Chuto ka Samundar - चूतो का समुंदर
06-06-2017, 11:27 AM,
RE: चूतो का समुंदर
जहाँ एक तरफ धर्मेश और सरिता अपने-अपने काम के लिए आकाश को यूज़ करने का सोच कर खुश थे...वही दूसरी तरफ आज़ाद भी बहुत खुश था...

आज़ाद की खुशी की वजह ये थी कि एक तरफ उसकी बड़ी बेटी को घर बैठे अच्छा रिस्ता मिल गया था और आज उसे अपने चहेते बेटे आकाश के लिए भी सामने से रिस्ता मिल गया.....

लेकिन आज़ाद ने अभी ये बात किसी को नही बताई...वो सोच रहा था कि जिस दिन उसकी बेटी की शादी पक्की होगी ...तभी वो सबको आकाश के रिस्ते की बात बातायगा...

कुछ दिन यूँ ही निकल गये और फिर वो दिन आ गया जब सुभाष अपनी मामी के साथ आकृति को देखने आने वाला था....

आज़ाद के घर मे बहुत चहल- पहल थी...सारे लोग महमानो के इंतज़ार मे थे और उनकी खातिरदारी की तैयारिया हो रही थी....

आज़ाद ने अपने नौकरों को भी खेतो और फॅक्टरी से बुला लिया था....वो सब घर को सजाने के काम मे लगे हुए थे...

मदन ने पहले ही आज़ाद को बोल दिया था कि आज लड़का-लड़की के हाँ बोलते ही सगाई की रसम पूरी कर लेगे...

आकाश भी घर आ चुका था..और पूरे परिवार के लिए गिफ्ट लाया था...

उसके गिफ्ट ने सबका दिल जीत लिया और सब बेहद खुश थे...

आरती भी अपने भैया के आने से बहुत खुश थी...

धर्मेश भी अपने दोस्त का हाथ बताने आ चुका था....साथ मे उसकी दीदी, और माँ भी आई हुई थी...

अली की फॅमिली भी आज़ाद के घर पर थी...

सब औरते मेहमानो के लिए पकवान बनाने मे बिज़ी थी...

आरती और रिचा , आकृति को सज़ा रही थी...आमिर भी आकाश और धर्मेश के साथ काम मे हाथ बता रहा था..

आज़ाद, अली के साथ बैठा हुआ मेहमानो का वेट कर रहा था और साथ मे सगाई की रसम की प्लॅनिंग भी हो रही थी...

दोपहर तक मदन , सरिता, सुभाष और सुभाष की फॅमिली आज़ाद के घर पहुच गई...

सुभाष के साथ उसकी मामी और उसकी बहेन थी....

मदन- लो आज़ाद ...ले आया तेरे मेहमानो को ....

आज़ाद- अरे..हाहाहा ....आइए- आइए...

आज़ाद ने सबका स्वागत किया...रुक्मणी भी बाहर आ गई और सुभाष की मामी का स्वागत किया...

आकाश भी सुभाष से गर्मजोशी से मिला...उसे भी सुभाष पसंद आ गया....

यहाँ एक तरफ सरिता , आकाश को देख कर उसे उकसा रही थी तो दूसरी तरफ रागिनी( धर्मेश की दीदी) भी आकाश को हसरत भरी निगाहों से देख रही थी..

पर आकाश , सरिता से दूरी बनाए हुए था...वो नही चाहता था कि उनके बीच का रिश्ता फिर से बन जाए....

फिर चाइ-नाश्ता होने के बाद आकृति को नीचे बुलाया गया....

आकृति सज-सबर कर नीचे आ रही थी और सब की निगाहे उसे देख कर खुश हो रही थी....

आकृति के साथ आरती भी थी...उसने अपने भैया की लाई हुई ड्रेस पहनी थी...एक लाइट ब्लू सूट...

आकाश की निगाहे अपनी छोटी बेहन को देख कर उस पर ठहर गई थी...

आकाश को आज अपनी छोटी बेहन अचानक से बड़ी लगने लगी थी ..

आरती के खुले हुए बाल...चमकते इयररिंग...गले मे डिज़ाइनर हार...होंठो पर लिपस्टिक...

आज पहली बार आरती इतनी सजी हुई थी...जिसे देख कर आकाश खो सा गया था ....

आकाश की आँखो के अलावा भी चार आँखे थी जो आरती की खूबसूरती मे खो गई थी....

जहाँ आकाश की आँखो मे अपनी बहेन के लिए भाई-बेहन वाला प्यार था वही बाकी दो लोग उसे प्रेमी की नज़र से देख रहे थे...


आकृति और आरती नीचे आकर सबके साथ बैठ गई...

फिर सब लड़का-लड़की की तारीफ़ कर रहे थे और सुभाष तो बस आकृति मे खोया हुआ था. ...

थोड़ी देर बाद मदन ने सुभाष से और सरिता ने आकृति से उनकी मर्ज़ी पूछ ली....

दोनो ने एक-दूसरे को पसंद कर लिया और सब इस बात से बेहद खुश थे...खास कर सरिता...

फिर आज़ाद ने पंडित जी से सगाई की बात की और तय हुआ कि कल का मुहूरत सगाई के लिए बढ़िया था...

फिर खाना-पीना हुआ और सुभाष अपनी मामी के साथ सरिता के घर चला गया....

जबकि सुभाष की बेहन धर्मेश की दीदी के साथ धर्मेश के घर चली गई ......

( धर्मेश की दीदी और सुभाष की बहेन की दोस्ती सरिता के ज़रिए हुई थी...क्योकि जिस शहर मे सुभाष रहता था वही पर रागिनी भी पढ़ाई करती थी...दोनो पड़ोसी थी और फिर सरिता की वजह से वो दोनो अच्छी फ्रेंड बन गई....और अब तो दोनो ज़्यादा ही क्लोज़ थी. .)

मेहमानों के जाने के बाद मदन,अली और आज़ाद बैठ के ड्रिंक करने लगे और दूसरी तरफ आकाश और धर्मेश भी बैठ कर गप्पे करने लगे....

आमिर भी आरती और आकृति के साथ बाते कर रहा था...

यहाँ कोई किसी के प्यार के ख्यालो मे डूबा था तो कोई जल कर खाक हुआ जा रहा था....

यहाँ आज़ाद ने अपने दोस्तो से आकाश के लिए आए रिस्ते के बारे मे बताया...जिसे सुनकर मदन और अली खुश हो गये...

पर दोनो ने आज़ाद को बोला कि आकृति की शादी तक चुप रहो फिर सबको बताना...ताकि अभी सब लोग सिर्फ़ आकृति की शादी की तैयारी मे लगे रहे...और आकाश भी पढ़ाई पर ध्यान दे पाए....

आज़ाद को भी अपने दोस्तो की बात ठीक लगी और तय हुआ की आकृति की शादी के बाद ही आकाश की शादी के बारे मे सोचेगे...

फिर सभी ने कल के फंक्षन की प्लॅनिंग की और अपने-2 घर चले गये ...

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06-06-2017, 11:27 AM,
RE: चूतो का समुंदर
पर सरिता अपने घर नही गई थी....आज़ाद के घर से निकल कर सरिता ने सुभाष और उसकी मामी को अपने घर तक छोड़ा और वहाँ से सीधा धर्मेश के घर पहुचि और रागिनी से बात करने लगी.....

रागिनी- अरे आंटी आप...

सरिता- क्यो ..मैं नही आ सकती क्या...

