Chuto ka Samundar - चूतो का समुंदर
06-07-2017, 11:47 AM,
RE: चूतो का समुंदर
सुबह मुझे अकरम ने जगाया....

अकरम- उठ भाई...कितना सोयगा...

मैं(आँखे खोलते हुए)- ह्म..उठता हूँ यार...थोडा और सोने दे....

अकरम- अच्छा..साले ये बता कि सोफे पर क्यो सोया है...

मैं- क्या..सोफा...अभी सोने दे...फिर बात करते है...

और मैं फिर से सो गया....बट थोड़ी देर बाद ही जूही मुझे जगाने आ गई...

जूही- उठ यार..कितना सोयगा...हमे चलना है...उठ जा...

मैं(बिना देखे)- तू फिर से आ गया साले...सोने दे...

जूही- ओह हेलो...मैं जूही हूँ...अकरम नही...उठो...

फिर मुझसे थोड़ा होश आया और मैने आँखे खोल कर देखा...सामने जूही मुस्कुरा रही थी...

मैं- ओह्ह..तुम...आअहह...मुझे लगा अकरम है...

जूही- अच्छा..तो गौर से देख लो....मैं जूही हूँ..देखो...

जूही अपने हाथ अपनी कमर पर रख कर खड़ी थी...उसके ट-शर्ट मे तने हुए बूब्स...खुले बाल और पिंक लिपस्टिक से सजे मुस्कुराते होंठ...इन सब को देख कर तो मेरा दिल खुश हो गया...

जूही- अभी भी ना पहचाना हो तो छु कर देख लो...

मैने सोचा सही मौका है...और मैने उसके बूब्स की तरफ अपना हाथ बढ़ा दिया...

जूही मेरा हाथ देख कर सकपका गई पर पीछे नही हटी...बस नज़रे झुका ली...

तभी मैने हाथ को बूब्स के सामने रोक दिया और बोला...

मैं- ज़रूरत नही...पहचान गया...फिर कभी...

जूही(शर्मा कर)- फिर कभी क्या...तुम ना...चलो उठ कर फ्रेश हो और जल्दी नीचे आओ...हमे जाना है...ओके

मैं- ह्म्म..आता हूँ...

थोड़ी देर बाद हम सब नीचे नाश्ता कर रहे थे..और कुछ लोगो को देख कर मेरे दिमाग़ मे रात का सीन घूमने लगा...और मेरी स्माइल निकल गई..

जूही मेरे सामने ही बैठी थी...उसे लगा कि मैं उसे देख कर मुस्कुरा रहा हूँ तो उसने अपनी नज़रे झुका ली और शरमाने लगी...

तब मुझे अहसास हुआ कि जूही के साथ बात बनने मे टाइम नही लगेगा...बस एक अच्छे मौके का इंतज़ार करना होगा...


विनोद- हेल्लूऊ...कौन है...

मैं- सो रहे थे क्या...??

विनोद- ये सोने का ही टाइम है...तुम कौन...??

मैं- साले...मैं तेरा बाप बोल रहा हूँ...अब उठ..

विनोद(सकपका कर)- त्त..तुम...इतनी रात मे...क्या हुआ...??

मैं- हुआ तो कुछ नही...और होना भी नही चाहिए...

विनोद- क्या मतलब...??

मैं- मतलब ये कि मैं कहाँ गया हूँ ये सिर्फ़ तू और तेरी रांड़ ही जानती है...और मैं चाहता हूँ कि ये बात तुम दोनो के अलावा किसी को पता ना चले..समझा..

विनोद- हाँ..मैं चुप रहुगा...पर भाभी को कैसे...

मैं- ये तेरा काम है...अगर ऐसा नही हुआ तो तुम जानते हो ना...कि मैं क्या करूगा..

विनोद- न्ही-न्ही...मैं उसे चुप रखुगा..तुम कुछ मत करना..

मैं- गुड बॉय...अब सो जा...और हाँ...अपनी बीवी को हाथ भी मत लगाना...

विनोद- ह्म..नही लगाउन्गा...

मैं- सो जा फिर...बाइ

और मैने कॉल कट कर दी...अब मैं निश्चिंत हो गया कि मेरे यहा होने का पता मेरे दुश्मनो को नही चलेगा...

पर अभी मुझे नीद नही आ रही थी..मैं तो बस मे ज़िया की चुदाई करके सो चुका था.....

इसलिए मैं रूम के बाहर ही घूमने लगा और देखने लगा कि कहीं कोई जाग रहा हो तो थोड़ा टाइम-पास कर लूँ...

तभी मुझे नीचे एक साया नज़र आया...जो एक साइड के रूम से निकल कर आया था और दूसरे साइड के रूम की तरफ चला गया...

नीचे के रूम सीडीयो की वजह से दिख नही रहे थे...मैं जब तक नीचे आया...वहाँ कोई नही था और रूम बंद थे...


दोनो साइड ही 2-2 रूम्स थे तो अंदाज़ा लगाना मुस्किल था की किस रूम से कौन आया...

पहले मुझे ख्याल आया कि कहीं अकरम की मोम तो नही सरद के रूम मे थी...पर फिर सोचा कि उसके रूम तो एक साइड ही है...और फिर दोनो अपने पार्ट्नर के साथ है...

मैं रूम की तरफ देख ही रहा था कि तभी पीछे से गाते खुलने की आवाज़ आई...और सरद बोला...

सरद- अरे अंकित...यहाँ...क्या हुआ ..

मैं- ओह्ह..अंकल...कुछ नही...मैं बस...वो नीद नही आ रही थी...

सरद- ह्म्म..नई जगह है ना...मुझे भी नीद नही आ रही...आओ बैठते है...

हम दोनो सोफे पर बैठ गये और तभी सरद ने विस्की की बॉटल उठाई जो कि डिन्निंग टेबल पर रखी थी....

सरद- आओ..एक -एक पेग ले लेते है...

मैं- अरे नही अंकल...थॅंक्स...

सरद- अरे बेटा..शरमाओ मत...अब तुम बड़े हो गये हो..कम ऑन..एक पेग..

मैं कुछ कहता उसके पहले ही सरद ने पेग बना दिए...और मैं भी शरम छोड़ कर पेग पीने लगा...

फिर बातें करते हुए हम 3-3 पेग गटक गये और फिर सरद गुड नाइट बोल कर रूम मे निकल गया....

मैं(मन मे)- कौन होगा वो...इस तरफ तो सिर्फ़ शादिया, मोहिनी, जूही और पूनम ही है...

इनमे से कौन हो सकता है...अगर शादिया होती तो वो अपने रूम मे ही किसी को बुला लेती...अकेली जो है...फिर कौन हो सकता है...


मैं अपनी सोच मे खोया था कि तभी मेरे गले मे किसी ने बाहें डाल दी...

मैने पलट के देखा तो वो रूही थी...मैं उसे यहाँ देख कर चौंक गया...

मैं- त्त..तुम..यहाँ...और ये क्या हरक़त है...

रूही- क्यो...तुम्हे पसंद नही आया क्या...

मैं- देखो रूही...तुम...जाओ यहाँ से...

रूही- मैं जाने के लिए नही आई...

मैं- तो किस लिए आई हो...

रूही- तुम जानते हो...

मैं- क्या मतलब..??

रूही मेरे बाजू मे आ कर बैठ गई और मेरी जाघ सहलाने लगी...

मैं(रूही का हाथ हटाकर)- दूर हटो...ये हरक़ते बंद करो...

रूही- क्यो...मुझ मे क्या कमी है...

मैं- देखो रूही...बकवास बंद करो और जाओ यहाँ से...

रूही- नही...जब तक तुम मुझे हाँ नही कहोगे तब तक नही जाने वाली...

मैं- क्या हाँ...किस बात की हाँ...

रूही- तुम्हे पता है कि मुझे क्या चाहिए...

मैं- सॉफ..सॉफ बोलो...क्या कहना चाहती हो...

रूही- सॉफ..सॉफ...ये चाहिए( जूही ने मेरे लंड पर हाथ रख दिया)

मैं(हाथ हटाकर)- बस...बहुत हुआ...तुम पागल हो गई हो...जाओ यहाँ से...

रूही- हाँ...पागल हो गई हूँ...मेरे बदन मे आग लगी है...वो भी तुम्हारी वजह से....

मैं- तो जाओ अकरम के पास और बुझा लो आग....और हाँ... मैने क्या किया...

रूही(मुस्कुरा कर)- क्या बुझा लूँ...तुम्हारा फरन्ड तो किस करके छोड़ देता है ...बहुत सरीफ़ बनता है...और ये सब तब हुआ जब तुमने अपना वो दिखा दिया....

मैं- कब दिखाया...

रूही- ज़िया के साथ.....

मैं(बीच मे)- बस...एक शब्द नही...जाओ...ये नही हो सकता...

रूही- क्यो नही...ये तो बताओ मुझे...क्या कमी है मुझ मे...

मैं- कोई कमी नही...पर भूलो मत तुम मेरे फरन्ड की गर्लफ्रेंड हो...और मैं उसे धोखा नही दे सकता....जाओ अब...

