Chuto ka Samundar - चूतो का समुंदर
06-05-2017, 03:04 PM,
RE: चूतो का समुंदर
थोड़ी देर बाद…..

मैं- मज़ा आया…

ममता- बहुत बहुत मज़ा आया…

मैं- अच्छा है….तुम खुश हो तो बॅस..

ममता- आप खुश नही क्या

मैं- अरे क्यो नही..मैं भी खुश हूँ….पर तुम्हारी गान्ड रह गई…

ममता- काफ़ी फ़ुर्सत से मारना…पॅक है…

मैं- सच मे...खुली नही

ममता- नही..आप खोल देना...

मैं- ह्म्म..तो कभी फ़ुर्सत से खोलुगा....

ममता और मैने गले लगे हुए बाते करने लगे ऑर किस भी करते रहे...

मैं- अब ऐसे ही पड़ी रहोगी...चलो भी

ममता- हाँ..चलना तो है...फिर कब करोगे...*???

मैं- कहना मुस्किल है…देखते है…कुछ मौका आयगा तो करेगे…

मामा- ठीक है…जब भी आओगे…गान्ड पॅक ही मिलेगी…

मैं(किस कर के)- ओके…जल्दी ही बताउन्गा….अब चलो


इसके बाद हमने अपने कपड़े पहने ऑर ममता ने सामान लिया ऑर हम ग्रूप के पास जाने लगे….

जैसे ही हम वहाँ पहुँचे तो देखा कि सब हमारा ही वेट कर रहे थे….मुझे देखते ही आंटी मेरे पास आई ऑर बोली क़ि अब हम गाओं घूमने जाएगे ऑर वही से हवेली निकल जायगे…

मैं नज़र घुमा कर सबको देखने लगा तो वहाँ सब खड़े हुए थे ऑर साथ मे एक चेहरा वो भी था जिसे मैं देख रहा था….

वो चेहरा पारूल का था..जब हमारी नज़रे टकराई तो पारूल मुस्कुरा कर शरमा गई ऑर नीचे देखने लगी…मैं फिर बात करने को पारूल के पास पहुँच गया…


मैं(धीरे से)- अब कैसी हो..???

पारूल- ठीक हूँ भैया...

मैं- गुड...अब कल की तैयारी करो , ओके

पारूल- आपने माँ से बोला है ना…

मैं- नही...वो दामिनी ने बोल दिया होगा...अभी पूछता हूँ...

फिर मैने दामिनी को इशारे से अपने पास बुला लिया...ऑर दामिनी आते ही पारूल को देख कर बोली...

दामिनी- अच्छा तो यहीं है आप...पारूल का जादू चढ़ गया...

दामिनी की बात सुनकर पारूल शरमा गई ओर मैने भी स्माइल पास कर दी...

मैं- दामिनी...मज़ाक छोड़ो...पहले मेरी बात सुनो...

दामिनी- हाँ बोलो

मैं- तुमने पारूल की माँ से बात की...

दामिनी- ओह हाँ...बात हो गई ऑर वो पारूल को भेजने को मान गई...

मैं- सिर्फ़ पारूल को…वो नही आयगी क्या…??

पारूल- हाँ मेडम..माँ साथ नही आयगी..???

दामिनी- अरे पारूल …तेरी माँ जहाँ काम करती है तो ऐसे ही छोड़ के कैसे आ जायगी….

मैं- ओह..ऐसा…तो ठीक है…पारूल के लिए हाँ कह दिया ना..

दामिनी(मुस्कुरा कर)- हाँ मेरे हीरो…पारूल आपकी हुई…

मैं- फिर से मज़ाक….ये बताओ पारूल की माँ कब आयगी…???

दामिनी- शायद 1 वीक मे...मैं हूँ ना...उसे पहुँचा दूगी…आप पारूल को सम्भालो…

मैं- ओके…तो पारूल तुम रेडी रहना…कुछ सामान पॅक करना हो तो कर लेना…

दामिनी- अरे आप टेन्षन फ्री रहो…मैं सब करवा दूगी…आज रात ये हवेली मे ही रुकेगी…

मैं- ओके…तब ठीक है….

हम बाते ही कर कर रहे थे कि कामिनी ने मुझे बुला लिया ऑर मैं कामिनी के पास पहुँच गया ..जहाँ कामिनी के साथ आंटी और मनु भी थी,…


मैं- हाँ कहिए…

कामिनी- फार्म घूम लिया …???

मैं- हाँ..घूम लिया…अच्छा लगा…

कामिनी- अब चलिए…आपको अपना गाओं भी दिखा दे…

मैं- ओके..चलिए....

कामिनी ने फिर सबको चलने के लिए कहा..ऑर मैं मनु को देखने लगा.....मनु ने फिर से मुझे देख कर नज़रे चुरा ली...ऑर मेरे दिल के अरमान ठंडे कर दिए....

थोड़ी देर के बाद हम सब निकल कर गाओं की तरफ आ गये....वहाँ से सब लोग सीधे हवेली निकल गये ...सिर्फ़ मेरी , सोनू की ऑर कामिनी की कार गाँव के अंदर चली गई....

हम सब गाओं की चौपाल के पास रुक गये ऑर गाओं के कुछ लोग कामिनी के साथ हम सबका वेलकम करने आ गये....

हमने थोड़ा टाइम वहाँ बिताया…..सब गाओं वाले कामिनी का बड़ा सम्मान करते थे…ओर हमारी खातिरदारी मे कुछ चाय नाश्ता भी लाए…

कामिनी ने गाओं के कुछ ख़ास लोगों से मेरा परिचय करवाया और उसके बाद हमने थोड़ा नाश्ता किया ऑर हवेली की तरफ आ गये…..

हवेली आते हुए रात हो चुकी थी...गाओं मे हमने अच्छा टाइम स्पेंड किया था…हवेली आते ही सब अपने –अपने रूम मे चले गये ऑर मैं भी अपने रूम मे आ गया ऑर रेस्ट करने लगा….

मैं बिना चेंज किए ही बेड पर लेट गया ऑर मेरी आँख लग गई….

कारेब 2 घंटे बाद आंटी ने मुझे जगाया ऑर खाने के लिए कहा ….

इसके बाद हमने डिन्नर किया ओर मैं वापिस अपने रूम मे आ गया….


मेरे रूम मे डिन्नर के बाद दीपा ऑर रिचा आई …ऑर चुदाई करने को कहा ..पर मेरा मूड नही था तो मैने रिचा को फिर टाल दिया ऑर उसे घर जाकर चोदने का प्रोमिस कर दिया….बाद मे दीपा आई थी…पर मैने उसे भी मना कर दिया…ऑर सोनू को बुलाने का कहा…


दीपा भी मेरी बात मान कर सोनू के साथ चुदाई करने अपने रूम मे चली गई…..फिर मैं कपड़े निकाल कर अंडरवर मे ही लेट गया…ओर फिर से मेरी आँख लग गई…


मैं सोने के पहले अपने रूम का गेट बंद करना ही भूल गया था ऑर उसी की वजह से रात मे कोई मेरे रूम मे एंटर हुआ ऑर फिर रूम को अंदर से लॉक किया ऑर मेरे पास आ कर मेरे लंड को सहलाने लगा….कौन था ये शॅक्स….?????

थोड़ी देर लंड सहलाने के बाद मेरा लंड और मेरी आँखे दोनो खुल गई….और सामने उस शख्स को देख कर मैं चौक गया…

मैं- त..तुम यहाँ कैसे….क्या कर रही हो…

पारूल- भैया..सॉरी…लेकिन मेरा मन हो रहा था…

हाँ ये पारूल ही थी …जो मेरा लंड सहला रही थी…

मैं- मन हो रहा था..दर्द ख़त्म हो गया क्या…???

पारूल- हाँ भैया..दर्द तो ख़त्म हो गया ..पर…

मैं- पर…पर क्या…???

पारूल- भैया…वो यहाँ बहुत खुजली हो रही है….

पारूल ने अपनी चूत की तरफ इशारा कर के कहा

मैं- ओह….ऐसा क्या….पर तुम अंदर कैसे आई…????

पारूल- आपका गेट तो खुला ही था…

मैं- ओह शायद भूल गया होउंगा…अच्छा किसी ने तुम्हे देखा तो नही ना…

पारूल- नही भैया ..सब सो रहे है …

मैं- ओके…अच्छा है…तो तुम्हे खुजली हो रही है…

पारूल(शरमा कर)- जी भैया…

मैं- कहाँ ..???

पारूल- वो …यहाँ..( ऑर उसने चूत की तरफ फिर से इशारा किया ऑर शरमा गई)

मैं- ऐसे नही …नाम बोलो....

पारूल(शरमाते हुए)- वो..मेरी चूत मे...
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06-05-2017, 03:04 PM,
RE: चूतो का समुंदर
मैं( पारूल के गाल पर हाथ फेर कर)- अच्छा...तो अब ये कैसे मिटेगी…???

पारूल- वो..आपके उस से…(लंड की तरफ देख कर)

मैं- ये क्या…नाम ….

पारूल- लंड से…

मैं- लंड से…ह्म्म्म ..कैसे...*????

पारूल- वो आप इसे अंदर डालोगे तो मिट जायगी…

मैं- ना ना…ऐसे नही ..सॉफ बोलो..नाम के साथ...

