RE: Desi Chudai Kahani बुझाए ना बुझे ये प्यास
"ठीक है तुम्हे गॅंड मे लंड चाहिए तो गॅंड मे लंड मिलेगा...."
राज ने कहा, "लेकिन में तुम्हारे पति के बिस्तर पर तुम्हारी गॅंड
मारना चाहता हूँ."
महक तो उसकी बात सुनकर मुस्कुरा पड़ी.. वो दौड़ते हुए अपने कमरे की
और भागी... राज भी उसके पीछ पीछे उसके कमरे मे आ गया ... जब
वो कमरे की और आ रहा था तो उसे अपने सेल फोन की घंटी सुनाई
पड़ी... उसने उसपर ध्यान नही दिया और महक के कमरे में आ
गया... जब वो कमरे मे पहुँचा तो देखा की महक पलंग का सहरा
लिए अपनी गॅंड हवा मे उठाए घोड़ी बही हुई थी.
"आओ मेरे राजा.... कहाँ रुक जाता हू.. देखो ना मेरी गॅंड कैसे
तरस रही है.. प्लीज़ इसे जल्दी से तुम्हारे लंड से भर दो.."
महक ने किसी रंडी की तरह उसे रिझते हुए कहा.
राज उसके पीछे आया और अपने लंड को उसकी गॅंड के छेद पर रख
दिया... और धीरे धीरे अंदर घुसने लगा... महक दर्द के मारे
कराह उठी.
"ऑश मर गयी.... प्लीज़ धीरे धीरे करो ना दर्द हो रहा है..
क्या आआज़ सूखी ही ..?
राज ने अपने लंड को बाहर खींच उसकी चूत मे घुसा अंदर बाहर
करने लगा... जब उसका लंड अची तरह गीला हो गया तो फिर उसकी
गॅंड मे घुसा दिया....
"हां अब आछा लग रहा है.. तुम्हारा लंड कितना मोटा और लंबा है..
मेरी गॅंड तो भर तुम्हारे लंड से ...ओह हाआन्ं" महक जोरों से
बड़बड़ा रही थी.. अब उसे पड़ोसियों की भी परवाह नही थी....
'हाआँ मारो मेरी गेंड आअज इसका भुर्ता बना डो ऑश और ज़ोर से
मारो." वो और ज़ोर ज़ोर से सिसकने लगी.
राज ने अपनी रफ़्तार बढ़ा दी और ज़ोर ज़ोर से उसकी गॅंड मरने लगा.. वो
उसके कूल्हे पकड़ धक्के मार रहा था की एक बार फिर उसके दीमग मे
शैतानी आ गयी..
"तुम्हे मेरा लंड अपनी गॅंड मे अछा लगता है ना म्र्स सहगल?" उसने
पूछा.
"हां" महक ने जवाब दिया.
"ठीक है तो फिर आज तुम्हे साबित करना होगा की तुम्हे अपनी गॅंड मे
मेरा लंड लेना अछा लगता है.. आज सब मेहनत तुम्हे करनी होगी."
इतना कहकर राज ने अपना लंड उसकी गॅंड से निकाला और पलंग पर अपनी
टाँगे नीचे किए बैठ गया..."अब आजा और चढ़ जा मेरे मस्ताने
लंड पर.. में भी तो देखूं की तेरी गॅंड कैसे फुदक्ति है.. मेरे
लंड पर."
महक अपनी दोनो टांगो को उसकी टांगो के अगल बगल डाल उसकी तरफ
गॅंड करके खड़ी हो गयी.. फिर अपने हाथों से उसने उसके लंड को
अपनी गॅंड के छेड़ से लगा.. नीचे बैठ गयी और उसके लंड को अपनी
गॅंड मे ले लिया.
"ओह्ह्ह.. कितना अचययाया लग रहा है... " वो सिसकी... और उछाल
उछाल कर उसके लंड को लेने लगी...
"ओ ऱाज़ा तुम्हारा लंड कितना अछा हॅयाययी.. मेरी तो गॅंड ही भर गयी
तुम्हारे लंड से.. ओह मेरा तो फिर छूटने वाला है.... मुझसे बात
करो... मुझे गंदी रांड़ बोलो .. अपनी छीनाल बुलाऊओ में एक़ कुतिया
हूँ..."
"हां म्र्स सहगल तुईं बहोत ही गंदी रांड़ और कुटिया हो... वरना
अच्छी बीवियाँ अपने ही पति के बिस्तर पर अपने यार से गॅंड नही
मरवती.... .." राज ने उसके कुल्हों पर ज़ोर के दो तीन थप्पड़ मरते
हुए कहा, "अब उछाल उछाल कर मेरे लंड को अपनी गॅंड मे लो.. और
आगे से अपनी चूत मे उंगली डाल उसे चगोडो.."
|