रूही(खड़ी हो कर)- ह्म्म..जाती हूँ..पर फिर आउगि ..और हाँ ...क्या कह रहे थे धोके के बारे मे....ज़िया के साथ वो सब कर के धोखा ही दे रहे हो...समझे...

रूही चली गई और मेरे दिमाग़ मे आग लगा गई...उसकी बात भी सच थी...

मैं उसकी दीदी को चोद कर उसे धोखा तो दे ही चुका था...फिर रूही को क्यो नही चोद सकता....धोखा तो दे ही रहा हूँ......


फिर मैने अपने आप से कहा कि ये छोड़ो और सोने चलो...माइंड को शांति मिलेगी...

मैं उपर पहुच गया...पर इससे पहले कि रूम मे एंटर होता मुझे सिसकारियों की आवाज़ आने लगी....

मैं(मन मे)- ये तो चुदाई के टाइम की सिसकी है...पर यहाँ कौन है...??

मैं आवाज़ के पीछे गया और उपेर के लास्ट रूम मे पहुच गया....जिसमे नोकरानि रुकी हुई थी...

मैने गेट को खोलने की कोसिस की बट खुला नही...फिर मुझे याद आया कि सारे गेट मे सेम की लगती है ...तो मैं अपने रूम से की लाया और गेट को आराम से ओपन कर के अंदर देखा...

अंदर का नज़ारा देख कर ही मेरा लंड अकड़ने लगा....

मैं(मन मे)- ह्म्म...लगे रहो....रूम किसी और का और मज़े किसी और के...चलो एंजोई करो...मैं चला सोने....

और मैने गेट लगाया और रूम मे जाने लगा तभी पीछे से मुझे किसी ने पकड़ लिया...और मैं शॉक्ड रह गया.....
मैने अपने आप को छुड़ा कर पलट के देखा तो रूही खड़ी हुई मुस्कुरा रही थी...

मैं(गुस्से मे)- पागल हो गई क्या...ये क्या हरक़त है...

रूही- क्यो..डर गये क्या...??

मैं- बात डरने की नही...तुम क्यो आई...

रूही- तुम जानते हो...

मैं(झल्ला कर)- चाहती क्या है तू...

रूही- ये भी तुम्हे पता है...

मैं- देखो रूही...ये ग़लत है....

रूही- कुछ ग़लत नही...जिस्म की भूख मिटाना सही होता है...

मैं- हाँ...पर हर किसी के साथ नही...तुम अकरम को बोलो ना...

रूही- वो नही मानेगा....तुम ही मान जाओ...

मैं- नही...मैं अपने दोस्त को धोखा नही दूँगा...

रूही- वो तो तुम दे ही रहे हो...उसकी दीदी को चोद कर...

मैं- रूही...बस करो...भूल जाओ सब...

रूही- नही...ना मैं भूलूंगी और ना तुम्हे भूलने दुगी...

मैं- समझती क्यो नही...ज़िया खुद मेरे पास आई थी...इट वाज़ आन आक्सिडेंट...

रूही- तो मैं भी तो अपने आप आई...एक आक्सिडेंट और सही...

मैं- बस...बहुत हुआ..जाओ और सो जाओ...

रूही- अभी जाती हूँ...तुम रात को सोच लेना...या तो मेरा साथ दो या फिर तैयार हो जाना..अपने दोस्त के सामने शर्मिंदा होने...मैं सबको बता दुगी...

मैं- ऐसा कुछ मत करना...उसकी फॅमिली को पता चला तो वो बिखर जायगे...बहुत सरीफ़ है वो लोग...

रूही- अच्छा...उनकी सराफ़त तो पास वाले रूम मे देख ली मैने...क्या सराफ़त है ...

मैं(चौंक कर)- व्हाट...तुमने...कब...??

रूही- ये छोड़ो...तुम मेरे बारे मे सोचो...एक रात है तुम्हारे पास...गुड नाइट...

रूही मुझे टेन्षन देकर निकल गई और मैं भी रूम मे आ गया....

रूम मे आते ही मैं सोफे पर लेट गया और एक बार फिर मेरे दिल और दिमाग़ मे जंग छिड़ गई.....

एक तरफ दिल कह रहा था कि रूही ग़लत है...उसकी माँग भी ग़लत है...मुझे उससे दूर रहना चाहिए...

पर दिमाग़ कह रहा था कि इसमे हर्ज ही क्या है..गरम माल खुद चल कर मेरे पास आ रहा है तो ना क्यो बोलू....

फिर दिल ने कहा कि रूही के साथ दूसरा रिस्ता बनाना अपने दोस्त को धोखा देना होगा...नही-नही उसके साथ कुछ नही...

पर दिमाग़ ने फिर टोका और कहा कि ...बात धोखे की है तो वो तो मैं दे ही चुका...उसकी दीदी को चोद कर....तो अब गर्लफ्रेंड को चोदने से क्या फ़र्क पड़ेगा...

फिर दिल ने कहा कि नही...ज़िया की बात अलग है...वो खुद चूत खोल कर आई थी...

तो दिमाग़ बोला ...तो क्या...रूही भी खुद आ रही है...

काफ़ी देर की कस्मकस के बाद मैने 2 पेग और लगाए और दिल और दिमाग़ ..दोनो को शांत किया और फिर नीद की आगोश मे चला गया.....
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06-07-2017, 11:47 AM,
RE: चूतो का समुंदर
नाश्ता करने के बाद हमारी जाने की तैयारी हुई और एक बार फिर से हम बस के सफ़र पर निकल गये..... 

हम लोग अभी आगे शीट पर ही बैठे थे पर रूही मुझे लगातार घूरे जा रही थी...

दूसरो तरफ जूही भी मुझे चोर नज़रों से देख रही थी....


वही शादिया अब भी मुझे लेकर टेन्षन मे थी...उसे मुझसे कई सवाल जो पूछने थे....

वही ज़िया बिल्कुल मेरी कुतिया की तरह हरक़त कर रही थी...कभी.मुझे देख कर आँख मारती तो कभी अपना बूब्स खुद ही दबा देती....

मुझे ऐसा लग रहा था कि मैं इन चूतो के बीच फस गया हूँ...

धीरे-2 करके सब कॅबिन मे जाने लगे...

अकरम और संजू को अभी भी रात की मदहोशी थी तो वो जाकर सो गये....

बाकी सब भी चले गये सिर्फ़ मैं शीट पर बैठा रहा और आगे वाली शीट पर वसीम और सरद थे...

तभी रूही मेरे बाजू मे आई और इसारे से पीछे वाले कॅबिन मे आने को कहा....

मैं उसका मक़सद तो जानता ही था...और अब मैने ये भी सोच लिया था कि जो होना है वो हो जाने दो...मैं पीछे नही हटूँगा...


और रही बात अकरम की तो ज़िया को छोड़ कर उसे धोखा दे ही दिया तो अब रूही भी सही...

और रूही के जाने के बाद मैं भी उठा और सबको देखते हुए लास्ट कॅबिन मे चला गया.....

वहाँ रूही तो पहले से ही इंतज़ार मे थी....

रूही ने शीट्स को फोल्ड करके बेड की तरह बना लिया था और अपने पैर फैला कर बैठी हुई थी...

मैं भी जाकर रूही के सामने पैर मोड़ कर बैठ गया....

मैं- हाँ...क्या हुआ...??

रूही- तुम्हारा टाइम ख़त्म हो गया....अब बोलो क्या सोचा...??

मैं(अंजान बन कर)- किस बारे मे...??

रूही- बस भी करो...सब जानते हो फिर क्यो पूछ रहे हो...

मैं- देखो...मेरी बात सुनो..

रूही(बीच मे)- बस...अब नही...मुझे बस आन्सर चाहिए...एस ऑर नो...

मैं- ओके...यस...लेकिन..

रूही- अब क्या...???

मैं- मेरी कुछ शर्ते है....

रूही- ह्म्म...मुझे मंजूर है...

मैं- क्या...बिना सुने ही...

रूही- ह्म्म..जब मैं तुम्हे सब कुछ देने को तैयार हो गई तो फिर क्या प्राब्लम हो सकती है मुझे...

मैं- पर फिर भी...सुन तो लो...

रूही- ह्म्म..बोलो...

मैं- पहली शर्त ये है की तुम अकरम को नही छोड़ोगी...उसके साथ अपना रिश्ता पहले की तरह ही निभाओगी...

रूही- ये तो मैं तुम्हारे कहे बिना भी करती...मैं उसे सच्चा प्यार करती हूँ...

मैं- तो फिर मेरे साथ ये सब...

रूही(बीच मे)- सिर्फ़ मज़े के लिए..और हाँ इस बात पर बहुत बहस हो चुकी..अब काम की बात करे...

मैं- तुम नही मनोगी...हाँ...

रूही- ह्म्म्म ...तो यही थी तुम्हारी शर्त...

मैं- हाँ..पर और भी है...

रूही- तो बोलो ना...