पारूल- भैया....आप जानते तो हो…

मैं- नही बेटा….तुम सॉफ बोलो…वरना मैं खुजली नही मिटाउंगा,….

पारूल(मुस्कुरा कर)- वो आप मेरी चूत मे लंड डाल कर मिटा दो ना…ऑर पारूल ने अपने हाथ से अपना चेहरा छिपा लिया…

मैने पारूल के हाथ हटा कर उसके होंठ पर किस किया और कहा…

मैं- आजा मेरी गुड़िया…अब मैं तेरी खुजली मिटा ता हूँ…पर एक काम कर…

पारूल- कहिए भैया..

मैं- मैं फ्रेश होकर आता हूँ..तब तक तू एक पेग बना…ड्रिंक वहाँ है…ओके

पारूल- ह्म्म्मे…

मैने पारूल को ड्रिंक दिखा कर पेग बनाने का बोला ओर मैं बाथरूम मे घुस गया…मैने फ्रेश होते हुए सोचने लगा कि…

सच ही कहते है लोग कि पहले सेक्स के बाद मन बहुत करता है कि और चुदाई करे…ऑर पारूल इसीलिए तड़प के मेरे पास आ गई….चलो अब इसकी तड़प मिटा दूं…

मैं फ्रेश हो कर रूम मे आया तो सामने का नज़ारा देख कर मेरा लंड झटके मारने लगा…..



मेरे सामने पारूल पूरी नंगी सोफे पर बैठी हुई थी ऑर उसके हाथ मे पेग था…जो मेरे लिए बनाया था….

पारूल की बॉडी थोड़ी खिली-खिली लग रही थी…ऑर चेहरा भी…शायद पहली चुदाई रंग लाई ओर उसके बूब्स भी तने हुए थे ऑर चूत किसी सरीफ़ लड़की के जैसे शरमा के छिपी थी…जाँघो के बीच मे…हहाआ

मैं तुरंत ही पारूल के पास गया ऑर उसके हाथ से ड्रिंक ले कर दूसरे हाथ से उसको अपने पास खीचा ऑर उसके होंठ चूसने लगा…. 

अब पारूल किस करना अच्छे से सीख गई थी और पारूल ने मेरे गले मे बाहें डाल कर ज़ोर से मेरे होंठो को चुंसना शुरू कर दिया….वो कभी उपर वाले होंठ को तो कभी नीचे वाले को अपने मुँह मे भरने लगी….

मैने भी पारूल के मुँह मे अपनी जीभ डाल दी तो पारूल ने देर ना करते हुए मेरी जीभ को चुंसना भी शुरू कर दिया…

पारूल अब पूरे जोश के साथ होंठ चूस रही थी….शायद ये पहले सेक्स के बाद की तड़प थी जो उसका जोश बढ़ा रही थी…

कुछ देर के बाद हम अलग हुए ऑर साँसे लेने लगे…जब मैं नॉर्मल हुआ तो…

मैं- कमाल है…इतने जोश मे …मज़ा आ गया…

पारूल-आहह..भैया पता नही क्यो…पर मन हो रहा था..ओर जोश भी बढ़ गया…

मैं- समझ सकता हूँ…कोई नही…

और मैने ड्रिंक का एक सीप मार लिया ओर पारूल से बोला….

मैं- ड्रिंक करती हो…???

पारूल- नही भैया…

मैं- अच्छा है..पर आज कर लो…

पारूल- मैं...नही भैया...मैने नही किया कभी...

मैं- अरे ड्रिंक मत करो...भैया के होंठो से कर लो..मज़ा आयगा..

पारूल- ये कर सकती हूँ…

फिर मैं एक सीप ली ऑर उसको मुँह मे भर कर पारूल के मुँह से होंठ लगा दिए….मेरे ड्रिंक को पायल मेरे होंठो से चूसने लगी ऑर कुछ ड्रिंक हमारे होंठो से होते हुए नीचे गिरने लगी……फिर थोड़ी देर बाद हमने होंठ अलग कर लिए…..

मैं- आहह…मज़ा आया गुड़िया…कैसा लगा..??

पारूल- आहह..भैया..आपके होंठ को चूसने का मज़ा बढ़ गया…

मैं- ह्म्म..तो चलो ऐसे ही ड्रिंक करो….

पारूल- जी भैया…पिलाओ…

फिर मैने वैसा ही किया ऑर ऐसा करते हुए आधा पेग ख़त्म कर दिया…..

मैं- आहह…बहुत पी लिया…अब तुम मेरे लंड को चूसो…ऑर मैं पेग ख़त्म करता हूँ…

मैने फिर अपना पेग ख़त्म किया ऑर सोफे पर बैठ गया…पारूल तो जैसे इसी का वेट कर रही थी… उसने मेरे अंडरवर को निकाला ऑर पूरा नंगा कर दिया और झट सोफे पर मेरे साइड मे आ गई ऑर झुक कर मेरे लंड को आधा मुँह मे ले कर चूसने लगी….

पारूल- सस्ररुउप्प्प…आहह…सस्स्ररुउउप्प…सस्ररुउउप्प

मैं- आह..मेरी गुड़िया…ऐसे ही…आअहह


पारूल- सस्र्रुरुउपप…सस्स्ररुउउप्प…उउम्म्म्म…उउम्म्मह

मैं- वाह..तू तो जल्दी सीख गई…आअहह

पारूल- सस्स्ररुउउप्प..सस्ररुउपप..सस्ररुउउप्प्प..

मैं-आहह…ऐसे ही…करती रहो..अहहह


पारूल कभी मेरे लंड को चाट ती तो कभी मुँह मे भरके चूसने लगती.....पारूल पूरे जोश ऑर मस्ती के साथ मेरे लंड को प्यार कर रही थी ऑर मैं मस्त हो कर लंड चूसने का आनंद ले रहा था...
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06-05-2017, 03:04 PM,
RE: चूतो का समुंदर
मैं- आहह…तेज …बेटा…ऐसे ही..अह्ह्ह्ह

पारूल-उउंम्म…उउंम्म.उउंम्म…..आअहह


मैं- शाबाश..मेरी गुड़िया….ज़ोर से चूस….


पारूल- सस्ररुउउप्प्प्प..सस्ररुउउप्प..सस्ररुउउप्प..उउउम्म्म्म…उउउम्म्म्म

मैं- आहह ..हाँ बेटा…ऑर तीज्ज्ज…अंदर तक ले जा…आहह

पारूल- सस्ररुउपप…सस्ररुउउउप्प..सस्ररुउउप्प..उउम्म्म्म..उउंम्म

पारूल ने अपनी मस्त छूसा से मे लंड को पूरा खड़ा कर दिया…ऑर अब मैं पारूल की चूत को मारने के लिए तड़पने लगा…..

मैं- बस कर बेटा…अब आजा…तेरी तड़प मिटा दूं…

पारूल(लंड मुँह से निकाल कर)- आहह..भैया...अब जल्दी करो....खुजली बढ़ गई है...ऑर पानी भी आने लगा..

मैं- अभी करता हूँ बेटा...आ जा...

मैने पारूल को अपने उपेर आने को बोला ऑर उसके दोनो पैरो को अपने दोनो साइड कर के अपनी गोद मे बैठा लिया….अब पारूल के बूब्स मेरी आँखो के सामने आ गये…

और मैने पारूल के बूब्स को मुँह मे भर कर बारी-बारी चूसना शुरू कर दिया...

पारूल मस्त होकर अपने बूब्स चुसवाने लगी ओर मस्ती मे सिसकने लगी....

मैं- उम्म्मह…आहह…उउउम्म्म्म..आहह

पारूल-आहह…भैया..चूस लो…आहह…

मैं-आहह…अभी लो…उम्म्म्म…उउउंम्म

पारूल-आहह....भैया…ज़ोर से…आहह खा जाओ…आहह…अह्ह्ह्ह

थोड़ी देर तक पारूल के बूब्स चूसने के बाद मैने बूब छोड़े और पायल को उपर करके अपना लंड उसकी चूत मे सेट किया…

मैं- अब डाल दूं गुड़िया…

पारूल- हाँ भैया....डालो ना...बहुत खुजली हो रही है...जल्दीीईईईईई..आहह....

मैने पारूल की बात ख़त्म होने से पहले ही एक धक्का मारा ऑर आधे से ज़्यादा लंड उसकी चूत मे चला गया...पारूल की चूत मे अभी दर्द था ओर मैने उसे ऑर बढ़ा दिया...

पारूल-आहह...आहह..भैया...आराम से...माआ....

मैं- थोड़ा दर्द होगा...फिर सब अच्छा लगेगा...

मैने पारूल के बूब्स चूसना शुरू किया ऑर बूब्स चूस्ते हुए धीरे-धीरे पूरा लंड उसकी चूत मे डाल दिया….

मैं- अब दर्द ठीक है…

पारूल-आहह..हाँ भैया..अब चोदो…जल्दी..आहह

मैने पारूल का इशारा मिलते ही उसकी गान्ड को पकड़ के चोदना शुरू कर दिया ऑर साथ मे उसके बूब्स को चूमने लगा….



पारूल भी अब मस्त हो कर उपर नीचे हो रही थी ऑर चुदाई का मज़ा ले रही थी….


