक लगता है तो ठीक है…कर लेगे..

स्मिता-अभी..

मैं-अभी..????..क्यो…कहाँ..???
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06-05-2017, 02:31 PM,
#97
RE: चूतो का समुंदर
स्मिता…हम शायद शादी के बाद रात मे ही निकल जाय..तो अभी ही मौका है…

मैं-पर अभी कहाँ…ऑर तुम्हारे पति ढूंढ़ेंगे नही….

स्मिता-वो मैं देख लूगी…

तभी स्मिता का फ़ोन बजा ऑर वो “आती हूँ” कहकर मुझसे बोली

स्मिता-मेरे पति ने बुलाया है…तुम रूको मैं अभी आई…सब सेट कर के आती हूँ…बस तुम यही मिलना

मैं-ओके..मैं 1 पेग ऑर पी लेता हूँ…


इतना बोल कर स्मिता चली गई अपने पति के पास..मैं सोचने लगा कि ये चुदने को मर रही है..पर अभी शादी के महॉल मे कहाँ जाउ इसे चोदने....

स्मिता बोल कर गई है कि सब सेट कर के आती हूँ....देखता हूँ ये क्या सेट करती है चुदने के लिए.......
फिर मैने जा कर 1 पेग लिया ऑर वापिस वही पर आ कर स्मिता का वेट करने लगा….


थोड़ी देर बाद स्मिता आ गई ऑर बोली…

स्मिता-चलो मेरे साथ…

मैं-कहाँ..????

स्मिता- अरे, चलो ना टाइम कम है मेरे पास …

मैं(मुस्कुरा कर)-ओके...पर कहाँ…????

स्मिता-रूम मे जा नही सकते..मेरे पति यही है…वहाँ गई तो फिर बुला लेगे…

मैं-तो फिर…???

स्मिता-मैने मेरे पति को बोला है कि मैं वॉश रूम जा रही हूँ…

मैं-अच्छा...ऑर हमे जाना कहाँ है वैसे...???

स्मिता-वॉशरूम ऑर कहाँ...

मैं-वॉशरूम....पर हम साथ मे….कैसे …???

स्मिता(सोच कर)-देखो वहाँ पीछे एक वॉश रूम है…वहाँ कोई नही जाता है..

मैं-पर कोई आ गया तो…

स्मिता-मैं गेस्ट हाउस के वॉशरूम की बात कर रही हूँ…वो गेस्ट हाउस कम ही उसे होता है…आज तो वहाँ कोई नही होगा ..चलो..

मैं-हाँ..चलते है….पेग तो ख़त्म करने दो…

स्मिता-चूत सामने खड़ी है ऑर तुम्हे पेग दिख रहा है…

मैं-यार शराब और सवाब …दोनो का मज़ा ही अलग है…

स्मिता(चिड़ते हुए)-अरे, चलो ना जल्दी…मेरे पति ना देख ले...

मैं-ओके...

स्मिता-मैं आगे जाती हूँ...थोड़ी देर से आ जाना...

मैं-ओके

ऑर फिर स्मिता पीछे बने गेस्ट रूम मे जाने लगी ऑर मैं फिर से सोचने लगा कि क्या किस्मत है मेरी....चूत तो जल्दी मिल जाती है….बस प्यार नही मिलता....

मैं(मन मे)-चलो चूत का ही मज़ा लेते है..प्यार का तो पता नही...


और मैं भी थोड़ी देर मे स्मिता के पीछे गेस्ट हाउस मे चला गया…

जैसे ही मैं गेस्ट हाउस मे एंटर हुआ तो मुझे स्मिता दिखाई नही दी…मैने सोचा वॉशरूम मे होगी और मैं वॉश रूम मे घुस गया…

जैसे ही मैं वॉशरूम मे एंटर हुआ तो सामने का नज़ारा मस्त था….

