Chuto ka Samundar - चूतो का समुंदर
06-06-2017, 10:06 AM,
RE: चूतो का समुंदर
ऐसे ही शाम हो गई और हम सब अपने घर जाने लगे....

इतनी देर तक मुझे देख कर सबने स्माइल की पर सिर्फ़ मनु ही ऐसी थी जिसने मुझे देखते ही नज़रे फिरा ली....

मनु की ये बेरूख़ी मेरे दिल को घायल कर गई...और इस वजह से उसे पाने की चाहत भी बाद गई....

फिर सब अपने घर निकल गये ..और संजू के पापा भी शॉप पर निकल गये....बंद करने का टाइम जो था....और मैं आंटी को ले कर घर निकल आया....

कार मे भी आंटी गम मे थी पर अब रोना बंद था....

मैं- आंटी आप ठीक हो ना...???

आंटी- ह्म्म...

मैं- आंटी जो हो गया सो हो गया...अब आओ रो मत...प्लज़्ज़्ज़

आंटी- हाँ बेटा....हम होनी को नही बदल सकते ...पर दुख तो होता ही है ना...

मैं- हाँ..वो तो है...वैसे आंटी दीपा के बच्चे कहाँ है....

आंटी(चौंकते हुए)- दीपा के बच्चे...नही...उसके तो बच्चे है ही नही...

मैं- ओह्ह...कोई नही...आप अब रीना मत...

आंटी- ह्म्म..पर दुख कम नही हो रहा...

मैं-वो मैं कम कर दूँगा. ..

आंटी- कैसे...??

मैं- ये है ना...ऐसे...

मैने आंटी का हाथ अपने लंड पर रख दिया...और आंटी हँसने लगी...

आंटी- तू ना...ये तो हर मर्ज़ की दवा है....

मैं- तो चलो...दवा खिलाता हूँ घर मे...

आंटी- ह्म्‍म्म

इसके बाद आंटी हँसते हुए बाते करती रही और हम संजू के घर आ गये....

हम अंदर आने लगे तो मेरा फ़ोन आ गया.. .

मैं- आंटी...मैं आता हूँ...आप चलो...



मैने कॉल पिक की...

(यहाँ सामने वाले को मैं स लिख रहा हुँ)


(कॉल पर)

मैं- हाँ...बोलो

स- कहाँ हो...

मैं- संजू के घर

स- ओक...कामिनी के साथ कुछ हुआ...??

मैं- आज रात को शुरुआत होगी..

स- और दीपा के घर सब ठीक था ना...??

मैं- बहुत अच्छा था ..तुम ये बताओ कि कुछ पता चला...??

स- कुछ क्या..बहुत कुछ पता चला...

मैं- ओके...तो बताओ...

स- अभी नही...मैं बिज़ी हूँ थोड़ा....बाद मे मिल...वही पर...

मैं- ओके...कल पेपर देने के बाद मिलता हूँ...बस याद रखना कि किसी को भनक ना लगे....


स- ट्रस्ट मी...किसी को कुछ पता नही चलेगा....तू टेन्षन ना ले..बस आगे बढ़ ..मैं तेरे साथ हूँ...

मैं- ओके...कल मिलते है..बाइ

स- बाइ..

कॉल रखने के बाद मैं सोचने लगा कि अगर इसकी इन्फर्मेशन मेरे काम आ गई तो मेरा काम जल्द ही पूरा हो जाएगा...और आज रात कामिनी का गेम हो जाय तो सोने पे सुहागा....

और यही सोचते हुए मैं अंदर चला आया....

कॉल रखने के बाद मैं सोचने लगा कि अगर इसकी इन्फर्मेशन मेरे काम आ गई तो मेरा काम जल्द ही पूरा हो जाएगा...और आज रात कामिनी का गेम हो जाय तो सोने पे सुहागा....

और यही सोचते हुए मैं अंदर चल आया....

जैसे ही मैं अंदर आया तो मेरी नज़र रूबी पर पड़ी....वो अब ठीक दिख रही थी....रात को जो उसकी पहली चुदाई हुई , उसका दर्द कही नही दिखा...उल्टा वो पहले से ज़्यादा खिली हुई थी....

मुझे देखते ही रूबी ने स्माइल कर दी और शर्म से आँखे झुका ली...रक्षा जो रूबी के साथ ही खड़ी थी...उसने रूबी को देख कर उसे कोहनी मार दी और मुस्कुरा दी....

वहाँ पर अभी पूनम दी, अनु संजू और मेघा आंटी भी थी....इसलिए मैने कुछ रिएक्ट नही किया...बस चुपचाप उन सब के पास आ गया....

मैं- अरे आंटी कहाँ गई ??

मेघा- वो शायद वॉशरूम गई होगी...तू बैठ ना...

मैं- ह्म्म...मुझे कॉफी मिलेगी आंटी..

मेघा- अरे ऐसे क्यो कह रहा है...तुझे इस घर मे सब मिलेगा जो तू चाहे...(और मुस्कुरा दी)

मैं(मन मे)- मैं समझ गया तू क्यो उछल रही है...अभी तू कॉफी तो पिला...एक दिन तुझे निचोड़ के पी जाउन्गा...

मेघा- क्या हुआ ???

मैं- क्क़..कुछ नही...आप फिलहाल कॉफी ही पिला दो...

मेघा- रुक....अभी लाई...

मेघा आंटी कॉफी लेने गई और बाकी सब मुझसे दीपा के घर का हाल पूछने लगे....


मैं सबको बता रहा था कि मॅटर क्या हुआ...वहाँ जो भी हुआ था मैने बता दिया...बट सच्चाई तो कुछ और ही है....


फिर आंटी सबके लिए कॉफी ले कर आई और ऐसे ही दीपा की बाते करते हुए हम कॉफी पीने लगे...रजनी आंटी भी आ गई थी....

कॉफी पीने के बाद पूनम दी अनु के साथ पढ़ने निकल गई...कल पेपर जो था...

मैं भी माइंड फ्रेश करने संजू के साथ उसके रूम मे आ गया....

जैसे ही मैं संजू के रूम मे गया तो फ्रेश हो कर बेड पर लेट गया और संजू पढ़ने बैठ गया....

मैं लेटे हुए अपने माइंड मे अपनी लाइफ मे हो रही घटनाओ के बारे मे सोच रहा था....कि थोड़े से समय मे कितना कुछ हो गया....

एक तो वो अंजान इन्फ़ॉर्मेशन मिला...जिसने मेरी लाइफ मे ट्विस्ट ला दिया...उसके बाद दीपा का नाम सामने आना...जिसने मेरे विश्वास को हिला दिया....और दूसरी तरफ अनु,रक्षा, और रूबी का मेरे करीब आना...इससे मुझे खुशी भी मिली...पर अब हर बात पर शक भी होता है....


और अब कामिनी का नाम आना...पता नही कामिनी को कैसे हॅंडल करूगा...पर करना तो पड़ेगा ही...मेरी लाइफ दाव पर लगी है.....


मुझे इस तरह सोच मे देख कर संजू बोला....


संजू- क्या हुआ भाई ..क्या सोच रहा है..???

मैं- हाँ ..कुछ नही...वो दीपा के बारे मे सोच रहा था कि अचानक क्या हो गया उसके साथ.....

मेरा अन्सर सुनने के बाद भी संजू नही माना....दोस्त होते ही ऐसे है कि वो आपको आपसे ज़्यादा समझते है....

संजू- ह्म्म...पर तू सच बता..तू क्या सोच रहा था....

मैं- सच मे यार ..मैं बस दीपा के बारे मे सोच रहा था...

संजू- मत बता...जब तुझे लगे कि मुझे बताना चाहिए तब बोलना ..ओके

संजू की बात का मैने कोई जवाब नही दिया बस चुप रह गया...संजू ने भी मुझे समझ लिया और अपनी पढ़ाई करने लगा....कुछ देर तक रूम मे शान्ती छाई रही....वो शांति मेघा आंटी के आने से टूटी....

मेघा- अरे बेटा...मैं अंदर आ सकती हूँ...

मैं- आंटी...आप ऐसे क्यो कह रही है...आइए ना...

मेघा- अरे बेटा...मैने सोचा कि तुम दोनो बिज़ी होगे...आख़िर 2 सच्चे दोस्त बैठे हो तो डिस्टर्ब नही करना चाहिए....

मैं- ऐसी कोई बात नही आंटी...कहिए...कुछ काम है क्या ??

मेघा- हाँ काम तो है...वो तुम आज रात को रूबी के घर रुक सकते हो क्या...??

मैं- क्या...मतलब क्यो...??

मेघा- आक्च्युयली उसकी फॅमिली बाहर गई है..एग्ज़ॅम की वजह से रूबी अकेली है....

मैं- हाँ उसने कल बताया था....तो उसे यही रुकने को बोल दो ना..

आंटी- उसका घर खाली रहेगा ना...इसलिए नही रुक सकती...

मैं- तो कल कैसे रुक गई थी...???

मेघा- कल उसकी नौकरानी थी...आज उसके गाओं मे किसी की डेथ हो गई तो उसे जाना पड़ा....


मैं- ओह्ह...लेकिन मैं अकेले रूबी के घर...कैसे...आइ मीन अच्छा नही रहेगा...

मेघा- वो टेन्षन मत लो...रक्षा साथ मे जाएगी ना...

मैं- ओह...तो ठीक है...