मैं- अच्छा है ना गुड़िया…

पारूल -आहह…आअहह….आहहह..….हाँ..भैया..आहह

मैं- बता बेटा ..भैया का लंड कैसा है….यीहह

पारूल-आअहह…म्म्माहअस्सटत्…ल्ल्लुउन्न्ड्ड़ हहाईयैयाीइ….भैयाअ…आहह..आहह

मैं- ह्म्म..तो अब मज़े कर मेरी गुड़िया....ये ले...…

पारूल—आहह…आऐईइईसीई,,हिी………आहह….ऊओररर…त्तीज्ज……

मैं-इहहाअ….य्ययहहाअ…ऑर तीज्ज्ज्ज

पारूल-आअहह…ऊओह..आहह...उउउफ़फ्फ़..म्मा...आहह

मैं- ज़ोर से...ओर ज़ोर से.....येस्स..येस्स..

पारूल- हाँ…आअहह….आऐईीससी…भैया…आअहह…आहह…

थोड़ी देर तक मैं पारूल को पूरे जोश के साथ लंड पर उछलता रहा ऑर फिर उसे उछालना छोड़ दिया तो मेरे लंड पर बैठ गई ओर धीरे-धीरे खुंद ही चुदने लगी…..

मैं- आहह..मज़ा आया..

पारूल- हाअ…भैया…आपका लंड अच्छा है…आहह

मैं- तो अब और मज़ा कर्वाऊ तुझे….???

पारूल- अहहह...हाँ...हाअ..भैया….जल्दी…

मैं- अब तू रुक …अब मैं तुझे नया पोज़ दिखाता हूँ…

पारूल- आहह..जैसे भी चोदो…बस खुजली मिटा दो.…

मैं- अच्छा मेरी गुड़िया..तो अब ये देख..…

मैने पारूल की कमर पकड़ कर उसे साइड मे उल्टा लिटा दिया और उसे कुतिया बनने को कहा…..

जैसे ही पारूल कुतिया के पोज़ मे आई तो मैने पीछे से एक ही धक्के मे आधा लंड उसकी चूत मे डाल दिया ऑर चोदने लगा….पारूल भी अब मस्त हो गई थी उसका दर्द दूर हो गया था ऑर वो अब मज़े से चुदने लगी….





पारूल- आहह….माँ…उूउउइइ…..आहह

मैं- अब तेरी फाड़ता हूँ गुड़िया..…अब दर्द नही होगा…

पारूल-आअहह..फाड़...दो भैया…आअहह…ज्ज़ोर..सी…माररू….आहह

मैं- तो ये ले …अब फटी तेरी..यीहह

मैने पारूल को कमर से पकड़ कर फुल स्पीड मे चोदना शुरू किया ऑर पारूल भी कमर पीछे करते हुए चुदाई करवाने लगी..और मेरी जागे उसकी गान्ड पर थाप मारते हुए उसे लाल करने लगी… 


पारूल-आहह…भैया…तीज्ज…हाँ.भैया…फाड़ दो…अपनी गुड़िया की…आहह..भीयाअ

मैं- हाँ गुड़िया..ये ली…अब तेरी चूत गई…

और मैं फुल स्पीड मे चुदाई करने लगा…

पारूल-आअहह…आअहह…ऊररर…तीएजज,,,,आहह,,,,,,भैया….आअन्न्ंदडाा ….ताअक्कक….म्म्माेआ….उूउउफ़फ्फ़…म्म्माक….फ़फफादद्ड़..दद्दूव…भैय्ाआआहह...उूउउफ़फ्फ़..म्म्मा .....आाऐययईई...
..म्म्माकआ...आअहह

मैं- आहह..ईएहह….येस्स..येस्स….ये..ले…ये ले बेटा…

पारूल- आअहह…आअहह…ऊररर…तीएजज,,,,आहह,,,,,,आअन्न्ंदडाा ….ताअक्कक….म्म्माहआ….उूउउफ़फ्फ़…माआ…म्माईिईन्न्न…..म्म्माक…आआईइ……आअहह…

मैं- ऑर तेजज्ज़ डालु बेटा..

पारूल-आअहह….भैयाया…दददााालल्ल्ल्ल्ल्ल…ददाआल्लू…..आआअहह……आअहह…आअहह....तीएजज्ज़....ऊओरर..त्त्तीज्ज्ज
....आहह...उउफफफ्फ़...आआहह

मैं-यस बेटा..ये ले..…ये ले


मैने तेज़ी से पारूल की चुदाई कर रहा था ऑर ऐसी तेज चुदाई मे पारूल झड़ने लगी ऑर उसकी सिसकारिया तेज हो गई…

पारूल-आअहह…आहह…हहा…ऐसे ही करो..भैया…..आहह…..
आहहह…अहहह...सहहाः…ज्जॉर्र्र..ससी..आहहह

फफफफात्तत्त…..प्प्पाट्त्ट…आहः..उउंम…भैयाअ…..हहूऊ…आअहह.…आऐईइईसीए हहीी……ज्जूओर्रर…ससीए…..तीज़्ज़ज्ज…हहाअ…उउउफफफ्फ़
आअहह…आअहह…ययईईसस्स….ऊऊहह…भैया…आहह

मैं-यस …ये ले गुड़िया…ऑर ले…

पारूल- अहः..उउंम…हहूऊ…आअहह.…आऐईइईसीए हहीी…भैया…ज्जूओर्रर…ससीए…..एस्स्स्स्स…आअहह…

पारूल झड़ने के बाद भी पूरे जोश के साथ चुदने का मज़ा ले रही थी ऑर मैं भी पूरी स्पीड से उसे चोदता रहा....ऑर पारूल का चूत रस मेरे लंड के साथ अंदर बाहर होता रहा....
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06-05-2017, 03:04 PM,
RE: चूतो का समुंदर
जब पारूल झड चुकी तो वो सिर को नीचे करके रुक गई और मैने भी उसकी कमर को छोड़ा ऑर लंड को चूत से बाहर निकाल कर उसके बाजू मे बैठ गये,....

थोड़ी देर बाद जब पारूल नॉर्मल हुई तो पलट के मेरे साथ बैठ गई ऑर मुझे किस करने लगी....किस करने के बाद …

पारूल- आहह..भैया..सच मे आप मस्त चोद्ते हो…मज़ा आ गया…

मैं- ह्म्म्मन..पर मेरे मज़े का क्या…

पारूल- क्यो भैया..आप खुश नही है…

मैं- अभी तो नही…देखो इसे…ये खड़ा हुआ है..( लंड दिखाते हुए)

पारूल- हाँ भैया…ये तो खड़ा है…

मैं-ह्म्म…तो जब तक ये खड़ा है …मज़ा कैसे आयगा..

पारूल- भैया ..आपने मुझे मज़ा दिया…अब मैं आपको मज़ा करा के ही रहूगी…चाहे जितना टाइम लगे…

मैं- तो मेरी प्यारी गुड़िया…जल्दी शुरू हो जा…

मेरे कहते ही पारूल एक बार फिर मेरे लंड को मुँह मे भर कर चूसने लगी.....

थोड़ी देर लंड चुसवाने के बाद मैने पारूल को रोका और उसे लिटाते हुए साइड से घुमा दिया और इस बार एक ही झटके मे लंड उसकी चूत मे पेल दिया….पारूल भी ज़्यादा नही चीखी ऑर अब मज़े से चुदाई का मज़ा लेने लगी थी….



मैं- अच्छा है ना गुड़िया…

पारूल –अच्छा हाइईइ...आअहह….आहहह..…...भैया..आहह

मैं- बेटा ..आगे और भी बहुत दिखाउन्गा...….यीहह

पारूल-आअहह…म्म्माडअस्स्ट..हहाईईइ….भैयाअ…आहह..आहह...जोर्र..सी

मैं- अब मज़े कर गुड़िया....ये ले...…

पारूल—आहह…आऐईइईसीई,,ही…आहह….ऊओररर…त्तीज्ज……आहह

मैं-इहहाअ….य्ययहहाअ…ऑर तीज्ज्ज्ज…मारु…हाअ

पारूल-आअहह…हाँ..तीज्ज्ज्ज...ऊओह..आहह...उउउफ़फ्फ़..म्मा...आहह

मैं- ज़ोर से...ओर ज़ोर से.....येस्स..येस्स..ये ले….ईएह..यीहह

पारूल- हाँ…आअहह….आऐईीससी…भैया…आअहह…आहह…ज्ज्जोर्र..सीए..आहह

मैं पारूल की चुदाई पूरी स्पीड के साथ कर रहा था…पर पारूल इस पोज़ मे मज़ा नही ले पा रही थी….अभी तो चूत खुली ही है…तो नये-नये पोज़ मे मज़े लेना मुस्किल होगा…यही सोच कर मैने छुदाई रोकी ओर लंड को पारूल की छूट से निकाल के कहा…

मैं- तुझे मज़ा नही आ रहा ..है ना...

पारूल- नही भैया..ऐसा कब कहा..आहह

मैं- बेटा...मुझे लगता है इस पोज़ मे दर्द ज़्यादा हो रहा है...

पारूल- हाँ भैया..थोड़ा सा..

मैं- ओके…अब तू जैसे चाहे वैसे चुदाई करता हूँ…

पारूल- भैया..आप करो ना….मैं ठीक हूँ…

मैने(पारूल को किस कर के)- नही गुड़िया….तुझे तकलीफ़ दे कर नही चोदना..हाँ…बाद मे रगड़ के चोदुन्गा..पर आज तेरी मर्ज़ी का पोज़..ओके..