मैं- दूसरी शर्त ये है कि तुम्हे मेरी रंडी बनना होगा...

रूही- व्हाट...क्या कह रहे हो...

मैं- जो तुमने सुना...मैं जिसे भी चोद्ता हूँ...उसे रंडी बना कर ही चोद्ता हूँ...अब बोलो..

रूही- ह्म..ठीक है...मैं तैयार हूँ...

मैं(मन मे)- साली ने हाँ बोल दिया...कमीनी है सच मे...

रूही(मुस्कुरा कर)- क्या हुआ..तुमने क्या सोचा..मैं डर कर पीछे हट जाउन्गी...

मैं- ह्म..नही..ऐसी बात नही...मैं सच मे सब को रंडी की तरह चोदता हूँ...

रूही(मेरे करीब चेहरा ला कर)- तो बन गई तुम्हारी रंडी..अब आओ भी...

मैं-अच्छा...तुम सह पओगि...

रूही(पीछे टिक कर अपने पैर फैलाकर)- हाँ...इसमे बहुत दम है...(अपनी चूत की तरफ उंगली कर के)

फिर मैने अपने पैर को रूही की चूत पर रखा...फिर अंगूठे और उंगली से उसकी चूत को दबा दिया...

रूही- आऐईयईईई...

मैं- बस...इतना ही दम है..हाँ..

रूही- आजमा के देख लो...खुश हो जाओगे...

मैं(मुस्कुरा कर)- अब तो तुम्हे अपनी रंडी बनाना ही होगा...

रूही- तो अभी शुरू करे...

तभी ज़िया ने कॅबिन का परदा खोला...और मैने तुरंत अपना पैर हटा लिया....


ज़िया मेरे पैर को तो नही देख पाई पर उसने रूही की बात सुन ली थी...

ज़िया- क्या शुरू किया जा रहा है...???

ज़िया की बात से रूही परेसान हो गई और मुझे देखने लगी तभी मैने बात को संभाला....

मैं- अर्रे..वो मैं इसकी और अकरम की लव स्टोरी सुनाने का बोल रहा था...तो ये बोली की बाद मे बाते या अभी शुरू करे...

रूही- हाँ..हाँ मैं यही कह रही थी कि आप आ गई...

ज़िया- अच्छा...हाँ..रूही ..तुम्हे गुल बुला रही है...

रूही- ह्म्म्मे...चलिए...

ज़िया- तुम जाओ ..मुझे अंकित से कुछ बात करनी है..

रूही(उठते हुए)- ठीक है...आप कर लो...मैं बाद मे कर लूगी...

ज़िया- क्या..??

रूही- मतलब..आप अभी बात कर लो..मैं बाद मे इसे स्टोरी बता दूगी...

ज़िया- अच्छा...

रूही मुझे आँखे दिखा का गुस्से मे चली गई और ज़िया ने कॅबिन का परदा लगाया और मेरे उपेर चढ़ गई...

मैं- आहह..क्या कर रही हो...

ज़िया- कुतिया अपने मालिक को प्यार कर रही है...

और ज़िया अपनी जीभ निकाल कर मेरे होंठो पर फिराने लगी....

मैं- उउंम..बस कर कुतिया...अभी रुक जा...

ज़िया- नही रुक सकती...कुतिया को मार की ज़रूरत है...

मैं- मार की..

ज़िया- हाँ...अपने हथियार से मारो...तब मानेगी...

मैं- पर अभी सब जाग रहे है...

ज़िया- श्ीई....जागने दो...कोई नही आएगा यहाँ ...

मैं- कोई आ गया तो मरेगे...

ज़िया- नही...कोई नही आएगा...अब मार लो कुतिया की..जल्दी से...
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06-07-2017, 11:48 AM,
RE: चूतो का समुंदर
मैं- तू तो सच मे कुतिया बन गई...बिना मारे मानेगी नही....

ज़िया- नही...अब जल्दी करो...कल रात से आग लगी है...तुम्हे क्या..

मैं- ओह..तो रात मे बुला लेती...

ज़िया- अरे...रात को मुझे नीद आ गई थी...अब करो भी...

मैं(मन मे)- हाँ साली...रात मे तू कहाँ और किसके साथ सो रही थी...ये मैने देखा था....रंडी कही की...

ज़िया- अब और ना तडपाओ....सस्स्ररूररुउप्प्प...सस्स्रररुउप्प्प...

ज़िया फिर से मेरे होंठो को चाटने लगी...

मैं- लगता है आज कुतिया की गान्ड फाडनी पड़ेगी...तभी मानेगी...

ज़िया- सस्ररुउप्प्प...आअहह...फाड़ दो ना...सस्ररुउप्प्प...सस्ररुउपप...

मैं जानता था कि ये बिना चुदे नही जाएगी तो मैने भी चुदाइ का मूड बना लिया और ज़िया की जीभ से जीभ मिला कर एक-दूसरे को प्यार करने लगे....

हम दोनो एक दूसरे से लिपट कर होंठो का रास्पान कर रहे थे...

ज़िया- उउंम...सस्स्रररुउउप्प्प....सस्स्रररुउउप्प्प.....

मैं- सस्ररुउउप्प....सस्स्रररुउउप्प्प....उउउंम्म...उउउंम्म...उउंम...

मैने ज़िया को किस करते हुए उसके बूब्स पर हाथ रखे और उसके दोनो निप्पल को मरोड़ दिया...

ज़िया- उउउंम....आअहह...इतनी ज़ोर से.....उउउंम्म...

मैं- सस्स्रररुउउप्प्प....सस्स्रररुउउप्प्प....मम्मूऊऊउउम्म्मह...

ज़िया- उउंम...चलो अब जल्दी से उस शैतान को निकालो....

मैं- रुक जा कुतिया...पहले तेरे बूब्स को तो निचोड़ दूं....चल निकाल बाहर...

मेरे कहते ही ज़िया ने अपने टॉप को निकाल दिया ....उसने आज भी ब्रा नही पहनी थी...

मैं- साली...आज भी बिना ब्रा के..

ज़िया- अब तो ब्रा वापिस आकर ही पहनूगी...

मैं- अच्छा...कमीनी कही की....

ज़िया- अभी कहा....वहाँ पहुचने तो दो...फिर देखना मेरा कमीनपन...आअहह...

मैने ज़िया के बूब्स को पकड़ के मसल दिया...

और फिर उसके बूब्स को मुँह मे भर के चूसने लगा....

ज़िया- आहह...चूस लो...ज़ोर से उउंम्म...

मैं- उउंम्म...उउंम.....उउउंम्म..उउउंम..

मैं ज़िया के निप्पल को काट कर उसे दर्द भरा मज़ा दे रहा था और ज़िया अपनी मस्ती मे अपनी कॅप्री को निकाल रही थी...

मैं- उउंम...उउउंम...आहह....मज़ा आ गया मेरी जान....

ज़िया- हम्म..अब निकालो अपना हथियार...

मैं- चल तू ही निकाल ले...आजा...

और मैं शीट पर खड़ा हो गया...

ज़िया- खड़े..खड़े चुदाइ करोगे क्या...

मैं- तू शुरू तो कर...फिर बताता हूँ...

और ज़िया ने घुटनो पर बैठ कर मेरे पेंट को खोलकर नीचे किया और मेरे लंड को सहलाने लगी......

ज़िया ने मेरे सुपाडे को होंठो मे लिया और अपनी जीभ लंड के छेद पर घुमाने लगी....




मैं- उउंम्म...साली...क्या मज़ा दे रही है...उउउम्म्म्मम...

थोड़ी देर बाद ज़िया ने लंड को मुँह मे भर लिया और मुँह को आगे पीछे करके लंड चूसने लगी.....

मैं- उउंम...अब शैतान को जगाओ...फिर शैतान की शैतानी दिखाता हूँ....

ज़िया- सस्स्रररुउउउगगगगग....सस्स्रररूउउग़गग...सस्स्रररूउउगग़गग....सस्स्रररूउउगग़गग...

ज़िया मस्ती मे मेरा लंड चूस कर कड़क करने लगी और साथ मे मेरी बॉल्स को सहला कर मेरी गर्मी भड़का रही थी....

ज़िया लंड को मुँह मे भर कर अपनी जीभ को मेरे सुपाडे पर घुमाती और मैं गुदगुदी महसूस कर के और भी गरम होने लगा...

ज़िया- सस्स्रररुउउप्प्प.....सस्रररुउउप्प्प्प....सस्स्ररुउउप्प्प...उउउम्म्म्ममममम....

मैं- आहह....बस कर साली....झाड़ा ही देगी क्या...आआहह.....

ज़िया- उउउम्म्म्म...आअहह....अब जाग गया शैतान...अब बोलो...

मैं- हम्म..अब शैतान को उसकी गुफा दिखाओ....

ज़िया- ह्म्म...अभी दिखाती हूँ....

और ज़िया खड़ी हुई और अपनी कॅप्री निकाल दी...साली ने पैंटी भी नही पहनी हुई थी.. 