रागिनी- अरे ..मेरा मतलब ये था कि इतनी रात मे अचानक...

सरिता- हाँ...कुछ काम था..

रागिनी- ओह्ह..मैं माँ को बुलाती हूँ...

इस समय रागिनी की माँ उपेर अपनी बेहन के साथ थी....

सरिता- नही-नही...मुझे असल मे तुमसे ही काम था...बैठो...

रागिनी- जी आंटी...कहिए...

सरिता- देखो रागिनी...ये तुम्हारे फ़ायदे की ही बात है...

रागिनी(असमंजस मे)- ऐसी क्या बात है..??

सरिता- देखो रागिनी...मेरी बात मनोगी तो कल तुम्हे आकाश मिल जाएगा...

रागिनी- क्या मतलब...??

सरिता- मतलब ये कि तुम आकाश के साथ चुदाई कर पाओगी...

रागिनी(हड़बड़ा कर) - ये...आंटी ...ये आप कैसी बाते कर रही है...

सरिता- देखो ...मेरे सामने नाटक मत करो...मैं सब जानती हूँ...और मैं भी वही चाहती हूँ , जो तुम...

रागिनी समझ गई कि ज़रूर इसे किसी ने बता दिया है...अब यही अच्छा होगा कि इसकी बात सुन लूँ...

रागिनी- आंटी...आपको कैसे पता ..??

सतिता- सब बताउन्गी..पर बाद मे..अब बोलो...मेरे साथ हो...???

रागिनी- ठीक है...पर आप कैसे मदद कर पाएगी...??

सरिता- मैं कल आकाश को तुम्हारे घर भेज दूगी...बाकी काम तुम्हे करना है...

रागिनी- ठीक है..मैं कोशिश करूगी...

सरिता- गुड...और फिर सूमी भी तो है साथ मे...दोनो उसको मिलकर पटा लेना .ओके..

( सूमी, सुभाष की बेहन का नाम है..)

रागिनी- ह्म्म..

सरिता- तो अब मुझे चाइ तो पिलाओ..

रागिनी- ओह्ह..अभी लाई...

रागिनी किचेन मे चली गई और सरिता सूमी से बाते करने लगी...


सरिता- सूमी..अब तुम सुनो..कि तुम्हे क्या करना है...

फिर सरिता ने सूमी को कुछ बताया और उसे सुनकर सूमी चौंक गई...और बोली...

सूमी- आंटी..इसकी क्या ज़रूरत है...

सरिता- ज़रूरत है...तभी कह रही हूँ...

सूमी- पर हम उसे पटा लेगे और आपके लिए भी रेडी कर लेगे....

सरिता- इतना आसान नही है...और मेरा नाम सुनते ही बो मना कर देगा और तुम दोनो को भी छोड़ देगा...समझी...

सूमी- पर...

सरिता(बीच मे)- बस...जितना कहा...उतना ही करो ...

सूमी- ठीक है...पर कोई प्राब्लम तो नही होगा ना...

सरिता- नही...मैं सब संभाल लूगी...तुम बस अपना काम करो...

सूमी- ओके..

सरिता- और हाँ..अपने बीच की बात रागिनी को पता ना चले...

सूमी- ह्म्म..एक बात पुच्छू..

सरिता- हाँ..क्यो नही...

सूमी- आप असल मे करने क्या वाली है...

सरिता(सूमी के सिर पर हाथ फेरते हुए)- कुछ खास नही बेटा ....बस चूत की भूख मिटाने वाली हूँ...

सरिता की बात सुन कर सूमी हँसने लगी और फिर रागिनी भी आ गई....

सरिता चाइ पी कर अपने घर आ गई...

रात मे मदन के सो जाने के बाद सरिता रूम से बाहर आई...और सुभाष के रूम मे चली गई...

सुभाष तो सरिता के इंतज़ार मे ही था...उसने सरिता को बाहों मे भर लिया...

सुभाष- सच मे आंटी...कब्से सोच रहा था कि एक दिन आपको मसल के रख दूं...आज वो दिन आ ही गया..

सरिता(मुस्कुरा कर)- तो मसल देना...पर मेरी बात सुनने के बाद...

सुभाष- हाँ तो कहिए..

सरिता- देखो..कल तुम्हारी सगाई मे शामिल होने को तुम्हारे दोस्त आ रहे है....तो उनसे कुछ समान मगा लो...

सुभाष- हुकुम करो..सब आ जाएगा...

सरिता ने कुछ समान बताए ..जिसे सुनकर सुभाष सकपका गया...

सुभाष- आपको ये सब क्यो चाहिए...

सरिता- सुनो...$$$$$$$$$$$$$

सुभाष- पर आंटी...आप ये सब क्यो करवा रही है...

सरिता(सुभाष के होंटो पर उंगली रख कर)- सस्शह...इस बात को यही ख़त्म करो...नही तो सबको बता दूगी कि कैसे तू अपनी ही बहेन को अपनी रखेल बना कर रखता है ..फिर शादी तो छोड़...आज़ाद तुझे गोली मार देगा..

सुभाष(डरते हुए)- ठीक है...जो करना है करो...मैं चुप रहुगा..

सरिता-- ये हुई ना बात...अब जल्दी से मेरी प्यास बुझा दे...

फिर सुभाष ने सरिता की चुदाई शुरू कर दी...

सरिता दो दिन बाद चुदाई करवा कर अपने रूम मे आ गई और मन ही मन खुश होने लगी....

सरिता(मन मे)- अब बस कल सब प्लान के मुताबिक हो जाय. .फिर देखती हूँ ...इस आकाश को और उसकी फॅमिली को....शादी के दिन आज़ाद के घर खुशाली नही होगी...बल्कि दुखो का तूफान आ जाएगा....हहेहहे
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06-06-2017, 11:27 AM,
RE: चूतो का समुंदर
आज आज़ाद की बेटी की सगाई होने वाली थी...

सुबह से ही आज़ाद के घर उसके दोस्त और रिस्तेदार आने लगे थे...

आज़ाद ने अपने आदमियों से कह कर कल ही पूरे गईं मे और आस-पास के इलाक़े मे अपने खास लोगो को निमंत्रण भिजवा दिया था....

अली और धर्मेश का परिवार सुबह से ही आज़ाद के घर पर आ गया था....

आकाश खाने-पीने का काम देख रहा था...अरविंद का ज़िम्मा आने वेल मेहमानो की खातिरदारी करना था...

आयेमिर को टेंट का काम दिया गया था...और धर्मेश का काम था घर के सभी कमरो मे मेहमानो के रुकने की व्यवस्था करना और साथ ही साथ घर की सजावट की ज़िम्मेदारी थी....

रिचा, आरती, रागिनी...सभी आकृति के साथ थी....उनका काम था आकृति को अच्छे से तैयार करना...

अली की बीवी, धर्मेश की माँ ....मिलकर के रुक्मणी की हेल्प कर रही थी...इनके साथ मे आज रखी भी थी...

आज़ाद ने सलोनी और सविता को भी बुलवा लिया था ...वो लोग भी अंदर के काम देख रही थी...

आज़ाद , अली के साथ आने वेल मेहमानों का स्वागत करने बाहर बैठा था....

मदन और सरिता अभी भी अपने घर पर थे...वो सुभाष की तरफ से आने वालो का इंतज़ाम देख रहे थे....

आज़ाद के घर पर सगाई की सारी तैयारी हो गई थी...बस खाना बन रहा था और पंडित जी के आने की देर थी.....