पारूल- आप करो ना भैया…जैसे करना हो..बस चोदो…

मैं -ह्म्म..ठीक है तो ..सवारी करेगी फिर से…

पारूल- हाँ..भैया..उसमे मज़ा आता है…

और पारूल फिर से मेरे लंड पर बैठने लगी..पर इस बार मैने उसे पीठ अपने साइड करके बैठाया…और अब पारूल ने खुंद से लंड को चूत मे फिट किया ऑर सट करके पूरा अनादर लेते हुए बैठ गई….

पारूल-आहहह

मैं- वाहह..एक बार मे..बहुत अच्छे…अब लंड की सवारी कर…

मेरे कहते ही पारूल ने अपने हाथ पीछे करके मेरे सीने पर रखे ऑर लंड पर उछल –उछल कर चुदने लगी…ऑर मैने भी नीचे से धक्के मारने लगा…..




मैं-आहह…गुड़िया….मस्त कर रही है…आहह

पारूल- आहह..आहह..आहह…आह..आहह…अहह

मैं- ले ले ….भाई का …अंदर...आहह...ज़ोर से..

पारूल-आअहह..भैया...दूओ........आहह..आहह

मैं- हाँ..ये ले...

पारूल-आहह..आह..भैया...फाड़ दो....मज़ाअ...आहह....आ...गायाअ...

मैं- अभी ऑर मज़े करवाउन्गा...

पारूल-आहह……मैं…..भी करना..चाहती…आहह….हुनूउऊ

मैने पूरी स्पीड मे 5 मिनिट पारूल को चोदता रहा ऑर पारूल भी फुल स्पीड मे उछलती रही…

पारूल- भैया…..मेरा…पानी,…आहह…..आहह…निकलने.....आअहह

मैं समझा गया कि पारूल झड़ने के करीब है ऑर थक भी चुकी है तो मैने पारूल को लंड डाले हुए ही पलटा दिया …

और पारूल ने सोफे को आगे से पकड़ लिया और मैने पारूल की गान्ड को पकड़ कर उसको स्पीड से चोदना शुरू कर दिया....

मैं- ईएह…बेटा…अब निकाल पानी…

पारूल…आहह..भैयाया…बॅस…आने वाला..आहह..हाईईइ…आहह

मैं- निकाल.दे…ये ले…ये ले..

पारूल-आहह..आहह..आह..ओररर…जोर्र..सी.अहहह....भैयायाअ…आहह

मैने- निकल...गया…ले…ऑर ले…

पारूल-आहह..हाँ..भैया..माइइ..आहह..आईयाीइ..आहह..बब्बहायिईय्याअ...आऐईयईईईई

थोड़ी देर मे ही पारूल झड़ने लगी ओर उसकी चूत मे पानी के साथ मेरा लंड अंदर बाहर होते हुए फुकच्छ करने लगा….ऑर चुदाई का महॉल गरम हो गया…..
Reply
06-05-2017, 03:04 PM,
RE: चूतो का समुंदर
पारूल-ओह्ह..भैया…अह्ह्ह्ह…आहह

मैं- येस्स..बेटा…यस…

पारूल-भैया.आआ…..आहह..आहह…आहह….

पूरे रूम मे अब आवाज़े गूंजने लगी

फ़फफूूककचह..फ़फफूूक्चह्त…….टत्त्तप्प्प….त्ततप्प्प…त्तप्प..आहह…उउउंम..हमम्म..भीयाअ……आहः….आहह..उउफ़फ्फ़…ऊहह
…ऊहह….फ्फक्च्छ..फ़फफुक्चह…..भैया….त्थ्ह्प्प…त्तप्प्प..आहहह..अहहहह…एस्स..येस्स……आहह…उउउंम्म…उउंम्म..ईएहह….बेटा..…ये ले…ये..बेटा…ओर ज़ोर से…ले..…
आहहह..फ़्फुूक्च..फ़्फुऊूउक्च…...
ताआप्प्प…आहह….उउम्म्म्मह…आहह..आहह…

और मैने भी झड़ने लगा…..

मैं- मैं भी आय्या....बेटा...

पारूल-आअहह..भैया...डाल्ल..दो....आहह..अंदर..हीईीईई..आहह

मैं-यीहह...यीहह..यीहह..ये..ले...

पारूल-आअहह..भैया....अंदर ही...आह....भर...दो..उउउफ़फ्फ़...ऊहह..ऊहह...ऊहह

मैं फाइनली पारूल की चूत मे झड़ने लगा ऑर पायल की चूत को अपने लंड रस से भर दिया...


जब मैं पूरा झड गया तो बेड पर जा कर लेट गया ऑर पारूल सोफे पर ही पड़ी रही….

थोड़ी देर रेस्ट करने के बाद मैं बाथरूम जा कर फ्रेश हुआ ऑर बपस बेड पर लेट गया…

पारूल भी उठ कर फ्रेश हो आई ऑर बेड पर आ कर मेरे सीने पर चढ़ कर मुझे किस करने लगी….

जब उसने मुझे मन भर के किस कर लिया तो वो मेरे उपर ही लेट गई ऑर बोली….

पारूल- भैया…मज़ा आ गया…आप बहुत अच्छा करते हो..

मैं- क्या करता हूँ…

पारूल- चुदाई…(ऑर शर्मा गई)

मैं- ह्म्म…चुदाई करती हो तो शरमाना छोड़ दो…

पारूल- जी भैया…पर…

मैं- क्या हुआ…

पारूल- भैया…वो आपने मेरी चूत मे ही पानी डाल दिया….कुछ हो गया…तो..???

मैं- कुछ नही होगा…तुम्हे टॅबलेट दे दूँगा..खा लेना…ओके

पारूल- जी भैया...

मैं- अब खुश हो ना...खुजली मिट गई...

पारूल- जी भैया…पर इतनी खुजली क्यो हो रही थी आज…???

मैं- तुम्हारी चूत आज ही खुली थी ना..तो शुरू मे ज़्यादा मन होता है बार-बार करने का…

पारूल- तो मेरा मन होगा तो..

मैं- अरे तुम्हारा भैया है ना…

पारूल- मतलब आप रोज करोगे ना…

मैं- ह्म्म..कुछ दिन बस…उसके बाद खुजली कम हो जायगी ऑर फिर तुम पढ़ाई करना ओके..

पारूल- जी भैया..

मैं- अब सो जाओ..कल निकलना है हमें…

पारूल- ठीक है ..मैं जाती हूँ…

मैं- अब कहाँ जाती हो…यही सो जाओ..सुबह निकल जाना…

पारूल- किसी ने देख लिया तो…

मैं-तो बोल देना कि जगाने आई थी ऑर रूम का गेट ओपन था..समझी..

पारूल- जी भैया…

मैं- अब आजा अपने भैया की बाहों मे…मस्त नीद आ रही है मुझे…

पारूल- भैया ..मैं आपको सुलाती हूँ…आप मेरी बाहों मे आ जाओ…

मैने फिर पारूल के सीने पर मुँह रखा ऑर उसके एक बूब को मुँह मे भर लिया…

पारूल-आहह..भैया…ये क्या…सोना नही है…

मैं- ऐसे ही सुलाओ ना…दूध पिलाते हुए…

पारूल- ठीक है भैया…आप पी लो…ये आपके लिए ही है…जितना चाहे पियो..ऑर सो जाओ..

मैं फिर पारूल के एक बूब को मुँह मे भर कर आँख बंद करके लेट गया ..ऑर पारूल मेरे सिर को सहलाते हुए मुझे सुलाने लगी….


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06-05-2017, 03:05 PM,
RE: चूतो का समुंदर
मैं इतना थक गया था कि पता ही नही चला कि कब नीद आ गई ऑर मैं दूध पीते-पीते सो गया…...

सुबह मेरी नीड आंटी के जगाने से टूटी …उनका कॉल आ गया था…

जब मैने आँखे खोली तो देखा कि मैं अभी भी पारूल के बूब को मुँह मे भरे लेटा था ऑर पारूल मस्ती मे सो रही थी…

मैं तुरंत उठा ऑर कॉल पिक की…

( कॉल पर)

मैं- हेलो आंटी

आंटी- गेट खोल ना बेटा…कब्से खड़ी हूँ….

मैं- ओके..पर आप अकेली हो या कोई साथ मे है.??

आंटी- अकेली हूँ…क्यो…

मैं- कुछ नही ..अभी आया…

मैने कॉल कट की ऑर अपना बॉक्सर पहन कर गेट खोल दिया…जैसे ही आंटी अंदर आई तो मैने जल्दी से गेट बंद किया….

आंटी- क्या हुआ..

मैं – कुछ नही…

आंटी ने मुझे गले लगा लिया ऑर बोली…

आंटी- और कितना तडपाएगी बेटा..

