RE: Desi Chudai Kahani बुझाए ना बुझे ये प्यास
राज ने जिस तरह से उसके हाथ को पकड़ थोड़ा दबाते हुए चूमा था
उसे विश्वास नही हो रहा था. उसके अंदाज़ ने एक बार फिर उसकी भावनाओं
को अंदर से झंझोड़ दिया था, और उसके पैर कांप उठे थे. एक
नौजवान लड़के के लिए दिल मे उठी सोच को सोच वो एक जवान लड़की की
तरह शर्मा गयी.
"में ठीक हूँ, तुम कैसे हो?" महक ने जवाब दिया और अपना चेहरा
को हाथों से छिपाते हुए दौड़ कर घर कर अंदर भाग गयी जैसे
की आँख मे कुछ गिर गया हो.
घर मे पहुंकते ही वो अपने आप को संभालने लगी. उसकी समझ मे
नही आ रहा था की जवान लड़का जो उसके बेटे की उम्र का था, उसका
दोस्त था उसपर ऐसा क्या जादू कर सकता है. ऐसा असर तो उसका अपना
पति भी उसपर नही कर पाया था जब वो पहली बार उससे मिली थी और
वो खुद जवान थी.
उसने निश्चय कर लिया की वो घर के अंदर ही रहेगी, जिससे की वो राज
के सामने ना पड़ जाए और उसकी दबी भावनाओ को फिर उभरने का मौका
मिले. अपने जज्बातों को दबाने के लिए वो टीवी देखने लगी.
थोडी देर बाद उसे प्यास लगी और वो किचन मे अपने लिए कोक लेने
गयी. उसने थोड़ा कोक एक ग्लास मे डाला और पीने लगी. कोक ख़तम
कर वो सींक के पास खड़ी हो गयी ग्लास धोने के लिए. वो खिड़की के
बाहर झाँक कर ठंडी हवा का मज़ा ले रही थी की एक अव्वाज़ ने उसे
चौंका दिया.
"जब मेने तुम्हारे हाथ को चूमा था और तुम्हे आँख मारी थी तो
तुम्हारी चूत मे सनसनी मच गयी थी ना? राज अपने बदन को उसके
बदन से चिपका कर उसके कान मे फुसफुसा रहा था.
महक उसकी इस हरकत से उछाल पड़ी और उसे अपने से परे धकेलते हुए
चिल्ला कर बोली, "तुम्हे शरम नही आती ऐसी हरकत करते
हुए,मुझसे इस तरह से बात मत करो, आख़िर तुम मुझे समझते क्या
हो? "
महक उसे बुरा भला कह कर वहाँ से भगा देना चाहती थी लेकिन
उसका दीमाग उसका साथ नही दे रहा था, दिल मे एक अजीब उथल पथल
मची हुई थी. एक बार फिर उसके पावं कमजोर हो काँपने लगे थे.
राज ने ही उसकी बात का बुरा नही माना और ना ही कोई जवाब दिया, वो
अपने आपको को उससे और चिपकते हुए उसकी गर्दन को चूमने लगा और
अपनी गरम साँसे उसके खुले ब्लाउस के बीच उसकी चुचि के दरार मे
छोड़ने लगा.
राज के होठों का स्पर्श और साथ मे उसकी गरम साँसों ने फिर महक
के बदन मे एक सनसनी मच डी. बरसों की दबी भवनाई फिर उमड़
पड़ी. उसे विश्वास नही हो रहा था की उसके निपल ब्रा मे क़ैद
ब्लाउस के अंदर तनने लगे थे.
"मुझे ऐसा लगता है की तुम्हारी चूत बरसों से प्यासी है, और
किसी मोटे लंबे लंड की तलबगार है. राज ने उसकी कमर मे हाथ डाल
उसे अपने से और चिपकते हुए कहा."
महक के समझ मे नही आ रहा था की वो क्या जवाब दे.
"जब मेने तुम्हे पहली बार छुआ था तभी में समझ गया था की
तुम एक गरम औरत हो जो जाम कर किसी से चुड़वाना चाहती हो..." राज
के आत्मविश्वास से कहे शब्दों ने महक को हैरत मे दल दिया था
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