स्मिता ने अपने सारे कपड़े निकाल कर संभाल के रख दिए थे और वो मेरे सामने पूरी नंगी खड़ी हुई अपने बूब्स ऑर चूत पर एक-एक हाथ रखे हुए शरमा रही थी...


मैं-वाउ…तुम तो कमाल की हो…लगता ही नही कि तुम्हारी शादी हो चुकी है…बिल्कुल….कुवारि लड़की का फिगर है….ऑर मालदार भी…

स्मिता(शरमाते हुए)-तारीफ बाद मे, पहले गेट लॉक करो…

मैने गेट लॉक किया ऑर फिर से स्मिता को देखने लगा….उसका फिगर आवरेज था…बूब्स ओर गंद भी मस्त थे….ऑर पूरी गोरी चमड़ी थी…वाउ..मज़ा आ गया...

मैं स्मिता को देखते हुए उसके पास पहुच गया ऑर उसका हाथ उसके बूब्स से हटाने लगा…पर स्मिता ने हाथ नही हटाया…

मैं-अब किस बात की शर्म ….नंगी खड़ी हो …चुदने खुद आई हो ऑर अब शर्मा रही हो…

स्मिता-क्या करूँ…आज पहली बार अपने पति के अलावा किसी के सामने नंगी हुई हूँ…

मैं-अब नंगी हो ही गई तो शरमाना छोड़ो …

स्मिता-शरम तो आती है ना…

मैं-तो क्यो ले आई मुझे यहाँ…

स्मिता-क्या करूँ…जबसे तुम्हारी चुदाई देखी है..मेरी चूत बस इसी लंड को लेने की ज़िद कर रही है…इसी लिए पति की पीठ पीछे चुदने आ गई…

मैं-तो अब काम पूरा करे…वरना तुम्हारा पति ना आ जाय…हाहाहा

इसके बाद पता नही अचानक स्मिता को क्या हुआ..कि वो झपट कर मेरे सीने से लगा गई ऑर फिर मेरे होंठो को मुँह मे भर कर चूसने लगी….

मैं भी स्मिता की तरह ही उसके होंठों को चूस रहा था…पर स्मिता तो पूरी गरम हो कर मेरे होंठो को चूसे जा रही थी…


थोड़ी देर तक स्मिता मेरे होंठो को चूस्ति रही ऑर मैने जब तक अपने सूट को निकाल के साइड मे टाँग दिया…

फिर स्मिता ने मेरे होठ छोड़े ऑर कहा…

स्मिता-आअहह…मज़ा आ गया…अब जल्दी करो…मेरी चूत मे आग लगी हुई है…

मैं-करते है, आराम से...मेरी जान

लेकिन स्मिता तो कुछ ऑर ही मूड मे थी…उसने मेरी शर्ट के बटन खोले ऑर अपनी जीभ से मेरा सीना चाटने लगी……


मैं भी मस्ती मे आँहे भरने लगा ऑर स्मिता मेरे सीने को चाट ती रही…

थोड़ी देर के बाद स्मिता नीचे बैठ गई ऑर मेरी बेल्ट खोल कर मेरा पेंट अंडरवर के साथ पैरो के नीचे खिसका दिया..ऑर मेरा लंड उसकी आँखो के सामने आ गया…


स्मिता थोड़ी देर तक मेरे लंड को देखती रही ऑर हाथ से सहलाती रही …

मैं-क्या देख रही हो…कैसा लगा…

स्मिता-देख रही हूँ…कि ये मेरी चूत फाड़ कर ही रहेगा…ऑर कैसा लगा ये टेस्ट कर के बताउन्गी..

मैं-तो देर किस बात कि करो टेस्ट..

इसके बाद स्मिता ने धीरे-धीरे मेरे लंड की खाल को आगे पीछे करना चालू किया…फिर वो लंड पर किस करती रही ..