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वहाँ सरिता के घर...

सुभाष ने सरिता को इशारे से अकेले मे बुलाया...

सरिता जैसे ही सुभाष के रूम मे आई...

सरिता- क्या हुआ...??

सुभाष- आपने जो समान मँगाया था ..वो आ गया...

सरिता- वाह...कहाँ है..??

सुभाष ने एक बेग सरिता को पकड़ा दिया...

सुभाष- सब इसमे है...

सरिता- ह्म्म..लाओ ...

सरिता ने सुभाष से बेग लिया और जाने लगी...

सुभाष- आपको ये इस्तेमाल करना आता है...??

सरिता- नही तो...

सुभाष- तो मगवाया क्यो...???

सरिता- अरे बेवकूफ़...मेरे पास ऐसा इंसान है जो इसके बारे मे सब जानता है...वही सब करेगा...

सुभाष- ओह्ह..तब ठीक...पर....

सरिता- अब क्या...??

सुभाष- आप जानती है ना कि आप क्या कर रही है...??

सरिता- बिल्कुल...तुम्हे कोई शक...

सुभाष- नही...पर ध्यान रखना...कुछ भी गड़बड़ हुई तो आपके साथ मैं भी मरूगा...

सरिता- टेन्षन मत लो...तुम्हे कुछ नही होगा...मरेगा तो बस आकाश और बर्बाद होगा उसका परिवार....

सरिता रूम से निकल जाती है और सुभाष अपने माथे पर आया पसीना पोछता है...

सरिता फिर मदन को ये बोलकर निकलती है कि वो आज़ाद के घर जा रही है....पर पहुच जाती है सीधे धर्मेश के घर...

धर्मेश के घर सिर्फ़ धर्मेश की मौसी और सूमी थी...

सरिता के साथ एक लड़का भी आया हुआ था..

सरिता , धमेश की मौसी को चाइ बनाने भेजती है और सूमी को समझा देती है कि आगे क्या करना है....

चाइ पीने के बाद सरिता, धर्मेश की मौसी को किसी बहाने से उपेर वाले कमरे मे ले आती है और नीचे सूमी उस लड़के के साथ काम पूरा करने लगते है...

जब काम पूरा हो गया तो सूमी सरिता को बुलाने गई और सरिता समझ गई कि काम निपट गया...

फिर सरिता उस लड़के के साथ निकल गई और लड़के को बीच मे ड्रॉप करके आज़ाद के घर पहुच गई....


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आज़ाद के घर.....

आकृति के कमरे मे लड़किया आकृति को सजाने मे लगी हुई थी और साथ मे गॅप-शॅप भी हो रही थी...

आरती- नही दीदी..ये वाली चूड़ियाँ पहनो...ये मैने पसंद की है...

आरती अपने हाथ मे चूड़ियाँ दिखाते हुए बोली.....

रिचा- नही दीदी ये वाली...ये ज़्यादा अच्छी लगेगी....

रिचा ने भी सबको चूड़िया दिखा दी...

आरती- नही...मेरी पसंद की पहनो दीदी...

रिचा- अरे इसमे पसंद की बात नही है....मेरी वाली ज़्यादा मॅच करेगी दीदी की शादी के साथ...

आरती- मैं कुछ नही जानती...दीदी यही पहनेगी...

रागिनी- बस...अब चुप हो जाओ...आकृति खुद बताएगी....

आकृति कुछ बोलती उससे पहले ही उसकी नज़र गेट पर खड़े आकाश पर पड़ी....वो किसी काम से आया हुआ था....

आकृति- भैया...

आकृति की आवाज़ सुनते ही सब आकाश को देखने लगे...

आरती- भैया...क्या हुआ...कुछ काम था क्या...

आकाश- हाँ..वो...मुझे ड्रवैिंग कलर चाहिए...मैं गेट पर कुछ ड्रॉयिंग होनी है...

आरती- अभी देती हुँ...

आरती ने जल्दी से अपने ड्रॉयिंग कलर आकाश को दे दिए...और आकाश जाने लगा

आरती- भैया...एक मिनट...

आकाश- क्या..???

आरती- भैया यहाँ आइए...और बताइए कि कौन सी चूड़ियाँ दीदी के हाथ पर अच्छी लगेगी....ये मैने सेलेक्ट की और ये रिचा ने...

आरती का सवाल सुनकर आकाश सोच मे पड़ गया....एक तरफ उसकी प्यारी बहेन की पसंद और एक तरफ बहेन की सहेली की पसंद...

रिचा- हाँ भैया...आप ही बता दो...वही फाइनल होगी...

आकाश धर्म संकट सा महसूस कर रहा था...कि किसका साथ दे...

ना आरती को गुस्सा कर सकता है और ना उसकी सहेली को...वरना सब कहेगे कि भाई ने बेहन का साथ दिया...

आरती- भैया...जल्दी बोलिए..दीदी इंतज़ार कर रही है...

आकाश कुछ देर सोचता रहा और फिर उसने दोनो की चूड़ियों को मिक्स कर के आकृति को दे दी...दोनो का मिक्सर ज़्यादा अच्छा लग रहा था....


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06-06-2017, 11:28 AM,
RE: चूतो का समुंदर
आकाश का फ़ैसला देख कर आरती और रिचा चुप हो गई और आकृति ने दोनो की चूड़िया मिक्स करके पहन ली...

आकृति- अब खुश हो दोनो...

आकाश की होशियारी से सब खुश हो गये ....और आकाश स्माइल करके रूम से निकल गया...

रागिनी- सच मे आकृति ...आकाश की दुल्हन तो किस्मत वाली होगी...

आरती- ह्म्म..और वो मैं सेलेक्ट करूगी...हहहे...

फिर सब लड़कियाँ हसी-मज़ाक करते हुए..आकृति को तैयार करने लगी.....

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यहाँ मदन के घर....

सरिता के निकलने के बाद से ही सुभाष परेशान सा घूम रहा था...

उसने कुछ सोच कर धर्मेश के घर फ़ोन किया....उसे पता था कि उसकी बहेन धर्मेश के घर पर ही है...

फ़ोन धर्मेश की मौसी ने उठाया और फिर सूमी को दे दिया....

(कॉल पर)

सुभाष- सूमी...क्या कर रही हो...

सूमी- कुछ नही...पर आपको क्या हुआ...आपकी आवाज़..

सुभाष(बीच मे)- कुछ नही...ये बताओ कि सरिता आंटी आई है वहाँ...??

सूमी- हाँ..आई थी और चली भी गई...

सुभाष- ओह...तो उन्होने वहाँ काम करवा दिया....

सूमी- हाँ...सब सेट है..पर आप ऐसे घबराए हुए क्यो है...

सुभाष- देख सूमी...मैं नही जानता कि सरिता आंटी का असली मक़सद क्या है...पर मैं इस शादी मे कोई भी प्राब्लम नही चाहता...मैं सच मे आकृति को पसंद करता हूँ...

सूमी- हाँ भैया...आपकी शादी आकृति से ही होगी...टेन्षन मत लो...और ये सब तो सिर्फ़ सेक्स की भूख मिटाने के लिए कर रही है सरिता आंटी...

सुभाष- पर मुझे उन पर शक है...उनके दिमाग़ मे कुछ और चल रहा है...

सूमी- ये आपका वहम है...टेन्षन छोड़ो और सगाई की तैयारी करो...आज शाम को आपकी आधी शादी होने वाली है...