उसके पैंटी निकलते ही उसका चूत का दाना उछल कर मुझे अपने पास बुलाने लगा और मैने भी उसकी दावत आक्सेप्ट की और एक हाथ से दाने को मसल दिया....

ज़िया- आअहह...गुफा के दरवाजे को छोड़ो...शैतान को गुफा मे डालो...

मैं- ह्म..चल आजा मेरी कुत्ति...

और मैं बैठ गया और ज़िया को अपनी गोद मे बैठा कर झटके से पूरा लंड उसकी चूत मे उतार दिया....ज़िया की तो जान ही निकल गई...




ज़िया- आाऐययईईईईईईईई.....माअरर...दीईयाअ....आआअहह....

मैं- चुप कर साली. ..शैतान गुस्सा हो गया तो गान्ड फाड़ देगा.. 

और मैने ज़िया की कमर पकड़ कर उसे उछालना चालू कर दिया...

कुछ धक्को के बाद ज़िया खुद उछल-उछल कर लंड खाने लगी....

ज़िया -आअहह…आहह...आहह…उउउफ़फ्फ़….हहाअ…..

मैं-यस…गान्ड उछाल कुतिया...ज़ोर से.….य्ाआ..यस...

ज़िया-आअहह…आहह…हहा…हाअ…आहह....

मैं- यस…जंप…ज़ोर से...तेज ..और तेजज....

ज़िया -हाअ..आहह…..आहहह…अहहह..यईएसस..आहह…आऐईइसस्ससी..आहहह

मैं- हाँ..ऐसे ही….ज़ोर से…अब शैतान खुश हुआ...आहह...

मैने ज़िया के बूब्स को हाथो से पकड़ लिया ओर उसके निप्पल को मरोड़ते हुए ज़िया को चोदने लगा…


ज़िया भी पूरी स्पीड से उछल रही थी, उसकी मस्त गान्ड मेरी जाघो पर पट-पट कर रही थी…ऑर ज़िया चुदाई का आनद ले रही थी….

मैं-यस …जंप….य्ाआ

ज़िया-आअहह…आहह…हहा…..आहह…..आहहह…अहहह..
यईएसस..ईसस्स..आहह

मैं- आहह…ज़ोर से…कुतिया ..ज़ोर से....

ज़िया- आहह आह…आहह...

मैं-यस... यस...ज़ोर से साली...

ज़िया- अहः..उउंम…हहूऊ…आअहह.ययईएसस…आऐईइईसीए हहीी…आअहह...

पूरे कॅबिन मे हमारी चुदाई की आवाज़े भर रही थी और हम बेफ़िक्र चुदाई के नशे मे डूबे हुए थे....


फफफफात्तत्त…..प्प्पाट्त्ट…आहः..उउंम…हहूऊ…आअहह.ययईएसस…आऐईस...हहीी…ययईसस…ज्जूओर्रर…ससीए…
..आहह…आईइईसीए..हहीी..आहह…ज्जोर्र…सीए..यएएसस्सस्स…आअहह…ययईईसस्स….ऊऊहह

ऐसी ही आवाज़ो के साथ ज़िया मेरे उपेर झुक गई और किस करने लगी...
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06-07-2017, 11:48 AM,
RE: चूतो का समुंदर
तभी मैने ज़िया को शीट पर लिटाया और उसके साथ लेट कर उसकी टाँग उठा कर फिर से चुदाई शुरू कर दी......




ज़िया- आअहह....शैतान सच मे जाग गया...आअहह...

मैं- अभी देखती जा...शैतान की शैतानी....

ज़िया- आओउंम्म....आहह..आआहह...आहह..ऊहह...ज़ोर से...ज़ोर से......

मैं- ये ले साली....पक्की कुतिया हो गई तू....हाा...येस्स...एसस्स..एसस्स...

ज़िया- ओह्ह मा.....ज़ोर से..ज़ोर से...मैं गाऐयईईईईईई.....

ज़िया झाड़ कर शांत हो गई पर मैने चुदाई जारी रखी....

ज़िया- आअहह...बस करो...उूउउंम्म...

मैं- चुप कर ...आजा जल्दी....

फिर मैने जिया को उठाया और उसकी पीठ से चिपक कर उसके बूब्स दबाने लगा.....

ज़िया- आअहह....मज़ा आ गया जान...

मैं- अभी तो मज़ा बाकी है ...

और मैने पीछे से उसकी चूत मे लंड डाल दिया.....

लंड अंदर जाते ही ज़िया अपनी गान्ड हिलाने लगी....

मैं- आअहह..तेरी चूत फिर से गरम हो गई कुतिया....

ज़िया- हम्म...बहुत गरम कुतिया हूँ...फुल मज़ा दूगी...

मैं- हाँ साली...कुतिया की पूरी फाड़ कर ही वापिस भेजुगा...अब आजा...

और फिर मैं पीछे टिक गया और एक बार फिर से ज़िया को लंड पर बैठा लिया.......





ज़िया अभी धीरे -2 उछल रही थी और हम मस्ती मे बातें करने लगे...

ज़िया- उउफ़फ्फ़....तुम्हारा शैतान तो बहुत बुरा हाल कर रहा है...फिर से चूत गरम कर दी...

मैं- आहह...शैतान है..शैतानी तो करेगा ना....और तुझे नही लेना तो किसी और को दे दूं...

ज़िया- आहह...किसको ...

मैं- तू बता...उसे दे ही दे दूँगा....

ज़िया- ऊहह...सच मे...

मैं- ह्म्म..किसे देना है बोल...

ज़िया- बताउन्गी...अभी शैतान को बोलो की मेरी फाड़ दे....

मैं- चल फिर..बन जा कुतिया...

और ज़िया अच्छी कुतिया की तरह आगे झुक गई और मैने उसकी गान्ड पकड़ कर उसकी चुदाई शुरू कर दी....




ज़िया- आहह….माँ…उूउउइइ…..आहह

मैं- अब तेरी फाड़ता हूँ मेरी कुतिया…

ज़िया-आअहह..फाड़ दो…आअहह…ज्ज़ोर..सी…आआअहह....

मैं -तो ये ले …फटी तेरी..यीहह

मैने ज़िया की गान्ड को थप थपाते हुए फुल स्पीड मे चोदना शुरू किया ऑर ज़िया ज़ोर-ज़ोर से आवाज़े निकालने लगी ऑर चुदाई का रंग चरम पर पहुच गया… 

ज़िया-आअहह…आअहह…ऊररर…तीएजज,,,,आहह,,,,,,आअन्न्ंदडाा ….ताअक्कक….म्म्मा आ….उूउउफ़फ्फ़…म्म्मा ….फ़फफादद्ड़..दद्दूव…आअहह...उूउउफ़फ्फ़..म्म्मा.....आाऐययईई.....म्म्माहआ...आअहह

मैं- आहह..ईएहह….एस्स..एस्स….ये..ले…...

ज़िया- आअहह…आअहह…ऊररर…तीएज्ज,,,,आहह,,,,,,आअन्न्ंदडाा ….ताअक्कक….म्म्माहआ….उूउउफ़फ्फ़…माआ…म्माईिईन्न्न…..म्म्माअ…आआईइ……आअहह…ऊओह

मैं- साली.... ये ले..शैतान को खुश कर....

और मैने ज़िया की गान्ड पर ज़ोर-ज़ोर से थप्पड़ मारने चालू कर दिए....

ज़िया-आअहह….मारो मत....आअहह…..आआअहह…फासस्थटत्त…आअहह
..यस…यस..एस…आअहह....तीएजज्ज़....ऊओरर..त्त्टीज्जज....आहह...उउफफफ्फ़...आआहह

मैं-हाँ कुतिया ...ये ले..…ये ले...

मैने तेज़ी से ज़िया की चुदाई कर रहा था ओर ज़िया की गान्ड पर थप्पड़ की बरसात कर रहा था....उसकी गान्ड पूरी गान्ड लाल पड़ने लगी थी.. …..
Reply
06-07-2017, 11:48 AM, (This post was last modified: 06-07-2017, 11:49 AM by sexstories.)
RE: चूतो का समुंदर
हमारी चुदाई की आवाज़े बढ़ती गई...पर बस चलने की वजह से किसी को सुनाई नही दी....

ऐसे ही जोरदार चुदाई करते हुए हुए ज़िया फिर से झड़ने लगी ओर उसकी सिसकारिया तेज होने लगी....

ज़िया-आअहह…आहह…हहा…ऐसे ही करो..आहह…..आहहह…अहहह..यईएसस..सहहाः…ज्जॉर्र्र..ससी..आहहह....फ़फफात्तत्त…..प्प्पाट्त्ट…आहः..उउंम…हहूऊ…
आअहह.ययईएसस…आऐईइईसीए हहीी…ययईसस…ज्जूओर्रर…ससीए…..तीज़्ज़ज्ज…हहाअ…उउउफफफ्फ़....यसस्सस्स…आअहह…आअहह…
ययईईसस्स….ऊऊहह…आअहह

मैं-यस..एस्स..एस्स....और ले कुतिया....स्स्सल्लाप्प्प...

