RE: Desi chudai story वो जिसे प्यार कहते हैं
कुछ देर, उसका चेहरा खाली स्लेट की तरहा रहा, दुनिया भर की भावनाए आ जा रही थी और अंत में एक मुस्कान उसके चेहरे पे आ गई. मिनी को राजेश की हालत देख के ताज्जुब हो रहा था, उसके डिसिशन का ऐसा असर राजेश पे पड़ेगा, उसने तो जो उसकी कंपनी के लिए अच्छा था वही किया, राजेश की कंपनी की वेबसाइट के बारे मे उसकी अच्छी राय थी.
राजेश के लिए तो वो एक परी की तरहा थी जिसने उसे मुसीबत से उभार लिया था अकेले ही.
राजेश ने फिर थॅंक्स किया और जाने की इजाज़त माँगी, बाहर देखा तो बरखा रानी पूरे ज़ोर से छम छमा छम बरस रही थी. अब किस मुँह से वो रुकने के लिए बोलता.
‘एक कप कॉफी और ?’ मिनी ने मुस्कुराते हुए पूछा.
‘ओह क्यूँ नही’ राजेश एक दम बोल पड़ा, पर खुद को रोका और अगले पल ‘ अगर आपके पास वक़्त हो तो मुझे बुरा नही लगेगा’
और दोनो अपने कॉफी के तीसरे कप पे बैठ गये.
अब दोनो बिज़्नेस नही, मुंबई की बारिश के बारे में बाते कर रहे थे.
और मिनी ने कुछ सुझाव दिया राजेश की कंपनी की वेबसाइट को और भी बेहतर करने के लिए. मिनी को पता चलता है कि राजेश मुंबई में नया है और राजेश को पता चलता है कि मिनी का घर उसके ऑफीस के बहुत पास है लोखंडवाला में. थोड़ी देर बाद बारिश बंद होती है और राजेश चल देता है.
शाम देर तक कंपनी में पार्टी होती है. आज मूरती भी अपने रेयर जॉली मूड में था. समीर के साथ वो भी डॅन्स करता है ‘कजरा रे …..कजरा रे’ जो कंप्यूटर पे ज़ोर से चलाया हुआ था. दोनो ऐसे डॅन्स कर रहे थे जैसे अमिताभ और अभिषेक ने किया था. ये असर था राजेश का टारगेट के पास पहुँचने पर.
उसके बाद राजेश ने एक बहुत बड़ा केक काटा और मूरती अपनी खुशी में हर एक के थोबदे पर केक मल्ता रहा. सब कुछ हर एक के लिए एक आश्चर्य था, मूरती का इस तरहा सब के साथ घुलना मिलना डॅन्स करना. अगर पहले कभी कोई ऐसी पार्टी करने की जुर्रत करता तो मूरती गला फाड़ फाड़ कर उसे कंपनी से बाहर कर देता.
सब मस्ती में डूबे हुए थे सिर्फ़ राजेश के जो एक कोने में अकेला खड़ा था. समीर ने वहाँ जानने की कोशिश करी पर राजेश टाल गया.
जब तक पार्टी ख़तम होती 10 बज चुके थे. समीर की मस्ती अभी ख़तम नही हुई थी, वो राजेश और आर्यन को एक लोंग ड्राइव पे ले चलता है. तीनो के हाथ में हेवर्ड्स 5000 , चेहरे पे खुशी और एक कामयाबी का जशन छाया हुआ था. जिंदगी फिर गुलाब की महक से भरी हुई लग रही थी.
राजेश फिर भी खोया हुआ दिख रहा था. वो मिनी से अपनी मुलाकात के बारे में सोच रहा था. सालों के बाद उसे कोई ऐसा मिला था जो उस लड़की के आस पास था जिसे वो अपना बनाना चाहता था. ये ख़याल उसे पुराने दिनो में ले गया सॉनॅक्षी के बारे में जिसे वो भूलने की बहुत कोशिश कर रहा था.
समीर ने कार मराइन ड्राइव पे आख़िर रोक दी.
राजेश फटाफट कार से उतर गया, अपने आप में खोया हुआ सीधा समुन्द्र के किनारे चला गया. समुंद्र के उस पार उसे मलाबार हिल्स दिख रहा था. बारिश ने सारा महॉल जादुई कर दिया था, शायद अच्छे विचार उसे बेहतर महसूस होने दे रहे थे.
समीर और आर्यन को उस सीन से कोई मतलब नही था. उन्हें तो ये पता भी नही था कि वो कहाँ है.
वो तो समीर के मोबाइल में केयर्ना और शाहिद के स्मूच का एमएमएस देख के मस्त हो रहे थे.
राजेश समुंदर के किनारे बनी दीवार पे खड़ा हो गया दोनो हाथ फैला के और वातावरण की सुंदरता को अपने अंदर सोखने लगा. हल्की फुहार में उसका ये यूँ खड़ा होना कितना रोमॅंटिक लग रहा था.
समीर और आर्यन वो एमएमएस देख कर राजेश की तरफ मुड़े, ये जानने के लिए की वो अकेला इतना खुश क्यूँ है.
जो खुशी राजेश को थी वो आर्यन और समीर सपने में भी नही पा सकते थे.
‘हे मुझे मेरे सपनो की राजकुमारी मिल गई’ राजेश बड़े उल्लास से चीखा.
समीर और आर्यन ने अचंभे के साथ देखा ‘ वाउ! कौन है वो?’
‘मिनी’
दोनो को साँप सूंघ गया. ‘ तुम्हारा मतलब ब्रांड मॅनेजर शगुन की?’
समीर और आर्यन ने सोचा राजेश को चढ़ गई है, होश में नही है.वो जानते थे स्ट्रॉंग बियर उसे पचती नही.
राजेश तो अपनी ही धुन में था – ‘हां वो ही है मिनी पडगाओंकार!!’
पाँच दिन निकल चुके थे मिनी से मिले हुए दूसरी मीटिंग की तैयारी से ही दिल की धड़कने बढ़ी हुई थी.
अब बारिश मूसलाधार नही हो रही थी. हल्की हल्की फुहार की तरहसारा दिन होती रहती. फुहार इतनी हल्की थी की इसमे नहाना भी किसी को बुरा नही लगता और ड्राइविंग करने का अलग ही मज़ा था.
सिवाए अच्छे मौसम के दो और कारण थे राजेश की उत्तेजना के पहला तो डील को क्लोज़ करना था और दूसरा था मिनी से मिलना जिसका नशे जैसा असर पड़ा था राजेश पर, और इस बार वो मीटिंग को पर्सनलआइज़्ड लेवेल पे ले जाना चाहता था.
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