सुभाष- ह्म्म्म ..ठीक है...तू कहती है तो...

सूमी(बीच मे)- अपनी बहेन पर भरोसा रखो...मैं सब संभाल लूगी...

सुभाष- ठीक है गुड़िया...लव यू...

सूमी- आइ लव यू 2 भैया...

फिर सुभाष ने कॉल कट की और थोड़ा रिलॅक्स हो गया और अपनी सगाई के बारे मे सोचने लगा.....


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यहाँ आज़ाद के घर......

आज़ाद , अली को मेहमानों का ख़याल रखने का बोल कर कुछ काम से अंदर आ गया....

काम निपटा कर वो बाथरूम जाने लगा....

( आज़ाद के घर पर हर रूम से आत्तेच बाथरूम था....और एक साइड पर छोटा सा बाथरूम बना था..जो ज़्यादा यूज़ नही होता था...

आज़ाद ने सोचा कि रूम्स मे औरतें , लड़कियाँ और मेहमान होगे तो वो उस छोटे बाथरूम के साइड चल दिया)

जैसे ही वो बाथरूम के पास पहुचा तो दूसरी तरफ से रिचा आती हुई आ रही थी....( रिचा टाइम-पास करने घूमने निकल आई थी...)

रिचा- अरे अंकल...आप यहाँ...कैसे..??

आज़ाद- अरे मेरी जान...कोई बाथरूम क्यो जाता है...

रिचा- ह्म्म..तो चलिए...मुझे भी जाना है...

आज़ाद- पागल है क्या...ये मेरा घर है...

रिचा- पता है ...पर यहाँ तो कोई नही ना...

आज़ाद- अरे...

रिचा जल्दी से आज़ाद के पास आ गई और उसका लंड पेंट के उपेर से मसल दिया....

आज़ाद(रिचा को दूर कर के) - क्या पागलपन है...दूर रह...

रिचा- अंकल...चलो ना..बड़ी खुजली हो रही है...

आज़ाद- तू समझा कर ना...बहुत काम है अभी....

रिचा- तो थोड़ा आराम तो बनता है....

और रिचा फिर से आज़ाद के लंड को सहलाने लगी...

आज़ाद को एक तरफ डर लग रहा था और दूसरी तरफ उसका लंड उफान मारने लगा था...

रिचा- क्या सोच रहे है...यहाँ कोई नही आएगा...जल्दी से कर लो ना...

आज़ाद की सेक्स की भूख उसके दिमाग़ पर हावी हो गई ...आज़ाद ने चारो तरफ देखा और रिचा को बाथरूम मे भेज दिया और 1 मिनट बाद खुद भी अंदर चला गया...

फिर क्या था...आज़ाद ने रिचा को बाथरूम मे खड़े - खड़े चोदा और कपड़े पहन कर निकल गया....

आज़ाद निकल कर एक साइड गया और दूसरी साइड से सरिता उसी बाथरूम मे आ रही थी...

सरिता ने आज़ाद को निकलते हुए देख लिया था....

रिचा रिलॅक्स होकर अपनी चूत सॉफ कर रही थी...उसे पता था कि इस बाथरूम मे ज़्यादातर कोई नही आता...

पर उसी समय गेट खुला और सरिता के सामने रिचा चूत सॉफ करते हुए पकड़ी गई....

रिचा- ऊओह.....आंटी...एयेए...आअप्प्प..य्ययःहाअ.....क्क्क...क्काईससी..

रिचा की तो गान्ड फट गई पर सरिता के चेहरे पर मुस्कान फैल गई....

सरिता- बस..बस...आराम से काम निपटा लो और कपड़े पहन लो...फिर आराम से बात करेंगे ....वैसे भी अब तो बहुत सी बातें करनी है तुमसे....हहहे...

सरिता की बात सुनकर रिचा सहम गई और सरिता गेट बंद करके बाहर वेट करने लगी....

सरिता(मन मे)- ये तो कमाल हो गया....अब तो मेरा काम और भी आसान हो जायगा...बस ये लड़की मान जाए...फिर गेम मे और भी मज़ा आएगा....हहेहेहहे.....

आज़ाद के घर सब काम अच्छी तरह से चल रहा था...आकाश भी काम मे लगा हुआ था कि तभी रागिनी उसे ढूँढती हुई आ गई....

रागिनी- आकाश भाई...मेरे साथ आएगे थोड़ा...

आकाश- क्या बात है दीदी...कुछ काम है क्या ...???

रागिनी- हाँ भाई...वो स्टोर रूम से कुछ समान उठाना था...

आकाश- तो किसी नौकर को बोल दो...

रागिनी- अरे...सब नौकर बिज़ी है...और आंटी(आकाश की माँ) ने कहा कि तुम्हे ले जाउ...

आकाश- ओह्ह..माँ ने कहा है...तब तो आना ही होगा...चलिए...

( असल मे रुक्मणी ने आकाश का नाम ही नही लिया था...ये तो रागिनी की सोच थी...ताकि आकाश के साथ थोड़ा वक़्त अकेले मे गुज़ार सके)

आकाश , रागिनी के साथ स्टोर रूम मे चला गया...स्टोर रूम घर के पीछे साइड था...और वहाँ लाइट भी नही थी...इसलिए दोनो टॉर्च ले कर गये थे...

रागिनी शहर मे पढ़ने वाली लड़की थी...उसने टाइट लेग्गी और शॉर्ट स्लीबलेस कुरती पहनी हुई थी....
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06-06-2017, 11:28 AM,
RE: चूतो का समुंदर
आकाश वैसे तो लड़कियो के साथ काफ़ी खुला हुआ था...पर रागिनी उसके दोस्त की दीदी थी...

इसलिए रागिनी के साथ अकेले एक अंधेरे कमरे मे जाना उसे कुछ अजीब सा लग रहा था...

उपर से रागिनी का हॉट फिगर भी आकाश की परेशानी की एक वजह थी...फिर भी वो मन को काबू करके रागिनी के साथ अंधेरे कमरे मे आ गया....

काफ़ी देर टॉर्च से ढूँढने के बाद उनको वो समान मिल गया जिसकी उन्हे ज़रूरत थी...

वो समाने कमरे की बालकनी पर रखा हुआ था....

अब समस्या ये थी समान उचाई पर था...जहाँ पर पहुचना मुश्किल था....

आकाश- ओह..ये तो...एक काम करता हूँ...स्टूल या सीधी ले कर आता हूँ...

रागिनी- अरे अब तुम जाओगे -आओगे ..इसमे टाइम लगेगा...और फिर मैं यहाँ अकेली कैसे रहूगी...

आकाश- तो आप भी चलो...फिर आ जायगे...

रागिनी- अरे ...टाइम वेस्ट होगा ना...और टाइम काम है...

आकाश- तो आप बोलो ...क्या करे...

रागिनी- ह्म्म..एक काम करो ..तुम मुझे उठा लो और मैं समान उठा लूगी...

आकाश , रागिनी की बात सुनकर चौंक गया...आख़िर वो उसके बेस्ट फ्रेंड की दीदी थी...

रागिनी- क्या सोच रहे हो...

आकाश- मैं..वो...आपको...कैसे...

रागिनी- अरे...तुम हिचकिचाओ मत...उठाओ मुझे..जल्दी...

आकाश ने ना चाहते हुए भी रागिनी की बात मान ली और रागिनी को हाथो से उपर उठा लिया...

