College Girl Sex Kahani कुँवारियों का शिकार
08-25-2018, 04:27 PM,
#54
RE: College Girl Sex Kahani कुँवारियों का शिकार
कुँवारियों का शिकार--36 

गतान्क से आगे.............. 

अगले दिन स्कूल से आने के बाद मैने फ्रेश होकर जल्दी लंच कर लिया और तोड़ा आराम करके नाहकार फ्रेश हो गया. प्राची के आते ही तनवी ने उसे लेकर मेरे पास आना था. थोड़ी देर मे ही तनवी प्राची को लेकर आ गयी. उसने हल्के फ़िरोज़ी रंग का टॉप और बर्म्यूडा शॉर्ट्स पहनी हुई थी और बिल्कुल लाइफ साइज़ गुड़िया लग रही थी. प्राची ने मुझे विश किया तो मैने आगे बढ़कर उसका हाथ पकड़ा और हेलो कहते हुए अपनी ओर खींचा. वो थोड़ा शर्मा गयी और नज़रे झुकाकर मेरी तरफ आ गयी. मैने उसे अपनी बाहों मे भर लिया और उसके गाल पर एक प्यारी सी किस करके कहा कि देखो शरमाने से काम नही चलेगा, हम दोस्त हैं और दोस्ती मे शर्म नही की जाती. उसने कहा कि ठीक है. फिर मैने उसको अपने साथ ही सोफे पर बिठा लिया और कहा कि तनवी बोल रही थी कि तुम सेक्स के बारे मे बिल्कुल अंजान हो और चाहती हो कि तुम्हे उसके मज़े का पूरा अनुभव कराया जाए. 

प्राची का चेहरा पूरी तरह लाल हो गया और वो बोली के चाहती तो हूँ. मैने कहा कि मैं इसमे तुम्हारी पूरी मदद कर सकता हूँ अगर तुम चाहो तो. प्राची ने कहा कि उसे डर लगता है कि दर्द बहुत होगा. मैने कहा के देखो प्राची पहली बार करने पर दर्द तो होगा ही पर मैं इस बात का पूरा ख़याल रखता हूँ के दर्द कम से कम हो और पूरा मज़ा आए. उसके चेहरे पर दुविधा के भाव देखकर मैने कहा के ऐसा करते हैं के पहले मैं तनवी के साथ करता हूँ और तुम अच्छे से देख और समझ लो फिर अगर तुम्हारा दिल चाहे तो तुम भी करवा लेना. मैं कभी भी किसी के साथ ज़बरदस्ती नही करता. अगर तुम नही चाहोगी तो रहने देंगे. टेन्षन बिल्कुल नही लेना तुम. इस पर वो बोली की ठीक है. मैं उठकर दोनो को अपने बेडरूम मे ले आया. 

अंदर आते ही मैने और तनवी ने अपने कपड़े उतारने शुरू कर दिए. प्राची दोनो को हैरानी से देखती रही. तनवी ने उसे कहा कि देख क्या रही हो, चलो अपने कपड़े तो उतारो. मैने भी उसको अपने साथ चिपकाते हुए कहा कि देखो प्राची हम आपस मे बाकी सब तो कर ही सकते हैं ना, तुम हमारे साथ स्पर्श सुख तो प्राप्त कर ही सकती हो और अगर नही चाहोगी तो तुम्हारी चुदाई नही करूँगा, और बहुत तरीके हैं मज़ा लेने के, वैसे ही मज़ा लो. 

प्राची ने भी अपने कपड़े उतार दिए. मैं तो उसे देखता ही रह गया. छ्होटे छ्होटे उसके मम्मे, पतली लंबी टांगे, भरी हुई जंघें, पिचका हुआ पेट और गोरी रंगत मे उसकी नीली नसें दिख रही थी जो उसकी खूबसूरती को और भी बढ़ा रही थी. मैने आगे बढ़कर उसे अपने साथ चिपका कर उसके एक मम्मे पर अपना हाथ रख दिया और आहिस्ता से उसे दबाया और सहलाया. उसका अनार के दाने जैसा निपल कड़क होकर मेरी हथेली को गुदगुदाने लगा. मैने अपना मुँह नीचे करके उसके दूसरे मम्मे को अपने मुँह मे भर लिया. प्राची के मुँह से एक मादक सिसकारी निकली और वो ज़ोर से मेरे साथ चिपक गयी. 