ज़िया- अहः..उउंम…हहूऊ…आअहह.ययईएसस…आऐईइईसीए हहीी…ययईसस…ज्जूओर्रर…ससीए…..एस्स्स्स्स…आअहह…फफफफफफुऊफ़ुऊूक्कककककक…म्माईिईन्न्न,….आआईयइयाय …आअहहहह…ऊओ…म्मा….ऊहह…ऊहह..ऊहह


ऐसे चिल्लाते हुए ज़िया झड़ने लगी ऑर उसका चूत रस मेरे लंड से होते हुए निकल कर फुकछ-फुकछ की आवाज़े करने लगा…

मैं भी झड़ने ही वाला था तो मैने अपनी पूरी स्पीड मे चुदाई शुरू कर दी 

मैं- मैं भी आ रहा हूँ…ले कुतिया...शैतान का पी ले...

ज़िया- डाल दो...आअहह...

मैं- तो लो...यीहह...यीहह......एस्स....उउंम...यईहह..यीहह....

मैने ज़िया की चूत लंड रस से भर दी और फिर उसके उपेर ही लेट गया और उसको चूमने लगा...


मैं- तो...कैसा लगा शैतान..

ज़िया- ह्म्म....बहुत ज़ोर से लगा...आअहह...फाड़ ही दी...

मैं- ह्म्म....कुतिया जो हो मेरी...फाड़नी ही पड़ती है...

ज़िया- ह्म्म...पर रोज फाड़नी पड़ेगी....

मैं- हाँ..हाँ....और अभी तो शैतान की नज़र तेरी गान्ड पर भी है...

ज़िया- ह्म्म..पता है...उसे भी फाड़ लेना...पर प्यार से...

मैं- नही...शैतान आराम से नही करता...ज़ोर से फाड़ता है...

ज़िया- ह्म्म..अब कुतिया बनी हूँ तो जो चाहे करो...हहहे...

फिर हम ने किस किया और मैं बोला...

मैं- पर कुछ भी कहो...मुझे अकरम के लिए बुरा लगता है...

ज़िया- ह्म्म...वो तो है...उसकी सग़ी दीदी की जोरों से बजा जो रहे हो...

मैं- ह्म्म...बहुत बुरा लगता है...

ज़िया- अरे किस बात का बुरा...वो तो कुछ करता नही किसी के साथ...पर हम क्यो पीछे रहे...लाइफ को एंजाय करो..

मैं- पर उसे पता चलेगा तो...

ज़िया- अरे किसी को पता नही चलेगा...कि तुमने अकरम की दीदी को अपनी कुतिया बना लिया....

मैं- पर वहाँ किसी को शक ना हो जाए...

ज़िया- अरे जब चलती बस मे ही दो बार बजा डाला....सबके होते हुए....और किसी को भनक नही लगी तो वहाँ क्या खाक पता चलेगा....

मैं- ह्म्म...वो तो है...काफ़ी इंटरेस्टिंग चुदाई की हम ने....हाँ

ज़िया- ह्म्म..तुम सोचना छोड़ो और अपने दोस्त की बेहन की बजाते रहो...चलो एक बार और....

तभी एक आवाज़ आई.....

"" छ्हीई...दीदी तुम...तुम ऐसी...छीयियी...और तुम अंकित...तुमसे ऐसी उम्मीद नही थी...तुम्हारे बारे मे क्या सोच थी मेरी और तुम तो...तुम..तुम धोखेबाज कही के..."""

और ये आवाज़ सुनते ही हमारी गान्ड फट गई और शर्म से नज़रे झुक गई....

हम दोनो अपनी नज़रे झुकाए ऐसे ही नंगे पड़े रहे....इस समय ज़िया पूरी नंगी उल्टी लेटी थी और मैं भी उसके उपेर नंगा पड़ा था....

फिर वो शक्श हमे लानत दे कर निकल गया और हम अपनी चोरी पकड़े जाने से घबरा गये...

ज़िया तो रोने ही लगी थी...पर मैं रोया नही...बस ये सोचने लगा कि अब आगे क्या करना है...

मैं ज़िया के उपेर से उठा और अपने कपड़े पहनने लगा...

मैं- ज़िया...अब रोना बाद मे..पहले कपड़े पहनो...

ज़िया ने भी रोते हुए अपने कपड़े पहन लिए...

फिर हम दोनो आमने-सामने बैठ गये...पर ज़िया अभी भी रो रही थी...

मैं- ज़िया...अब चुप भी हो जाओ...यू रोने से कुछ नही होगा....

ज़िया(सुबक्ते हुए)- ये क्या हो गया अंकित...अब क्या करेंगे...

मैं- अब रो रही हो...पहले समझाया था कि बस मे मत करो..तब तो तुम्हे आग लगी हुई थी...अब भुग्तो...

ज़िया- प्लीज़ अंकित...कुछ सोचो...मुझे बचा लो....प्लीज़...

मैं- मैं क्या करू...मैने समझाया था...पर तुम तो...ह्म्म

ज़िया- अब तुम भी मुझे ही सुना रहे हो...

मैं- ग़लती तुम्हारी ही है ज़िया...

ज़िया- मैं क्या करू..मुझसे बर्दास्त नही हुआ और ये ग़लती कर दी...

मैं- मेरी बात मानी होती तो कुछ नही होता...

ज़िया- आगे से तुम्हारी बात मानुगी...जहाँ तुम कहोगे वही करूँगी...

मैं(मन मे)- साली कितनी बड़ी रंडी है...अभी-2 पकड़ी गई...फिर भी इसे करना चुदाई ही है...

ज़िया- प्ल्ज़ अंकित ..कुछ करो ना...

मैं- सोचते है कुछ पर पहले रोना बंद करो...


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06-07-2017, 11:49 AM,
RE: चूतो का समुंदर
थोड़ी देर बाद ज़िया नॉर्मल हुई...अब उसका रोना बंद था और घबड़ाहट भी कम थी...

मैं- देखो ज़िया...ये तो पक्का है कि उसने जो देखा वो किसी को नही बताया..

ज़िया- तुम कैसे कह सकते हो...शायद बता दिया हो...

मैं- अर्रे...अगर बता दिया होता तो अब तक यहाँ हम अकेले नही होते...

ज़िया- हां...सही कहा...

मैं- अब देखना ये है कि आगे क्या होता है...

ज़िया- आगे क्या...मैं तो उससे नज़रे भी नही मिला पाउन्गी अब...

मैं- ह्म..ये तो है...अभी हमे इंतज़ार करना होगा...उसके अगले कदम का...

ज़िया- पर क्या होगा उसका अगला कदम..कुछ आइडिया है...कहीं मोम- डॅड को ना बता दे...

मैं- ये तो इंतज़ार के बाद ही पता चलेगा....

ज़िया- ह्म...तो अभी क्या करे...

मैं- अभी तुम यहाँ से जाओ और अपनी जगह पर रेस्ट करो...तब तक मैं भी रेस्ट कर लेता हूँ...और कुछ सोचता भी हूँ...

ज़िया- ओके...पर प्ल्ज़..जल्दी कुछ करो.....वरना पूरी ट्रिप मे मैं एंजाय नही कर पाउन्गी...

मैं- डोंट वरी...मैं हूँ ना...तुम्हे खुल के मज़ा कराउन्गा...

ज़िया- तुम जितनी अच्छी चुदाई करते हो उतनी ही अच्छी तरह लड़की को संभाल लेते हो...यू आर सो स्वीएट...मम्मूउहह...

(और ज़िया ने मुझे जोरदार किया कर दिया....)

मैं- हाँ मेरी जान...वैसे भी अभी कुतिया की गान्ड बाकी है...
ज़िया(मुस्कुरा कर)- ह्म्म....कुतिया भी गान्ड फड़वाने के इंतज़ार मे है...

मैं- ह्म्म..चलो...अभी जाओ...रेस्ट करो...

ज़िया- ओके..

और ज़िया एक बार फिर से मुझे किस कर के निकल गई...और उसके जाने के बाद मैं भी लेट गया...

लेकिन शायद रेस्ट करना मेरे नसीब मे ही नही था....


ज़िया के जाने के 20 मिनिट बाद ही अकरम मेरे पास आ गया...

अकरम- सो रहा था क्या भाई...

मैं- अबे...तू..नही-नही...बस लेता था..आ बैठ...

और फिर हम दोनो बैठ गये...अकरम शांत बैठा खिड़की की तरफ देख रहा था...मैं समझ गया कि ये टेन्षन मे है...

मैं- बोल ना अकरम...क्या टेन्षन है...

अकरम- भाई..मेरी टेन्षन एक ही है...मेरी मोम...और उनका वो कमीना आशिक़..

मैं- ह्म्म..पर हुआ क्या...अचानक से ये क्यो सोचने लगा...

अकरम- क्या करूँ यार...माइंड मे आ ही जाता है ये सब...

मैं- ओके..बट टेन्षन मत ले..मैं सब ठीक कर दूँगा...