आकाश के हाथ रागिनी के घुटनो पर थे...और उसके मुँह के पास रागिनी का सीना था...

रागिनी की लेग्गी चिकनी होने की वजह से आकाश के हाथ की पकड़ ठीक से नही बन रही थी....

आकाश- ठीक है दीदी...पहुच गई...??

रागिनी- अरे नही...थोड़ा और उपर....

आकाश- और उपेर...ये लो..

आकाश ने थोड़ा दम और लगा कर रागिनी को उपर किया...

आकाश - अब ठीक है...??

रागिनी- हाँ..बस ..ऐसे ही पकड़े रहो...

आकाश रागिनी को कस कर पकड़े हुए था..उसकी नाक मे रागिनी के जिस्म की खुश्बू आने लगी और वो थोड़ा मस्त होने लगा....

रागिनी तो बहुत खुश थी ...उसने अपने हाथ उठाकर समान उठाना शुरू किया जिससे उसके बूब्स थोड़ा आगे को तन गये और उसकी कुरती उसकी कमर पर चढ़ गई...

अब आकाश के सामने रागिनी की लेग्गी के अंदर कसी , उभरी हुई गान्ड पूरी तरह से आ गई...

जिसे देख कर आकाश ना चाहते हुए भी बहकने लगा था...

रागिनी की चिकनी लेग्गी की वजह से रागिनी आकाश के हाथो मे फिसल गई और सरसराते हुए नीचे आने लगी...

आकाश के हाथ रागिनी की गान्ड के उपर फस गये और रागिनी के झुकने की वजह से उसके बूब्स आकाश के मुँह पर आ गये.....

रागिनी ने अपने हाथो से आकाश के कंधे पकड़ लिए और अपने बूब्स आकाश के मुँह पर दबा दिए...

आकाश के हाथो मे रागिनी की गान्ड दबी हुई थी..और मुँह बूब्स के बीच मे...आकाश का लंड अब झटके देने लगा था...
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06-06-2017, 11:28 AM,
RE: चूतो का समुंदर
आकाश थोड़ी देर इसी तरह रागिनी के जिस्म को फील करता रहा और फिर अचानक उसने रागिनी को नीचे खड़ा कर दिया...

आकाश- ओह..सॉरी...दीदी..सॉरी...

रागिनी- अरे ..किस बात की सॉरी...तुमने क्या किया...

आकाश- वो आप मेरी वजह से गिरने वाली थी...

रागिनी- उसमे तुम्हारी क्या ग़लती...वो मेरे कपड़े ही ज़्यादा चिकने है...है ना..

आकाश- जी...चलो कोई और इंतज़ाम करते है...

रागिनी- अरे..टाइम वेस्ट मत करो...और अब आधा समान ही रह गया..

आकाश- पर आप फिसल रही है हाथो से...

रागिनी- तो कुछ ऐसा करो कि मैं फिसल के दूर ना जा पाउ...

आकाश(चौंकते हुए)- क्क़..क्या मतलब..

रागिनी- कुछ नही...मैं बताती हूँ...तुम बैठ जाओ..और मैं अपने पैर तुम्हारे गले मे डालकर बैठ जाउन्गी...फिर तुम खड़े रहना और मैं समान उठा लूगी...

आकाश(पूरी तरह से शॉक्ड हो कर)- क्क़..क्या...पर ऐसे..कैसे...

रागिनी- शरमाना छ्चोड़ो...चलो बैठो...

आकाश तो एक खेला-खाया लड़का था...उसने सोचा कि जब इसे कोई शर्म नही तो मैं क्यो पीछे रहूं...

आकाश फिर घुटनो पर बैठ गया..और रागिनी आकाश के गले के दोनो साइड पैर डाल कर बैठ गई...

फिर आकाश ने रागिनी की जाघे पकड़ कर उठना शुरू किया और रागिनी आकाश के सिर पर झुक गई...फिर वो खड़ा हो गया..

रागिनी- कस के पकडो...मैं गिर ना जाउ...

आकाश(जाघो को कस के पकड़ कर)- पकड़ लिया..आप जल्दी करो..

रागिनी समान उठाने लगी और बार-बार किसी बहाने से अपनी गान्ड को आकाश के गले पर दबाने लगी...

आकाश के हाथो मे रागिनी की चिकनी जाघे थी और उसके गले पर रागिनी की चूत...

आकाश यही सोच रहा था कि उसका गला रागिनी की चूत से चिपका हुआ है और हाथो मे रागिनी की जाघे कसी हुई है...

यही सोच-सोच कर आकाश का लंड खड़ा होने लगा...और वो आँखे बंद करके अपने हाथ को आगे पीछे करने लगा...

रागिनी को ये देख कर खुशी हुई...कि अब आकाश उसकी बॉडी मे खो रहा है..और अब उसका काम आसान हो जायगा...

रागिनी जान भुजकर आराम से समान उठाती रही...और आकाश , रागिनी की बॉडी को महसूस करता रहा....

जब पूरा समान उतर गया..तब भी आकाश कुछ नही बोला...और ये देख कर रागिनी मन ही मन हँसने लगी....

फिर थोड़ी देर बाद बोली...

रागिनी- भाई...

रागिनी की आवाज़ सुनकर आकाश ने आँखे खोल दी और हड़बड़ाते हुए बोला...

आकाश- हह..हाँ..

रागिनी- समान उतर गया भाई...

आकाश को अपने आप पर शर्म आ गई और उसने जल्दी से रागिनी को नीचे उतारा और दोनो समान ले कर बाहर आ गये...बाहर आते ही...

रागिनी- मज़ा आया...

रागिनी ने ये बात एक सवाल की टोन मे कही थी..जिससे आकाश डर सा गया...

आकाश- क्क़..क्क्या...कैसा मज़ा..मुझे क्या मज़ा आएगा...

रागिनी- अरे मैं ये कह रही हूँ कि मुझे मज़ा आया...

आकाश- वो क्यो..??

रागिनी- आज काफ़ी वक़्त के बाद कुछ काम किया ना...हहहे...

आकाश(स्माइल करके)- ओह्ह..

रागिनी- वैसे आगे तो और भी मज़ा आएगा...

आकाश - मतलब...??

रागिनी- मतलब ये कि अभी तो सगाई है...शादी के टाइम ज़्यादा काम होगा...तो ज़्यादा मज़ा आएगा ना...

आकाश - ह्म्म..

फिर दोनो ने समान रखा और अपने-2 रास्ते चले गये...


आकाश अकेले मे अभी-2 हुई घटना के बारे मे सोचने लगा....

आकाश(मन मे)- ये जो भी हुआ...उससे रागिनी दीदी गुस्सा नही हुई...क्या मेरी तरह वो भी गरम हो रही थी...और उनकी बातें भी कुछ...नही-नही...ऐसा नही होगा....

और आकाश अपना मन को समझा कर काम करने मे लग गया....

धीरे-धीरे दिन ढलता गया...और वो वक़्त भी आ गया...जब सगाई होनी थी....

रात का अंधेरा छाने लगा था और आज़ाद का घर जगमगाने लगा था...

सब लोग सुभाष का वेट कर रहे थे....

थोड़ी देर मे सुभाष अपने रिस्तेदारो और दोस्तो के साथ आ गया...

सबकी खातिरदारी होने के बाद आकृति को बुलाया गया और सगाई की रसमे होने लगी...