मेघा- तुझे कोई प्राब्लम तो नही ना...??

मैं- अरे नही आंटी...काम पर मैं काम ना आउ तो क्या मतलब...

मेघा- थॅंक्स बेटा...तुम लोग खाना खा कर चले जाना...मैं उनसे बोल देती हूँ कि तुम रेडी हो...अब मुझे भी टेन्षन नही होगी....

और आंटी उठ कर नीचे निकल गई और मैं सोचने लगा कि आंटी आपकी टेन्षन तो दूर हो गई...पर मेरा क्या...रात भर वो दोनो अपनी जवानी मुझसे लुटवायेन्गी तो मैं कल पेपर मे क्या लिखुगा.....

मैं(मन मे)- चलो कोई नही ये मिड टर्म है...फाइनल एग्ज़ॅम नही....आज रात को काटना ही है तो क्यो ना इस रात को यादगार बनाऊ....आज दोनो को तसल्ली से चोदुन्गा....और वो भी दारू के मज़े के साथ.....हाहाहा ...

मुझे मुस्कुराते हुए संजू बोला...

संजू- क्या हुआ बे...मस्का क्यो मार रहा है...


मैं(चौंकते हुए)- कुछ नही...वो मेरी किस्मत पर...कि पढ़ाई की नही और रात भी दूसरे के घर मे बितानी है...कल का पेपर तो गया....

संजू- अबे तेरी तैयारी तो पहले से ही है...तुझे क्या प्राब्लम ....

मैं-हमम्म...देखते है...और मैं बेड पर डाल गया. ..

थोड़ी देर मे मुझे रजनी आंटी का मेसेज आया कि छत पर मिलो....
Reply
06-06-2017, 10:07 AM,
RE: चूतो का समुंदर
मैं संजू से बोल कर छत पर आ गया....वहाँ आंटी नाइट गाउन मे खड़ी थी...छत पर कम रोशनी ही रह गई थी ..सर्द हवा चल रही थी और अंधेरा, रोशनी को अपनी बाहों मे समेटे जा रहा था.....

आंटी ने तो गाउन के उपेर साल डाली हुई थी बट मुझे सर्द हवाओं का पूरा अहसास हो रहा था....

आंटी की पीठ मेरे साइड थी...और उनकी नाइट गाउन मे कसी गान्ड को देख कर मेरा मन मचल उठा...और मैं सीधा उनके पास जा कर उनके बॅक से चिपक गया.....

आंटी- आहह..क्कौन ..ओह तुम हो...क्या करते हो...डरा दिया...

मैने आंटी को पीछे से अपने साइड खीचा और उनके आगे हाथ डालकर उनको अपने से चिपका लिया....

आंटी- आहह...क्या करता है...यहाँ नही मेरी जान...

मैं- अब तो जो होगा वो यही होगा मेरी छमिया....

आंटी- ये क्या बोल रहा है बेटा....कोई आ गया तो..मारे जायगे...

मैं- जो होगा..होने दो...आज मैं नही मानने वाला...

आंटी- बेटा समझ कर ना...यहाँ आस- पास की चाटो पर से किसी ने देख लिया तो....

मैं- कोई नही देखेगा...डोंट वरी...

आंटी- बेटा अगर किसी ने देख लिया तो मैं बदनाम हो जाउन्गी और फिर मुझे भी सुसाइड करना पड़ेगा....

मैं- मेरे रहते ऐसा नही होगा...मेरी जान को मैं मरने नही दूगा...

और मैने अपने हाथ आंटी के बूब्स पर जमा लिए और पीछे से अपना लंड आंटी की गान्ड मे रगड़ने लगा....

आंटी- आहह..तू तो मुझे पागल कर देगा...ठीक है कर ले तेरी मन की...पर याद रखना...मेरी इज़्ज़त तेरे हाथ मे है...बचा ले या लूटा दे ..तेरी मर्ज़ी....

मैं- हाँ मेरी जान...मैं ही तेरी इज़्ज़त लूटूगा....ऑर कोई नही...

आंटी- तेरे लिए तो मैं हमेशा रेडी हूँ...

और आंटी ने अपनी गान्ड को मेरे लंड पर घिस कर अपनी सहमति दे दी....

मैं आंटी के बूब्स दवाने लगा और आंटी भी अपनी गान्ड पीछे कर के मेरे लंड पर घिसने लगी....

थोड़ी देर मे ही मेरे लंड ने सिर उठाना सुरू कर दिया.....

मैं आंटी को गरम करने के बाद दीपा के बारे मे बात करने लगा...मुझे पता था कि गरम होते ही आंटी रॉयगी नही...यही सही टाइम था....

मैं - ये बताओ आंटी...दीपा ने सुसाइड क्यो की....

आंटी- ओह्ह..पता नही बेटा...क्यो किया ....

मैं- कोई टेन्षन होगी ...???

आंटी- पता नही...कभी बताया नही उसने...

मैं- पति से प्रॉब्लम थी क्या....???


आंटी- अरे वो तो उसका हर कहा मानता था....उसके ढील देने पर ही साली इतनी चुड़दक़्कड़ हो गई थी....बहुत अच्छा है उसका पति तो...

मैने आंटी का शॉल निकाल के फेक दिया और नाइट गाउन के अंदर हाथ डाल दिए....अब आंटी के ब्रा मे क़ैद बूब्स मेरे हाथ मे थे...और मैं ज़ोर से उन्हे दबा रहा था.....

यहा आंटी अपनी गान्ड घिसते हुए अपना मुँह पीछे कर के मेरे होंठो को चूमते हुए बात भी करने लगी.....


मैं- ह्म्मिसत..तो दीपा की मौत एक मिस्ट्री है...???

आंटी- ह्म्म...पर सब जल्दी पता चल जाएगा...पोलीस लगी हुई है...

मैं- ह्म्म...अब दीपा को छोड़ो...और आज उसके नाम की चुदाई करते है....

आंटी- हाँ..साली चुड़दकर को ऐसी श्रद्धांजली ही देना चाहिए....हहहे...

मैं- सही कहा...हाहाहा...

हम दोनो हँसते हुए मज़े ले रहे थे और आंटी की हँसी देख कर मुझे यकीन हो गया कि आंटी को दीपा के जाने का कोई दुख नही है...ये सिर्फ़ नाटक कर रही थी....

आंटी का दीपा के लिए रूख़ देखकर मुझे आंटी पर भी शक होने लगा कि क्या आंटी भी इन सब मे शामिल है...???

तभी आंटी ने अपने हाथ से मेरे आधे खड़े लंड को दबा दिया...

मैं- आअहह...क्या है जान...

आंटी- अब चूत रोने लगी मेरे राजा...जल्दी से चुप करा दे....


मैं- ह्म्म्मर...पर यहाँ नही...

आंटी- मैने तो पहले ही कहा था...तो तूने आग क्यो लगाई...अब क्या करूँ..???

मैं- अरे चुप ना ...मैने कहा यहाँ नही ..मतलब वहाँ चलो ..टंकी के पीछे...

टंकी काफ़ी बड़ी थी...उसके पीछे खड़े हुए भी ज़्यादा नही दिखता था...उपेर से अंधेरा भी छा गया था तो पकड़ने का टेन्षन कम था....

हम जैसे ही टंकी के पीछे गये तो आंटी ने अपना गाउन एक झटके मे ही निकाल दिया और ब्रा- पैंटी मे आ गई...

फिर तुरंत घुटनो पर बैठ कर मेरे पेंट को खोल कर नीचे कर दिया साथ मे अंडरवर भी...और मेरा आधा खड़ा लंड उनके सामने आ गया....

आंटी- मुउहह...अब इंतज़ार नही होता....

और आंटी ने जल्दी से मेरे लंड को चाटना शुरू कर दिया.....

आंटी तेज़ी के साथ मेरे लंड को चूस रही थी जैसे जन्मो की प्यासी हो..शायद कुछ दिन से चुदाई नही की इसलिए….

आंटी-सस्स्स्सुउउउप्प्प…ऊओंम्म….उउउंम्म….सस्स्रर्र्र्र्रप्प्प्प

मैं-आआहह…अओंती….क्कक्या चूस्ति हो….ऑर तेज,…हहाअ …ऐसे ही

आंटी-सस्स्स्र्र्ररुउउप्प्प…..ऊओंम्म….उउउंम्म…सस्स्रररुउउप्प

मैं-आअहह…..ऐसे ही….ऑर तेज…मेरी रानी…आअहह…

आंटी-सस्रररुउुउउप्प्प्प्प्प….सस्स्स्र्र्ररुउुउउप्प्प…..उूुउउम्म्म्ममनममम….सस्स्र्र्ररुउउउप्प्प्प

मैं-आंटी …मज़ा आ गया…आअहह

थोड़ी देर की लंड चुसाइ मे मेरा लंड अपनी औकात पर आ गया और अब मैं आंटी के सिर को सहलाते हुए इसरा करने लगा कि बस करो..अब चूत फाड़नी है….


आंटी भी मेरी बात समझ कर रुक गई और लंड को मुँह से निकाल के बोली….

आंटी- आहह ..कितने दिन बाद…मज़ा आ गया…

मैं- ह्म..अब आओ…आपकी चूत की खुजली मिटा दूं…

आंटी मेरे कहते ही वो खड़ी हो कर मुझे किस करते हुए मेरे लंड को पकड़ कर अपनी पैंटी के उपेर से अपनी चूत पर रगड़ने लगी....