अकरम(तेज आवाज़ मे)- कब करेगा भाई...एक-एक दिन निकालना मुस्किल होता है....जिस समय भी मोम बाहर जाती है तो एक ही बात माइंड मे चलती है..कि कहा चुद रही होगी ..

मैं- मैं समझ सकता हूँ यार...पर मैं जल्दी ही ठीक कर दूँगा...

अकरम- जल्दी कब यार...

मैं- अकरम..मैं 2 दिन मे सब ठीक कर दूँगा ...पर एक प्रोमिस करना होगा...

अकरम- कैसा प्रोमिस...और 2 दिन मे कैसे....वो थोड़े हमारे साथ है ..

मैं- वो मेरा काम है...मैं 2 दिन मे कर दूँगा...पर एक प्रोमिस कर पहले...

अकरम- कैसा प्रोमिस....

मैं- यही कि तू अपनी मोम को शर्मिंदा नही करेगा...अपने डॅड को भी कुछ नही बातायगा और ना किसी और को..

अकरम- हाँ भाई बिल्कुल...मैं किसी को कुछ नही कहुगा.....

मैं- और एक बात...जो मैं कहूँ...उसमे मेरा साथ देना होगा...

अकरम- तेरे लिए तो जान भी हाज़िर है...तू बोल बस की करना क्या है..

मैं- बोलुगा...बस 2 दिन दे...ओके

अकरम- ओके..टेक युवर टाइम....थॅंक्स भाई...

मैं- अब रुलायगा क्या...हाहाहा...

अकरम- नही...पर पिलाउन्गा ज़रूर..विस्की...

मैं- तो ला फिर..

अकरम - अभी लाया...

अकरम विस्की लेने चला गया और मैं अपने आप से बाते करने लगा...

मैं(मन मे)- सॉरी दोस्त...तुझे अभी नही बता पाया कि तुम्हारी माँ का यार हमारे साथ ही है...और वो और कोई नही ..तेरे डॅड का खास दोस्त है...पर जल्दी ही मैं उसे तेरे सामने नंगा कर दूँगा...प्रोमिस...

फिर अकरम विस्की लेकर आया और हमने 2-2 पेग लिए और रेस्ट करने लगे....

काफ़ी देर रेस्ट करने के बाद हमारी आँख खुली...जब संजू ने हमे जगाया...

इस वक़्त दोपहर हो चुकी थी और हमारी बस किसी ढाबे पर खड़ी हुई थी...

हम तीनो नीचे आ गये...जहा बाकी सब पहले से ही मौजूद थे....

वसीम- आओ लड़को...कुछ खाना-पीना हो जाए...फिर सीधा अपनी मंज़िल पर रुकेगे......

सरद- हाँ यार...अब और इंतज़ार नही होता...जल्दी से वहाँ पहुचे और फिर मस्त मज़े करे....क्यो..

सरद ने हम सबको देख कर पूछा और हम सबने मुस्कुरा कर उसकी बात को सहमति दे दी...

मैं(मन मे)- हाँ साले ..तू तो मर रहा होगा की कब तू अपने दोस्त की वाइफ को पटक-पटक कर चोदे...कमीना कही का...

फिर हम सब फ्रेश हुए और खाने-पीने मे जुट गये....

सब निपटने के बाद हम सब थोड़ा वॉक करते हुए रिलॅक्स होने लगे और तभी ज़िया ने मुझे इशारे से बुला लिया...


मैं- हाँ...क्या हुआ...

ज़िया- क्या हुआ मतलब...हमारे सिर पर बॉम्ब गिरा है और तुम इतने रिलॅक्स...क्यो...???

मैं- तो क्या...एक जगह बैठ कर मातम मनाऊ...

ज़िया- मैने ऐसा कब कहा....

मैं- तो तुम कहना क्या चाहती हो...??

ज़िया- यही कि तुमने कुछ सोचा उसके बारे मे...

मैं- अभी नही...वाहा पहुच कर सोचुगा...और तुमने...

ज़िया- मैने......यही कि उसे समझाउंगी..कुछ...

मैं- ओके..समझ गया...तुम रिलॅक्स हो जाओ...मैं कुछ करता हूँ...और हाँ थोड़ा मुस्कुराओ...मुझे मेरी कुतिया परेसान अच्छी नही लगती...

ज़िया(मुस्कुरा कर)- ह्म्म...तो आ जाउ अभी...

मैं- नही बिल्कुल नही...अभी चूत को समझा के रखो...ओके...

ज़िया- ह्म्म..
Reply
06-07-2017, 11:49 AM,
RE: चूतो का समुंदर
थोड़ी देर बाद फिर से हमारा सफ़र शुरू हुआ और इस बार सीधा मंज़िल पर जा कर ख़त्म हुआ....

हम सब बस से नीचे आ कर एक बड़े से बंग्लो के सामने खड़े हुए थे...

हालाकी ये बॅंग्लो पुरानी स्टाइल का था बट खूबसूरत दिख रहा था...

वसीम से हम सबको अपने इस घर से इंट्रोड्यूस कराया....

वसीम- ये हमारे पुर्बजो की संपत्ति है जो पुरानी पड़ गई थी.....और अब हमने इसे फिर से रिपेयर करके एक न्यू लुक दिया है...इसे हम एक होटेल बना रहे है..

अकरम- होटेल...पर क्यो डॅड..

फिर वसीम ने वजह बताना शुरू की....

यहाँ पास मे एक लोहे की खदान मिली है...और वहाँ फॅक्टरी भी बन गई है...

यहाँ काफ़ी लोग आते है...बस्ती भी बढ़ रही है और फ़ोर्नर भी आते है...

फॅक्टरी की वजह से यहीं पर रेलवे स्टेशन भी बन गया है...

इसलिए हमने सोचा की क्यो ना एक होटेल शुरू कर दे...फ़ायदे का फयडा और पुर्बजो की अमानत भी सहेज कर रखेगे...

अकरम- वाउ डॅड ..गुड...पर डॅड क्या अभी भी यहाँ भीड़ भाड़ होगी...

वसीम- नही बेटा अभी ज़्यादा नही है...और हाँ इसके पीछे पूरी ज़मीन अपनी ही है....और उसके बाद नदी है...

और वहाँ हमने पूल्स और बोटिंग का काम भी शुरू करवा दिया है...

और इसके अलावा स्टेशन भी पीछे ही है...तो कुछ शॉप रेडी करने का सोच रहे है...

सबनम- अरे आप भी...पहले अंदर तो चलिए फिर आराम से बता देना...हम थक चुके है...

वसीम- ओह हा...सॉरी...चलो सब अंदर चलो...और सामान नौकर ले आएँगे...डोंट वरी....

इसके बाद हम अंदर आ गये...अंदर का महॉल आलीशान था...

बड़े-बड़े झूमर...शानदार सोफास...और साइड मे बार काउंटर....

पूरा हॉल लाजवाब था...

फिर वसीम ने सबको एक-एक के दी जो हमारे रूम की थी...और फ्रेश होकर नीचे आने का बोला...

सबके रूम उपेर ही थे...और सबके रूम अलग-2 थे सिर्फ़ पति-पत्नी का साथ था...

जैसे ही मैं अपने रूम मे एंटर हुआ तो देखा की रूम बहुत ही बड़ा और आलिसान था...

रूम मे ही सोफा, डाइनिंग टेबल एट्सेटरा ..सब था...बाथरूम भी एक दम झक्कास था...

मैने कपड़े निकाले और फ्रेश हुआ और नहा कर नीचे आ गया...

हमने डिन्नर किया और सब सोने चले गये...सफ़र से थके हुए जो थे...

उपेर दो गलियारे थे...जिसके दोनो तरफ 4-4 रूम थे....

मेरे साइड मे ..मेरा, संजू का और अकरम का और फिर खाली रूम था...

सामने के रूम मे ज़िया के साथ गुल , जूही के साथ रूही , मोनिनी के साथ पूनम का रूम था...लास्ट वाला खाली...

दूसरे गलियारे मे एक रूम.मे वसीम के मोम-डॅड और दूसरे मे सरद और उसकी बीवी...और एक मे शादिया मौसी....

रात को सब अपने रूम मे थे पर मुझे नीद नही आ रही थी...


मैं नीचे गया तो देखा कि एक नौकरानी टीवी देख रही थी...असल मे ये इस होटेल की रिसेप्षनिस्ट बनने वाली थी...

मुझे देखते ही वो खड़ी हो गई और बोली..

नौकरानी- सर ..कुछ लाउ क्या...

मैं- ह्म..एक काम करो एक स्कॉच का पेग बनाओ...

फिर मैं पीते हुए उससे बाते करने लगा ...

नौकरानी ने बताया कि वो 12 थ पास है...यहाँ पास ले गाओं की रहने वाली है...और भी बहुत कुछ बाते हुई इस जगह और होटेल के बारे मे...फिर मैने उससे एक काम की बात की...

मैं- अच्छा एक बात बताओ...यहा सुरक्षा का इंतज़ाम कैसा है...

नौकरानी- बहुत अच्छा है सर...हर जगह सीसीटीवी कैमरा लगे है...