मैं- क्या हुआ आंटी

आंटी- पता है कितने दिन से तूने मुझे चोदा नही

मैं- अरे आंटी …अब आप घर चलिए…आपको इतना चोदुन्गा..की आपकी चूत ओर गान्ड फट जाएगी…

आंटी- सच मे…चल ना फिर…मैं इसी लिए तो जगाने आई…

मैं- ह्म्‍म्म..तो चलिए…

जैसे हूँ आंटी ने मुझे छोडा ऑर पलटी तो सामने पारूल को देख कर ….शॉक्ड रह गई…

आंटी-ओह्ह..तो इस बच्ची को बड़ा कर दिया…

मैं(मुस्कुरा कर)- जी आंटी…और अब ये बच्ची मेरे साथ मेरे घर मे रहेगी…

आंटी- अच्छा…रखेल बना लिया क्या…

मैं- नही आंटी…बहन बना लिया…ऑर इसको पढ़ना है तो मैं हेल्प करूगा…

आंटी- मेरा प्यारा बेटा…ये तूने अच्छा काम किया…पर इसकी माँ …???

मैं- उसको भी अपने घर मे जॉब दे दूँगा…दोनो का ख्याल रखूँगा…

आंटी- ह्म्म..ऑर ये तेरी बहन , तेरे लंड का ख्याल रखेगी..हहहे

मैं- ह्म्म..कभी-कभी…पर आप जितना नही...

आंटी- ह्म्‍म्म..तो मुझे भूल मत जाना …

मैं- कभी नही…आप तो मेरी हो..आपको तो हमेशा चोदता रहूँगा,,,

आंटी- ओके..अब इसे उठा..ऑर रेडी कर ..हमे चलना भी है…

मैं- हाँ..पर आप निकलो पहले…इसको पता नही चलना चाहिए कि आपको कुछ पता है ओके

आंटी- ओके..मैं जाती हूँ तुम जल्दी करना…

मैं - अरे आंटी 1 और बात...

आंटी- क्या..बोलो

मैं - आंटी वो इसके लिए प्रेगञेंसी रोकने की टॅबलेट चाहिए...वो मैं इसकी चूत मे ही झाड़ गया था...

आंटी- ह्म्म..ठीक है , नीचे आएगा तो दे दूँगी...ऑर कुछ हुंकुम...

मैं- ह्म्म...अभी तो और कुछ नही...मेरी रानी...हाहाहा

आंटी- तो मेरे राजा...मैं चलूं...तू भी जल्दी आना...

मैं –ओके..

इसके बाद आंटी चली गई ऑर मैं गेट बंद करके पारूल के पास गया ओर उसके सॉफ्ट-सॉफ्ट होंठो को चूसने लगा…

थोड़ी देर मे ही पारूल जाग गई ऑर मेरे गले मे बाहें डाल कर किस का रेस्पॉन्स देने लगी….

फिर मैने किस ख़त्म किया ऑर पारूल को कहा…

मैं- कैसी है मेरी गुड़िया…

पारूल- बहुत अच्छी हूँ..भैया….आपकी बाहों मे मस्त नीद आई…

मैं-ह्म्म..तो अब उठ जाओ..ऑर रेडी हो जाओ…हमे जाना है ओके…

पारूल- जी भैया…

इसके बाद पारूल उठी ऑर कपड़े पहन कर अपने रूम मे निकल गई…मैने उसे रेडी हो कर नीचे मिलने का बोल दिया ऑर मैं बाथरूम मे घुस गया…रेडी होने को….


फिर मैं रेडी हो कर नीचे जाने लगा…ऑर जाते हुए मुझे सोनम दिख गई….वो आज बिल्कुल अकेली थी…

मैने सोचा कि आज सही मौका है इससे बात करने का....और मैने उसके सामने जा कर खड़ा हो गया…

मैं- हाई सोनम

सोनम- जी कहिए..कुछ काम था क्या…???

मैं- आक्च्युयली ..वो..मैने कुछ पूछा था तो..

सोनम- तो..क्या…???

मैं- कुछ अन्सर तो दे दो…

सोनम- देखिए…मुझे काम है..मेरे पास टाइम नही…आप रास्ता छोड़ेगे…प्ल्ज़्ज़...

मैं- हाँ..बस हाँ या ना बोल दो…बस..

सोनम(गुस्से मे)- मुझे काम है..समझ नही आता क्या…

मैं सोनम के ऐसे तेवर देख के डर ही गया…ऑर साइड हो गया…सोनम तुरंत ही निकल गई..ऑर मैं उसे देखता रह गया…

फिर मैं नीचे आने लगा ऑर सोचने लगा कि ये क्या हो गया..इतनी गुस्सा…..समझ मे नही आया….सिर्फ़ हाँ या ना ही बोलना था…पर गुस्सा क्यो…पता नही….

ये साली ऐसे रंग बदल देगी सोचा नही था...चलो...ये तो गई हाथ से..अब कोई और सही….

मैं सोचते हुए नीचे आ गया तो मेरे सामने मनु और आंटी बैठी हुई थी…मैं भी वही चल गया…ऑर हम साथ मे कॉफी पीने लगे…

मैने आज फिर मनु की आँखो मे उदासी सॉफ देख रहा था पर वजह आज भी पता नही थी….इसके साथ भी कुछ नही हुआ…..

साला मेरी किस्मत भी अजीब है...चोदने को ज़माने की चूत मिल जाती है ऑर प्यार करू तो नखरे….भाड़ मे जाए ये प्यार…ऑर मैने अपने टूटे हुए दिल को तसल्ली दे दी…

मैं अपनी दुनिया मे ही खोया था कि दामिनी मेरे पास आ गई…

दामिनी- अरे आप रेडी हो गये..

मैं- हाँ..आज निकल रहा हूँ…और आप

दामिनी- मैं कुछ दिन बाद आउन्गी…

मैं- ओक..ऑर कामिनी

दामिनी- वो भी साथ मे ही आयगी…

मैं- अच्छा ..तो अब आपसे वही मुलाक़ात होगी..

दामिनी(धीरे से)- हाँ बिल्कुल..अभी एक साइड बाकी है मेरी….

(दामिनी का मतलब चूत से था..उसकी गान्ड तो मार ही ली थी)

मैं- ह्म्म..डोंट वरी…अब तो आप मिलती ही रहेगी…

दामिनी- हाँ बिल्कुल

इतने मे कामिनी ऑर रिचा भी आ गई ऑर दूसरी तरफ से दीपा भी 

कामिनी- तो अब जाने का मूड बना ही लिया..

मैं- वैसे दिल तो नही कर रहा बट एग्ज़ॅम है मेरे तो जाना ही होगा…

कामिनी- ओह..तब तो रोक भी नही सकती…वैसे आपको हमारा गाओं पसंद आया …???

मैं- बहुत ..खास कर यहाँ के लोग…

कामिनी- तो अब भूल मत जाइएगा…टच मे रहना…

मैं-अरे बिल्कुल…हर वीक आपसे मिलुगा ओके

और हम सब हँसने लगे….

ऐसे ही हँसते ऑर बाते करते हुए हमने नाश्ता किया ऑर अब हम चलने को रेडी थे…

पारूल भी रेडी हो कर आ गई ऑर हमारा सामान भी…

हमारे साथ रिचा दीपा ऑर मनु भी आ रहे थे…साथ मे सोनू ओर उसकी फॅमिली भी…

हम 3 कार्स मे थे…एक मेरी थी जिसमे मैं , पारूल, आंटी ऑर मनु थे…

दूसरी कार दीपा के पति ने भेजी थी..जिसमे दीपा रिचा ऑर उनका ड्राइवर था…एक कार सोनू की थी …जिसमे सोनू , सोनम ऑर उसके मोम-डॅड थे…

हम सभी कामिनी दामिनी ऑर बाकी सब को बाइ कह कर निकलने लगे…..तभी मेरी नज़र काजल पर पड़ी….जो आज भी मुझे घूर रही थी पर आज खा जाने वाली नज़र से नही बल्कि प्यार की नज़र से…जैसे कह रही हो कि मत जाओ…मुझसे बात करो…मुझे तो समझ ही नही आई ये लड़की…..

पर अब कर भी क्या सकते थे…कार स्टार्ट थी ऑर हम निकल रहे थे..

मैने काजल को देख कर बाइ कहा तो उसने कुछ नही कहा बस घूरती रही..ऑर मैं कई सवाल दिल मे लिए हुए कार को बढ़ने लगा….
Reply
06-05-2017, 03:05 PM,
RE: चूतो का समुंदर
जल्दी ही हम गाँव से निकल कर मैन रोड पर आ गये और घर की तरफ जाने लगे....

कार मे मेरे बाजू मे पारूल थी ऑर पीछे आंटी ऑर मनु थी…वो दोनो अपनी बातों मे लगी थी ऑर पारूल मेरे साथ हल्की-फुल्की बाते कर रही थी….

मैं ड्राइव करते हुए सोच रहा था कि काजल अचानक चेंज कैसे हो गई ऑर सोनम तो बिल्कुल ही बदल गई…आख़िर क्या बात है….मैने जैसा चाहता था वैसा कुछ नही हुआ…

पर सवाल ये है कि आख़िर सोनम ऑर काजल को हुआ क्या है….पता नही इन सवालो के जवाब मिलेगे भी या नही…

और मैने सोचते हुए ऑर बाते करते हुए घर आने लगा….

हमने रास्ते मे सिर्फ़ एक जगह रुक कर कॉफी पी ऑर फिर सहर की तरफ आने लगे…और 6-7 घंटे के बाद आख़िर कार हम पहुँच ही गये..