मैने आंटी की पैंटी निकली और आंटी ने अपनी ब्रा निकाल दी....

फिर मैने आंटी की टाँग उठा कर लंड उनकी चूत मे सेट किया जो पहले से रस टपका रही थी.....

आज आंटी पूरे जोश मे थी ....आंटी खुद ही मुझे पकड़ के झटके मारे और दो झटके मे ही मेरा पूरा लंड चूत मे घुसा लिया ...
आंटी-आहह….उउउफफफ्फ़..म्माआ….

मैं- बड़ी जल्दी है ना…

आंटी-आहह…हां..बेटा…तू बस.. मार…ऐसे ही..आहह
Reply
06-06-2017, 10:07 AM,
RE: चूतो का समुंदर
मैने भी आंटी के कहते हुए उनकी गान्ड को पकड़ा ऑर तेज़ी से दहक्के मारते हुए उन्हे चोदने लगा...

आंटी-आअहह….आआहह..ऊहह..माँ..

मैं-मज़ा आया

आंटी-आअहह…बहुत….मार बेटा…अहहह

आंटी बोल ही रही थी कि मैने लंड बाहर तक निकाल कर एक जोरदार झटका मारे ऑर आंटी की चूत मारने लगा…

आंटी-आआहह…..म्म्म्मा आररररर द्दददााालल्ल्ल्ल्ल्ल्लाआ

मैं-यीहह…ऑर तेज मारु,….हाँ..

आंटी-अया..आअहह..आहह…आहह..आहह…अहह

मैं-ययईएह….ययईईहह…यी…ल्ल्लीए…ऑर तेज..हाँ..

आंटी-ऊओ….म्म्माुआ…आआहह….अहहाा

मैने पूरी स्पीड के साथ आंटी को चोद रहा था ऑर मैने आंटी का एक बूब मुँह मे भर लिया ऑर तेज़ी से आंटी को चोदने लगा….

आंटी-आहह…अहः…तेजज्ज़..ऊहह..माँ..

मैं- उउउम्म्मह......ये ले..साली…ओर तेज…हाँ..ऑर ली..

थोड़ी देर मे ही आंटी झड़ने के करीब आ गई..और सिसकते हुए झड़ने लगी......


मैं-ओर तेज ये…ये ले…

आंटी-आअहह…म्माआ……आऐईयइ….हहाअ…ज्ज्ज्ूओर्र…
सस्ससे…ब्ब्बीएत्त्त्ताअ…फ़ाआड़ द्दूव…उउउम्म्म्ममम

आंटी के झड़ने के बाद भी उनका जोश कम नही हुआ और वो अपनी कमर को आगे - पीछे करती रही.....

पर झड़ने के बाद आंटी थक गई थी...तो मैने आंटी की दूसरी टाँग भी उठा ली..और आंटी ने मेरे गले को हाथ से कस लिया....

अब आंटी को मैं खड़े- खड़े अपनी गोद मे लेकर चुदाई करने लगा....



आंटी-आहह….उउउफफफ्फ़..म्माआ….

मैं- मज़ा आ रहा है ना...…

आंटी-आहह…हाँ..बेटा…तू बस..चूत मार…ऐसे ही..आहह

मैने भी आंटी के कहते ही उनकी गान्ड को पकड़ा ऑर तेज़ी से धक्के मारते हुए उन्हे उपर नीचे उछालने लगा……...

आंटी-आअहह….आआहह..ऊहह..माँ..

मैं-मज़ा आया

आंटी-आअहह…बहुत….मार बेटा…अहहह

आंटी बोल ही रही थी कि मैने लंड बाहर तक निकाल कर एक ज़ोर से उनको अपने लंड पर पटक दिया और आंटी की चूत मारने लगा…

आंटी-आआहह…..म्म्म्मा आररररर द्दददााालल्ल्ल्ल्ल्ल्लाआ

मैं-यीहह…ऑर तेज मारू,….हाँ..

आंटी-अया..आअहह..आहह…आहह..आहह…अहह

मैं-ययईएह….ययईईहह…यी…ल्ल्लीए…ऑर तेज..हाँ..

आंटी-ऊओ….म्म्माूआ…आआहह….अहहाा

मैने पूरी स्पीड के साथ आंटी को उछल कर चोद रहा था ऑर मैने आंटी का एक बूब मुँह मे भर लिया ऑर तेज़ी से आंटी को उछलने लगा….

आंटी-आहह…अहः…तेजज्ज़..ऊहह..माँ..

मैं- ये ले..साली…ऑर तेज…हाँ..ऑर ले..

थोड़ी देर बाद मैने आंटी को चोदना बंद किया ऑर उन्हे गोद से उतार कर साइड कर दिया….

आंटी तुरंत ही कुतिया के पोज़ मैं आ गई और मैने देर ना करते हुए उनकी कमर पकड़ कर लंड गान्ड मे डाल दिया ऑर तेज़ी से गान्ड फाड़ने लगा…..

आंटी-आअहह….म्म्म्मगममाआअ...गीली तो कर लेता...

मैं-कम चिल्लाअ….मैं तो ऐसे ही फाडुन्गा

ओर मैने एक थप्पड़ आंटी की गान्ड पर मारा

आंटी-आआहह…..आआअहह…आह….मारो..आहह..तेज

मैं- अरे....चिल्ला मत...कोई आ जाएगा....ये ले...

आंटी-आआहह….हहाा…ज्ज्जूऊर्र…सससे…मारो…आहह..अह्ह्ह्ह

मैं आंटी की गान्ड पर थप्पड़ मारते हुए उनकी गान्ड मारने लगा ऑर आंटी भी अपने हाथ से अपनी चूत मसलने लगी.....

आंटी-आअहह….माअर…बेटा…मार…ज़ोर से…आहह... आअहह…बेटा…ज़ोर से…आअहह..ऊहह..ऊहह

त्ततप्प…त्तप्प्प…आअहह…आहह..त्त्थप्प…त्ततप्प्प्प

मैं-यस आंटी …फाड़ता हूँ …ये ले…

आंटी-आआहह..आहह..आह…अहह..आह..आह..ज्जूओर्र..सससे..उउउम्म्म्ममम…हमम्म…आअहह

गान्ड मारते हुए मेरी जांघे भी आंटी की मोटी गान्ड पर थपका मार रही थी ऑर आंटी भी पूरी स्पीड से गान्ड पीछे कर-कर के मरवा रही थी….ऑर अपनी चूत मसल रही थी….

ऐसे ही कुछ देर मैं आंटी की गान्ड मारता रहा ऑर आंटी झड़ने लगी…..

आंटी-आअहह…अहहह..उउउंम…ऊहह..ऊहह..ऊहह..
ऊहह…ज्ज्जूओर्र…सीई…ब्ब्बीएत्त्त्ताआअ….आाऐययईईई….
उूउउंम्म…आहह…आहह…आह….

जब आंटी झड गई तो तक कर आगे बैठ गई...

मैं- अभी से तक गई...मेरा क्या....

आंटी- आअहह...अब टाइम नही बेटा...मैं चूस के झड़ती हूँ...

मैं- सही कहा...आजा जल्दी ...

आंटी ने जल्दी से मेरे लंड को मुँह मे भरा और चूसना सुरू कर दिया....


आंटी-सस्स्स्सुउउउप्प्प…ऊओंम्म….उउउंम्म….सस्स्रर्र्र्र्रप्प्प्प

मैं-आआहह…ऑंटी….क्कक्या चूस्ति हो….ऑर तेज,…हहाअ …ऐसे ही

आंटी-सस्स्स्र्र्ररुउउप्प्प…..ऊओंम्म….उउउंम्म…सस्स्रररुउउप्प

मैं-आअहह…..ऐसे ही….ओर तेज…मेरी रानी…आअहह…

आंटी-सस्रररुउुउउप्प्प्प्प्प….सस्स्स्र्र्ररुउुउउप्प्प…..उूुउउम्म्म्ममनममम….सस्स्र्र्ररुउउउप्प्प्प

मैने फिर आंटी का सिर पकड़ कर उनका मुँह चोदना सुरू कर दिया....
मैं- यीहह....यस..येस्स

आंटी- कक्ख़्हूंम्म..क्क्हूम्म...कक्खहुउऊंम....

मैं- यस बेबी...यहह...चूस ले..रंडी....यीहह


आंटी- क्क्हुउऊंम..उउंम...उउंम...क्क्हूम्म....उउम्म्म्म..

मैं- ओह्ह....येस्स....यीहह..यईह..यईह

आंटी- उउंम्म...क्क्हुऊंम्म...क्क्हुऊंम....

मैं- ओह्ह..आंटी मैं आया….डाल दूं अंदर…

आंटी- उउंम..उउंम..


और मैं आंटी के मुँह मे झड गया....और आंटी मेरा लंड रस गटक गई.....
Reply
06-06-2017, 10:07 AM,
RE: चूतो का समुंदर
मेरा लंड खाली होते ही मैने लंड आंटी के मुँह से निकाल लिया...और मैं आंटी के साथ वही नीचे बैठ गया....

थोड़ी देर बाद ही आंटी ने मेरा लंड मुँह मे भर के सॉफ कर दिया...और फिर से रेस्ट करने लगी....

मैं- आंटी...मज़ा आया ना...अब खुश हो...

आंटी- हाँ बेटा...बहुत...

मैं - अपने कपड़े पहनो...ऐसे नंगी मत बैठी रहो...