सगाई बहुत अच्छी हुई और फिर खुशी मे सब डॅन्स करने लगे...
Reply
06-06-2017, 11:28 AM,
RE: चूतो का समुंदर
जब आरती ने डॅन्स किया तो आमिर तो जैसे दूसरी दुनियाँ मे पहुच गया...जहा सिर्फ़ आरती ही आरती थी...

आमिर के अलावा भी कोई था जो आरती के सपने देखने लगा था...

ऐसे ही नाच-गाने मे रागिनी ने आकाश का हाथ पकड़ा और डॅन्स करने लगी...

डॅन्स करते हुए रागिनी बार-बार आकाश जगह-जगह टच कर रही थी...और आकाश को भी उसका स्पर्श अच्छा लग रहा था...

ऐसे ही खुशी-ख़ुसी नाच-गाना समाप्त हुआ और फिर खाना पीना करके सब बैठ गये...

फिर सुभाष और उसके रिलेटिव मदन और सरिता के साथ उसके घर चले गये...सिर्फ़ सूमी रुक गई रागिनी के साथ...

आज़ाद के सभी मेहमान भी सोने चले गये...अली भी अपने घर निकल गया...

रुक्मणी ने धर्मेश की फॅमिली को भी घर पर रोके लिया...

पर रागिनी ने घर खाली होने का बहाना किया...

फिर रागिनी ने सबको ऐसे पटाया कि तय हुआ कि रागिनी, सूमी और धर्मेश की मौसी के साथ आकाश भी धर्मेश के घर रुकेगा...

आकाश ने धर्मेश को चलने को कहा..पर उसने यहाँ मेहमानो का ख्याल रखने का बहाना कर दिया...

फिर आकाश , रागिनी ,सूमी और धर्मेश की मौसी, धर्मेश के घर निकल गये...

यहा मदन के घर...

सरिता अपने रूम मे आईने के सामने अपना मेक-अप निकाल रही थी कि तभी उसे अपने और रिचा के बीच हुई घटना याद आ गई....

आज दोपहर को आज़ाद के घर पर....

सरिता ने रिचा को रंगे हाथो पकड़ लिया था और अब सरिता , रिचा को ले कर घर की छत पर आ गई...

रिचा अभी भी सहमी हुई थी...वो रिचा के कहने पर उसके साथ तो आ गई थी...पर अभी तक एक शब्द भी नही बोली थी....


सरिता- ह्म..तुम चुप क्यो हो...कुछ बोलो भी...

रिचा- (नज़रे झुकाय खड़ी रही...)

सरिता- अरे...अब बोलो भी...

रिचा(हिम्मत कर के)- क्क़..क्या..??

सरिता- क्या..??...हहहे...अच्छा-अच्छा..ये बताओ कि ये सब कब्से चल रहा है...

रिचा- क्या..??

सरिता- ज़्यादा भोली मत बनो...तुम जानती हो मैं क्या पूछ रही हूँ...

रिचा- मैं समझी नही आंटी...

सरिता- चुप कर रंडी...मैं ये पूछ रही हूँ कि तू कब्से आज़ाद की रंडी बन गई...और उसका लौडा खा रही है...अब समझ आया...बोल अब...

रिचा(सहमते हुए)- वो..वो..2-3 बार ही हुआ आंटी...

सरिता(स्माइल करके)- ह्म्म..तो नई-नई रंडी बनी है..हा...

रिचा- सॉरी आंटी

सरिता- अरे सॉरी किस बात की..ये तो सब करते है...लड़की चूत नही मरवाएगी तो लड़के लौडे का क्या करेंगे...हाँ

रिचा(सुबक्ते हुए)- सॉरी आंटी...अब नही करूगि...

सरिता- नही...तू करेगी...पर..

रिचा , सरिता की तरफ देखने लगी...

सरिता- हाँ सही सुना...तुम आगे भी ये करोगी पर मेरे हिसाब से...

रिचा(आँखे मिला कर)- मतलब..

सरिता- देखो...मैं चाहती हूँ कि तुम मेरा साथ दो...फ़ायदा दोनो का होगा...

रिचा- क्या...आपके मन मे क्या चल रहा है...पहले बताओ...फिर मैं साथ दूगी...

सरिता- मेरे प्लान इतना ही है कि मैं तुम्हारे ज़रिए आज़ाद को रंगे हाथ पकड़ लूँ और फिर उसे बर्बाद कर दूं...

रिचा- आज़ाद अंकल की बर्बादी..हाँ..

सरिता- ठीक सुना...अब बोलो..

रिचा(गुस्से के साथ)- चुप कर साली ..तेरी हिम्मत कैसे हुई ऐसा सोचने की...

सरिता(गुस्से मे)- तू चुप कर...मैं अभी सबको बता दूगी फिर तू भी गई और आज़ाद भी...

रिचा- तो जा...बता दे...फिर खुद ही देख लेना कि तेरा क्या हाल होगा...कोई नही मानेगा...तेरा पति भी नही...समझी..

सरिता- चुप कर ...अभी तो रंडी की तरह चुद रही थी और अब ऐसे तेवेर...

रिचा- हाँ हूँ मैं रंडी...आज़ाद की रखेल...तो तुझे क्या ..तू क्यो जलती है...तुझे भी चुदना है तो बता..मैं तुझे भी चुदवा दूगी...

सरिता- चुप्प्प्प्प्प...तेरी हिम्मत कैसे हुई..

सरिता ने रिचा को मारने के लिए हाथ उठाया तो रिचा ने हाथ पकड़ लिया....

रिचा- ओये...मैं चुप हूँ तो मुझे कमजोर मत समझ...समझी...

रिचा ने सरिता का हाथ झटका और जाने लगी ...फिर पलट कर बोली...

रिचा- तुझे जो करना है कर ले...मैं तो आज़ाद अंकल से रोज चुदुगि...और हाँ...उनके खिलाफ कुछ करने से पहले सोच लेना...वरना तुझे पूरे गाओं की रंडी बना देगे वो...समझी...साली कुतिया...हहातटत्त..

सरिता सोच रही थी कि वो रिचा का इस्तेमाल करके आज़ाद को फसा देगी..पर रिचा तो उसकी बिना लंड के गान्ड मार कर चली गई....

सरिता वहाँ ऐसे खड़ी थी जैसे कोई किसी रंडी को चोद कर नंगा छोड़ गया हो और वो भी बिना पैसे दिए....हाहाहा

सरिता इस बात को याद करते ही गुस्से से लाल हो गई...और उसने सोच लिया कि एक दिन इस रिचा से हिसाब बराबर कर के रहेगी....और फिर उठकर बाथरूम मे घुस गई......
Reply
06-06-2017, 11:28 AM,
RE: चूतो का समुंदर
आकाश, रागिनी , सोमी और धर्मेश की मौसी ...धर्मेश के घर पहुच गये....

थोड़ी देर तक गुप-सूप करने के बाद धर्मेश की मौसी उपेर सोने चली गई ...

रागिनी ने आकाश को नीचे के एक रूम मे भेज दिया और खुद सूमी के साथ दूसरे रूम मे चली गई....

आकाश रूम मे आ कर सोफे पर बैठ गया और रिलॅक्स करने लगा....

थोड़ी देर बाद ही रागिनी आकाश के पास आ गई...और सामने खड़ी हो गई...

रागिनी-हेलो भाई... क्या कर रहे हो...

आकाश- कुछ नही बस रेस्ट कर रहा हूँ...