मैं उसे और तनवी को लेकर बेड पर आ गया. तनवी ने मेरे अपडे हुए लंड को हाथ मे लेकर प्राची को दिखाया और कहा देखो ये हैं लंड और चूत मे जब अंदर जाता है तो बहुत मज़ा आता है और असली मज़ा वही होता है. मैने तनवी और प्राची के बीच मे आकर दोनो के एक एक मम्मे को अपने हाथ मे लेकर सहलाना शुरू क्या. फिर मैने प्राची को कहा के वो तनवी की दूसरी साइड पर आ जाए और उसके मम्मे सहलाए. मैने तनवी को किस करना शुरू किया. फिर उसकी गर्दन पर अपने होंठ फिराते हुए उसके मम्मे को चूसा और अपने मुँह का नीचे कासफ़र जारी रखते हुए उसकी नाभि से हो कर उसकी चूत पर अपना मुँह टीका दिया. तनवी ने प्राची को उलट जाने के कहा और उसकी टांगे सहलाते हुए उसकी चूत को चाटना शुरू कर दिया और प्राची से कहा के मेरे लंड को सहलाए और अगर बुरा ना लगे तो उसको चूमे और लॉलिपोप की तरह चूसे. 

प्राची ने बड़ी कोमलता से मेरा लंड अपने हाथ मे लिया और उसे चूमा, फिर अपनी ज़बान से उसके टोपे को छ्छू कर देखा और फिर टोपे तो अपने मुँह मे ले लिया. वो बहुत तेज़ी से लंड को चूसना सीख रही थी और थोड़ी देर मे ही वो बहुत अच्छी तरह से लंड को चूसने लगी. तनवी की कसमसाहट को देख कर मैं समझ गया कि वो मस्ती मे आ चुकी है. मैने प्यार से अपना लंड प्राची के मुँह से निकाला और तनवी की चूत के सुराख पर लगा दिया. फिर मैने प्राची से कहा के अच्छी तरह से देख ले की लंड चूत मे कैसे जाता है. 

प्राची उठकर बैठ गयी और बहुत ध्यान से देखने लगी. मैने तनवी की चूत पर अपने लंड को रगड़ा और फिर उसकी दोनो पुट्तियों को फैला कर अपना लंड उसकी चूत मे दबाना शुरू कर दिया. तनवी ने एक सिसकारी ली और बोली एक ही झटके मे डाल दो ना पूरा अंदर. तो मैने हंसते हुए कहा के प्राची को भी तो समझाना है कि लंड कैसे चूत मे जाता है. आधा लंड जब तनवी की चूत मे घुस गया तो मैं रुक गया और लंड को बाहर खींच कर फिर अंदर डाल दिया. इस बार आधे से थोड़ा ज़्यादा अंदर कर दिया. मैने देखा की उत्तेजना के मारे प्राची का चेहरा तमतमा रहा था और उसने अपना एक हाथ अपने मम्मे पर रखा हुआ था और उसे दबा रही थी. प्रच ने अपना दूसरा हाथ बढ़ाकर मेरे लंड को च्छुआ, जैसे देख रही हो की ये कैसा डंडा है जो चूत को भेद कर अंदर बाहर हो रहा है. 3-4 घससों मे मैने अपना पूरा लंड तनवी की चूत मे डाल दिया और प्राची से कहा के देख लो पूरा लंड तनवी की चूत मे चला गया है और उसे कोई दर्द नही हुआ बल्कि मज़ा आ रहा है. 

फिर मैने प्राची से कहा के देखती रहो अब मैं चुदाई शुरू करने जा रहा हूँ. मैने लंबे घस्से मारने शुरू कर दिए. अपना लंड मैं टोपे तक बाहर खींच लेता और फिर एक ही झटके मे पूरा तनवी की चूत मे डाल देता. हर घस्से पर तनवी के मुँह से एक मादक आआआआआआआः निकलती और वो अपनी गांद उठा कर लंड के अंदर आने का स्वागत करती. धीरे धीरे मैने घस्सो की रफ़्तार बढ़ानी शुरू कर दी और ये रफ़्तार इतनी बढ़ गयी की प्राची हैरानी से देख रही थी कि इतनी तेज़ी से मेरा लंड तनवी की चूत मे अंदर बाहर हो रहा है और तनवी को उसका बहुत मज़ा आ रहा है. फिर मैने अपने घस्सो का ज़ोर भी बढ़ाना शुरू कर दिया और अब हमारे शरीर आपस मे टकराने पर आवाज़े भी करने लगे. 