ऑर फिर स्मिता ने मेरे लंड के टोपे मे लेकर चूसा ऑर मुँह से निकाल के टोपे पर जीभ चलाने लगी…

कुछ देर तक लंड के मज़े लेने के बाद स्मिता ने मेरे लंड को मुँह मे भर कर आगे पीछे करना शुरू किया….ऑर मैं मस्त होने लगा.....
स्मिता-उउंम..सस्स्रररुउउप्प…उउउंम्म..उउंम

मैं-आहह….अच्छा कर रही हो….और अंदर…

स्मिता-उउंम्म…सस्रररुउुुउउप्प….सस्स्रररुउउप्प….उउउंम्म…सस्स्रररुउउप्प्प

मैं-यस..यस…अंदर ले लो…पूरा...आहह

थोड़ी देर बाद स्मिता ने अपनी स्पीड तेज कर दी ऑर लंड को अपने गले की गहराई मे ले जाते हुए चूस लगी

स्मिता-उउउंम्म…उउउंम्म…उउउम्म्म्ममम…उूुुउउम्म्म्म…उूउउम्म्म्म…सस्स्स्स्रर्र्ररुउुुुउउ…स्रसरर्र्र्ररुउुुउउ…सस्रसरसरररुउुुउउ…..सस्स्र्र्ररुउउ
…उूउउम्म्म्मम

ऐसे ही थोड़ी देर तक स्मिता मेरे लंड की चुसाइ करती रही ऑर एक हाथ से अपनी चूत मसल्ति रही.. ..फिर लंड को मुँह से निकाल कर बोली…

स्मिता-ुआओओउउम्म्म्ममह….टेस्टी है….सच मे…

मैं-ह्म्म..पसंद आया…

स्मिता-ह्म्म…ऑर पता भी भी चल गया कि उस दिन वो औरत क्यो इतने मज़े से चुद रही थी…

मैं-अच्छा..क्यो…???

स्मिता-अरे ऐसा लंड पास मे हो तो चूत मे ही डाले रहूं…

मैं-ओह हो..चलो अभी डालता हूँ..

ऑर मैने स्मिता को खड़ा किया ऑर किस करने लगा..ऑर साथ मे अपने हाथो से स्मिता के बूब्स दबाता रहा…
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06-05-2017, 02:31 PM,
#98
RE: चूतो का समुंदर
फिर मैने किस तोडा ऑर स्मिता को वाश्बेसन की पट्टी पर बैठा दिया ऑर थोड़ा झुक कर उसके एक बूब को मुँह मे भर कर चूसने लगा ओर दूसरे बूब को हाथ से मसल्ने लगा…

स्मिता-ओह…..ओह..आहह…खा जाओ…उउउंम्म…आअहह

मैं-उउउम्म्म्मह…आहह..उउउम्म्म्मह…

मैं एक बूब को मुँह मे भरता ऑर चूस कर बाहर कर देता ओर फिर दूसरे के साथ भी ऐसा ही करता….

स्मिता को मज़ा आ रहा था ऑर वो मस्ती मे बोलने लगी…

स्मिता-ओह्ह…आहह…मेरा पति ऐसा करता..क़ास्स्स…आअहह

मैं-उउउम्म्म्म…उउउंम्म..उउम्म्मह

स्मिता-आअहह…पर उसे…तो चूसने के….टाइम..ही…नही..आहह..चूसो…..

मैं थोड़ी देर तक स्मिता के बूब्स चूस्ता रहा ऑर मसलता रहा …स्मिता के बूब्स मेरे थूक से तर हो गये थे ….

फिर मैने स्मिता के पैर उठाए ऑर दोनो पैरो को फैला कर उसकी चूत देखने लगा…

मैं-ह्म्म्मप..चूत तो अच्छी है…मस्त चिकनी…

स्मिता-आज ही चिकनी की है…

मैं-अच्छा..तुम्हे पता था कि आज ये सब होगा…

स्मिता-नही..पर आज आख़िरी रात थी यहाँ..सोचा कि मिल गये तो रेडी रहना चाहिए….