आंटी- ह्म्म..सही कह रहा है...

आंटी ने अपने कपड़े समेटे और पहनना सुरू ही किया था कि...नीचे से पूनम दी की आवाज़ आई और आवाज़ सुनते ही आंटी ने अपना गाउन डाला और बिना मेरी बात सुने ही साल ओढ़ कर नीचे भाग गई....

मुझे पूनम से कोई डर नही था...फिर भी मैने कपड़े पहने और जैसे ही खड़ा हुआ तो मेरी नज़र के सामने वही लड़की खड़ी थी...जो उस रात को दिखी थी....

अभी अंधेरा हो चुका था पर उस लड़की की छत पर बल्ब की रोशनी थी....और उसकी आँखो से पता चल रहा था कि वो हमारी रस-लीला देख चुकी है...

क्योकि उसकी आँखे बड़ी हो गई थी और चेहरे पर ख़ुसी और शरारत के भाव थे....

मैने उसे देख कर डर गया था क्योकि मुझे आंटी की टेन्षन थी....

मैं उस छत के साइड बढ़ा कि वो भागने लगी...मैने आवाज़ लगा कर रोका भी पर वो बिना पलटे ही नीचे भाग गई...
Reply
06-06-2017, 10:08 AM,
RE: चूतो का समुंदर
थोड़ी देर तो मैं खड़ा रहा की शायद वो आयगी...पर वो नही आई...फिर मैने सोचा कि जब कुछ होगा तो देख लुगा...टेन्षन क्यो लूँ और मैं छत पर घूमने लगा....तभी मेरा फ़ोन आ गया...

(कॉल पर)

स- हेलो अंकित...फ्री हो...??

मैं- हाँ ..बोलो...क्या हुआ...

स- कामिनी के बारे मे बात करनी है...

मैं- हाँ बोलो....

स- कामिनी के बारे मे जानने के लिए उसके परिवार को काबू मे करो...

मैं- वो मुझे पता है...तुमने पता किया कि कैसे शुरुआत कर सकते है कोई वीक पॉइंट...???

स- हाँ...उसकी बेटी और उसका पति...

मैं- बेटी तो ठीक है...पर पति कैसे हाथ आएगा...???

स- उसके पति पर तेरे डॅड ने काफ़ी पैसा इनवेस्ट किया है..वहीं फस सकता है वो...

मैं- डॅड ने...पर क्यों..??

स- वो तुम पता करो...बस इसी तरह उसे फँसा सकते हो...वो काफ़ी कुछ जानता होगा...

मैं- ओके..देखता हूँ...तू नज़र रखना ओके...

स- ओके...बब्यए

मैं- बाइ...

फ़ोन रखने के बाद मैं सोच मे पड़ गया कि कामिनी के पति की हेल्प मेरे डॅड ने क्यों की...???

क्या वजह हो सकती है...मुझे पता करना होगा....

थोड़ी देर तक मैं अपने दिल मे चल रही उथल-पुथल के साथ घूमता रहा पर मुझे मेरे सवालो का जवाब नही मिला.....

इन सवालो के साथ मैं अपने प्लान को आगे बढ़ा नही सकता था....क्योकि मैं नही चाहता था कि डॅड को इस सब के बारे मे अभी कुछ पता चले...

और मेरे इनफॉर्मर ने कहा है कि कामिनी का पति एक अच्छा टारगेट हो सकता है मेरे प्लान के लिए...पर कहीं कामिनी के पति के चक्कर मे डॅड बीच मे आ गये तो...????

काफ़ी देर तक मैं सर्द हवाओं के स्पर्श के साथ अपने गरम दिमाग़ से सल्यूशन खोज रहा था पर सब आइडिया फैल नज़र आ रहे थे....तभी मुझे पीछे से किसी ने आवाज़ दी....

पूनम दी- किस सोच मे डूबे हो भाई ??

मैं- हूंम्म..पूनम दी आप...आइए ना.....

पूनम - ऐसे मौसम मे बिना गर्म कपड़ो के छत पर घूमना हेल्थ के लिए अच्छा नही है भाई...

मैं - ह्म्म..जानता हूँ...पर जब दिल मे आग लगी हो तो ये सर्द हवाए क्या कर लेगी....

पूनम - कैसी आग...किसने लगा दी मेरे भाई के दिल मे आग...

मैं(मान मे)- ये क्या बोल गया मैं...अब ये मेरे पीछे पड़ जाएगी...इसे कुछ बताना तो पड़ेगा ही...पर क्या ..

पूनम- बोलो ना भाई...कोई टेन्षन है...???

मैं- ना..नही..कोई टेन्षन नही ...मैं बस एक लड़की के बारे मे सोच रहा था...(बात घूमाते हुए)

पूनम- ओह ऐसी बात है...तो जनाब का दिल किसी लड़की पर आ गया...मुझसे दिल भर गया क्या भाई...???

मैं- अरे नही दी...आप तो मेरी जान है...पर क्या करूँ लड़का हूँ ना...मस्त माल देख कर मचल जाता हूँ...

पूनम- ह्म्म...तो ये बात है...मुझे बताइए...मैं आपकी हेल्प करूगी...

मैं(मन मे)- अब तुझे बताऊ क्या...साला कोई है ही नही....)

पूनम- क्या हुआ...मुझ पर भरोशा नही ...???

मैं- वो ...आक्च्युयली(अब क्या कहूँ)...वो अकरम की दीदी...(मेरे माइंड मे पता नही कैसे अकरम की दीदी आ गई)

पूनम- ओह...आपका दोस्त अकरम ना..???

मैं- हाँ वही...उसकी दीदी मेरे दिल मे उतर गई...

पूनम- क्या बात है भाई...सारे दोस्तो की दीदी को चोदने का प्लान है क्या..हहहे

मैं- बस इसीलिए नही बता रहा था...अब मुझे दोस्त की दीदी ही पसंद आई तो क्या हुआ...मेरी ग़लती है क्या...???

पूनम- सॉरी भाई ...मैं तो मज़ाक कर रही थी....

मैं- ऐसा मज़ाक अच्छा नही है दी...मुझे गिल्टी फील होता है...

पूनम- सॉरी भाई...अब कभी ऐसी बात नही करूगी...माफ़ कर दो...और पूनम ने अपने कान पकड़ लिए...

मैं- ओके दी...छोड़ो...मैं आपसे गुस्सा नही रह सकता...

और मैने पूनम को खींच कर उसकी कमर मे हाथ डाल दिए...

पूनम- अऔच...ओके भाई...अब मैं आपकी आग भुजाउंगी...

मैं- वो कैसे...

पूनम(मेरे होंठो के करीब चेहरा ला कर)- वो ऐसे कि मैं आपको अकरम की दीदी दिलवाउंगी...

मैं- ये क्या कह रही हो...तुम कैसे...???

पूनम(बात काट कर)- आप यकीन रखो...अकरम की दीदी आपके बिस्तर पर होगी...

मैं- पागल हो क्या...वो कैसे मान जाएगी...और तुम जानती कैसे हो उसे...

पूनम- मैं उसे भी जानती हूँ और उसकी मोम को भी...

मैं- तुम किसकी बात कर रही हो...और अकरम की मोम को कैसे जानती हो....

पूनम- मैं जूही की बात कर रही हूँ...और उसकी मोम तो चुड़दकड़ औरत है...उसे भी जानती हूँ...

मैं- नही...वो ऐसी नही है...और जूही को कैसे जानती हो..??

पूनम- भाई, जूही मेरी फ्रेंड की फ्रेंड है..और अब वो मेरी खास फ्रेंड हो गई है...

मैं- ओके...और उसकी मोम को कैसे जानती हो...

पूनम- वो मेरी फ्रेंड के डॅड से चुदती है इसलिए...

मैं- क्या...पर क्यों...???

पूनम- क्यो क्या...चूत मे आग लगती है...

मैं- वो ऐसी औरत नही है..कुछ बात होगी...

पूनम - वो मुझे पता नही..पर इतना पता है कि जूही की मोम मेरी फ्रेंड के डॅड से चुदती है...और अब उनकी नज़र जूही पर भी है...

मैं- ऑर तेरी फ्रेंड..उसे पता नही क्या...

पूनम- उसे सब पता है...वो साली तो खुद अपने डॅड का लंड खाती है...और जूही की मोम को उसी ने फँसवाया है...और अब जूही को भी फसाने वाली है...

मैं- ह्म्म...तो तेरी फ्रेंड रंडी है...पर जूही फसि तो नही ना ....
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06-06-2017, 10:08 AM,
RE: चूतो का समुंदर
पूनम- अभी तक नही..और अब फँसने भी नही दूगी...अब वो आपके लिए फसाउन्गी...

मैं- ह्म्म..पर मैं पहले उसकी मोम को फसाना चाहूगा...हेल्प करोगी...

पूनम- पर क्यो...बेटी सील पॅक है और आप मोम की ठुकी हुई चूत का सोच रहे हो...

मैं- कुछ भी समझो...बस ये बताओ कि हेल्प करोगी...

पूनम- आपके लिए तो जान भी दे दूं...बोलो क्या करना है...

मैं- तुम अपनी फ्रेंड की डीटेल दो...और उसकी फॅमिली की भी...

पूनम- मेरी फ्रेंड का नाम है मोना गुप्ता...और उसके घर मे सिर्फ़...वो और उसके मोम-डॅड ही है...