करीब 10 मिनट की तगड़ी चुदाई के बाद तनवी झाड़ गयी और उसके साथ ही मैने अपनी रफ़्तार अत्यधिक तेज़ करके पूरे ज़ोर से धक्के मारने शुरू कर दिए और 10-15 करारे घस्से मार के मैं भी झाड़ गया और अपना लंड तनवी की चूत मे पूरा घुसा कर अपने वीर्य की पिचकारी छोड़ दी. 

प्राची अपना उत्तेजना से लाल चेहरा घुमा घुमा कर कभी मेरा और कभी तनवी का चेहरा देख रही थी. तनवी के चेहरे पर असीक तृप्ति के भाव देखकर उसने एक झुरजुरी ली और बोली कि इतना मज़ा आता है. मैने हंस कर कहा कि हां मज़ा तो बहुत ही आता है चुदाई मे, पर तुम बताओ के तुम्हारा क्या ख्याल है ट्राइ करना चाहोगी या अभी और सोचना है. प्राची ने एक बार मेरी तरफ देखा और पूछा कि जो पहली बार दर्द होगा वो कितना होगा तो मैने कहा कि जितना इंजेक्षन लगवाने पर होता है उसी तरह का होगा बस थोड़ा सा ज़्यादा होगा. वो झेलने के बाद मज़े ही मज़े हैं, और सब से मज़े की बात ये है कि दर्द सिर्फ़ एक बार ही होगा और मज़े तुम बार बार ले सकोगी. दर्द फिर कभी नही होगा. इंजेक्षन की तरह नही की जितनी बार लग्वाओ उतनी बार दर्द होगा. ये सुनकर प्राची मुस्कुरा दी. 

तनवी ने उठकर पास पड़े एक टवल से मेरे लंड और अपनी चूत को पोंच्छा और प्राची के पास आकर उसके मम्मे सहलाने लगी और बोली की लाडो तुमने देख ही लिया है कि ये जादू का डंडा जिसे लंड कहते हैं मेरी चूत मे कितनी तेज़ी से और ज़ोर से अंदर बाहर हो रहा था और मुझे कोई भी दर्द नही हुआ और मुझे भरपूर मज़ा आया. फिर उसने मेरे लंड को सहलाना शुरू कर दिया और मेरा लंड जो शिथिल पड़ गया था फिर से अकड़ने लगा. मैने प्राची को अपने पास खींच कर अपने ऊपेर लिटा लिया और उसे डीप किस करने लगा. अपना एक हाथ उसके कड़क मम्मे पर रखकर सहलाने लगा और दूसरा हाथ उसकी चूत पर फेरना शुरू कर दिया. धीरे धीरे प्राची की मस्ती बढ़ने लगी. दूसरी तरफ से तनवी ने भी एक हाथ से मेरे लंड को सहलाते हुए दूसरे हाथ से प्राची के शरीर को सहलाना शुरू कर दिया. 

प्राची को मैने और ऊपेर करके उसके मम्मे को मुँह मे लेकर चुभलना शुरू किया और तनवी को बोला कि नीचे से वो प्राची को प्यार करे. क्या एहसास था. बहुत ही अनोखा था उसका स्पर्श. हाथ उसके जिस्म पर फिसल फिसल जा रहे थे. थोड़ी ही देर मे प्राची की साँसें तेज़ हो गयीं और वो इधर उधर मचलने लगी. मैने उसको सीधा करके लिटा दिया और तनवी को इशारे से ऊपर आने को कहा. मैने लूब्रिकेटिंग जेल्ली उठा कर उसकी चूत पर लगा दी और अपनी उंगली से उसे फैलाने लगा और उसकी चूत के छल्ले पर अपनी उंगली से दबाव डाला. 

प्राची की चूत की फाँकें पूरी तरह से आपस मे चिपकी हुई थी और उसकी चूत का छल्ला बहुत टाइट था. मैने हल्का सा दबाव बढ़ाकर अपनी उंगली उसके अंदर कर दी और उसे इस तरह से दबा कर घुमाने लगा जिस से प्राची की चूत का छल्ला थोड़ा ढीला हो जाए. मेरे उंगली अंदर डालने पर प्राची चिहुनक गयी और बोली ये क्या कर रहे हैं. तनवी ने कहा कि तुम्हारी चूत का उद्घाटन करने की तैयारी कर रहे हैं. 