हम जब सहर मे एंटर हुए तो सब लोग बाद मे मिलने का बोल कर अपने-अपने घर निकल गये..ऑर मैं मनु के घर निकल गया उसे ड्रॉप करने…

जब मैने मनु का घर देखा तो देखता ही रह गया…कमाल का घर था उसका…आइ मीन बंग्लो ….

मनु ने हमे अंदर बुलाया पर मेरा मूड ऑफ था तो मैने सॉफ मना कर दिया…मनु को मेरा यू मना करना अच्छा तो नही लगा पर वो कुछ नही बोली…और मेरी वजह से आंटी भी अंदर नही गई…

पर आंटी मनु को छोड़ने कार से उतर गई ऑर थोड़ी देर बात करने के बाद वापस आ गई…..हमने मनु को ड्रॉप किया तो मैने आंटी से कहा..

मैं- आंटी , अब कहाँ चले…

आंटी- पहले अपने घर ले चल..ये ड्रेस निकाल कर साड़ी पहन लूँ…वरना कोई देख लेगा तो बवाल हो जायगा…

मैं- ओके..

और मैने अपने घर की तरफ कार घमा दी...वैसे आज आंटी साड़ी ही पहन रही थी पर मैने उन्हे ड्रेस ही पहनाई …ऑर बोल दिया था कि घर पहुँचने से पहले चेंज करवा दूँगा…

फिर हम मेरे घर गये और मैने कार पार्क की ऑर हम अंदर आ गये…

अंदर आते ही पता चला कि सब लोग सहर मे आए हुए सर्कस मे गये है…सिर्फ़ चोकीदार ही था घर पर…

फिर आंटी ने जल्दी से चेंज किया ऑर पारूल ने अपना सामान रख दिया…

अब प्राब्लम ये थी कि मैं आंटी के घर रहने वाला हूँ ऑर पारूल यहाँ अकेली है...घर मे कोई था भी नही तो...

मैं-आंटी , अब क्या करे..रूपाल अकेली हो जयगी…

आंटी- अकेली क्यो…इसे साथ ले चल ..मेरा घर तुम्हारा ही घर है समझे…

मैं- वो तो ठीक है पर अंकल…

आंटी- कुछ नही…वो मैं देख लूगी…पारूल हमारे साथ ही चलेगी ..ठीक 

मैं-ओके…

इसके बाद मैं चोकीदार को कल आता हूँ बोल कर आंटी के घर निकल गया…


आंटी के घर जा कर हमने कार पार्क की ऑर अंदर एंटर हुए ही कि हमारी नज़र अंकल पर पड़ी......

अंकल हमारे सामने खड़े थे…जो बहुत ही गुस्से मे दिख रहे थे…..

अब अंकल को क्या हुआ......??????

मैं (मन मे)- अब अंकल को क्या हुआ…घर मे कोई बात हो गई क्या…बट अगर ऐसा कुछ होता तो संजीव कम से हम मुझे नही तो आंटी को तो कॉल कर के बता ही देता……जो भी हो देखते है …आख़िर हुआ क्या है…

मुझे लगा था कि होगी कोई बात..पर उन्होने जो कहा वो सुनकर तो मैं चौंक ही गया..ऑर शायद आंटी की तो फट ही गई होगी…….

जैसे ही आंटी और मैं अंदर जाने लगे तो अंकल बोले….

अंकल- आ गई तुम…हो गई अय्याशि...??

आंटी- जी..पर इतनी गुस्सा किस बात की है आपको…और अय्याशि कैसी...मतलब क्या है आपका....???

अंकल- गुस्सा, अच्छा तुम अपनी मर्ज़ी का करती रहो ऑर मैं गुस्सा भी नही कर सकता…

मैं- अंकल…हुआ क्या….

अंकल(बीच मे ही बोल पड़े)- बेटा तुम चुप रहो….बीच मे मत बोलना

मैं अंकल का गुस्सा देख कर चुप हो गया…

आंटी- आख़िर हुआ क्या है , ये तो बताओ..

अंकल- तुमने जो किया है …वो सब पता है मुझे….

ये बात सुनकर तो मेरी गान्ड भी फट गई…आंटी की तो फट के बिखर ही गई होगी….

आंटी(डरते हुए)- क्क्क..क्या….पता..चला…???

अंकल- वही जो तुमने किया है…

आंटी- आईईससा..कय्या…कििय्या..मैने...???

अंकल- अब मुझसे पूछ रही हो…इसलिए ही गई थी ना शादी मे…कर ली मन की…

आंटी-प्पारर..म्मैने…

आंटी तो डर के मारे शब्द ही नही बोल पा रही थी और मैं भी डरा हुआ सबको देख रहा था…अब वाहा पर घर के सब मेंबर आ गये थे और सब के सब आँखे नीचे किए हुए बातें सुन रहे थे…जैसे उन सब को शर्मिंदगी हो किसी बात पर…

आंटी- पल्लज़्ज़…बताइए ना…क्क्या किया..मैने…

अंकल- रजनी मुझे तुम से ऐसी उम्मीद नही थी….छी

आंटी(सुबक्ते हुए)- ऐसा क्या किया मैने…बताओ तो…प्लज़्ज़्ज़

अंकल- मुझे तो कहने मे भी शर्म आ रही है…

मैं(मन मे)- अरे बाप रे..लगता है अंकल को आंटी की चुदाई का प्रोग्राम पता चल गया…पर कैसे…????.... और अगर ऐसा हुआ भी तो मेरी तो मर ही गई समझो….हे भगवान बचा लो…

आंटी(रोते हुए)- प्ल्ज़्ज़…बताओ ना …ऐसा मैने क्या किया …???

अंकल- मुझसे सुन ना चाहती हूँ…तो सुनो….मैने तुम्हे मनु के घर के बाहर देख लिया था…क्या पहना था तुमने…ऑर अब ये साड़ी कैसे पहन ली…

मैं(मन मे)- ओह..तो ड्रेस की बात है…थॅंक गॉड….बच गया…इसमे ज़्यादा लफडा नही है…

आंटी(आँखे नीची किए हुए)-आपने देख लिया..??

अंकल- हाँ…कैसी ड्रेस पहनी थी…पता भी है तुम्हे…

आंटी- माफ़ कर दो…वो कामिनी…

अंकल- कामिनी क्या….????
Reply
06-05-2017, 03:05 PM,
RE: चूतो का समुंदर
मैने सोचा कि चलो अच्छा है ये चुदाई का मॅटर नही है ..रही ड्रेस की बात तो मैं अंकल से बात करता हूँ…हाँ यही सही रहेगा..आंटी तो बोल ही नही पा रही…

मैं-अंकल ..

अंकल- बेटा तुम कुछ मत कहो…

मैं-अंकल प्ल्ज़्ज़…1 मिनिट मेरी बात सुन लीजिए फिर मैं कुछ नही बोलुगा….

अंकल- ओके..क्या कहना है तुम्हे…

मैं- अंकल ,आप इसी बात से गुस्सा है ना कि आंटी ने वैसी ड्रेस पहनी थी…

अंकल-ह्म्म…

मैं- अंकल पर आंटी की कोई ग़लती नही …सारी ग़लती उनकी फ्रेंड की है..

आंटी मुझे देखने लगी..जैसे कह रही हो कि तू कहने क्या वाला है…

अंकल- फ्रेंड की..वो कैसे..???

मैं- अंकल कामिनी के घर शादी मे वेस्टर्न ड्रेस की थीम थी…आंटी ने मना भी किया पर सब औरतें ऐसी ड्रेस पहने हुई थी तो फिर आंटी को भी पहन नी पड़ी….

अंकल-वो ठीक है..मान लिया…पर साड़ी के बाद तो..

मैं- अंकल- वो मेरी ग़लती है…

आंटी फिर मुझे देखने लगी….

अंकल- तुम्हारी ग़लती…वो कैसे…

मैं- सॉरी अंकल पर मैने ही आंटी को कहा था कि आप इसी ड्रेस मे चलो…ऑर घर जाते ही साड़ी पहन लेना…

अंकल- पर क्यो…???

मैं- अंकल मुझे लगता है कि आंटी इस ड्रेस मे ज़्यादा अच्छी लगती है..ओर मैं ये नही चाहता था कि मेरी आंटी किसी के सामने गाँव वाली की तरह साड़ी मे रहे…

अंकल- पर बेटा…इसमे गाँव ऑर सहर की बात कैसे आ गई…

मैं- अंकल…आप सही है शायद …फिर भी आज –कल साड़ी पहन ने वालो को गाँव की ही समझते है ज़्यादातर लोग…

अंकल- ये सही नही है…

मैं- अंकल …अगर मेरी माँ होती तो भी मैं यही करता…

आंटी ऑर अंकल के साथ सब लोग मेरी बात को ध्यान से सुनते हुए सहमत होते जा रहे थे…

अंकल- ठीक है बेटा पर मुझसे छिपाने की क्या ज़रूरत थी..

आंटी(बीच मे )- क्योकि आपसे डर लगता है..आपको ये सब पसंद नही ना…

अंकल- ऐसा नही है..मुझे पसंद नही था..पर अब मैं भी चेंज हो रहा हूँ जमाने के साथ…

आंटी- मतलब…

अंकल(मुस्कुरा कर)- अरे मैं गुस्सा नही हूँ…बस मज़ाक कर रहा था..