सीसीटीवी का नाम सुनते ही मेरा माथा ठनका और मेरे दिमाग़ मे एक शैतानी प्लान आ गया....

मैं- और रूम के अंदर भी कैमरा है....

नौकरानी- हाँ बिल्कुल सर...पर अभी रूम के कॅमरा बंद है...वो वसीम सर ने कहा था ना...

मैं- ओह्ह...और उनकी रेकॉर्डिंग कहाँ होती है...

नौकरानी- वो एक लॅपटॉप मे होती है....आप कहीं पर बैठ कर उस लॅपटॉप मे देख सकते हो ...हर कैमरे की रेकॉर्डिंग...या फिर लाइव भी...

मैं- तुम ये सब कैसे जानती हो....

नौकरानी- हमे सब ट्रैनिंग दी गई है...ज़रूरत पड़ने पर काम आ सकती है ना....

मैं(मन मे)- अगर मुझे वो लॅपटॉप मिल जाए तो...वाह...मज़ा आएगा...पर कैसे....चलो इसे पटाता हूँ....

नौकरानी- और एक पेग बनाऊ सर...???

मैं- ह्म्म..रूको...देखो ..मुझे तुमसे एक काम है...

नौकरानी- जी सिर ..कहिए...

मैं- मुझे वो लॅपटॉप चाहिए...जिससे मैं हर रूम का ...हर कैमरे का हाल देख सकूँ...

नौकरानी- सर...ये नही हो सकता...

मैं - सब कुछ हो सकता है...हर चीज़ की कीमत होती है...तुम बोलो..तुम्हे क्या चाहिए...

निउकरानी- नही सर..ये नही हो सकता...

मैं(बीच मे)- 5000

नौकरानी- नही सर...मैं नही...

मैं(बीच मे)- 10000

नौकरानी- सर प्लीज़...मैं नही कर...

मैं(बीच मे)- 20000

नौकरानी(सोच कर)- मेरी नौकरी..

मैं- 30000

नौरानी(स्माइल करके)- ठीक है सर...मैं लाती हूँ...

थोड़ी देर बाद वो लॅपटॉप मेरे हाथ मे था....
...
मैं- कल तुम्हे पैसे मिल जायगे...

नौकरानी- ओके सिर...और कुछ...

मैं- ह्म्म..तुम्हारी कीमत..???

नौकरानी(मुस्कुरा कर)- अगर हथियार पसंद आया तो लाइफ टाइम फ्री...

मैं- ह्म्म..तो फिर देख लो...फिर बताना....पर यहाँ नही...मेरे रूम मे आओ...थोड़ी देर बाद....और हाँ...एक बॉटल लेते आना....

नौकरानी- ह्म....
Reply
06-07-2017, 11:50 AM,
RE: चूतो का समुंदर
मैं उठ कर रूम मे आ गया की तभी मेरे फ़ोन पर ज़िया का मेसेज आया....

मसेज- आज रात आराम करो...कल से कुतिया चोदेगि नही...हहहे....और हाँ उसका कुछ सोच लेना...वरना मेरी फटी रहेगी औट पूरा मज़ा खराब हो जायगा....

गुड नाइट...मुउउहहाा...


मसेज देख कर मेरे चेहरे पर स्माइल आ गई...और मैं खुश होकर सोचने लगा....

मैं(मन मे)- सब कुछ प्लान के हिसाब से हो गया...अब मैं दोनो को बिना टेन्षन के जी भर कर चोदुगा....हाहाहा....
मैं रूम मे आया और अपने कपड़े निकाल दिए.... मैं बॉक्सर और बनियान मे था.....

मैं बेड पर लेटा और लॅपटॉप ऑन किया...परमुझे पता नही था कि रेकॉर्डिंग कहाँ से देखनी है......

तभी मेरे रूम मे नौकरानी की एंट्री हुई....उसने आते ही रूम को अंदर से लॉक किया और बेड के पास आ गई...

नौकरानी- तो..आपकी क्या सेवा कर सकती हूँ सर...

मैं(मुस्कुरा कर)- ह्म्म..सेवा तो पूरी रात करवाउन्गा...पर पहले मुझे रेकॉर्डिंग देखनी है...और हाँ...अपना नाम तो बताया नही तुमने....

नौकरानी- आपने पूछा ही नही ...मेरा नाम चंदा है सर...

मैं- ह्म्म्मे..तो आओ चंदा...मेरे पास आओ ..पर ये कपड़े...निकाल दो इसे...

चंदा(मुस्कुरा कर)- ह्म्म्मआ...

और चंदा ने मुस्कुराते हुए अपनी नाइट ड्रेस निकाल दी ...अब वो सिर्फ़ ब्रा-पैंटी मे थी....

उसकी बॉडी भी बिल्कुल मस्त थी...भरे हुए बूब्स...पतली कमर...और कसी हुई सुडोल गान्ड....

मेरा दिल खुश हो गया कि आज रात फिर एक नये माल को मसल्ने का मौका मिल गया......

चंदा आई और मेरे बाजू मे लेट गई...और कंबल से हम दोनो के पैर ढक लिए....

मैं- मस्त बॉडी है तुम्हारी....मज़ा आएगा...

चंदा- मज़ा देने ही तो आई हूँ...

मैं- ह्म्म..रात भर मज़ा दूँगा...पर पहले मुझे रेकॉर्डिंग दिखाओ....

फिर चंदा ने लॅपटॉप मे रेकॉर्डिंग ऑन कर दी...इसमे हर एक कैमरे की रेकॉर्डिंग हो रही थी...

हम एक-एक करके लाइव रेकॉर्डिंग देख सकते थे....

अभी इसमे हॉल की रेकॉर्डिंग चल रही थी....

चंदा- तो किस रूम को देखना चाहेगे...

मैं- सबसे पहले...ह्म्म्म....ज़िया के रूम की...

चंदा ने ज़िया का रूम सेलेक्ट कर दिया और मेरे सामने उसका रूम आ गया...

हर रूम मे दो कैमरे लगे थे...एक गेट के उपेर जो पूरा बेड और सामने का एरिया कवर कर रहा था...

और दूसरा साइड मे था...जो बेड का साइड व्यू और बाथरूम का एंट्रेन्स कवर कर रहा था ....

जैसे ही मैने ज़िया का रूम देखा तो वो सोती हुई मिली..
Reply
06-07-2017, 11:50 AM,
RE: चूतो का समुंदर
आज दिन की चुदाई ने उसे थका दिया होगा...पर साइड व्यू से पता चला कि साली नंगी सो रही है...साइड से उसके नंगे बूब्स दिख रहे थे....

और उसके बाजू मे गुल लेटी थी..जो पूरी सराफ़ात से सो रही थी....

चंदा- सर..ये ज़िया मेडम तो पूरी नंगी लेटी हुई है...क्या बूब्स है इनके ...मन करता है कि चूस लूँ...

मैं- तुम लड़कियो मे इंटरेसटेड हो क्या...

चंदा- हां सर...लड़की के साथ अलग ही मज़ा आता है और बूब्स बड़े-2 हो तो चूसने मे बहुत मज़ा आता है...

मैं- ह्म्म..डोंट वरी...ये मौका भी दिलवा दूँगा...वेट करो...

चंदा- सच...इसके बूब्स चूसने मे बड़ा मज़ा आएगा...

फिर मैने अकरम का रूम देखा...अकरम भी सराफ़त से सो रहा था...

फिर संजू का...वो भी सो रहा था...

फिर मैने जूही का रूम देखा...जिसमे जूही और रूही थी...

जूही तो कान मे हेडफ़ोन लगा कर मज़े से सोई हुई थी...

जूही की नाइटी उसकी जाघो पर छड़ी हुई थी...मस्त..चिकनी और कसी हुई जाघे देख कर मेरा लंड झटक उठा...

पर मुझे रूही कहीं नही दिखी...फिर मैने साइड कैमरा देखा...तो उसमे पाया कि बाथरूम का गेट खुला है और जूही निकल कर बेड पर आ रही है...

फिर मैने फ्रंट कॅमरा से देखा तो देखता ही रह गया....

रूही ने बेड पर आते ही अपनी नाइटी के अंदर हाथ डाला और अपनी चूत मसल्ने लगी....


रूही- आहह...अंकित...कब आओगे तुम...उउंम्म...

मैं- चंदा...यहाँ माइक्रोफॉन भी है क्या...??

चंदा- हाँ...बेड के पास ही लगे है...पर इसको ऑन/ऑफ करने का सिस्टम रूम से ही है....

मैं- ओह्ह...तो मेरे रूम का बंद है ना...

चंदा- जी सर बंद है....टेन्षन मत लो...उसे देखो कैसे किसी लड़के का नाम ले कर अपनी चूत मसल रही है...कौन है ये अंकित...

मैं- अरे...अंकित मैं ही हूँ...समझी...

चंदा- सच ...पर ये तो अकरम सर की गर्लफ्रेंड है ना...

मैं- ह्म..

चंदा- फिर ये आपका नाम...

मैं(बीच मे)- तुम समझ जाओगी...इंतज़ार करो...अभी मुझे देखने दो...