फिर तनवी ने प्राची का ध्यान बटाने के लिए उसके साथ बातें करनी शुरू कर दीं. वो बोली कि प्राची तुम बहुत भाग्यशाली हो की राज जैसा समझदार और प्यार करने वाला तुम्हारी पहली चुदाई करने जा रहा है. तुम्हे इतना मज़ा देगा कि तुम सब कुच्छ भूल जाओगी और ऐसा मज़ा तुम्हे पहले कभी भी नही आया होगा. प्राची ने कहा कि मज़ा तो बाद मे आएगा, पर जो दर्द होगा पहले उसका क्या? तनवी हंस पड़ी और बोली कि प्राची तुम दर्द से डर रही हो, वो तो तुम्हे चाहे कोई भी चोदे या तुम खुद अपने हाथ से कोई भी चीज़ अपनी चूत मे डाल लो पहली बार तो होगा ही पर राज इतने प्यार से चुदाई करता है की तुम्हे दर्द कम से कम होगा और मज़ा ज़्यादा से ज़्यादा आएगा. 

तुम बिल्कुल भी डरो नही दर्द होगा भी तो वो बहुत ही थोड़ी देर के लिए होगा और मज़ा इतना ज़्यादा होगा कि तुम्हारा दर्द उसमे खो जाएगा. चिंता की कोई बात ही नही है. राज को बहुत तजुर्बा है कुँवारी चूतो की पहली चुदाई का और मेरे सामने ही इसने 5-6 कुँवारी चूतो का उद्घाटन किया है और मेरी भी पहली चुदाई राज ने ही की थी. इसलिए मैं तुम्हे विश्वास दिलाती हूँ की चिंता की कोई भी बात नही है. 

इधर अब मेरी दो उंगलियाँ प्राची की चूत मे जा चुकी थी और मैं उन्नको घुमा कर चूत के छल्ले को ढीला करने मे जुटा हुआ था. साथ ही मैं और तनवी दोनो मिलकर प्राची की उत्तेजना को बढ़ाने मे भी लगे हुए थे. मैं रह रह कर चूत के भज्नासे को छेड़ देता था और उसकी चिकनी जांघों को अपने दूसरे हाथ से सहला भी रहा था. तनवी कभी उसे डीप किस कर रही थी और कभी उसके मम्मे मुँह मे लेकर चूसने लगती तो कभी अपने हाथो मे लेकर उसके निपल चुटकी मे प्यार से मसल देती. प्राची के मुँह से अब हाआआआआआआआं, हूऊऊऊऊऊऊऊओन की आवाज़े आनी शुरू हो गयी थी. 

मैने ढेर सारी लूब्रिकेटिंग जेल्ली प्राची की चूत मे लगा दी और अपने लंड पर भी अच्छी तरह से लगा कर उसे चिकना करके प्राची की टाइट चूत मे घुसने के काबिल बना दिया. फिर मैने तनवी को इशारा किया और प्राची की दोनो टांगे पूरी खोल कर अपने लंड को उसकी चूत की दरार पर रगड़ने लगा. प्राची अपनी तेज़ साँसों के साथ उत्तेजित हो चुकी नज़र आ रही थी और उसकी आँखे मूंदी हुई थी. मैने अपने लंड काटोपा उसकी चूत के छल्ले पर रख कर दबाव डालना शुरू किया. थोड़ी सी जगह बनते ही मैने एक हल्का सा झटका दिया और मेरा टोपा प्राची की चूत के छल्ले को पूरा फैला कर अंदर घुस गया. प्राची उच्छलने को हुई पर मेरे हाथों की उसकी जांघों पर पकड़ मज़बूत होने के कारण और तनवी के उसको कस के पकड़ने की वजह से बिल्कुल भी नही हिल सकी. 