उसकी मोम का नेम है मोहिनी गुप्ता
और डॅड का नेम है सरद गुप्ता...

मैं- सरद गुप्ता..मतलब जो कंप्यूटर पार्ट्स की शॉप चलाते है...??

पूनम- हाँ और कहीं कंप्यूटर आडमिन का जॉब भी करते है...शॉप पर तो लड़के लगे हुए है...

मैं- ओह...तो वो है...

पूनम - आप जानते हो ..??

मैं- नही ..बस शॉप की वजह से याद आ गया...

( मैं सरद गुप्ता को जानता था...वो मेरे डॅड के एक ऑफीस मे आडमिन का काम करते है)

पूनम- ओके...तो उसकी सारी फॅमिली चुड़दकड़ है...और अब वो अकरम की मोम के साथ उसकी दोनो सिस्टर को भी चोदना चाहते है...

मैं- ह्म्म..अब ऐसा नही होने दूँगा...तू बस अपनी फ्रेंड को मुझसे मिला दे....

पूनम- ओके भाई...वो तो आपका देख कर आपकी गुलाम हो जाएगी...रंडी है साली..पर आगे क्या करना है....

मैं- तू बस ये काम का दे...उसके बाद के लिए मैं प्लान बताउन्गा...अकरम की फॅमिली को इन सालो से दूर ही रखुगा...बस देखती जाओ...

पूनम- ओके..पर अकरम की फॅमिली की इतनी चिंता क्यो..???

मैं- क्योकि वो मेरा फ्रेंड है और मेरे फ्रेंड के घर की इज़्ज़त पर कोई बाहरी आँख डालेगा तो मैं उसे रोकुगा...

पूनम - पर आप तो खुद...

मैं- मैं कुछ तभी करूगा जब उनकी मर्ज़ी हो...पर कोई बाहरी ऐसा नही कर पायगा...

पूनम- दोनो मे अंतर क्या है...करना तो दोनो को वही है...

मैं- अंतर है...जैसे मैं तुम्हारे साथ करता हूँ तो तुम्हे मुझ पर भरोसा है कि मैं तुम्हे बदनाम नही करूगा...पर क्या तुम बाहर वाले पर भरोसा कर सकती हो...??

पूनम- नही..कभी नही...

मैं- तो ..समझ गई ना...

पूनम-हाँ समझ गई...अब आप देखो मैं कैसे अपनी फ्रेंड को आपके नीचे लाती हूँ...फिर आप जो कहेगे वो करूगी...और अब जल्दी से नीचे चली..सर्दी बढ़ गई है और रात भी हो है...

मैं- हां..चलो जल्दी...

पूनम- ऐसे नही....


और पूनम ने मुझे किस किया और हम लोंग किस मे डूब गये...किस ख़त्म होने पर...

पूनम- अब चलो...

और हम नीचे आ गये...नीचे आते ही पूनम सीधा सबसे नीचे निकल गई और मैं संजू के रूम मे आ गया.......

जैसे ही मैं रूम मे पहुचा तो संजू बोला....


संजू- कहाँ था यार...???

मैं- वो मैं यही था...छत पर ...क्यो ..क्या हुआ...??

संजू- यार वो रक्षा अनु और रूबी...तीनो तुझे ढूँढ रही है....

मैं- ओह...शायद पढ़ना होगा कुछ...कोई नही...मैं देखता हूँ..तू पढ़ाई कर...

संजू- पढ़ाई नही अब डिन्नर करना है चल...और हाँ वो अमर का कॉल आया था...बोल रहा था कि तुमसे मिलना है...

(अमर वैसे तो संजू का फ्रेंड था..बट मैं भी उसे संजू की वजह से जानता था...लाइक कॉंमान फ्रेंड)

मैं- उसे मुझसे क्या काम...वो तो तेरा फ्रेंड है ना...??

संजू- तेरा नही है क्या...और उसे कुछ काम होगा तभी पूछ रहा था...मुझे नही बताया...
मैं- ओके ...एग्ज़ॅम के बाद मिल लेगे...अभी मैं नीचे जाता हूँ...तू भी चल...

संजू- हाँ चल ..भूख लगी है...

फिर हम दोनो नीचे आ गये...वहाँ सब बैठ कर डिन्नर करने लगे...

मेघा- अरे बेटा तुम्हे याद है ना..तुम्हे रूबी के घर रुकना है आज...

(मेघा आंटी की बात सुनकर एक तरफ रूबी और रक्षा तो खुश हो गई पर दूसरी तरफ रजनी आंटी, अनु और पूनम दी के चेहरे उतर गये....खास कर अनु..उसे देख कर तो लगा कि अभी रो ही देगी...)

मैं- जी आंटी...

अनु- पर किस लिए....

अनु की बात से सब चौक गये क्योकि उसने पूछा ही इस तरह से था...लेकिन अनु ने बात को संभाल लिया....

अनु- मेरा मतलब...रूबी के घर क्या है...

मेघा- बेटा ..उसका घर खाली है...इसलिए रक्षा और अंकित इसके साथ घर मे रुकेगे रात को...

अनु- ओह्ह..तो रक्षा भी जा रही है...

और अनु ने रक्षा को खा जाने वाली नज़रों से देखा...

मैं किसी के साइड नही देख रहा था...क्योकि यहा जिसके साइड भी रहूँगा...मेरा लॉस ही होगा...

ऐसे ही बात करते हुए हमारा डिन्नर ख़त्म हो गया ...पर पूरे टाइम अनु ने मुझे देखा तक नही और सबसे पहले उठ कर रूम मे भाग गई....
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06-06-2017, 10:08 AM,
RE: चूतो का समुंदर
डिन्नर के बाद तय हुआ कि हम 10 मिनट मे रूबी के घर जायगे...पर मुझे तो अनु का हाल जानना था....

पता नही क्यो पर मुझे उसकी केयर होने लगी थी...शायद उससे प्यार होने लगा था...

मैं सबको बात करते हुए छोड़ कर चुपके से उपेर चला गया...और सीधा अनु के रूम मे पहुच गया ...


जैसे ही मैं रूम मे गया तो अनु मेरे सामने बेड पर उल्टी लेटी हुई थी ...

मैं बेड के पास गया और उसे हाथ लगाया कि वो पलट गई और उसकी आखो से बहते आँसू मेरे सामने आ गये....

मैं थोड़ी देर तक उसकी आँखो मे खो गया...फिर हिम्मत बाँध कर पूछ ही लिया....

मैं- ये सब क्या है...क्यो रो रही हो...

अनु- चुप रही...

मैं- बोलो बेटा...प्ल्ज़

अनु- आप मुझे छोड़ कर जा रहे हो और बताया भी नही...

मैं- मुझे भी नही पता था...अभी आंटी ने कहा...और मैं तुम्हे नही बता पाया...

अनु- ह्म्म..पर मैं क्या करूँ?

मैं- मुझ पर भरोशा...मैं तुम्हारे साथ हूँ...हमेशा...

अनु- सच मे...और अनु मेरे गले गई..

मैं(सिर पर हाथ फिरा कर)- सच मे..आइ लव यू बेटा...

इतने मे पीछे से आवाज़ आई...वी लव यू तो भैया....

आवाज़ सुनकर ही हम अलग हुए तो सामने रक्षा और रूबी खड़ी हुई हंस रही थी...

रक्षा- ओह हो...क्या लव है...

मैं- तुम उल्टा मत समझो...समझी...ये रो रही थी तो संभाल रहा था...

रक्षा- अरे भैया..सफाई क्यो दे रहे...हम जानते है..अनु है ही इमोशनल...अच्छा हुआ क्या था इसे...

मैं- वो...इसकी पढ़ाई नही हो पाई...इसी लिए रोने लगी कि फैल हो जयगी...

रक्षा- ओह...तू भी अनु...क्यो डरती है...सब ठीक होगा...जैसा सोचा था...

मैं- मतलब...???

रक्षा- अरे वो एग्ज़ॅम का...जो सोचा वो ही होगा...बस अपना बेस्ट ट्राइ करो...

मैं- ह्म्म..देखा अनु...भरोसा रखो तो सब ठीक होगा...

अनु- ह्म्म...ठीक है..अब नही रोउंगी...

रक्षा- गुड..अब हम चले भैया ...

मैं- ओके..चलो

इसके बाद हम अपनी बुक्स ले कर रूबी के घर निकल गये....

पर उसके घर पहुचते ही मुझे याद आया कि मैं अपना फ़ोन तो डिन्नर के वक़्त डाइनिंग टेबल पर छोड़ आया...

मैने रक्षा और रूबी को उसके घर ड्रॉप किया और आता हूँ बोलकर संजू के घर आ गया...

गेट अभी खुला था..शायद अंकल आए नही थे....मैं सीधा डाइनिंग टेबल की तरफ गया कि मुझे कुछ आवाज़ सुनाई दी...और मेरे कान खड़े हो गये...

आवाज़ आंटी की थी..वो फ़ोन पर बात कर रही थी...

आंटी- मैं बस इतना बोल रही हूँ की जल्दबाजी क्यो की...

सामने वाला- $$$$$*****%%%$$

आंटी- क्या मतलब कि तुम्हारी मर्ज़ी...मैं सालो से इस टाइम का वेट कर रही हूँ...मेरे रास्ते मे कोई प्राब्लम आई तो पता है ना...दीपा कहाँ गई...