मैं-ह्म्म्मह…सही किया…मुझे चिकनी चूत ही पसंद है…

स्मिता-तो मेरी चूत पसंद आई..???

मैं-अभी बताता हू,,,

और मैने थोडा झुक कर स्मिता की चूत पर जीभ फिरा दी…ऑर जीभ फिराते ही स्मिता ने मेरे सिर को हाथ से पकड़ कर अपनी चूत पर दबा दिया . ओर मैं उसकी चूत चाटने लगा....
स्मिता-ओह्ह.....मज़ा...आ..गया...आअहह....

मैं-सस्स्रररुउपप...सस्र्र्ररुउउप्प..सस्र्र्ररुउउप्प...

स्मिता-ओह..माँ...किसी ने...नही चाटी थी...उउउंम्म....आअहह...मज़ा...आ...गया....ऊहूहह

मैं थोड़ी देर तक स्मिता की चूत चाट ता रहा ऑर फिर मैने चूत को मुँह मे भर लिया...

स्मिता-ओह्ह..माआ….म्मार्र..ज्जाोऊऊगगीइ….
प्प्पागगाल्ल…क्कार्र…दडिईईय्या….आअहह…म्माआ

मैं स्मिता की चूत को मुँह मे भरे हुए प्यार से चूस रहा था ऑर स्मिता मस्ती मे सिसक रही थी…

मैं-उम्म्म्ममम…उउम्म्म्मम…उउहमम्म…उउउहमम्म..

स्मिता—आहह…ऊओ..ययईसस…यईीसस….चूस्स…ल्लूओ…म्म्मीपररी…ररराज्ज्जज….प्पूउर्रा…आअहह

स्मिता की मस्ती इतनी बढ़ गई थी कि वो ठीक से बोल भी नही पा रही थी और मैं चूत चूस्ता रहा….

मैं-उउउंम्म..उउउंम्म..उउंम

स्मिता-आअहह..म्म्मैमईयाईिन्न्न…आईईइ…ऊहह…आईईइ…चूस्स्स ल्लू..

स्मिता पूरी मस्ती मे झड़ने लगी ऑर मैं उसकी चूत को मुँह मे भरे हुए उसकी चूत रस को पीने लगा….
जब मैने चूत रस पी लिया तो उसकी चूत को मुँह से निकाल कर खड़ा हो गया….

स्मिता-आअहह….सच मे..मार ही डाला…क्या..करते हो..

मैं-अभी तो शुरुआत है…अब आ जाओ तुम्हे जन्नत दिखाता हूँ…

ओर मैने स्मिता के पैर को फैला कर अपना लंड उसकी चूत मे सेट किया ऑर धक्का मारा…

स्मिता-आहह…

मैं-अभी तो गया ही नही..जाने तो दो..

ओर मैने दूसरा धक्का मारा..ऑर आधा लंड चूत के अंदर

स्मिता-ओह्ह्ह्ह….उउंम….आराम से..

मैने तुरंत ही फाइनल धक्का मारा ऑर लंड पूरा स्मिता की चूत मे घुस गया…

स्मिता-आहह..अहहह….ऊहहूओ…..म्म्मा ररर दिदीय्य्या….

मैं-दर्द हुआ…


स्मिता-आहह..हहाअ..बड़ा..है….आअराम से…आहह....

मैने फिर स्मिता को गले से पकड़ कर किस किया ऑर उसके बूब्स पर हाथ फिराते हुए उसे धीरे-धीरे चोदना शुरू कर दिया....
स्मिता-आहह..ऊहह…अह्ह्ह्ह…उउंम..आईईसे.ही…आहह..

मैं थोड़ी देर तक स्मिता को प्यार से चोदता रहा ऑर फिर स्मिता नॉर्मल हुई ऑर बोली...