मैने पूछा के प्राची क्या हुआ? तो वो बोली के जैसे दर्द होने लगा था पर नही हुआ और अब बहुत भारी सा लग रहा है, क्या डाल दिया है? मैने कहा के हां डाल तो दिया है पर थोड़ा सा ही गया है अंदर और अब और भी अंदर जाएगा. पर तुम चिंता ना करो तुम्हे कुच्छ नही होगा हम दोनो हैं ना. मैने अपने लंड को अंदर बाहर हिलाना शुरू कर दिया और सिर्फ़ इतना ही की प्राची की चूत का छल्ला मेरे लंड पर जहाँ था वहीं रहे बस लंड के साथ ही अंदर को दब जाए और बाहर आ जाए. उधर तनवी ने प्राची को उत्तेजित करना चालू रखा हुआ था और उसी वजह से प्राची को कुच्छ समझ नही आ रहा था कि क्या हो रहा है और क्या होने जा रहा है. तनवी ने अपना एक हाथ नीचे करके प्राची के दाने को छेड़ना शुरू कर दिया और प्राची की आँखे फिर से मुन्दने लगी. मैने धीरे धीरे झूलते हुए एक ज़ोरदार धक्का मारा और मेरा लंड प्राची की सील को तोड़ता हुआ अंदर घुस गया. 

प्राची के मुँह से एक ज़ोर की चीख निकली जो कमरे की दीवारों से टकरा कर रह गयी. बाहर भी चली जाती तो कुच्छ फिकर नही था क्यों कि बाहर कोई भी नही था. मैने अपने लंड को वहीं पर जाम कर दिया. प्राची की टांगे जो इस बीच मैने उठा दी थी बुरी तरह से काँप रही थी और उसकी आँखों से मोती झार रहे थे. तनवी ने उसको बड़े प्यार से सहलाते हुए कहा कि बस अब हो गया और जो भी दर्द होना था हो गया. अब तुम्हारी चूत आराम से लंड ले सकती है आगे कभी भी लंड घुसने मे दर्द नही होगा. मैं पहले की तरह ही लंड को हल्के हल्के अंदर बाहर कर रहा था लेकिन उतना ही जैसे पहले शुरू मे था. थोड़ी ही देर मे प्राची समान्य होती नज़र आई तो मैने अपने लंड को आधा इंच अंदर बाहर करना शुरू कर दिया लेकिन बहुत धीरे धीरे. अब इतना एक्सपीरियेन्स हो चुका था कि मैं ये सब मशीनी अंदाज़ मे करता था, मतलब की इसके लिए मुझे कुच्छ भी सोचना या कोई प्रयास नही करना पड़ता था सब अपने आप ही होता था. 

थोड़ी देर और गुज़री और प्राची के चेहरे से सारा तनाव और दर्द की रेखायें मिट गयी थी और उनकी जगह एक मनमोहक मुस्कान ने ले ली थी. मैने पूछा के क्यों प्राची अब दर्द तो नही हो रहा. प्राची ने कहा के नही अब दर्द तो बहुत ही कम हो रहा है और मज़ा आना शुरू हो गया है, आप करते रहो. फिर क्या था मैने अपने लंड के धक्कों की लंबाई बढ़ानी शुरू कर दी और थोड़ी देर मे ही मेरा लंड आधा बाहर आकर अंदर जा रहा था. प्राची ने भी नीचे से अपनी गांद हिलानी शुरू कर दी थी और मज़े ले रही थी. हर धक्के के साथ मैं अपने लंड को थोड़ा और अंदर कर देता था. नतीजा ये की 15-20 धक्कों के बाद मेरे लंड का टोपा प्राची की बच्चेदानी के मुँह से जा टकराया और उसको गुदगुदा गया. वो मस्ती मे झूमती हुई बोली के ये क्या किया है. मैने प्यार से कहा के कुच्छ नही मेरा लंड पूरा अंदर घुस कर तुम्हारी बच्चेदानी के मुँह से टकराया है और तुम्हे गुदगुदा गया है. मैने उसे पूछा की उसे अच्छा लग रहा है या नही? प्राची बोली के बहुत मज़ा आ रहा है. 

फिर मैने बड़े प्यार से प्राची की चुदाई शुरू कर दी. तनवी के साथ मैं एक बार झाड़ चुका था, इसलिए मुझे दुबारा झड़ने मे टाइम तो लगना ही था. मैं एक लयबद्ध तरीके से प्राची की चुदाई करने लगा. प्राची के गुदाज का स्पर्श मुझे बहुत रोमांचित कर रहा था और मैं उसका भरपूर आनंद ले रहा था. चुदन चुदाई का इस खेल का मैं पुराना खिलाड़ी हूँ, इसलिए मुझे मज़ा लेने के साथ साथ मज़ा देना भी खूब अच्छी तरह से आता है. मैं कभी अपने घिसों की रफ़्तार तेज़ कर देता और कभी कम और कभी लंबाई ज़्यादा और कभी कम. 

क्रमशः...... 
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