सामने वाला-$$$$$$$$$

आंटी- ह्म्म..याद रखना...अभी टाइम है...और वैसे भी उपेर से ऑर्डर है कि काम आराम से हो और कुछ दिन कोई पंगा नही...

सामने वाला-$$$$$$

आंटी- हहहे....मेरा जादू तो बरकरार है...तुम अपना काम याद रखो...एके की कहानी तो अभी हम लिखेगे...पर उसे कुछ नही होना चाहिए ओके....और हाँ हर कदम सही रखना और वही करना जो ऑर्डर आया है...चल अब रखती हूँ..मेरा कुत्ता आता होगा...हहहे...

आंटी के मुँह से अपना नाम सुनते ही मेरा माइंड घूम गया........

जैसे ही आंटी की बात ख़त्म हुई तो वो बाहर आने को हुई और आहट मिलते ही मैं दवे पैर गेट से बाहर आ गया..और सोचने लगा कि आंटी भी...


मुझे आंटी पर शक तो था...पर आज यकीन हो गया...पर सवाल था कि..आंटी और मेरे खिलाफ साज़िश मे.....आख़िर क्यो...????????

मैं आंटी के बारे मे सोचते हुए रूबी के घर जाने लगा....

आंटी की बात से एक बात तो सॉफ पता चल गई कि डाइयरी मे सच लिखा हुआ था...इस प्लान मे एक नही बहुत से लोग शामिल है...फिर भी मुझे लग रहा है कि हो ना हो...कोई एक तो है जो इन सब को नचा रहा है...पर उसका पता कैसे चलेगा....

आंटी की बातें सुनकर तो यही लग रहा है कि वो एक ही सबको ऑर्डर्स देता है...और सब उसकी गुलामी कर रहे है...

पर ये सब किसी का साथ क्यो देंगे...वो भी मेरे खिलाफ...क्या मजबूरी हो सकती है....क्या पैसे के लिए...???

अगर बात पैसो की है तब तो मेरा काम आसानी से हो सकता है....मैं इनको ज़्यादा पैसे दे सकता हूँ...

पर एक मिनट...कामिनी के पास तो पैसो की कोई कमी नही है...मतलब सारे लोग पैसो के लिए काम नही कर रहे है...कुछ शायद मजबूर है या फिर उनका खुद का कोई पर्सनल मतलब हो सकता है....

मेरे सामने इतने सारे सवाल एक साथ खड़े हो गये और इनके जवाब ढूढ़ने के लिए मैं किसी की हेल्प नही ले सकता....डाइयरी मे सॉफ लिखा है कि मुझे किसी के सामने ये बात नही लानी...अब क्या करूँ....

ये जो कुछ भी हो रहा है...ज़रूर इसका राज डाइयरी मे छिपा होगा....पर उसके लिए अभी टाइम नही है.....

अभी मुझे कामिनी का चेप्टर क्लोज़ करना है...कहीं से तो शुरुआत करनी ही होगी....

और रही बात आंटी की तो उनकी बातों से ये सॉफ है कि वो मुझे कोई नुकसान नही पहुचना चाहती....लेकिन उन्होने मुझे धोखा दिया है....इसके पीछे चाहे जो भी वजह हो....उनको इसकी बहुत बड़ी कीमत चुकानी पड़ेगी....

रजनी आंटी की बात से और उस डाइयरी मे लिखे अनुसार...अभी मेरी जान को ख़तरा नही है...सिर्फ़ मुझे फसाया जा रहा है....

ये मेरे लिए प्लस पॉइंट है....अब मुझे इन्ही के तरीके से इन्हे मात देनी होगी...

लेकिन मुझे चाहिए बस एक पॉइंट ...जिससे मैं अपने प्लान को कामयाब बना सकूँ..और मैं जानता हूँ कि मुझे वो पॉइंट कौन दे सकता है...

मैने रुक कर एक कॉल किया...

(कॉल पर)

मैं- हेलो...

स- बोलो...

मैं- फ़ोन उसे दो...

स- ओके...(लो बात करो)

मैं- अब ध्यान से मेरी बात सुनो फिर डिसिशन लेना....

सामने- ह्म्म

मैं- तो सुनो...$$$$$$$$$$&&&&&&&$$$$$

सामने- ओके...

मैं- फ़ोन वापिस उसे दो..

स- हाँ बोलो भाई...

मैं- होटल डेलिट ..रूम 202...8 पीएम टुमॉरो...समझ गये...

स- ओके भाई...

मैं- ओके बाइ...

स- बाइ...

मैं कॉल कट करने के बाद अपने आप से कहा कि मेरे साथ गेम खेला...उसकी ये हिम्मत...अब मैं उसे गेम खिलाता हूँ...


तभी मेरी नज़र रोड के पर वाइन शॉप पर गई...और मैने ड्रिंक खरीद कर रूबी के घर का रुख़ किया...
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06-06-2017, 10:08 AM,
RE: चूतो का समुंदर
वहाँ दूसरी तरफ संजू के घर.....

मेरे जाने के बाद आंटी रूम से निकली तो उन्हे आभास हुआ कि कोई यहाँ था क्योकि डाइनिंग टेबल की चेयर अपनी जगह से बाहर निकली थी...जो कुछ देर पहले आंटी सेट कर के गई थी...

आक्च्युयली फ़ोन लेते समय मुझसे ही वो चेयर सरक गई थी...

आंटी(मन मे)- यहाँ कौन आया...कही उसने मेरी बात तो नही सुन ली...???...हो सकता है कोई पानी लेने आया हो...अंकित तो है ही नही घर मे...मैं भी फालतू का टेन्षन ले रही हूँ....चलो इसे छोड़ो...आज रात को लंड का मज़ा लेती हूँ....


और आंटी ने एक कॉल किया...

आंटी(कॉल पर) - अंकित गया...आज रात आ जाना...मेरी चूत तेरे लंड के इंतज़ार मे है...ओके...

और आंटी ने कॉल कट कर के टीवी ऑन की...थोड़ी देर मे अंकल भी आ गये...और फिर अंकल को डिन्नर करा कर आंटी , अंकल के साथ रूम मे चली गई......

*********---------******-----******---**

यहाँ मैं रूबी के घर पहुचा तो रूबी और रक्षा नाइटी पहने हुए पढ़ाई कर रही थी...गेट रूबी ने खोला और मुझे देखते ही शरमा गई...जैसे ही हम गेट बंद कर के अंदर गये तो रक्षा ने सवालो की बारिश कर दी.....

रक्षा- भैया...कहाँ थे...इतनी देर...कैसे...क्या करने लगे थे...हमें अकेला छोड़ के क्यो गये थे....??????

मैं- ओह...चुप भी हो जा...कितना बोलती है...बताता हूँ ना...बैठने तो दे...

रक्षा- ओके...बताइए...

मैं- ह्म्म...मैं मोबाइल लेने गया था...वहाँ संजू मिल गया...उसके साथ बात करते हुए लेट हो गया....(झूठ)

रक्षा-फिर भी...इतना टाइम...और ये हाथ मे क्या है..???

मैं- सॉरी टाइम लग गया...और ये ..ये तो ड्रिंक लाया हूँ...आज मूड हो रहा था...

रक्षा- आप भी ना...कम पिया करो...उस रात भी पी थी...और आज भी...

मैं- तो क्या हुआ...पीने के बाद तुझे कितना प्यार किया था और रूबी को भी..याद है ना....

रक्षा(शरमाते हुए)- आप भी ना..प्यार तो ऐसे भी कर सकते हो ना...

मैं- ह्म्म्म ..मतलब प्यार करने को यहाँ आई हो...क्यो रूबी..??

रूबी तो शरमा गई पर रक्षा ने अन्सर दे दिया....

रक्षा- वो तो हमारा हक़ है...क्यो रूबी...

मैं- हक़ की बच्ची...पहले पढ़ाई ..फिर प्यार...

रक्षा- हम ने सब पढ़ लिया...अब बस प्यार करना है...

मैं- बदमाश....ठीक है थोड़ा और पढ़ लो...जब तक मैं ड्रिंक करता हूँ...फिर दोनो को बहुत प्यार करूगा ...ओके

रक्षा(खुश होकर)- ओके भैया...

और रूबी रक्षा के साथ पढ़ने मे बिज़ी हो गई और मैं साथ लाए हुए चिकेन के साथ ड्रिंक करने लगा....


*******--------*******-------********

हम से दूर कही किसी का फ़ोन रिंग हो रहा था....और जैसे ही उसने फ़ोन देखा तो स्क्रीन पर नाम देखते ही उसके मुँह पर कमीनी स्माइल आ गई....

( यहाँ फ़ोन पर बात करने वालो को एल1 और एल2 लिखा है)

एल1- हेलो...

एल2- ओह माइ गॉड....आपने हमे कॉल करने की जहमत कैसे उठाई जनाब...???

एल1- बस तुम्हारी याद आ गई...

एल2- तुम्हे और मेरी याद...झूठ बोलना बंद करो और पॉइंट पर आओ...

एल1- ह्म्म..तुम अभी भी होशियार हो...

एल2- वो तो हूँ ही...पर ये नही समझ पा रही कि आख़िर मुझे कॉल करने की वजह क्या है....

एल1- वो भी बताउन्गा....सब्र रखो...

एल2- सब्र ही तो नही होता...अब जल्दी बोलो...

एल1- सब कुछ फ़ोन पर नही बताया जाता...