स्मिता-प्यार से चोद्ते हो…आहह….अब फाड़ डालो….तेज़ी से…

मैं-अभी लो…

ओर मैने स्मिता को तेज़ी से चोदना शुरू कर दिया ऑर हमारी चुदाई की आवाज़े स्मिता की सिसकारियो के साथ निकलने लगी…

स्मिता-आहह…..आह…यईीसस..ईीस…ईीस….यईीस..आहह..ऊहह..ओह्ह 

मैं-यीह….टेक इट बेबी..यह….

स्मिता-आहह..आहह..आहह…यईसस्स

मैं स्मिता के बूब्स सहलाते हुए उसे चोदे जा रहा था ऑर स्मिता भी अपनी गंद को उचका कर लंड को अंदर ले रही थी……

मैं-ईीस्स..बेबी….यीह….बेबी

स्मिता-आहह..अहहह..अहहह….ईीस्स…तीएजज….आअहह..तीज्ज्ज

मैं-येस्स्स…ये....लो…ईएह..ईएह

स्मिता-ज़ूओरर…सससी…आहहह…आऐईइईसीए…हहिी…आहहह….ज़्ज़ूऊररर…ससी
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06-05-2017, 02:31 PM,
#99
RE: चूतो का समुंदर
करीब 5-6 मिनिट मैं तेज़ी से स्मिता को चोदता रहा फिर मैने स्मिता को पट्टी से नीचे उतार कर खड़ा कर दिया…

ऑर स्मिता की एक टाँग को हाथ से पकड़ कर उठाया ऑर लंड को चूत मे डाल दिया…स्मिता ने भी एक हाथ से पट्टी का सहारा लिया ऑर मैने चुदाई पूरी स्पीड से शुरू कर दी….
स्मिता- आहह…मज़ा…एयेए…ग्ग्ग...
ययय्या…आहह…..आहह..आह...

मैं-ऐसे ही मज़े…लो…यीहह….टेक इट……

स्मिता-आहह..आह..तेज..तेजज्ज़..तेजज…..ऊहह…….म्मा

मैं-यस..बेबी….यस….टेक इट....फ़ील्ल..इट…बेबी

स्मिता-आअहह….फास्ट..फास्ट,,,उउंम..आअहह….फास्ट,….ईीस…यईी.स…ऊओ


मैं 10 मिनिट से स्मिता को पूरी तेज़ी से चोद रहा था….स्मिता फिर से चुदाई की मस्ती मे झड़ने लगी…

स्मिता-आहह...म्मायन्न्न...आइी...ऊहह...एसस्स...येस्स..आहह

ऑर स्मिता झड़ने लगी ओर चुदाई की आवाज़े बदलने लगी

आअहह…आह..यईीसस…..उउंम…फ़फफुऊूऊचह..फ्फ़ूचह…फ्फक्च……ईएहह..ईएहह..आअहह..ऊहह…आहह..आह…
.फ्फ़ूच..फ़्फुूक्च..आहह..अहहह….आअहह

ऐसी आवाज़ो के साथ स्मिता झड रही थी ओर मैं उसको चोदे जा रहा था……..

जब स्मिता झड चुकी तो थोड़ी थकि हुई लगने लगी ऑर पट्टी पर झुक कर आँहे भरने लगी…मैने भी स्मिता को चोदना बंद किया ऑर उसकी चूत से लंड निकाला ऑर पास मे पड़ी चेयर पर बैठ गया…..


स्मिता थोड़ी देर बाद मेरे पास आई ऑर झुक कर मेरे लंड को मुँह मे भर के चूसने लगी…..मेरा लंड तो खड़ा ही था…स्मिता की चुसाइ ने पूरा कड़क कर दिया…


फिर स्मिता ने लंड को मुँह से निकाला ऑर कहा…

स्मिता-अब रेडी हूँ…जल्दी से चोदो वहाँ लड़के वाले आ गये होगे…

मैं-ओकक..आ जा सवारी करवा दूं.…


ऑर मेरे कहते ही स्मिता मेरी गोद मे आकर बैठ गई ऑर लंड के दोनो साइड पैर रख कर लंड को चूत मे भरते हुए मेरी जाँघो पर बैठ गई..