रागिनी ने ड्रेस चेंज कर ली थी और इस समय उसने एक मिनी पेंट और टी-शर्ट पहन रखी थी...

रागिनी की पेंट मे उसकी जाघे सॉफ नज़र आ रही थी और उसकी टी-शर्ट मे उसके बूब्स अलग दिख रहे थे...

आकासक तो रागिनी को देख कर ही गरम हो गया...

रागिनी आ कर आकाश के साथ बैठ गई...

रागिनी- क्या हुआ नीद नही आ रही...??

आकाश- नही..बस...थोड़ी देर बाद सो जाउन्गा...

फिर दोनो थोड़ी देर चुप रहे...और चोर नज़रो से एक-दूसरे को देखते रहे...फिर आकाश ने खामोशी तोड़ी...

आकाश- वो सूमी कहाँ है..??

रागिनी- वो तो...सो गई..आज थक गई थी ना डॅन्स करके...

आकाश- ओह..हा...अच्छा डॅन्स किया था उसने...

रागिनी- वैसे तुम भी डॅन्स अच्छा करते हो...

आकाश- अरे मैं कहा...हाँ...आप मस्त करती हो...

रागिनी - तुम भी थक गये होगे ना..कुछ लाउ तुम्हारे लिए...???

आकाश- नही...थॅंक्स...

रागिनी- तुम कहो तो कुछ गरमा-गरम दूं..

आकाश- हूँ...मतलब..??

रागिनी- मतलब ..वो...चाइ बना दूं....

आकाश- नही...नही चाहिए...

रागिनी- अरे भाई..तुम तो बड़े संकोची हो...तुम्हारे मुँह मे भी दे दो तब भी नही पीते...

( रागिनी की बात सुनकर आकाश को स्टोर रूम की याद आ गई...जहाँ रागिनी के बूब्स आकाश के मुँह पर दबे हुए थे...)

आकाश ने रागिनी को देखा तो वो मंद-मंद मुस्कुराते हुए आकाश को देख रही थी...

रागिनी- क्या हुआ...कहो तो अभी पिला दूं..

आकाश(चौंक कर)- हू..क्या..??

रागिनी- मतलब चाइ बना कर पिला दूं...

अब आकाश रागिनी की डबल मीनिंग बातो को समझ गया था...पर अभी भी वो ये सोच कर चुप रहा कि वो उसके दोस्त की दीदी है....

रागिनी- हेलो...क्या हुआ..

आकाश- क्क़..कुछ नही...क्या बोला आपने...

रागिनी- मैने कहा की जो भी चाहिए खुल के माँग लेना...मैं सब दे दुगी...

आकाश(मुस्कुरा कर)-ह्म्म..जी ठीक है...

रागिनी(मन मे)- कितना भाव खा रहा है...सब समझ गया फिर भी...पर मैं भी पीछे नही हटुँगी...आज तो तुम्हे अपना बना के रहूंगी...

आकाश( मन मे)- साली मानेगी नही...लगता है आज इसका कांड हो ही जायगा...

रागिनी- तो...

आकाश- तो..क्या...??

रागिनी- बोलो ना...क्या चाहिए...??

आकाश- ह्म्म..जो आप प्यार से दे दे..मैं सबके लिए तैयार हूँ...

आकाश ने सोच लिया था कि अब रागिनी की चुदाई कर ही देता हूँ...इसलिए आकाश ने रागिनी की आँखो मे देखते हुए बड़े प्यार से ये बात बोली...
Reply
06-06-2017, 11:29 AM,
RE: चूतो का समुंदर
आकाश को यू घूरते हुए देख कर रागिनी सहम गई और नीचे देखने लगी.....

आकाश- वैसे आपकी बहुत चिकनी थी...

राज्ञी(सकपका कर)- क्या..??

आकाश- वो आपकी पेंट ...जिससे आप फिसल रही थी मेरे हाथ से...

रागिनी(शरमाते हुए)- ह्म...वैसे उसे लेग्गि बोलते है...

आकाश- अच्छा...और वो खुसबु आ रही थी..वो...

रागिनी(मुस्कुराते हुए)- वो तो बॉडी स्प्रे की खुसबु थी...

आकाश- पर अब नही आ रही...

रागिनी- मैने अभी भी लगाया हुआ है...आ तो रही है(अपने आपको सूंघ कर)

आकाश- मुझे नही आ रही...शायद आप दूर हो इसलिए...थोड़ा पास आओ आप...

रागिनी तो यही चाहती थी...तो वो खिसक कर आकाश के पास आ गई...

रागिनी- अब आई ना...

आकाश- नही तो...

रागिनी- पर..अब तो मैं बिल्कुल पास मे हूँ...

आकाश- ह्म्म..पर उतने नही जितने दोपहर मे थे...शायद इसीलिए नही आ रही...

रागिनी- अरे वैसे ही तो है...

आकाश- नही ना...दोपहर मे मेरा मुँह आपके सीने के पास था..तब आई थी खुसबु...

आकाश की बात से रागिनी शरमा गई और समझ भी गई कि आकाश भी अब मज़े लेने के मूड मे है...

रागिनी जल्दी से उठी और दोनो टांगे आकाश की टाँगो के साइड करके उसकी गोद मे बैठ गई...और उसके सिर को पकड़ के बैठ गई...
रागिनी- अब आई...

आकाश(सिर हिला कर)- ना..अभी नही...

रागिनी थोड़ा और आगे हो गई...अब उसकी चूत का हिस्सा आकाश के लंड के उपेर आ गया था...

रागिनी- अब...

आकाश- नही...थोड़ा और पास...

रागिनी ने आगे सरक कर अपना पेट आकाश के पेट से मिला दिया और आकाश के सिर को अपने बूब्स पर दबा दिया...

रागिनी- आअहह...अब आई ना...ह्म

आकाश- हाँ...अब आई...मस्त खुसबु है..

रागिनी- ह्म्म..अच्छे से सूघ लो..

आकाश ने रागिनी की कमर को पकड़ा और उसके बूब्स को टी-शर्ट के उपेर से चूमने लगा...और रागिनी सिसकने लगी...

रागिनी- आहह..भाई..अच्छे से मज़े ले लो...आअहह..

आकाश बूब्स को मुँह से दबाता कभी चूमता और रागिनी मस्ती मे कराहती ...अब आकाश का लंड भी कड़क हो कर रागिनी की गान्ड मे चुभने लगा था..

थोड़ी देर बाद रागिनी ने अपना एक हाथ आकाश के लंड पर रखा...

रागिनी- ओह्ह..भाई...ये क्या है..

आकाश-अच्छा...अब इतनी भोली मत बनो...ये तुम्हारे काम की चीज़ है...खुद देख लो...

रागिनी भी इसी इंतज़ार मे थी...रागिनी जल्दी से गोद से नीचे आई और आकाश भी खड़ा हो गया....

रागिनी ने आकाश का पेंट नीचे किया और फिर लंड को बाहर कर दिया....

आकाश का लंड सामने आते ही रागिनी की आँखे बड़ी हो गई...और वो लंड को पकड़ कर हिलाने लगी...

आकाश- क्या हुआ दीदी...पहले कभी नही देखा क्या..??

रागिनी- देखा तो है...पर फिल्म मे...सच मे तो आज ही देखा ...

आकाश- तो फिर..अब क्या इरादा है...

रागिनी- अभी बताती हूँ...

और रागिनी ने आधा लंड मुँह मे भर लिया...और चूसने लगी...
आकाश- आहह...दीदी...ये कहाँ से सीखा...