मैं ऑर आंटी ये सुन कर शॉक्ड हो गये ऑर बाकी सारे लोग हँसने लगे……

आंटी- आप लोग...हँस क्यो रहे हो...??

मैं समझ गया कि ये सबकी मिलीभगत है...और ये सब ड्रामा कर रहे है...

मैं- अंकल ..इतना ड्रामा किस लिए….???

अंकल- सॉरी बेटा…मैं तो यही चाहता हूँ कि रजनी ऐसी ही ड्रेस पहने …ऑर आज मैने देखा तो मुझे लगा कि मेरी बीवी मुझसे छिप कर ये कर रही है ऑर मुझे दुख हुआ…तो मैने तुम्हे भी सबक सिखाने को थोड़ा ड्रामा किया…

आंटी- पर क्यो…आप ऐसे भी बोल सकते थे ना

अंकल- ये सब प्लान तुम्हारी देवरानी ऑर बच्चों का था…

मीयन- ओह ये बात है…अंकल पर आपने तो आंटी को रुला ही दिया…


अंकल- सॉरी रजनी…मैं बस यही चाहता हूँ कि तुम सब अपनी मर्ज़ी से लाइफ जियो और जैसी ड्रेस चाहो पहनो पर छिप के नही...

आंटी- मतलब

अंकल- मतलब ये कि आज से इस घर मे सब लोग जैसे चाहे वैसी ड्रेस पहन सकते है..ओके

मैं- क्यो आंटी ओके ना

आंटी(मुस्कुरा कर)- थॅंक यू संजू के पापा…

जब सब बात क्लियर हो गई तो हम सब आपस मे मिले ऑर हँसते हुए बाते होने लगी…आंटी ने पारूल को भी सबसे मिलवा दिया …फिर हम सब कॉफी पी कर अपने –अपने रूम मे आ गये ऑर मैं संजीव के साथ उसके रूम मे जाने लगा…पारूल भी अनु लोगो के साथ उसके रूम मे चली गई…

मैं सोच रहा था कि अंकल अचानक बदल कैसे गये..ऑर ये सब प्लान किसका था…खैर जो भी हो….अंकल ने सही फ़ैसला किया…आज के बाद सब अपनी मर्ज़ी के ड्रेस मे रहेगे..ऑर मुझे गान्ड देखने मे ज़्यादा मज़ा आयगा….ऑर ये भी सही हुआ कि आंटी की चुदाई का अंकल लोगो को कुछ भी नही पता चला..

ऐसे ही सोचते हुए हम संजीव के रूम मे आ गये…ऑर आते ही संजीव ने गेट अंदर से बंद किया ऑर मुझसे कहा… 

( यहाँ संजीव को संजू लिख रहा हूँ ..मेरा फ्रेंड…ताकि कन्फ्यूषन ना हो..)

संजू- भाई काम हुआ कि नही…

मैं- अबे चुप कर यार…काम हो जायगा …पहले एक बात बता…

संजू- हाँ बोल…

मैं- ये सब जो ड्रामा हुआ…वो किस का प्लान था…

संजू- भाई वो हम सब का प्लान था…..पर शुरुआत आंटी ने की थी….(आंटी मतलब सोनू की आंटी)

मैं- मुझे पूरी बात बता…

संजू- तो सुन …हुआ ये कि पापा ने माँ को उस वेस्टर्न ड्रेस मे देखा था मनु आंटी के घर के बाहर…

मैं- हाँ वो पता है…अब आगे..

संजू– तू सुन तो…

मैं- हाँ बोल

फिर संजू ने मुझे सारी बात बताई…कि हुआ क्या था….हुआ ये था कि…

संजू के पापा उसकी माँ को इस ड्रेस मे देख कर गुस्सा हो गये ऑर घर पर आए…घर पर जब उनसे गुस्से का रीज़न पूछा तो उन्होने सब बता दिया…

तो संजू की चाची ने आंटी का बचाव किया ये कह कर कि आज कल ये सब चलता है…ऑर उसकी चाची के साथ सोनू, पूनम,अनु ऑर रक्षा भी थी….यहाँ तक कि संजू के चाचा ने भी कहा…कि हमारे घर मे भी सबको वेस्टर्न ड्रेस पहन ने देना चाहिए…

सबकी बात को सुन कर अंकल भी पिघल गये ऑर उन्होने डिसाइड किया कि अब सब अपनी मर्ज़ी से ड्रेस पहनेगे…

सब अंकल के डिसिशन से खुश थे और फिर संजू की चाची ने सबके साथ मिल कर आंटी को डराने के लिए ये सब प्लान किया ऑर सबने साथ दिया….

जब मैने सारी बात सुन ली तो मुझे संजू की चाची पर बहुत गुस्सा आया…क्योकि उन्ही की वजह से आंटी को इतना सुनना पड़ा ऑर साथ मे रोना भी पड़ा…

मैं- यार तुम सब ने ये ग़लत किया…आंटी को डराना नही चाहिए था…

संजू- यार मैं क्या करता..सब का प्लान था..

मैं- कुछ भी हो..तुम्हारी चाची ने ग़लत किया….

संजू- भाई भूल जा...जो हुआ सो हुआ..अब अपनी बात करे...
Reply
06-05-2017, 03:05 PM,
RE: चूतो का समुंदर
मैने मन मे सोचा कि संजू की चाची को इसकी कीमत तो चुकानी पड़ेगी..ऑर कैसे चुकानी है ..ये मैं तय करूगा...फिलहाल इसे छोड़ते है ऑर संजू पर ध्यान देते है...

संजू- ओह, हेलो ..कहाँ खो गया..

मैं- कही नही ..बोल क्या कह रहा था…

संजू- भाई मेरे लिए कुछ किया कि नही…

मैं- यार तेरी माँ मुझसे पट तो गई पर पूरी तरह नही..

संजू- मतलब

मैं- मतलब अभी चुदाई तक बात नही पहुँची…

संजू- अरे यार...कब पहुँचेगी..

मैं- डॉन’ट वरी..तेरे घर से जाने के पहले सेट कर दूँगा…

संजू- ओके..पर अपने एग्ज़ॅम भी है…याद है ना..

मैं- हाँ…बिल्कुल…ऑर मैं रेडी भी हूँ..

संजू- तेरा दिमाग़ तेज है पर मुझे पढ़ना पड़ेगा…

मैं- तो तू पढ़ाई कर...ऑर मैं तेरी माँ को चुदाई के लिए मनाता हूँ..ओके

संजू- ओके..पर यार अभी क्या करूँ...बहुत मन हो रहा है...

मैं- ह्म्म..तू उसकी टेन्षन भी मत ले...एक चूत का इंतज़ाम करवा दूँगा...कल.

संजू- किसकी..???

मैं- ये तो जब मिलेगा तब देख लेना..

संजू- यार बोल तो…

मैं- अब कोई सवाल नही ..मुझे सोना है…

संजू- ओके तू रेस्ट कर ..मैं पढ़ाई करता हूँ…

ये कह कर संजू अपनी बुक्स ले कर नीचे पढ़ाई करने चला गया ऑर मैं आँखे बंद करके रेस्ट करने लगा….

फिर मुझे पता नही क्यो…नीद आ गई ऑर मैं सो गया….मेरी नाद तब खुली जब अनु मुझे जगाने आई…

अनु- उठिए भैया…बहुत सो लिया…

मैं(आखे खोल कर)- ह्म्म्म ..क्या है…सोने दे ना..

अनु(मेरे सिर पर हाथ फेर कर)- नही..उठिए ...डिन्नेर रेडी है..सब आपका वेट कर रहे है...

मैं- ओह…डिन्नर..ठीक है…उठ जाता हूँ…

और मैं बेड पर बैठ गया और अनु से बात करने लगा….

अनु- भैया..आप तो साड़ी मे जा कर हमे भूल ही गये...

मैं- ऐसा क्यो बोल रही है…

अनु- भैया याद है ना…आपने मत पढ़ने का बोला था…

मैं-ओह हाँ…सॉरी बेटा..कल से तुम्हारी ट्यूशन स्टार्ट…

अनु- कल से क्यों..आज से क्यो नही..

मैं- यार आज थक गया हूँ ना..इसलिए..कल फ्रेश माइंड से शुरू करेगे ना...

अनु- ओके…अब आप रेडी हो कर नीचे आ जाओ…मैं चलती हूँ…

इसके बाद अनु चली गई ऑर मैं भी फ्रेश हो कर नीचे आ गया…और हम डिन्नर करने लगे…

डिन्नर के बाद हम सब शादी ऑर यहाँ –वहाँ की बाते करते रहे ऑर फिर अपने-अपने रूम मे आ गये…

रूम मे आते ही संजीव पढ़ने लगा ऑर मैं लेट कर सोचने लगा कि क्या आज वो लंड चूसने वाली आयगी या नही…ह्म्म्म देखते है…और यही सोचते हुए मैने कपड़े निकाल कर लेट गया……

मुझे अब भी बड़ी तेज नीद आ रही थी बट संजू पढ़ाई कर रहा था और लाइट मे मुझे नीद नही आती….

और मुझे ये टेन्षन भी थी की अगर संजू जागता रहा तो मेरा लंड चूसने वाली नही आ पाएगी…इसलिए संजू को या तो सुलाना पड़ेगा या फिर रूम से बाहर भेजना होगा…यही सोच कर मैने थोड़े गुस्से मे संजू से कहा….