मैने देर ना करते हुए उसकी गंद पकड़ कर नीचे से धक्के मारना चालू किया ऑर स्मिता मेरे सीने पर झुक कर उपर से गंद उछाल-उछाल कर लंड को चूत मे लेने लगी….
स्मिता-आहह..आहह..येस्स..य्स्स…कब्से तड़प रही थी…आअहह..ऐसी चुदाई को…ऊहह…यस..येस…

मैं-यह..बेबी….तेज़ी से उछलो…आहह…ऐसे ही ओर तेज..

स्मिता-यस..यस..यस….आहह….ये ..लो…ओर…तेजज्ज़..ह्म्म्म…ऑर तीज्ज्ज..

ऑर स्मिता चुदाई मे मस्त हो कर जितना तेज हो सके उतना मेरे लंड पर उछलने लगी ऑर मेरे होंठो को मुँह मे भर कर चूसने लगी…

स्मिता-उम्म्म…ओउंम…..उउउंम…

त्ाआप्प..त्ताप्प..उउउंम…ईसस्स…आहह..त्तप्प..त्ताप्प्प..त्ततापप्प..त्त्टहाहप्प्प…उउंम….उउंम्म…उउउंम..त्ताप्प…त्ततापाप…त्ताप्प..

स्मिता की गंद मेरी जाँघो पर टकरा रही थी ऑर स्मिता पूरे जोश के साथ अपनी चुदाई करवा रही थी…ऑर मेरे होठ तो ऐसे चूस रही थी जैसे कि , प्यासे को पानी मिल गया हो..

थोड़ी देर बाद स्मिता ने मेरे होंठो को आज़ाद कर दिया ऑर फिर से मस्ती मे उछलते हुए चिल्लाने लगी…

स्मिता-आअहह..आहह…ऊहह..एस्स…क्या लंड है..आहह…..यस…येस्स…चोदो…चोदो…ज़ोर से....

मैं-ये ले मेरी रानी…तेज़ी से..ले..अंदर तक…

फिर थोड़ी देर बाद स्मिता की स्पीड कम हो गई..वो तक गई थी...

मैने जल्दी ही उसे गोद से उतरा ओर फिर से उसे वाश्बेसन की पट्टी पर झुका दिया ओर पीछे से लंड उसकी चूत मे डाल दिया…

ऑर उसको पकड़ कर पीछे से चोदने लगा…
ऑर उसको पकड़ कर पीछे से चोदने लगा…

स्मिता-ऊहह…आअहह…डालो…ज़ोर से…आहह….आहह..

मैं-यस….बेबी…टेक इट..टेक इट…

स्मिता-आहह…जल्दी करो…मेरा पति..आहह….मुझे देख रहा…आअहह…ऊहह…जल्दी…

मैं-ऐसी बीवी हो जिसकी…उसे तो बीबी को अकेला नही छोड़ना चाहिए….

स्मिता-आअहह..नही छोड़ता तो…आअहह…तुम कैसे चोद पाते…ऊहह…आअहह….ज़ोर से,…

मैं स्मिता को तेज़ी से चोदे जा रहा था ऑर स्मिता ने मुझे पलट कर फिर से किस करना शुरू किया ….

स्मिता---उउम्म्म्म…..उउंम्म….उउउंम्म….उउउम्म्म्ममह

मैने स्मिता को पीछे से थक्का मारता ऑर स्मिता अपनी गंद को पीछे धकेल्ति…ऑर उसकी गंद मेरी जाँघो पर टकरा कर थप-थप की गूँज करती…

मेरा तो गंद पर दिल आ गया था…
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06-05-2017, 02:31 PM,
RE: चूतो का समुंदर
मैं स्मिता को कुछ देर और तेज़ी से चोदता रहा ऑर वो झड़ने के करीब आ गई..ऑर उसने मेरे होंठो को छोड़ दिया..