रागिनी(लंड को मुँह से निकाल कर)- फिल्म मे देखा और रब्बर का लंड भी चूसा है....

आकाश- ह्म्म..करती रहो...

रागिनी ने फिर पूरे जोश से लंड चूसना शुरू कर दिया....

रागिनी- सस्स्रररुउउप्प्प....सस्स्रररुउउप्प्प्प्प.....सस्स्स्रर्र्ररुउउउप्प्प...सस्स्रररुउउप्प्प्प....

आकाश- ह्म्म..ऐसे ही...थोड़ा और लो मुँह मे...आअहह..

रागिनी- उउंम..उउंम...सस्स्रररुउउप्प..आहह..सस्रररुउपप...उउंम..उउंम्म..उउंम..

रागिनी ने धीरे-धीरे पूरा लंड मुँह मे भर लिया...अब लंड उसके गले मे दस्तक दे रहा था...

रागिनी पर हवस सवार हो चुकी थी और वो लंड को तेज़ी से चूसने लगी....

रागिनी- उउंम्म..उउंम...उउंम्म..उउंम्म..उउंम्म...

आकाश- आहह...दीदी...ज़ोर से...एस्स...और तेज...आअहह...

रागिनी- उऊँ..उउंम..उउंम..उउंम्म..उउंम...
Reply
06-06-2017, 11:29 AM,
RE: चूतो का समुंदर
थोड़ी देर की लंड चुसाइ से लंड पूरा खड़ा हो गया और आकाश ने रागिनी को खड़ा कर लिया...

आकाश ने रागिनी की टी-शर्ट उपेर कर दी और उसके बूब्स सामने आ गये...रागिनी ने ब्रा नही पहनी थी...

आकाश- क्या बात है दीदी...पहले से रेडी होकर आई थी...

रागिनी- ह्म्म...अब किसका इंतज़ार है...

रागिनी ने आकाश को दावत दे दी और आकाश उसके बूब्स को ज़ोर से मसल्ने लगा...रागिनी भी आकाश का लंड हिलाते हुए आकाश को किस करने लगी......

रागिनी- उउंम...उउंम..आहह...आराम से भाई...

आकाश- ह्म्म..

और फिर से दोनो किस करने लगे...

थोड़ी देर तक आकाश ने बूब्स मसल कर मज़ा लिया और फिर वो घुटनो पर बैठ कर बूब्स को चूसने लगा..
आकाश ने अपनी जीभ रागिनी के निप्पल पर फिरानी शुरू की तो रागिनी की आह निकलने लगी...

रागिनी- आहह..भाई...करते रहो..उउउंम्म...

आकाश- सस्ररुउुउउप्प...सस्ररुउपप...सस्ररुउप्प्प...

रागिनी- ओह्ह भाई...ऐसे ही ..आहह...

आकाश निप्पल चूस्ते हुए रागिनी के पेंट को निकाल देता है और पैंटी के उपेर से ही रागिनी की चूत को सहलाता है...

रागिनी- आहह...करते रहो भाई...मज़ा आ रहा है...आहह...

आकाश ने फिर रागिनी के एक बूब्स को मुँह मे भरा और चूसने लगा..साथ ही साथ अपना हाथ रागिनी की चूत पर फिराता रहा...

रागिनी- उउंम...आहह..भाई...चूस लो...आअहह...माआ..ऐसे ही भाई...उउंम..

आकाश- सस्ररुउपप...सस्ररुउउप्प्प..सस्ररुउप्प्प..उउंम्म..उउंम..उउंम..

अब आकाश पूरा गरम हो गया था और वो रागिनी के बूब्स को ज़ोर से चूस्ते हुए काट भी रहा था...

रागिनी- आईईइ..भाई..काटो मत ना..आहह...नही ना...ओह्ह..प्ल्ज़्ज़...आहह..म्म्मा.आ

आकाश ने रागिनी के दोनो बूब्स को चूस कर लाल कर दिया और साथ मे उसके हाथ ने रागिनी की चूत का पानी निकाल दिया...

फिर आकाश ने रागिनी की पैंटी निकालनी शुरू की और साथ मे अपनी जीभ उसके पेट पर फिराने लगा...

पैंटी अलग करने के बाद आकाश हाथ से रागिनी की चूत का दाना सहलाने लगा...

और जीभ फिराते हुए रागिनी की नाभि पर पहुच गया...और जीभ नाभि मे डाल दी...

रागिनी तो जैसे पागल ही हो गई थी और ज़ोर-ज़ोर से आवाज़े निकालने लगी...

रागिनी- आहह...भाई...क्या किया...आहह...पागल कर दोगे तुम...ओह्ह..माँ...खा जाओ मुझे...आअहह..

आकाश भी रागिनी की नाभि चाट कर गीली कर दी और फिर रागिनी को सोफे पर लिटा दिया...

सोफे पर लेट कर रागिनी ने अपनी टांगे खोल दी और आकाश ने भी जल्दी से रागिनी की चूत को मुँह मे भर लिया...
आकाश- उउंम..उउंम..उउंम..

रागिनी- आहह...आअहह...भाई...खा जाओ...आअहह ..

आकाश रागिनी की चूत को दाँत गढ़ा रहा था और चूसे जा रहा था...

रागिनी भी अपनी गान्ड उठा कर चूत को आकाश के मुँह मे भर रही थी...

रागिनी- हाँ भाई...खा जाओ...ऊहह..ज़ोर से..यस...यस..भाई...आअहह

आकाश ने फिर चूत के अंदर अपनी जीभ घुसा दी...

रागिनी- आआहह....ज़ोर से भाई...ओह्ह ...येस्स...एस्स..येस्स..

रागिनी जोश मे आकर अपने हाथ से आकाश के सिर को चूत पर दबाने लगी...

थोड़ी देर बाद आकाश ने चूत चूसना बंद किया और कड़ा होकर अपने लंड को चूत पर सेट किया...

आकाश ने हल्का सा धक्का मारा तो आधा सुपाडा चूत मे चला गया...

आकाश समझ गया कि चूत खुली हुई है..

आकाश- दीदी...कितनों का लिया है..??

रागिनी- भाई तुम पहले मर्द हो जिसका लंड इस चूत को छु रहा है...

आकाश- झूठ नही...चूत खुली हुई है...

रागिनी- सच मे भाई..तुम पहले हो...

आकाश- तो ये चूत कैसे खुल गई दीदी...

रागिनी- वो तो रब्बर के लंड से...मेरी सहेली ने खोली थी..

आकाश- ह्म्म..तो अब असली लंड का मज़ा लो...

और आकाश ने एक जोरदार धक्का मारा और आधे से ज़्यादा लंड अंदर...

रागिनी- आऐईयईईईईई...माअरररर...गाआइ...आआअहह...आअहह...

आकाश- बस थोड़ा दर्द और...

और आकाश ने दूसरा धक्का मार कर पूरा लंड डाल दिया...

रागिनी- आअहह...भाई...ओह्ह...मारररर..गई...आहह..माआ...ऊहह..ऊहह..

रागिनी की सील टूटने के बाबजूद भी उसने लंड पहली बार अंदर तक लिया था...इसलिए वो दर्द से तड़प रही थी...

आकाश ने रागिनी को नॉर्मल करने के लिए झुक कर उसे किस करना शुरू कर दिया और हाथ से उसकी गान्ड सहलाने लगा...
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