एल2- ह्म्म..तो बोलो कहाँ और कब बताओगे...

एल1- 1 घंटे के बाद वही अपनी पुरानी जगह...जहाँ हम मिलते थे....

एल2- ओके...पर जल्दी करना...मुझे घर टाइम से आना होगा...समझे...

एल1- ओके...तो अभी निकलो...पर याद रहे कोई तुम्हे देखे ना कि तुम कहाँ और किससे मिलने जा रही हो...

एल2- ओके...

एल1- आइ एम वेटिंग...बाइ..

एल2- कमिंग...बब्यए

और वो कॉल कट कर के जाने के लिए निकल गई......

********---------********--------******

जैसे- जैसे रात बाद रही है...अंकित की लाइफ के इर्द-गिर्द के लोग...अपने-अपने काम मे आगे बढ़ रहे है...

संजू के घर पर...उपेर अनु, पूनम और संजू अपने रूम मे पढ़ाई कर रहे है...नीचे मेघा अपनी चूत की आग मे जलते हुए अपने पति से उस आग को बुझाने की कोशिश मे है...और रजनी आंटी अंकल के साथ रूम मे है...

यहाँ आंटी पूरी नंगी बैठी हुई दारू और सिगरेट के साथ मज़े कर रही थी और अंकल भी साथ दे रहे थे.....

आंटी(दारू की सीप मार कर फिर सिगरेट का कस खीच कर)- ह्म्म....आज आएगा मज़ा...

अंकल- रजनी...आज ये दारू किस ख़ुसी मे...??

आंटी- आज तो ख़ुसी भी है और गम भी...

अंकल- मतलब..मुझे भी तो बताओ...बात क्या है...(और एक शिप ली दारू की)

आंटी- ह्म्म...आज दीपा का दुख है..तो ख़ुसी इस बात की है कि अब मेरा मक़सद पूरा होने मे ज़्यादा टाइम नही लगेगा...कुछ ही दिन मे हम हमारी आख़िरी चाल खेलेगे..और फिर....हहहे...

अंकल- ह्म्म...तो ये बात है...तो चलो आज जश्न मनाते है...तुम्हारी चुदाई कर के....

आंटी- अरे तू क्या चुदाई करेगा...तुझमे दम ही नही रहा अब...पर आज चुदाई तो होगी....मैने इंतज़ाम किया है...वो आता ही होगा....तुम भी मुँह मार लेना...हहहे...

अंकल- पर यहाँ क्यो बुलाया...घर मे सब लोग है...और बच्चे भी तो है....

आंटी- डोंट वरी ..मैं सब संभाल लूगी....तुम अभी मूड खराब मत करो...आओ जब तक वो आता है तब तक तुम चूत चाटो मेरी....

और अंकल आंटी की चूत चाटने आंटी के पैरो के पास आ गये....

अंकल के आते ही आंटी ने पैर खोल दिए और अंकल कुत्ते की तरह चप-चप करके आंटी की चूत चाटने लगे...

आंटी- आहह....चाट कुत्ते...और ज़ोर से...

अंकल- सस्रररुउप्प्प....सस्स्रररुउउप्प्प्प्प


आंटी- आअहह....ऊहह..येस्स...जीभ चूत मे डाल ...आहह...

अंकल- सस्स्र्र्ररुउउउप्प्प्प.....सस्स्रररुउउप्प्प्प...सस्स्रररुउउप्प्प....

अंकल ने जीभ को नुकीला कर के आंटी की चूत मे डाल दिया...और जीभ से चूत को अंदर तक चाटने लगे....


ऐसे ही आंटी सिगरेट पीते हुए अपनी चूत चटवाने लगी........
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06-06-2017, 10:08 AM,
RE: चूतो का समुंदर
आंटी- ओह्ह...मैं आई...ओह यस...तेज और तेज...आअहह...यस...यस...येस्स...

अंकल- उउंम्म..सस्स्रररुउप्प्प...सस्स्ररुउउप्प..उउम्म्म्मम...

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यहाँ रूबी के घर मे ...मैं 4 पेग लगा चुका था...तभी रूबी और रक्षा मेरे पास आकर सामने खड़ी हो गई....

मैं- हो गई पढ़ाई...??

रक्षा- जी भैया...अब प्यार करे...

मैं- ह्म्म...तुम लोगो को नीद नही आ रही..??

रक्षा- नही....पहले प्यार तो कर ले...वरना नीद नही आयगी....

मैं- और रूबी तुम क्या कहती हो...???

रूबी- मुझे भी...प्यार करने के बाद नीद अच्छी आती है...

रक्षा- तो भैया...अब प्यार करो ना...

मैं- ह्म्म..आओ यहाँ...

और मैने पेग साइड मे रख कर दोनो को खीच कर अपनी जाँघो पर बैठा लिया...

मैं- ह्म्म..अब प्यार करो...किस बात का इंतज़ार है....

रक्षा- ह्म्म..रूबी...शुरू हो जा...

और फिर रक्षा ने मेरे होंठो को अपने होंठो की गिरफ़्त मे ले लिया और रूबी ने डाइरेक्ट मेरे लंड को टारगेट किया...उसने अपना हाथ मेरे लंड पर फिराना चालू कर दिया....

रक्षा पूरे जोश मे मेरे होंठो को चूसे जा रही थी...तभी मैने अपना हाथ रूबी के बूब्स पर कस लिया और उसके बूब्स को मसल्ने लगा.....

थोड़ी देर बाद रूबी ने रक्षा को साइड किया और मेरे होंठो को चूसने लगी...तभी रक्षा ने भी हम दोनो के होंठो के साथ अपने होंठ मिला दिए और हम तीनो साथ मे किस्सिंग करने लगे...

जब दोनो ने मेरे होंठो को अच्छे से चूस लिया तो दोनो अलग हो गई...और रक्षा ने मेरी टी-शर्ट निकाल दी और रूबी ने मेरा पेंट निकाल दिया....

अब मैं दोनो के सामने नंगा बैठा हुआ था...

फिर दोनो मेरे सामने खड़ी हुई और एक-दूसरे को स्माइल करते हुए एक ही झटके मे अपनी-अपनी नाइटी निकाल दी...

दोनो की मदमस्त जवानी देख कर मेरा लंड हार्ड हो गया...जो पहले से आधा खड़ा हुआ था...

फिर दोनो मेरे सामने बैठ गई और मेरे लंड को दोनो ने अपने होंठो के बीच फसा लिया....
ये तो रात की शुरुआत थी...अभी तो रात बाकी है...पता नही ये रात कहाँ- कहाँ कितने गुल खिलायगी....

यहाँ मैं दो जवान लड़कियो के होंठो को अपने लंड पर महसूस करते हुए मस्ती मे खोया हुआ था...और साथ मे पेग पी रहा था.....

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दूसरी तरफ सहर से बाहर आउटर मे बने एक आलीशान घर के सामने कार रुकी और कार मे बैठा हुआ शक्स जल्दी से घर मे चला गया और थोड़ी देर मे उस घर के किसी कमरे मे 2 लोग बैठे हुए बाते कर रहे थे....

(यहाँ मैं उन्हे एल1 और एल2 लिखुगा...)

एल1- (पेग बनाते हुए)- तो समझ गई ना...तुम्हे आगे क्या करना है...

एल2- ह्म्म..पर अचानक मेरी याद कैसे आ गई ...तुम्हारा काम तो ठीक चल रहा था ना...

एल1- हाँ ..पर अब मुझे अपने लोगो मे से कुछ पर डाउट है...इसलिए तुम्हारा काम है उन पर नज़र रखना...

एल2- पर वो लोग तो एक दूसरे पर नज़र रखते ही है ना...

एल1- हाँ ...पर वो एक दूसरे को जानते भी है और उनको सबके राज पता है...तुम्हारे बारे मे कोई कुछ नही जानता और तुम उनकी नज़र मे सीधी-सादी हो...तुम्हे सिर्फ़ मैं जानता हूँ...

एल2- तुम क्या जानते हो....??

एल1- वो राज ..जिसने तुम्हे अकेले रहने पर मजबूर किया...और तुम्हे प्यार भी ना मिल सका...

एल2- ह्म्म...तो ये भी जानते होगे कि उसकी वजह क्या है...

एल1- जानता हूँ...इसलिए तुम्हे बुलाया...तुम सब पर नज़र रखो...और पता करो कि दीपा की मौत के पीछे वजह क्या है...ये सुसाइड है या मर्डर...

एल2- मानो कि कर लिया...पर मेरा फ़ायदा क्या...???

एल1- क्या चाहिए तुम्हे....

एल2- जब मेरे बारे मे इतना जानते हो तो ये भी जानते होगे कि मुझे किस चीज़ से सुकून मिलेगा...

एल1- ह्म्म...पर उसके लिए वेट करना होगा....

एल2- वेट तो कब से कर रही हूँ....थोड़ा और सही...पर एक बात बताओ...तुम ये सब क्यो कर रहे हो...क्या मक़सद है तुम्हारा और क्यो...???

एल1- तुम्हे ये जानना ज़रूरी नही...काम पूरा करो और तुम्हे वो मिल जाएगा जो तुम्हे चाहिए....समझी...

एल2- ओके...मैं चलती हूँ...वैसे फिर कब मिलेगे हम...???

एल1- बहुत जल्द...जब तुम दीपा की इन्फर्मेशन ले आओ तब...

एल2- ओके..बाइ..