स्मिता-ऊहह..म्म्माा…म्मैरईन्न…फ्फीयरर..सीए..आऐईइ..आहह…त्तीज्ज्ज…यएएसस..एस्स…ऊवार..तीज्ज…ऊहहूओ

ऑर ऐसी आवाज़े करती हुई स्मिता फिर से झड़ने लगी ऑर मैने वैसे ही स्पीड से उसे चोदना चालू रखा ऑर आवाज़े बाथरूम मे गूज़्ने लगी...

स्मिता-ऊहह….आअहह..अहहह..आ..ऊहह..ऊहह….ऊहह…

आअहह……अह्ह्ह्ह..त्ताप्प्प..त्तताप्प…फ़फफुक्च....फ़फफूूक्चह..आअहह..त्ताप्प्प….फ़फफ़ूूचह…ऊओह..ईससस्स..आअहह…
यईएहह…बेबी…..आअहह..ऊहह

ऐसी ही आवाज़े होती रही ऑर मैं स्मिता को चोदता रहा……जब मैं झड़ने के करीब आ गया तो मैने कहा…

मैं-आअहह..बेबी…मैं आ रहा हूँ…कहाँ डालु…

स्मिता-नही…मुझे चखना है…उस औरत ने चखा था..आहह..तो….तारीफ की थी…ऊहह…मेरे मुँह मे…ऊओह…डाअल्ल्लूओ


मैने तुरंत ही स्मिता को छ्चोड़ दिया ऑर स्मिता पलट कर घटनो पर नीचे बैठ गई ओर मेरे लंड को मुँह मे भरा कर हाथ से आगे पीछे करने लगी,,,,


थोड़ी देर बाद मैं झड़ने लगा,,,,ऑर स्मिता ने मेरा लंड रस मुँह मे भरा ऑर बाकी का रस दोनो बूब्स पर डलवा लिया…
स्मिता मुँह मे भरे लंड रस को पी गई ऑर बूब्स पे लगे लंड रस को बूब्स पर मसल्ने लगी ऑर थोडा -2 छाँट ने लगी..

स्मिता अपनी मस्ती मे लंड रस से खेल रही थी ऑर मैं जा कर चेयर पर बैठ गया…

थोड़ी देर बाद स्मिता भी आ कर मेरी गोद मे बैठ गई ऑर मुझे किस करने लगी…फिर किस ख़त्म करके बोली

स्मिता-मज़ा आ गया ..सच मे…मेरे पति ने ऐसा कुछ कभी नही किया था…

मैं-ह्म्म..पर मेरे मज़े का क्या…

स्मिता-क्यो तुम्हे मज़ा नही आया…

मैं-आया..पर जब तक मैं गांद ना मारु…मेरा मज़ा अधूरा रहता है…

स्मिता-ओह…ऐसा…पर अभी टाइम नही है ऑर मुझे आज रात मे ही जाना है…

मैं-कोई नही…तुम खुश हो ना,…बस…मैं भी खुश

स्मिता-नही...मैं तुम्हे गांद ज़रूर दूँगी...पर अभी नही

मैं-ओके..पर कैसे...तुम्हारा पति...

स्मिता-मेरा नंबर. ले लो....जब भी कहोगे मैं टाइम निकाल कर ज़रूर आउगि...एक बार और पति को धोका दूगी बस..तुम्हारे लिए...

मैं-ओके...अब चलो वरना तेरा पति पागल हो जायगा...

ऑर हम हँसने लगे...

उसके बाद हमने अपने आपको ठीक किया ऑर कपड़े पहन कर सरीफ़ बन गये ऑर गेस्ट हाउस से बाहर आ गये...

बाहर आ कर स्मिता ने मुझे किस किया ऑर बाद मे मिलने का बोल कर निकल गई....
मैं थोड़ा रुका ऑर उसके जाने के बाद मैने भी शादी के फंक्षन की तरफ चलना शुरू किया…..