हम फिर रूही को देखने लगे...अब रूही की टांगे फैल चुकी थी और उसकी उंगली चूत के अंदर थी.....

रूही- ओह अंकित..कम ऑन..फक मी..फक मी...एसस्स...उउउंम..

चंदा भी रूही को देख कर गरम होने लगी थी और उसने अपना जिस्म मेरे जिस्म से सटा लिया...

रूही- एस्स..हार्डर अंकित...फास्ट..फास्ट...फास्ट....ऊहह...

चंदा ने अपना हाथ मेरे सीने पर फिराना चालू कर दिया....

रूही- ओह्ह..अंकित...मैं..अशह...गई..ओह्ह्ह..येस्स...एस्स...ययईएसस्सस्स......

वहाँ रूही झड़ी और यहाँ चंदा ने अपना हाथ नीचे सरका कर मेरे लंड पर पहुचा दिया....

चंदा- सर..इसको ज़रूर चोदना...बड़ी गरम है...

मैं- ह्म..देखता हूँ...मेरे पास आयगी तो देखेंगे....

चंदा- सर आपका तो बड़ा लग रहा है...

मैं- अच्छा...तो देख लो...फिर बताओ कि बड़ा है या छोटा...

और चंदा इसी इंतज़ार मे थी...उसने झटके से मेरे बॉक्सर मे हाथ डाला और मेरे लंड को मुट्ठी मे भर लिया...

चंदा- वाह...ये तो सच मे....एक मिनिट...

और फिर चंदा ने कंबल हटाया और मुझे नीचे से नंगा कर दिया...आप मेरा लंड उसके सामने था...

चंदा ने लंड को पकड़ा और पलट कर देखने लगी...

मैं- कैसा लगा...

चंदा- ये तो...सच मे बड़ा है....मज़ा आ जायगा...उउंम..

और चंदा ने झुक कर मेरे लंड पर किस कर दिया...

मैं- आहह...मुझे रेकॉर्डिंग देखने देगी...

चंदा- आप देखो...मैं तो इसे प्यार करूँगी...बहुत मस्त है...

और चंदा ने मेरे लंड को किस करना शुरू कर दिया...

वहाँ रूही के रूम मे रूही झाड़ कर शांति से लेट गई और सोने लगी...अब यहाँ देखने लायक कुछ नही था...

फिर मैने पूनम के रूम मे देखा...वहाँ का नज़ारा काफ़ी हॉट था...मेरे लंड ने जोरदार झटका खाया...

चंदा- उउंम..क्या देख लिया सर...जो तड़प उठे...मुझे भी दिखाओ...

मैने लॅपटॉप साइड मे रख दिया और हम दोनो गरम नज़ारा देखने लगे...

पूनम के रूम मे पूनम और मोना दोनो नगी 69 के पोज़ मे थी...

पूनम उपेर और मोना नीचे थी...

दोनो एक-दूसरे की चूत मे जीभ घुसाए सिसक रही थी...

पूरे रूम मे उनकी मादक सिसकारियाँ गूँज रही थी...

पूनम- सस्स्रररुउउउप्प....उउंम...उउंम्म...उउउम्म्म्म...उउंम...

मोना- उउंम्म...उउम्म्म्म...उउम्म्म्म...उूउउंम्म...उउंम्म...
Reply
06-07-2017, 11:50 AM,
RE: चूतो का समुंदर
चंदा तो ये नज़ारा देख के पूरी गरम हो गई और झुक कर मेरे सुपाडे को मुँह मे भर के चूसने लगी और साथ मे लॅपटॉप पर चूत चुसाइ देखती रही...

मेरा लंड भी पूरा कड़क हो गया था और चंदा के मुँह मे जाने को तड़प रहा था...

थोड़ी देर बाद मोना और पूनम झाड़ गई और आजू- बाजू लेट कर बाते करने लगी...



मोना- आहह...पूनम..कितने दिनो बाद हमने एक दूसरे की चूत चूसी..ह्म्म..

पूनम- ह्म्म..पर आज भी उतना ही मज़ा आया...

मोना- हां...पर अब ये चूत चुसाइ से नही मानती...इसे ठुकाइ भी चाहिए....हहहे...

पूनम- तो जा फिर...ठुकवाले अपने बाप से...

मोना- अरे यार...ऐसी किस्मत कहाँ...वो तो आज मोम को ठोक रहा होगा या अपनी रांड़ को...

पूनम- ह्म्म...तो फिर चुसाइ से काम चला...

मोना- ह्म्म..पर पूनम...तू किससे ठुकवाती है...

पूनम- है कोई...

मोना- काश वो यहाँ होता तो तेरे साथ मैं भी ठुकवा लेती...अरे पूनम ..तेरे भाई को पटा लूँ मैं..

पूनम- चुप कर...रंडी कही की...सोजा चुपचाप...

और पूनम का गुस्सा देख कर मोना भी कुछ नही बोली...और दोनो कंबल ओढ़ कर सोने लगे...

पर यहाँ मेरा लंड पूरा जाग गया था...

मैने चंदा को रोका और उसे लंड पर बैठा कर उसकी चूत मे लंड उतार दिया....

चंदा- आऐईयईईई....म्म्माकअररर गाऐयइ...

मैं- क्या हुआ...तू तो चुदि हुई है..फिर भी चिल्ला रही है...

चंदा- आअहह...ये बड़ा है...उउउंम्म...

मैने चंदा के दर्द की परवाह किए बिना उसकी कमर पकड़ी और नीचे से धक्के मारने लगा...

मेरा लंड काफ़ी देर से खड़ा हुआ था और अब जोरदार चुदाई माँग रहा था.....

मैं- अब बाकी को बाद मे देखुगा...पहले तेरी फाड़ता हूँ...

चंदा- हाँ सर...ये नज़ारे देख कर तो मेरी चूत भी पानी बहा रही है...जल्दी से डाल दो प्लीज़...

मैं- ओके..आओ फिर....निकालो कपड़े...

चंदा ने फटाफट अपनी ब्रा और पैंटी निकाल दी...उसके बूब्स पूरे गोरे और भरे हुए थे और निप्पल भी एक दम शानदार...

मैने सोचा कि इन्हे तो आराम से चूसूगा....पूरी रात बाकी है...पहले लंड को शान्ती दे दूं....

फिर चंदा नंगी हो कर मेरी गोद मे आ गई...मैने एक बार उसकी चूत पर हाथ घमाया और फिर अपना लंड चूत पर सेट कर दिया.....


मैं- तेरी चूत तो मस्त है...अब देखते है कितना मज़ा देती है...

चंदा- हाँ वो तूऊऊऊ....

चंदा जब तक कुछ बोल पाती उसके पहले ही मैने जोरदार धक्का मारा और आधा लंड चंदा की चूत मे घुस गया....

चंदा- आआईयइ...बता तो देते...उउउइई माँ...

मैं- लो बता दिया....ये लो...

और फिर से एक जोरदार धक्के के साथ पूरा लंड चूत मे चला गया...

चंदा- आऐईयईई.....माअरररर..गाऐइ....ऊओह...

मैं- बस ...अब हो गया...मज़ा कर....

और मैने चंदा के बूब्स को हाथो से पकड़ा और मसल्ने लगा....

थोड़ी देर बूब्स मसल्ने से चंदा कुछ नॉर्मल हुई और अपनी गान्ड हिला-2 कर मुझे बता दिया कि अब पेलना शुरू करो...

मैने भी जल्दी से चंदा को नीचे से धक्के मारना शुरू किया चंदा को चोदने लगा......

चंदा- आअहह....फाड़ दो सर....उउउंम्म.... आहह….ऐसे ही चोदो….मज़ा आएगा…

मैं- तू तो बड़ी रंडी है…ह्म्म्म....

चंदा- आअहह…आआहह.....आहह.....नही सर...रंडी नही....उउउंम्म

मैं- अच्छा….कितनो से चुदि है..???

चंदा- आप चोथे हो…ऊहह म्माआ…

मैने लंड को टोपे तक चूत से निकाला और एक ही झटके मे चूत मे भर दिया....

मैं- आहह...दर्द हुआ क्या...

चंदा- आहह..आहह...हाँ...बड़ा है....इतना ..बड़ा..आहह...नही लिया.....था..आहह...

मैं- तो आज ले लिया ना...अब ऐश कर…

चंदा– आहह..हाँ…आप चोदिय ना….दर्द हो..आहह

मैं चंदा की बात समझ गया ओर उसको नीचे से प्यार से धक्के मारने लगा…

चंदा ने झुक कर अपने बूब्स मेरे मुँह पर कर दिए और मैं बूस चूस्ते हुए उसे चोदने लगा…

मैं- उम्म्म..आहह….यस….उउम्म्म्म

चंदा-आहह..आहह..आह…अफ…आहह

मैं- उउंम….यीहह..सस्स्रररुउप्प्प..उउंम्म

चंदा- आहह..अह्ह्ह्ह…आह…हाअ…ज्जोर्र ससी…आहह....
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