एल1-बाइ...

वो तो निकल गई और एल1 किसी का वेट करने लगा....थोड़ी देर मे वहाँ एक आदमी और एक लेडी आ गई....

एल1- अच्छा हुआ आप आ गये...काम हो गया...अब मैं चलता हूँ...कुछ काम आ गया...

आदमी- ह्म्म...गुड जॉब ...तुम जा सकते हो...

एल1- ओके..बाइ...गुड नाइट...

एल1 भी निकल गया और पीछे जो रह गया...उसने एक पेग बनाया और बोला...

आदमी- बाइ(और पेग को एक ही बार मे ख़त्म कर के हँसने लगता है)...हाहाहा...दा गेम बिगिन........हाहहाा

,,,,,,,,,,,,,,
संजू के घर मे आंटी के रूम मे आंटी नंगी बैठी हुई अपनी चूत से पानी बहा रही थी...जो अभी -अभी अंकल ने चूस कर निकाला था....

तभी गेट पर नॉक हुई....

आंटी- वो आ गया...जाओ गेट खोलो...

जैसे ही अंकल ने गेट खोला तो सामने खड़े शक्स को देख कर आंटी ने मुस्की मार दी और बोली...

आंटी- अब चुदाई का मज़ा आएगा...तू जो आ गया.......ये है असली मर्द...आ जा मेरी जान....

मर्द- क्यो नही मेरी जान...कितने दिन से तेरी चूत नही मिली...आज तसल्ली से पूरी रात तेरी चूत और गान्ड का मज़ा लुगा...

आंटी- क्यो नही...मैं भी तो यही चाहती हूँ....इस गान्डु (अंकल) से कुछ नही होता...अंकित ना होता तो तड़प के मर जाती...

मर्द- अंकित की बड़ी याद आ रही है...मुझे भूल ही गई थी...

आंटी- अरे नही...अंकित की बात अलग है...कुछ टाइम बाद सिर्फ़ तुम्ही तुम होगे....हहहे...

मर्द- ह्म्म...छोड़ो ये सब ...ये बताओ कि तेरे पति का क्या करना है...

आंटी- बेचारे को यही रहने दो...अपनी बीवी की चूत और गान्ड की धज्जियाँ उड़ते हुए देखेगा और थोड़ा मज़ा भी कर लेगा...

मर्द- इसे तो तुमने कुत्ता बना दिया...

आंटी- हाँ...काश ऐसी कोई कमज़ोरी अंकित की होती तो उसे भी कुत्ता बना लेती...खैर अब बाते छोड़ो और सुरू हो जाओ...

मर्द- अरे पहले गला तो गीला कराओ...

आंटी- अरे मेरे प्यारे पातिदेव...ज़रा मेरे यार के लिए पेग तो बनाओ...ताकि ये तुम्हारी बीवी की चूत फाडे जल्दी....

आंटी का ऑर्डर मिलते ही अंकल किसी गुलाम की तरह जल्दी से पेग बनाने लगे और फिर दोनो को पेग पकड़ा दिए....
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06-06-2017, 10:09 AM,
RE: चूतो का समुंदर

आंटी और उस मर्द ने जाम को टकराया और एक दूसरे को किस करके पेग गटक लिए....

आंटी- आअहह..अब आ भी जा मेरे यार...आग भड़क गई है....

मर्द- ह्म्म...चल मेरी कुत्ति मेरा लंड रेडी कर...और तू गान्डु(अंकल) , जल्दी से एक पेग और बना....

यहाँ आंटी ने उठ कर उस मर्द के पेंट को खोल के नीचे किया और लंड को बाहर निकाल कर चूमना सुरू कर दिया....



मर्द- खा जा मेरी रांड़...चूस डाल जल्दी से....


आंटी- सस्स्रररुउउउप्प....उउउंम...सस्स्स्रररुउउउप्प्प...

मर्द- यस ..ऐसे ही मुँह मे भर ले जल्दी....

आंटी प्यार से लंड चाट-चूस कर खड़ा करने लगी और अंकल अपनी बीवी का रंडीपन देखते हुए दारू पीने लगे....

थोड़ी ही देर मे उसका लंड पूरी औकात मे आ गया और आंटी लंड को गले की गहराई मे लेकर चूसने लगी....
आंटी- उउंम्म...क्क्हुउऊम्म्म्म....उउउंम्म...उउंम्म

मर्द- ओह यस....यस...और तेज.....कम ऑन...

आंटी- क्क्हूओंम्म....उउउंम्म...उउंम्म...ऊमम्म्म...


मर्द- येस...येस्स...तेज साली....और तेजज्ज़...ये ले...

और उसने आंटी के सिर को पकड़ कर उनके मुँह को चोदना सुरू कर दिया...आंटी के मुँह से आवाज़ भी नही निकल पा रही थी और सिर्फ़ लार बहते हुए बाहर टपक रही थी.....

इस नज़ारे को देखते हुए अंकल अपने लंड को हिलाने लगे और पास आ कर खड़े हो गये....

थोड़ी देर बाद वो मर्द रुक गया और उसने लंड मुँह से निकाल लिया....आंटी हान्फते हुए हंस भी रही थी और साथ मे उसका लंड हाथ से हिला रही थी...

नॉर्मल होते ही आंटी अंकल से बोली...

आंटी- ये देख...इसे कहते है मर्द...अब देख ये कैसे फाड़ता है मेरी...तू बस लंड हिलाता रह...

और आंटी उसका लंड पकड़ कर उसे बेड पर ले गई....और उसे बेड पर लिटा कर जल्दी से दोनो पैरो को साइड मे करके अपनी चूत लंड पर सेट की और एक ही झटके मे पूरा लंड अंदर ले लिया और ज़ोर- ज़ोर से उछलने लगी....
नीचे से उस मर्द ने भी धक्के देने सुरू किए और चुदाई शुरू हो गई...

आंटी- आहह...आहह...और तेज...और तेजज्ज़....

मर्द- यस...ये ले...यह...यह

आंटी- ओह्ह...ओह्ह...यस...फाड़ दे...ओह्ह्ह...यस...

आंटी मज़े से उछलती हुई चुद रही थी और अंकल ये देख कर अपना लंड जोरो से हिला रहे थे....

करीब 10 मिनट की चुदाई के बाद आंटी झड़ने लगी ...

आंटी- ओह्ह..मैं...आहह...आइईइ...ऊहह...येस्स्स..आअहह.....यीस्स्स्स

आंटी के झाड़ते ही अंकल भी झड़ने लगे....और आंटी उस मर्द के उपेर झुक कर उसके होंठो को चूसने लगी....

थोड़ी देर बाद ही आंटी फिर से अपनी गान्ड लंड पर पटकने लगी....

मर्द- रुक साली..बड़ी गरम हो रही है....चल मेरी कुतिया...अब तुझे कुतिया बना कर चोदुन्गा....

आंटी- तो चोद ना...देख मेरा पति भी अपनी बीवी की चुदाई देख कर झड गया...अब इसकी बीवी को कुतिया की तरह चोद डाल...

आंटी जल्दी से उठ कर कुतिया बन गई...और उस मर्द ने जल्दी से आंटी के पीछे आकर एक ही झटके मे आंटी की चूत मे लंड डाल दिया...
आंटी- आअहह.....मार डाला...

मर्द- अभी कहाँ...अभी तो कुतिया की फाड़ना है....ये ले...

आंटी- आअहह...अब फाड़ दे....आअहह


मर्द - तो ये ले....यह

उसने आंटी की गान्ड पर हाथ मारते हुए चोदना शुरू कर दिया और आंटी मस्ती मे बड़बड़ाने लगी....अंकल का लंड भी अपनी बीवी की दमदार चुदाई देख कर खड़ा हो गया और वो फिर से उसे हिलाने लगे...

आंटी- आअहह...आहह...येस्स...फाड़ दे...ज़ोर से...आअहह....

मर्द- ये ले मेरी रंडी....ये ले....ईएह

आंटी- आअहह...और तेज ...येस्स...येस्स्स्स...

आंटी चुदाई मे मगन थी और अंकल भी आंटी के सामने बेड पर आ गये...आंटी ने मुस्कुरा कर अंकल का लंड मुँह मे भर लिया और गान्ड पीछे करते हुए चुदाई का मज़ा लेने लगी...

करीब 20 मिनट की दमदार चुदाई के बाद आंटी झड़ने लगी...

आंटी- ओह्ह्ह...माआ...म्म्मालयन...आऐ...ऊहह...येस्स...आहज

आंटी के झड़ते ही अंकल भी झड़ने लगे और आंटी के मुँह पर पिचकारी मारने लगे....और थोड़ी देर मे ही वो मर्द भी झड गया.....

मर्द- मैं आया मेरी जान...आअहह..आअहह...

चुदाई का महॉल शांत हो गया...तीनो बेड पर लेट गये...थोड़ी देर बाद आंटी फिर से उस मर्द का लंड चूसने लगी...

मर्द- फिर सुरू हो गई...

आंटी(लंड मुँह से निकाल कर)- अभी तो गान्ड बाकी है मेरे राजा...गुउपप्प्प्प


आंटी ने लंड चूस कर तैयार किया और गान्ड मरवाने लगी...

सारी रात उस मर्द ने आंटी को रगड़ कर चोदा...चूत और गान्ड दोनो बजाई...और अंकल भी अपनी बीवी की ठुकाई देख कर कई बार झडे....


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