मैं धीरे-धीरे गेस्ट हाउस से फंक्षन की मेन जगह पर आने लगा ऑर फिर से सोच मे डूब गया…

मैं(मन मे)-यार ये स्मिता हॉट थी…मूड बना दिया साली ने…पर ये समझ नही आती…एक तरफ कहती है कि पति को धोका नही दूगी…ऑर फिर मुझसे रंडी की तरह चुद के चली गई….

यार ये चूत होती ही ऐसी है कि जब गरम हो तो कुछ नही देखती बस लंड खाना है…

खैर छोड़ो , अपने को क्या….चूत मिल गई ऑर गांद देने का बोल गई है..बस... ऑर क्या चाहिए…

मैं ऐसे ही घूमते हुए बार कॉनटर पर गया ऑर फिर से 1 स्कॉच का पेग लिया ऑर घूमने लगा…

वहाँ की भीड़ देख कर मैं समझ गया कि लड़के वाले आ चुके है ऑर दूल्हा ऑर दुल्हन भी स्टेज पर दिखाई दे रहे थे…

आंटी लोग शायद आगे होगी..कही…

इसके बात मे स्टेज पर चल रहे प्रोग्राम को देखने लगा …स्टेज पर वरमाला का प्रोग्राम हुआ…फिर फोटोस लेना शुरू हो गया..ऑर मैं फिर से पेग पीते हुए घूमने लगा…

तभी मुझे पीछे से किसी ने आवाज़ दी…ऑर मेरे कंधे पर हाथ रखते हुए बोला

पीछे से- हेलो मिस्टर.मल्होत्रा...हाउ आर यू..*???

मैने पीछे पलट कर देखा तो पाया कि ये तो मिस्टर.सोनी है जो मेरे डॅड के ऑफीस मे काम करते है…

( यहाँ मैं आप लोगो को फिर से बता दूं कि मेरे डॅड के 3 ऑफीस है जो इम्पोर्ट एक्सपोर्ट ऑर फाइनान्स का काम देखने के लिए है..मैं कभी-2 वहाँ गया भी हूँ..पर ज़्यादा नही…पर मैं मिस्टर.सोनी को जानता था…ये हमारे फाइनान्स डिपार्टमेंट मे है..

सोनी जी मुझसे काफ़ी बड़े है पर मस्का मारने के चक्कर मे मुझे सर कहते है…)

मैं-ओह…. मिस्टर.सोनी…..आप यहाँ…कैसे है आप…???

मिस्टर.सोनी-मैं ठीक हूँ..आप कैसे है…????

मैं-बिल्कुल मस्त…मज़े मे..आप यहाँ कैसे..?

मिस्टर.सोनी-वो आक्च्युयली मैं लड़के वालो की तरफ से हूँ..ऑर मैं उस लड़के का मामा लगता हूँ….

मैं-ओह ग्रेट..,,,,अच्छा है…

मिस्टर.सोनी-ऑर आप कैसे…??

मैं-ओह..हाँ…मैं आक्च्युयली अपने दोस्त की मोम के साथ आया हूँ…वो लड़की की साइड से है…मेरा दोस्त बीमार था तो मैं आ गया…

मिस्टर.सोनी-चलो अच्छा हुआ , इस बहाने आपसे मुलाक़ात तो हो गई…वैसे तो आप मिलते ही नही…

मैं-अरे ऐसी कोई बात नही है…मैं पढ़ाई मे बिज़ी रहता हूँ…वरना क्यो नही मिलता..

मिस्टर.सोनी-मैं तो कहता हूँ कि आप छुट्टियों मे ऑफीस आ जाया करे…आपका..दिला बहल जायगा…

मैं-सोनी जी मेरा दिल कैसे बहलता है ये आप जानते है ना…

मिस्टर.सोनी-जी सर बिल्कुल...आपने बताया था...याद है मुझे..तभी तो बोल रहा हूँ...हमारे सारे ऑफिसस मे कई मस्त माल है...
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