मैं- यार संजू…ये लाइट बंद कर ..मुझे सोना है…

संजू यार लाइट बंद कर दूँगा तो पढ़ाई कैसे करूगा..

मैं- वो मुझे नही पता ..सुबह पढ़ लेना…अभी सो जा…

संजू- भाई मैने कुछ भी नही पढ़ा और एग्ज़ॅम आने वाले है….प्लीज़ पढ़ने दे ना…

मैं- तो कहीं और जा कर पढ़ाई कर...मुझे सोना है बस...

संजू- यार आज लाइट मे सो जा ना...

मैं- नही…मुझे नीद नही आती…तू या तो सो जा या फिर कहीं और जा…

संजू- तुझे समझाना बेकार है..अच्छा मैं नीचे जाता हूँ…गेस्ट रूम मे…

मैं- हाँ जल्दी जा…मुझे सोने दे..

संजू ने अपनी बुक्स ली और नीचे जाने लगा..और जाते हुए कहा...

संजू- अब सो जा..मैं जा रहा हूँ....वही सो जाउन्गा..तू रूम बंद कर ले , करना हो तो...

मैं- हाँ तू निकल ,, मैं कर लुगा…

संजू के जाने के बाद मैं मन मे खुश हो गया कि अब कम से कम लंड की चुसाइ तो हो ही जायगी....पर क्या वो आज आयगी...आना तो चाहिए....इतने दिन से वो भी तड़प रही होगी...आ जाए तो मज़ा है...नही तो संजू को भगाने का मतलब नही निकलेगा...

यही सब सोचते हुए मैं लेटा था कि पता ही नही चला कि कब आँख लग गई ऑर मैं सो गया...

मेरी नीद तभी खुली जब मुझे अपने लंड पर कुछ हरकत महसूस हुई….

मैं(मन मे)- किस्मत ने साथ दे दिया….आ गई लंड चूसने ….पर है कौन….???

मैने अपने मन मे बाते कर रहा था और वो लड़की या औरत जो भी थी…मेरा लंड पूरा मुँह मे आगे पीछे करती हुई चूस रही थी….

मैं(मन मे)- इसका पता तो लगाना ही है…ये लंड मस्त चूस्ति है…तो चुदाई भी अच्छी होगी इसकी…..

मैं आराम से लंड चुसवाते हुए शांत ही लेटा रहा और वो मेरे लंड को पूरे प्यार , और तसल्ली से चूस्ति रही…

उसकी मस्त चुसाइ से मेरा लंड झड़ने के करीब आ गया था…अब देखना ये था कि आज ये मेरा लंड रस पीती है या नही…

मैं झड़ने लगा तो वो मेरे लंड को मुँह मे ही भरे हुए लंड रस गटा-गट पी गई ऑर मेरे लंड को चुंसना जारी रखा …
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06-05-2017, 03:05 PM,
RE: चूतो का समुंदर
जब मेरे लंड का पूरा रस वो पी गई ऑर लंड चूज़ के सॉफ कर दिया तो फिर उसने बड़ी सराफ़त से मेरे लंड को अंडरवर मे डाला और चुप-चाप बाहर निकल गई….

मैं आज भी उसका पता नही लगा पाया…फिर सोचा कि यहा से जाने के पहले इसका पता लगा कर रहूँगा…

वो तो मेरे लंड का रस पान करके चली गई पर मेरे लंड मे खुजली पैदा कर गई…अब मुझे ऐसा लग रहा था कि किसी को चोदने मिल जाय बस…पर किसे चोदुन्गा….???



पूनम के कमरे मे तो पारूल भी है…..मैं दोनो को चोद चुका हूँ पर…अभी ये बात उन्हे पता नही चलना चाहिए….और आंटी तो अंकल के साथ होगी…क्या करूँ…

मैं सोच रहा था कि कामिनी के घर मस्त था ..इतनी चूत थी कि किसी को भी बुला कर चोद लो…पर यहाँ तो चूत होते हुए भी कुछ आइडिया नही आ रहा…क्या करूँ…??

यही सोचते हुए मैं आइडिया ढूँडने लगा कि कैसे अपने लंड की खुजली मिलाई जाय…

कुछ सोचने के बाद मैने टाइम देखा तो अभी सिर्फ़ 11.30 ही हुए थे रात के…मैने सोचा कि सब या तो सो गये होगे या सोने वाले होगे…इससे पहले कि सब सो जाए कुछ करना होगा….यही सोच कर मैने अपना सेल निकला ऑर मेसेज करने लगा…...

ये मेसेज मैने आंटी को किया था...मैने मेसेज मे एक जोक भेजा...ताकि अगर अंकल भी पढ़ ले तो प्राब्लम ना हो....

थोड़ी देर वेट करने के बाद आंटी का रिप्लाइ आया कि, हाँ मैं ही हूँ बेटा..अब बात करो...

आंटी मेसेज पढ़ के ही समझ गई कि मैने जोक सिर्फ़ ये जान ने को भेजा कि फ़ोन किसके पास है और मेसेज किसने देखा...

जब कन्फर्म हो गया कि आंटी ने ही मेसेज देखा...तो मैने मसेज से बात शुरू कर दी....

( मसेज से चॅट)

मैं- आंटी..जाग रही हो…??

आंटी- हाँ..तूने मेसेज क्यो किया ..नीचे आ जाता कोई काम था तो…

मैं- काम ही ऐसा था कि नीचे नही आ सकता था…

आंटी- ऐसा क्या काम है बेटा..बोल ना..??

मैं- आंटी आपसे इतनी रात मे क्या काम होगा ..समझ जाओ

आंटी- हाँ..समझ रही हूँ…आदत पड़ गई है ना रोज-रोज की..

मैं- हाँ..आंटी …नीद नही आ रही …कुछ करो ना…

आंटी- बेटा तेरे अंकल साथ मे है..

मैं- अंकल जाग रहे है क्या…??

आंटी- नही अभी-अभी सोए है…

मैं- तो अब क्या करूँ..आपसे उम्मीद थी और आप भी नही आ सकती..

आंटी- ऐसा मत बोल…मैं तेरी हूँ…तू कहे और मैं ना आउ..ऐसा सोचना भी मत..

मैं- पर अंकल..*???

आंटी- उनकी चिंता मत कर...वो सो जायगे घोड़े बेच कर..मुझे तो सोनू की टेन्षन है....

मैं- मतलब…

आंटी- तेरे साथ सोनू होगा…तो करेगे कही….

मैं- आंटी सोनू की टेन्षन मत लो…वो गेस्ट रूम मे पढ़ाई कर रहा है ऑर रात मे वही सो जायगा…आप आ जाओ…

आंटी- तो फिर थोड़ा रुक मैं 10 मिनिट मे आती हूँ…

मैने सेल को साइड मे रखा और सोचने लगा कि..आंटी जैसी माल मेरी रंडी बन गई ..क्या बात है…अपने ही घर मे अपने परिवार के होते हुए भी वो मुझे चुदने आ रही है..सच मे अब वो मेरी हो चुकी है….

फिर मैने सोचा कि जब तक आंटी आती है तब तक एक पेग लगा लिया जाय…..


मैं जानता था की संजीव अपने रूम मे विस्की छिपा कर रखता है…और संजीव के अलावा सिर्फ़ मुझे वो जगह पता है...

मैने फिर विस्की का एक स्ट्रॉंग पेग बनाया ऑर चिप्स लेकर सोफे पर बैठ गया…ऑर विस्की का मज़ा लेते हुए आंटी का वेट करने लगा…

थोड़ी देर मैं आंटी धीरे से रूम का गेट खोल कर अंदर आई ऑर गेट को बंद करके मेरे बाजू मे आ कर बैठ गई…

मैं- काफ़ी देर लगा दी…

आंटी- क्या करूँ..सबको देख के आना पड़ा..ये घर है..कामिनी की हवेली नही..

मैं(मुस्कुरा कर)-अच्छा...तो आज आप अपने घर मे , अपने बेटे के बेडरूम मे चुदने आ गई....

आंटी(मेरे सीने से लग कर)- बेटा, तुमसे से तो मैं बेटे के सामने भी चुद जाउ…फिर बेटे का बेडरूम तो चीज़ ही क्या है…

मैं(एक हाथ आंटी की पीठ पर रख कर)- ह्म्म..मेरी प्यारी आंटी…ऐसे ही रहना…

आंटी(कस कर सीने से लग कर)- हाँ बेटा…हमेशा…

इसके बाद आंटी ने मुझे छोड़ा और बोली…

आंटी- पर ये क्या..तुम ड्रिंक क्यो कर रहे हो…कहा था ना कि कम पिया करो…ऑर ये मिली कहाँ से…??

मैं- वो आंटी ..मैं लाया था..ऑर हाँ ये तो आपकी जुदाई मे पी रहा था…

आंटी-अच्छा…तो अब पीना बंद करो..मैं आ गई ना…

मैं- ह्म्म्म …ख़त्म करने दो बस…वैसे आपकी नाइटी मस्त है…

आंटी- अरे ये नाइटी तो आते हुए पहन ली..आज तो तेरे अंकल ने कुछ और ही पहनाया था…

मैं-क्या..हमे भी बताओ…

आंटी- बताओ क्या..अभी दिखाती हूँ….
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